QuoteToday, India's stature and respect on the global stage have significantly increased: PM Modi in Basti
QuoteEvery vote cast for SP or Congress will be wasted: PM Modi targets Opposition while addressing a rally in Basti

भारत माता की... भारत माता की...

सब भइया- बहिनिन का राम-राम, आज आपका ये अपार उत्साह, ये जनसैलाब, ये आशीर्वाद.. बस्ती, सिद्धार्थनगर और डुमरियागंज इस क्षेत्र ने हमेशा मुझ पर भरोसा किया है, भाजपा पर भरोसा किया है, हमारे काम पर भरोसा किया है, हमारी बात पर भरोसा किया है, हमारे वादों पर भरोसा किया है, हमारे इरादों पर भरोसा किया है और इसलिए मैं आपके इस भरोसे पर खरा उतरने में ना पहले कोई कमी छोड़ी है, ना आगे कोई कमी छोडूंगा और ये मोदी की गारंटी है। (ये बड़े उत्साही लोग जो बड़े- बड़े बैनर बनाकर लाए हैं आपके बैनर तो बहुत अच्छे हैं लेकिन इसके कारण पीछे लोगों को तकलीफ हो रही है, अगर आप इसे नीचे रख लें तो अच्छा होगा मैंने सब पढ़ लिया है, बहुत बढ़िया है। ये एक और दूसरे खड़े हो गए आप भी नीचे रख दो आप तो मुझे ही लेकर के आ गए हो इसको नीचे रखिए मैडम पीछे लोग परेशान हो रहे हैं जी, मैं पहले भी इसी मैदान में आपके बीच आ चुका हूं लेकिन आज जो सभा मैं देख रहा हूं इसके पहले मुझे ऐसा दृश्य देखने का सौभाग्य नहीं मिला था। ये पंडाल छोटा पड़ गया है, बहुत लोग मैं देख रहा हूं पीछे धूप में तप रहे हैं और दोपहर की ये चिलचिलाती धूप इसमें आप तपस्या कर रहे हैं। मुझे आशीर्वाद देने के लिए जो लोग धूप में तप रहे हैं, मैं सबसे पहले उनकी क्षमा मांगता हूं कि हमारी व्यवस्था जरा छोटी पड़ गई और आपको धूप में तपना पड़ रहा है इसलिए मैं आपको क्षमा मांगता हूं। दूसरा मैं आप आपको भरोसा देता हूं मैं आपकी ये तपस्या कभी बेकार नहीं जाने दूंगा, मैं ज्यादा मेहनत करके, विकास करके, प्यार से आपकी इस तपस्या को विकास के रूप में लौटा आऊंगा।)

साथियों,

देश में पांच चरण के चुनाव हो चुके हैं। इन पांच चरणों ने ही देश में तीसरी बार मोदी सरकार पक्की कर दी है और इसके लिए आपको इधर- उधर देखने की जरूरत नहीं है, आप इंडी अलायंस वालों के बयान देख लीजिए हर कोई अलग- अलग आंकड़ा बताता है और उनके पुराने आंकड़े और उनके पुराने परिणाम देख लीजिए तो आपको पक्का भरोसा हो जाएगा कि पूरा इंडी अलायंस ऐसा निराशा की गर्त में डूबा है, ऐसा निराशा के गर्त में डूबा है कि अब उनको ये भी याद नहीं रहता है कि वो दो दिन पहले क्या बोले थे? आज क्या बोल रहे हैं? ये हाल है इनका। भाइयों- बहनों, आप तो समझदार लोग है और कभी भी अपना समय, अपनी शक्ति आप लोग व्यर्थ नहीं जाने देते, कभी भी बेकार नहीं जाने देते और कोई भी समझदार अपनी कोई भी अमानत बर्बाद नहीं होने देना चाहते अब आप सोचिए सपा को मिलने वाला एक भी वोट, कांग्रेस को पड़ने वाला एक भी वोट किसी काम का है क्या? कोई काम का है क्या? निरर्थक है कि नहीं है? निरर्थक है कि नहीं है? आपका वोट बेकार हो जाए, बर्बाद हो जाए, ये यहां का कोई मतदाता चाहेगा क्या? नहीं चाहेगा ना? और इसलिए आपका वोट उसको पड़ना चाहिए, जिसको आप सरकार बनाने के लिए देना चाहते हैं जिसकी सरकार बनने की गारंटी है। आप मुझे बताइए भाई इस बार सच्चे दिल से बताना मैं आया हूं इसलिए गप मत मारना, सच्चे दिल से बताओगे? सच्चे दिल से बताओगे? हाथ ऊपर करके बोलिए सच्चे दिल से बताओगे? मुझे बताइए इस चुनाव के बाद किसकी सरकार बनेगी? किसकी सरकार बनेगी? किसकी सरकार बनेगी? तो वोट बर्बाद होने देना चाहिए क्या? अच्छा, दूसरा कभी भी पुण्य कार्य मिलता हो तो मौका गंवाना चाहिए क्या? भाई आप तो पुण्य कार्य मिलने ही वाला है, मेरा क्या जाता है? मैं तो नहीं जाऊंगा तो भी चल जाएगा, मोदी की सरकार बनना तो पक्का है तो आपको पुण्य मिलेगा क्या? अगर आप वोट नहीं डालेंगे तो आपको पुण्य मिलेगा क्या? आज 80 करोड़ लोगों को मुफ्त खाना मिलता है, मुफ्त राशन मिलता है तो वो आशीर्वाद देते हैं कि नहीं देते हैं? आपको पुण्य मिलता है कि नहीं मिलता है? लेकिन अगर आपने वोट नहीं दिया होगा तो वो पुण्य आपके खाते में जमा होगा क्या? तो मैं इतने अच्छे काम करने वाला हूं, हर काम से पुण्य मिलने वाला है, वोट देने वाले को वो पुण्य जरूर पहुंचने वाला है, वोट दीजिए विकसित भारत के लिए, वोट दीजिए आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए..

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साथियों,

22 जनवरी 2024 इस देश में बहुत लोग हैं, जिनको अपने बेटे का जन्मदिन याद नहीं है, अपनी पत्नी से बात करते हैं शादी की तारीख भूल जाते हैं लेकिन इस देश के बच्चे- बच्चे को पता है 22 जनवरी, 2024.. मैं 22 जनवरी बोलता हूं और देश बोल पड़ता है जय श्री राम, अयोध्या में उस ऐतिहासिक दिन मैंने कहा था राम से राष्ट्र, विरासत से विकास, आध्यात्म से आधुनिकता, आज देश इसी मंत्र पर आगे बढ़ रहा है। हमारा भारत आज दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, आज भारत का कद बढ़ा है, आज भारत का सम्मान बढ़ा है, भारत अब वैश्विक मंचों पर बोलता है तो पूरी दुनिया बड़े ध्यान से सुनती है, भारत फैसले लेता है तो दुनिया उसके साथ अपने कदम मिलाने की कोशिश करता है और ये जो आतंक का सरपरस्त देश हमें आंखें दिखाता था, धमकियां देता था आज उनकी हैसियत वैसी हो गई है, ना घर का- ना घाट का और अनाज भी उनको नसीब नहीं हो रहा। साथियों, पाकिस्तान तो पस्त पड़ गया है, लेकिन उसके हमदर्द सपा-कांग्रेस वाले अब भारत को डराने में जुटे हैं। आप हैरान हो जाएंगे भाई ये क्या बोलते हैं, ये लोग कहते हैं हमें सुनाते हैं, उनको मालूम नहीं होता 56 इंच क्या होता है? ये कहते हैं पाकिस्तान से डरो और फिर क्या कहते हैं पाकिस्तान से डरो उसके पास एटम बम है, एटम बम.. मुझे बताइए भाई भारत को डरना चाहिए क्या? डरना चाहिए क्या? आज भारत में कांग्रेस की कमजोर सरकार नहीं, आज भारत में मोदी की मजबूत सरकार है अगर डरना है तो वो लोग डरें जो मानवता में विश्वास नहीं करते, जो आए दिन खून की नदियां बहाते हैं, डरना है तो वो डरें और भारत ना किसी को डराना चाहता है लेकिन भारत हमें डराने वालों को कभी भी बख्शेगा नहीं ये भी साफ है और इसलिए भारत आज घर में घुसकर मारता है।

साथियों,

मैं सपा-कांग्रेस के दोनों शहजादों की फ्लॉप फिल्म की बार-बार रिलीज से हैरान हूं। ये दोनों शहजादे अब मिलकर अफवाह उडा रहे हैं, ये कहते हैं यूपी की 79 सीट जीत जाएंगे, मैं पहले सुना करता था कि लोग दिन में सपने देखते हैं, मुझे अब पता चला दिन में सपना देखने का मतलब क्या होता है? 4 जून को यूपी की जनता इन्हें नींद से जगाने वाली है और तब ये ठीकरा ईवीएम पर फोड़ेंगे।

भाइयों और बहनों,

इंडी गठबंधन की परिवारवादी पार्टियों ने तुष्टिकरण की सारी हदें पार कर दी हैं। हमारा देश 500 वर्षों से राम मंदिर की प्रतीक्षा कर रहा था। लेकिन ये इंडी वालों को राम मंदिर और राम से परेशानी है। सपा के एक बड़े नेता कहते हैं राम मंदिर तो बेकार है, बेकार। सपा खुलेआम कहती है राम मंदिर जाने वाले राम भक्त पाखंडी हैं, पाखंडी। एक और इंडी नेता ने कहा राम मंदिर अपवित्र है। ये लोग सनातन धर्म के विनाश करने की बात करते हैं और इन सबकी आका कौन है? कांग्रेस पार्टी। कंग्रेस के शहजादे तो राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, जिसके कारण राम मंदिर बना है वो फैसला पलटना चाहते हैं। ये राम मंदिर पर बाबरी ताला लगाने का सपना देख रहे हैं। ये रामलला को फिर से टेंट में भेजना चाहते हैं, क्या इन लोगों को जवाब मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए? वोट से करारी चोट करनी चाहिए कि नहीं चाहिए?

साथियों,

कांग्रेस और सपा वालों को अचानक संविधान की याद आ गई। इसी कांग्रेस ने देश में आपातकाल लगाकर संविधान के खत्म करने की भरपूर कोशिश की थी। ये ही कांग्रेस है, जो खुद का भी पार्टी का संविधान नहीं मानती है, ये परिवार ऐसा है कि बिहार के अति पिछड़े समाज के एक व्यक्ति सीताराम केसरी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष थे, इनको पिछड़ों और अति पिछड़ों पर पता नहीं क्या नाराजगी है? एक शाम को मैडम सोनिया जी की टोली कांग्रेस दफ्तर में घुस गई और ये अति पिछड़े समाज के सीताराम केसरी को बाथरूम में बंद कर दिया, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को बाथरूम में बंद कर दिया और फिर उठाकर के उनको फुटपाथ पर फेंक दिया और रातों- रात मैडम सोनिया जी को अध्यक्ष की कुर्सी पर बिठा दिया, जिन्होंने कांग्रेस पार्टी के संविधान के लीरे- लीरे उड़ा दिए वो आज संविधान माथे पर रखकर नाच रहे हैं। साथियों, सपा कौन है? ये वही सपा है जिसने हमेशा दलितों के आरक्षण का विरोध किया, अब ये लोग संविधान की भावना के खिलाफ जाकर धर्म के आधार पर आरक्षण देने की पैरवी कर रहे हैं। ये लोग दलितों पिछड़ों का आरक्षण छीनकर वोट जिहाद करने वालों को देना चाहते हैं। जहां कांग्रेस सरकार है वहां उन्होंने संविधान की पीठ में छुरा भोंककर कानून बना दिया है। कांग्रेस मुस्लिमों को आरक्षण देने के लिए बाबा साहेब अंबेडकर का संविधान बदलना चाहती है। सपा भी इस दलित पिछड़ा विरोधी षड्यंत्र में कांग्रेस के साथ खड़ी है इसलिए आपको सपा- कांग्रेस को यूपी में पक्का सबक सिखाना है।

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साथियों,

भाजपा सरकार, विकास भी विरासत भी इस मंत्र को लेकर के चल रही है। ये क्षेत्र तो वैसे ही अयोध्या के इतने करीब है, सरकार जो राम सर्किट विकसित कर रही है, ये क्षेत्र उसका एक बड़ा तीर्थ है। महर्षि वशिष्ठ और श्रृंगी ऋषि के आश्रम पर विकास के कार्य हुए हैं। 84 कोस परिक्रमा यहीं मखौड़ा धाम से शुरू होती है। इसका शिलान्यास हो चुका है। यहां रामजानकी मार्ग का विकास हुआ है। सरयू से वॉटरवे यानी जलमार्ग बनाने का काम भी चल रहा है और ये तो अभी केवल ट्रेलर है ट्रेलर, अभी तो ये ट्रेलर है बहुत बड़े-बड़े काम आगे करने हैं।

साथियों,

सपा ने यूपी को केवल बदनामी दी थी। हमारी बहन- बेटियों का घर से निकलना मुश्किल था। लोग जमीन खरीदने से डरते थे, जमीन खरीदी तो कोई न कोई माफिया कब्जा कर लेता था। आपको याद है न कैसे गुंडे- माफिया सपा के मेहमान होते थे? दंगाइयों को स्पेशल प्रोटोकॉल मिलता था। आतंकवादियों को जेल से छोड़ने का फरमान जारी होता था। इसलिए मैं कहूंगा इस चुनाव में ऐसी कोई गलती नहीं करनी है, जिससे इन लोगों का हौसला बढ़े।

साथियों,

बीजेपी को यूपी में बहुत समय पुराने गड्ढे में रुपयों को जो गाड़ दिया था ना उस गड्ढे को भरकर के यूपी को बाहर निकालने में योगी जी और उनकी पूरी सरकार को बहुत ताकत लगानी पड़ी है और मुझे खुशी है जरा इंडी अलायंस वाले मैं छोटे से बस्ती नगरी में हूं और पूरा मेरा एनडीए अलायंस मंच पर दिखता है देखो, सारे नेता मौजूद हैं आपने कभी इंडी अलायंस की एक भी कार्यक्रम में उनके साथियों को देखा है क्या? फोटो निकालने के लिए इकट्ठे होते हैं, सपा ने इस क्षेत्र को बर्बाद करने में कोई कोर- कसर बाकी नहीं छोड़ी थी। गन्ना किसानों को भुगतान नहीं होता था और अभी योगी जी ने बताया चीनी मिलों को कौड़ियों के दाम बेचा जाता था, सड़कों की हालत बदहाल थी। मैंने आपसे वादा किया था ये हालात मैं बदलूंगा। मैंने 2017 में कहा था, यहां बंद चीनी मिलों को शुरू कराऊंगा। मुंडेरवा- पिपराइच में वो वादा पूरा हुआ। किसानों की आय बढ़े, इसके लिए हमारी सरकार इथेनॉल यूनिट भी लगा रही है।

भाइयों- बहनों,

बस्ती, सिद्धार्थनगर और डुमरियागंज की कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए भी लगातार काम हो रहा है। आज मनवर संगम ट्रेन यहां से चल रही है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस हो, बस्ती-पीलीभीत फोरलेन हाईवे हो बस्ती रिंग रोड हो.. इस क्षेत्र की तस्वीर बदलने वाली है। इससे बस्ती के चीनी उद्योग को, संत कबीर नगर के पीतल से बने उत्पादों को और महाराजगंज के फर्नीचर उद्योग को नई ताकत मिलेगी, युवाओं को रोजगार मिलेगा।

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साथियों,

25 मई को, 25 मई को (आप मेरी तरफ देखिए, भारत माता की, जय श्री राम) 25 मई को आपका एक वोट तुष्टीकरण की राजनीति को कब्रिस्तान में गाड़ देगा। आपका एक वोट देश का भविष्य सुनिश्चित करेगा, 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मिलता रहे, गरीबों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलता रहे, तीन करोड़ गरीबों को उनके लिए नए पीएम आवास मिलेंगे और मेरा एक काम करेंगे आप लोग, जरा हाथ ऊपर करके बताए तो बोलूं, मेरा एक काम करेंगे, ऐसे ढीला- ढीली बात करने वालों को मैं काम नहीं बताता हूं, जो मजबूती से बोले उन्हीं को काम बताता हूं जी। हाथ ऊपर करके बताइए मेरा काम करेंगे, पक्का करेंगे। देखिए, काम कैसा है अभी आप लोगों को मिलने के लिए जाते होंगे, अलग-अलग बस्तियों में जाते होंगे, सोसाइटियों में, चॉल में, मोहल्ले में, गांव में अलग- अलग जगह पर जाते होंगे, कहीं पर भी आपको कोई परिवार झुग्गी- झोपड़ी में जिंदगी गुजारता नजर आए, कहीं भी आपको कोई परिवार कच्चे- मिट्टी के टूटे- फूटे मकान में नजर आए तो उसको जाके कह देना उसका एक तो नाम- पता लिख कर के मुझे भेज देना और उसको कह देना 4 जून को मोदी सरकार बनने के बाद उसको भी पक्का घर मिल जाएगा। तीन करोड़ नए घर बनाऊंगा, मुझे इस देश में हर गरीब को पक्के घर में रहने की सवलत देनी है तो आप घर-घर जाकर मेरा इतना काम करेंगे और आप मन में झिझकना मत कि मैं तो कह दूंगा और कुछ नहीं होगा तो फिर तो मुझे पकड़ेंगे। मैं आपको गारंटी देता हूं आप ही यहां जितने लोग हैं ना मेरे लिए तो आप ही मोदी है। आप मोदी से जरा भी कम नहीं है तो लोगों को बताइए उनको घर मिलने की गारंटी है।

साथियों,

हम तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने के लिए काम कर रहे हैं ये सब आपके वोट से मुमकिन होगा और इसलिए मतदान भारी होना चाहिए, एनडीए के पक्ष में होना चाहिए जहां भाजपा का उम्मीदवार है उसे भाजपा को जहां मेरे एनडीए के साथी चुनाव लड़ रहे हैं उनको एनडीए का, आपका वोट पक्का होना चाहिए। बस्ती से हमारे साथी भाई हरीश द्विवेदी, संतकबीर नगर से भाई प्रवीण निषाद और डुमरियागंज से श्रीमान जगदंबिका पाल जी इनको भारी मतों से विजयी बनाएं, ज्यादा से ज्यादा मतदान कराएंगे, हर पोलिंग बूथ जीतेंगे। अच्छा, मेरा एक काम करेंगे? करेंगे? घर- घर जाना और हर परिवार में जाना, हर परिवार के लोगों को मिलना और परिवार के सबके साथ बैठकर के कहना कि हमारे मोदी जी आए थे और मोदी जी ने आपको राम- राम कहा है। हर घर में मेरा राम राम पहुंचा दोगे? हर घर में राम- राम पहुंचा दोगे? एक और काम करना है करोगे? आपके हर गांव में आपके कोई तीर्थ देवता होंगे, गांव में कोई मंदिर होगा जहां गांव के लोग जाते होंगे, वहां भी जाकर के मत्था टेकना और कहना कि विकसित भारत के लिए हे देवाधि देव हम सबको आशीर्वाद दो, इतना काम हर गांव में, हर तीर्थ क्षेत्र में जाकर के करना। मेरे साथ बोलिए भारत माता की.. भारत माता की.. भारत माता की..

  • Dheeraj Thakur March 05, 2025

    जय श्री राम जय श्री राम
  • Dheeraj Thakur March 05, 2025

    जय श्री राम
  • कृष्ण सिंह राजपुरोहित भाजपा विधान सभा गुड़ामा लानी November 21, 2024

    जय श्री राम 🚩 वन्दे मातरम् जय भाजपा विजय भाजपा
  • Devendra Kunwar October 08, 2024

    BJP
  • दिग्विजय सिंह राना September 18, 2024

    हर हर महादेव
  • Vivek Kumar Gupta August 13, 2024

    नमो ................🙏🙏🙏🙏🙏
  • Vivek Kumar Gupta August 13, 2024

    नमो ........................🙏🙏🙏🙏🙏
  • Rajpal Singh August 10, 2024

    🙏🏻
  • Vimlesh Mishra July 22, 2024

    jai mata di
  • Dr Swapna Verma July 11, 2024

    bjp
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India is driving global growth today: PM Modi at Republic Plenary Summit
March 06, 2025
QuoteIndia's achievements and successes have sparked a new wave of hope across the globe: PM
QuoteIndia is driving global growth today: PM
QuoteToday's India thinks big, sets ambitious targets and delivers remarkable results: PM
QuoteWe launched the SVAMITVA Scheme to grant property rights to rural households in India: PM
QuoteYouth is the X-Factor of today's India, where X stands for Experimentation, Excellence, and Expansion: PM
QuoteIn the past decade, we have transformed impact-less administration into impactful governance: PM
QuoteEarlier, construction of houses was government-driven, but we have transformed it into an owner-driven approach: PM

नमस्कार!

आप लोग सब थक गए होंगे, अर्णब की ऊंची आवाज से कान तो जरूर थक गए होंगे, बैठिये अर्णब, अभी चुनाव का मौसम नहीं है। सबसे पहले तो मैं रिपब्लिक टीवी को उसके इस अभिनव प्रयोग के लिए बहुत बधाई देता हूं। आप लोग युवाओं को ग्रासरूट लेवल पर इन्वॉल्व करके, इतना बड़ा कंपटीशन कराकर यहां लाए हैं। जब देश का युवा नेशनल डिस्कोर्स में इन्वॉल्व होता है, तो विचारों में नवीनता आती है, वो पूरे वातावरण में एक नई ऊर्जा भर देता है और यही ऊर्जा इस समय हम यहां महसूस भी कर रहे हैं। एक तरह से युवाओं के इन्वॉल्वमेंट से हम हर बंधन को तोड़ पाते हैं, सीमाओं के परे जा पाते हैं, फिर भी कोई भी लक्ष्य ऐसा नहीं रहता, जिसे पाया ना जा सके। कोई मंजिल ऐसी नहीं रहती जिस तक पहुंचा ना जा सके। रिपब्लिक टीवी ने इस समिट के लिए एक नए कॉन्सेप्ट पर काम किया है। मैं इस समिट की सफलता के लिए आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, आपका अभिनंदन करता हूं। अच्छा मेरा भी इसमें थोड़ा स्वार्थ है, एक तो मैं पिछले दिनों से लगा हूं, कि मुझे एक लाख नौजवानों को राजनीति में लाना है और वो एक लाख ऐसे, जो उनकी फैमिली में फर्स्ट टाइमर हो, तो एक प्रकार से ऐसे इवेंट मेरा जो यह मेरा मकसद है उसका ग्राउंड बना रहे हैं। दूसरा मेरा व्यक्तिगत लाभ है, व्यक्तिगत लाभ यह है कि 2029 में जो वोट करने जाएंगे उनको पता ही नहीं है कि 2014 के पहले अखबारों की हेडलाइन क्या हुआ करती थी, उसे पता नहीं है, 10-10, 12-12 लाख करोड़ के घोटाले होते थे, उसे पता नहीं है और वो जब 2029 में वोट करने जाएगा, तो उसके सामने कंपैरिजन के लिए कुछ नहीं होगा और इसलिए मुझे उस कसौटी से पार होना है और मुझे पक्का विश्वास है, यह जो ग्राउंड बन रहा है ना, वो उस काम को पक्का कर देगा।

साथियों,

आज पूरी दुनिया कह रही है कि ये भारत की सदी है, ये आपने नहीं सुना है। भारत की उपलब्धियों ने, भारत की सफलताओं ने पूरे विश्व में एक नई उम्मीद जगाई है। जिस भारत के बारे में कहा जाता था, ये खुद भी डूबेगा और हमें भी ले डूबेगा, वो भारत आज दुनिया की ग्रोथ को ड्राइव कर रहा है। मैं भारत के फ्यूचर की दिशा क्या है, ये हमें आज के हमारे काम और सिद्धियों से पता चलता है। आज़ादी के 65 साल बाद भी भारत दुनिया की ग्यारहवें नंबर की इकॉनॉमी था। बीते दशक में हम दुनिया की पांचवें नंबर की इकॉनॉमी बने, और अब उतनी ही तेजी से दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहे हैं।

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साथियों,

मैं आपको 18 साल पहले की भी बात याद दिलाता हूं। ये 18 साल का खास कारण है, क्योंकि जो लोग 18 साल की उम्र के हुए हैं, जो पहली बार वोटर बन रहे हैं, उनको 18 साल के पहले का पता नहीं है, इसलिए मैंने वो आंकड़ा लिया है। 18 साल पहले यानि 2007 में भारत की annual GDP, एक लाख करोड़ डॉलर तक पहुंची थी। यानि आसान शब्दों में कहें तो ये वो समय था, जब एक साल में भारत में एक लाख करोड़ डॉलर की इकॉनॉमिक एक्टिविटी होती थी। अब आज देखिए क्या हो रहा है? अब एक क्वार्टर में ही लगभग एक लाख करोड़ डॉलर की इकॉनॉमिक एक्टिविटी हो रही है। इसका क्या मतलब हुआ? 18 साल पहले के भारत में साल भर में जितनी इकॉनॉमिक एक्टिविटी हो रही थी, उतनी अब सिर्फ तीन महीने में होने लगी है। ये दिखाता है कि आज का भारत कितनी तेजी से आगे बढ़ रहा है। मैं आपको कुछ उदाहरण दूंगा, जो दिखाते हैं कि बीते एक दशक में कैसे बड़े बदलाव भी आए और नतीजे भी आए। बीते 10 सालों में, हम 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में सफल हुए हैं। ये संख्या कई देशों की कुल जनसंख्या से भी ज्यादा है। आप वो दौर भी याद करिए, जब सरकार खुद स्वीकार करती थी, प्रधानमंत्री खुद कहते थे, कि एक रूपया भेजते थे, तो 15 पैसा गरीब तक पहुंचता था, वो 85 पैसा कौन पंजा खा जाता था और एक आज का दौर है। बीते दशक में गरीबों के खाते में, DBT के जरिए, Direct Benefit Transfer, DBT के जरिए 42 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा ट्रांसफर किए गए हैं, 42 लाख करोड़ रुपए। अगर आप वो हिसाब लगा दें, रुपये में से 15 पैसे वाला, तो 42 लाख करोड़ का क्या हिसाब निकलेगा? साथियों, आज दिल्ली से एक रुपया निकलता है, तो 100 पैसे आखिरी जगह तक पहुंचते हैं।

साथियों,

10 साल पहले सोलर एनर्जी के मामले में भारत दुनिया में कहीं गिनती नहीं होती थी। लेकिन आज भारत सोलर एनर्जी कैपेसिटी के मामले में दुनिया के टॉप-5 countries में से है। हमने सोलर एनर्जी कैपेसिटी को 30 गुना बढ़ाया है। Solar module manufacturing में भी 30 गुना वृद्धि हुई है। 10 साल पहले तो हम होली की पिचकारी भी, बच्चों के खिलौने भी विदेशों से मंगाते थे। आज हमारे Toys Exports तीन गुना हो चुके हैं। 10 साल पहले तक हम अपनी सेना के लिए राइफल तक विदेशों से इंपोर्ट करते थे और बीते 10 वर्षों में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट 20 गुना बढ़ गया है।

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साथियों,

इन 10 वर्षों में, हम दुनिया के दूसरे सबसे बड़े स्टील प्रोड्यूसर हैं, दुनिया के दूसरे सबसे बड़े मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरर हैं और दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बने हैं। इन्हीं 10 सालों में हमने इंफ्रास्ट्रक्चर पर अपने Capital Expenditure को, पांच गुना बढ़ाया है। देश में एयरपोर्ट्स की संख्या दोगुनी हो गई है। इन दस सालों में ही, देश में ऑपरेशनल एम्स की संख्या तीन गुना हो गई है। और इन्हीं 10 सालों में मेडिकल कॉलेजों और मेडिकल सीट्स की संख्या भी करीब-करीब दोगुनी हो गई है।

साथियों,

आज के भारत का मिजाज़ कुछ और ही है। आज का भारत बड़ा सोचता है, बड़े टार्गेट तय करता है और आज का भारत बड़े नतीजे लाकर के दिखाता है। और ये इसलिए हो रहा है, क्योंकि देश की सोच बदल गई है, भारत बड़ी Aspirations के साथ आगे बढ़ रहा है। पहले हमारी सोच ये बन गई थी, चलता है, होता है, अरे चलने दो यार, जो करेगा करेगा, अपन अपना चला लो। पहले सोच कितनी छोटी हो गई थी, मैं इसका एक उदाहरण देता हूं। एक समय था, अगर कहीं सूखा हो जाए, सूखाग्रस्त इलाका हो, तो लोग उस समय कांग्रेस का शासन हुआ करता था, तो मेमोरेंडम देते थे गांव के लोग और क्या मांग करते थे, कि साहब अकाल होता रहता है, तो इस समय अकाल के समय अकाल के राहत के काम रिलीफ के वर्क शुरू हो जाए, गड्ढे खोदेंगे, मिट्टी उठाएंगे, दूसरे गड्डे में भर देंगे, यही मांग किया करते थे लोग, कोई कहता था क्या मांग करता था, कि साहब मेरे इलाके में एक हैंड पंप लगवा दो ना, पानी के लिए हैंड पंप की मांग करते थे, कभी कभी सांसद क्या मांग करते थे, गैस सिलेंडर इसको जरा जल्दी देना, सांसद ये काम करते थे, उनको 25 कूपन मिला करती थी और उस 25 कूपन को पार्लियामेंट का मेंबर अपने पूरे क्षेत्र में गैस सिलेंडर के लिए oblige करने के लिए उपयोग करता था। एक साल में एक एमपी 25 सिलेंडर और यह सारा 2014 तक था। एमपी क्या मांग करते थे, साहब ये जो ट्रेन जा रही है ना, मेरे इलाके में एक स्टॉपेज दे देना, स्टॉपेज की मांग हो रही थी। यह सारी बातें मैं 2014 के पहले की कर रहा हूं, बहुत पुरानी नहीं कर रहा हूं। कांग्रेस ने देश के लोगों की Aspirations को कुचल दिया था। इसलिए देश के लोगों ने उम्मीद लगानी भी छोड़ दी थी, मान लिया था यार इनसे कुछ होना नहीं है, क्या कर रहा है।। लोग कहते थे कि भई ठीक है तुम इतना ही कर सकते हो तो इतना ही कर दो। और आज आप देखिए, हालात और सोच कितनी तेजी से बदल रही है। अब लोग जानते हैं कि कौन काम कर सकता है, कौन नतीजे ला सकता है, और यह सामान्य नागरिक नहीं, आप सदन के भाषण सुनोगे, तो विपक्ष भी यही भाषण करता है, मोदी जी ये क्यों नहीं कर रहे हो, इसका मतलब उनको लगता है कि यही करेगा।

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साथियों,

आज जो एस्पिरेशन है, उसका प्रतिबिंब उनकी बातों में झलकता है, कहने का तरीका बदल गया , अब लोगों की डिमांड क्या आती है? लोग पहले स्टॉपेज मांगते थे, अब आकर के कहते जी, मेरे यहां भी तो एक वंदे भारत शुरू कर दो। अभी मैं कुछ समय पहले कुवैत गया था, तो मैं वहां लेबर कैंप में नॉर्मली मैं बाहर जाता हूं तो अपने देशवासी जहां काम करते हैं तो उनके पास जाने का प्रयास करता हूं। तो मैं वहां लेबर कॉलोनी में गया था, तो हमारे जो श्रमिक भाई बहन हैं, जो वहां कुवैत में काम करते हैं, उनसे कोई 10 साल से कोई 15 साल से काम, मैं उनसे बात कर रहा था, अब देखिए एक श्रमिक बिहार के गांव का जो 9 साल से कुवैत में काम कर रहा है, बीच-बीच में आता है, मैं जब उससे बातें कर रहा था, तो उसने कहा साहब मुझे एक सवाल पूछना है, मैंने कहा पूछिए, उसने कहा साहब मेरे गांव के पास डिस्ट्रिक्ट हेड क्वार्टर पर इंटरनेशनल एयरपोर्ट बना दीजिए ना, जी मैं इतना प्रसन्न हो गया, कि मेरे देश के बिहार के गांव का श्रमिक जो 9 साल से कुवैत में मजदूरी करता है, वह भी सोचता है, अब मेरे डिस्ट्रिक्ट में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनेगा। ये है, आज भारत के एक सामान्य नागरिक की एस्पिरेशन, जो विकसित भारत के लक्ष्य की ओर पूरे देश को ड्राइव कर रही है।

साथियों,

किसी भी समाज की, राष्ट्र की ताकत तभी बढ़ती है, जब उसके नागरिकों के सामने से बंदिशें हटती हैं, बाधाएं हटती हैं, रुकावटों की दीवारें गिरती है। तभी उस देश के नागरिकों का सामर्थ्य बढ़ता है, आसमान की ऊंचाई भी उनके लिए छोटी पड़ जाती है। इसलिए, हम निरंतर उन रुकावटों को हटा रहे हैं, जो पहले की सरकारों ने नागरिकों के सामने लगा रखी थी। अब मैं उदाहरण देता हूं स्पेस सेक्टर। स्पेस सेक्टर में पहले सबकुछ ISRO के ही जिम्मे था। ISRO ने निश्चित तौर पर शानदार काम किया, लेकिन स्पेस साइंस और आंत्रप्रन्योरशिप को लेकर देश में जो बाकी सामर्थ्य था, उसका उपयोग नहीं हो पा रहा था, सब कुछ इसरो में सिमट गया था। हमने हिम्मत करके स्पेस सेक्टर को युवा इनोवेटर्स के लिए खोल दिया। और जब मैंने निर्णय किया था, किसी अखबार की हेडलाइन नहीं बना था, क्योंकि समझ भी नहीं है। रिपब्लिक टीवी के दर्शकों को जानकर खुशी होगी, कि आज ढाई सौ से ज्यादा स्पेस स्टार्टअप्स देश में बन गए हैं, ये मेरे देश के युवाओं का कमाल है। यही स्टार्टअप्स आज, विक्रम-एस और अग्निबाण जैसे रॉकेट्स बना रहे हैं। ऐसे ही mapping के सेक्टर में हुआ, इतने बंधन थे, आप एक एटलस नहीं बना सकते थे, टेक्नॉलाजी बदल चुकी है। पहले अगर भारत में कोई मैप बनाना होता था, तो उसके लिए सरकारी दरवाजों पर सालों तक आपको चक्कर काटने पड़ते थे। हमने इस बंदिश को भी हटाया। आज Geo-spatial mapping से जुडा डेटा, नए स्टार्टअप्स का रास्ता बना रहा है।

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साथियों,

न्यूक्लियर एनर्जी, न्यूक्लियर एनर्जी से जुड़े सेक्टर को भी पहले सरकारी कंट्रोल में रखा गया था। बंदिशें थीं, बंधन थे, दीवारें खड़ी कर दी गई थीं। अब इस साल के बजट में सरकार ने इसको भी प्राइवेट सेक्टर के लिए ओपन करने की घोषणा की है। और इससे 2047 तक 100 गीगावॉट न्यूक्लियर एनर्जी कैपेसिटी जोड़ने का रास्ता मजबूत हुआ है।

साथियों,

आप हैरान रह जाएंगे, कि हमारे गांवों में 100 लाख करोड़ रुपए, Hundred lakh crore rupees, उससे भी ज्यादा untapped आर्थिक सामर्थ्य पड़ा हुआ है। मैं आपके सामने फिर ये आंकड़ा दोहरा रहा हूं- 100 लाख करोड़ रुपए, ये छोटा आंकड़ा नहीं है, ये आर्थिक सामर्थ्य, गांव में जो घर होते हैं, उनके रूप में उपस्थित है। मैं आपको और आसान तरीके से समझाता हूं। अब जैसे यहां दिल्ली जैसे शहर में आपके घर 50 लाख, एक करोड़, 2 करोड़ के होते हैं, आपकी प्रॉपर्टी की वैल्यू पर आपको बैंक लोन भी मिल जाता है। अगर आपका दिल्ली में घर है, तो आप बैंक से करोड़ों रुपये का लोन ले सकते हैं। अब सवाल यह है, कि घर दिल्ली में थोड़े है, गांव में भी तो घर है, वहां भी तो घरों का मालिक है, वहां ऐसा क्यों नहीं होता? गांवों में घरों पर लोन इसलिए नहीं मिलता, क्योंकि भारत में गांव के घरों के लीगल डॉक्यूमेंट्स नहीं होते थे, प्रॉपर मैपिंग ही नहीं हो पाई थी। इसलिए गांव की इस ताकत का उचित लाभ देश को, देशवासियों को नहीं मिल पाया। और ये सिर्फ भारत की समस्या है ऐसा नहीं है, दुनिया के बड़े-बड़े देशों में लोगों के पास प्रॉपर्टी के राइट्स नहीं हैं। बड़ी-बड़ी अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं कहती हैं, कि जो देश अपने यहां लोगों को प्रॉपर्टी राइट्स देता है, वहां की GDP में उछाल आ जाता है।

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साथियों,

भारत में गांव के घरों के प्रॉपर्टी राइट्स देने के लिए हमने एक स्वामित्व स्कीम शुरु की। इसके लिए हम गांव-गांव में ड्रोन से सर्वे करा रहे हैं, गांव के एक-एक घर की मैपिंग करा रहे हैं। आज देशभर में गांव के घरों के प्रॉपर्टी कार्ड लोगों को दिए जा रहे हैं। दो करोड़ से अधिक प्रॉपर्टी कार्ड सरकार ने बांटे हैं और ये काम लगातार चल रहा है। प्रॉपर्टी कार्ड ना होने के कारण पहले गांवों में बहुत सारे विवाद भी होते थे, लोगों को अदालतों के चक्कर लगाने पड़ते थे, ये सब भी अब खत्म हुआ है। इन प्रॉपर्टी कार्ड्स पर अब गांव के लोगों को बैंकों से लोन मिल रहे हैं, इससे गांव के लोग अपना व्यवसाय शुरू कर रहे हैं, स्वरोजगार कर रहे हैं। अभी मैं एक दिन ये स्वामित्व योजना के तहत वीडियो कॉन्फ्रेंस पर उसके लाभार्थियों से बात कर रहा था, मुझे राजस्थान की एक बहन मिली, उसने कहा कि मैंने मेरा प्रॉपर्टी कार्ड मिलने के बाद मैंने 9 लाख रुपये का लोन लिया गांव में और बोली मैंने बिजनेस शुरू किया और मैं आधा लोन वापस कर चुकी हूं और अब मुझे पूरा लोन वापस करने में समय नहीं लगेगा और मुझे अधिक लोन की संभावना बन गई है कितना कॉन्फिडेंस लेवल है।

साथियों,

ये जितने भी उदाहरण मैंने दिए हैं, इनका सबसे बड़ा बेनिफिशरी मेरे देश का नौजवान है। वो यूथ, जो विकसित भारत का सबसे बड़ा स्टेकहोल्डर है। जो यूथ, आज के भारत का X-Factor है। इस X का अर्थ है, Experimentation Excellence और Expansion, Experimentation यानि हमारे युवाओं ने पुराने तौर तरीकों से आगे बढ़कर नए रास्ते बनाए हैं। Excellence यानी नौजवानों ने Global Benchmark सेट किए हैं। और Expansion यानी इनोवेशन को हमारे य़ुवाओं ने 140 करोड़ देशवासियों के लिए स्केल-अप किया है। हमारा यूथ, देश की बड़ी समस्याओं का समाधान दे सकता है, लेकिन इस सामर्थ्य का सदुपयोग भी पहले नहीं किया गया। हैकाथॉन के ज़रिए युवा, देश की समस्याओं का समाधान भी दे सकते हैं, इसको लेकर पहले सरकारों ने सोचा तक नहीं। आज हम हर वर्ष स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन आयोजित करते हैं। अभी तक 10 लाख युवा इसका हिस्सा बन चुके हैं, सरकार की अनेकों मिनिस्ट्रीज और डिपार्टमेंट ने गवर्नेंस से जुड़े कई प्रॉब्लम और उनके सामने रखें, समस्याएं बताई कि भई बताइये आप खोजिये क्या सॉल्यूशन हो सकता है। हैकाथॉन में हमारे युवाओं ने लगभग ढाई हज़ार सोल्यूशन डेवलप करके देश को दिए हैं। मुझे खुशी है कि आपने भी हैकाथॉन के इस कल्चर को आगे बढ़ाया है। और जिन नौजवानों ने विजय प्राप्त की है, मैं उन नौजवानों को बधाई देता हूं और मुझे खुशी है कि मुझे उन नौजवानों से मिलने का मौका मिला।

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साथियों,

बीते 10 वर्षों में देश ने एक new age governance को फील किया है। बीते दशक में हमने, impact less administration को Impactful Governance में बदला है। आप जब फील्ड में जाते हैं, तो अक्सर लोग कहते हैं, कि हमें फलां सरकारी स्कीम का बेनिफिट पहली बार मिला। ऐसा नहीं है कि वो सरकारी स्कीम्स पहले नहीं थीं। स्कीम्स पहले भी थीं, लेकिन इस लेवल की last mile delivery पहली बार सुनिश्चित हो रही है। आप अक्सर पीएम आवास स्कीम के बेनिफिशरीज़ के इंटरव्यूज़ चलाते हैं। पहले कागज़ पर गरीबों के मकान सेंक्शन होते थे। आज हम जमीन पर गरीबों के घर बनाते हैं। पहले मकान बनाने की पूरी प्रक्रिया, govt driven होती थी। कैसा मकान बनेगा, कौन सा सामान लगेगा, ये सरकार ही तय करती थी। हमने इसको owner driven बनाया। सरकार, लाभार्थी के अकाउंट में पैसा डालती है, बाकी कैसा घर बनेगा, ये लाभार्थी खुद डिसाइड करता है। और घर के डिजाइन के लिए भी हमने देशभर में कंपीटिशन किया, घरों के मॉडल सामने रखे, डिजाइन के लिए भी लोगों को जोड़ा, जनभागीदारी से चीज़ें तय कीं। इससे घरों की क्वालिटी भी अच्छी हुई है और घर तेज़ गति से कंप्लीट भी होने लगे हैं। पहले ईंट-पत्थर जोड़कर आधे-अधूरे मकान बनाकर दिए जाते थे, हमने गरीब को उसके सपनों का घर बनाकर दिया है। इन घरों में नल से जल आता है, उज्ज्वला योजना का गैस कनेक्शन होता है, सौभाग्य योजना का बिजली कनेक्शन होता है, हमने सिर्फ चार दीवारें खड़ी नहीं कीं है, हमने उन घरों में ज़िंदगी खड़ी की है।

साथियों,

किसी भी देश के विकास के लिए बहुत जरूरी पक्ष है उस देश की सुरक्षा, नेशनल सिक्योरिटी। बीते दशक में हमने सिक्योरिटी पर भी बहुत अधिक काम किया है। आप याद करिए, पहले टीवी पर अक्सर, सीरियल बम ब्लास्ट की ब्रेकिंग न्यूज चला करती थी, स्लीपर सेल्स के नेटवर्क पर स्पेशल प्रोग्राम हुआ करते थे। आज ये सब, टीवी स्क्रीन और भारत की ज़मीन दोनों जगह से गायब हो चुका है। वरना पहले आप ट्रेन में जाते थे, हवाई अड्डे पर जाते थे, लावारिस कोई बैग पड़ा है तो छूना मत ऐसी सूचनाएं आती थी, आज वो जो 18-20 साल के नौजवान हैं, उन्होंने वो सूचना सुनी नहीं होगी। आज देश में नक्सलवाद भी अंतिम सांसें गिन रहा है। पहले जहां सौ से अधिक जिले, नक्सलवाद की चपेट में थे, आज ये दो दर्जन से भी कम जिलों में ही सीमित रह गया है। ये तभी संभव हुआ, जब हमने nation first की भावना से काम किया। हमने इन क्षेत्रों में Governance को Grassroot Level तक पहुंचाया। देखते ही देखते इन जिलों मे हज़ारों किलोमीटर लंबी सड़कें बनीं, स्कूल-अस्पताल बने, 4G मोबाइल नेटवर्क पहुंचा और परिणाम आज देश देख रहा है।

साथियों,

सरकार के निर्णायक फैसलों से आज नक्सलवाद जंगल से तो साफ हो रहा है, लेकिन अब वो Urban सेंटर्स में पैर पसार रहा है। Urban नक्सलियों ने अपना जाल इतनी तेज़ी से फैलाया है कि जो राजनीतिक दल, अर्बन नक्सल के विरोधी थे, जिनकी विचारधारा कभी गांधी जी से प्रेरित थी, जो भारत की ज़ड़ों से जुड़ी थी, ऐसे राजनीतिक दलों में आज Urban नक्सल पैठ जमा चुके हैं। आज वहां Urban नक्सलियों की आवाज, उनकी ही भाषा सुनाई देती है। इसी से हम समझ सकते हैं कि इनकी जड़ें कितनी गहरी हैं। हमें याद रखना है कि Urban नक्सली, भारत के विकास और हमारी विरासत, इन दोनों के घोर विरोधी हैं। वैसे अर्नब ने भी Urban नक्सलियों को एक्सपोज करने का जिम्मा उठाया हुआ है। विकसित भारत के लिए विकास भी ज़रूरी है और विरासत को मज़बूत करना भी आवश्यक है। और इसलिए हमें Urban नक्सलियों से सावधान रहना है।

साथियों,

आज का भारत, हर चुनौती से टकराते हुए नई ऊंचाइयों को छू रहा है। मुझे भरोसा है कि रिपब्लिक टीवी नेटवर्क के आप सभी लोग हमेशा नेशन फर्स्ट के भाव से पत्रकारिता को नया आयाम देते रहेंगे। आप विकसित भारत की एस्पिरेशन को अपनी पत्रकारिता से catalyse करते रहें, इसी विश्वास के साथ, आप सभी का बहुत-बहुत आभार, बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद!