ঙসি, বিহারদা “দবল ইঞ্জিন”গী সরকার লৈরি। অতোপ্পা অমদনা, ‘য়ুবরাজ’ অনি লৈ মসিগী মনুংদা অমদি ‘জঙ্গল রাজ’দগীনিঃ পি.এম. মোদী
এন.দি.এ.না য়ু,পি.গী মীখলদা “দবল-দবল য়ুবরাজ” মায়থিবা পীখ্রে; বিহারদসু “দবল-দবল য়ুবরাজ” অসি মসিমক ফংগনিঃ পি.এম.
ঐখোয়না ছথ পুজা ফাওবা লাইরবশিংগীদমক চানবা পোৎলম লেম্না ফংহনগনি। ইমা অমত্তনা মখোয় করম্না ছথ পুজা পাংথোক্কনি হায়বগী ৱাবীগনুঃ পি.এম.

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय।

ई माई के भूमि के हम नमन करतआनी। बाबू राजेंद्र प्रसाद, 1974 की संपूर्ण क्रांति के जनक जयप्रकाश नरायण, बिहारी ठाकुर और गोरखनाथ के भूमि, भोजपुरिया माटी पर हम रउआ लोगन के नमन करतआनी।

संसद में मेरे साथी श्रीमान गोपाल नारायण सिंह जी, श्रीमान जनार्दन सिंह सिग्रीवाल जी, भारतीय जनता पार्टी, जेडीयू, हम और वीआईपी पार्टी के सभी प्रतिनिधिगण और मेरे प्यारे भाइयो और बहनो,

सारण के अलावा सिवान और गोपालगंज से यहां आए और आस-पास के तमाम क्षेत्रों से डिजिटल ऑनलाइन तकनीक से जो जुड़े हैं, ऐसे हजारों साथियो, आप सभी का भी मैं हृदय से अभिनंदन करता हूं। 
चुनाव सभाएं हमने पहले भी देखी हैं और चुनाव में कितनी ही गर्मी ही क्यों ना आई हो, चुनाव कितना ही नजदीक क्यों ना आ गया हो, मतदान के बीच में कोई ज्यादा समय बचा भी ना हो तो भी सुबह 10 बजे से पहले इतनी बड़ी विशाल रैली कभी संभव नहीं हो पाई है।

मैं देख रहा हूं पंडाल के उस पार, पंडाल से भी शायद दो-चार गुना ज्यादा लोग बाहर खड़े हैं। ये अद्भुत नजारा है और इसका एक कारण तो मुझे लगता है कि जो पहले चरण का मतदान हुआ और लोगों को आशंकाएं थीं कि कोरोना के कारण, ढीकाने कारण, फलाने कारण मतदान नहीं होगा, ये सारे पंडितों की धारणाओं को पहले चरण में बिहार के लोगों ने गलत सिद्ध कर दिया, भारी मतदान किया। और दूसरी बात, पहले चरण के मतदान का जो यहां की धरती की राजनीति के जानने वाले लोगों ने एनालिसिस किया है, कुछ पत्रकार बंधुओं ने उसका विश्लेषण किया है। पहले चरण के मतदान से साफ नजर आ रहा है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार बन रही है। प्रथम चरण में भारतीय जनता पार्टी और हमारे सभी एनडीए साथियों को आपने जो भारी समर्थन के संकेत दिए हैं इसके लिए मैं प्रथम चरण में जिन्होंने उत्साह के साथ मतदान किया है आज मैं यहां से उनका भी हृदय से अभिनंदन करता हूं और आपने जो हौसला दिखाया, उसी का परिणाम है कि मुझे आज ये नजारा नजर आ रहा है। 
इस क्षेत्र के लोगों का ये जोश, आपकी ये हुंकार बिहार के जनादेश का संकेत दे रही है और मैं देख रहा था जब यहां बिगुल बज रहे थे। ऐसा लग रहा था कि चुनाव से पहले ही गांव के लोगों ने विजय की डिंडौरी बजा दी है।

बिहार के लोगों को भ्रम में डालने की कुछ लोगों की कोशिशें आप लोगों ने पूरी तरह नष्ट कर दी हैं, बेकार कर दी हैं। भाजपा के लिए, एनडीए के लिए आपका ये प्रेम कुछ लोगों को अच्छा नहीं लग रहा। उनको रात को नींद नहीं आ रही है, कभी-कभी तो अपने कार्यकर्ताओं को मार पकड़ के फेंक दे रहे हैं। 
उनकी हताशा-निराशा, उनकी बौखलाहट, उनका गुस्सा बिहार की जनता बराबर देख रही है। चेहरे पर से हंसी गायब हो गई है। अब ये इतने बौखला गए हैं कि उन्होंने मोदी के भी गाली से, मोदी को भी गाली लगने लगी है।
ठीक है, मुझे गाली दे दीजिए, जो मन आए बोलिए लेकिन अपना गुस्सा बिहार के लोगों पर तो मत उतारिए।

साथियो, बिहार के लोगों को, उनकी भावनाओं को ये लोग कभी समझ नहीं सकते। वो अपने परिवार के लिए पैदा हुए हैं, अपने परिवार के लिए जी रहे हैं। अपने परिवार के लिए ही वो जूझ रहे हैं। ना उनको बिहार के लोगों से कोई लेना-देना है, ना बिहार की युवा पीढ़ी के सपनों से कोई लेना-देना है। 
जिसकी नजर हमेशा गरीब के पैसों पर हो, उसे कभी गरीब का दुख, उनकी तकलीफ दिखाई नहीं देगी।
वहीं भाजपा के नेतृत्व में, एनडीए का हमारा गठबंधन देश के गरीब के जीवन से, बिहार के गरीब के जीवन से मुश्किलें कम कर रहा है।
दशकों तक गरीबों ने जिन सुविधाओं का इंतजार किया, जिनके लिए उन्हें न जाने कहां-कहां चक्कर काटने पड़ते थे, वो अब उन्हें आसानी से मिल रहा है, हक से मिल रहा है।

भाइयो और बहनो, दो-तीन दिन पहले मैं बिहार का एक वीडियो देख रहा था, शायद आपने भी देखा होगा, सोशल मीडिया में वो चल रहा है। आज मैं आपसे बिहार की जनता को और दे की जनता को भी उस वीडियो का जरा जिक्र करना चाहता हूं।

ये वीडियो, बिहार के एक गांव की किन्हीं बुजुर्ग महिला का है। उस वीडियो में एक व्यक्ति उनसे, महिला से पूछता है कि - मोदी के काहे खातिर वोट देबू, का करले हउवन तोहरा खातिर?
आखिर मोदी को वोट क्यों दें, मोदी ने क्या किया है? और भाइयो-बहनो, वो मैं वीडियो देख के इतना प्रभावित हो गया, गांव की महिला, शायद वो अख़बार भी नहीं पढ़ती होगी, टीवी भी नहीं देखा होगा। 
उस गरीब मां, उन महिला ने इस सवाल का एक सांस में जवाब दे दिया। जब वो मां बोल रही थीं तो जो उनको पूछने गया था ना उसका चेहरा देखने जैसा था, मुंडी लटक गई थी, उसकी बोलती बंद हो गई थी। यानी एक गांव की मां ने, जो सवाल पूछने वाला था। अपने मन के भाव की अभिव्यक्ति से उन्होंने उसकी बोलती बंद कर दी थी
और उस वीडियो में मैने देखा कि बिना लाग-लपेट के एक ही सांस में उस महिला ने कहा-

मोदी हमरा के नल देहलन, 
मोदी हमरा के लाइन देहलन- बिजली देहलन
मोदी हमरा के कोटा देहलन,- राशन देहलन
मोदी हमरा के पेन्सिन देत आड़े, 
मोदी हमरा के गैस देहलें, 
उनका के वोट ना देब ता तोहरे के देब?

साथियो, आज बिहार की महिलाएं, आज बिहार की बेटियां, यहां के लोग NDA के विरोधियों से यही कह रहे हैं- एनडीए के वोट ना देब त का तोहरे के देब?

भाइयो और बहनो, ये सब मोदी का नहीं, आपके एक वोट की ताकत है, एनडीए को दिए आपके एक वोट से ही संभव हो सका है। आज बिहार के सामने, डबल इंजन की सरकार है, तो दूसरी तरफ डबल-डबल युवराज भी हैं। और एक तो जंगलराज के युवराज भी हैं। डबल इंजन वाली एनडीए सरकार, बिहार के विकास के लिए प्रतिबद्ध है, तो ये डबल-डबल युवराज अपने-अपने सिंहासन को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं।

आपने देखा होगा तीन-चार साल पहले जब उत्तर प्रदेश में चुनाव हुआ था तो वहां भी ऐसे डबल-डबल युवराज बस के ऊपर चढ़ के काली जैकेट पहन के गांव-गांव हाथ हिला रहे थे। और उत्तर प्रदेश की जनता ये डबल-डबल युवराज को वहां पहचान गई थी। उनको घर लौटा दिया तो वहां का एक युवराज अब जंगलराज के युवराज से आकर मिल गया और वो दोनों हाथ हिला रहे हैं।

जो उत्तर प्रदेश में डबल-डबल युवराज का हुआ वो ही बिहार में डबल-डबल युवराज और स्पेशियली जंगलराज के युवराज का होने वाला है। ये डबल-डबल युवराज, बिहार के लिए नहीं सोच सकते, बिहार की जनता के लिए नहीं सोच सकते।

भाइयो और बहनो, NDA सरकार चाहे केंद्र में हो या फिर बिहार में, जितनी बड़ी चुनौती रही है, उतने ही बड़े प्रयास हुए हैं। बात चाहे जीवन बचाने की हो, आजीविका बचाने की हो, एनडीए सरकार हर पल एक-एक नागरिक के साथ खड़ी रही है।

साथियो, दुनिया में आज कोई ऐसा नहीं है, जिसे कोरोना ने प्रभावित न किया हो, जिसका इस महामारी ने नुकसान न किया हो और दुनिया के बड़े-बड़े देश, दुनिया में आज कोई ऐसा नहीं है, जिसे कोरोना ने प्रभावित न किया हो, जिसका इस महामारी ने नुकसान न किया हो। और दुनिया के बड़े-बड़े देश फिर से चपेट में आ गए हैं। संकट फिर से मंडरा रहा है, दरवाजे पर दस्तक दे रहा है, दुनिया के समर्थ देश भी परेशानी से गुजर रहे हैं।

एनडीए की सरकार ने कोरोना की शुरुआत से ही भरसक प्रयास किया है कि वो इस संकटकाल में देश के गरीब, बिहार के गरीब के साथ खड़ी रहे।
आप सोचिए, संकट की इस घड़ी में, अमेरिका और यूरोप की कुल आबादी से भी ज्यादा, आप सोचिए अमेरिका की जितनी जनसंख्या है, यूरोप की जनसंख्या है, उससे भी ज्यादा लोगों के लिए देश ने अन्न के भंडार खोल दिए।

मेरा कोई गरीब रात को भूखा नहीं सोना चाहिए, मेरी किसी गरीब मां को बच्चों को आंसू पीकर सोने के लिए मजबूर न करना पड़े। मेरी मां को रात-रात भूखे बच्चे देखकर नींद न आए, ऐसी हालत नहीं होनी चाहिए। और इसलिए, आठ-आठ महीने हो गए, गरीब के घर में अन्न पहुंचाने का काम हुआ है। 
इसका बहुत बड़ा श्रेय हमारे देश के अन्नदाता को जाता है, हमारे किसानों को जाता है।

लेकिन गरीब के घर में चूल्हा जल रहा है, ऐसी संकट की घड़ी में किसी गरीब को भूखा नहीं सोना पड़ा, अगर उसका एक क्रेडिट अनाज उपजाने वाले किसान को जाता है, तो दूसरा पुण्य, गरीब के जो आशीर्वाद हैं, उसके हकदार आप भी हैं, क्योंकि आपके एक वोट की ताकत है जिसने आठ महीने से इस संकट में भी गरीब के घर का चूल्हा जलता रखा है, ये आपके वोट की ताकत है। अगर आपने मुझे आशीर्वाद न दिए होते, आपने मुझे और नीतीश बाबू को न बिठाया होता तो शायद ये अपने परिवार का सोचने वालों ने कभी गरीब के घर का चूल्हे की चिंता नहीं की होती।

आज राशनकार्ड धारकों को तो मुफ्त राशन मिल ही रहा है, जिन श्रमिक साथियों के पास राशनकार्ड नहीं भी है, उनको भी मुफ्त राशन दिया जा रहा है।

गरीब का चूल्हा जलता रहे, इसके लिए दिवाली और छठपूजा तक, ऐसे कोरोना के काल में अब किसी मां को वो चिंता करने की जरूरत नहीं है कि छठ पूजा को कैसे मनाएंगे, अरे मेरी मां, अरे तूने इस तुम्हारे बेटे को दिल्ली में बिठाया है, क्या वो तुम्हारी छठ पूजा की चिंता नहीं करेगा। मां छठ पूजा की तैयारी करो, दिल्ली में तुम्हारा बेटा बैठा है। मां, छठ पूजा का त्योहार शान से मनाओ, तुम्हारा बेटा रात को भूखा नहीं सोने देगा। छठ पूजा तक मुफ्त राशन देने की वजह से उन्हें बहुत बड़ी मदद मिली है।
इतना ही नहीं, बिहार की लाखों बहनों के जनधन बैंक खाते में सीधे पैसे भेजे गए, उज्जवला का गैस सिलेंडर मुफ्त पहुंचाया गया।

भाइयो और बहनो, आज आत्मनिर्भर बिहार के जिस संकल्प को लेकर हम चले हैं, उसकी प्रेरणा और प्रोत्साहन सुशासन है, बिहार का बेहतर होता इंफ्रास्ट्रक्चर है।
आज आप अपने आसपास देखिए, गंगाजी हो, कोसी हो या फिर दूसरी नदियां, आज जगह-जगह पुल बन रहे हैं, नदियों पर पुल बहुत कम होने की जो बिहार की सदियों पुरानी समस्या रही है, वो अब सुलझ रही है।
बीते सालों में NDA सरकार ने बिजली, पानी, सड़क, रेलवे और नदी जलमार्गों के निर्माण पर विशेष ध्यान दिया है।
इस क्षेत्र में पीएम पैकेज के तहत ढाई हज़ार करोड़ रुपए से अधिक रेलवे के प्रोजेक्ट और करीब 1 हजार करोड़ रुपए के हाईवे से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है। हाईवे और रेलवे के साथ-साथ यहां अनेक युवाओं को रोजगार देने वाली डीजल लोकोमोटिव फैक्ट्री पर काम हुआ है।

साथियो, गंगाजी की स्वच्छता और निर्मलता हर बिहार निवासी के दिल के बहुत करीब रही है।
जब छठी मईया की पूजा के दौरान, गंगाजी के किनारे हजारों-हजार महिलाओं की भीड़ जुटती है, तो उनकी सबसे बड़ी जरूरत होती है, साफ गंगा जी का पानी, स्वच्छ पानी।
गंगा जी के पानी को स्वच्छ करने के लिए बीते वर्षों में जो प्रयास हुए हैं, उसका असर आप भी देख रहे हैं। गंगा जी में गिरने वाला गंदा पानी साफ हो, पानी की सफाई हो, इसके लिए आधुनिक ट्रींटमेंट प्लांट लगाए जा रहे हैं। गंगाजी पर देश का पहला नदी जलमार्ग हल्दिया से बनारस तक तो पहले ही शुरु हो चुका है। आप मुझे बताइए भाइयो ये मोदी के आने के बाद हमारी गंगा मइया बहना शुरू हुआ है, जरा बोलिए न, ये मोदी के आने से पहले भी गंगा मइया थी कि नहीं थी। पानी बह रहा था कि नहीं बह रहा था। क्या उसके अंदर ये जहाज चलाकर व्यापार हो सकता था कि नहीं हो सकता था। लेकिन पहले ऐसे लोगों बैठे थे, जिन्हें गंगा मइया की इस ताकत की समझ नहीं थी, ये आपका बेटा ऐसा बैठा है कि उसको गंगा मइया की ताकत का पता है।

इसका ज्यादा से ज्यादा लाभ बिहार को मिले, इसके लिए भी काम चल रहा है। यहां कल्लू घाट पर कार्गो टर्मिनल के निर्माण का काम जारी है। इसका काम पूरा हो जाने पर किसानों को, व्यापारियों को सामान भेजने में बहुत मदद मिलने वाली है। मेरे बनारस तक आसानी से आप अपना माल-सामान ले जाकर बेचोगे और मोदी जिस बनारस से जीत कर आया है वहां के लोगों का भी भला आप लोग करने वाले हो।

भाइयो और बहनो, आज बिहार के गांव सड़क, बिजली, पानी जैसी मूल सुविधाओं से कनेक्ट हो रहे हैं। अगर नीयत होती, इच्छाशक्ति होती, तो ये काम डेढ़ दशक पहले भी हो सकते थे।

आज के नौजवान को खुद से पूछना चाहिए कि बड़ी-बड़ी परियोजनाएं जो बिहार के लिए इतनी जरूरी थीं, वो बरसों तक क्यों अटकीं रहीं?
बिहार के पास सामर्थ्य तब भी भरपूर था। सरकारों के पास पैसा तब भी पर्याप्त था। फर्क सिर्फ इतना था कि तब बिहार में जंगलराज था। 
पुल बनाने के लिए कौन काम करेगा जब इंजीनियर सुरक्षित नहीं हो? कौन सड़क बनाएगा जब ठेकेदार की जान चौबीसों घंटे खतरे में हो?

साथियो, किसी कंपनी को अगर कोई काम मिलता भी था, तो वो यहां काम शुरु करने से पहले सौ बार सोचती थी। फिरौती पहले पक्की करनी पड़ती थी। ये है जंगलराज के दिनों की सच्चाई, ये है जंगलराज के प्रतीकों की सच्चाई।

साथियो, बिहार के आज के जो नौजवान हैं, इतने सामर्थ्यवान हैं, वो अपने बचपन के दिन नहीं भूल सकते। मैंने कहीं इस बारे में पढ़ा है, इसलिए आपके सामने फिर जिक्र कर रहा हूं।
बिहार के नौजवान याद करें कि बचपन में उनकी मां क्या कहा करती थीं- हर एक को याद होगा।
मैं बिहार के हर नौजवान को बचपन में मां ने जो कहा था वो आज याद कराने के लिए आग्रह कर रहा हूं। हर घर में बिहार में, हर मां गरीब हो या अमीर, हर मां अपने बच्चों को कहती थी- घर के भीतर ही रहो, बाहर मत निकलना, बाहर ‘लकड़सुंघवा’ घूम रहा है।
याद है न, याद है कि नहीं है- बाहर लकड़सूंघवा घूम रहा है। ये कौन था भाई लकड़सूंघवा?

बच्चों की माताएं उन्हें लकड़सुंघवा से क्यों डराती थीं? उन्हें डर था अपहरण करने वालों से, किडनैपिंग करने वालों से। जिस राज में बच्चों का भी घर से निकलना मुश्किल हो, बेटे-बेटियों का निकलना मुश्किल हो, उस राज को चलाने वालों से बिहार क्या उम्मीद लगा सकता है?
जिस राज में ये हाल रहा हो, वहां नए उद्योग लगाने की तो छोड़िए, उद्योग बंद ही हों जाएंगे, मिलें बंद ही होंगी।

भाइयो और बहनो, बिहार के फर्स्ट टाइम वोटर को ये पुरानी बातें इसलिए याद रखनी हैं, क्योंकि बिहार की कानून व्यवस्था को सुधारने के लिए बिहार के लोगों ने बड़ी तपस्या की है, बहुत लंबी यात्रा तय की है।
वो लोग, जो जंगलराज की पहचान थे, उनको जैसे ही लालटेन का वो अंधेरा लौटता दिखेगा, उनके हौसले बुलंद हो जाएंगे। वे अंधेरे के इंतजार में हैं।

साथियो, रघुवंश बाबू, जिन्होंने हमेशा सोशलिस्ट मूल्यों को आगे बढ़ाया, अपना पूरा जीवन बिहार की सेवा में लगा दिया। उनको कैसे अपमानित किया गया, ये बिहार का बच्चा-बच्चा जानता है, बिहार का हर बुजुर्ग जानता है।
जो अपने राजनैतिक स्वार्थ के लिए रघुवंश बाबू जैसे कर्मयोगियों के साथ ऐसा बर्ताव कर सकते हैं, वो बिहार के सामान्य युवाओं को अवसर कैसे दे पाएंगे?

साथियो, बिहार की मिट्टी में हमेशा से सामर्थ्य रहा है, ये देश विदेश में बिहार से निकले बेटे-बेटियों ने बार-बार दिखाया है।
बिहार के लोगों के लिए गौरव की बात बताना चाहता हूं। अभी हाल में ही बिहार की मिट्टी के सपूत, गोपालगंज से रिश्ता रखने वाले, वैवेल रामकलावन जी सैशेल्स देश के राष्ट्रपति चुने गए हैं।
आज उनके ही क्षेत्र में आकर, इस क्षेत्र के लोगों की तरफ से, भारत की तरफ से मैं सेशैल्स के चुने गए राष्ट्रपति जी को मैं बहुत बधाई देता हूं।

भाइयो और बहनो, दूसरे देशों में गए यहां के नौजवानों ने हमेशा अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। यहां से तो अनेक युवा खाड़ी देशों में गए हैं। उनकी भी दिक्कत कम हो, इसका भी प्रयास किया गया है।

साथियो, एक समय था जब पासपोर्ट बनवाने के लिए पटना जाने के सिवाय कोई विकल्प नहीं था।
बीते 3-4 सालों में ही बिहार में 30 से ज्यादा पासपोर्ट सेवा केंद्र खोले गए हैं, जिसमें से एक केंद्र गोपालगंज में भी खोला गया है।
युवाओं की शिक्षा और कौशल के लिए इस पूरे क्षेत्र में व्यापक काम किया गया है। आज यहां इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलटेक्निक कॉलेज और पैरामेडिकल कॉलेज ऐसे अनेक संस्थान बन चुके हैं। यही विकास की, तेज़ विकास की मजबूत नींव है।

भाइयो और बहनो, एनडीए सरकार, आपकी हर मुश्किल, हर परेशानी को समझते हुए, काम कर रही है। यहां के नौजवानों की ऐसी ही दिक्कत रही है, मेरे बिहार के नौजवानों आज हिन्दुस्तान के गांव का गरीब का जो बेटा है उनकी दिक्कत रही है, भाषा की दिक्कत।
स्कूल में जिस भाषा में पढ़ाया गया और जिस भाषा में कंपटीशन हुआ, वो अक्सर उन्हें अलग-अलग ही मिलते रहे हैं। ऐसे में दूसरी भाषा, बिहार के बहुत से युवाओं के विकास में, रोजगार में एक बहुत बड़ी बाधा रही है।
इसी को समझते हुए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने मातृभाषा, स्थानीय भाषा को प्राथमिकता देने की बात की है।
बिहार भाजपा ने भी यहां फिर NDA सरकार बनने पर मेडिकल की शिक्षा, इंजीनियरिंग सहित अनेक विषयों की पढ़ाई मातृभाषा में कराने का संकल्प लिया है हिंदी में कराने का संकल्प लिया है। मैं बिहार की भाजपा को बधाई देता हूं और मैं बिहार के गांवों में जिनको अंग्रेजी पढ़ना नसीब नहीं है ऐसे गरीब मां के बच्चों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

साथियो, ये भी सच है कि बिहार के हजारों युवाओं का अलग-अलग कंपीटिशन की कोचिंग में, तैयारी में ऊर्जा, समय और पैसा तीनों लगता है।
अब रेलवे, बैंकिंग और ऐसी अनेक सरकारी भर्तियों के लिए एक ही एंट्रेंस एग्ज़ाम की व्यवस्था की जा रही है। इससे हमारे बिहार के नौजवानों को बहुत लाभ मिलेगा।

भाइयो और बहनो, युवाओं का विकास, उनका रोजगार, गरीबों, दलितों का, पिछड़ों का विकास, एनडीए सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। हमने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मंत्र पर चलते हुए बिना भेदभाव, ना मेरा ना तेरा ना अपना ना पराया सब कोई मेरे, बिना भेदभाव सभी को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया है।
एक तरफ एस सी, एस टी का आरक्षण आने वाले 10 सालों तक बढ़ा दिया गया है तो वहीं, सामान्य वर्ग के गरीब बच्चों को भी 10 प्रतिशत आरक्षण मिल चुका है।
एक तरफ हमारे व्यापारी वर्ग के लिए राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड बनाया गया है, तो वहीं पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया गया है।

साथियो, देश में चौतरफा हो रहे विकास के बीच, आप सभी को उन ताकतों से भी सावधान रहना है, जो अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए देशहित के खिलाफ जाने से बाज नहीं आतीं। ये वो लोग हैं जो देश के वीर जवानों के बलिदान में भी अपना फायदा देखने लगते हैं। अभी दो-तीन दिन पहले हमारे पड़ोसी देश ने पुलवामा हमले की सच्चाई को स्वीकार किया है।
इस सच्चाई ने उन लोगों के चेहरे से नकाब भी उतार दिया है, जो पुलवामा हमले के बाद अफवाहें फैला रहे थे। ये लोग देश के दुख में दुखी नहीं थे, ये लोग बिहार के नौजवानों के जाने पर दुखी नहीं थे। उस दौरान इन लोगों ने हर वो बात कही, जो हमारे जवानों का मनोबल तोड़ती है। देश के वीर जवानों, वीर बेटे-बेटियों के शौर्य और शूरता पर बिहार को, संपूर्ण देश को रत्तीभर भी संदेह नहीं रहा। लेकिन सत्ता और स्वार्थ की राजनीति करने वालों ने खूब भ्रम फैलाने की कोशिश की। और आज वही लोग बिहार के लोगों के सामने आकर अपने लिए वोट मांग रहे हैं।

बिहार के मेरे भाइयो और बहनो, मतदान करते समय आपको ये जरूर याद रखना है।

साथियो, बिहार को ऐसे स्वार्थियों को अपने से जितना दूर रखोगे उतना ही बिहार का भविष्य सुरक्षित है। इसलिए नीतीश जी के नेतृत्व में NDA यानि भाजपा, जेडीयू, हम पार्टी और VIP के सभी उम्मीदवारों को भारी मतों से जिताना है।

मुझे विश्वास है कि आप अपने वोट से बिहार को फिर से बीमार होने से जरूर बचाएंगे। आपने देखा होगा, कभी एक आध चीज हम ऐसी खा लें और पेट खराब हो जाए, वोमेटिंग हो जाए बुखार आ जाए तो फिर इंसान सोचता है, जो भी हो जिंदगी भर उसको दोबारा नहीं खाना है। सोचता है कि नहीं सोचता है, खुद की सेहत के लिए क्या उसको दोबारा खाता है क्या, क्या 15-20 साल के बाद सोचता है चलो फिर ट्राई करें सोचता है क्या? क्योंकि उसको मालूम है, एक बार खाया था तो जीना मुश्किल हो गया था तो जिंदगी भर वो उसको छोड़ देता है।
भाइयो-बहनो, बिहार को भी अगर बीमारी से बचाना है तो उनको फिर से आने मत देना।

भाइयो-बहनो, आप इतनी बड़ी तादाद में, जहां मेरी नजर पहुंच रही है लोग ही लोग हैं। इतनी बड़ी तादाद में आप यहां हम सभी को आशीर्वाद देने आए, मैं इसके लिए आपका फिर से आभार व्यक्त करता हूं। मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए, दोनों हाथ ऊपर कर के बोलना है भारत माता की जय, भारत माता की जय।
आवाज बिहार के कोने-कोने में पहुंचनी चाहिए भाइयो-बहनो, भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय।

शाबाश, बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।