Chhattisgarh steeped in corruption, misrule, scam under Congress: PM Modi

Published By : Admin | September 30, 2023 | 21:06 IST
People of Chhattisgarh have decided to not tolerate Congress' atrocities anymore: PM Modi in Bilaspur
It is my guarantee that your dreams are my resolution... Your dreams will be fulfilled only when there is a BJP government here: PM Modi in Chhattisgarh
If the Deputy CM of Chhattisgarh says that Delhi does no injustice, this should have been a matter of happiness for all, but Congress had a hurricane: PM Modi in Bilaspur
Chhattisgarh steeped in corruption, misrule, scam, says PM Modi

भारत माता की, भारत माता की।


जम्मो छत्तीसगढ़ के भाई-बहिनी, सियान महतारी मन ल जय जोहार।


बिलासपुर का आह्वान है, छत्तीसगढ़ का ऐलान है- छत्तीसगढ़ में परिवर्तन तय हो गया है। ये जो उत्साह यहां दिख रहा है कि ये परिवर्तन का उद्घोष है। कांग्रेस सरकार के अत्याचारों से त्रस्त छत्तीसगढ़ की जनता कह रही है- अउ नइ सहिबो, बदल के रहिबो ! अउ नइ सहिबो, अउ नइ सहिबो, अउ नइ सहिबो, बदल के रहिबो !

भाइयों-बहनों,
मैं बिलासपुर बहुत बार आया हूं। संगठन का काम करता था तब भी आता था। गुजरात में मुख्यमंत्री था तब भी रमन सिंह मुझे आपसे मिलने के लिए हर मौके पर बुलाते थे। और प्रधानमंत्री बनने के बाद भी हर बार आपके बीच में आया हूं। लेकिन ऐसा उमंग, उत्साह, न भूतो न भविष्यति। मैंने ऐसा उत्साह, ऐसी एनर्जी और पूरी तरह युवाशक्ति और मातृशक्ति, कल्पना से बाहर का दृश्य है। और अच्छा हुआ, पार्टी ने मुझे अंदर से जीप में आने का मुझे अवसर दिया ताकि मैं पुराने-पुराने लोगों के दर्शन तो कर पाया। लेकिन साथ-साथ इस एनर्जी को अनुभव कर पाया। इस उत्साह को अनुभव कर पाया। साथियों, मैं कल्पना कर सकता हूं कि परिवर्तन यात्रा ने कैसी कमाल की है छत्तीसगढ़ में। आज छत्तीसगढ़ आकंठ भ्रष्टाचार और कुशासन से त्रस्त है। रोजगार के नाम पर सिर्फ घोटाले ही घोटाले हैं। हर योजना में भ्रष्टाचार हावी है। इसलिए छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार को हटाने और भाजपा को लाने के लिए आपलोग पूरी तरह तैयार हैं।

मेरे परिवारजनों,
अटल जी ने छत्तीसगढ़ की आकांक्षाओं को समझते हुए, इस प्रदेश का निर्माण किया था। ये भाजपा है, जिसने छत्तीसगढ़ के लोगों के सामर्थ्य को समझा। छत्तीसगढ़ का हाईकोर्ट हमारे बिलासपुर में है। ये काम भाजपा ने किया है। यहां साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे का मुख्यालय है। ये राजस्व की दृष्टि से भारत के सबसे बड़े रेलवे जोन में से एक है। इसकी स्थापना भी अटल जी की सरकार के दौरान हुई थी। यानि छत्तीसगढ़ के विकास के लिए भाजपा केंद्र में हो या राज्य में पूरी तरह निरंतर समर्पित रही है। आज मैं आपको, आज मैं आपको एक गारंटी देने आया हूं कि आपके हर सपने को साकार करने के लिए मोदी कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगा।

छत्तीसगढ़ के मेरे भाई-बहन,
छत्तीसगढ़ के मेरे भाई-बहन आप लिख लीजिए, ये मोदी की गारंटी है। आपका सपना, आपका सपना अब मोदी का संकल्प है। छत्तीसगढ़ के हर परिवार का सपना तभी साकार होगा, जब छत्तीसगढ़ में भी भाजपा सरकार होगी। दिल्ली से मैं जितनी कोशिश करूं, यहां की कांग्रेस सरकार उसको फेल करने में जुटी रहती है। पिछले 5 वर्षों में छत्तीसगढ़ को केंद्र सरकार से हजारों करोड़ रूपए मिला है। यहां सड़क हो, रेल हो, बिजली हो, दूसरे ऐसे अनेक विकास के काम हों, हमने छत्तीसगढ़ के लिए, आपके लिए पैसे की कोई कमी नहीं रखी। और ये बात मैं कह रहा हूं ऐसा नहीं है। यहां के उपमुख्यमंत्री जी ने सार्वजनिक सभा में कही थी। और उपमुख्यमंत्री जी ने सच बोला तो ये पार्टी के ऊपर से नीचे तक तूफान खड़ा हो गया। उनको फांसी पर लटकाने के खेल खेलने लग गए। सार्वजनिक जीवन में हकीकतों को छिपाया नहीं जा सकता। अगर कांग्रेस के ये नेता, कांग्रेस सरकार के उपमुख्यमंत्री भरी जनसभा में ये कहते हैं कि दिल्ली कभी अन्याय नहीं करता है तो फिर हरेक को खुशी होनी चाहिए। लेकिन पूरी कांग्रेस में तूफान मच गया।

और भाइयों-बहनों, भारत सरकार ने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए, हम कभी ये नहीं कहते कि हम उपकार कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में हजारों करोड़ रुपये के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट हमने मंजूर किए, पैसे भेजे। कांग्रेस सरकार की वजह से या तो वो रुके हुए हैं या बहुत देरी से चल रहे हैं। हर प्रोजेक्ट में रोकटोक करने वाली कांग्रेस सरकार अगर यहां दोबारा आई तो छत्तीसगढ़ भला होगा, जरा जोर से बताइए छत्तीसगढ़ का भला होगा, आपका भला होगा, यहां के युवकों का भला होगा, यहां की माताओं-बहनों का भला होगा।

साथियों,
जब कांग्रेस की सरकार दिल्ली में थी, तब छत्तीसगढ़ के लिए, रेलवे के लिए, ये आंकड़ा याद रखोगे आप, मैं जो आंकड़ा बोलता हूं याद रखोगे आप। ऐसे नहीं, सबलोग बताओ आंकड़ा याद रखोगे। पक्का याद रखोगे। जब दिल्ली में रिमोट कंट्रोल से सरकार चल रही थी कांग्रेस की सरकार थी, और आजकल जो इंडी एलायंस बना है न, उनकी सरकार थी। रेलवे के लिए वर्ष में एवरेज औसतन 300 करोड़ रुपए छत्तीसगढ़ को मिलता था। कितना, जरा फिर से बोलो कितना...किसके समय में। मतलब कि कांग्रेस के समय में रेलवे के लिए 300 करोड़ रुपए मिलता था। लेकिन इस साल भाजपा सरकार ने मैं एक वर्ष की बात बताता हूं। सरकार ने छत्तीसगढ़ में रेलवे के विस्तार के लिए रेलवे के विस्तार के लिए 6 हज़ार करोड़ रुपए दिए हैं। कितने दिए हैं, कितने दिए हैं, किसने दिए हैं, किसने दिए हैं। आप बताइए कहां 300 करोड़ और कहां 6 हज़ार करोड़। ये है मोदी मॉडल। ये है मोदी का छत्तीसगढ़ के प्रति प्रेम। ये है मोदी का छत्तीसगढ़ के विकास के लिए कमिटमेंट। हमारा प्रयास है कि छत्तीसगढ़ में रेलवे ट्रैक का तेज़ी से बिजलीकरण हो, दोहरीकरण हो। हम चाहते हैं यहां बड़ी संख्या में तेज़ गति से चलने वाली ट्रेनें चल सकें, आप सभी को सुविधा हो। ये भाजपा सरकार ही है जिसने छत्तीसगढ़ को आधुनिक वंदे भारत ट्रेन भी दी है।

मेरे परिवारजनों,
गरीब के साथ जितना अन्याय कांग्रेस ने किया है, उतना किसी ने नहीं किया। कोरोना का इतना बड़ा संकट आया। गरीब के इस बेटे ने ये तय किया कि मैं अपने हर गरीब भाई-बहन को संकट की इस घड़ी में मुफ्त राशन दूंगा। हमने गरीब कल्याण अन्न योजना शुरू की। कोई भी परिवार ऐसा न हो जब इन कोरोना की मुसीबत के समय जिसका घर का चूल्हा न जले। ऐसा कोई बेटा-बेटी न हो जिसको रात को भूखा सोना पड़े। और इसीलिए मोदी ने अन्न के भंडार खोल दिए और देश के गरीबों को मुफ्त में अन्न दिया, आज भी चल रहा है। लेकिन छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने, आप सुनिए, गरीब के पेट जाने वाला अन्न, गरीब का जलने वाला चूल्हा, ये भी कांग्रेस के लोगों के लिए चोरी करने का माध्यम बन गया। कांग्रेस सरकार ने इसमें भी घोटाला कर दिया। आज यहां का हर लाभार्थी कांग्रेस सरकार से पूछ रहा है कि बताओ, हमारे हक का राशन कहां गया? पूछोगे कि नहीं पूछोगे, घर जाकरके बताओगे कि नहीं बताओगे। क्या कांग्रेस ने जवाब देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए? आप मुझे बताइए साथियों, जो राशन में घोटाला करे, वो वापिस आने चाहिए क्या? उनको दोबारा मौका देना चाहिए क्या? और अगर मौका मिल गया तो ज्यादा घोटाला करेंगे कि नहीं करेंगे? छत्तीसगढ़ पूरी तरह तबाह हो जाएगा कि नहीं हो जाएगा। साथियों, ये तो मैं दिल्ली में बैठा हूं न तो थोड़ा भी डरते हैं। ये दुबारा मौका मिला, दुबारा मौका मिला तो घोटाले करने की इनकी हिम्मत इतनी बढ़ जाएगी, इतनी बढ़ जाएगी कि छत्तीसगढ़ में कोई उनको रोक नहीं पाएगा।

साथियों,
कांग्रेस शासन में अनेकों छोटे-छोटे बच्चों की कुपोषण से मौत की खबरें आई हैं। ये कितनी पीड़ादायक स्थिति है। किसी सरकार की इससे बड़ी असफलता भला क्या हो सकती है? कांग्रेस सरकार ने इस खौफनाक सच्चाई को दबाकर रखा है, छिपाकर रखा है। कांग्रेस नेताओं को अपने बच्चों के जीवन से बहुत सरोकार है, लेकिन आपके बच्चों से, आपके बच्चों के जीवन से कांग्रेस वालों को कोई लेना-देना नहीं है, उनको तो अपने बच्चों की जिंदगी बनानी है।

साथियों,
केंद्र की भाजपा सरकार का प्रयास है कि यहां से जो खनिज संपदा निकलती है, उसका एक हिस्सा यहीं के विकास में लगना चाहिए। इसके लिए भाजपा सरकार ने डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड बनाया है। इसके तहत छत्तीसगढ़ को भी करोड़ों रुपए दिए गए हैं। और जब हमने नियम बनाया तब रमन सिंह जी मुख्यमंत्री थे। वो मुझे स्पेशियली मुझसे मिलने आए थे। और रमन सिंह जी ने कहा कि साहब आपने ऐसा निर्णय किया है कि आपने हिसाब लगाया है कि क्या होगा। मैंने कहा बताइए। बोले मेरे कुछ जिले ऐसे हैं जिनको सिर्फ इस फंड से इतना पैसा मिलेगा, इतना पैसा मिलेगा जितना पहले बजट से नहीं मिला है और अब तो शायद इन जिलों के लिए हमें अतिरिक्त बजट भी नहीं बाटना पड़े और ये जिले आगे निकल जाएंगे। ये शब्द रमन सिंह जी ने आकरके मुझसे कहे थे। लेकिन कांग्रेस ने आते ही उसका भी बंटाधार कर दिया। हमारे छत्तीसगढ़ के दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के इन पैसों पर भी डाका डाल दिया। कांग्रेस ने यहां शराब घोटाला करके क्या कुछ नहीं कमाया है। अरे ये लोग तो ऐसे हैं गोबर को भी नहीं छोड़ा, गोबर को भी। कांग्रेस ने गौमाता के नाम पर भी घोटाला किया है।

साथियों,
कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के नौजवानों को क्या-क्या सपने दिखाए थे। और उन्हें क्या मिला- सिर्फ धोखा ! और छत्तीसगढ़ के नौजवान तो छह महीने में ही समझ गए थे मर गए। और जब लोकसभा का चुनाव आया तो सबकी सब सीटों पर भाजपा को विजयी बना दिया था। क्योंकि सब समझ गए थे कि ये धोखा है। भाइयों-बहनों PSC घोटाला, ये PSC घोटाला तो यहां के युवाओं के साथ बहुत बड़ा धोखा है। कांग्रेस की कुनीति को छत्तीसगढ़ के नौजवान भुगत रहे हैं। जिनकी नौकरी लगी- उनके सामने भी अनिश्चितता और जिनको बाहर किया गया, उनके साथ अन्याय। मैं छत्तीसगढ़ के युवाओं को आश्वस्त करता हूं कि जो भी इसके दोषी हैं, मेरे नौजवान लिखकर रखो, जो भी इसके दोषी हैं, भाजपा सरकार बनते ही उन पर कठोर कार्रवाई होगी।

मेरे परिवारजनों,
कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के धान किसानों को भी हमेशा धोखा दिया है, उनसे झूठ बोला है। यहां के धान किसानों का दाना-दाना, याद रखोगे, मैं बहुत जिम्मेवारी से बोल रहा हूं। याद रखोगे, यहां के धान किसानों का दाना-दाना, केंद्र की भाजपा सरकार खरीदती है। मोदी सरकार खरीदती है। छत्तीसगढ़ के किसानों का धान खरीदकर केंद्र सरकार ने एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा दिए हैं। कितने, फिर से बोलिए कितने, फिर से बोलिए कितने, घर-घर जाकर बताओगे, किसानों को जाकर बताओगे। यहां के धान किसानों को पैसे केंद्र की भाजपा सरकार देती है और दावे यहां कांग्रेस सरकार करती है। अब आपको बोलना चाहिए कि नहीं बोलना चाहिए, जोरों से बोलना चाहिए कि नहीं बोलना चाहिए, बार-बार बोलना चाहिए कि नहीं बोलना चाहिए, सच्चाई लोगों को पहुंचानी चाहिए कि नहीं पहुंचानी चाहिए। उनको बेनकाब करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए। करोगे, ढीला मत बोलो, करोगे, करोगे, आप करोगे, पीछे वाले करेंगे, इधर वाले करेंगे, उधर वाले करेंगे। मैं फिर आपको विश्वास दिलाता हूं। भाजपा धान किसानों के प्रति समर्पित है। इसलिए यहां जब भाजपा सरकार बनेगी तो धान किसानों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। और पाई-पाई किसान के पास पहुंचेगी।

साथियों,
मोदी ने पीएम किसान सम्मान निधि का इंतज़ाम ऐसा किया है कि सीधे पैसा किसान के बैंक अकाउंट में पहुंचता है। बीच में कोई बिचौलिया नहीं है, कोई कटकी कंपनी नहीं है। वरना कांग्रेस के एक प्रधानमंत्री ने कहा था कि दिल्ली से एक रूपया भेजते हैं, 15 पैसा पहुंचता है। अगर मेरे समय भी ऐसा हुआ होता तो आपको भला होता क्या। ये मोदी एक रुपया भेजता है तो 100 के 100 पैसे पहुंच जाते हैं भाइयों। कोई पंजा, कोई पंजा इस रुपये को घिस नहीं सकता है। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत छत्तीसगढ़ के हर लाभार्थी किसान के खाते में 28 हजार रुपए तक पहुंचे हैं। हम आपकी हर जरूरत का ध्यान रख रहे हैं। केंद्र की भाजपा सरकार ने ये सुनिश्चित किया कि मुश्किल से मुश्किल समय में भी देश में खाद की कमी ना हो। आप भी जानते हैं कि दुनिया में ये कोरोना, ये लड़ाई इसके कारण खाद की कीमत बहुत बढ़ गई है। पिछले 100 साल में इतनी कीमत नहीं रही। इतनी कीमत बढ़ गई है। यूरिया की एक बोरी दुनिया में करीब-करीब 3 हज़ार रुपए तक बिकती है। कितने, कितने, जरा जोर से बोलो कितने में बिकती है। याद रखोगे और भारत में भारत के किसानों को ये बोरी 300 रुपए से भी कम कीमत में मिलती है। 300 रुपए से भी कम। कितने में रुपये में मिलती है, कितने में रुपये में मिलती है, दुनिया में कितने में मिलती है, दुनिया में कितने में मिलती है। कहां तीन हजार और कहां मेरे किसान को 300 रुपये हम यूरिया की बोरी देते हैं भाइयों। और इसके लिए भारत सरकार की तिजोरी में से केंद्र सरकार हज़ारों करोड़ रुपए खर्च कर रही है ताकि किसानों पर बोझ न बने।

मेरे परिवारजनों,
भाजपा सरकार का प्रयास है, गरीबों का जीवन आसान बने, उनका जीवन स्तर सुधरे। आपका जीवन स्तर ऊपर उठना है, तो मुझे लगता है कि जब आपको संतोष होता है, आपके सपने पूरे होते हैं न, तो मेरा संतोष भी बढ़ जाता है, मेरी ऊर्जा भी बढ़ जाती है। मेरा जीवन धन्य हो जाता है जब मेरे देश के गरीबों का कल्याण होता है। हमने शौचालय बनाया, तो दलित, पिछड़े और आदिवासी परिवारों की बहनों की मुश्किलें कम हुईं। हमने सौभाग्य योजना से मुफ्त बिजली कनेक्शन दिया, तो दलित, पिछड़े, आदिवासी परिवारों के घर रौशन हुए। उज्जवला का मुफ्त कनेक्शन दिया तो दलित, पिछड़े, आदिवासी परिवारों की बहनों को धुएं से मुक्ति मिली। हाल में ही उज्जवला की लाभार्थी बहनों के लिए गैस सिलेंडर को 400 रुपए सस्ता किया गया है। और मैंने देखा जब उज्ज्वला योजना शुरू हुई तब जितने परिवार थे। अब कुछ परिवारों में विभाजन होता है, बेटा अलग घर में रहने जाता है तो कुछ परिवार बढ़ गए हैं, तो हमारे कार्यकर्ता बताते थे कि साहब उज्जवला को थोड़ा नया शुरू करना पड़ेगा। पहले राउंड में तो सबको मिल गया लेकिन अब नए परिवार बस गए हैं। आपकी बात को ध्यान में रखकरके 75 लाख नए परिवार के लिए हमने प्रबंध कर दिया है। आने वाले दिनों जैसी-जैसी जरूरत होगी उनको भी उज्जवला गैस कनेक्शन मिल जाएगा। इससे छत्तीसगढ़ के भी अनेक परिवारों को लाभ होगा। हमने आयुष्मान भारत योजना से 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज सुनिश्चित किया है। इसका लाभ भी छत्तीसगढ़ के लाखों दलित, पिछड़े और आदिवासी परिवार उठा रहे हैं। और भाइयों-बहनों 5 लाख रुपए वाली आयुष्मान योजना ये दुनिया में सबसे बड़ी योजना है। दुनिया में सबसे बड़ी। और हमारे यहां तो आपने देखा होगा परिवार में हमारी माताएं-बहनें कितनी ही बीमारी हो, कितनी ही पीड़ा हो, काम करना भी मुश्किल हो, लेकिन माताएं-बहनें परिवार में किसी को पता नहीं चलने देती कि उसको बीमारी है। क्यों, क्योंकि मां-बहनों को लगता है कि अगर बच्चों पता चल गया कि बीमारी है, तो अस्पताल ले जाएंगे, खर्चा हो जाएगा, पैसे तो हैं नहीं, बच्चे कर्ज में डूब जाएंगे, और इसीलिए मां कहती है मैं पीड़ा सहन करूंगी लेकिन बेटे को कर्ज में डूबने नहीं दूंगी। हमारे देश में माताएं-बहनें पीड़ा सहती है लेकिन परिवार पर बोझ नहीं होने देती। ये पीड़ा, ये गरीब मां का बेटा समझता है। और इसीलिए आपके इस बेटे ने गारंटी दी है कि मेरी मां अब तेरा पांच लाख रुपये तक बिल ये तेरा बेटा दे देगा, तेरा बेटा। साथियों मोदी यानि मोदी यानि गारंटी पूरी होने की गारंटी है।

मेरे परिवारजनों,
मोदी ने आपको दी हुई एक और गारंटी पूरी कर दी है। अब लोकसभा और विधानसभा में बहनों के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित हो जाएगी। भाजपा सरकार में नारीशक्ति वंदन अधिनियम अब सच्चाई बन चुका है। और कल ही हमारी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी जो आदिवासी महिला कल उस पर हस्ताक्षर करके अब उसको कानून भी बना दिया है। लेकिन भाइयों-बहनों मोदी तो करेगा, मोदी जो गारंटी देता है न वो पूरी करता है। लेकिन आपको खासकर माताओं-बहनों को बहुत सतर्क रहना होगा। बहुत मुश्किल से इतना बड़ा पड़ाव हमने पार किया है। 30 साल से लटका हुआ था। आप सोचिए, 30 साल। सरकारें आ गई, बोलती रही, नाटक करती रही, काम नहीं किया। कांग्रेस और इसके घमंडिया साथी, उनको लग रहा कि मोदी ने क्या कर दिया। वो गुस्से से भरे हुए हैं। उनको लगता है कि ये सारी माताएं-बहनें अब मोदी को ही आर्शीवाद देगी, उनकी नींद हराम हो गई है। और इसके कारण, डर के कारण अब वो नए-नए खेल रहे हैं। आपको मालूम है, न चाहते हुए भी उनको संसद में समर्थन क्यों करना पड़ा। क्यों करना पड़ा। माताएं-बहनें अब आपकी जो एकता और जागरूकता आई है न, इससे वो डर गए थे, इसीलिए उनको माताओं-बहनों के चरण में आना पड़ा है। लेकिन अब उन्होंने नया खेल शुरू किया है। अब वो बहनों में भी फूट डालना चाहते हैं। उनको लगता है बहनें संगठित हो गई तो इनका तो खेल पूरा। इसीलिए ये माताएं-बहनें संगठित न हो, जातिवाद में उनको तोड़ा जाए, भांति-भांति के तर्क देकरके उनमें विभाजन कर दिया जाए। भांति-भांति के झूठ फैला दिए जाएं। मैं छत्तीसगढ़ की माताओं-बहनों को कहना चाहता हूं ये आने वाले हजारों साल तक प्रभाव पैदा करने वाला निर्णय है। ये परिवार में माताओं-बहनों को नई शक्ति देने वाला काम हुआ है। आपकी बेटी का भविष्य उज्जवल बनाने का काम हुआ है। कृपा करें मेरी माताएं-बहनें ये झूठ बोलने वालों के झूठ में न फंस जाएं। ये आपको तोड़ने की कोशिश करे, मत करना। आपकी एकता बनी रहनी चाहिए। आपके आर्शीवाद बने रहने चाहिए ताकि आपके सपने ये मोदी पूरा कर पाएगा।

साथियों,
मोदी ने बहनों को उनके घर पानी से पाइप पहुंचाने की भी गारंटी दी है। सिर्फ 4 साल के भीतर ही, देश में 10 करोड़ ऐसे परिवारों के घर पाइप से पानी पहुंचाया गया है। लेकिन मुझे एक तकलीफ भी है। नल से जल के लिए छत्तीसगढ़ में जितनी तेज़ी से काम होना चाहिए था, वो नहीं हुआ है। यहां की सरकार को लगता है कि अगर माताओं-बहनों को पानी का जो कष्ट है वो चला जाएगा, माताओं-बहनों को रसोई तक नल से जल आएगा तो ये तो मोदी-मोदी करने लग जाएगी, और इसीलिए, इसीलिए वो माताओं-बहनों को नल से जल मिले नहीं, इसीलिए उस काम को धीरे-धीरे कर रहे हैं, पूरा नहीं कर रहे हैं। कांग्रेस की सरकार को मोदी और मोदी की योजनाएं, दोनों ही पसंद नहीं हैं। इसका एक और बड़ा उदाहरण गरीबों के घर की योजना है। अभी तक देशभर में 4 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को पक्के घर दिए जा चुके हैं। कितने, ऐसे नहीं, जरा जोर से बोलिए, कितने, कितने, कितने, किसको दिया है, चार करोड़ क्या, चार करोड़ क्या, चार करोड़ क्या, किसको दिया है। इस देश के गरीब परिवारों को चार करोड़ पक्का घर, आप कल्पना कर सकते हैं। छत्तीसगढ़ में जब तक रमन सिंह की सरकार थी, तो यहां भी हम तेज़ी से गरीबों के घर बना रहे थे। लेकिन जैसे ही यहां कांग्रेस की सरकार आई, तो उसमें घोटाले तलाशने लगे, कटकी कैसे करें, खोजने लगे। लेकिन मोदी ने ऐसा पक्का कर दिया है सीधा पैसा उस घर में जाता है। तो उनको बड़ी मुश्किल हो रही है, कुछ मिलता नहीं है तो काम क्यों करें। और ये क्या कर रहे हैं, मैं आपको बताना चाहता हूं। ये नहीं कर रहे हैं। मैं आज आपको एक वायदा करना चाहता हूं। यहां भाजपा सरकार बनने के बाद कैबिनेट का पहला फैसला, ये लिखकर रख लीजिए। भाजपा सरकार छत्तीसगढ़ में बनने के बाद पहला फैसला गरीबों के पक्के घर, जो भी बाकी है, सारे के सारे तेज गति से पूरे करके हर गरीब को पक्का घर दिया जाएगा।

मेरे परिवारजनों,
मोदी से कांग्रेस की ये नफरत इसलिए है क्योंकि उनको तकलीफ हो रही है कि पिछड़े समाज से आया हुआ ये इंसान प्रधानमंत्री कैसे बन गया। उनका तो आरक्षण था पीएम की कुर्सी पे। इसलिए वो मोदी के बहाने वो पूरे समाज को गाली देने से भी नहीं चूकते। कांग्रेस के नेताओं को लगता है कि इस समाज को गाली भी देंगे तो कुछ नहीं होगा। गरीब, दलित, आदिवासी, OBC सभी से कांग्रेस, नफरत करती है। कोर्ट सजा देती है, OBC को गाली देने के लिए सजा देती है। फिर भी सुधरने को तैयार नहीं है। OBC के लिए कितनी नफरत होगी इसका ये उदाहरण है। केंद्र में भाजपा सरकार बनी तो, दलित समाज से श्री रामनाथ कोविंद जी को हमने राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया। कांग्रेस ने उनका भी विरोध किया। दूसरी बार सरकार बनी तो हमने भारत को पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति देने का फैसला किया। कांग्रेस ने आदिवासी बेटी का भी विरोध किया। ये विरोध वैचारिक नहीं था। अगर वैचारिक होता तो कांग्रेस अपनी विचारधारा के किसी नेता को मैदान में उतारती। लेकिन कांग्रेस ने बीजेपी के ही एक पुराने नेता को आदिवासी बेटी के विरोध में उम्मीदवार बनाया।

साथियों,
कांग्रेस, एससी समाज को कैसे अपमानित करती है, इसके बारे में गुरु बालदास जी प्रमुखता से आवाज़ उठाते रहे हैं। सतनामी समाज के साथ यहां कैसा बर्ताव हुआ है, ये भी सबने देखा है। ये कांग्रेस की पुरानी मानसिकता है। ये किसी भी दलित, पिछड़े या आदिवासी को आगे बढ़ता देख ही नहीं सकते। जो एक विशेष परिवार के दरबार में हाज़िरी लगाता है, इनके यहां वही आगे बढ़ पाता है।

मेरे परिवारजनों,
भाजपा के लिए सामाजिक न्याय, सबकी भागीदारी का, विकसित भारत के निर्माण का रास्ता है, हमारे पास पक्का रास्ता है। हाल में ही प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना शुरु की गई है। 13 हज़ार करोड़ की ये योजना हमने अपने विश्वकर्मा परिवारों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए बनाई है। इससे छत्तीसगढ़ के हमारे हज़ारों विश्वकर्मा साथियों को भी लाभ होगा। इस योजना से हमारे कुम्हार भाई-बहन, लोहार भाई-बहन, सुत्तार भाई-बहन, सुनार भाई-बहन, फूल की माला बनाने वाले मालाकार भाई-बहन, कपड़े धोने वाले परिवार, बाल काटने वाले परिवार, दर्जी परिवार, खिलौने बनाने वाले परिवार, राजमिस्त्री परिवार, ऐसे जो हमारे तमाम कारीगर हैं, शिल्पकार हैं, उनके लिए हजारों करोड़ की विश्वकर्मा योजना हमने बनाई है। इसके तहत सरकार ट्रेनिंग भी देगी। आधुनिक उपकरण खरीदने के लिए 15 हज़ार रुपए भी देगी। साथ ही, काम शुरु करने और आगे बढ़ाने के लिए लाखों रुपए का सस्ता ऋण भी उपलब्ध होगा। और हां, मैं अपने विश्वकर्मा साथियों को बता दूं कि आपसे बैंक गारंटी नहीं मांगेगा, मेरे विश्वकर्मा भाई मेरे शब्द सुन लीजिए, कोई बैंक आपसे गारंटी नहीं मांगेगा क्योंकि आपकी गारंटी मोदी ने पहले से ही लेके रखी हुई है।

साथियों,
छत्तीसगढ़, कांग्रेस के कुशासन को हटाने के लिए तैयार है। अब भाजपा कार्यकर्ताओं पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। हमारा संगठन बहुत मजबूत है। छत्तीसगढ़ के बूथ-बूथ में हमारा नेटवर्क है। हमें अपना हर बूथ जीतना है, बूथ पर हर वोटर का दिल जीतना है। जब तक हर बूथ पर कमल नहीं खिलेगा, तब तक हम चैन से नहीं बैठेंगे। घर-घर जाएंगे, एक-एक मतदाता को मिलेंगे। हमारा एक ही नेता है कमल। हमारा एक ही उम्मीदवार है कमल। हमारा एक ही लक्ष्य है कमल को जिताना। इसी जोश के साथ हमें जुटना है और जन-जन को जोड़ना है। मैं फिर एक बार छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी बधाई देता हूं। मैं आप सबका धन्यवाद करता हूं। मैंने ऐसी सभा, ऐसी ऊर्जावान सभा, आज मेरा मन गदगद हो गया दोस्तों। बहुत-बहुत धन्यवाद। मेरे साथ बोलिए-
भारत माता की जय ! भारत माता की जय ! भारत माता की जय !


भारत माता की जय ! भारत माता की जय ! वंदे ! वंदे ! वंदे ! वंदे ! वंदे ! वंदे ! वंदे ! भारत माता की जय ! भारत माता की जय ! भारत माता की जय ! बहुत-बहुत धन्यवाद।

Explore More
প্রধান মন্ত্রী, শ্রী নরেন্দ্র মোদীনা 78শুবা নীংতম নুমিত্তা লাল কিলাগী ফম্বাক্তগী লৈবাক মীয়ামদা থমখিবা ৱারোল

Popular Speeches

প্রধান মন্ত্রী, শ্রী নরেন্দ্র মোদীনা 78শুবা নীংতম নুমিত্তা লাল কিলাগী ফম্বাক্তগী লৈবাক মীয়ামদা থমখিবা ৱারোল
India’s Biz Activity Surges To 3-month High In Nov: Report

Media Coverage

India’s Biz Activity Surges To 3-month High In Nov: Report
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!