In a remarkable decade of progress, this humble servant has honoured the unspoken: PM Modi at the Wardha rally
The election of 2024 is an election to fulfil the dream of a developed India and a self-reliant India: PM Modi
The INDI Alliance struggles with a lack of substantial issues: PM Modi
The Congress party admits defeat and resorts to threats of chaos post-elections: PM Modi taking a jibe at opposition
Today, as the nation takes decisive strides, Wardha's blessings are crucial: PM Modi at Wardha rally

भारत माता की जय!
भारत माता की जय!
भारत माता की जय!

चरा-चरात वास करणारी गुरु देव शक्ति।

या सभेला उपस्थित सर्व बंधु भगिनीना माझा...‘जय गुरु'

ये धरती अध्यात्म और राष्ट्रभक्ति के महासंगम की धरती है। यहाँ अप्रतिम बलिदानों पर बसे आष्टी गांव की प्रेरणा है। राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज, गाडगे महाराज, लहानुजी महाराज, तेलंगराय महाराज, संत मायबाई, आडकुजी महाराज ऐसे कितने ही अनगिनत महान संतों के आशीर्वाद यहां मिलते हैं। मैं आज सौभाग्यशाली हूं कि इस धरती पर उन सभी पुण्यात्मा को प्रणाम करने का अवसर मिला है। आज चैत्र एकादशी भी है। पंढरपूर की आषाढी, कार्तिकी, चैत्र और माघी ऐसी चार यात्राएं मुख्य होती हैं। उनमें से आज चैत्र एकादशी की यात्रा है। आज हर तरफ गूंज रहा है-

रुप पाहता लोचनी।
सुख झाले वो साजणी॥
तो हा विठ्ठल बरवा।
तो हा माधव बरवा॥

ऐसे पुण्य पर्वकाल पर भगवान श्री विठ्ठल के चरणों में मैं शत-शत नमन करता हूं। प्रणाम करता हूं। मैं गुजरात में पैदा हुआ। तो स्वाभाविक है कि वर्धा और अमरावती से एक विशेष नाता भी रहत है। पूज्य बापू गुजरात की धरती में पैदा हुए और वर्धा उनकी कर्मभूमि रही है। विनोबा जी भी लंबा समय जीवन का बड़ौदा में बिताकर करके फिर यहां आए।

साथियों,

2024 का ये चुनाव विकसित भारत, आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने का चुनाव है। ये सपना, आजादी से भी पहले बापू ने देखा था। इसलिए, आज जब देश इस दिशा में निर्णायक कदम उठाने जा रहा है, तो इसमें वर्धा का विशेष आशीर्वाद चाहिए। आज इतनी बड़ी संख्या में आपकी ये उपस्थिति, वर्धा और अमरावती का ये प्रचंड समर्थन, ये बता रहा है कि विकसित महाराष्ट्र और विकसित भारत का लक्ष्य दूर नहीं है। और मैं देख रहा हूं, जितने लोग अंदर हैं, उससे ज्यादा लोग वहां बाहर खड़े हैं। और मैं वर्धा चुनाव सभा में पहले भी आया हूं, लेकिन इतना बड़ा जनसागर पहले एक बार भी नहीं था। आपके आशीर्वाद भी बढ़ रहे हैं। आपका प्यार भी बढ़ रहा है। और इसलिए आज पूरा महाराष्ट्र कह रहा है- फिर एक बार, मोदी सरकार! फिर एक बार, मोदी सरकार! फिर एक बार, मोदी सरकार!

साथियों,

2014 से पहले ये धारणा बन गई थी कि देश में कुछ अच्छा हो ही नहीं सकता। चारों तरफ निराशा, निराशा, निराशा। गाँवों को लगता था कि गाँव में बिजली, पानी, सड़क आ ही नहीं सकते। गरीब को लगता था कि उसे आने वाली कितनी पीढ़ियां बीत जाएं, गरीबी से मुक्ति मिल ही नहीं सकती। किसान को लगता था कि बदहाली शायद उसकी नियति है। कितनी ही मेहनत क्यों न करे, भाग्य बदलता ही नहीं है। महिलाओं को लगता था कि उनकी तकलीफें कभी कोई समझेगा ही नहीं। लेकिन भाइयों बहनों, जिसको किसी ने नहीं पूछा, जिसको किसी ने नहीं पूछा, उसको गरीब के इस बेटे ने पूजा है। 10 वर्षों में हमने 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है। हमने हर गाँव तक बिजली की रोशनी पहुंचाई है। हमने देश के 11 करोड़ लोगों को पानी का कनेक्शन दिया है। 10 वर्षों में 4 करोड़ गरीब परिवारों को पीएम-आवास मिला है। 10 वर्षों में 50 करोड़ से ज्यादा लोग बैंकों से जुड़कर अर्थव्यवस्था का हिस्सा बने हैं।

और आज जब वर्धा आया हूं तो आप सबसे मैं एक प्रार्थना करना चाहता हूं। करूं। ऐसे नहीं, आवाज में कुछ दम होनी चाहिए। जरा हाथ ऊपर करके बताइये, मैं प्रार्थना करूं। देखिए, आप अभी गांवों में जाते होंगे। अलग-अलग बस्तियों में जाते होंगे। ये सारे काम जो गिना रहा हूं ना। अभी भी हो सकता है। किसी न किसी गांव में एक-आध दो परिवार ऐसे हों, शायद मकान मिलना बाकी हो। दो-चार परिवार ऐसे हों, जहां गैस का कनेक्शन न पहुंचा हो। पांच-पंद्रह परिवार ऐसे हों, जहां टॉयलेट न बना हो। नल से जल न पहुंचा हो। मेरी आपसे एक प्रार्थना है। आप मेरे प्रतिनिधि हैं। मेरे लिए आप ही मोदी हैं। तो जब भी आप जाएं और ऐसे लोग आपके ध्यान में आएं, तो उनकी सारी डिटेल लिख लीजिए और मुझे जरूर भेजिए। और उनको कह दीजिए कि मैं मोदी की तरफ से आया हूं। मोदी की गारंटी लेकर आया हूं। कि जब मोदी तीसरी बार आएंगे तो तुम्हारा जो मकान बनना बाकी है, पूरा हो जाएगा। तुम्हें जो नल से जल मिलना बाकी है, वो आ जाएगा। तो मेरा एक काम कर दोगे। क्योंकि मुझे हर किसी की सेवा करनी है। और आप मोदी बनके मेरी मदद करिए। करेंगे।

साथियों,

आज आत्मविश्वास से भरा ये देश अब मोदी की गारंटी देख रहा है। साथियों, गारंटी देने के लिए बहुत हिम्मत लगती है। गारंटी ऐसे ही नहीं दी जाती है। जब पूरी तरह कमिट्मेंट होता है। पूरी तरह रोडमैप होता है और मन में एक संकल्प होता है कि मैं इस काम को करके रहूंगा। कितनी ही बाधाएं क्यों न आएं, मैं बहानेबाजी नहीं करूंगा। करके रहूंगा। तब जाकर के गारंटी निकलती है। मेरे लिए ये गारंटी तीन अछरों का खेल नहीं है। ये गारंटी के पीछे पल-पल खपाने का इरादा है। पल-पल आपके नाम। पल-पल देश के नाम। 24 बाय 7 फॉर 2047।

भाजपा ने अपने मेनिफेस्टो में कहा है- अगले 5 साल में गरीबों के लिए 3 करोड़ नए घर बनेंगे। देश के हर घर तक पाइप से पानी पहुंचेगा। और सबसे बड़ी बात मैं यहां सब मौजूद लोगों को कहना चाहता हूं। आजकल हर परिवार में, कोई अपवाद नहीं होता है। हर परिवार में, बुजुर्ग मां-बाप होते हैं, दादा-दादी होते हैं। चाचा-चाची होते हैं। और घर में जो कमाने वाले लोग होते हैं, जो काम करने वाले लोग होते हैं, उनके सामने रोजमर्रा की जिंदगी भी होती है। उनके सामने अपने बच्चों के लिए कुछ करने का इरादा भी होता है। और ऐसे समय अपने बुजुर्ग मां-बाप का ख्याल रखना, और उनको कोई ना कोई बीमारी तो उस उम्र में आ ही जाती है। दवाई के पीछे, अस्पताल के पीछे खर्चा होता है। तो ऐसे हर परिवार को इस बोझ से मुक्ति देने के लिए। हर तीस, पैंतीस, चालीस, पैंतालिस साल की उम्र के व्यक्तियों को अपने परिवार में, अपने सपने को पूरा करने के लिए बोझ ज्यादा न सहना पड़े। इसलिए मोदी ने गारंटी दी है। कि हिंदुस्तान के हर परिवार के 70 वर्ष से ऊपर की उम्र के जो लोग हैं, उन सबको 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज की जिम्मेवारी मोदी की रहेगी। आप पर ये बोझ कम होगा। ये बोझ, उन बुजुर्गों को कहना दिल्ली में आपका बेटा बैठा है, वो उठाएगा। अभी हमने गैस सिलैंडर दिये हैं। भविष्य में आपकी रसोई में पाइप से गैस पहुंचेगी। जैसे पाइप से पानी आता है, वैसे पाइप से। भई गदाधारी। ओ गदाधारी। आपको देख लिया और फोटू भी निकल गई। अब नीचे रखो गदा। पीछे वालों को दिखता नहीं है। बजरंगबली की जय! आप पहलवान हैं क्या। हमारे तडसजी तो पहलवान रहे हैं। देश के कोने-कोने में वंदेभारत जैसी आधुनिक ट्रेनें चलेंगी। और देश, बुलेट ट्रेन का सपना भी पूरा होते हुए भी देखेगा। चंद्रयान देखा, अब गगनयान भी देखेगा।

साथियों,

विकसित भारत, देश की हमारी माताओं-बहनों-बेटियों के सशक्तिकरण के बिना असंभव है। इन 10 वर्षों में हमने स्वयं सहायता समूहों का एक आंदोलन खड़ा करके महिलाओं की आर्थिक भागीदारी के रास्ते खोले हैं। अकेले वर्धा में ही, डेढ़ लाख से ज्यादा परिवारों की महिलाएं स्वयं सहायता समूहों में शामिल हुई हैं। NDA सरकार ने बैंकों के द्वारा वर्धा की महिलाओं के लिए 12 सौ करोड़ रुपए से ज्यादा की मदद भेजी है। अब अगले 5 वर्षों में, हम करोड़ों महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को नए-नए क्षेत्रों में ले जाना चाहते हैं। आईटी, रिटेल, टूरिज्म, शिक्षा के क्षेत्रों की ट्रेनिंग देंगे। हर नए क्षेत्र में इन स्वयं सहायता समूहों की बहनों को ले जाना चाहते हैं। हम 3 करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाएँगे। हम गांव-गांव में अपनी बेटियों को ड्रोन पायलट बनाएँगे। और ये मोदी की गारंटी है।

साथियों,

काँग्रेस और इंडी अलायंस की सोच हमेशा से विकास विरोधी और किसान विरोधी रही है। इसीलिए, देश में दशकों तक किसानों की हालत लगातार इतनी खराब रही है। उनके दौर में जैसे काम होता था, उसके लिए मराठी में एक कहावत है। उस कहावत में कहते हैं- बारशाला गेला, आणि बाराव्याला आला। परिवार के नाम पर पत्थर तो लग जाता था, लेकिन कई पीढ़ियाँ गुजर जाती थीं, फिर भी काम नहीं पूरा होता था। विदर्भ को काँग्रेस सरकारों के इस रवैये का बहुत नुकसान उठाना पड़ा। लेकिन आज हमारी सरकार विदर्भ को उतनी ही ज्यादा प्राथमिकता देकर काम कर रही है। यहां एकनाथ शिंदे जी, देवेंद्र फणनवीस जी और अजीत पवार जी पूरी शक्ति से आप सभी की सेवा में जुटे हुए हैं।

आप देखिए, NDA सरकार बाला साहब ठाकरे समृद्धि महामार्ग का निर्माण करवा रही है। आज नागपुर से गोवा के बीच 1 लाख करोड़ रुपये की लागत का ग्रीन हाइवे बन रहा है। वर्धा, सेवाग्राम, पुलगांव और हिंगनघाट जैसे क्षेत्रों में बेहतर रेल सेवा उपलब्ध हुई है। वर्धा-यवतमाल-नांदेड़ के बीच रेलवे लाइन और वर्धा से बल्लारशाह के बीच रेल ट्रैक जैसे प्रोजेक्ट इस क्षेत्र की कनेक्टिविटी बढ़ा रहे हैं। धामनगांव रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास किया जा रहा है। हमारी सरकार ने आरवी विधानसभा क्षेत्र में सिंगल लाइन को ब्रॉड गेज रेलवे लाइन में बदलने के लिए अलग से फंड दिया है। वर्धा के सिंधी में ड्राइ पोर्ट का काम भी पूरा हो चुका है। और देश में टेक्सटाइल इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए जो टेक्सटाइल पार्क बन रहे हैं, उनमें एक अमरावती में बन रहा है। यानी, विदर्भ अब पिछड़ेपन के उस दुष्चक्र से बाहर निकलेगा, जिसमें काँग्रेस पार्टी ने विदर्भ को फंसाकर रखा था। इनफ्रास्ट्रक्चर और औद्योगिक पिछड़ेपन के कारण ही विदर्भ के किसानों को इतने दशकों तक आर्थिक तबाही से जूझना पड़ा है। ये हाइवेज, एक्सप्रेसवेज और रेलवेज़ हमारे इन किसानों की समृद्धि के महामार्ग बनेंगे।

साथियों,

वर्धा और अमरावती में सिंचाई की समस्या यहाँ किसानों के लिए कितने बड़े संकट का कारण रही है, ये हम सबको पता है। लेकिन, पिछली सरकारों ने इस ओर कभी ईमानदारी से काम नहीं किए। 2014 में देश में ऐसी 99 बड़ी सिंचाई परियोजनाएं थीं, जो दशकों से अटकी हुई थीं। इसमें सबसे ज्यादा संख्या महाराष्ट्र की सिंचाई परियोजनाओं की थी। ये NDA सरकार है, जो इन्हें तेजी से पूरा करा रही है। अब लोअर वर्धा इरिगेशन प्रोजेक्ट और अमरावती का लोवर पेढ़ी इरिगेशन प्रोजेक्ट किसानों के लिए वरदान बनने जा रहा है। इसके अलावा भी इस पूरे क्षेत्र में सिंचाई के लिए कई छोटे प्रोजेक्ट्स भी लाए जा रहे हैं।

साथियों,

हम समस्याओं के समाधान के साथ ही संभावनाओं के सृजन के लिए भी काम कर रहे हैं। हमने अमरावती के संतरे और वर्धा की हल्दी को ODOP के तहत अलग से पहचान दी है, ताकि यहाँ के किसानों को इसका लाभ हो। किसानों की आर्थिक सहायता के लिए किसान सम्मान निधि का पैसा भी सीधे किसानों के खातों में भेजा जा रहा है। अकेले वर्धा में ही किसानों के खातों में भारत सरकार की तरफ से 300 करोड़ से ज्यादा रुपये भेजे गए हैं। महाराष्ट्र में देवेन्द्र जी और शिंदे जी की सरकार द्वारा भेजे गए वो अलग।

साथियों,

आज बीजेपी के विकास के सामने इंडी अलायंस मुद्दों की कंगाली से जूझ रहा है। और इसीलिए, ये लोग अब केवल गाली-गलौज और अपमान की राजनीति पर उतर आए हैं। इंडी अलायंस की तमिलनाडु की जो पार्टी सनातन के विनाश की घोषणा करती है, उन नेताओं से ये लोग छत्रपति शिवाजी महाराज की धरती पर, हमारे महाराष्ट्र में लाकर रैली करवाते हैं। अयोध्या में राममंदिर का 500 साल पुराना सपना पूरा होता है तो काँग्रेस पार्टी और उसके दोस्त उसका भी बहिष्कार करते हैं। अयोध्या में भव्य राममंदिर में पहली रामनवमी का आयोजन हुआ, सूर्य की किरणों से भगवान राम के अभिषेक ने हर देशवासी को भक्ति से सराबोर कर दिया। लेकिन, इस इंडी गठबंधन के एक नेता ने कहा, और जब सूर्य तिलक प्रभु राम लला को हो रहा था, उस समय ये इंडी अलायंस के साथी ने क्या कहा, ये सब पाखंड है, पाखंड। ये काँग्रेस पार्टी और उसके साथियों का असली चेहरा है। असली चेहरा।

साथियों,

एकनाथ शिंदे जी की सरकार ने यहाँ ‘लहानुजी महाराज देवस्थान’ का पुनर्विकास का संकल्प किया है। ये लोग अगर मजबूत हुये तो उसका भी विरोध करेंगे। इसलिए, छत्रपति शिवाजी महाराज की ये धरती पर काँग्रेस के इन पापों का हिसाब आपको करना है।

साथियों,

काँग्रेस पार्टी भी ये बात जानती है कि वो चुनाव नहीं जीत सकती है। इसीलिए, काँग्रेस के युवराज नतीजों के बाद देश में आग लगाने की धमकी दे रहे हैं। संविधान को कैद करके आपातकाल लगाने की इनकी मानसिकता बदली नहीं है। लेकिन, देश ने मन बना लिया है- और आज पहले दौर का जो मतदान हुआ है ना, सब ओर एक ही बात नजर आ रही थी- फिर एक बार मोदी सरकार।

साथियों,

देश एक मजबूत, निर्णायक और स्थायी सरकार ही चाहता है। इसलिए, काँग्रेस या इंडी अलायंस को वोट देना, एक तरह से अपना वोट व्यर्थ करना है। बर्बाद करना है। महाराष्ट्र का एक-एक वोट विकास के लिए पड़ना चाहिए। आने वाली 26 अप्रैल को आप सभी को, वर्धा से भाजपा उम्मीदवार श्री रामदास चंद्रभानजी तडस और, अमरावती लोकसभा से श्रीमती नवनीत राणा जी को रिकॉर्ड संख्या में वोट डालकर भारी मतों से विजयी बनाना है। बनाएंगे। लेकिन इसके लिए मेरी शर्त है। काम करना पड़ेगा। करेंगे। ये मतदान के पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ने होंगे। तोड़ेंगे। हर पोलिंग बूथ जीतना होगा, जीतेंगे। पोलिंग बूथ जीतेंगे। एक भी पोलिंग बूथ ऐसा नहीं है ना कि जहां पर हमारा पराजय हो। सब के सब पोलिंग बूथ जीतेंगे। आने वाली पूरी शक्ति-समय पोलिंग बूथ को जीतने के लिए लगा देनी चाहिए। और आप सभी को मेरा एक और काम भी करना है, करेंगे। ये मेरा पर्सनल काम है। ये तडस जी का नहीं है। करेंगे। सब लोग बताएं तो बताऊं मैं, करेंगे। तो मेरा एक काम करना। महाराष्ट्र में घर-घर जाना। जाकर के कहना कि मोदी भाई आए थे और परिवार के सबको प्रणाम कहा है। मेरा प्रणाम पहुंचा देना। मेरा प्रणाम पहुंचा देंगे। पहुंचा देंगे। जब हर परिवार में मेरा प्रणाम पहुंचेगा ना, तो परिवार के सब लोग मुझे आशीर्वाद देंगे और जब मुझे आशीर्वाद मिलते हैं तो एक नई ऊर्जा मिलती है। और जब नई ऊर्जा होती है तो आपके लिए, आपके सपनों के लिए मुझे खप जाने का आनंद मेरा बढ़ जाता है। इसलिए मुझे हर परिवार से आशीर्वाद चाहिए। बोलिए…
भारत माता की जय!
भारत माता की जय!
बहुत बहुत धन्यवाद

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।