When citizens are empowered, the country becomes powerful: PM Modi

Published By : Admin | October 17, 2022 | 15:55 IST
“Health insurance is talked about in many countries of the world but India is going beyond that and ensuring health assurance”
“Our schemes today directly address the needs of the common citizens”
“When the citizens of the country are empowered, the country becomes powerful”
“An Ayushman card is a 5 lakh rupee ATM. This is an ATM card that will keep giving benefits of free treatment every year”
“Over a period of 30-40 years, there is a guarantee of 1.5-2 crore worth of treatment”

नमस्‍कार!

धनतेरस और दिवाली सामने ही दिख रही है। धनतेरस और दीपावली से पहले अपने गुजरात में आरोग्य का महा महोत्सव हो रहा है। अपने यहाँ धनतेरस पर हम भगवान धन्वंतरि की पूजा करते हैं। भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद का जन्मदाता कहा जाता है और ऐसा कहा जाता है कि देवताओं की चिकित्सा भगवान धन्वंतरि के द्वारा होती थी। इसलिए कह सकते हैं कि वह आरोग्य की प्रेरणा के वह ईष्ट देव हैं। और आरोग्य से बड़ा धन, आरोग्य से बड़ा सौभाग्य, भला क्या हो सकता है? और अपने यहां तो शास्त्रों में भी कहा गया है-

आरोग्यम् परमं भाग्यम्।

और मेरे लिए खुशी कि बात है, कि आज हमारे भूपेन्द्रभाई के नेतृत्व में जो काम किया गया है, वैसे भी दिवाली के त्यौहारों में ऐसा काम कोई सोचता ही नहीं। सब छुट्टी के मूड में होते हैं। जबकि आज यहां जब यह कार्यक्रम पूर्ण होगा, उसके साथ ही आज रात तक में डेढ़-दो लाख लोगों तक कार्ड पहुंचाने का अभियान चल रहा है। और 50 लाख लोगों को कार्ड देने का काम, मैं तो सरकार के सभी हमारे साथियों को, पुराने-पुराने सभी साथी रहे हैं, सरकारी अधिकारियों का आज खास अभिनन्दन करता हूँ कि आपने दिवाली में इतना बड़ा काम सिर पर लिया है, आपकी यह मेहनत रंग लाएगी। और अपने यहां तो कहा गया है, सर्वे संतु निरामया यानी सभी रोगमुक्त रहें, हमारे पूर्वजों की जो कल्पना थी, जो चिंतन था, उस व्यक्ति का उस परिवार का, उस समाज का, बड़े से बड़ा सुरक्षा कवच वह मंत्र लेकर आज आयुष्मान योजना चल रही है, एक साथ अभियान चला कर 50 लाख परिवार तक पहुँचने का यानी गुजरात की आधी जनसंख्या, यह बहुत बड़ा काम है। जिला हो, तालुका हो या ग्राम पंचायत, तमाम स्तर पर लाभार्थी को ढूंढकर जिनको कार्ड नहीं मिला है उन तक पहुँचने का यह सच में अभिनंदन का कार्य हैं, इसके कारण बड़े लोगों आशीर्वाद मिलेगा। हम सब जानते हैं, पूरी दुनिया में जो प्रगतिशील देश हैं, समृद्ध देश हैं, वहां बीमा की बात हम सुनते आये हैं, हम भारत में उनसे एक कदम आगे जाकर, सिर्फ हेल्थ इंश्योरेंस ही नहीं हेल्थ एश्योरेंस का यह बहुत बड़ा सपना हमने देखा है। और इस सपने को पूरा करने के लिए आपका साथ और सहकार मिला है।

आज का यह कार्यक्रम एक प्रकार से जब राजनीतिक दृष्टि से स्थिर सरकार हो और उसकी कार्य संस्कृति पूरी तरह संवेदनशील और समाज को समर्पित हो, तब कैसे अद्भूत परिणाम आ सकते हैं, इस बात का उदाहरण है, और यह आज देश और गुजरात देख रहा है। पहले क्या था, पहले सरकार थी, सब था लेकिन कोई योजना लागू करता था, तो बस किसी बड़े सभागार के अन्दर दीप जलाता था, रिबिन काटता था, या अच्छा भाषण करता था, और बात खत्म हो जाती थी। जो लोग जागरूक होते थे, वह योजना का लाभ लेते थे, कितने लोगों का लाभ तो बिचौलिए ले जाते थे, औऱ योजना इस प्रकार खत्म हो जाती थी। हमने यह पूरा रिवाज ही बदल डाला है। पैसे का व्यय हो, लेकिन उसका फायदा भी हो, सिर्फ स्कीम लॉंच हो जाए, दीप जला लें, रिबिन काट लें, उतना काम नहीं है, घर-घर सरकार जाए, उनके सामने से जरुरतमंद लोगों को ढूंढे, उनके पास पहुंचकर समस्या का निवारण करे, इस प्रकार का यह बड़ा कदम हमने उठाया है। यह बड़ा कदम उठाकर हम आगे बढ़ रहे हैं।

आज जब योजना बनती है, तब पहले सामान्य लोगों को क्या तकलीफ है उसकी जरुरत क्या है, लंबे समय में उसमें क्या बदलाव करना जरुरी उसका सरकार पूरा अभ्यास करती है। गरीब के जीवन में मध्यम वर्ग के जीवन में कौन-कौन सी रुकावटें हैं, कौन-कौन सी अड़चने हैं, उसे रोकने का कार्य होता है। और उसका लाभ यह होता है कि नीति बहुत अच्छी बनती है, अभ्यास करने के बाद नीति बनती है तो सबका समावेश हो जाता है, और नीति बनने के बाद कुछ ऐसा लगता है कि उसमें कुछ बढ़ाने की जरुरत है, जैसे आज हमारे भूपेन्द्र भाई की सरकार ने इसका दायरा बढ़ा दिया लाभार्थियों की संख्या बढ़ा दी तो मध्यमवर्ग के कई लोग इसके लाभार्थी बन गए और यह सभी योजनाओं के लाभ सामने से सरकार लोगों के घर जाकर दे, उस दिशा में हम कार्य कर रहे हैं।

साथियों,

जब देश का नागरिक सामान्य नागरिक empower होता है, तो वह पावरफूल हो जाता है, और आप जानते हो कि जब आप पावरफूल हो तो बीच में कुछ आता ही नहीं है भाई, और इसलिए हमने तय किया है कि भारत के सभी नागरिक को सशक्त बनाना – एम्पावर करना खास करके माताओं- बहनों को। आज गरीब को मुफ्त में गैस का कनेक्शन मिलने से उसे लकड़ी के धुंए में जो जीवन जीना पड़ता था, रसोई में हम उसे उस बीमारी से बचा सके। हम गरीबों को पक्का घर दे, पक्की छत वाला घर दे, उसके कारण उनके जीवन में भी सुधार हो, और कई छोटी-छोटी मुसीबतों से मुक्ति मिले। उसे जब नल से जल मिले, शुद्ध पीने का पानी मिले, शौचालय बनने से, यह सब चीज़ें ऐसी हैं कि बीमारी को आने से रोकती हैं, घर के बाहर ही रोक लेती हैं। इन सभी बुनियादी कार्यों पर हम ध्यान दे रहे हैं और जब हाल ही में इतनी बड़ी वैश्विक महामारी आई तो हमने किसी भी गरीब के घर का चूल्हा बूझने नहीं दिया। 80 करोड़ लोगों को दो से ढाई साल तक मुफ्त खाना पहुंचे, इसलिए की इतनी बड़ी महामारी आई है कि मेरे देश के किसी भी घर में चूल्हा न जले ऐसे नहीं चलेगा, इसकी हमने चिंता की है।

इतना ही नहीं बच्चा ही स्वस्थ न हो तो देश स्वस्थ नहीं होगा, कुपोषण से हमें बाहर आना ही पड़ेगा। और अभी तो गुजरात ने बड़ा अभियान शुरु किया है, हमारे सी. आर. पाटिल ने तो बड़ा लक्ष्य लेकर कार्य शुरु किया है कि सभी इसमें से बाहर निकले, आयुष्मान भारत योजना, पीएमजेएवाई, अपनी सरकार के प्रयासों के कारण बहुत बड़े उत्तम उदाहरण बन गए हैं, दुनिया में चर्चा का विषय बन गए हैं, और आज तो गुजरात के गाँव-गाँव जैसा मैंने कहा कि 50 लाख आयुष्मान कार्ड इस दिपावली के दिनो में देने का कार्य बहुत बड़ा कार्य हमने उठाया है। और पहले एक जमाना था, घर में कोई बीमार पड़े, और खास करके हमारी माताएँ-बहनें बीमार पड़ें तो क्या स्थिति होती थी, साहब मंगलसूत्र गिरवी रखना पड़ता था। 5 हजार 10 हजार लाकर बीमारी का उपचार करना पड़ता था, ऐसे दिन हमने देखे हैं। आज वह सब मजबूरी गई और आज तो जो आयुष्मान कार्ड है, न जैसे आपके पास सोना हो तो और आप कहो कि आधी रात को काम में आए, ऐसा वह सोना है, ऐसा हम कहते हैं। जैसे सोना आपको आधी रात में काम में आता है न, वैसे मैंने जो आयुष्मान कार्ड दिया है न, वह सोना ही है, आधी रात को आपके काम आती है, कार्ड लेकर जाओ तो अस्पताल के दरवाजे खुल जाएंगे, तुरंत ही आपकी जाँच शुरु, सोने की तरह जैसा काम करता है की नहीं? और इसलिए मैं कहता हूँ कि यह 5 लाख का एटीएम है जैसे जरुरत पड़ने पर हम जैसे एटीएम से पैसा निकालते हैं न वैसे ही यह आपको मदद करता है। इसका लाभ समाज के ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिले और भगवान ने जो हमको आशीर्वाद दिये हैं। हम चाहते हैं कि सभी की आयु लंबी हो, मान लो की हम तय करे की 30 साल का कोई परिवार का बड़ा है और उसे आयुष्मान कार्ड मिला और मान लो की वह 70 साल तक जीता है तो उसके अकले के खाते में बीमारी में क्या व्यवस्था की है, पता है हर साल 5 लाख रुपए यानी डेढ़ से दो करोड़ रुपए तक उसे या उसके परिवार को कोई बीमारी आती है तो उसका पैसा सरकार देगी। डेढ़ से दो करोड़ रुपये की जब तक जिए तब तक हर साल 5 लाख उसके लिए उसके पास मौजूद है। आज तो कई बीमारी या अलग-अलग बीमारियों की सर्जरी करानी पड़े तो सामान्य मानवी उसे तो रोजगारी गवानी पड़े। आज इसके कारण वह स्वस्थ हो सकता है, अभी पीयूष भाई को देखा शरीर कितना कम हो गया है, सोचो आज यह कार्ड नहीं होता आयुष्मान तो आपके पीयूष भाई का जीवन कितनी मुसीबत होता। इसलिए सभी योजनाओं का लाभ, वास्तव में समाज को ताकत देता है, इसलिए आयुष्मान वास्तव में आपके परिवार का सबसे बड़ा तारणहार है, सबसे बड़ा संकटमोचन है।

भाइयों-बहनों

आज तक हमने देश में कई योजनाएँ जो बनाई हैं, अब तक 4 करोड़ लोगों ने इसका लाभ लिया है। अपने गुजरात ने भी उसमें से लगभग 50 लाख लोगों ने इसका लाभ लिया है। और यह सभी इलाज के कारण आज जो सुखी जीवन जी रहे हैं, और उनके पैसे कितने बचे हैं। आप जरा सोचो, ये एक-एक को पूछा तो कोई कहे 5 लाख होते, कोई कहे 8 लाख होते यह सभी पैसे बच गए, एक भी पैसा खर्च नहीं हुआ, और स्वस्थ होकर बच्चे को बड़े कर रहे हैं ये लोग। यानी यह काम हमने किया है और मुझे संतोष है कि आयुष्मान भारत का लाभ आज ज्यादा से ज्यादा लोग ले रहे हैं और बीमारी कोई आएगी नहीं, लेकिन आई तो उसे मज़बूरी में न जीना पड़े, उसे बीमारी के इलाज की व्यवस्था मिले, इसकी हमने चिंता की है। और मैं तो कहुँगा कि माताओं-बहनों को इससे बड़ी ताकत मिली है, और अपने यहाँ तो कैसी स्थिति है आपको पता है, माताएं-बहनें अपनी चिंता कम करती है, किसी माँ को बीमारी आती है, बहुत पीड़ा होती है लेकिन घर में किसी को पता नहीं चलने देती, काम करते ही रहती है, क्योंकि उसके मन में एक ही विचार होता है कि, जो घर में सबको पता चलेगा कि मुझे बीमारी है, और ये सब दवाई का खर्चा करेंगे तो उधार बढ़ जाएगा, और इसलिए वह बीमारी को छुपा लेती है, और सब कुछ सहती रहती है। अब आज आप सोचो की अपनी यह माताएँ कब तक यह भुगतेंगी, और यह बेटा उन माताओं को मुसीबत में से बाहर निकालेगा नहीं तो कौन निकालेगा भाई, इसलिए हम यह योजना लेकर आयें हैं कि अब हमारी माताओं को बीमारी छुपानी भी नहीं पड़ेगी और घर के बच्चों की चिंता में दवाईयों से दूर रहने की बात बदलनी नहीं पड़ेगी, और सरकार पैसे देगी, आपकी बीमारी खत्म हो उसके लिए चिंता करेगी।

मेरा यह मानना है कि मेरी माताएं-बहनें खास करके अब आपको तकलीफ हो तो जरुर आयुष्मान कार्ड ले और बीमारी हो तो दो दिन अस्पताल में भले ही रुकना पड़े, दो दिन घर में बच्चों को तकलीफ होगी, लेकिन बाद में शांति हो जाएगी, लेकिन कभी माताएं-बहनें सोचती हैं, दो दिन के लिए बच्चों को तकलीफ होगी, लेकिन एक बार आप लोगों को जाँच करवा लेनी चाहिए। और मुझे याद है, जब मैं गुजरात में था तो मैंने चिरंजीवी योजना शुरु की थी, इस चिरंजीवी योजना में पहले क्या होता था, प्रसूति के समय ही या तो माता की मृत्यु होती थी या संतान की मृत्यु हो जाती थी या माता और संतान दोनों की मृत्यु हो जाती थी, हमने उन्हें बचाने के लिए चिरंजीवी योजना लेकर आये और अस्पताल में सभी की देखभाल होने लगी। आज गुजरात में बहुत बड़ी संख्या में कही कुछ ही दाखिले होंगे कि जिसकी प्रसूति घर में होती होगी। इस तरह हमने यह बच्चों के जन्म होने के बाद भी कितनी देखभाल करनी पड़ती है तो बाल भोग योजना लेकर आए, ऐसे ही हम खिलखिलाहट योजना लेकर आए, बाल मित्र योजना लेकर आए, इन सभी के कारण उनके जीवन में बहुत बड़ा परिवर्तन लाए और उसके साथ ही उस समय गुजरात में मुख्यमंत्री अमृतम् योजना- माँ योजना लेकर आए और आज पीएमजयमा, पूरी योजना अब नई बन गई, उसमें पीएम जय योजना और माँ योजना दोनों को जोड़ दिया पीएमजयमा हो गई और पीएमजय माँ का तो आज गुजरात सरकार ने विस्तार भी किया है। और मुझे विश्वास है कि आपको पहले भी यह सभी लाभ मिले हैं, आज भी मिल रहे हैं और लाभ बढ़ भी रहे हैं, जिसके कारण आप मुसीबत के समय में इसका विस्तार होने से उसका लाभ ले सकेंगे। आज गुजरात ही नहीं अपने साथी देशों के कई हिस्सो में भी अपने गुजराती बाहर जाते हैं, देशवासी बाहर जाते हैं, गुजरात में से दूसरे राज्य में बाहर जाते हैं, अब वहाँ हो तो क्या करेंगे, मैंने कहा न कि यह ऐसा सोना है कि आप मुंबई जाओ और वहाँ हो तो आप इससे उपचार करवा सकते हो, आप कलकत्ता गए हो और आपको कुछ होता है तो वहाँ भी इलाज करा सकते हो, इससे इलाज की सभी जगह व्यवस्था मिलेगी, उसकी चिंता आज हमने की है। और उसके कारण परिवार के लोग कहीं भी रहते हो, वह भी इसका लाभ ले सकते हैं, पूरे परिवार को इसका लाभ मिलता है, इतना ही नहीं, बाहर से जो राज्य में आयें हैं, उसे भी जो अपने राज्य में कुछ तकलीफ हो तो अपने राज्य के अस्पतालो में भी उनको लाभ मिले, यानी भारत के नागरिकों को आरोग्य की सुविधा पूरे हिन्दुस्तान के कोने में मिले, वह इस सोने के अपने हाथो में है, कभी भी उलझन में न पड़ना पड़े, उसकी चिंता हम करते हैं।

आज आपसे मिलने का मौका मिला, मुझे बहुत आनंद आया, खर्चे की चिंता आपकी कम हुई है, मेरी आप सभी को शुभकामनाएं, बहुत-बहुत धन्यवाद।

 

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।