Today's Congress has neither principles nor policies left: PM Modi
PM Modi underscores the transformative changes since 2014, emphasizing infrastructure development, border security, and economic progress
Only BJP can provide the pace of development needed for the country: PM Modi
PM Modi condemns Congress' manifesto, accusing it of regressive ideologies
PM Modi urge voters to support BJP candidates for Atmanirbhar and Viksit Bharat

राम-राम सा।
मैं सबसे पहले तो इतनी बड़ी तादाद में मेरी जहां भी नजर पड़ती है, मुझे माताएं-बहनें दिख रही हैं। मैं उनको विशेष रूप से प्रणाम करता हूं कि आप इतनी गर्मी में हम सबको आशीर्वाद देने के लिए इतनी बड़ी संख्या में आए हैं। शायद राजस्थान नया इतिहास लिखने जा रहा है। माताएं-बहनें मैं सर झुकाकर आपको प्रणाम करता हूं।
जय पुष्कर राज री। परमपिता ब्रह्मा जी री जय॥
जय श्रीमन नारायण। सावित्री माता री जय॥
अजमेर-नागौर का ये क्षेत्र वीर तेजाजी महाराज और मीराबाई की आध्यात्मिक भूमि है। ये क्षेत्र राष्ट्रगौरव पृथ्वीराज चौहान जैसे शूरवीरों की शौर्य भूमि है। मैं इस महान धरती से राजस्थान की इन महान अनगिनत विभूतियों को सर झुकाकर नमन करता हूं।

साथियों
आज 6 अप्रैल को ही भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई थी। और संयोग देखिए कि आज ही मुझे पुष्कर क्षेत्र में आने का सौभाग्य मिला है। ब्रह्मा जी तो नियंता है निर्माता है और भारतीय जनता पार्टी भी नए भारत के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। और सबसे बड़ी बात हमारा ये क्षेत्र, कमल से इस क्षेत्र का संबंध है और भाजपा की पहचान भी देश के कोने-कोने में कमल खिलाने जा रही है। और इसलिए पूरा देश कह रहा है, हर माता-बहनें कह रही है, हर नौजवान कह रहा है। फिर एक बार...मोदी सरकार। फिर एक बार...मोदी सरकार। फिर एक बार...मोदी सरकार। 4 जून...400 पार। 4 जून...400 पार। 4 जून...400 पार।

साथियों,
देश के इतिहास में कभी-कभी ऐसे मौके आते हैं, जब उस देश के नागरिकों का एक फैसला अगले सैकड़ों वर्षों का भविष्य तय करता है। 2024 का ये चुनाव, ऐसा ही बड़ा अवसर है। ये कोई सामान्य चुनाव नहीं है। आप याद करिए, कितने दशकों से हमारे देश में जोड़-तोड़ वाली सरकारें चल रही थीं। गठबंधन की मजबूरियां, हर किसी के अपने स्वार्थ, इस सबमें देश के हित पीछे छूट गए थे। कांग्रेस के समय में गांव-गरीब, किसान, मजदूर, महिलाएं, युवाओं का जीना मुश्किल हो गया था। हर दिन अखबारों में या तो घोटालों की खबरें छपती थीं या फिर, आतंकी हमलों की खबरें आती थीं। लेकिन, 2014 से देश में एक बड़े बदलाव की शुरुआत हुई। दशकों बाद देश को आप सब जागरूक मतदाताओं ने पूर्ण-बहुमत की सरकार दी। आज भारत समंदर पर बड़े-बड़े पुल बना रहा है। आज भारत पहाड़ों में भी सुरंगे बनाकर सीमा की सुरक्षा बढ़ा रहा है। अब जब अजमेर से वंदेभारत ट्रेन रफ्तार भरती है, तो विदेशी भी हैरान हो जाते हैं। अब राजस्थान में एक से बढ़कर एक एक्सप्रेसवे बन रहे हैं, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडॉर बन रहे हैं। भाजपा के शासन में राजस्थान, विकास की नई ऊंचाई की ओर बढ़ रहा है।

साथियों,
कांग्रेस जहां रहती है, वहां विकास हो ही नहीं सकता। कांग्रेस ने ना कभी गरीब की परवाह की औऱ ना ही कभी वंचितों-शोषितों-युवाओं के बारे में सोचा। कांग्रेस के लिए यही कहा जा सकता है- एक तो करेला, दूसरे नीम चढ़ा। एक तो परिवारवादी पार्टी और दूसरा, उतनी ही भ्रष्टाचारी पार्टी। आप याद करिए, कांग्रेस सरकार में राजस्थान को लेकर कैसी खबरें आती थीं? युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ वाली पेपरलीक की खबरें! आए दिन वही पढ़ने को मिलता था। अपराधियों और माफियाओं के बेलगाम अपराध की खबरें! बेटियों के साथ अत्याचार की खबरें! पानी की विकराल होती समस्या की खबरें! कांग्रेस सरकार में लूट की हिस्सेदारी को लेकर सिर-फुटव्वल की खबरें आया करती थी। देश में राजस्थान की चर्चा केवल नकारात्मक कारणों से होने लगी थी। लेकिन, जब से बीजेपी आई है, अब चर्चा पेपर माफियाओं पर हो रही कार्रवाई की हो रही है। अब खबरें अपराधियों पर कस रहे कानून के शिकंजे की आती हैं। यहां भाजपा सरकार के आने के 100 दिन के भीतर ही वर्षों से लटकी ERCP पर सहमति बन गई है। ERCP से राजस्थान के एक बड़े इलाके में पानी का संकट खत्म होने जा रहा है। जिस तेज रफ्तार से देश का विकास होना चाहिए, वो तेज रफ्तार सिर्फ और सिर्फ भाजपा ही दे सकती है।

साथियों,
कल कांग्रेस पार्टी ने एक झूठ का पुलिंदा जारी किया है, अपना घोषणापत्र जारी किया है। झूठ का ये पुलिंदा कांग्रेस की एक बहुत बड़ी सच्चाई, कांग्रेस को बेनकाब करने वाला ये घोषणापत्र है। आप देखिए हर पन्ने पर भारत के टुकड़े करने की बू आ रही है। कांग्रेस के घोषणापत्र में वही सोच झलकती है, जो सोच आजादी के समय मुस्लिम लीग में थी। मुस्लिम लीग के उस समय के विचारों को कांग्रेस आज भारत पर थोपना चाहती है। मुस्लिम लीग की छाप वाले इस घोषणापत्र में जो बचा-खुचा हिस्सा था, उसमें वामपंथी लेफ्टिस्ट हावी हो गए हैं। आज की कांग्रेस के पास ना सिद्धांत बचे हैं और ना ही नीतियां बची है। ऐसा लग रहा है कांग्रेस सब कुछ ठेके पर दे चुकी है, पूरी पार्टी को आउटसोर्स कर चुकी है। आप मुझे बताइए, ऐसी कांग्रेस देशहित में कोई काम कर सकती है? देशहित में कोई काम कर सकती है? भाइयो-बहनों घोषणापत्र देखोगे तो ये भारत को पिछली शताब्दी में धकेलने का एजेंडा लेकर आए हैं। क्या हमें आगे जाना है कि नहीं जाना है। आगे जाना है कि नहीं जाना है? आगे बढ़ना है कि नहीं बढ़ना है? क्या भारत को पिछली शताब्दी में धकेलने देंगे?

साथियों,
गरीब और वंचित वर्ग की तरह ही कांग्रेस ने कभी नारीशक्ति की भी परवाह नहीं की। मेरी माताएं-बहनें आपकी ये जागरूकता है न, ये कांग्रेस को अनेक दशकों के पाप का हिसाब मांगने के लिए तैयार हो गई शक्ति। आजादी के बाद पीढ़ी दर पीढ़ी देश की करोड़ों बेटियों का जीवन कष्ट में बीता। उसके लिए जिम्मेदार कौन है? उसके लिए जिम्मेदार कौन है? ऐसी कांग्रेस को सजा मिलनी चाहिए कि नहीं? 19 अप्रैल और 26 अप्रैल कमल पे बटन दबाकर कांग्रेस को कड़ी सजा देने का समय आ गया है। आप सोचिए, शौचालय के अभाव में बहनों-बेटियों को पीड़ा और अपमान झेलना पड़ता था। हमारी माताएं-बहनें प्राकृतिक... या तो सूर्योदय के पहले जाना पड़ता था या तो सूर्यास्त का इंतजार करना पड़ता था। और दिनभर मेरी माताएं-बहनें पीड़ा झेलती थी। क्या ये पीड़ा उनको महसूस नहीं हुई। मैं गरीब मां का बेटा हूं। इसलिए हर मां का दुख-दर्द भलीभांति समझता हूं। करोड़ों गरीब परिवारों की बहनों को धुएं में खाना पकाना पड़ता था। वो जब धुएं में खाना पकाती है तो एक दिन में, जानकार लोग कहते हैं, एक दिन 400 सिगरेट जितना धुआं ये मेरी माताओं-बहनों के फेफड़े में जाता था। क्या इन माताओं-बहनों को इस पीड़ा से मुक्ति मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए। पानी लाने के लिए दूर-दूर तक चलकर जाना होता था। मैं गुजरात का हूं। राजस्थान और गुजरात में पानी का संकट हम सबने भलीभांति देखा है। और इसके सारा बोझ हमारी माताओं-बहनों पर पड़ता था। सर पर बहुत बड़ा वजन उठाकर पानी लेने जाना पड़ता था। गर्भ के समय हमारी माताओं-बहनों को जो पोषक आहार चाहिए, ताकि गर्भ में जो बच्चा है वो तंदरुस्ती के साथ उसका जन्म हो, उसकी भी परवाह नहीं की। आज आपका ये बेटा, आपके गर्भ में जो बच्चा है न उसकी भी चिंता करता है। करोड़ों बहनों के पास बैंक खाता तक नहीं था। अगर कहीं से थोड़े बहुत पैसे बचा लिए तो अनाज के डिब्बे में रखना पड़ता था। आज मोदी ने इन माताओं-बहनों के बैंक में खाते खुलवा दिए। आप देखिए, समाज की क्या स्थिति थी, अगर परिवार में खेत है तो पुरुष के नाम पर, घर है तो पुरुष के नाम पर, गाड़ी है तो पुरुष के नाम पर, दुकान है तो पुरुष के नाम पर। और अगर पति नहीं रहा तो बेटे के नाम पर। हमारी माताओं-बहनों के नाम कुछ नहीं होता था। और ये आपका बेटा, मेरी माताएं-बहनें, इस आपके बेटे ने तय किया कि पीएम आवास के जो मकान देंगे न वो महिलाओं के नाम पर होंगे। हमारी माताओं-बहनों को रोजगार के अवसर नहीं थे, बहुत सारे क्षेत्रों में महिलाओं के लिए दरवाजे बंद थे।

साथियों,
गरीब और वंचित वर्ग की तरह ही कांग्रेस ने कभी नारीशक्ति की भी परवाह नहीं की। मेरी माताएं-बहनें आपकी ये जागरूकता है न, ये कांग्रेस को अनेक दशकों के पाप का हिसाब मांगने के लिए तैयार हो गई शक्ति। आजादी के बाद पीढ़ी दर पीढ़ी देश की करोड़ों बेटियों का जीवन कष्ट में बीता। उसके लिए जिम्मेदार कौन है? उसके लिए जिम्मेदार कौन है? ऐसी कांग्रेस को सजा मिलनी चाहिए कि नहीं? 19 अप्रैल और 26 अप्रैल कमल पे बटन दबाकर कांग्रेस को कड़ी सजा देने का समय आ गया है। आप सोचिए, शौचालय के अभाव में बहनों-बेटियों को पीड़ा और अपमान झेलना पड़ता था। हमारी माताएं-बहनें प्राकृतिक... या तो सूर्योदय के पहले जाना पड़ता था या तो सूर्यास्त का इंतजार करना पड़ता था। और दिनभर मेरी माताएं-बहनें पीड़ा झेलती थी। क्या ये पीड़ा उनको महसूस नहीं हुई। मैं गरीब मां का बेटा हूं। इसलिए हर मां का दुख-दर्द भलीभांति समझता हूं। करोड़ों गरीब परिवारों की बहनों को धुएं में खाना पकाना पड़ता था। वो जब धुएं में खाना पकाती है तो एक दिन में, जानकार लोग कहते हैं, एक दिन 400 सिगरेट जितना धुआं ये मेरी माताओं-बहनों के फेफड़े में जाता था। क्या इन माताओं-बहनों को इस पीड़ा से मुक्ति मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए। पानी लाने के लिए दूर-दूर तक चलकर जाना होता था। मैं गुजरात का हूं। राजस्थान और गुजरात में पानी का संकट हम सबने भलीभांति देखा है। और इसके सारा बोझ हमारी माताओं-बहनों पर पड़ता था। सर पर बहुत बड़ा वजन उठाकर पानी लेने जाना पड़ता था। गर्भ के समय हमारी माताओं-बहनों को जो पोषक आहार चाहिए, ताकि गर्भ में जो बच्चा है वो तंदरुस्ती के साथ उसका जन्म हो, उसकी भी परवाह नहीं की। आज आपका ये बेटा, आपके गर्भ में जो बच्चा है न उसकी भी चिंता करता है। करोड़ों बहनों के पास बैंक खाता तक नहीं था। अगर कहीं से थोड़े बहुत पैसे बचा लिए तो अनाज के डिब्बे में रखना पड़ता था। आज मोदी ने इन माताओं-बहनों के बैंक में खाते खुलवा दिए। आप देखिए, समाज की क्या स्थिति थी, अगर परिवार में खेत है तो पुरुष के नाम पर, घर है तो पुरुष के नाम पर, गाड़ी है तो पुरुष के नाम पर, दुकान है तो पुरुष के नाम पर। और अगर पति नहीं रहा तो बेटे के नाम पर। हमारी माताओं-बहनों के नाम कुछ नहीं होता था। और ये आपका बेटा, मेरी माताएं-बहनें, इस आपके बेटे ने तय किया कि पीएम आवास के जो मकान देंगे न वो महिलाओं के नाम पर होंगे। हमारी माताओं-बहनों को रोजगार के अवसर नहीं थे, बहुत सारे क्षेत्रों में महिलाओं के लिए दरवाजे बंद थे।

साथियों,
ये जो देश के बड़े-बड़े नामदार, कांग्रेस और शाही परिवार के बड़े-बड़े नामदार इस कामदार को गाली देते हैं, वो नामदार है, शायद गाली देना उनका वो अधिकार मानते होंगे। ये कामदार ऐसा है हर गाली को पचा जाता है। ये मोदी से इसलिए नाराज हैं क्योंकि मोदी आज देश के गांव-गरीब के साथ चट्टान की तरह खड़ा है। जनता के पैसे को लूटना, ये लोग अपना खानदानी हक समझते थे। मोदी ने पिछले 10 साल में लूट की इस बीमारी का परमानेंट इलाज कर दिया है। मोदी ने इनकी लूट की दुकान का शटर गिरा दिया है, इसलिए ये बौखलाए हुए हैं।

साथियों,
इन परिवारवादी भ्रष्टाचारियों के कैसे-कैसे खेल होते हैं, मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। आज बीजेपी की सरकार देश के 80 करोड़ जरूरतमंदों को मुफ्त राशन देती है। अलग-अलग योजनाओं का पैसा सीधे आपके खाते में आता है। 10 वर्षों में हमने 30 लाख करोड़ रुपए, आंकड़ा याद रखिए, 10 साल में 30 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा गरीबों के खातों में सीधे भेजे हैं। जब कांग्रेस की सरकार थी, तब जो भी पैसा सरकार द्वारा भेजा जाता था, वो बीच में ही लुट जाता था। अब आप सोचिए, कांग्रेस के एक प्रधानमंत्री ने कहा था कि दिल्ली से एक रुपया भेजते हैं तो 15 पैसा पहुंचता है। कहा था कि नहीं कहा था। कांग्रेस के प्रधानमंत्री ने कहा था न कि दिल्ली से एक रुपया भेजते हैं तो 15 पैसा पहुंचता है। अगर 30 लाख करोड़ रुपया उनके पास होते, तो क्या होता मुझे बताइए। अब एक रुपया भेजते हैं, 15 पैसा पहुंचता है, तो वो कौन सा पंजा है जो बीच में से रुपये मार लेता है। हमने जांच कराई, तो पता चला कि कांग्रेस ने 10 करोड़ से ज्यादा ऐसे फर्जी लाभार्थी बनवा रखे थे, जिनका कभी जन्म ही नहीं हुआ था। पैदा ही नहीं हुए, लेकिन योजनाएं उनके नाम पर चढ़ जाती थी। यानी, 10 करोड़ फर्जी नामों पर आपके हक का हजारों करोड़ रुपया सीधे कांग्रेस के बिचौलियों के पास जा रहा था। मोदी ने ये खेल बंद कर दिया। मैंने जांच एजेंसियों को खुली छूट दी है। आपने देखा होगा, कांग्रेस के एक सांसद के यहां से 300 करोड़ से ज्यादा नगद, आप कल्पना कर सकते हैं, 300 करोड़ नगद आलमारी में ढेर के ढेर पड़े थे। और पकड़े गए, टीवी पर आपने देखा होगा। आप हैरान हो जाएंगे, ये बैंक के पास नोट गिनने के जो मशीन होते हैं न, कितने बैंकों से ये लाया, लेकिन मशीन थक गए गिनते-गिनते। मशीन बंद हो जाते थे। पैसे निकलते ही जा रहे थे। कांग्रेस का घमंडिया गठबंधन मोदी से परेशना है। इसलिए चिढ़ता है, गुस्सा करता है, गाली देता है। लेकिन कांग्रेस के लोग समझ लें, आप जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ही ज्यादा खिलने वाला है। आप देखिए, मैं कहता हूं- भ्रष्टाचार हटाओ, वो कहते हैं-भ्रष्टाचारी बचाओ। अभी देखिए, कांग्रेस पार्टी चुनाव जीतने के लिए रैली नहीं कर रही, भ्रष्टाचारी को बचाने के लिए रैली कर रही। ये कितना भी बोलते रहें, भ्रष्टाचार के खिलाफ मोदी की लड़ाई जारी रहेगी। मुझे बताइए, मुझे लड़ाई जारी रखनी चाहिए कि नहीं? इस देश से भ्रष्टाचार जाना चाहिए कि नहीं? भ्रष्टाचार खत्म होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए? आपके आशीर्वाद है न। आपके आशीर्वाद है तो मैं लड़ता रहूंगा। और भाइयों-बहनों, और मेरी सरकार का तीसरा कार्यकाल बहुत दूर नहीं है। पहले 100 दिन में भ्रष्टाचार के खिलाफ बीजेपी सरकार और भी बड़े फैसले लेने जा रही है। मैं तैयारी करके बैठा हूं। सारी तैयारी शुरू कर दी है। इसलिए ही मैं कहता हूं- 10 साल में जो कार्रवाई देखी, वो तो ट्रेलर है। अभी तो बहुत कुछ होना बाकी है।

साथियों,
राजस्थान में आने वाली 19 अप्रैल और 26 अप्रैल को मतदान होगा। अब आप देखिए, राम मंदिर बना, आपलोग खुश हैं कि नहीं हैं? अब मुझे बताइए, चलो भई राम मंदिर बन गया, लेकिन प्राण-प्रतिष्ठा में जाने का विरोध करना ये शोभा देता है क्या? इतना ही नहीं अगर कोई प्राण-प्रतिष्ठा में आ गया तो उसको कांग्रेस पार्टी से छह साल के लिए निकाल दिया। क्या इस देश में ऐसा हो सकता है भाई? प्रभु राम के बिना आप देश की कल्पना कर सकते हैं। हमारे यहां तो सुबह-शाम मिलते हैं तो राम-राम सा करके शुरू करते हैं भई। और अंतिम विदाई में भी, राम बोलो राम से ही जाते हैं जी। उस राम के खिलाफ इतना गुस्सा, मेरे दिमाग में नहीं बैठ रहा है भैया। प्रभु राम अपने घर विराजे। और ये रामनवमी आ रही है, सजधज के लोग मनाने वाले हैं। हम देखते हैं कितना विरोध करते हो।

साथियों
19 अप्रैल और 26 अप्रैल दो दिन मतदान के हैं राजस्थान में। इस बार भारतीय जनता पार्टी ने अजमेर से हमारे साथी भागीरथ चौधरी जी को एक बार फिर उम्मीदवार बनाया है। और नागौर में मेरी छोटी बहन ज्योति मिर्धा जी ने जिम्मेवारी संभाली है। इन दोनों प्रत्याशियों को आपका एक-एक वोट मोदी को मजबूत करेगा। मुझे विश्वास है राजस्थान से इस बार भी 25 की 25 सीटें देना ये राजस्थान ने तय कर लिया है। लेकिन इसके लिए हमें पोलिंग बूथ जीतना है। हमारी पूरी शक्ति पोलिंग बूथ जीतने में लगनी चाहिए। गर्मी कितनी ही तेज क्यों न हो, सुबह-सुबह मतदान हो जाना चाहिए। तो मेरी ये बात घर-घर पहुंचाओगे। मतदाताओँ को आज जितना मैंने भाषण किया वो बताओगे। हर माताओं-बहनों को बताओगे। पक्का बताओगे। अच्छा एक मेरा काम करोगे। ये मेरा काम है। ज्योति जी का भी नहीं है, भागीरथी जी का भी नहीं है। ये मोदी का काम है, करोगे? जरा हाथ ऊपर करो, करोगे। करोगे, पक्का करोगे। आप घर-घर जाना और सबको कहना कि अपने मोदी जी पुष्कर आए थे। और मोदी जी ने आपको प्रणाम भेजा है। मेरा प्रणाम पहुंचा दोगे। हर परिवार में मेरा प्रणाम पहुंचा दोगे।

मेरे साथ बोलिए,
भारत माता की, भारत माता की, भारत माता की।
बहुत-बहुत धन्यवाद!

 

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।