India is a bright spot in global economy: PM Modi

Published By : Admin | March 7, 2017 | 15:55 IST
Dahej SEZ has made it to the top 50 industrial areas in the world: PM
OPAL will have a key role to play in intiatives like 'Make In India' and 'Start up India': PM
Petrochemical sector is expanding at a fast rate in the country: PM Modi
After we assumed office, we took measures to control inflation rate: PM Modi
Today India is a bright spot in global economy: PM Modi
Latest GDP data reveals that demonetisation did not affect India's growth: PM Modi

गुजरात के मुख्य मंत्री श्री विजय रूपाणी

केन्द्र में मंत्रिमण्डल के मेरे साथी श्री नितिन गडकरी और श्री मनसुख मांडविया 

इसी क्षेत्र के लोकप्रिय सांसद श्री मनसुख भाई वसावा 

मंचस्थ अन्य गण्मान्य व्यक्ति 

मेरे साथियों, 

हमारा दहेज एक प्रकार से लघु भारत बन गया है। देश का कोई जिला ऐसा नहीं होगा जिसके लोग यहां ना हों और जिनकी आजीविका का साधन यहां से ना जुड़ा हो। 

पूरे देश में और विश्व में गुजरात की व्यापारिक सोच और साहसिकता की गूंज है। 

गुजरात की उस साहसिकता को उजागर करने में दहेज-भरूच क्षेत्र का बहुत योगदान है। 

मैं जब गुजरात का मुख्यमंत्री था, तो अनेक बार इस क्षेत्र के विकास को गति देने के लिए यहां आता था और लगातार इससे मैं जुड़ा रहा।  

इस जगह को मैंने Brick by Brick मजबूत होते और Step By Step आगे बढ़ते हुए देखा है। 

पिछले 15 वर्षों में दहेज के विकास के लिए गुजरात सरकार ने भगीरथ प्रयास किए हैं। आज उसी का परिणाम है कि दहेज का पूरा इलाका औद्योगिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान बन चुका है। 

दोस्तों, ये गुजरात सरकार की लगातार कोशिशों का ही नतीजा था कि दहेज-SEZ दुनिया के टॉप-50 औद्योगिक क्षेत्रों में अपनी जगह बना पाया। 

ये भारत का पहला ऐसा औद्योगिक क्षेत्र था, जिसने वर्ल्ड रैकिंग में इतनी धमाकेदार इंट्री दर्ज की थी।  

साल 2011-12 में तो दहेज SEZ की वर्ल्ड रैकिंग 23वीं थी।  

आज भी दहेज-SEZ विश्व के कुछ गिने-चुने औद्योगिक क्षेत्रों में अपना विशेष स्थान रखता है। 

दहेज औद्योगिक क्षेत्र सिर्फ गुजरात के ही नहीं बल्कि पूरे देश के लाखों नौजवानों को रोजगार देने में बड़ी भूमिका निभा रहा है। अब तक इस क्षेत्र में 40 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश हो चुका है।

दहेज-SEZ की इस शानदार कामयाबी के लिए मैं इससे जुड़े लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। 

दहेज और उसके आसपास इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने में गुजरात सरकार ने हमेशा गंभीरता दिखाई है। इसी वजह से जब ये चर्चा शुरू हुई की देश में चार पेट्रोलियम-केमिकल-पेट्रोकेमिकल इन्वेस्टमेंट रीजन यानि PCPIR बनाए जाएंगे तो उसमें गुजरात के दहेज का भी नाम था। 

PCPIR की वजह से सवा लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है और इनमें से 32 हजार तो ऐसे हैं जो सीधे इससे जुड़े हुए हैं। एक अनुमान है कि जब PCPIR की पूर्ण क्षमता का विकास हो जाएगा तो 8 लाख लोगों को किसी ना किसी तरीके से रोजगार मिलेगा।  

PCPIR की वजह से दहेज और पूरे भरूच के आसपास इंफ्रास्ट्रक्चर का भी बहुत अच्छा विकास हुआ है। पेट्रोलियम-केमिकल-पेट्रोकेमिकल इन्वेस्टमेंट रीजन की वजह से बड़े पैमाने पर आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आई है।  

आज दहेज का SEZ, PCPIR और गुजरात इंडस्ट्रियल डवलपमेंट कॉपरेशन बहुत ही वाइब्रेंट औद्योगिक स्थल बन चुका है। ये एक ऐसे शिशु की तरह है जिसे मैंने अपनी आंखों के सामने बढ़ते हुए देखा है और इसलिए यहां से मेरा भावनात्मक लगाव भी बहुत है। 

दहेज SEZ और PCPIR को चार चाँद अगर किसी ने लगाए हैं तो वो है ONGC PETRO ADDITIONS LIMITED यानि ओपेल।  

ओपेल यहां के लिए एक एंकर इंडस्ट्री की तरह है। ये देश का सबसे बड़ा पेट्रोकेमिकल प्लांट है। इसमें 30 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया जाना था जिसमें से लगभग 28 हजार करोड़ तो लग भी चुके हैं।  

साथियों, आज भारत में Polymers का Per capita consumption सिर्फ 10 किलो है जबकि पूरे विश्व का औसत लगभग 32 किलो है। 

आज जब पूरे देश में मिडिल क्लास का दायरा बढ़ रहा है, लोगों की आय बढ़ रही है, शहरों का विकास हो रहा है तो निश्चित तौर पर Polymers के Per capita consumption में भी बढोतरी आएगी। 

ONGC PETRO ADDITIONS LIMITED की इसमें बहुत बड़ी भूमिका है। Polymers से जुड़े हुए प्रॉडक्ट का इस्तेमाल कई अहम सेक्टरों जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर, हाउसिंग, पैकेजिंग, इरिगेशन, ऑटोमोटिव, हेल्थकेयर में होता है। 

केंद्र सरकार के मेक इन इंडिया और स्मार्ट सिटी जैसे बड़े प्रोजेक्टों में भी ओपेल का बहुत योगदान होगा। एक अनुमान है कि 2018 तक Polymers में OPAL की हिस्सेदारी लगभग 13 प्रतिशत हो जाएगी। 

Polymers का इस्तेमाल बढ़ने का सीधा मतलब है कि जो परंपरागत चीजें हैं जैसे कि लकड़ी, कागज, मेटल, उनका उपयोग कम होगा। यानि ये हमारे देश के प्राकृतिक संसाधनों को बचाने में सहायक सिद्ध होगा।  

देश में पेट्रोकेमिकल सेक्टर इस समय बहुत तेजी से बढ़ रहा है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगले दो दशक तक ये सेक्टर 12 से 15 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ेगा।  

दोस्तों, भविष्य में इस क्षेत्र में और भी बड़े पैमाने पर infrastructure का विकास होगा जिसमें port का आधुनिकीकरण, 5000 मेगावाट बिजली का उत्पादन एवं waste treatment plant शामिल हैं। निश्चित तौर पर इससे देश के लाखों नौजवानों को रोजगार भी मिलेगा। 

श्रमिकों की सुविधा के लिए, जॉब मार्केट के विस्तार के लिए सरकार लगातार कोशिश कर रही है। उद्योगों में निवेश आकर्षित करने के साथ-साथ कौशल विकास के लिए भी भगीरथ प्रयास किए जा रहे हैं। देश में पहली बार कौशल विकास मंत्रालय बनाकर इस पर सुनियोजित तरीके से काम हो रहा है। सरकार वर्षों पुराने कानूनों को हटाकर या फिर उनमें बदलाव करके भी जॉब मार्केट का विस्तार कर रही है। 

अप्रेन्टिसशिप एक्ट में सुधार करके अप्रेन्टिसों की संख्या बढ़ाई गई है और अप्रेन्टिस के दौरान मिलने वाले भुगतान में भी बढोतरी की गई है। 

1948 के फैक्ट्री एक्ट में बदलाव करके राज्यों को सलाह दी गई है कि वो महिलाओं को रात्रि में काम करने की सुविधा प्रदान करें।

इसके अलावा Paid Maternity Leave को 12 हफ्ते से बढ़ाकर 26 हफ्ते कर दिया गया है। 

श्रमिकों की मेहनत की कमाई और बचत EPF अकाउंट में जमा होती है। ये राशि उन्हें कहीं भी, कभी भी मिल सके इसके लिए Universal Account Number देने की शुरुआत की गई है। 

कुछ क्षेत्रों में जहां रोजगार बढ़ने की विशेष संभावनाएं हैं, जैसे की टेक्सटाइल सेक्टर, वहां आवश्यकता के अनुरूप “fixed term employment” के तहत श्रमिकों को रोजगार देने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। 

सामान्य दुकानें और संस्थान साल में पूरे 365 दिन खुले रह सकें उसके लिए भी राज्यों को सलाह दी गई है। 

साथियों, 2014 में सरकार बनने से पहले देश के सामने किस तरह की आर्थिक चुनौतियां थीं, ये आप सभी को पता है। महंगाई बेकाबू थी, निवेश और निवेशकों का भरोसा, दोनों घट रहा था। निवेश घटने का सीधा असर इंफ्रास्ट्रक्चर और रोज़गार पर पड़ रहा था। 

लेकिन अर्थव्यवस्था से जुड़ी हर चुनौती को केंद्र सरकार ने सुलझाने का प्रयास किया। एक तरफ जहां पूरे विश्व में आशंका के बादल हैं, वहीं भारत “ब्राइट स्पॉट” बनकर चमक रहा है। 

पिछले साल आई वर्ल्ड इन्वेस्टमेंट रिपोर्ट में भारत को वर्ष 2016 से 18 के बीच दुनिया की टॉप 3 Prospective Host Economy में आंका गया है। 

वर्ष 2015-16 में 55.5 बिलियन डॉलर अर्थात 3.64 लाख करोड़ रुपए का रिकॉर्ड विदेशी निवेश हुआ। ये किसी भी वित्तीय वर्ष में अब तक हुए निवेश से ज्यादा है। 

दो वर्ष में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के Global Competitiveness Index में भारत 32 स्थान ऊपर उठा है।  

वर्ल्ड बैंक के Logistics Performance Index में भारत 2014 में 54वें स्थान पर था। 2016 में भारत ने इस रैंकिंग में काफी सुधार करते हुए 35वां स्थान प्राप्त किया। 

मेक इन इंडिया आज भारत का सबसे बड़ा Initiative बन चुका है।  

तमाम रेटिंग एजेंसियों ने इसकी कामयाबी की प्रशंसा की है। मेक इन इंडिया एक प्रयास है भारत को मैन्यूफैक्चरिंग, डिजाइन और इनोवेशन का ग्लोबल HUB बनाने का।  

इसी मुहिम के चलते आज भारत दुनिया का छठा सबसे बड़ा मैन्यूफैक्चरिंग देश है। जबकि पहले भारत नौवें नंबर पर था।  

मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में काफी अच्छी वृद्धि देखी गई है। इसका उदाहरण Gross Value Addition की विकास दर है। वर्ष 2012- से 2015 के बीचये 5 से 6 प्रतिशत थी और पिछले साल बढ़कर 9.3 प्रतिशत तक पहुंच गई। 

आज भारत विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज़ गति से विकास करने वाला देश है। 

पोर्ट लेड डेवलपमेंट सरकार की प्राथमिकता है। सागरमाला योजना पर तेज़ी से कार्य चल रहा है | 

पोर्ट्स का आधुनिकीकरण, नए पोर्ट्स का निर्माण, कनेक्टिविटी के सुधार पर बल, पोर्ट लेड औद्योगीकरण और कोस्टल कम्मुनिटी के विकास की यह एक महत्त्वकांक्षी परियोजना है | 

8 लाख करोड़ के इन्वेस्टमेंट वाले 400 से अधिक प्रोजेक्ट्स का चयन किया जा चुका है; और एक लाख करोड़ के लगभग के प्रोजेक्ट क्रियान्वयन के अलग अलग चरणों में हैं | 

रेलवे और पोर्ट्स की बेहतर कनेक्टिविटी के लिए इंडियन पोर्ट रेल कॉर्पोरशन की स्थापना की गयी है | 

देश के विभिन्न हिस्सों में 14 कोस्टल इकोनोमिक ज़ोन्स प्रस्तावित हैं | 

गुजरात में 85 हज़ार करोड़ की लागत के 40 से भी अधिक प्रोजेक्ट चिन्हित किये गए हैं | 5 हज़ार करोड़ के लगभग के प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो चुका है | 

कांडला पोर्ट पर कुछ बहुत बड़ी योजनाएं शुरू की गयी हैं |  

कांडला पोर्ट की वर्तमान क्षमता तो बढ़ाई ही जा रही है | इसके अलावा, 1400 एकड़ में स्मार्ट औद्योगिक सिटी का विकास किया जा रहा है | इससे लगभग 50 हज़ार जॉब्स क्रीएट होंगे |  

दो नयी कार्गो जेटी और एक आयल जेटी पर काम चल रहा है |  विंड पावर प्रोजेक्ट और रूफ सोलर प्रोजेक्ट भी तेज़ी से पूरे किये जा रहे हैं | 

नवंबर में काले धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ लिए गए फैसले के बाद अर्थव्यवस्था को नुकसान के जो आरोप लगाए जा रहे थे, उनका जवाब पिछली तिमाही के आंकड़ों ने दे दिया है। 

दीवाली के बाद हुई इस कार्रवाई का दुनिया के बड़े-बड़े संगठनों और जानकारों ने समर्थन किया।  

Apple के CEO टिम कुक ने कहा कि इस फैसले के दूरगामी परिणाम होंगे। 

माइक्रोसॉफ्ट के सह संस्थापक बिल गेट्स ने कहा कि ये फैसला पैरेलेल इकॉनोमी को खत्म करेगा और अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता लाएगा। 

वर्ल्ड बैंक के CEO क्रिस्टलिना जार्जीएवा भी इस फैसले के समर्थन में थे। उन्होंने कहा कि इससे अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर पड़ेगा और भारत ने जो किया है, उसकी दुनिया के दूसरे देश Study करेंगे।  

मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रजाक ने भी इस फैसले को बहुत साहसिक बताया।  

इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड ने भी इस फैसले का समर्थन किया।  

नोबल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री मोहम्मद युनूस ने भी कहा कि Demonetisation से ग्रामीण और असंगठित क्षेत्र अब बैंकिंग सिस्टम के दायरे में आ गए हैं। 

ब्रिटेन के प्रसिद्द समाचार पत्र Financial Times के प्रमुख आर्थिक टीकाकार मार्टिन वुल्फ ने लिखा  कि इस फैसले से पूंजी, अपराधियों के हाथ से निकलकर सरकार के पास आयेगी | और पूंजी के ऐसे हस्तान्तरण से जिनको नुकसान हुआ, उनके लिए कोई सुहानुभूति होना मुश्किल है |  

दोस्तों, निश्चित तौर पर, जब अर्थव्यवस्था से काला धन खत्म होगा, तो इसका फायदा हर सेक्टर, चाहे वो आर्थिक हो या सामाजिक, सभी को होगा। आज दुनिया भारत के इस साहसिक फैसले को बहुत सम्मान के साथ देख रही है। 

साथियों, आखिरी में, मैं एक और महत्वपूर्ण बात आपके सामने रखना चाहता हूं। ये है पर्यावरण की सुरक्षा।  

मैंने पहले भी कहा है कि हमें परियोजनाओं का विस्तार करते हुए, नई तकनीक का इस्तेमाल बढ़ाते हुए इस बात पर भी जोर देना है कि उसकी वजह से पर्यावरण का कोई नुकसान ना हो। पर्यावरण की सुरक्षा के साथ किसी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता। 

मुझे उम्मीद है कि जैसे दहेज का पूरा environment सभी के लिए friendly  है, वैसे ही दहेज SEZ भी environment friendly रहेगा। 

इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं।  

आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Under Rozgar Mela, PM to distribute more than 71,000 appointment letters to newly appointed recruits
December 22, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will distribute more than 71,000 appointment letters to newly appointed recruits on 23rd December at around 10:30 AM through video conferencing. He will also address the gathering on the occasion.

Rozgar Mela is a step towards fulfilment of the commitment of the Prime Minister to accord highest priority to employment generation. It will provide meaningful opportunities to the youth for their participation in nation building and self empowerment.

Rozgar Mela will be held at 45 locations across the country. The recruitments are taking place for various Ministries and Departments of the Central Government. The new recruits, selected from across the country will be joining various Ministries/Departments including Ministry of Home Affairs, Department of Posts, Department of Higher Education, Ministry of Health and Family Welfare, Department of Financial Services, among others.