Telangana is the land of the brave Ramji Gond & Komaram Bheem: PM Modi

Published By : Admin | March 4, 2024 | 12:45 IST
QuoteTelangana is the land of the brave Ramji Gond & Komaram Bheem
QuotePM JANMAN will enable spending of Rs. 24,000 crores for tribal welfare benefitting various tribes such as Chenchu, Kolam, and Konda Reddi, among various others
QuoteModi's guarantee has enabled the creation of a 'Turmeric Board' for farmers in Telangana
QuoteThe Kaleswaram Lift irrigation project is a mega scam committed by the B.R.S. government.
QuoteTelangana has played a pivotal role in the Pran-Pratishtha of Ram Mandir and has a more significant role in realizing a Viksit Bharat.

ना तेलंगाणा कुटुम्ब सभ्युल्लन्दरिकी नमस्कारालु!

आप सभी विकास के इस उत्सव में इतनी बड़ी संख्या में आए हैं...हम सभी आपके बहुत-बहुत आभारी हैं। अभी से कुछ देर पहले मैंने तेलंगाना और देश के विकास से जुड़ी हजारों करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया है। कुछ लोग आदत से मजबूर होते हैं, मेहनत करने की कुछ आदत भी कम होती है और इसलिए बड़ी सरल भाषा में कह देते हैं कि ये तो चुनावी सभा है। मेरे भाइयों और बहनों और मेरे कुछ साथी जो भांति-भांति का एनालसिस करते हैं जरा समझो ये चुनावी सभा नहीं है, चुनाव की तो अभी घोषणा भी नहीं हुई है।आज देश में विकास का जो उत्सव चल रहा है, उसमें मैं अपने तेलंगाना के भाइयों और बहनों के बीच उत्सव मनाने आया हूं। आप मेरी बात से सहमत है ना... सहमत है ना... सहमत है ना ?

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इतनी बड़ी संख्या में माताएं-बहने आई हैं आप सहमत हैं ना। मैं हिंदी बोलूंगा तो चलेगा ना ? क्योंकि मैं तेलुगु में भाषण नहीं कर सकता हूं। लेकिन ये आपका प्यार है कि आप मेरी बात सुनना भी चाहते हैं और समझने का प्रयास भी करते हैं। फिर भी इतना प्यार भी देते हैं, इतना आशीर्वाद देते हैं मैं आपका बहुत आभारी हूं।

साथियों,
बीजेपी की केंद्र सरकार किस स्पीड से और कितने बड़े स्केल से विकास उत्सव मना रही है, ये बताने के लिए मैं आपको और देश को और ये जो बार-बार चुनाव-चुनाव लिखते हैं ना उनको खास मै 15 दिन का हिसाब देता हूं। दे दूं आपको? मैं अपना 15 दिन का हिसाब दे दूं? देखिए 15 दिन में क्या-क्या हुआ।
15 दिन में- दो-दो IIT, एक ट्रिपल आईटी DM, तीन IIM और एक Indian Institute of Skills (IIS) इसके कैंपस का लोकार्पण हुआ है।
15 दिन में- देश के 5 अलग-अलग राज्यों में 5 एम्स का लोकार्पण हुआ है।
15 दिन में- किसानों के लिए दुनिया की सबसे बड़ी स्टोरेज स्कीम शुरू हुई है।
15 दिन में- 18 हजार cooperatives के कंप्यूटराइजेशन के काम पूरा होने का लोकार्पण हुआ है।
15 दिन में- सिंदरी में देश के बड़े खाद कारखाने का लोकार्पण हुआ है।
15 दिन में- भारत के सबसे लंबे केबल आधारित ब्रिज का लोकार्पण हुआ है।
15 दिन में- रेलवे से जुड़ी 2000 से अधिक परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है।
15 दिन में ही- ऑयल और गैस सेक्टर से जुड़े डेढ़ लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के प्रोजेक्ट्स देश को मिले हैं।
15 दिन में ही- केजी बेसिन में ‘फर्स्ट ऑयल’ का लोकार्पण हुआ है। वहां से निकले कच्चे तेल के पहले टैंकर को हरी झंडी दिखाई है।
15 दिन में- ग्लोबल टेक्सटाइल इवेंट का उद्घाटन हुआ है। 15 दिन के ये काम, आत्मनिर्भर भारत से विकसित भारत के निर्माण को और सशक्त कर रहे हैं। अब बताइए ये विकास का उत्सव है कि नहीं है? ये लोगों के कल्याण का उत्सव है कि नहीं है? ये लोगों की भलाई का उत्सव है कि नहीं है? अरे चुनाव जब आएगा तब देखा जाएगा, मुझे तो देश को आगे बढ़ाना है। मैं सही बोल रहा हूं ना?

साथियों,
कल भी मैंने अब आप देखिए.. ये चुनाव-चुनाव करते हैं ना आप देखिए कल भी मैने दिनभर सभी मंत्रियों और भारत सरकार के सभी वरिष्ठ सचिव और अधिकारी एक प्रकार से टॉप टीम, करीब सबा सौ लोग पूरा दिन उन लोगों के साथ बैठा। और क्या किया? चुनाव की चर्चा नहीं की वहां मैंने विकसित भारत के निर्माण के एक्शन प्लान पर एक-एक मुद्दे पर चर्चा की। विकसित भारत के एक्शन प्लान पर देशभर में Fifteen Lakh लोग अब तक अपने सुझाव दे चुके हैं। Three Lakhs Seventy Five Thousand से ज्यादा स्टेकहोल्डर्स अब तक इसमें सक्रिय रूप से जुड़े हैं। विकसित भारत के विजन को लेकर करीब Three Thousand Meetings हो चुकी हैं। तीन हजार मीटिंग.. देश को विकसित बनाने के लिए दिन-रात काम। करीब-करीब 12 सौ Twelve Hundred यूनिवर्सिटीज़ ने इसमें हिस्सा लिया है। बड़ी बात ये है कि इनमें अब तक करीब 11 लाख..Eleven Lakhs युवाओं ने हिस्सा लिया है, अपने मौलिक सुझाव दिए हैं. जो हमारे युवा विकसित भारत के सबसे बड़े निर्माता और और सबसे बड़े लाभार्थी, ये हमारी बहुत बड़ी ताकत है। राष्ट्र के विकास के लिए भाजपा का यही कमिटमेंट, है जिसके कारण, तेलंगाना के भी लोग पूरे जोश से कह रहे हैं... तेलंगाना के गांव-गांव से आवाज आ रही है। नौजवान भी बोल रहा है, बुजुर्ग भी बोल रहे हैं, महिलाएं भी बोल रही है, शहरवाले भी बोल रहे हैं, किसान भी बोल रहा है, मजदूर भी बोल रहा है कि
अबकी बार, 400 पार! अबकी बार चार सौ पार... अबकी बार... अबकी बार... अबकी बार... नालगु वंदलु दाटाली, बीजेपी-कि वोटु वेय्याली

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साथियों,
ये धरती रामजी गोंड और कोमाराम भीम जैसी महान विभूतियों की धरती है। आज़ादी के इतने दशकों तक, तेलंगाना की इस धरती ने जो योगदान दिया उस योगदान को कभी सम्मान नहीं दिया गया। 2014 के बाद बीजेपी की केंद्र सरकार ने तेलंगाना के विकास को, आदिवासी समाज के सम्मान को इतना महत्व दिया। आप मुझे बताइये, क्या बीजेपी सरकार आने से पहले कोई कल्पना कर सकता था कि एक आदिवासी महिला देश की राष्ट्रपति बनेंगी? क्या कोई कल्पना कर सकता था? पलहे कभी लगता था कि ऐसा हो सकता है। क्या कोई कल्पना कर सकता था कि भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिन को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाएगा? आदिवासियों के विकास के लिए देश में अलग मंत्रालय बनाने का काम बीजेपी सरकार ने ही किया था। आज़ादी की लड़ाई में जनजातीय समाज के योगदान को समर्पित म्यूजियम बनाए जा रहे हैं। ये काम भी केंद्र की बीजेपी सरकार ने शुरू किया है। हैदराबाद में जो म्यूजियम बन रहा है, हमने उसका नाम रामजी गोंड के नाम पर रखा है।

साथियों,
आदिवासी समाज को सम्मान मिले, ये परिवारवादी पार्टियों को बर्दाश्त नहीं हो सकता। हमने जनजातीय समाज के लिए जब भी फैसले किए, इन्होंने उन फैसलों का विरोध करने का कोई मौका नहीं छोड़ा है। साथियों, बीजेपी, आदिवासी कल्याण को, आदिवासी गौरव को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए काम कर रही है। आदिवासी समाज में भी, जो लोग अति पिछड़े हैं, जो अब तक विकास से वंचित हैं, उनके लिए बीजेपी सरकार ने पीएम जनमन योजना शुरू की। इस योजना पर 24 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए जाएंगे। इसका लाभ तेलंगाना की भी चैन्चु, कोलम, कोन्डा रेड्डी, थोटी ऐसी छोटी-छोटी जो आदिवासी समाज की जातियां हैं.. दूर-दूर है इनके लाभ मिलने वाला काम है। तेलंगाना में ‘सम्मक्का सारक्का’ सेंट्रल ट्राइबल यूनिवर्सिटी स्थापित की जा रही है।

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साथियों,
आज पूरे देश में मोदी की गारंटी इसकी बहुत चर्चा है। यहां तेलंगाना के लोगों का सपना था कि ‘टरमरिक बोर्ड’ बने, था कि नहीं था? तेलंगाना के किसानों के लिए ‘टरमरिक बोर्ड’ अब एक सच्चाई बन चुका है कि नहीं बन चुका है, बन गया ना? मैंने कहा था, कपास के किसानों की हर तरह से मदद करेंगे। बीजेपी सरकार ने कपास की MSP में रिकॉर्ड वृद्धि की है। आज देश में जो 7 मेगा टेक्सटाइल पार्क बन रहे हैं, उनमें से एक मेगा पार्क तेलंगाना में बन रहा है।
इसलिए लोग कहते हैं कि मोदी की गारंटी यानि गारंटी पूरी होने की गारंटी।- मोदी गैरंटी अंटे गारंटी-गा पूर्ति अय्ये गारंटी

साथियों,
तेलंगाना के लोग ये जान चुके हैं कि परिवारवादी पार्टियों के चेहरे अलग हो सकते हैं, लेकिन चरित्र एक ही होता है- और ये चरित्र क्या है? दो पक्की चीजें हैं इनके चरित्र में एक झूठ और दूसरा लूट! तेलंगाना में जैसे TRS के BRS बनने से कुछ नहीं बदला था, वैसे ही BRS की जगह काँग्रेस आने से कुछ नहीं बदलने वाला क्योंकि एक ही चट्टे-बट्टे के लोग हैं ये। BRS ने अपनी सरकार में कालेश्वरम प्रोजेक्ट जैसे घोटाले किए। कॉंग्रेस की सरकार उस पर कार्रवाई करने के बजाय फाइलों को दबाकर बैठ गई है। तुम भी भले हम भी भले, तुमने खाया और अब मैं खाऊंगा। यहीं करते हैं।

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साथियों,
भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण में आकंठ डूबे इंडी गठबंधन के नेता बौखलाते जा रहे हैं। अब इन्होंने 2024 के चुनाव का अपना असली घोषणापत्र निकाला है। मैं इनके परिवारवाद पर सवाल उठाता हूं तो इन लोगों ने अब बोलना शुरू कर दिया है कि मोदी का कोई परिवार नहीं है। अब तो कल ये कह देंगे कि कभी तुझे जेल की सजा नहीं हुई इसलिए तुम राजनीति में नहीं आ सकते ये भी कह देंगे। तेलंगाना के मेरे भाइयों बहनों मेरा जीवन खुली किताब जैसा है। आप मुझे देशवासी भलीभांति जानते हैं, समझते हैं। मेरी पल-पल की खबर देश रखता है। और कभी रात देर तक जब काम करता हूं और खबर बाहर निकल जाती है तो देश से लाखों लोग मुझे लिखते हैं और बताते हैं कि इतना काम मत करिए, कुछ आराम करिए। ये प्यार भाइयों-बहनों एक सपना लेकर मैंने बचपन में घर छोड़ा था, और जब मैंने अपना घर छोड़ा तब एक सपना लेकर के चला था कि मैं देशवासियों के जिऊंगा। मेरा पल-पल अब सिर्फ आपके लिए होंगे। मेरा कोई निजी सपना नहीं होगा आपके सपने यही मेरा संकल्प होगा। जिंदगी खपा दूंगा तो आपके सपनों को पूरा करने के लिए आपके बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए। और इसलिए देश के कोटि-कोटि लोग मुझे अपना मानते हैं। अपने परिवार के सदस्य की तरह प्यार करते हैं। और इसलिए मैं कहता हूं कि 140 करोड़ देशवासी यही मेरा परिवार है। ये नौजवान यही मेरा परिवार है। आज देश की करोड़ों बेटियां, माताएं, बहनें यही मेरा परिवार है। आज देश का हर गरीब ये मेरा परिवार है। देश के कोटि-कोटि बच्चे बुजुर्ग ये मोदी का परिवार है। जिसका कोई नहीं है वे भी मोदी के हैं और मोदी उनका है। मेरा भारत मेरा परिवार... मेरा भारत मेरा परिवार यहीं भावनाओं का विस्तार लेकर के मैं सपनों को संकल्प के साथ सिद्ध करने के लिए जी रहा हूं, आपके लिए जूझ रहा हूं और आपके लिए जूझता रहूंगा। इसलिए आज पूरा देश एक सुर में कह रहा है। मैं हूं मोदी का परिवार... मैं हूं मोदी का परिवार
नेने मोदी कुटुम्बम् !
आप भी मेरे साथ बोलिए...
मैं हूं मोदी का परिवार..
मैं हूं... मैं हूं... मैं हूं...
नेने मोदी कुटुम्बम् ! नेने...नेने... नेने

साथियों,
आखिर में, मैं तेलंगाना के लोगों को देश के अन्य लोगों का एक संदेश भी देना चाहता हूं। और गर्व से भरे हुए लोगों को कहना चाहता हूं... राममंदिर में सोने के दरवाजे हों या फिर मंदिर के स्तंभ, उनके निर्माण में तेलंगाना की भूमिका रही है। इसके लिए पूरा देश तेलंगाना के लोगों का आभार व्यक्त करता है। रामलला का आशीर्वाद पूरे तेलंगाना के लोगों पर है। हम विकसित भारत-विकसित तेलंगाना का लक्ष्य जरूर हासिल करेंगे। भाइयों-बहनों मैं आपसे यही आग्रह करता हूं कि 2047, 25 साल हमारे पास है, इतनी मेहनत करनी है..इतनी मेहनत करनी है देश को दुनिया के समृद्ध देशों के बराबरी में लाकर के खड़ा रखना है। हमारे मां-बाप को तो मुसीबतों में जिंदगी गुजारनी पड़ी, लेकिन अपने बच्चों को मुसीबत में जीने के लिए मजबूर नहीं करेंगे और इसलिए तेलंगाना मुझको आपका आशीर्वाद चाहिए, मुझे आपका अपार प्रेम चाहिए। मैं आपके प्यार का भूखा हूं और एक सेवक के नाते आपको समर्पित हूं।

मेरे साथ बोलिए... भारता माता की... दोनों मुट्ठी बंद कर पूरी ताकत से बोलिए... भारता माता की... भारता माता की... भारता माता की...

बहुत बहुत धन्यवाद

  • Dheeraj Thakur February 23, 2025

    जय श्री राम।
  • Dheeraj Thakur February 23, 2025

    जय श्री राम
  • कृष्ण सिंह राजपुरोहित भाजपा विधान सभा गुड़ामा लानी November 21, 2024

    जय श्री राम 🚩 वन्दे मातरम् जय भाजपा विजय भाजपा
  • Devendra Kunwar October 08, 2024

    BJP
  • दिग्विजय सिंह राना September 20, 2024

    हर हर महादेव
  • krishangopal sharma Bjp July 10, 2024

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏
  • krishangopal sharma Bjp July 10, 2024

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏
  • krishangopal sharma Bjp July 10, 2024

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏
  • JBL SRIVASTAVA May 27, 2024

    मोदी जी 400 पार
  • Vivek Kumar Gupta May 16, 2024

    नमो ..........................🙏🙏🙏🙏🙏
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India is driving global growth today: PM Modi at Republic Plenary Summit
March 06, 2025
QuoteIndia's achievements and successes have sparked a new wave of hope across the globe: PM
QuoteIndia is driving global growth today: PM
QuoteToday's India thinks big, sets ambitious targets and delivers remarkable results: PM
QuoteWe launched the SVAMITVA Scheme to grant property rights to rural households in India: PM
QuoteYouth is the X-Factor of today's India, where X stands for Experimentation, Excellence, and Expansion: PM
QuoteIn the past decade, we have transformed impact-less administration into impactful governance: PM
QuoteEarlier, construction of houses was government-driven, but we have transformed it into an owner-driven approach: PM

नमस्कार!

आप लोग सब थक गए होंगे, अर्णब की ऊंची आवाज से कान तो जरूर थक गए होंगे, बैठिये अर्णब, अभी चुनाव का मौसम नहीं है। सबसे पहले तो मैं रिपब्लिक टीवी को उसके इस अभिनव प्रयोग के लिए बहुत बधाई देता हूं। आप लोग युवाओं को ग्रासरूट लेवल पर इन्वॉल्व करके, इतना बड़ा कंपटीशन कराकर यहां लाए हैं। जब देश का युवा नेशनल डिस्कोर्स में इन्वॉल्व होता है, तो विचारों में नवीनता आती है, वो पूरे वातावरण में एक नई ऊर्जा भर देता है और यही ऊर्जा इस समय हम यहां महसूस भी कर रहे हैं। एक तरह से युवाओं के इन्वॉल्वमेंट से हम हर बंधन को तोड़ पाते हैं, सीमाओं के परे जा पाते हैं, फिर भी कोई भी लक्ष्य ऐसा नहीं रहता, जिसे पाया ना जा सके। कोई मंजिल ऐसी नहीं रहती जिस तक पहुंचा ना जा सके। रिपब्लिक टीवी ने इस समिट के लिए एक नए कॉन्सेप्ट पर काम किया है। मैं इस समिट की सफलता के लिए आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, आपका अभिनंदन करता हूं। अच्छा मेरा भी इसमें थोड़ा स्वार्थ है, एक तो मैं पिछले दिनों से लगा हूं, कि मुझे एक लाख नौजवानों को राजनीति में लाना है और वो एक लाख ऐसे, जो उनकी फैमिली में फर्स्ट टाइमर हो, तो एक प्रकार से ऐसे इवेंट मेरा जो यह मेरा मकसद है उसका ग्राउंड बना रहे हैं। दूसरा मेरा व्यक्तिगत लाभ है, व्यक्तिगत लाभ यह है कि 2029 में जो वोट करने जाएंगे उनको पता ही नहीं है कि 2014 के पहले अखबारों की हेडलाइन क्या हुआ करती थी, उसे पता नहीं है, 10-10, 12-12 लाख करोड़ के घोटाले होते थे, उसे पता नहीं है और वो जब 2029 में वोट करने जाएगा, तो उसके सामने कंपैरिजन के लिए कुछ नहीं होगा और इसलिए मुझे उस कसौटी से पार होना है और मुझे पक्का विश्वास है, यह जो ग्राउंड बन रहा है ना, वो उस काम को पक्का कर देगा।

साथियों,

आज पूरी दुनिया कह रही है कि ये भारत की सदी है, ये आपने नहीं सुना है। भारत की उपलब्धियों ने, भारत की सफलताओं ने पूरे विश्व में एक नई उम्मीद जगाई है। जिस भारत के बारे में कहा जाता था, ये खुद भी डूबेगा और हमें भी ले डूबेगा, वो भारत आज दुनिया की ग्रोथ को ड्राइव कर रहा है। मैं भारत के फ्यूचर की दिशा क्या है, ये हमें आज के हमारे काम और सिद्धियों से पता चलता है। आज़ादी के 65 साल बाद भी भारत दुनिया की ग्यारहवें नंबर की इकॉनॉमी था। बीते दशक में हम दुनिया की पांचवें नंबर की इकॉनॉमी बने, और अब उतनी ही तेजी से दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहे हैं।

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साथियों,

मैं आपको 18 साल पहले की भी बात याद दिलाता हूं। ये 18 साल का खास कारण है, क्योंकि जो लोग 18 साल की उम्र के हुए हैं, जो पहली बार वोटर बन रहे हैं, उनको 18 साल के पहले का पता नहीं है, इसलिए मैंने वो आंकड़ा लिया है। 18 साल पहले यानि 2007 में भारत की annual GDP, एक लाख करोड़ डॉलर तक पहुंची थी। यानि आसान शब्दों में कहें तो ये वो समय था, जब एक साल में भारत में एक लाख करोड़ डॉलर की इकॉनॉमिक एक्टिविटी होती थी। अब आज देखिए क्या हो रहा है? अब एक क्वार्टर में ही लगभग एक लाख करोड़ डॉलर की इकॉनॉमिक एक्टिविटी हो रही है। इसका क्या मतलब हुआ? 18 साल पहले के भारत में साल भर में जितनी इकॉनॉमिक एक्टिविटी हो रही थी, उतनी अब सिर्फ तीन महीने में होने लगी है। ये दिखाता है कि आज का भारत कितनी तेजी से आगे बढ़ रहा है। मैं आपको कुछ उदाहरण दूंगा, जो दिखाते हैं कि बीते एक दशक में कैसे बड़े बदलाव भी आए और नतीजे भी आए। बीते 10 सालों में, हम 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में सफल हुए हैं। ये संख्या कई देशों की कुल जनसंख्या से भी ज्यादा है। आप वो दौर भी याद करिए, जब सरकार खुद स्वीकार करती थी, प्रधानमंत्री खुद कहते थे, कि एक रूपया भेजते थे, तो 15 पैसा गरीब तक पहुंचता था, वो 85 पैसा कौन पंजा खा जाता था और एक आज का दौर है। बीते दशक में गरीबों के खाते में, DBT के जरिए, Direct Benefit Transfer, DBT के जरिए 42 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा ट्रांसफर किए गए हैं, 42 लाख करोड़ रुपए। अगर आप वो हिसाब लगा दें, रुपये में से 15 पैसे वाला, तो 42 लाख करोड़ का क्या हिसाब निकलेगा? साथियों, आज दिल्ली से एक रुपया निकलता है, तो 100 पैसे आखिरी जगह तक पहुंचते हैं।

साथियों,

10 साल पहले सोलर एनर्जी के मामले में भारत दुनिया में कहीं गिनती नहीं होती थी। लेकिन आज भारत सोलर एनर्जी कैपेसिटी के मामले में दुनिया के टॉप-5 countries में से है। हमने सोलर एनर्जी कैपेसिटी को 30 गुना बढ़ाया है। Solar module manufacturing में भी 30 गुना वृद्धि हुई है। 10 साल पहले तो हम होली की पिचकारी भी, बच्चों के खिलौने भी विदेशों से मंगाते थे। आज हमारे Toys Exports तीन गुना हो चुके हैं। 10 साल पहले तक हम अपनी सेना के लिए राइफल तक विदेशों से इंपोर्ट करते थे और बीते 10 वर्षों में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट 20 गुना बढ़ गया है।

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साथियों,

इन 10 वर्षों में, हम दुनिया के दूसरे सबसे बड़े स्टील प्रोड्यूसर हैं, दुनिया के दूसरे सबसे बड़े मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरर हैं और दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बने हैं। इन्हीं 10 सालों में हमने इंफ्रास्ट्रक्चर पर अपने Capital Expenditure को, पांच गुना बढ़ाया है। देश में एयरपोर्ट्स की संख्या दोगुनी हो गई है। इन दस सालों में ही, देश में ऑपरेशनल एम्स की संख्या तीन गुना हो गई है। और इन्हीं 10 सालों में मेडिकल कॉलेजों और मेडिकल सीट्स की संख्या भी करीब-करीब दोगुनी हो गई है।

साथियों,

आज के भारत का मिजाज़ कुछ और ही है। आज का भारत बड़ा सोचता है, बड़े टार्गेट तय करता है और आज का भारत बड़े नतीजे लाकर के दिखाता है। और ये इसलिए हो रहा है, क्योंकि देश की सोच बदल गई है, भारत बड़ी Aspirations के साथ आगे बढ़ रहा है। पहले हमारी सोच ये बन गई थी, चलता है, होता है, अरे चलने दो यार, जो करेगा करेगा, अपन अपना चला लो। पहले सोच कितनी छोटी हो गई थी, मैं इसका एक उदाहरण देता हूं। एक समय था, अगर कहीं सूखा हो जाए, सूखाग्रस्त इलाका हो, तो लोग उस समय कांग्रेस का शासन हुआ करता था, तो मेमोरेंडम देते थे गांव के लोग और क्या मांग करते थे, कि साहब अकाल होता रहता है, तो इस समय अकाल के समय अकाल के राहत के काम रिलीफ के वर्क शुरू हो जाए, गड्ढे खोदेंगे, मिट्टी उठाएंगे, दूसरे गड्डे में भर देंगे, यही मांग किया करते थे लोग, कोई कहता था क्या मांग करता था, कि साहब मेरे इलाके में एक हैंड पंप लगवा दो ना, पानी के लिए हैंड पंप की मांग करते थे, कभी कभी सांसद क्या मांग करते थे, गैस सिलेंडर इसको जरा जल्दी देना, सांसद ये काम करते थे, उनको 25 कूपन मिला करती थी और उस 25 कूपन को पार्लियामेंट का मेंबर अपने पूरे क्षेत्र में गैस सिलेंडर के लिए oblige करने के लिए उपयोग करता था। एक साल में एक एमपी 25 सिलेंडर और यह सारा 2014 तक था। एमपी क्या मांग करते थे, साहब ये जो ट्रेन जा रही है ना, मेरे इलाके में एक स्टॉपेज दे देना, स्टॉपेज की मांग हो रही थी। यह सारी बातें मैं 2014 के पहले की कर रहा हूं, बहुत पुरानी नहीं कर रहा हूं। कांग्रेस ने देश के लोगों की Aspirations को कुचल दिया था। इसलिए देश के लोगों ने उम्मीद लगानी भी छोड़ दी थी, मान लिया था यार इनसे कुछ होना नहीं है, क्या कर रहा है।। लोग कहते थे कि भई ठीक है तुम इतना ही कर सकते हो तो इतना ही कर दो। और आज आप देखिए, हालात और सोच कितनी तेजी से बदल रही है। अब लोग जानते हैं कि कौन काम कर सकता है, कौन नतीजे ला सकता है, और यह सामान्य नागरिक नहीं, आप सदन के भाषण सुनोगे, तो विपक्ष भी यही भाषण करता है, मोदी जी ये क्यों नहीं कर रहे हो, इसका मतलब उनको लगता है कि यही करेगा।

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साथियों,

आज जो एस्पिरेशन है, उसका प्रतिबिंब उनकी बातों में झलकता है, कहने का तरीका बदल गया , अब लोगों की डिमांड क्या आती है? लोग पहले स्टॉपेज मांगते थे, अब आकर के कहते जी, मेरे यहां भी तो एक वंदे भारत शुरू कर दो। अभी मैं कुछ समय पहले कुवैत गया था, तो मैं वहां लेबर कैंप में नॉर्मली मैं बाहर जाता हूं तो अपने देशवासी जहां काम करते हैं तो उनके पास जाने का प्रयास करता हूं। तो मैं वहां लेबर कॉलोनी में गया था, तो हमारे जो श्रमिक भाई बहन हैं, जो वहां कुवैत में काम करते हैं, उनसे कोई 10 साल से कोई 15 साल से काम, मैं उनसे बात कर रहा था, अब देखिए एक श्रमिक बिहार के गांव का जो 9 साल से कुवैत में काम कर रहा है, बीच-बीच में आता है, मैं जब उससे बातें कर रहा था, तो उसने कहा साहब मुझे एक सवाल पूछना है, मैंने कहा पूछिए, उसने कहा साहब मेरे गांव के पास डिस्ट्रिक्ट हेड क्वार्टर पर इंटरनेशनल एयरपोर्ट बना दीजिए ना, जी मैं इतना प्रसन्न हो गया, कि मेरे देश के बिहार के गांव का श्रमिक जो 9 साल से कुवैत में मजदूरी करता है, वह भी सोचता है, अब मेरे डिस्ट्रिक्ट में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनेगा। ये है, आज भारत के एक सामान्य नागरिक की एस्पिरेशन, जो विकसित भारत के लक्ष्य की ओर पूरे देश को ड्राइव कर रही है।

साथियों,

किसी भी समाज की, राष्ट्र की ताकत तभी बढ़ती है, जब उसके नागरिकों के सामने से बंदिशें हटती हैं, बाधाएं हटती हैं, रुकावटों की दीवारें गिरती है। तभी उस देश के नागरिकों का सामर्थ्य बढ़ता है, आसमान की ऊंचाई भी उनके लिए छोटी पड़ जाती है। इसलिए, हम निरंतर उन रुकावटों को हटा रहे हैं, जो पहले की सरकारों ने नागरिकों के सामने लगा रखी थी। अब मैं उदाहरण देता हूं स्पेस सेक्टर। स्पेस सेक्टर में पहले सबकुछ ISRO के ही जिम्मे था। ISRO ने निश्चित तौर पर शानदार काम किया, लेकिन स्पेस साइंस और आंत्रप्रन्योरशिप को लेकर देश में जो बाकी सामर्थ्य था, उसका उपयोग नहीं हो पा रहा था, सब कुछ इसरो में सिमट गया था। हमने हिम्मत करके स्पेस सेक्टर को युवा इनोवेटर्स के लिए खोल दिया। और जब मैंने निर्णय किया था, किसी अखबार की हेडलाइन नहीं बना था, क्योंकि समझ भी नहीं है। रिपब्लिक टीवी के दर्शकों को जानकर खुशी होगी, कि आज ढाई सौ से ज्यादा स्पेस स्टार्टअप्स देश में बन गए हैं, ये मेरे देश के युवाओं का कमाल है। यही स्टार्टअप्स आज, विक्रम-एस और अग्निबाण जैसे रॉकेट्स बना रहे हैं। ऐसे ही mapping के सेक्टर में हुआ, इतने बंधन थे, आप एक एटलस नहीं बना सकते थे, टेक्नॉलाजी बदल चुकी है। पहले अगर भारत में कोई मैप बनाना होता था, तो उसके लिए सरकारी दरवाजों पर सालों तक आपको चक्कर काटने पड़ते थे। हमने इस बंदिश को भी हटाया। आज Geo-spatial mapping से जुडा डेटा, नए स्टार्टअप्स का रास्ता बना रहा है।

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साथियों,

न्यूक्लियर एनर्जी, न्यूक्लियर एनर्जी से जुड़े सेक्टर को भी पहले सरकारी कंट्रोल में रखा गया था। बंदिशें थीं, बंधन थे, दीवारें खड़ी कर दी गई थीं। अब इस साल के बजट में सरकार ने इसको भी प्राइवेट सेक्टर के लिए ओपन करने की घोषणा की है। और इससे 2047 तक 100 गीगावॉट न्यूक्लियर एनर्जी कैपेसिटी जोड़ने का रास्ता मजबूत हुआ है।

साथियों,

आप हैरान रह जाएंगे, कि हमारे गांवों में 100 लाख करोड़ रुपए, Hundred lakh crore rupees, उससे भी ज्यादा untapped आर्थिक सामर्थ्य पड़ा हुआ है। मैं आपके सामने फिर ये आंकड़ा दोहरा रहा हूं- 100 लाख करोड़ रुपए, ये छोटा आंकड़ा नहीं है, ये आर्थिक सामर्थ्य, गांव में जो घर होते हैं, उनके रूप में उपस्थित है। मैं आपको और आसान तरीके से समझाता हूं। अब जैसे यहां दिल्ली जैसे शहर में आपके घर 50 लाख, एक करोड़, 2 करोड़ के होते हैं, आपकी प्रॉपर्टी की वैल्यू पर आपको बैंक लोन भी मिल जाता है। अगर आपका दिल्ली में घर है, तो आप बैंक से करोड़ों रुपये का लोन ले सकते हैं। अब सवाल यह है, कि घर दिल्ली में थोड़े है, गांव में भी तो घर है, वहां भी तो घरों का मालिक है, वहां ऐसा क्यों नहीं होता? गांवों में घरों पर लोन इसलिए नहीं मिलता, क्योंकि भारत में गांव के घरों के लीगल डॉक्यूमेंट्स नहीं होते थे, प्रॉपर मैपिंग ही नहीं हो पाई थी। इसलिए गांव की इस ताकत का उचित लाभ देश को, देशवासियों को नहीं मिल पाया। और ये सिर्फ भारत की समस्या है ऐसा नहीं है, दुनिया के बड़े-बड़े देशों में लोगों के पास प्रॉपर्टी के राइट्स नहीं हैं। बड़ी-बड़ी अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं कहती हैं, कि जो देश अपने यहां लोगों को प्रॉपर्टी राइट्स देता है, वहां की GDP में उछाल आ जाता है।

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साथियों,

भारत में गांव के घरों के प्रॉपर्टी राइट्स देने के लिए हमने एक स्वामित्व स्कीम शुरु की। इसके लिए हम गांव-गांव में ड्रोन से सर्वे करा रहे हैं, गांव के एक-एक घर की मैपिंग करा रहे हैं। आज देशभर में गांव के घरों के प्रॉपर्टी कार्ड लोगों को दिए जा रहे हैं। दो करोड़ से अधिक प्रॉपर्टी कार्ड सरकार ने बांटे हैं और ये काम लगातार चल रहा है। प्रॉपर्टी कार्ड ना होने के कारण पहले गांवों में बहुत सारे विवाद भी होते थे, लोगों को अदालतों के चक्कर लगाने पड़ते थे, ये सब भी अब खत्म हुआ है। इन प्रॉपर्टी कार्ड्स पर अब गांव के लोगों को बैंकों से लोन मिल रहे हैं, इससे गांव के लोग अपना व्यवसाय शुरू कर रहे हैं, स्वरोजगार कर रहे हैं। अभी मैं एक दिन ये स्वामित्व योजना के तहत वीडियो कॉन्फ्रेंस पर उसके लाभार्थियों से बात कर रहा था, मुझे राजस्थान की एक बहन मिली, उसने कहा कि मैंने मेरा प्रॉपर्टी कार्ड मिलने के बाद मैंने 9 लाख रुपये का लोन लिया गांव में और बोली मैंने बिजनेस शुरू किया और मैं आधा लोन वापस कर चुकी हूं और अब मुझे पूरा लोन वापस करने में समय नहीं लगेगा और मुझे अधिक लोन की संभावना बन गई है कितना कॉन्फिडेंस लेवल है।

साथियों,

ये जितने भी उदाहरण मैंने दिए हैं, इनका सबसे बड़ा बेनिफिशरी मेरे देश का नौजवान है। वो यूथ, जो विकसित भारत का सबसे बड़ा स्टेकहोल्डर है। जो यूथ, आज के भारत का X-Factor है। इस X का अर्थ है, Experimentation Excellence और Expansion, Experimentation यानि हमारे युवाओं ने पुराने तौर तरीकों से आगे बढ़कर नए रास्ते बनाए हैं। Excellence यानी नौजवानों ने Global Benchmark सेट किए हैं। और Expansion यानी इनोवेशन को हमारे य़ुवाओं ने 140 करोड़ देशवासियों के लिए स्केल-अप किया है। हमारा यूथ, देश की बड़ी समस्याओं का समाधान दे सकता है, लेकिन इस सामर्थ्य का सदुपयोग भी पहले नहीं किया गया। हैकाथॉन के ज़रिए युवा, देश की समस्याओं का समाधान भी दे सकते हैं, इसको लेकर पहले सरकारों ने सोचा तक नहीं। आज हम हर वर्ष स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन आयोजित करते हैं। अभी तक 10 लाख युवा इसका हिस्सा बन चुके हैं, सरकार की अनेकों मिनिस्ट्रीज और डिपार्टमेंट ने गवर्नेंस से जुड़े कई प्रॉब्लम और उनके सामने रखें, समस्याएं बताई कि भई बताइये आप खोजिये क्या सॉल्यूशन हो सकता है। हैकाथॉन में हमारे युवाओं ने लगभग ढाई हज़ार सोल्यूशन डेवलप करके देश को दिए हैं। मुझे खुशी है कि आपने भी हैकाथॉन के इस कल्चर को आगे बढ़ाया है। और जिन नौजवानों ने विजय प्राप्त की है, मैं उन नौजवानों को बधाई देता हूं और मुझे खुशी है कि मुझे उन नौजवानों से मिलने का मौका मिला।

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साथियों,

बीते 10 वर्षों में देश ने एक new age governance को फील किया है। बीते दशक में हमने, impact less administration को Impactful Governance में बदला है। आप जब फील्ड में जाते हैं, तो अक्सर लोग कहते हैं, कि हमें फलां सरकारी स्कीम का बेनिफिट पहली बार मिला। ऐसा नहीं है कि वो सरकारी स्कीम्स पहले नहीं थीं। स्कीम्स पहले भी थीं, लेकिन इस लेवल की last mile delivery पहली बार सुनिश्चित हो रही है। आप अक्सर पीएम आवास स्कीम के बेनिफिशरीज़ के इंटरव्यूज़ चलाते हैं। पहले कागज़ पर गरीबों के मकान सेंक्शन होते थे। आज हम जमीन पर गरीबों के घर बनाते हैं। पहले मकान बनाने की पूरी प्रक्रिया, govt driven होती थी। कैसा मकान बनेगा, कौन सा सामान लगेगा, ये सरकार ही तय करती थी। हमने इसको owner driven बनाया। सरकार, लाभार्थी के अकाउंट में पैसा डालती है, बाकी कैसा घर बनेगा, ये लाभार्थी खुद डिसाइड करता है। और घर के डिजाइन के लिए भी हमने देशभर में कंपीटिशन किया, घरों के मॉडल सामने रखे, डिजाइन के लिए भी लोगों को जोड़ा, जनभागीदारी से चीज़ें तय कीं। इससे घरों की क्वालिटी भी अच्छी हुई है और घर तेज़ गति से कंप्लीट भी होने लगे हैं। पहले ईंट-पत्थर जोड़कर आधे-अधूरे मकान बनाकर दिए जाते थे, हमने गरीब को उसके सपनों का घर बनाकर दिया है। इन घरों में नल से जल आता है, उज्ज्वला योजना का गैस कनेक्शन होता है, सौभाग्य योजना का बिजली कनेक्शन होता है, हमने सिर्फ चार दीवारें खड़ी नहीं कीं है, हमने उन घरों में ज़िंदगी खड़ी की है।

साथियों,

किसी भी देश के विकास के लिए बहुत जरूरी पक्ष है उस देश की सुरक्षा, नेशनल सिक्योरिटी। बीते दशक में हमने सिक्योरिटी पर भी बहुत अधिक काम किया है। आप याद करिए, पहले टीवी पर अक्सर, सीरियल बम ब्लास्ट की ब्रेकिंग न्यूज चला करती थी, स्लीपर सेल्स के नेटवर्क पर स्पेशल प्रोग्राम हुआ करते थे। आज ये सब, टीवी स्क्रीन और भारत की ज़मीन दोनों जगह से गायब हो चुका है। वरना पहले आप ट्रेन में जाते थे, हवाई अड्डे पर जाते थे, लावारिस कोई बैग पड़ा है तो छूना मत ऐसी सूचनाएं आती थी, आज वो जो 18-20 साल के नौजवान हैं, उन्होंने वो सूचना सुनी नहीं होगी। आज देश में नक्सलवाद भी अंतिम सांसें गिन रहा है। पहले जहां सौ से अधिक जिले, नक्सलवाद की चपेट में थे, आज ये दो दर्जन से भी कम जिलों में ही सीमित रह गया है। ये तभी संभव हुआ, जब हमने nation first की भावना से काम किया। हमने इन क्षेत्रों में Governance को Grassroot Level तक पहुंचाया। देखते ही देखते इन जिलों मे हज़ारों किलोमीटर लंबी सड़कें बनीं, स्कूल-अस्पताल बने, 4G मोबाइल नेटवर्क पहुंचा और परिणाम आज देश देख रहा है।

साथियों,

सरकार के निर्णायक फैसलों से आज नक्सलवाद जंगल से तो साफ हो रहा है, लेकिन अब वो Urban सेंटर्स में पैर पसार रहा है। Urban नक्सलियों ने अपना जाल इतनी तेज़ी से फैलाया है कि जो राजनीतिक दल, अर्बन नक्सल के विरोधी थे, जिनकी विचारधारा कभी गांधी जी से प्रेरित थी, जो भारत की ज़ड़ों से जुड़ी थी, ऐसे राजनीतिक दलों में आज Urban नक्सल पैठ जमा चुके हैं। आज वहां Urban नक्सलियों की आवाज, उनकी ही भाषा सुनाई देती है। इसी से हम समझ सकते हैं कि इनकी जड़ें कितनी गहरी हैं। हमें याद रखना है कि Urban नक्सली, भारत के विकास और हमारी विरासत, इन दोनों के घोर विरोधी हैं। वैसे अर्नब ने भी Urban नक्सलियों को एक्सपोज करने का जिम्मा उठाया हुआ है। विकसित भारत के लिए विकास भी ज़रूरी है और विरासत को मज़बूत करना भी आवश्यक है। और इसलिए हमें Urban नक्सलियों से सावधान रहना है।

साथियों,

आज का भारत, हर चुनौती से टकराते हुए नई ऊंचाइयों को छू रहा है। मुझे भरोसा है कि रिपब्लिक टीवी नेटवर्क के आप सभी लोग हमेशा नेशन फर्स्ट के भाव से पत्रकारिता को नया आयाम देते रहेंगे। आप विकसित भारत की एस्पिरेशन को अपनी पत्रकारिता से catalyse करते रहें, इसी विश्वास के साथ, आप सभी का बहुत-बहुत आभार, बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद!