भारत माता की जय,
भारत माता की जय,
भारत माता की जय।
जय भवानी, जय भवानी। मुंबईकर //बंधू आणि भगिनींनो// माझा तुम्हाला //नमस्कार। राम राम...// जय श्रीराम।
मैं सिद्धिविनायक, मुंबा देवी और महालक्ष्मी के चरणों में प्रणाम करता हूं। आज क्रांतिगुरु लहुजी वस्ताद सालवे जी की जयंती भी है। मैं मुंबई की धरती से लहुजी वस्ताद सालवे जी को, महाराष्ट्र की धरती के महान स्वतन्त्रता सेनानियों को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं।
साथियों,
आज महाराष्ट्र में इस चुनाव की ये मेरी आखिरी जनसभा है। मैंने इस दौरान पूरे महाराष्ट्र का दौरा किया। विदर्भ, मराठवाड़ा, पश्चिम महाराष्ट्र, उत्तर महाराष्ट्र, कोंकण, हर क्षेत्र के लोगों से मेरा संवाद हुआ। और अब मैं आमची मुंबई में हूं। पूरे महाराष्ट्र का आशीर्वाद आज महायुति के साथ है। आज हर ओर एक ही आवाज है- भाजपा-महायुति //आहे// तर गति आहे// महाराष्ट्राची// प्रगति आहे।
साथियों,
महाराष्ट्र की धरती से हर युग में नए चिंतन की नई धाराएं निकली हैं। यहीं से संत ज्ञानेश्वर, संत तुकाराम, संत नामदेव जैसे संतो, विद्वानों ने समाज को दिशा दिखाई। यहीं से छत्रपति शिवाजी महाराज ‘हिंदवी स्वराज’ का संकल्प देश को दिया। लोकमान्य तिलक और गोखले जी जैसी महान हस्तियों ने देशभक्ति की अलख जगाई। आज महाराष्ट्र में एक तरफ महायुति की विचारधारा है, जो इस विरासत पर गर्व करती है। दूसरी तरफ एक सोच महाअघाड़ी की भी है जो महाराष्ट्र के गौरव को लगातार अपमानित कर रही है। महाअघाड़ी के लोग तुष्टिकरण के गुलाम हो चुके हैं। ये वो अघाड़ी हैं, जो राममंदिर का विरोध करते हैं। ये वो अघाड़ी हैं, जो वोट पाने के लिए भगवा आतंकवाद का शब्द गढ़ते हैं। ये वो अघाड़ी हैं, जो आए दिन वीर सावरकर का अपमान करते हैं। ये वो अघाड़ी हैं, जो कश्मीर में 370 की वापसी के लिए प्रस्ताव पास करते हैं। ये कश्मीर में बाबा साहब आंबेडकर का संविधान लागू करने का विरोध करते हैं।
साथियों,
राजनीति में एक दूसरे पर वार-पलटवार करना समझ में आता है। लेकिन जब बात देश की उपलब्धि की हो तो हर राजनीतिक दल का कर्तव्य है कि वो देश को अपने दल से ऊपर रखे। भाजपा का, महायुति का ये मंत्र, ये नीति है, ये हमारी वृत्ति भी है, ये हमारी प्रवृत्ति भी है। लेकिन अघाड़ी वालों के लिए देश से ऊपर उनका दल है। जब भारत आगे बढ़ता है, तो अघाड़ी वालों को तकलीफ़ होती है। भारत की हर उपलब्धि पर अघाड़ी वाले सवाल उठाते हैं। यही लोग हैं जिन्होंने दशकों तक मराठी को अभिजात भाषा का दर्जा नहीं दिया और जब हमने मराठी भाषा को ये सम्मान दिया, तो इन्हें सांप सूंघ जाता है। इसलिए, आपको महाअघाड़ी वालों की राजनीति से, उनके इरादों से बहुत सावधान रहना है।
साथियों,
मुंबई सपनों का शहर है, तो महायुति सपनों को सिद्ध करने वाला गठबंधन है। देश का गरीब, मध्यम वर्ग, और सामान्य मानवी जिसे दशकों तक खुलकर सपने देखने का भी मौका नहीं मिला, आज उसके सपने पूरे हो रहे हैं। हमारी सरकार ने स्टार्टअप इंडिया अभियान शुरू किया। आज मुंबई में बड़ी संख्या में स्टार्टअप आ रहे हैं। वो गरीब, जिसे पहली बार पीएम-आवास योजना में पक्का घर मिला है। वो मिडिल क्लास, जिसे कम ब्याज पर होमलोन मिल रहा है। रेरा क़ानूनों के बाद जिसे पूरे जीवन की कमाई गंवाने का डर अब खत्म हो चुका है। वो आज अपने भविष्य को लेकर निश्चिंत हुआ है। आप मुंबई के रेहड़ी-पटरी वालों पर नज़र डालिए। आज लगभग 70 लाख रेहड़ी-पटरी वालों को पीएम स्वनिधि योजना की मदद से अपना व्यापार बढ़ाने में मदद मिली है। इसका फायदा, यहां मुंबई के भी हमारे एक लाख से ज्यादा रेहड़ी-पटरी वालों को मिला है। मैं मुंबई के हमारे साथियों का आभार व्यक्त करता हूं, एकाध साल पहले मुझे इन सभी रेहड़ी-पटरी वालों के कार्यक्रम में आने का अवसर मिला था। और उनके चेहरे पर जो उमंग था, जो उत्साह था, कुछ कर गुजरने का माद्दा था, वो वाकई प्रेरणा देने वाला था।
साथियों,
सेवा भावना से ये काम केवल और केवल बीजेपी और महायुति ही कर सकती है। और मैं बड़ी नम्रतापूर्वक आपको कहना चाहता हूं। और आप मेरे जीवन के हर गतिविधि से मेरी बात को तराजू से तौल सकते हैं। और इसीलिए मैं जिम्मेवारी के साथ भी कहता हूं और पूरी नम्रता से कहता हूं। आपके सपने ही हमारे संकल्प हैं। मोदी आपके सपनों को जीता है, आपके सपनों के लिए जागता है और उन्हें पूरा करने के लिए जी-जान से मेहनत की गारंटी देता है।
साथियों,
आज दुनिया का हर देश अपने बड़े शहरों को आधुनिक बनाने में लगा है। मुम्बई के लिए यही सपना बीजेपी और महायुति ने देखा है। आज हर मुंबईकर देख सकता है कि हम कितने बड़े स्केल पर विकास कार्यों को आगे बढ़ा रहे हैं। हमारी सरकार, मुंबई को कनेक्टिविटी की हर परेशानी से मुक्ति दिलाना चाहती है। और शिंदे जी ने और देवेंद्र जी ने अभी विस्तार से इसका वर्णन भी किया है। आज मुंबई में लाखों करोड़ रुपए की परियोजनाएं चल रही हैं। मेट्रो लाइन हों, लोकल ट्रेनें हों, मुंबई और आसपास के शहरों को जोड़ने वाले पुल हों, महामार्ग हों, एयरपोर्ट हो, हर दिशा में तेजी से काम हो रहा है।
साथियों,
हमारे देश में आजादी के बाद दशकों तक केंद्र में कांग्रेस की सरकार रही। यहां भी दशकों तक कांग्रेस की सरकार रही लेकिन मुंबई को लेकर इन्होंने कोई फॉर्वर्ड प्लानिंग की परवाह ही नहीं की। नतीजा ये हुआ कि हमारी मुम्बई, लगातार पिछड़ती चली गयी! कांग्रेस का मिज़ाज मुम्बई के ठीक उल्टा है। मुम्बई का मिज़ाज यानी- ईमानदारी और कड़ी मेहनत! मुम्बई का मिज़ाज यानी- आगे बढ़ने की ललक! लेकिन, कांग्रेस का मिज़ाज क्या है? कांग्रेस का मिज़ाज है, भ्रष्टाचार! कांग्रेस का मिज़ाज है- देश को पीछे धकेलना! कांग्रेस का मिज़ाज है- विकास में अड़ंगा डालना। आपको याद रखना है, इन्होंने अटल सेतु का विरोध किया था, इन्होंने मेट्रो का विरोध किया था। हम जब इनोवेशन की बात कर रहे थे, हम जब डिजिटल इंडिया और UPI की बात कर रहे थे तब कांग्रेस और उसके ये साथी टेक्नालजी और UPI का मज़ाक उड़ाते थे। ऐसी सोच वाले लोग मुंबई को कभी आगे नहीं ले जा सकते।
भाइयों बहनों,
हमारी मुम्बई जोड़ने में विश्वास करती है। लेकिन कांग्रेस और अघाड़ी केवल और केवल तोड़ने की बात करते हैं। मुंबई में हर जाति-समुदाय के लोग आते हैं, हर भाषा के लोग आते हैं, एक साथ रहते हैं। लेकिन, अहाअघाड़ी वाले, जाति के नाम पर लोगों को लड़वाने में लगे हैं।
साथियों,
कांग्रेस का शाही परिवार, दलितों-पिछड़ों-आदिवासियों से नफरत करता है। सरकार बनाने के लिए तड़प रही कांग्रेस, बिना पानी के जैसे मछली तड़पती है न। ST-SC-OBC की एकजुटता तोड़ना चाहती है। इसलिए वो ST की जातियों को आपस में लड़ा रही है। SC-OBC की जातियों को आपस में लड़ा रही है। ये जातियां लड़ेंगी तो कमजोर होंगी और जितनी ज्यादा जातियां कमजोर होंगी, कांग्रेस मजबूत होती चली जाएगी। मजबूत कांग्रेस, सरकार में आकर ST-SC-OBC को ही तबाह करेगी। आपका आरक्षण छीन लेगी। इसलिए ही मैं बार-बार कह रहा हूं। आज इस बात की सबसे ज्यादा जरूरत है, जिस प्रकार से अघाड़ी के लोग कारनामे कर रहे हैं। जिस प्रकार से कांग्रेस के शहजादे देश में तबाही की भाषा बोल रहे हैं। तब आज एक बात बहुत जरूरी हो गई है। और वो है - एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं, तो... एक हैं, तो... एक हैं, तो...।
मुंबई तो बालासाहेब ठाकरे के सिद्धांतों का शहर है। मुंबई स्वाभिमान का शहर है। लेकिन अघाड़ी में एक ऐसा दल है, जिसने बाला साहब का अपमान करने वाली कांग्रेस के हाथ में अपना रिमोट कंट्रोल दे दिया है। इसलिए मैंने इन्हें चुनौती दी थी कि कांग्रेस के मुंह से, कांग्रेस के शहजादे के मुंह से बाला साहेब ठाकरे की प्रशंसा के लिए कुछ बात जरा करवा करके दिखाएं। अरे एक बार तो कांग्रेस के शहजादे के मुंह से निकलवाइए, हिंदू हृदय सम्राट बाला साहब ठाकरे। और जिस दिन आप ये करवा लोगे न आपको सचमुच में अच्छी नींद आएगी, कभी अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा। बाला साहब के आशीर्वाद मिलेंगे। आज तक ये लोग, कांग्रेस से, कांग्रेस के शहजादे से बाला साहेब की प्रशंसा नहीं करवा पाए हैं। यही अघाड़ी वालों की सच्चाई है। वीर सावरकार को गालियां देने वालों को भी ये लोग गले लगाते घूम रहे हैं।
साथियों,
मुंबई शहर ने लंबे समय तक आतंकवाद की पीड़ा झेली है। आतंकवाद से मिले जख्मों को यहां के लोग अब भी भूले नहीं हैं। एक समय था जब हर कोई यहां बसों में, ट्रेनों में, लोकल में डर-डर के चलता था। लोग सोचते थे कि आज अपने परिवार से मिल पाएंगे या नहीं, घर लौट पाएंगे या नहीं, अनहोनी की आशंका लगी रहती थी। लेकिन बीते वर्षों में लोगों के मन से सुरक्षा का भाव आया है। यही पुलिस थी, यही सुरक्षा एजेंसियां थीं, यही सरकार थी, यही फाइलें थी। लेकिन तब सरकार और थी, आज मोदी है। आपको सोचना है कि क्यों जब कांग्रेस सरकार थी तो मुंबई समेत देशभर में आतंकी घटनाएं होती रहती थीं। हर जगह आपको लावारिस वस्तुओं का डर दिखाया जाता था। बस में, ट्रेन में बैठते ही सूचना आती थी कि कोई लावारिश बैग तो नहीं पड़ी है, कहीं कुकर तो नजर नहीं आ रहा। कहां टिफिन बॉक्स तो नजर नहीं आ रहा। अगर दिखता है तो तुरंत पुलिस को जानकारी दीजिए। ऐसा कहा जाता था। अब ये सब बंद हो गया कि नहीं हो गया? ये सब गया कि नहीं गया? आज देश में मोदी की सरकार है। आतंक के आकाओं को पता है, अघाड़ी वालों को हो या न हो। भारत के खिलाफ कुछ किया, मुंबई के खिलाफ कुछ किया तो मोदी पाताल में भी उन्हें छोड़ेगा नहीं।
साथियों,
मुंबई की एक बहुत बड़ी ताकत है- महिलाओं की भागीदारी, और Women Led Development! देश के दूसरे शहरों में भी मुंबई की मिसाल दी जाती है। आज स्टार्टअप्स को लीड करने से लेकर ड्रोन दीदी की भूमिका निभाने तक, महाराष्ट्र की महिलाएं देश को दिशा दिखा रही हैं। महाराष्ट्र में 27 हजार से ज्यादा स्टार्टअप्स हैं, जिनमें से अनेकों स्टार्टअप्स का नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं। हमारी माताएं-बहनें-बेटियां कर रही हैं। देशभर में 70 हजार से ज्यादा ऐसे स्टार्टअप्स हैं, जिनमें कम से कम एक महिला डायरेक्टर के रूप में उसका नेतृत्व कर रही है। महिला नेतृत्व वाले कई स्टार्टअप्स Mumbai based हैं। ये महिलाएं बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर तैयार कर रही हैं। महायुति सरकार की माझी लाडकी बहिण योजना का लाभ बड़ी संख्या में मुंबई की माताओं-बहनों को भी मिला है। पीएम आवास योजना के तहत जो घर मिले हैं, उनमें से अधिकतर घर भी महिला सदस्य के नाम पर हैं। इससे महिलाओं के सामाजिक आर्थिक सशक्तिकरण में तेजी आई है।
साथियों,
मुझे पता है, मुम्बई का जोश कभी ठंडा नहीं पड़ता, और मुम्बईकर अपनी ज़िम्मेदारी पूरी जी-जान से निभाते हैं। इसलिए 20 तारीख को रिकॉर्ड मतदान की ज़िम्मेदारी मैं आप सब मेरे साथियों को देकर जाता हूं। हमेशा ये जोश बनाए रखना है। हमें महायुति के सभी उम्मीदवारों को भारी बहुमत से विजयी बनाना है। और आपको मुंबई में महायुति की नई सरकार के शपथ ग्रहण की भी तैयारी करनी है। और एक अंत में मैं कहूंगा, ये मेरी चुनावी सभा कम है। आज तो मैं महायुति की जब सरकार बनेगी, नतीजे आने के सात-दस दिन में, मैं उस महायुति की सरकार के शपथ समारोह का आपको निमंत्रण देने के लिए आया हूं।
साथियों,
मैंने इस बार झारखंड का चुनाव भी देखा है, महाराष्ट्र का चुनाव भी देखा है। मैं कुछ दिन पहले हरियाणा के चुनाव को भी देख रहा था। हरियाणे ने जिस प्रकार से कांग्रेसी की सारी योजनाओं को चकनाचूर कर दिया। उनके सारे सपनों को तहस-नहस कर दिया। जितने मुद्दे उन्होंने उठाए, हर मुद्दे को हरियाणा के लोगों ने करारा जवाब दिया। और मैं कह सकता हूं, झारखंड और महाराष्ट्र में भी हरियाणा से भी ज्यादा करारा जवाब ये महाअघाड़ी वालों को मिलने वाला है। झूठ लंबे समय तक जिंदा नहीं रह सकता। और देश की जनता ने हर झूठ को जमीन में गाड़ देने का तय कर लिया है।
साथियों,
ये लोग संविधान और वो भी कोरे कागज वाला संविधान, कुछ भी नहीं लिखा, वैसा संविधान। लेकिन देश को मैं बताना चाहता हूं। इस देश के लिए शर्म की बात है, हम सभी देशवासियों के लिए शर्म की बात है कि आजादी के बाद छह-सात दशक तक बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान जो हम सबको चलाता था। वो बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान पूरे हिंदुस्तान में लागू नहीं हुआ था। और ये बात कांग्रेस वालों ने छुपाए रखी थी। इस देश में जम्मू-कश्मीर में बाबा साहेब आंबेडकर का संविधान नहीं चलता था। वहां विधान अलग था, वहां प्रधान अलग था। और वहां का निशान, झंडा भी अलग था। छह-छह-सात दशक तक बाबासाहेब का अपमान इन्होंने किया था। 370 की ऐसी दीवार खड़ी कर दी थी कि बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान जम्मू-कश्मीर में घुस ही नहीं सकता था। जब आपने मोदी को सेवा का अवसर दिया। ये 370 को हमने जमीन में गाड़ दिया है। और तब जाकर के बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान जम्मू-कश्मीर में लागू हुआ। आप हैरान हो जाएंगे, जम्मू-कश्मीर में हाईकोर्ट का जज अगर महाराष्ट्र से गया होगा तो भी, आंध्र से गया होगा तो भी, तमिलनाडु से गया होगा तो भी जम्मू-कश्मीर में हाईकोर्ट का जज भारत के संविधान पर शपथ नहीं लेता था वो जम्मू-कश्मीर के विधान के आधार पर शपथ लेता था। जम्मू-कश्मीर के इसके पहले के किसी मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान की शपथ नहीं ली है। देशवासियों आज, अभी जो जम्मू-कश्मीर में सरकार बनी, आजादी के बाद पहली बार भारत के संविधान की शपथ लेकर के मुख्यमंत्री का काम शुरू हुआ। ये कमाल किसकी है? ये कमाल किसकी है? ये कमाल किसकी है? ये कमाल किसकी है? ये कमाल मोदी की नहीं है। ये आपके एक वोट की ताकत है कि 370 जमीन में चली गई। और इसीलिए आपके वोट की ताकत को समझ के फिर से एकबार मुझे महाराष्ट्र की सेवा का मौका दीजिए। मुझे आपके सपनों के लिए जीजान से जुटने का अवसर दीजिए। और इसीलिए मुझे महायुति का साथ चाहिए। आपके सपने पूरे करने के लिए महाराष्ट्र में महायुति की सरकार चाहिए ताकि मैं बिना कोई रोक टोक आपकी सेवा करता रहूं। इसीलिए मैं आज आपसे आशीर्वाद मांगने आया हूं, महायुति के लिए आशीर्वाद मांगने आया हूं, मेरे इन सभी साथियों के लिए आपका आशीर्वाद मांगने आया हूं।
मेरे साथ बोलिए,
भारत माता की जय,
भारत माता की जय,
भारत माता की जय।
बहुत-बहुत धन्यवाद।