Launches two major initiatives designed to support and uplift MSMEs in the Indian automotive industry
“MSMEs are key players in propelling the automotive industry forward and are vital to the nation's economic growth”
“Automobile industry is a powerhouse of the economy
“Today our MSMEs have a great opportunity to become a strong part of the global supply chain”
“Country is seeing the future of MSME as the nation's MSME”
“Government of India is standing shoulder to shoulder with every industry today”
“Take innovation and competitiveness forward. The government is completely with you”

वणक्कम!

सबसे पहले तो मैं आप सबसे क्षमा मांगता हूं, क्योंकि मुझे आने में देर हुई और आपको काफी इ्ंतजार करना पड़ा। मैं सुबह दिल्ली से तो समय पर निकला था, लेकिन अनेक कार्यक्रम करते-करते हर कोई पांच दस मिनट ज्यादा ले लेता है तो उसी का परिणाम है कि जो लास्ट वाला होता है उसको सजा हो जाती है। तो मैं फिर भी देर से आने के लिए आप सबसे क्षमा चाहता हूं।

साथियों,

टेक्नोलॉजी और इनोवेशन की फ़ील्ड के इतने सारे माइंड्स के बीच आना ये अपने आप में एक बहुत सुखद अनुभव है। मुझे ऐसा लग रहा है, जैसे कि मैं भविष्य को गढ़ने वाली किसी लैबोरेटरी में आया हूँ। टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में, खासकर ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में, तमिलनाडु ने अपनी भूमिका को ग्लोबल स्टेज पर साबित भी किया है। मुझे खुशी है कि आपने इस इवेंट को भी ‘Creating the Future' ये नाम दिया है। ‘Creating the Future – Digital Mobility for Automotive MSME Entrepreneurs’! मैं इस कार्यक्रम के लिए, इतनी बड़ी संख्या में MSMEs को, हजारों प्रतिभाशाली युवाओं को एक मंच पर लाने के लिए TVS कंपनी को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। मुझे विश्वास है कि इस प्लेटफ़ॉर्म से ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के साथ-साथ विकसित भारत के निर्माण को भी गति मिलेगी। मैं समझता हूं कि simultaneously interpretation चल रहा है ना।

साथियों,

आप सब जानते हैं कि हमारी कुल जीडीपी का 7 परसेंट हिस्सा, देश की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री से आता है। जीडीपी में 7 प्रतिशत भागीदारी, यानी अर्थव्यवस्था का एक बहुत बड़ा हिस्सा! इसलिए, ऑटोमोबाइल्स केवल रोड पर ही रफ्तार नहीं देते, ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री से देश की अर्थव्यवस्था को, देश की प्रगति को भी उतनी ही रफ्तार मिलती है। मैन्य़ुफैक्चरिंग और इनोवेशन को बढ़ावा देने में भी ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का रोल बहुत अहम है।

साथियों,

जो योगदान ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का देश की इकॉनोमी में है, वही भूमिका MSMEs की इस इंडस्ट्री के लिए है। भारत में हर साल 45 लाख कार उसका प्रोडक्शन होता है। भारत में करीब 2 करोड़ टू व्हीलर, 10 लाख कॉमर्शियल वाहन और साढ़े 8 लाख थ्री व्हीलर्स भी बनाए जाते हैं। आपसे अच्छा और कौन जानता होगा कि किसी भी पैसेंजर vehicle में 3 से 4 हजार पार्ट्स होते हैं। यानी हर दिन ऐसे वाहनों को बनाने के लिए लाखों पार्ट्स की जरूरत पड़ती है। और इस सप्लाई का बहुत बड़ा जिम्मा हमारी लाखों MSMEs ही उठाती हैं। इनमें से ज़्यादातर टियर-1 और टियर-2 शहरों में हैं। आज दुनिया की अनेक गाड़ियों में भारत की MSMEs द्वारा बनाए Components इस्तेमाल होते हैं। यानी, अनेकों वैश्विक संभावनाएं भी हमारे दरवाजे पर दस्तक दे रही हैं।

 

साथियों,

हमारी MSMEs के पास आज ये बहुत बड़ा मौका है कि वो ग्लोबल सप्लाई चेन का मजबूत हिस्सा बनें। लेकिन इसके लिए हमारी MSMEs को अपनी गुणवत्ता पर, अपनी Quality और Durability पर और ज्यादा काम करना होगा। हमें ग्लोबल स्टैंडर्ड्स पर खरा उतरने के लिए काम करना होगा। और मैंने एक बार लालकिले से कहा था कि अब भारत को दुनिया में पहुंचना है तो एक सूत्र का गंभीरता पूर्वक स्वीकार करना होगा और मैंने कहा था अब हमारा प्रोडक्शन जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट वाला होगा। और जब मैं जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट कहता हूं तब जीरो डिफेक्ट उसकी क्वालिटी से जुड़ा है और जीरो इफेक्ट एनवायरमेंट पर कोई विपरीत इफेक्ट नहीं करेगा। ये मूल मंत्र को लेकर के चलना पड़ेगा।

साथियों,

Digital Mobility for Automotive MSME Entrepreneurs’. से देश के लघु उद्योगों को नई दिशा मिलेगी, भविष्य के लिए तैयार होने में मदद मिलेगी।

साथियों,

कोरोना के समय में दुनिया ने भारत के लघु उद्योगों का सामर्थ्य देखा है। भारत ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जो विजय हासिल की, उसमें लघु उद्योगों की बड़ी भूमिका रही है। इसलिए आज देश MSMEs के भविष्य को देश के भविष्य के तौर पर देख रहा है। पैसे से लेकर प्रतिभा तक, MSMEs के संसाधनों में वृद्धि हो, इसके लिए चौतरफा काम हो रहा है। पीएम मुद्रा योजना और पीएम विश्वकर्मा योजना ये ऐसी योजनाएँ हैं, जो इस दिशा में बड़ी भूमिका निभा रही हैं। कोरोना के समय में MSME Credit Guarantee Scheme ने लाखों रोजगार, और वो संकट का काल है आप याद रखिये, लाखों रोजगार बचाने में आपके MSME Sector ने मदद की थी।

साथियों,

आज हर सेक्टर से जुड़ी MSMEs के लिए सस्ते लोन और वर्किंग कैपिटल की सुविधा सुनिश्चित की जा रही है। संसाधन बढ़ने से उनकी सोच का भी विस्तार हो रहा है। हमारे लघु उद्योग, नए नए क्षेत्रों में इनोवेशन्स भी और उस पर भी जितना ज्यादा हम अपग्रेड करते हैं, जितना ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। वो हमें और सशक्त करेगा। हमारी सरकार इस दौर में MSMEs को नई टेक्नोलॉजी और नए स्किल्स की जरूरत का भी ध्यान रख रही है। इसके लिए विशेष स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम चल रहे हैं, ट्रेनिंग संस्थान चलाए जा रहे हैं। पहले हमारे यहां skill development एक रूटीन काम माना जाता था। जब से आपने मुझे सेवा करने का मौका दिया, मैंने skill development की अलग Ministry बना दी है। और मेरी पूरी समझ है कि भावी पीढ़ी को गढ़ने में skill की बहुत बड़ी भूमिका होती है। और इसलिए आधुनिक से आधुनिक और निरंतर upgrade होने वाली Skilled Universities हमारे यहां बहुत आवश्यक है।

साथियों,

सरकार आज जिस तरह EVs को बढ़ावा दे रही है उससे भी MSME सेक्टर के लिए नए अवसर बन रहे हैं। मेरा तो यहां मौजूद सभी लघु उद्यमियों से आग्रह है कि आप EV की बढ़ती मांग के हिसाब से अपना सामर्थ्य भी बढ़ाइए। और आपको पता होगा भारत सरकार ने अभी Roof Top solar की एक बहुत बड़ी पॉलिसी लाई है और ये Roof Top solar बहुत बड़ी मात्रा में हर परिवार को आर्थिक मदद, 300 यूनिट तक बिजली मुफ्त और अतिरिक्त बिजली खरीदना ऐसा एक पैकेज है, और शुरू में एक करोड़ घर उसके लिए हमने लक्ष्य निर्धारित किया है। और हमारी कल्पना है कि इसके कारण जो ई-व्हीकल्स हैं उनका चार्जिंग स्टेशन उसके अपने घर में ही बन जाएगा, Roof Top solar से ही चलेगा, यानि उसका ट्रांसपोर्टेशन कोस्ट जीरो होने वाला है। और ये आप लोगों के लिए बहुत बड़ा अवसर लेकर आ रहा है।

साथियों,

सरकार ने Auto और Auto Components के लिए करीब 26 हजार करोड़ रुपये की PLI स्कीम बनाई है। ये स्कीम मैन्युफैक्चरिंग के साथ साथ हाइड्रोजन वीकल्स को भी बढ़ावा दे रही है। इसकी मदद से हमने 100 से ज्यादा Advanced Automotive Technologies को भी बढ़ावा दिया है। जब देश में नई technologies आएंगी, तो नई टेक्नॉलजी से जुड़ा ग्लोबल इन्वेस्टमेंट भी आने वाला है। ये भी हमारी MSMEs के लिए एक बहुत बड़ा अवसर है। इसलिए, ये सही समय है कि हमारी MSMEs क्षमताओं का विस्तार करें, नए क्षेत्रों में काम करना शुरू करें।

साथियों,

जहां संभावनाएं होती हैं, वहाँ चुनौतियाँ भी आती हैं। आज Digitalisation, Electrification, Alternative Fuel Vehicles, और Market demand Fluctuations जैसी कई चुनौतियाँ MSMEs के सामने हैं। सही समय पर और सही दिशा में सही कदम उठाकर हम इन चुनौतियों को अवसरों में बदल सकते हैं। इसके लिए खुद को अपग्रेड करने की जरूरत है। इसके साथ ही, MSMEs का Formalisation भी एक बड़ी चुनौती है। हमारी सरकार ने इस दिशा में कई कदम उठाए हैं। हमने MSMEs की परिभाषा को भी बदला है। इस फैसले के बाद MSMEs की ग्रोथ के रास्ते साफ हुए हैं।

साथियों,

विकसित भारत बनाने के लिए भारत सरकार, अपनी हर इंडस्ट्री के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। पहले इंडस्ट्री हो या individual, छोटी से छोटी बात के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते थे। लेकिन, आज सरकार हर सेक्टर की समस्याओं का समाधान कर रही है। बीते वर्षों में हमने 40 हजार से ज्यादा Compliances समाप्त किए हैं। हमने बिजनेस से जुड़ी अनेकों छोटी-छोटी भूलों को डी-क्रिमिनलाइज भी किया है। वर्ना आपको आश्चर्य होगा हमारे देश में ऐसे कानून थे कि अगर आपकी फैक्टरी में टॉयलेट को छह महीने में एक बार कलर नहीं किया तो आपको जेल भेजते थे। ये सब मैंने निकाला और इसको निकालने में 75 साल गए देश के।

साथियों,

नई लॉजिस्टिक पॉलिसी हो, जीएसटी हो, इन सभी से ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लघु उद्योगों को भी मदद मिली है। सरकार ने पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान बनाकर भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को एक दिशा दी है। पीएम गतिशक्ति में डेढ़ हजार से ज्यादा लेयर्स में डेटा प्रोसेस करके भविष्य का इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया जा रहा है। इससे मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को बहुत बड़ी शक्ति मिलने जा रही है। हम हर इंडस्ट्री के लिए support mechanism को भी विकसित करने पर बल दे रहे हैं। मैं Automobile MSME Sector से भी कहूंगा, कि इस Support Mechanism का लाभ लें। Innovation और Competitiveness को आगे बढ़ाकर हमें जाना ही होगा। सरकार पूरी तरह आपके साथ है। मुझे विश्वास है, इस दिशा में TVS का ये प्रयास आपको जरूर सहायता करेगा।

साथियों,

दो तीन बातें और भी मैं बताना चाहता हूं। आपको पता है कि भारत सरकार ने स्क्रैप को लेकर एक पॉलिसी बनाई है। हम चाहते हैं कि जितने पुराने व्हीकल्स हैं, वो स्क्रैप हो और नए आधुनिक व्हीक्लस मार्केट में आएं। अभी बहुत बड़ी opportunity है। और इसलिए मैं आप उद्योग जगत के लोगों को भारत सरकार की ये स्क्रैपिंग पॉलिसी का फायदा उठाकर के स्क्रैपिंग की दिशा में आगे आना चाहिए। अब हमारा देश ship making में दुनिया में नंबर एक रहा है। और ship making का recycle material उसका बहुत बड़ा मार्केट बना है। मैं मानता हूं, अगर बड़ी योजनापूर्वक हम आगे आएं तो हमारे पड़ोसी देश भी उनके vehicles भी , gulf countries जहां बहुत तेजी से व्हीकल्स बदले जा रहे हैं। वो भी स्क्रैप के लिए भारत आएंगी और इस तरह एक बहुत बड़े उद्योग की संभावना है। और वो सारी चीजें किसी न किसी रूप में आपके MSMEs के लिए काम की है। हम इस पूरी चीजों का कैसे फायदा उठाएं। उसी प्रकार से मुझे अभी बताया गया है कि इसमें ट्रांसपोर्ट सेक्टर से जुड़े लोग भी हैं। मैं कोई भी चीज जब सोचता हूं तो मैं उसकी पूर्णता के आधार पर सोचने की आदत रखता हूं। अगर मैं mobility की चर्चा करूंगा, transport की चर्चा करूंगा लेकिन मैं मेरे ड्राइवर की चर्चा नहीं करूंगा, उसकी चिंता नहीं करूंगा तो मेरा काम बहुत अधूरा है। और इसलिए आपने कुछ दिन पहले शायद अखबार में पढ़ा होगा। हमें पायलट प्रोजेक्ट के रूप में हम एक हजार places centres main highways पर अभी बनाने वाले हैं। जिसमें ड्राईवर्स के लिए सारी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। और उसके कारण एक्सीटडेंटस कम होंगे, उनको रेस्ट मिलेगा, आवश्यक सुविधाएं उनको प्राप्त होगी और प्रारंभ में हम global standard के एक हजार ऐसे सेंटर्स बनाने का काम already शुरू कर रहे हैं। तो जो transport sector के मेरे भाई-बहन हैं उनको, अपने ड्राईवर्स को और अधिक सुरक्षा भी, संतोष भी और आपके कारोबार को विकास करने के लिए नए अवसर ये सारी चीजें एक साथ उससे जुड़ी हुई है।

साथियों,

आप सबके बीच आने का अवसर मिला। अनेक आकांक्षाएँ आपकी भी हैं, अनेक सपने आपके भी हैं और आप सब के सपनों को मैं मेरे संकल्प बनाकर के जी जान से जुटा रहता हूं। भरोसा कीजिए, आपके जो पांच साल के जो भी प्लान होंगे हिम्मत के साथ आगे बढ़िये, मैं आपके साथ रहूंगा, आपके लिए रहूंगा, देश को नई ऊंचाईयों पर ले जाकर रहेंगे। आप सबका एक बार फिर अनेक-अनेक शुभकामनाओं के साथ बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।