Congressmen want to make the steel plant a medium to fill the coffers of their children and relatives: PM Modi in Jagdalpur
At Bastar's Jagdalpur PM Modi says, Congress has made 'Loktantra' as 'loottantra' and 'prajatantra' as 'Parivartantra'
Congress is now being run by people who are in league with anti-national forces. Congress wants to destroy India by dividing the Hindus of the country at any cost: PM Modi
Poor have first priority to resource, says PM Modi while slamming Congress party over caste reservation dema

जय माँ दंतेश्वरी!
अब से कुछ देर पहले मुझे दंतेश्वरी माता मंदिर में देवी दर्शन का सौभाग्य मिला है। मैं महाराजा प्रवीर चंद्र भंजदेव जी को भी पुन: अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं।
मैं जब भी बस्तर आया हूं, जगदलपुर आया हूं, आप सभी साथियों ने हर बार इतना प्यार दिया है इतना प्यार दिया है, इतने आशीर्वाद दिए हैं, मैं इसका शब्दों में वर्णन नहीं कर सकता हूं। और जब भी बस्तर की धरती पर आना हो जाए और बलिराम कश्यप जी की याद न आए ये कभी हो नहीं सकता है। अगर सच्चे अर्थ में बस्तर को समझना, क्योंकि मैं यहां संगठन का काम करता था, हर इलाके में जाता था। बहुत समय मैंने यहां बिताया और मुझे पूरे बस्तर को समझना, आदिवासी समाज को समझना और यहां की समस्याओं को समझना बलिराम जी कश्यप जी एक तरह से मेरे गुरु की तरह काम करते थे। साथियों, मेरा निरंतर प्रयास है कि आपके इस आशीर्वाद को यहां का विकास करके लौटाऊं, दिनरात परिश्रम करके लौटाऊं आपकी सेवा करके ये कर्ज मैं चुका सकूं।

मेरे परिवारजनों,
कांग्रेस ने सिर्फ 5 वर्ष में छत्तीसगढ़ की जो हालत कर दी है, उसे पूरा देश देख रहा है। कांग्रेस के विधायकों और मंत्रियों ने जो कारनामे यहां किए हैं, उससे हर कोई त्रस्त है। चारों तरफ भ्रष्टाचार का बोलबाला है। छत्तीसगढ़ में अपराध चरम पर है। हत्याओं के मामले में छत्तीसगढ़ अग्रणी राज्यों में पहुंच चुका है। कभी-कभी तो लगता है कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ के बीच प्रतिस्पर्धा चल रही है कि कहां सबसे ज्यादा हत्याएं होती है, कहां सबसे ज्यादा लूट होती है, कहां सबसे ज्यादा महिलाओं पर अत्याचार होते हैं। राजस्थान और छत्तीसगढ़ आज-कल एक-दूसरे के स्पर्धा में लगे हुए हैं। छत्तीसगढ़ में विकास या तो पोस्टर और बैनरों में दिखता है, या फिर कांग्रेस के नेताओं की तिजोरियों में दिखता है। कांग्रेस ने छतीसगढ़ को अगर दिया है, तो वो है- झूठा प्रचार और घोटालेबाज सरकार! झूठे प्रचार की आड़ में ये लोगों की आंख में धूल झोंकते हैं और आकंठ भ्रष्टाचार करते हैं। इसलिए आज छत्तीसगढ़ के कोने-कोने से एक ही आवाज़ आ रही है- हर कोने से एक ही आवाज आ रही है, छत्तीसगढ़ का हर व्यक्ति आज एक ही बात कह रहा है। छत्तीसगढ़ कह रहा है…
अउ नइ सहिबो, बदल के रहिबो !
अउ नइ सहिबो, बदल के रहिबो !
अउ नइ सहिबो, बदल के रहिबो !

मेरे परिवारजनों,
ये बस्तर, ये दण्डकारण्य आज बना हो, ऐसा नहीं है। यहां आदिवासी मेरे भाई-बहन मोदी प्रधानमंत्री बना उसके बाद आकर के नहीं बसे हैं। भाजपा सरकार बनने के बाद ये मेरे आदिवासी भाई-बहन नहीं आए हैं। अरे यहां के लोग तो तब भी थे, जब प्रभु श्रीराम यहां आए थे मेरे आदिवासी भाई-बहन चाहते थे, इसलिए ही अटल जी की सरकार ने अलग छत्तीसगढ़ का निर्माण किया। भाजपा सरकार ही थी, अटल जी की सरकार थी जिसने केंद्र में अलग जनजातीय कार्य मंत्रालय बनाया। जनजातीय विकास के लिए अलग बचट बनाया और जनजातीय विकास के लिए पूरी सरकार के अंदर एक विभाग खड़ा कर दिया और कांग्रेस ने इतने दशकों तक क्या किया भाई। कांग्रेस ने बस्तर को भी दशकों तक नजरअंदाज किया, आप लोगों की परवाह नहीं की। उनके दो चार ठेकेदारों को संभालते थे और वही आपलोगों के वोट लेकर उन्हें दे देते थे और उनकी गाड़ी चल जाती थी, उनको आपकी परवाह ही नहीं थी। ये भाजपा सरकार है यहां मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज बनाए। भाजपा सरकार ने दंतेवाड़ा में एजुकेशन सिटी बनाई। और मैं तो उसे देखने गया था।



साथियों,
मैंने अपने जीवन का बड़ा हिस्सा, ये मेरा सौभाग्य रहा है कि राजनीति में आने से पहले मेरे जीवन के बहुत वर्ष मैंने आदिवासी क्षेत्रों में ही गुजारा है। मेरा तो आपसे सीधा नाता है, दिल का नाता है। मुझे गर्व है कि देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनाने का गौरव भी भाजपा को मिला है। आप जानते हैं कांग्रेस की तुलना में भाजपा सरकार आदिवासी समाज के लिए 5 गुना ज्यादा बजट देती है? अगर वे एक रुपया देते थे तो मैं पांच रुपया देते हूं अगर वे सौ रुपया देते थे तो मैं पांच सौ रुपये देते हैं। भाजपा सरकार ने ही 15 नवंबर यानि भगवान बिरसा मुंडा के जन्म दिवस को जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया। हमारी सरकार, आदिवासी सेनानियों और क्रांतिवीरों को समर्पित स्वतंत्रता सेनानी म्यूजियम बनवा रही है। हमने जनजाति वर्ग के छात्रों को दी जा रही छात्रवृति को भी ढाई गुना कर दिया है। बीते 9 वर्ष में 300 से अधिक एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय मेरे जनजातीय बच्चों के लिए मैंने खोले हैं ।

साथियों,
भाजपा सरकार, देश में आकांक्षी जिला कार्यक्रम चला रही है। बस्तर संभाग के भी अनेक जिले येआकांक्षी जिलों में शामिल हैं। अब तो हम उससे भी आगे बढ़ कर के आकांक्षी जिले से निकल कर के आकांक्षी ब्लॉक्स की पहचान कर रहे हैं। इस अभियान के तहत शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़गार से जुड़े बड़े-बड़े प्रोजेक्ट्स यहां शुरू होने वाले हैं। इसके अलावा भी हम छत्तीसगढ़ में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कर रहे हैं। आज भी यहां 26-27 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट्स बस्तर को मिले हैं, छत्तीसगढ़ को मिले हैं।

मेरे परिवारजनों,
आज यहां बहुत बड़े और देश के आधुनिकतम स्टील कारखाने का लोकार्पण हुआ है। आप मुझे बताइए, आपको गर्व हो रहा है कि नहीं हो रहा है? इतना बड़ा स्टील का कारखाना आपको मिला है आपको गर्व हो रहा है कि नहीं हो रहा है? ये छत्तीसगढ़ वाले कांग्रेस को नहीं हो रहा है। इतना बड़ा कार्यक्रम अभी सरकार का था, छत्तीसगढ़ सरकार का एक मंत्री भी नहीं आया, मुख्यमंत्री भी नहीं, उपमुख्यमंत्री भी नहीं। आप कहिए भइया, आपकी भलाई के काम में इस सरकार को आना चाहिए कि नहीं आना चाहिए? आना चाहिए कि नहीं आना चाहिए? ये अगर आपका भला चाहते हैं तो उन्हें यहां आकर बैठना चाहिए कि नहीं बैठना चाहिए? नहीं आते हैं. इसके दो कारण है। एक उनको सरकार जाने की इतनी चिंता है इतनी चिंता है कि यहां आने के लिए उनके पास समय ही नहीं है, वे सरकार बचाने में लगे हैं। और दूसरा कारण है कि ये मोदी है, अगर मोदी के सामने जाना है तो आकंठ भ्रष्टाचारी मोदी से आंख नहीं मिला सकता है और इसलिए वे आने से डरते हैं भाग जाते हैं।



मेरे साथियों,
ये स्टील का कारखाना, मुझे याद है बलिराम कश्यप जी उस जमाने से कहते थे। इस कारखाने की मांग आप सभी दशकों से कर रहे थे। हमारी मुख्यमंत्रियों की मीटिंग होती थी, गुजरात के मुख्यमंत्री होने के नाते मैं भी मीटिंग में आता था दिल्ली में, रमण सिंह जी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री होने के नाते आते थे। और हर मीटिंग में रमण सिंह जी इस स्टील के कारखाने के लिए जोर से आवाज उठाते थे, आपकी आवाज वे वहां पहुंचाते थे। लेकिन आप जानते हैं कांग्रेस ने आपकी ये मांग क्यों नहीं मानी? इसके पीछे कांग्रेस के कट, कमीशन और करप्शन की सोच रही है। लंबे समय तक कांग्रेस की नीति रही है, क्या करते थे? कच्चा माल विदेश भेजो और फिर उसी कच्चे माल से बना महंगा सामान महंगे पैसे देकर के आयात करो। वो कहते हैं ना कि गेहूं बाहर भेजो और फिर ब्रेड बना कर के लाओ, क्या ऐसा कोई करता है भाई, ऐसा कोई करता है क्या? आप मुझे बताइए, आप जो घर में चावल खाते हैं, तो क्या ऐसा करते हैं कि पहले उसका धान विदेश भेजा जाता है...फिर वहां वो धान धुला जाता है..फिर वो धान विदेश में साफ किया जाता है....फिर धान को वहीं विदेश में पकाया भी जाता है...और फिर वो पका-पकाया चावल आपको खाने के लिए मिल जाता है? ऐसा कभी होता है क्या? आप अपना धान और चावल खुद ही करते हैं कि नहीं करते हैं? आप धान भी यहीं उगाते हैं, उसे साफ भी यहीं करते हैं, यहीं पकाते हैं औऱ यहीं अपने घर में खाते भी हैं। लेकिन कांग्रेस को ये करने में कटकी कट हो जाती है, कमीशन नहीं मिलता है, इसलिए क्या किया उन्होंने, ये हमारे इलाके आयरन ओर जो है ना ये दुनिया का उत्तम से उत्तम आयरन ओर है, दुनिया का, ये हमारे बस्तर में है। लेकिन ये क्या करते थे आयरन ओर में से स्टील यहां बनाने की बजाए, जिसका कोई हिसाब किताब न हो, कितना माल निकाला पता ना चले, जितना उठा सकते हो उठाओ विदेश भेज दो और बीच में मलाई खा लो। कोई भी सरकार होती तो उसकी प्राथमिकता होती कि यहां बस्तर में ही स्टील का कारखाना लगाए। लेकिन कांग्रेस ने यहां से कच्चा माल निकाला और फिर कच्चा माल ही विदेश भेज दिया।

इसमें कांग्रेस के नेताओं ने कमाया, यहां को नौजवानों को कुछ नहीं मिला। बस्तर के नौजवान मज़दूरी करने के लिए दूसरे राज्यों में जाने के लिए मजबूर हो गए। लेकिन भाइयों और बहनों, ये मोदी है, आपके बीच में पला-बढ़ा है इसलिए आपकी सोचता है, गरीब की चिंता गरीब के हित, यही मोदी के दिमाग में भरा-पड़ा रहता है। इसलिए हमने, दिल्ली में आपने सेवा करने का मौका दिया, हमने बस्तर में स्टील कारखाने का काम तेजी से पूरा करवाया। भाजपा सरकार ने लगभग 24 हज़ार करोड़ रुपए इस स्टील कारखाने पर लगाए। इससे इस क्षेत्र के 50-55 हज़ार साथियों को रोजगार मिलना तय हुआ है। सरकार ने ये भी तय किया है कि इस स्टील प्लांट की क्षमता को और ज्यादा बढ़ाना है मुझे, और पूंजी लगानी है, ताकि ज्यादा लोगों को काम मिल सके। यानि इस स्टील प्लांट पर अभी हज़ारों करोड़ रुपए का और निवेश होने वाला है। और जब ज्यादा निवेश होगा, और बड़ा कारखाना होगा, तो पूरे बस्तर की किस्मत और तेजी से बदलने वली है। मैं आपको बताता हूं, मेरे यहां गुजरात में स्टील बनाने का कारखाना है, हमारे यहां तो आयरन ओर भी नहीं है हम तो बाहर से लाते हैं। लेकिन स्टील कारखाना होने के कारण कार बनाने के अनेक कारखाने वहां लग गए, गाड़ियां बनाने के लिए, क्योंकि स्टील की उन्हें जरूरत थी, पास में ही मिल जाता था, अब यहां स्टील बन रहा है ना और भी कारखाने लगने वाले हैं। और यहां पर करीब डेढ़ लाख साथियों के लिए नौकरियों की, रोज़गार की संभावनाएं बनेंगी। और मेरे शब्ल लिखिए भैया, आज छत्तीसगढ़ का नौजवार रोजगार के लिए बाहर जाता है, एक दिन ऐसा आएगा हिंदुस्तान के नौजवान रोजगार के लिए बस्तर आना चाहेंगे बस्तर आना चाहेंगे। आप कल्पना कर सकते हैं....मोदी अगर ये काम कर देगा तो कांग्रेस के लोगों के लिए भ्रष्टाचार के रास्ते रुक जाएंगे। खदान में से जो माल खाते थे उस पर मोदी ने ताला लगा दिया। और इसलिए ये छटपटा रहे हैं। आज भी कितनी झूठी बातें फैलाई, लेकिन आपने उन पर तमाचा मारा, इतनी पब्लिक आकर आपने उनको तमाचा मारा है। झूठी बातें फैलाकर, इनका इरादा समझिए, बस्तर के नौजवानों इनका इरादा समझिए ये झूठी बातें फैलाकर इस स्टील प्लांट को भी हड़पना चाहते हैं। इस स्टील प्लांट को भी कांग्रेसी, अपने बच्चों, अपने रिश्तेदारों की तिजोरी भरने का माध्यम बनाना चाहते हैं।

मेरे बस्तर के भाइयों बहनों ये मोदी की गारंटी है ये मोदी नहीं होने देगा। ये बस्तर का स्टील प्लांट आपका है बस्तर के लोगों का है। इस स्टील प्लांट के मालिक मेरे बस्तर के लोग है, मेरे छत्तीसगढ़ के लोग है। मोदी इसका मालिक नहीं है और ना ही कोई दूसरा नेता, कोई कांग्रेसी को मैं इसका मालिक बनने देने वाला हूं है। इस स्टील प्लांट के मालिक सिर्फ और सिर्फ बस्तर के मेरे भाई-बहन है। इस पर कांग्रेस के नेताओं को कब्जा नहीं करने दिया जाएगा। उनको कटकी कंपनी, कमीशन कंपनी भ्रष्टाचार, बेईमानी करने का मौका नहीं दिया जाएगा। आप मेरे साथ सहमत हैं तो एक काम करिए, अपना मोबाइल फोन निकालिए और उसकी फ्लैश लाइट चालू कीजिए, मेरी इस बात के समर्थन में अपनी फ्लैश लाइट चालू कीजिए, शाबाश… देखिए वहां दूर-दूर तक, शाबाश.. ये रहा ये ताकत है, वहां देखिए.. ये मीडिया वाले आपके फोटो निकाल रहे हैं देखिए, ये समर्थन है। ये स्टील प्लांट के लिए समर्थन है। कैसा झूठ बोलते थे और ईमानदारी देखिए, ये सच्चाई यहां देखिए, बहुत-बहुत धन्यवाद मेरे बस्तर के भाइयों-बहनों।

मेरे परिवारजनों,
कांग्रेस का ट्रैक रिकॉर्ड दिखाता है कि उसे छत्तीसगढ़ के लोगों की परवाह नहीं है। उसकी प्राथमिकता सिर्फ और सिर्फ छत्तीसगढ़ की संपदा को लूटना है। छत्तीसगढ़ की खनिज संपदा को लूटने में भी कांग्रेस ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। यहां से जो भी खनिज निकलता था, उसका लाभ कांग्रेस के राज में, लेकिन इसमें मैंने बड़ा बदलाव किया। हमने डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड बनाने का फैसला किया। इसलिए दिल्ली में भाजपा सरकार बनने के बाद खनिज से जुड़ी नीति में हमने बड़ा बदलाव किया। हमने डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड बनाने का फैसला किया, यानि जो भी खनिज यहां से निकलेगा उसका एक हिस्सा आपके मालिका का होगा.आपके विकास के लिए होगा। ये खनिज मोदी की मालिका की नहीं है। ये खनिजा कांग्रेस की छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार की नहीं है। ये आपकी है, इसका हक आपको देने का काम ये मोदी ने किया है। भाजपा ने आपको विकास का साझेदार बनाया, आपको पार्टनर बनाया। इसके तहत छत्तीसगढ़ को 8 हज़ार करोड़ रुपए मिले हैं। लेकिन जानते हैं कांग्रेस ने इस पैसे का क्या किया? यहां की कांग्रेस सरकार ने इसमें भी घोटाला कर दिया है।

साथियों,
आपकी वन-उपज के साथ कांग्रेस ने क्या किया, ये भी आपने देखा है। वन-उपज तो हमारे जनजातीय समाज के आर्थिक जीवन का बहुत बड़ा हिस्सा रहा है। लेकिन जबतक दिल्ली में कांग्रेस सरकार थी, तब तक ये लोग सिर्फ 10-12 वन उपजों पर ही एमएसपी देते थे। आज जो नौजवान हैं, उन्हें ये पता होना चाहिए कि उनके माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी को कांग्रेस ने नमक से ठगा है। ये आज के नौजवानों को मैं बताता हूं.. चिरौंजी जैसे बहुमूल्य वन उत्पाद, हमारे आदिवासी परिवार इकट्ठा करते थे। बोरा-बोरा लेकर हाट-बाज़ार पहुंचते थे। वहां उन्हें 2-4 किलो नमक देकर ही ठगा जाता था। आपके दादा-दादी के साथ ये किया है इन्होंने। ये तो भाजपा सरकार है जिसने राशन की दुकानों में मुफ्त में नमक देना शुरु किया। तब जाकर कांग्रेस का ये शोषण बंद हुआ। जो उत्पाद MSP के दायरे में नहीं थे, उन्हें कांग्रेस के ठेकेदार ऐसे ही औने-पौने दाम पर खरीदते थे। फिर ज्यादा मुनाफा पर बेच देते थे। आज भाजपा सरकार करीब-करीब 90 वन-उपज को एमएसपी के दायरे में लेकर आ चुकी है। कितनी? कितनी? 90, कितनी? पहले कितनी थो.. दस-बारह, कांग्रेस के जमाने में कितनी थी? मोदी ने कितना पहुंचाया... मोदी ने कितना पहुंचाया... ये आपके प्रति जो प्यार है ना ये उसके कारण होता है। भाजपा सरकार ने वनधन केंद्र बनाकर, वन उपज के बेहतर दाम देने का रास्ता खोला है। आज छत्तीसगढ़ के हज़ारों आदिवासी बहन-भाइयों को वनधन केंद्रों में रोजगार मिला है।

साथियों,
कांग्रेस की सरकार ने यहां तेंदुपत्ता संग्राहकों के साथ क्या किया, ये भी आप अच्छी तरह जानते हैं। भाजपा सरकार ने तेंदुपत्ता के काम से जुड़े परिवारों के लिए जो भी कल्याणकारी कार्यक्रम बनाए थे, वो कांग्रेस ने बंद कर दिए। बोनस कभी मिलता है, कभी नहीं मिलता। मिलता है तो कम मिलता है। और पाना है तो कांग्रेस वालों का कुर्ता पकड़कर जाना पड़ता है। उसकी जेब में कुछ डालना पड़ता है। तेंदुपत्ता की खरीदी कभी होती है, कभी नहीं होती है। आदिवासियों का ऐसा शोषण अब छत्तीसगढ़ में नहीं चलेगा। जैसे ही यहां भाजपा सरकार बनेगी, वैसे ही तेंदुपत्ता संग्राहकों के लिए पहले की तरह ही, बेहतर व्यवस्था बनाई जाएगी।

साथियों,
मैं आज छत्तीसगढ़ के धान किसानों को भी मेरे दिन की एक बात बताना चाहता हूं। कांग्रेस आपको धान की कीमतों के नाम पर धोखा दे रही है, झूठ बोल रही है। सच्चाई ये है कि छत्तीसगढ़ के धान किसानों का दाना-दाना, याद रखेंगे.. मैं जो कह रहा हूं उसे याद रखेंगे? याद रखेंगे कि भूल जाएंगे? गांव-गांव जाकर बताएंगे। छत्तीसगढ़ के धान किसानों के दाना-दाना केंद्र सरकार खरीदती है, मोदी सरकार खरीदती है। भाजपा सरकार ने 1 लाख करोड़ रुपए छत्तीसगढ़ के धान किसानों को दिए हैं। यहां पर जब भाजपा सरकार बनेगी तो धान किसानों का पूरा ध्यान रखने की गारंटी, ये मोदी की गारंटी है। मेरे बस्तर के भाइयों-बहनों, मेरे छत्तीसगढ़ के भाइयों-बहनों, मेरे छत्तीसगढ़ के नौजवान, मेरे बस्तर के नौजवान मोदी आज कहने आया है। आप मेरे शब्द लिखकर के रखिए आपका सपना ही मेरा संकल्प है। यही मोदी की गारंटी है। आज बस्तर सहित पूरे देश में आयुष्मान भारत योजना के तहत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बने हैं। मकसद ये है कि दूर-सुदूर की मेरी आदिवासी बहनों को इलाज के लिए नजदीक ही सुविधा मिले। पूरे छत्तीसगढ़ में ऐसे लगभग 6 हज़ार अस्पताल बनाए जा चुके हैं। इनमें से एक हज़ार से अधिक आयुष्मान हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर तो सिर्फ बस्तर संभाग में है। मोदी ने ही आपके 5 लाख रुपए तक मुफ्त इलाज का प्रबंध किया, गरीब को मुफ्त राशन की व्यवस्था की, पक्के घर का इंतजाम किया। बिजली और पाइप से पानी का प्रबंध किया। आदिवासी परिवारों के बेटे-बेटियों के स्वरोजगार के लिए सरकार विशेष स्टैंड अप इंडिया योजना चला रही है।

साथियों,
आज मैं बस्तर के, छत्तीसगढ़ के उन युवा साथियों को भी एक बात बताना चाहता हूं, जो पहली बार अपना वोट डालने जा रहे हैं। वो नौजवान मेरी बात सुनिए आपको 2014 से पहले की घटनाओं के बारे में जानना ज़रूरी है। 2014 से पहले दिल्ली में जो सरकार थी न वो अखबारों में सिर्फ बड़े-बडे घोटाले ही छाए रहते थे। लाखो-करोड़ों के घोटाले यही खबरें होती थी और पूरी दुनिया में हमारे देश का नाम पूरी तरह बदनाम कर के रखा था। 2014 में देश ने कांग्रेस की सरकार को उखाड़ फेंका। और पूर्ण बहुमत की भाजपा सरकार दिल्ली में बनाई। आज घोटालों के बजाय दुनिया में भारत के गौरव की चर्चा होती है, भारत के सामर्थ्य की चर्चा होती है। आप मुझे बताइये आज दुनिया में हिंदुस्तान का डंका बज रहा है कि नहीं बज रहा है। ऐसे नहीं पूरी ताकत से बताइये कि हिंदुस्तान का डंगा बज रहा है कि नहीं बज रहा है? अमेरिका में हिंदुस्तान का डंका बज रहा है कि नहीं बज रहा है? यूरोप में हिंदुस्तान का डंका बज रहा है कि नहीं बज रहा है? जापान में हिंदुस्तान का डंका बज रहा है कि नहीं बज रहा है? सिंगापुर में हिंदुस्तान का डंका बज रहा है कि नहीं बज रहा है? आपको गौरव होता है कि नहीं होता है। आपका माथा ऊंचा होता है कि नहीं होता है? इसलिए मेरे युवा साथियों, आपको एक बात जरूर ध्यान ऱखनी है। आज देश के बहुत कम राज्यों में कांग्रेस की सरकारें बची हैं। और एक बार जाती है ना 25-25 साल तक वापस नहीं आती है।

और इसलिए जब इनके पास सरकारें ही कम है, तो लूट का माल कुछ ही जगह से लूटना पड़ता है। इसलिए जहां भी इनकी सरकार बनती है, उसको जमकर के लूटते हैं। पूरे हिंदुस्तान में उन्होंने राजस्थान, छत्तीसगढ़ जैसे राज्य को लूट का सबसे बड़ा खजाना बना दिया है। छत्तीसगढ़ के लोग मुझे बताते हैं कि कांग्रेस के छोटे-बड़े हर नेता ने 15 साल तक सरकार नहीं थी ना, वो जो खाद पड़ गई थी ना, वो भी जमा करने में लग गए इन पांच सालों में। यानि 15 साल तक इनको छत्तीसगढ़ ने लूटने का मौका नहीं दिया, अब वो सारी कसर भी निकालना शुरू कर दिया है। इन्होंने तो गौमाता के नाम पर भी भ्रष्टाचार किया है। जिन्होंने गोबर तक को नहीं छोड़ा, उन्होंने क्या-क्या नहीं किया होगा? इनके भ्रष्टाचार के सबसे बड़े भुगतभोगी तो मेरे नौजवान है मेरे बस्तर के लोग है। कांग्रेस ने युवाओं को नौकरियों का वादा किया था। लेकिन नौजवानों की नौकरियों में ही घोटाला कर दिया। कांग्रेस के नेताओं ने PCS भर्तियों में अपने बच्चों, अपने रिश्तेदारों को सेट कर दिया। किया कि नहीं किया? चारों तरफ लूट मचाई कि नहीं मचाई? इनकी पार्टी तो राजनीति में भी अपने ही बच्चों को सेट करती है और नौकरियों में भी यही करती है। छत्तीसगढ़ के लाखों परिवारों, आदिवासी-पिछड़े परिवारों के बच्चों से कांग्रेस ने नौकरियां छीन ली है, आपका अधिकार छीन लिया है। नौकरियां तो दी नहीं, जो पहले से सरकारी नौकरी में हैं, उनको भी कांग्रेस के लोगों ने लूटा है, परेशान किया है। ट्रांस्फर-पोस्टिंग को लेकर यहां सरेआम भ्रष्टाचार हो रहा है। बोली बोली जाती है, पैसे की उगाही की जा रही है। इसलिए छत्तीसगढ़ कह रहा है- अउ नइ सहिबो, बदल के रहिबो ! अउ नइ सहिबो, बदल के रहिबो ! अउ नइ सहिबो, बदल के रहिबो !

साथियों,
आप आश्वस्त रहिए, आप कांग्रेस की सरकार बदलिए, भाजपा इस पूरे लूटतंत्र को बदल देगी। ये कांग्रेस ने लोकतंत्र को लूटतंत्र बनाया है और प्रजातंत्र को परिवारतंत्र बना दिया है। भाजपा सरकार बनते ही PCS घोटाले की जांच होगी। गुनहगार कितना भी ताकतवर हो, मोदी उसको जेल में डालकर के रहेगा। हर नौजवान, हर सरकारी कर्मचारी को पूरा न्याय मिलेगा।

मेरे परिवारजनों,
कांग्रेस ने एक अलग राग अलापना शुरू कर दिया है। ये कांग्रेस के नेता कहते हैं - जितनी आबादी उतना हक। मैं कहता हूं कि इस देश में अगर सबसे बड़ी कोई आबादी है तो वो गरीब है, और इसलिेए मेरे लिए गरीब ही सबसे बड़ी आबादी है और गरीब का कल्याण यही मेरा मकसद है। मैं सोच रहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी क्या सोच रहे होंगे? भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी तो कहा करते थे कि देश के संसाधनों पर पहला हक माइनॉरिटी का है अल्पसंख्यकों का है, और उसमें भी मुसलमानों का है। अब कांग्रेस कह रही है कि आबादी तय करेगी कि पहला हक किसका होगा। यानि क्या अब अल्पसंख्यकों का हक कांग्रेस कम करना चाहती है क्या?
और आबादी के ही हिसाब से अब तय होने वाला है तो पहला हक किसका होगा भाई.. किसका होगा… आबादी किसकी ज्यादा है? किसका हक होगा? जरा कांग्रेस वाले स्पष्ट करें। क्या आबादी के हिसाब से हक मिलेगा क्या? तो अल्पसंख्यकों को कांग्रेस हटाना चाहती है क्या? तो क्या सबसे बड़ी आबादी वाले हिंदू अब आगे बढ़कर अपने सारे हक ले लें क्या?


मेरे परिवारजनों,
मैं पिछले काफी समय से कह रहा हूं और फिर आज दोहरा रहा हूं कि कांग्रेस पार्टी को अब कांग्रेस के लोग नहीं चला रहे हैं। कांग्रेस के ब़ड़े-बड़े नेता मुंह पर ताला लगा कर के बैठे हैं। न उनसे पूछा जाता है ना ही वो इस सब को देखकर के बोलने की हिम्मत कर रहे हैं। अब तो कांग्रेस को आउटसोर्स कर दिया गया है। कांग्रेस को अब ऐसे लोग चला रहे हैं, परदे के पीछे लोग ऐसे कमाल कर रहे हैं, ऐसे खेल खेल रहे हैं जो देश-विरोधी ताकतों से मिले हुए हैं। कांग्रेस किसी भी कीमत पर देश के हिंदुओं को बांटकर, भारत को तबाह कर देना चाहती है। कांग्रेस गरीबों को बांटना चाहती है। मोदी ने पिछले 10 साल में सारी योजनाएं ऐसी बनाई, ताकि गरीबों में एक आत्मविश्वास पैदा हुआ है और मेरे लिए तो इस देश का गरीब ही सबसे बड़ी जाति है, यही सबसे बड़ी बिरादरी है, अगर गरीब का भला हो गया देश का भला अपनेआप हो जाएगा। आज तक कांग्रेस ने ये खुलासा नहीं किया है कि कांग्रेस ने एक दूसरे देश के साथ क्या गुप्त समझौता किया है? लेकिन देश देख रहा है कि इस समझौते के बाद कांग्रेस को और ज्यादा भारत की बुराई करने में मजा आने लगी है। भारत की अच्छी बातों को बुरी तरह पेश करने में मजा आ रही है। ऐसा लगता है जैसे उनका भारत का प्रेम ही कम होता जा रहा है। मैं सभी देशवासियों आपको आगाह करता हूं। कांग्रेस और उसके सहयोगियों की इस नई साजिश से हमें सतर्क रहना चाहिए। और अगर हक की बात करनी है, तो मैं कहूंगा कि इस देश के संसाधनों पर पहला हक....भारत के गरीब का है। गरीब चाहे वो दलित हो, गरीब चाहे वो पिछड़ा हो, गरीब चाहे आदिवासी हो, गरीब चाहे सामान्य वर्ग से हो....हमें सबसे बडी जाति मेरे लिए गरीब है हमें गरीब की चिंता करनी है, हमें गरीब का जीवन बदलना है। कांग्रेस, देश के लोगों में आपसी खाई बढ़ाना चाहती है, वैर-भाव बढ़ाना चाहती है। इसलिए कांग्रेस अब पूरी नई भाषा बोलने लगी है।


मेरे परिवारजनों,
कांग्रेस के दशकों के शासन ने देश को सिर्फ गरीबी दी। कांग्रेस ने समाज में जाति के आधार पर बांटने का ही काम किया, ताकि इनका वोटबैंक सुरक्षित रहे। कांग्रेस आज भी इसी काम में जुटी है। आज भी यहां छत्तीसगढ़ में अलग-अलग समाज अपने हक के लिए आवाज़ उठा रहे हैं। लेकिन कांग्रेस की सरकार साजिश के तहत उन्हें जेल में डाल देती है। उनकी आवाज़ को दबाने में जुटी है। दूसरी तरफ, भाजपा सरकार सामाजिक न्याय के लिए पूरी तरह से समर्पित है। हाल में ही संसद से महरा-माहरा समाज को एससी का दर्जा दिया गया है। इस समाज की ये मांग भाजपा सरकार ने पूरी की है। वर्षों तक अपने अधिकारों से वंचित रहे 12 आदिवासी वर्गों को ST का दर्जा देकर, भाजपा सरकार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। यानि जिनकी सुध कांग्रेस ने कभी नहीं ली, उनको हक देने में भाजपा हमेशा आगे रही है। मोदी की गारंटी मतलब- हर गारंटी पूरा होने की गारंटी। कांग्रेस ने महिलाओं के साथ भी दशकों तक आरक्षण के नाम पर धोखा दिया। नारी शक्ति वंदन अधिनियम, आदिवासी बेटी, हमारी माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी के हस्ताक्षर से कानून बन गया है। अब यहां के SC/ST समाज सहित सभी बहनों के लिए विधानसभा और लोकसभा में 33 प्रतिशत सीटे आरक्षित हो गई हैं। इसलिए कांग्रेस के कुशासन को हटाना है और भाजपा के सुशासन को लाना है। इसलिए, पूरे बस्तर को, जगदलपुर को, छत्तीसगढ़ को आज एक संकल्प लेना है। यहां कांग्रेस के कुशासन को हटाएंगे और भाजपा के सुशासन को लाएंगे। जब विकास का डबल इंजन यहां फिर लगेगा, यहां भाजपा का मुख्यमंत्री बनेगा, तो फिर से छत्तीसगढ़ विकास की नई रफ्तार पकड़ेगा।


एक बार फिर इतनी बड़ी तादाद में आए, आपने आशीर्वाद भी दिए मैं आपका ह़दय से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं.. बहुत-बहुत धन्यवाद... दोनों हाथ ऊपर करके बोलिए.. भारत माता की.. भारत माता की.. भारत माता की.. बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!