Today our security forces have made-in-India weapons: PM Modi in Satara

Published By : Admin | April 29, 2024 | 14:30 IST
Army families of Satara are happy looking at the Indian Army who're becoming self-reliant. Today our security forces have made-in-India weapons: PM
I have people's blessings with me, Congress’s attempt to make reservations based on religion and attempt to change the constitution, won't succeed, says the PM

छत्रपति शिवाजी महाराज की…

छत्रपति संभाजी महाराज की…

छत्रपति राजर श शाहू महाराज की...

कृष्णा नदी च काठावर बसलेल्या, सातारकर माझा नमस्कार...

सातारा हर देश भक्त के लिए, हर भारत भक्त के लिए, किसी तीर्थ स्थल से कम नहीं है। यहां आपने छत्रपति उदयन राजे भोसले जी को उम्मीदवार बनाया है। मेरे साथी कहते थे, कि मोदी जी सातारा आने की जरूरत नहीं आप बहुत दौड़-धूप करते हैं नहीं आएगें तो चलेगा। मैंने सामने से कहा सातारा में भगवा पहले भी लहराता था और लहराता ही रहेगा। मैंने कहा नहीं भाई, मुझे तो आप सभी परिवारजनों के दर्शन की इच्छा है और मैं आज यहां आपके दर्शन करने आया हूं। आपके आशीर्वाद लेने के लिए आया हूं। और आपने जो भरोसा अपने इस सेवक पर जताया है उसकी जवाबदारी मेरी है। और इसलिए मैं आज यहां आया हूं। और ये जो मैं जोश- उत्साह देख रहा हूं इतनी बड़ी तादाद में माताएं- बहने आई हैं। यहां से संदेश साफ-साफ है और इस जोश उत्साह उमंग, ये साफ मतलब है फिर एक बार? फिर एक बार? फिर एक बार?

साथियों,

ये मेरा सौभाग्य है कुछ बातें याद आ जाती है जब यहां आता हूं तो, 2013 में जब भारतीय जनता पार्टी ने मुझे प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के लिए घोषित किया तब तो चुनाव घोषित नहीं हुए थे। लेकिन जब मुझे घोषित गया तो मैं रायगढ़ के किले पर चला गया और कोई भी काम शुरू करने से पहले मैं छत्रपति शिवाजी महाराज की समाधि के सामने ध्यानस्थ होकर उस पवित्र भूमि पर बैठा था और उस समय छत्रपति शिवाजी महाराज की उस समाधि स्थल से मुझे जो प्रेरणा मिली, जो ऊर्जा मिली, उस पवित्र माटी ने मुझे जो आशीर्वाद दिए, उसी की बदौलत मैं पिछले 10 साल उन्हीं आदर्शों- विचारों को जीने का प्रयास करता हूं। आपके लिए कुछ ना कुछ करने का प्रयास करता हूं।

साथियों,

सातारा ने छत्रपति शिवाजी महाराज के सुशासन को देखा है। सातारा की ये भूमि शौर्य की भूमि है। आज मिलिट्री अपसिंगे गांव हो या सातारा का कोई भी सैनिक परिवार हो, आत्मनिर्भर होती भारत की सेनाओं को देखकर वो सबसे ज्यादा खुश है। आज हमारी सेना के पास एक से बढ़कर एक मेड इन इंडिया हथियार है। अब आप ही बताइए भाइयों- बहनों ऐसे काम करके मोदी ने जिनकी दुकाने बंद कर दी वो खुश होंगे क्या? वो खुश होंगे क्या? हथियारों के जिन दलालों को कांग्रेस की सरकार बहुत अच्छी लगती थी वो कभी भी मोदी की वाहवाही करेंगे क्या?

साथियों,

मोदी ने सैनिक परिवारों को एक और गारंटी वन रैंक वन पेंशन की दी थी और मोदी ने ये गारंटी भी पूरी करके दिखाई। कोई कैसे भूल सकता है कि कांग्रेस ने 40 साल तक सैनिक परिवारों को वन रैंक वन पेंशन ओ-आर-ओपी उससे वंचित रखा सिर्फ 500 करोड़ रुपए का झुनझुना दिखाकर कांग्रेस कहती थी ओ-आर-ओपी लाएंगे यानि आंख में धूल झोंकने में इनकी ऐसी मास्टरी है, झूठ बोलने में इनकी ऐसी मास्टरी है। आज बीजेपी सरकार ओ-आर-ओपी के एक लाख करोड़ रुपए अब सोचिए वो 500 का खेल खेल रहे थे 500 करोड़ का। आज एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा अपने पूर्व सैनिकों को दे चुकी है।

भाइयों और बहनों,

देश 1947 में आजाद हुआ। कांग्रेस ने गुलामी की मानसिकता को फलने-फूलने दिया, पूरी दुनिया छत्रपति शिवाजी महाराज की नौ-सेना का लोहा मानती थी। आज भी विश्व में जब भी नौ- सेना की दुनिया में चर्चा होती है तो छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम लिया जाता है। लेकिन इतने सालों तक आजाद भारत की नौ- सेना के झंडे में अंग्रेजों का निशान था। एनडीए सरकार ने, मोदी ने आकर के उस अंग्रेजी के निशान को हटाया, हटा कर के रुका नहीं मोदी ने तय किया कि झंडे की ताकत तब बढ़ेगी, कि हमारी नौसेना के झंडे में अब छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रतीक को स्थान दिया जाएगा और दिया, डंके की चोट पर दिया। हमारी सरकार ने मराठा सेनाओं द्वारा बनाए गए एतिहासिक किलों को भी यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल करने के लिए नामांकन किया है। महाराष्ट्र का लोहगढ़ हो, सिंधु दुर्ग हो या फिर मराठा सेनाओं द्वारा बनाया गया तमिलनाडु का तमिलनाडु का जिंजी फोर्ट हो, इन सभी को वर्ल्ड हेरिटेज साइड की लिस्ट में लाने का हम प्रयास कर रहे हैं। मराठा विरासत की शान दुनिया में बढ़ेगी तो हम सबको गर्व होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए? गर्व होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए? दुनिया में डंका बजे तो गर्व होना, कैसे नहीं होना चाहिए? लेकिन कांग्रेस को तकलीफ होती है कि मोदी ये सब काम क्यों कर रहा है?

साथियों,

सातारा ने बाबा साहेब आंबेडकर, महात्मा फुले और सावित्रीबाई फुले के सामाजिक न्याय को गढ़ने में बड़ा योगदान दिया है। एनडीए सरकार ने 10 वर्षों में इसी प्रेरणा को सुशासन का आधार बनाया है। आप देखिए कांग्रेस ने 70 साल में से 60 साल देश पर शासन किया लेकिन बाबा साहेब आंबेडकर संविधान जम्मू- कश्मीर पर लागू नहीं होता था। 370 की दीवार बनाई हुई थी, आपके आशीर्वाद से आपके सेवक मोदी ने आर्टिकल 370 को ध्वस्त कर दिया। कब्रिस्तान में गाड़ दिया। मोदी ने आर्टिकल 370 हटाया, आप मुझे बताइए आपको गर्व होता है कि नहीं होता है? आपको गर्व होता है कि नहीं होता है? 370 हटा कर के देश की शान बढ़ी कि नहीं बढ़ी? देश की एकता को ताकत मिली कि नहीं मिली? ये गारंटी मोदी ने आपको दी थी और मोदी ने वो गारंटी पूरी कर दी। अब जम्मू कश्मीर में मैं जरा जो लोग आरक्षण के नाम पर झूठ बोल-बोल करके हमारे देश के लोगों को गुमराह करने में लगे हैं। मैं जरा चुभने वाला एक सवाल उनको पूछना चाहता हूं। इतने आरक्षण के गीत गा रहे हो, क्या जम्मू-कश्मीर में रहने वाले आदिवासी, जम्मू कश्मीर रहने वाले दलित, क्या वो आरक्षण के हकदार थे कि नहीं थे? जब देश के दलितों का आरक्षण मिल सकता है, देश के आदिवासियों का आरक्षण मिल सकता है, तो जम्मू- कश्मीर में मेरे दलित भाई- बहनों को, मेरे आदिवासी भाई बहनों को, आरक्षण से वंचित क्यों रखा गया? संविधान वहां पर लागू क्यों नहीं किया? क्योंकि वोट बैंक की राजनीति आप पर हावी रही है।

भाइयो बहनों,

370 हटाकर बाबा साहब अंबेडकर के संविधान को जम्मू- कश्मीर में भी लागू कर दिया। वहां मेरे दलित भाई- बहनों को आरक्षण का अधिकार मिला, आदिवासी भाई बहनों का आरक्षण का अधिकार मिला, ओबीसी भाई बहनों का आरक्षण का अधिकार मिला, वो हक मिल रहा है हिंदुस्तान की हर महिलाओं को मिल रहा है वो जम्मू कश्मीर में आजादी के इतने सालों के बाद मिल रहा है।

भाइयो और बहनों,

हमारी सरकार में ही मेरे देशवासियों को मुफ्त राशन, मुफ्त इलाज, पक्का घर, बिजली, पानी, अनगिनत सुविधाएं आखरी व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए मोदी ने अपना पल-पल खपाया है और ये लाभ पाने वालों में ज्यादातर कौन लोग है, कौन लोग थे जो इन चीजों से वंचित थे, इन सारे लाभ को पाने वाले सबसे ज्यादा मेरे दलित भाई बहन हैं, मेरे आदिवासी भाई बहन हैं, मेरे ओबीसी पिछड़े परिवार है, अब बीजेपी एनडीए की सरकार इन्हें प्राथमिकता देकर काम कर रही है।

साथियों,

हमारी सरकार ने ही, आरक्षण जो पॉलिटिकल आरक्षण की व्यवस्था है पहले जब अटल जी की सरकार थी तब उसका कार्यकाल बढ़ा दिया था और जब मोदी को आपने अवसर दिया मोदी ने फिर उस कार्यकाल को बढ़ा दिया ये हमारा कमिटमेंट है। हमने ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा दिया लेकिन कांग्रेस के इरादे क्या है ये हमने कर्नाटक में देखा है। क्या कर रहे हैं छत्रपति शिवाजी महाराज की धरती से मैं आपको जगाने आया हूं भाइयों। ये क्या खेल कर रहे जरा चौक जाएंगे आप सुन कर के। भारत का संविधान धर्म के आधार पर आरक्षण की मनाई करता है। बाबा साहब आंबेडकर धर्म के आधार पर आरक्षण की मनाई करते हैं। लेकिन उन्होंने क्या किया कर्नाटक में ओबीसी को जो आरक्षण मिला हुआ है 27%, उन्होंने रातोंरात सभी मुसलमानों को ओबीसी घोषित कर दिया। एक फतवा निकाल दिया, कागज पर ठप्पा मार दिया और रातोंरात ओबीसी के हक के जो 27% आरक्षण था उसमें से डाका डाला और अधिकतम उन्हीं को दे दिया। अब कांग्रेस संविधान बदलकर यही फार्मूला पूरे देश में लागू करना चाहती है। लेकिन कांग्रेस और इंडी अघाड़ी वाले कान-खोल करके सुन लीजिए जब तक मोदी जिंदा है, जब तक जनता-जनार्दन का मुझ पर आशीर्वाद है, धर्म के नाम पर आरक्षण लाने की आपकी कोशिश, संविधान को बदलने की आपकी कोशिश, मेरे जिंदा रहते आप नहीं कर पाओगे, लिख के रखना।

साथियों,

ये 21वीं सदी टेक्नोलॉजी ड्रिवन सदी है, और मैं स्वयं भी टेक्नोलॉजी का बहुत बड़ा समर्थक रहा हूं। मैंने सोशल मीडिया का उपयोग हमेशा जनता-जनार्दन से जुड़ने के लिए किया है। आपकी इच्छाओं, आकांक्षाओं को जानने के लिए किया है। आप तक सरकार का कोई कार्यक्रम पहुंच रहा है या नहीं, उस पर सुधार की गुंजाइश क्या है ऐसे फीडबैक के लिए मैंने सोशल मीडिया का उपयोग किया है। लेकिन ताजा घटनाएं परेशान करने वाली है। लोकतंत्र प्रेमी हर व्यक्ति को शर्मशार करने वाली है। जो लोग भाजपा से एनडीए से मुद्दों के आधार पर, सच्चाई के आधार पर, अपने कार्य के आधार पर, आमने-सामने राजनीतिक लड़ाई नहीं लड़ पा रहे हैं वो अब सोशल मीडिया पर फेक वीडियो फैला रहे हैं। हमारी पार्टी के अलग-अलग नेताओं की आवाज में आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके कभी मेरी आवाज, कभी हमारे अमित भाई की आवाज, कभी हमारे नड्डा जी की आवाज, कभी हमारे मुख्यमंत्रियों की आवाज, और जो कभी हमने सोचा भी ना हो ऐसे वाक्य हमारे मुंह में रख कर के आग लगाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसी खबरों से ऐसे वीडियो से समाज के अंदर तनाव पैदा करने का षड्यंत्र चल रहा है। देश में अगर शांतिपूर्ण चुनाव चलते रहे तो इनके इरादे कभी भी सफल नहीं हो सकते। और इसलिए आने वाले एक महीने के अंदर-अंदर देश में कोई बड़ी हरकतें करने का इनका इरादा है। और मैं बड़ी गंभीरता से उन पर आरोप लगा रहा हूं। सामाजिक तनाव पैदा करके अनहोनी घटनाएं घटे इसके खेल खेले जा रहे हैं। और इसलिए मैं छत्रपति शिवाजी महाराज की सातारा की पवित्र धरती से देशवासियों से कहना चाहता हूं मीडिया के मेरे साथियों को कहना चाहता हूं कि लोकतंत्र की भलाई के लिए, देश में सुख शांति के लिए, देश की एकता के लिए, कृपा करके जो भी फेक वीडियो निकलते हैं उनको हम एक्सपोज करें। ऐसे कोई भी वीडियो, कोई भी तस्वीर, आपके व्हाट्सएप पर आए, तो किसी सोशल मीडिया पर दिखे, तो मेरा रिक्वेस्ट है पुलिस को जानकारी दें। उसको फॉरवर्ड करने से पहले सोचिए, कहीं वो आपका भी नुकसान कर देगी। क्योंकि कानून बहुत कड़क है। और मैं नहीं चाहता हूं कि निर्दोष नागरिक इसके शिकार हो जाए और इसलिए ये फेक वीडियो इन सबसे हमारे समाज को बचाना हमारा दायित्व है। और ऐसे लोगों के विरुद्ध मैं इलेक्शन कमीशन से भी विशेष रूप से रिक्वेस्ट करता हूं, कि आप उनके ऊपर भी कठोर कार्यवाही करने के लिए कदम बढ़ाएं। सरकार पूरी तरह सच्चाई के साथ रहेगी, ये मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं।

साथियों,

हमारे यहां कांग्रेस ने स्वास्थ्य सेवाओं का ये हाल बना रखा था कि जिसको बीमारी हो जाती थी वो बदहाली तक पहुंच जाता था। बीमारी को बद- किस्मती मानने के अलावा कोई विकल्प बचा ही नहीं था। घर में किसी को गंभीर बीमारी हो जाती थी तो इलाज में खेत खलिहान तक बिक जाते थे। महिलाओं के गहने बिक जाते थे। कई-कई सौ किलोमीटर दूर जाना पड़ता था तब जाकर के कोई एक अस्पताल मिलता था। ये हालत बना रखी थी 60-70 साल के कांग्रेस के शासन ने। लेकिन मोदी ने स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी परेशानियों को भाग्य के नाम पर नहीं छोड़ा। मोदी ने हर देशवासी को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने का संकल्प लिया। हमने देश में 20 से ज्यादा नए एम्स बनाए, बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करने के लिए हमने बड़ी संख्या में मेडिकल कॉलेज खोले, 2014 में देश में करीब 50,000 एमबीबीएस की सीटें थीं। 50 हजार डॉक्टर निकलते थे। आज हर साल, एक लाख से ज्यादा एमबीबीएस डॉक्टर पढ़ कर के निकल रहे हैं। ये डॉक्टर छोटे शहर और ग्रामीण इलाको में भी इलाज का बड़ा माध्यम बन रहे हैं। आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के जरिए आज गांव-गांव में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार हो रहा है। यहां सातारा में लगभग 400 से ज्यादा आयुष्मान आरोग्य मंदिर बने हैं। अस्पतालों के बेहतर नेटवर्क के अलावा गरीब और इलाज का बोझ ना आए उनपर मुसीबतें ना झेलनी पड़े ये मोदी ने इसकी गारंटी दी। यहां सातारा में 15 से ज्यादा जन-औषधि केंद्रों पर 80% डिस्काउंट से दवाइयां मिल रही है। जो दवाई 100 रूपये की कीमत है वो सिर्फ 20 रूपये में मिलती है। आज करोड़ों लोगों के पास 5 लाख रुपये मुफ्त इलाज का आयुष्मान कार्ड है। और मैंने एक और गारंटी दी है आप घर-घर तक पहुंचाना, किसी भी परिवार में, किसी भी जाति वर्ग विशेष कोई भी परिवार, आपके घर में 70 साल की ऊपर के कोई जो भी व्यक्ति होंगे, अब उनकी बीमारी का खर्चा जो आपको करना पड़ता है अब वो खर्चा आपको नहीं करना पड़ेगा ये आपका बेटा मोदी करेगा। यानि कोई गरीब हो, मध्यम वर्ग से हो, या उच्च वर्ग से हो, अगर 70 वर्ष से ऊपर का है तो आयुष्मान योजना के दायरे में आएगा और उसको लाभ मिलेगा।

भाइयो और बहनों,

सत्ता को अपने खानदानी जागीर समझने वाले, आपकी इस तकलीफ को कभी नहीं समझ सकते। ये चिंता वही कर सकता है जो आपके बीच रहा हो, जिसने आपकी तकलीफों को देखा हो, जिसने आपकी तकलीफों को जिया हो।

साथियों,

कांग्रेस सरकार का रवैया गरीबों को लेकर क्या होता था? इसका अंदाजा आप उनकी नीतियों से लगा सकते हैं। आज हमारी सरकार 80 करोड़ जरूरतमंदों को हर महीने मुफ्त अनाज देती है। और जब से कोरोना आया तब से चालू किया और आने वाले पांच साल की भी गारंटी दी है। एक भी नया पैसा लिए बिना मुफ्त अनाज देते हैं। लेकिन जब कांग्रेस की सरकार थी तब लाखों टन अनाज सरकार के गोदामों में सड़ता था। पानी में भीगता था और कांग्रेस सरकार उसे गरीबों को देने को तैयार नहीं थी, मना कर दिया था इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा था सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया था और सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कांग्रेस सरकार अनाज गरीबों में बांटे, लेकिन तब कांग्रेस सरकार के प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह जी ने क्या कहा आप सुन कर के चौक जाएंगे। उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में दखल ना दे। यानि अनाज सड़ता है तो सड़े, गरीब भूख से मरता है तो मरे, लेकिन कांग्रेस सरकार गरीबों को अनाज देने को तैयार नहीं थी। ये कांग्रेस की असंवेदनशील होता थी और इसलिए ही आज जब मैं 80 करोड़ जरूरतमंदों को मुफ्त राशन दे रहा हूं तो कांग्रेस को सबसे ज्यादा दिक्कत होती है।

भाइयो और बहनों,

तुष्टिकरण के आगे घुटने टेक चुकी कांग्रेस ने एक और बड़ी घोषणा खतरनाक घोषणा की है। ये कांग्रेस कह रही है आपके खेत, आपके घर, आपके परिवार में माताओं-बहनों के गहने, उनके मंगलसूत्र कांग्रेस कहती है अब एक्सरे करेंगे, एक्सरे, आपके लॉकर में क्या पड़ा है एक्सरे करके देखेंगे। आपके घर में क्या पड़ा है एक्सरे करके देखेंगे.. यानि घर-घर छापामारी करेंगे और आपकी संपत्ति जब्त करेगें। एक लिमिट से ऊपर आपके पास जो भी है उसको लूटने का कांग्रेस सरकार इरादा रखती है। और उनकी जो खासम-खास वोट बैंक है ना उनको मजबूत करने के लिए उनको बाट देंगे। मैं जरा सातारा के भाई बहनों को पूछना चाहता हूं, क्या आप ऐसा होने देंगे? आप ऐसा होने देंगे? क्या आपको इस प्रकार की नीतिया मंजूर हैं? ऐसा सोचने वाले लोग देश की राज में होने चाहिए? मोदी का प्रयास है कि देश में हर बहन के नाम पर कोई न कोई प्रॉपर्टी हो। इसलिए घर बहनों के नाम पर दिए जा रहे हैं। जन-जन खातों से करोड़ों बहनों को पहली बार बैंक खाते खुले हैं। अब बीजेपी सरकार उसमें सीधा पैसा डालती है। मोदी अपनी बहनों को ड्रोन पायलट बनाने में जुटा है। मोदी ने तीन करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाने की गारंटी दी है। लेकिन कांग्रेस के शहजादे की चली, तो कांग्रेस माताओं- बहनों की कमाई उनके गहनों को भी नहीं छोड़ेगी।

साथियों,

मोदी का संकल्प हर बहन के घर तक और हर किसान के खेत तक पानी पहुंचाने का है। लक्ष्मण राव इनामदार लिफ्ट इरिगेशन स्कीम हो, तराली प्रोजेक्ट हो, टेंपू लिफ्ट इरिगेशन प्रोजेक्ट हो, बांग इरिगेशन प्रोजेक्ट हो, ऐसी हर सिंचाई परियोजना महायुवती सरकार की प्राथमिकता को दिखाते हैं। आने वाले पांच साल में ऐसे अनेक सिंचाई प्रोजेक्ट हम पूरा करेंगे।

साथियों,

हम खेती में सहकारिता का व्यापक विस्तार कर रहे हैं इसलिए पहली बार अलग सहकारिता मंत्रालय बनाया गया है। हमारी सरकार ने गन्ने के एफआरपी में रिकॉर्ड वृद्धि की। पहली बार शक्कर के एमएसपी तय की। हमारी सरकार इथेनॉल पर इतना जोर दे रही है इसका सीधा लाभ गन्ना किसानों को हो रहा है। पीएम किसान सम्मान निधि के करीब 1500 करोड़ रुपये यहां सातारा जिले के मेरे किसान भाइयों के खाते में जमा हुए हैं।

साथियों,

बीजेपी अपनी विरासत को भी शान से आगे बढ़ाने में जुटी है। इसलिए जो हमारे किले हैं उनको भी सजाया संवारा जा रहा है। यहां कनेक्टिविटी पर बहुत काम हो रहा है। हम यहां जो हमारे आस्था के स्थान हैं जो धरोहरें हैं वहां आना जाना आसान बना रहे हैं। मेरा आप से आग्रह है 7 मई को हर बूथ पर कमल खिलाना चाहिए। भारी मतदान होना चाहिए, और आपको मैं गारंटी देता हूं आपका सपना ये मेरा संकल्प है। और आपका सपना पूरा करने के लिए मेरा विजन भी है, और जीवन भी उसी के लिए है। 24/7, 24/7 फोर 2047.. इस मंत्र को लेकर के मैं काम कर रहा हूं। आप घर-घर जाइए, मतदान के लिए लोगों को प्रेरित करिए। ज्यादा से ज्यादा पोलिंग बूथ पर ज्यादा से ज्यादा वोटिंग पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ने के लिए गर्मी कितनी ही क्यों ना हो देश के लिए हम समय निकाले। मतदान अवश्य करें। क्या आप मतदान बढ़ाएंगे? घर घर जाएंगे? पोलिंग बूत जीतेंगे? अच्छा मेरा एक काम और करेंगे? मेरा एक पर्सनल काम करेंगे आप? जरा हाथ ऊपर करके बताएं तो मैं मानू? करेंगे? करेंगे? अच्छा घर-घर जाइएगा और कहिएगा कि मोदी जी सातारा आए थे और परिवार के सबको नमस्कार कहा है। मेरा नमस्कार पहुंचा देंगे? हर परिवार में मेरा नमस्कार पहुंचा देंगे?

बोलिए भारत माता की... भारत माता की... भारत माता की...

बहुत-बहुत धन्यवाद!

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।