Bengal wants to ask the TMC - why you are inducting those who fired in Nandigram to your party?: PM Modi
In all these years, Bengal politics has been criminalised, corruption institutionalised, and administration and police politicised: PM Modi in Bengal
Mamata didi promised parivartan in West Bengal. Everyone trusted her with her promise, but in 10 years, all they received was nirmamta: PM Modi
PM Modi says many international conspiracies to defame India coming to light
In a play on the red card in football, PM said Bengal is soon going to show the 'Ram card' to Trinamool: PM Modi
TMC govt rebirth of erstwhile Left rule, rebirth of corruption, crime, violence and attack on democracy: PM Modi in Bengal

नमस्कार,
भारत माता की... जय
भारत माता की... जय

आज हम मां गंगा के एक छोर पर हैं। लेकिन, जो मां गंगा का उद्गम स्थल है, वो राज्य उत्तराखंड इस समय आपदा का सामना कर रहा है। एक ग्लेशियर टूटने की वजह से वहां नदी का जलस्तर बढ़ गया। नुकसान की खबरें धीरे-धीरे आ रही है। मैं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र रावत जी, भारत सरकार के गृहमंत्री जी, एनडीआरएफ के अफसर, उन सबसे निरंतर संपर्क में हूं। वहां पर राहत और बचाव का कार्य पुरजोश करने का प्रयास चल रहा है। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। मेडिकल सुविधाओं में कोई कमी ना हो इस पर जोर दिया जा रहा है। वहां पर दो-एक दिन पहले ही काफी बर्फबारी भी हुई थी। मौसम काफी ठंडा है। लोगों की परेशानी कम से कम करने के लिए सरकार पूरा प्रयास कर रही है। उत्तराखंड में ऐसे परिवार मुश्किल से मिलते हैं, जिनका कोई ना कोई सदस्य फौज में ना हो। यानि वहां के लोगों का हौसला किसी भी आपदा को मात दे सकता है। उत्तराखंड के साहसी लोग के लिए मैं प्रार्थना कर रहा हूं, बंगाल प्रार्थना कर रहा है, देश प्रार्थना कर रहा है।

भारत सहित पूरी दुनिया को दिशा दिखाने वाले महान मनुष्यों, संतों, वीरों की पावनधरा बंगाल को मैं सर झुकाकर के नमन करता हूं। इस साल जब भारत आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है, तो ऐसी प्रेरणा भूमि में आना, इस मिट्टी को नमन करना, वो अपने आप में नई प्रेरणा देता है, नई ऊर्जा देता है।

पिछली बार मैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जन्मजयंती पर बंगाल आया था। आज हल्दिया सहित पश्चिम बंगाल के विकास से जुड़ी करीब पांच हजार करोड़ रुपयों की परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास करने के लिए आपके बीच आया हूं। इस कार्यक्रम के बाद सरकार के उस विधिवत कार्यक्रम के लिए मैं जाऊंगा। गैस कनेक्टविटी और रोड कनेक्टविटी को सश्कत करने वाली ये योजनाएं यहां सुविधाएं भी बढ़ाएगी और रोजगार के अनेक अवसर भी तैयार करेगी। रानी चक्का, आधुनिक फ्लाईओवर, हल्दिया डॉक कॉम्पलेक्स सुविधाओं का विस्तार करेगा, पड़ोसी देशों के साथ व्यापार कारोबार को आसान करेगा। फ्लाईओवर के अलावा गैस और इंजन से जुड़े तीन बड़े प्रोजेक्ट से भी यहां के उद्योगों को, यहां के नागरिकों को बहुत लाभ होने वाला है। डोभी-दुर्गापुर नेचुरल गैस पाइप लाइन अब बनकर के तैयार है। इससे पश्चिम बंगाल के अनेक जिलों में PNG और CNG की सुविधाएं पहुंचाने में मदद मिलेगी। इससे दुर्गापुर फर्टिलाइजर कारखाने के लिए भी पर्याप्त गैस मिल पाएगी। इसी तरह LPG इंपोर्ट टंर्मिनल से पश्चिम बंगाल के अलावा पूरे पूर्वी भारत में LPG गैस और आसानी से मिलेगी।

भाइयो और बहनो,
पश्चिम बंगाल का विकास और यहां आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण केंद्र सरकार की निरंतर प्राथमिकता रही है। कोलकाता में 8,500 करोड़ रुपये की लागत से मेट्रो प्रोजेक्ट पर तेजी से काम चल रहा है। इस बार के बजट में केंद्र सरकार ने इस अभियान को और विस्तार दिया है। केंद्र सरकार इस साल भी हजारों करोड़ रुपये पश्चिम बंगाल में नेशनल हाइवे बनाने में लगाने वाली है। इसके तहत कोलकात सिलिगुड़ी रोड को भी अपग्रेड किया जाएगा। पश्चिम बंगाल को पंजाब से जोड़ने वाली पूर्वी डेडिकेटेट फ्रंट कॉरिडोर बहुत जल्द बनकर पूरा होने वाला है। इसके अलावा, खड़गपुर से विजयवाड़ा के लिए नए थ्रेड कॉरिडोर की घोषणा की गई है। पश्चिम बंगाल में रेलवे पर भी पिछले साल की तुलना में 25 प्रतिशत से ज्यादा खर्च किया जाएगा। यही नहीं पूर्व मेदनीपुर में बेचुआगार्ड सिटिंग हार्बर को एक हब के रूप में विकसित किया जाएगा। इससे, हमारे मछुआरे साथियों को बहुत लाभ होगा।

साथियो,
इस साल के बजट में चाय बागानों से जुड़े लाखों साथियों पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। इनके लिए 1000 करोड़ रुपये के पैकेज की व्यवस्था की गई है। इस पैकेज का बहुत बड़ा लाभ पश्चिम बंगाल के चाय से जुड़े साथियों को विशेष तौर पर हमारी बहनों को मिलेगा। इससे उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में बहुत मदद मिलेगी। मैं इसके लिए चाय बागान से जुड़े सभी परिवारों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

भाइयो और बहनो,
आज जब मैं पश्चिम बंगाल आया हूं तो एक सवाल पूछना चाहता हूं। साथियो, गुलामी के कालखंड में भी पश्चिम बंगाल देश के सबसे विकसित राज्यों में सर्वोपरि रहा है। यहां हर प्रकार का इंफ्रास्ट्रक्चर बाकी देश के मुकाबले बहुत मजबूत था। उस कालखंड में भी यहां रोजगार के, स्वरोजगार के अनेकों अवसर थे। यहां के पोर्ट्स, समुद्र के रास्ते होने वाला व्यापार, पूरे देश में इसका कोई मुकाबला नहीं था। बंगाल के लोग, यहां के किसान इतने परिश्रमी हैं, यहां की जमीन इतनी उपजाऊ है। बंगाल से पढ़कर निकले लोगों को जो इज्जत, जो गौरव आज भी मिलता है, उसकी वजह, वो एक कालखंड था, जब यहां की शिक्षा देश में अव्वल नंबर पर रहती थी। बंगाल के सामर्थ्य ने हमेशा देश को दिशा दिखाई है, देश का मार्गदर्शन किया है। आखिर क्यों बंगाल विकास की अपनी उस रफ्तार को, उस गति को बरकरार नहीं रख पाया? बंगाल पहले से जितना आगे था, अगर बीते दशकों में उसकी वो गति और बढ़ी होती, तो आज बंगाल कहां से कहां पहुंच गया होता। अगर मैं हल्दिया पोर्ट सिटी की ही बात करूं को ये Chemical, Petrochemical, Fertiliser, Food Processing, Ports और Shipping जैसे सेक्टर्स का एक प्रकार से हब रहा है। तो फिर ऐसा क्या हो गया कि अन्य राज्यों के बंदरगाह व्यापार-कारोबार के बड़े केंद्र बनते चले गए और पश्चिम बंगाल पीछे रह गया?

साथियो,
आज यहां जितने भी उद्योग हैं, जितना भी कारोबार है, जितना भी इंफ्रास्ट्रक्चर है, वो सब के सब बदलाव चाहते हैं, आधुनिकता चाहते हैं। लेकिन आप सोचिए, बीते 10 सालों में यहां की सरकार ने कितनी फैक्ट्रियों का शिलान्यास या उद्घाटन किया? उस बड़े स्टील प्लांट का क्या हुआ जो यहां की अराजक व्यवस्थाओं के कारण शुरू ही नहीं हो सका? साथियों, पश्चिम बंगाल की इस स्थिति का सबसे बड़ा कारण है यहां की राजनीति। आजादी के बाद जब पश्चिम बंगाल के विकास को नई दिशा देने की जरूरत थी, तब यहां विकास वाली राजनीति नहीं हो पाई। पहले कांग्रेस ने शासन किया, तो भ्रष्टाचार का बोलबाला रहा। फिर लेफ्ट का शासन लंबे समय तक रहा, उन्होंने भ्रष्टाचार के साथ-साथ अत्याचार को जोड़ दिया और दोनों की तरफ आगे बढ़े और विकास पर उन्होंने ब्रेक लगा दिया। 2011 में पूरे देश की नजरें बंगाल पर थीं। लेफ्ट की हिंसा और भ्रष्टाचार का जर्जर किला ढहने की कगार पर था। उस समय, ममता दीदी ने बंगाल से ‘परिबोर्तोन’ का वादा किया। उनके इस वादे ने पूरे देश का ध्यान खींचा, लोगों ने भरोसा किया। बंगाल ममता की आस लेकर जी रहा था, लेकिन दस साल उसे निर्ममता मिली। ममता की अपेक्षा थी, निर्ममता का शिकार हो गया। लेकिन ममता सरकार के पहले साल में ही ये साफ हो गया कि बंगाल को जो मिला है वो परिवर्तन नहीं, ये तो लेफ्ट का पुनर्जीवन है। वो भी ब्याज समेत, सूद समेत!
लेफ्ट का पुनर्जीवन यानि,
भ्रष्टाचार का पुनर्जीवन,
अपराध और अपराधियों का पुनर्जीवन,
हिंसा का पुनर्जीवन,
लोकतन्त्र पर हमलों का पुनर्जीवन,
इससे पश्चिम बंगाल में गरीबी का दायरा और बढ़ता गया। पुराने उद्योगों में ताले लगते चले गए। नए उद्योग लगाने के लिए कोई उत्साह नहीं रहा। किसान को उतनी सुविधा नहीं मिलती, जितनी मिलनी चाहिए। जब सरकारी संरक्षण में लोग प्रॉपर्टी पर कब्जा करेंगे, जब सड़कों पर आए दिन खून-खराबा होगा, जब सरकारी भर्तियां पार्टी के लोग करेंगे, तो बंगाल के सामान्य नौजवान को रोजगार कैसे मिलेगा?

साथियो,
बंगाल में आप दीदी से अपने अधिकार की बात पूछ देंगे तो वो बौखला जाती हैं, तिलमिला जाती हैं। यहां तक कि भारत माता की जय के नारे लगा दो, तो भी वो नाराज हो जाती हैं। लेकिन देश के खिलाफ बोलने वाले कितना भी जहर उगल दें, दीदी को गुस्सा ही नहीं आता। अभी आपने न्यूज में देखा होगा, इन दिनों भारत को बदनाम करने के लिए कैसे कैसे अंतर्राष्ट्रीय षड्यंत्र सामने आ रहे हैं! कैसी-कैसी साजिशें खुल रही हैं! अब तो इस बात की प्लानिंग की जा रही है कि कैसे भारत को बदनाम करना है, कैसे भारत की छवि को बिगाड़ना है। साजिश करने वालों की बेचैनी इतनी ज्यादा है कि भारत को बदनाम करने के लिए वो चाय से जुड़ी भारत की पहचान पर हमला करने की बात कह रहे हैं। टी वर्कर्स की कड़ी मेहनत पर हमला करने का षड्यंत्र किया जा रहा है। योग जैसी भारत की विरासत, जिसे महर्षि अरबिंदो और स्वामी विवेकानंद जैसे अनगिनत महापुरुषों ने, ऋषियों-मुनियों ने निःस्वार्थ भाव से दुनिया तक पहुंचाया, उस योग पर हमला किया जा रहा है। लेकिन क्या आपने भारत के खिलाफ इन षड्यंत्रों पर, इन साजिशों पर दीदी के मुंह से एक भी वाक्य सुना है क्या? अनेक ऐसे हैं, जिन्हें देश के लोगों ने दशकों तक सेवा का मौका दिया, वो भी या तो चुप हैं या इन षडयंत्रों का समर्थन कर रहे हैं। लेकिन इन षड्यंत्रकारियों से मैं कहना चाहता हूं, देश इन षडयंत्रों का पूरी ताकत से जवाब देगा।

साथियो,
मां-माटी-मानुष की बात करने वालों में आज भारत माता के लिए आवाज बुलंद करने का साहस नहीं है। साहस इसलिए नहीं है क्योंकि, इतने सालों में इन लोगों ने Politics को Criminalize किया है, करप्शन को Institutionalize किया है, और प्रशासन और पुलिस को Politicize किया है। आपको याद होगा, अभी कुछ दिन पहले ही, मारीचझापी नरसंहार की दुखद बरसी थी। देश इस घटना को, गरीबों और दलितों के इस नरसंहार को कभी नहीं भूलेगा। लेकिन बंगाल तृणमूल से ये पूछना चाहता है, जिन पुलिस वालों ने नंदीग्राम में गोलियां चलाई थीं, जिन्होंने गरीबों का खून बहाया, आप उन्हीं को पार्टी में क्यों शामिल कर रही हैं? बंगाल पूछना चाहता है, क्या बंगाल का गरीब, क्या केवल वोट लेने के लिए ही है?

भाइयो और बहनो,
ये वो सरकार है जो आपदा में भी, मुसीबत के समय भी भ्रष्टाचार के रास्ते खोजती रहती है। इससे बड़ा अपराध और क्या हो सकता है, इतना बड़ा साइक्लोन आया, चक्रवात आया, इतना कुछ तबाह हो गया, लोगों की मदद के लिए केंद्र सरकार ने जो पैसे भेजे, उसका इनलोगों ने क्या किया, ये पश्चिम बंगाल के लोग भली-भांति जानते हैं। हालात ये थे कि कोर्ट तक को इस पर सख्त टिप्पणी करनी पड़ी। आप कोरोना के दौरान आए संकट को भी याद करिए। पूरी दुनिया में ऐसा कोई नहीं था, जो इससे प्रभावित नहीं हुआ हो, जिसकी रोजी-रोटी पर इसका असर न पड़ा हो। केंद्र सरकार ने तुरंत पश्चिम बंगाल के लाखों परिवारों के लिए मुफ्त राशन की व्यवस्था की, ताकि बंगाल में मेरे कोई भी गरीब परिवार में रात को चूल्हा ना जले, ऐसा दिन जाना नहीं चाहिए। लेकिन केंद्र सरकार के भेजे राशन को भी यहां की सरकार सही तरीके से गरीबों तक पहुंचाने में असफल रही।

भाइयो और बहनो,
यह तो शुक्र है कि केंद्र सरकार ने गरीबों के, किसानों के, हमारी बहनों के पश्चिम बंगाल में लगभग चार करोड़ जनधन बैंक खाते खोले थे। तभी कोरोना की उस मुश्किल घड़ी में यहां के गरीब बहनों के जनधन खाते में सीधे रुपये जमा किए जा सके। केंद्र सरकार ने उज्ज्वला योजना के तहत यहां की 90 लाख से अधिक बहनों को मुफ्त LPG गैस कनेक्शन भी दिया है। गरीब के घर में गैस कनेक्शन था। तभी केंद्र सरकार उन्हें कोरोना के समय में मुफ्त गैस सिलेंडर देने में सफल हुआ।

साथियो,
मुझे बहुत पीड़ा है कि कोरोना के इस मुश्किल समय में पश्चिम बंगाल के लाखों किसानों को सैकड़ों करोड़ रुपए नहीं मिल पाए। कोरोना के दौरान देशभर के किसानों के बैंक खाते में पीएम सम्मान निधि के तहत हजारों करोड़ रुपए जमा किए गए। अभी तक इस योजना के तहत देश के 10 करोड़ से अधिक छोटे किसान परिवारों के बैंक खाते में 1 लाख 15 हजार करोड़ रुपए जमा किए जा चुके हैं। इसमें मुझे दुख के साथ कहना है, इसमें पश्चिम बंगाल के भी लाखों किसान परिवार हो सकते थे। लेकिन यहां के एक भी किसान को ये लाभ नहीं मिल पाया, क्योंकि यहां की सरकार ने इस योजना से जुड़ने से ही इनकार कर दिया था। सोचिए, पश्चिम बंगाल के किसानों के साथ कितना बड़ा अन्याय किया गया। अब जब पश्चिम बंगाल के किसानों ने ममता दीदी को सबक सिखाने का मन बना लिया है, तो सिर्फ कहने के लिए, दिखावे के लिए कुछ दिन पहले राज्य सरकार ने बेमन से इस योजना से जुड़ने की सहमति वाली चिट्ठी भेज दे दी है। लेकिन साथियों, किसानों के पास सीधे पैसे जाएं, इससे यहां की सरकार को कितनी दिक्कत है, ये सिर्फ एक आंकड़े से समझ आता है। बंगाल के लाखों किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ मिल सकता है। इसमें से 25 लाख से ज्यादा किसानों ने टीएमसी सरकार के पास इस सुविधा का लाभ लेने के लिए अप्लाई किया हुआ है। भारत सरकार ने घोषणा की, जो जागरूक किसान थे वो सामने होकर के उन्होंने Application डाल दी। और यहां कैसी सरकार है, किसानों से कैसी उनकी दुश्मनी है, 25 लाख में से इतने सालों में सिर्फ 6 हजार किसानों के नाम वो तय कर पाए। 25 लाख में से 6 हजार। सोचिए, सिर्फ 6 हजार किसान। लेकिन आप ये जानकर और हैरान हो जाएंगे कि केंद्र सरकार अब भी इन 6 हजार किसानों को, उनको भी सीधे पैसे ट्रांसफर नहीं कर पा रही है। हम चाहते हैं तो भी नहीं कर पा रहे हैं। इसकी वजह भी यहां की सरकार है। टीएमसी सरकार ने अभी तक इन किसानों के खाते में पैसे ट्रांसफर करने के लिए राज्य एजेंसी का बैंक डिटेल, केंद्र सरकार को दिया ही नहीं है। एक-एक दिन करके ऐसे ही निकलते जा रहे हैं। मां-माटी-मानुष कहने वालों की संवेदनहीनता, बंगाल का हर किसान देख रहा है, महसूस कर रहा है। किसान के नाम पर कौन अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रहा है, और कौन किसानों के जीवन से एक-एक परेशानी दूर करने के लिए दिन-रात काम कर रहा है, ये देश पिछले 6 साल से देख रहा है।

मैं आज मां गंगा के तट पर खड़ा हूं, तब मैं बंगाल के मेरे किसान भाइयों को विश्वास देने आया हूं, इस चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाना आपने तय कर लिया है। इस चुनाव के बाद, भाजपा की सरकार बनने के बाद पहली कैबिनेट मीटिंग में भारत सरकार की किसानों की जो योजना है, उसको तेज गति से लागू करने का निर्णय किया जाएगा। इतना ही नहीं, मैं बंगाल के किसानों को वादा करता हूं कि देश के और किसानों को जो लाभ मिला है। आपको जिस लाभ से वंचित रखा गया है, वो पुराने पैसे भी भारत सरकार बंगाल के किसानों को दे देगी।
भारत माता की... जय
भारत माता की... जय
भारत माता की... जय
किसानों का हक हम देकर के रहेंगे।

भाइयो और बहनो,
ममता दीदी की सरकार, गरीबों की चिंता से कितना दूर है, इसका एक और उदाहरण केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना है। आयुष्मान भारत योजना के तहत पूरे देश के अस्पतालों में 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा से भी पश्चिम बंगाल का गरीब मरीज वंचित है। किसी को कैंसर है, किसी को हार्ट की बीमारी है, किसी की कोई और गंभीर सर्जरी है। बंगाल के लोग जो काम के लिए बाहर जाते हैं, उन्हें भी इस योजना का बहुत बड़ा लाभ मिलता। लेकिन यहां की सरकार इस योजना के खिलाफ अड़ी हुई है। जो पार्टी अपने कार्यकर्ताओं की जेब भरने के लिए, अपनी राजनीति के लिए किसानों और गरीब मरीजों के हित से खेल सकती है, उसकी मंशा आप भलीभांति समझ सकते हैं।

भाइयो और बहनो,
राज्य सरकार द्वारा खड़ी की गई तमाम अड़चनों के बावजूद, केंद्र सरकार बंगाल के लोगों के विकास के लिए पूरा प्रयास कर रही है। हाइवे हों, फ्लाइओवर हों, रेल नेटवर्क हो, एयरपोर्ट हों, पोर्ट हों, जलमार्ग हों, इंटरनेट की सुविधा हो, इन सभी पर केंद्र सरकार एक बड़ी राशि खर्च कर रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पश्चिम बंगाल के करीब 37 लाख गरीबों को घर बनाने के लिए पैसा दिया गया है। बंगाल में करीब 73 लाख शौचालय बनाने के लिए भी बड़ी मदद केंद्र सरकार ने दी है। गरीबों को मुफ्त राशन देने के लिए भी बड़ा खर्च केंद्र सरकार ही उठा रही है।

भाइयो और बहनो,
पश्चिम बंगाल का विकास तेज गति से करने के लिए यहां भी डबल इंजन की सरकार आवश्यक है। करप्शन और टोलाबाजी तब हटेगी, जब यहां “आसोल परिबोर्तोन” आएगा, जब यहां भाजपा की सरकार बनेगी। ये परिबोर्तोन क्या होता है, ये पड़ोस में त्रिपुरा में हम अनुभव कर रहे हैं। वहां भी पश्चिम बंगाल की ही तरह सालों तक लेफ्ट के शासन ने बर्बादी फैलाई। त्रिपुरा के लोगों ने लेफ्ट को हटाकर भाजपा पर भरोसा किया। हमारे सारे साथी नये थे। राजनीति में भी नये थे, शासन में तो पहली बार कदम रखा था। लेकिन इरादा नेक था मेहनत में कोई कमी नहीं थी। त्रिपुरा की जिंदगी बदलने के लिए जी जान से जुटे हुए हैं। आज देखिए, विकास की योजनाओं को तेजी से जमीन पर लागू करने में त्रिपुरा बेहतरीन काम कर रहा है। वहीं यहां की सरकार, विकास की योजनाओं को रोकने में ही अपनी शक्ति लगा रही है। पश्चिम बंगाल सरकार ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति अभी लागू ही नहीं की है। राशनकार्ड धारक देश में कहीं भी अपने हिस्से का सस्ता राशन ले सकें, इसके लिए वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना केंद्र सरकार चला रही है। पश्चिम बंगाल के लोगों को अब भी इसके लागू होने का इंतजार है। इसका सबसे बड़ा नुकसान दूसरे राज्यों में काम कर रहे पश्चिम बंगाल के गरीब मजदूरों का हो रहा है। 7वां वेतन आयोग भी देश के कितने ही राज्यों में लागू हो चुका है, लेकिन पश्चिम बंगाल में ये अभी तक लागू नहीं हो पाया है।
बल्कि मुझे तो बताया गया है कि यहां की सरकार तो अपने कर्मचारियों को सैलरी तक समय पर नहीं दे पा रही है।

भाइयो और बहनो,
बंगाल फुटबॉल से प्यार करने वाला राज्य है। इसलिए मैं फुटबॉल की भाषा में कहना चाहता हूं, टीएमसी ने एक बाद एक कई फाउल कर लिए हैं।
Mis-Governance का फाउल,
विरोधियों पर हमले और हिंसा का फाउल,
बंगाल के लोगों का पैसा लूटने का फाउल,
और, आस्था पर हो रहे हमलों का फाउल।

बंगाल के लोग सब देख रहे हैं। इसलिए, अब बहुत ही जल्द बंगाल तृणमूल को राम कार्ड दिखाने जा रहा है। अब समय और स्थितियां बदल रही हैं। बुआ-भतीजावाद को पश्चिम बंगाल से हटाने का मन आप लोग बना चुके हैं। टीएमसी के वो सभी साथी जो बुआ-भतीजावाद से परेशान हैं, वो भी बंगाल की सेवा करने के लिए तड़प रहे हैं। बंगाल की सेवा अपनी जिंदगी का बाकी समय बंगाल के लिए खपाना चाहते हैं और इसलिए उनसे राम-राम कर के यहां पर जय श्री राम करने आये हैं। जिनको सही मायने में पश्चिम बंगाल के गरीबों की चिंता है, यहां के विकास, यहां की संस्कृति, यहां के तौर-तरीकों की चिंता है, वो आज सभी हमारे साथ, मेरे साथ, मेरे भाजपा के साथ जुड़ रहे हैं। टीएमसी के टोलाबाज, उनका सिंडिकेट, अब कुछ दिन के ही मेहमान हैं।

मुझे उम्मीद है कि बंगाल का स्थानीय प्रशासन संविधान को सर्वोपरि रखते हुए ही काम करेगा। किसी को टीएमसी के टोलाबाजों से डरने की जरूरत नहीं। बंगाल की धरती के गौरव के लिए भाजपा के प्रत्येक कार्यकर्ता का त्याग, उनकी तपस्या, उनके बलिदान ने समूचे बंगाल को ये एहसास करा दिया है कि इस बार पोरिबोर्तोन होकर रहेगा।

मैं आपसे एक बात और भी कहना चाहता हूं, बंगाल में हमारी लड़ाई टीएमसी से है, लेकिन साथ ही इनके छिपे हुए दोस्तों से भी जरा सावधान रहना है। आप लोगों ने कई बार सुना होगा खेल के अंदर मैच फिक्सिंग होता है। लेकिन अब लेफ्ट, कांग्रेस और तृणमूल मिलकर राजनीति में पर्दे के पीछे मैच फिक्सिंग कर रहे हैं। दिल्ली में लेफ्ट, कांग्रेस और तृणमूल, ये तीनों एक साथ बंद कमरों में मिलते हैं, बैठते हैं, एक साथ मिलकर रणनीति बनाते हैं। केरल में कांग्रेस और लेफ्ट ने मिलकर डील कर रखी है, पांच साल तुम लूटो, पांच साल हम लूटेंगे। लेकिन बंगाल में लेफ्ट और तृणमूल एक-दूसरे से लड़ने का सिर्फ दिखावा करते हैं। इसलिए, लेफ्ट और कांग्रेस को वोट देने का मतलब है ये पर्दे के पीछे जो खेल चल रहा है उस खेल का शिकार हो जाना। हमें सजग रहना है, और दूसरों को भी सजग करना है कि हमें इस धोखेबाजी का शिकार नहीं होना है।

भाइयो और बहनो,
जब मैं यहां आ रहा था तो मुझे भारतीय टेनिस जगत की बड़ी हस्ती अख्तर अली साहब के कोलकाता में निधन की दुखद खबर भी मिली। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार उनके प्रशंसकों के साथ है।

साथियो,
इन सब के बीच आप भी कोरोना से लड़ाई को जारी रखिए। अब तो दो-दो मेड इन इंडिया वैक्सीन आ चुकी है। भारत टीकाकरण का नये रिकॉर्ड बना रहा है। कोरोना वायरस से देश के हर नागरिक को जल्द से जल्द सुरक्षित करने के लिए हम कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। यहां तक दुनिया भर के दर्जनों देशों को भी उनके टीकाकरण अभियान में आज भारत मदद कर रहा है। मानवता की सेवा करने वाले ऐसे ही भारत की कल्पना नेता जी सुभाष चंद्र बोस ने, स्वामी विवेकानंद जी ने, गुरुदेव रवींद्रनाथ ठाकुर जी ने ऐसे ही सामर्थ्यवान भारत के लिए डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपना जीवन खपा दिया। भारत के सामर्थ्य को, भारत की आत्मनिर्भरता को पश्चिम बंगाल से ऊर्जा मिलती रहेगी, आशीर्वाद मिलता रहेगा। इसी कामना के साथ आप सब को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

मेरे साथ दोनों मुट्ठी बंद करके पूरी ताकत से बोलिए,
भारत माता की... जय
भारत माता की... जय
भारत माता की... जय

बहुत-बहुत धन्यवाद।

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PM to participate in ‘Odisha Parba 2024’ on 24 November
November 24, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will participate in the ‘Odisha Parba 2024’ programme on 24 November at around 5:30 PM at Jawaharlal Nehru Stadium, New Delhi. He will also address the gathering on the occasion.

Odisha Parba is a flagship event conducted by Odia Samaj, a trust in New Delhi. Through it, they have been engaged in providing valuable support towards preservation and promotion of Odia heritage. Continuing with the tradition, this year Odisha Parba is being organised from 22nd to 24th November. It will showcase the rich heritage of Odisha displaying colourful cultural forms and will exhibit the vibrant social, cultural and political ethos of the State. A National Seminar or Conclave led by prominent experts and distinguished professionals across various domains will also be conducted.