‘Punjabiyat’ is of umpteen importance to us: PM Modi

Published By : Admin | February 16, 2022 | 12:02 IST
Welfare of the poor is our government's top priority: PM Modi in Punjab
India has achieved milestone when it comes to fight against Covid-19 pandemic: PM Modi
Never got responsibility to serve Punjab, vote for BJP led NDA in the assembly election: PM Modi in Pathankot
‘Punjabiyat’ is of umpteen importance to us, while the Opposition views Punjab from the lens of 'Siyasat': PM Modi

जय श्री राम।

जय जय श्री राम।

जो बोले सो निहाल,

सत् श्री अकाल!

वाहेगुरु जी का खालसा-
वाहेगुरु जी की फतेह।

वाहेगुरु की फतेह के इस उद्घोष को लेकर हम ये फतेह रैली कर रहे हैं।

अपने गुरुओं,
अपने संतों की वाणी पर चलकर ही हम 21वीं सदी का
नवा पंजाब बनाएंगे।

और मैं जब नवा पंजाब कह रहा हूं मतलब

हसदा पंजाब,

वसदा पंजाब,

नच्चदा पंजाब,

चड़दा पंजाब।

यही हमारा संकल्प है।

मुझे विश्वास है, आपका ये जोश, ये हौसला 20 तारीख को नवा पंजाब के लिए बीजेपी और एनडीए की जीत सुनिश्चित कर देगा। सरकार बनाएंगे न...भाजपा की सरकार बनाएंगे न...पूरा पक्का विश्वास है। आपका ये जो दमखम हैं न उसमें ही मुझे विजय नजर आ रहा है।

साथियों,

मैं पठानकोट की इस पवित्र धरती से मुक्तेश्वर महादेव मंदिर और अमृतसर के दुर्गयांना मंदिर को प्रणाम करता हूं। ये धरती हरिमंदिर साहिब और करतारपुर साहिब की भी धरती है। इस पवितर धरती से मैं सभी गुरुओं को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं। आज संत रविदास जी की जयंती भी है। यहां आने से पहले मैं दिल्ली में गुरु रविदास विश्रामधाम मंदिर होकर आया हूं। पंजाब से भी बड़ी संख्या में हमारे साथी, लाखों श्रद्धालु, उनकी जन्मस्थली, बनारस गए हुए हैं। यहां से जो यात्री और देशभर से जो यात्री बनारस गए हैं, उनकी सहूलियत के लिए जितना कुछ कर सकता हूं, मैने और योगी जी की सरकार ने करने का प्रयास किया है। यहां के मेरे सभी साथियों की सहूलियत के लिए रेलवे ने दो विशेष ट्रेनें भी चलाई हैं। बनारस का सांसद होने के नाते मेरी जिम्मेवारी बनती है कि जब आप मेरे मेहमान बने हो, तो मुझसे हो सके उतना श्रद्धालुओं की सेवा करूं, बनारस में उनको कोई तकलीफ न हो, उनको जरूरी सुविधाएं मिलें। ये मेरा सौभाग्य है कि काशी में संत रविदास मंदिर परिसर में हमने बहुत बड़ा भव्य लंगर हॉल, श्रद्धालुओं को अर्पित किया। मैं आप सभी को और बनारस गए श्रद्धालुओं को भी संत रविदास जयंती की शुभकामनायें देता हूं। मेरा ऐसा सौभाग्य है कि जब मैं यहां मंच पर आ रहा था तो मुझे वाल्मिकी समाज के सभी प्रमुख लोगों ने पवित्र माला पहना कर आशीर्वाद दिया। मैं वाल्मिकी समुदाय के सभी संतों को हृदय से प्रमाण करता हूं। आज मेरा ये भी सौभाग्य रहा कि कबीर परंपरा के अनुयायी भी आज यहां आकर मुझे आशीर्वाद दे रहे थे। ये भी मेरा बड़ा सौभाग्य है और मंच पर आते ही संत शिरोमणी पूज्य रविदास जी के चरणों में मुझे यहां भी माथा टेकने का मौका मिल गया।

साथियों,

संत रविदास जी का एक दोहा है, आप ध्यान से सुनिए और जब आप ध्यान से सुनोगे तो आपका भी पक्का विश्वास हो जाएगा कि मोदी की सरकार वही कर रही है जो संत रविदास जी कह कर गए हैं संत रविदास जी ने अपने दोहे में कहा है।

ऐसा चाहूं राज मैं,
मिले सबन को अन्न।

छोट-बड़ो सब सम बसे,
रविदास रहे प्रसन्न।

संत शिरोमणि रविदास जी ने क्या कहा था, उन्होंने कहा था मैं ऐसा राजा चाहता हूं। देखिए रविदास जी ने कहा है मैं ऐसा राजा चाहता हूं, जिससे सभी को अन्न मिले। हर कोई एक समान, समरस होकर रहे और जब ऐसा होगा तो स्वभाविक है, रविदास जी प्रसन्न होंगे ही। ये संत रविदास जी ने कहा है।

साथियों,

सबका साथ, सबका विकास के मंत्र को लेकर चल रही, भाजपा का भी आदर्श यही है। संत रविदास जी के शब्दों से प्रेरणा लेकर के हम आगे बढ़ते हैं। ऐसा होगा तो स्वाभाविक रूप, रविदास जी प्रसन्न होंगे ही। साथियों सबका साथ सबका विकास के मंत्र को लेकर चल रही भाजपा का आदर्श भी संत रविदास जी के शब्दों से प्रेरणा लेकर हम आगे बढ़ते हैं। इसलिए हमारी सरकार के लिए गरीब का कल्याण सर्वोपरि है। आप देखिए पूरी दुनिया में एक ऐसी महामारी आई है, ऐसी महामारी आई है, 100 वर्षों में कभी ऐसी महामारी नहीं आई और पूरी दुनिया में फैली, लेकिन भाजपा सरकार ने संत रविदास जी की इस भावना को प्राथमिकता दी, मिले सबको अन्न। दुनिया के बड़े-बड़े देशों में आज कोरोना की वजह से गरीब को हर तरह की दिक्कत आ रही है। खाने पीने की समस्या हो रही है। लेकिन इतने बड़े संकट में 100 साल की सबसे बड़ी महामारी में, इस काल में भारत करोड़ो देशवासियों को मुफ्त में राशन उपलब्ध करा रहा है। कोई भी ऐसा गरीब न हो, जिसके घर में चूल्हा न जलता हो भाई, ये काम करना मेरे लिए एक पवित्र सेवा का काम था। पंजाब के भी लाखों गरीबों को दो साल से मुफ्त राशन मुहैया कराया जा रहा है। हमने प्रयास किया है कि महामारी के इस समय में कोई गरीब भूखा न सो जाए। कोरोना की वैक्सीन भी हमारी सरकार ने मुफ्त मुहैया करवाई, गांव-गांव जा करके मेरे देशवासियों का जीवन बचाने के लिए रात दिन-काम किया और दुनिया जो नहीं कर पाई, वो काम हिंदुस्तान ने कर के दिखाया। करीब-करीब 95 परसेंट से ज्यादा लोगों को पहला डोज तो लग ही चुका है और दूसरा डोज भी लगने की दिशा में भी तेज गति से काम हो रहा है और वैक्सीन की वजह से लोगों को बहुत बड़ा सुरक्षा कवच मिला है, भाइयों आपने वैक्सीन लगवाई है न, मुझे बताओ, वैक्सीन लगवाई है न, आपको एक नए पैसे का खर्च हुआ है क्या, आपको कोई दिक्कत हुई है क्या, आप बताइए ऐसे संकट के समय मुझे ये पवित्र काम करना चाहिए था कि नहीं चाहिए था। देशवासियों को वैक्सीन लगनी चाहिए थी कि नहीं लगनी चाहिए थी। भाइयों और बहनों इसी वैक्सीन की वजह से पंजाब में स्थितियां थोड़ी बहुत सामान्य होने के कारण, आर्थिक गतिविधियों ने भी अपना जोर पकड़ना शुरू कर दिया है।

साथियों,

पठानकोट में मैं देख रहा था कई परिवारों से मैं हाथ उठा -उठा करके सबको नमस्ते कर रहा था। सारे पुराने लोगों के चेहरे आज मेरे सामने थे, एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में कभी टू व्हीलर पर आता था, कभी रेल के डिब्बे से यात्रा करके पहुंचता था और आपके पठानकोट पहुंचता था, कभी जम्मू से दिल्ली जाता था, तो रात को स्टेशन पर पठानकोट के अनेक परिवार मेरे लिए खाना पहुंचाते थे, टिफिन का डब्बा लेकर आते थे, ऐसा महत्वपूर्ण समय मैंने जीवन का आप लोगों के बीच बिताया है। यहां की माताएं-बहनें अपने बच्चों को कहती हैं-

जां लगेगी रज,
तां बढ़ेगा गज।

ये हमारे माझा इलाके में हम सुनते हैं....यानि जैसे-जैसे शरीर को मिट्टी लगेगी, कद भी बढ़ेगा। माझा की इस मिट्टी ने मुझे मां जैसा प्यार दिया है, मां जैसा स्नेह दिया है।
लेकिन जिस तरह से मुझे और भाजपा को, जरा सुनना पड़ेगा, आप के घर में आया हूं, बताएं न, कोई कड़वी बात बताऊंगा तो बुरा नहीं लगेगा न। ऐसा नहीं जोर से बताइए, थोड़ी कड़वी बात बताऊं तो बुरा नहीं लगेगा न..पक्का नहीं लगेगा न, तो बता दूं...बता दूं। आप देखिए आपके बीच मैं इतने साल रहा, आपकी रोटी खाकर मैं बढ़ा, लेकिन जिस तरह से मुझे और भाजपा को , हिंदुस्तान के अनेक राज्यों में सेवा करने को मिला, वैसा अवसर मुझे पंजाब की सेवा करने का नहीं मिला है। पहले भी हम यहां एक छोटे पार्टनर के रुप में छोटे दल के रुप में सरकार के साथ एक किनारे पर हासिए पर थे। पंजाब की शांति के लिए पंजाब की एकता के लिए, पंजाब के उज्ज्व भविष्य के लिए हमने हमारी पार्टी का नुकसान करके, पंजाब का भला करने को प्रथामिकता दी थी। लेकिन आज मैं आपसे मांगने आया हूं, मुझे पांच साल आप अपनी सेवा का मौका दीजिए। मैं आपको भरोसा देता हूं, किसानी, व्यापार, इंडस्ट्री नु लाहेबंद वणाया जाएगा। गरीबां अते मजदूरां नूं उन्हा दे हक दिते जाणगे, पंजाब नु महफूज अते चढ़दियां कलावां विच रखांगे।

साथियों,

जनता जब भाजपा को मौका देती है, फिर न जनता हमारा हाथ छोड़ती है, न जनता हमारा साथ छोड़ती है, न हम जनता की सेवा का काम छोड़ते हैं! हम इतने राज्यों को जहां-जहां सेवा का मौका मिला है, जरा देख लीजिए विकास का जो सिलसिला भाजपा की सरकार में शुरू होता है, जनता भी ऐसा साथ देती है कि कभी विकास का काम रुकता नहीं है। एक और बात भी आपने देश भर में देखी होगी,जहां एक बार भाजपा के पैर जम जाते हैं, तो वहां दिल्ली में बैठकर रिमोट कंट्रोल से सरकार चलाने वाले परिवार की छुट्टी हो जाती है।मतलब, जहां विकास आया, जहां विकास पहुंचा, वहां वंशवाद का हुआ सफाया ! जहां शांति और सुरक्षा आई, वहां तुष्टीकरणर भ्रष्टाचार की विदाई ! यही विदाई इस बार पंजाब में भी देनी है। भाजपा पंजाब के विकास और नवा पंजाब के लिए मेहनत करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी, ये मेरा आपसे वायदा है।

साथियों,

आपका प्यार मेरे सिर आंखों पर, जो दिल्ली में एयरकंडिशन कमरों में बैठे हैं न उन्हें पता नहीं है कि इस प्यार की ताकत क्या है। पठानकोट और माझा की ये धरती वीरों की धरती है... वीरों की धरती है... यहां घर-घर से नौजवान देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर सेवा दे रहे हैं। इसी माझा से गुरुओं ने सिख धर्म को भी विस्तार दिया था। लेकिन, सरकार अगर संस्कारों के खिलाफ चलने वालों की हो तो वो विरासत और पहचान दोनों को मिटाने के लिए लग जाती है। कांग्रेस ने पंजाब और देश की शान के खिलाफ क्या-क्या कुकृत्य नहीं किए! इसी पठानकोट पर जब पकिस्तानी आतंकियों ने हमला किया था, तब देश उस संवेदनशील मौके पर एकजुट था! लेकिन कांग्रेस पार्टी के नेता क्या कर रहे थे ? आप मुझे बताइये, इन्होंने सेना के शौर्य पर सवाल उठाए थे या नहीं उठाए थे? हमारी सेना पर शक किया था कि नहीं किया था। मेरी इस धरती के लालों पर शक किया था कि नहीं किया था। इन्होंने शहीदों की शहादत पर कीचड़ उछालने का पाप किया था कि नहीं किया था। पुलवामा हमले की बरसी पर भी ये कांग्रेस के लोग अपनी पापलीला को बंद नहीं कर पाए। वे हमारी सेना की बहादुरी का फिर से सबूत मांगने लग गए हैं। मैं वीर जवानों और पूर्व सैनिकों का आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने मुंहतोड़ जवाब देकर का के कांग्रेस के मुंह पर ताले लगाने की कोशिश की है। अब आप लोग ये तय करिए, क्या पंजाब जैसे सीमावर्ती और संवेदनशील राज्य की सुरक्षा इन लोगों के हाथों में हम दे सकते हैं क्या ,ऐसे लोग आपको सुरक्षा दे सकते हैं क्या। ऐसे लोग आपका भला कर सकते हैं क्या। ये आप की चिंता कभी कर सकते हैं क्या। अगर इन्हें फिर मौका मिल गया तो ये पंजाब की सुरक्षा को खतरे में डालने से पीछे नहीं हटेंगे। पहले कभी कांग्रेस में कैप्टन साहब जैसे लीडर थे, उनको इस गलत रास्ते पर जाने से रोकते थे। इसलिए 20 फरवरी को पंजाब की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भाजपा को, एनडीए को वोट देना है। ढींढसा साहब और कैप्टन साहब की पार्टी आज हमारे साथ, पंजाब के उज्जल भविष्य के लिए हमारे साथ जुड़ी है, 20 फरवरी को पंजाब में शांति और अमन के लिए भाजपा को वोट देना है। 20 फरवरी को पंजाब के विकास के लिए भाजपा को वोट देना है।

साथियों,

देश की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए हमारी सरकार सेनाओं का लगातार आधुनिकीकरण कर रही है। जब सैनिक के पास आधुनिक साजो-सामान होता है, तो उसकी अपनी सुरक्षा भी बढ़ती है। भाजपा सरकार सेनाओं में महिलाओं को नए अवसर दे रही है। अब हमारी बहन-बेटियां भी सेना में देश की रक्षा करने के लिए कंधे से कंधा मिला कर खड़ी रहें, इसका भी प्रबंध मैंने किया है और ये तो वीरों की भूमि है। देखते ही देखते यहां कि बेटियां देश की रक्षा करने में आगे होंगी ऐसा मेरा विश्वास है। परमानेंट कमीशन देना हो, इतना ही नहीं हमने एक बहुत महत्वपूर्ण निर्णय किया है। हमने एक निर्णय किया है कि देश में सैकड़ों नए सैनिक स्कूल हम खोलेंगे। इतना ही नहीं उन सैनिक स्कूलों में बेटियों को भी एडमिशन दिया जाएगा, उनके लिए भी सैनिक स्कूल के दरवाजे खोल दिए जाएंगे। मुझे बताइए हमारी बहन-बेटियों को वीरता दिखाने का अवसर मिलेगा कि नहीं मिलेगा। उनका सामर्थ्य दिखाने का अवसर मिलेगा की नहीं मिलेगा। ऐसे कई कदम हमारी सरकार ने उठाए हैं। सीमावर्ती इलाकों के युवाओं को हमने जो सीमावर्ती स्कूल हैं और जो अच्छे स्कूल हैं, वहां पर स्कूलों में NCC का विस्तार करने का निर्णय किया है, देश में हजारों नए स्कूल, अब एनसीसी का केंद्र वहां भी उपलब्ध हो जाएगा, ताकि सीमा पर देशभक्ति का जो ज्वार हैं, उनको देश के लिए कुछ करने का अवसर मिलेगा और भाइयों और बहनों इस बजट में आपने देखा होगा, इस बजट में हमने बहुत बड़ा निर्णय किया है और उसका बहुत बड़ा लाभ हमारे पंजाब के गावों को मिलने वाला है। बजट में खोखले वादे नहीं है, बड़ी-बड़ी बातें नहीं है, बजट में प्रवाधान कर दिया गया है कि सीमावर्ती गांवों में एक वाइब्रेंट विलेज योजना लागू की जाएगी। और जो हमारे सीमा के गांव हैं उनको विशेष सुविधा दी जाएगी। वहां इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया जाएगा, वहां स्कील डेवलपमेंट के लिए काम होगा वहां टूरिज्म डेवलप किया जाएगा, वहां उद्योगों को काम दिया जाएगा, एक नया पूरा सीमाक्षेत्र को बल देने का काम हम करने वाले हैं।

साथियों,

हम पंजाब को पंजाबियत की नज़र से देखते हैं, हमारे लिए पंजाबियत सबसे प्रमुख है ये जो हमारे विरोधी लोग है ना ये सिर्फ और सिर्फ पंजाब को सियासत के चश्मे से देखते हैं, हम पंजाबियत को गहराई से देखते हैं, भाईयों और इसीलिए, हमें करतारपुर साहिब कॉरिडॉर के विकास का सौभाग्य मिला मैं आज कांग्रेस सरकार के सामने कुछ गंभीर सवाल पूछना चाहता हूं और मैं पूरे पंजाब को, गुरूओं के आशीर्वाद लेकर जीने वाले हर पंजाबी को मैं कहना चाहता हूं। मैं जो सवाल पूछ रहा हूं, वो सवाल आप भी पूछिए। आप मुझे बताइए जब भारत विभाजन हुआ, तो नेता कौन थे। भई कांग्रेस के थे कि नहीं थे। देश के टुकड़े हुए तब कांग्रेस के लोग थे कि नहीं थे। क्या इनको इतनी समझ नहीं आई कि 6 किलोमीटर दूर सीमा से हमारे गुरू नानक देव जी की तपोभूमि है, क्या विभाजन के समय वो 6 किलोमीटर और गुरु नानक देव जी की पवित्र भूमि भारत में रख सकते थे कि नहीं रख सकते थे....। रखना चाहिए था कि नहीं रखना चाहिए था, जरा हिम्मत से बताओ, रखना चाहिए था कि नहीं रखना चाहिए था। ये पाप किया है कि नहीं किया है उन्होंने, हमारी भावनाओं को कुचला है कि नहीं कुचला है। दूसरी घटना 65 की लड़ाई हुई, भारत की सेना लाहौर में झंडा फहराने की ताकत के साथ आगे बढ़ रही थी, अगर 65 की लड़ाई में थोड़ा दो कदम आगे जाते तो गुरु नानक जी की तपोभूमि हमारे पास होती कि नहीं होती। वो पहला मौका चूक गए विभाजन के समय, दूसरा मौका चूक गए 65 की लड़ाई में और फिर बांग्लादेश की लड़ाई हुई, 90 हजार पाकिस्तान के सैनिकों ने हिंदूस्तान की सेना के सामने घुटने टेक दिए। 90 हजार सैनिक हमारी कैद में थे, हिंदुस्तान की कैद में थे। अगर दिल्ली में बैठी हुई सरकार में दम होता तो उनको कह देते कि 90 हजार सैनिक तुम्हें तब मिलेंगे जब हमें हमारे गुरु नानक देव की तपोभूमि वापस मिलेगी। ये काम उनको करना चाहिए था कि नहीं करना चाहिए था। तीन-तीन बार मौके मिले गंवा दिए।

भाईयो-बहनों.

मैं आज लड़ाई तो थी नहीं, कूटनीतिक ताकत से कॉरिडोर बनाया और कल तक जो दूरबीन से गुरू महाराज की तपोभूमि के दर्शन करते थे आज मेरे श्रृद्धालु वहां जाकर के दर्शन करके आ जाते है। मुझे बताइए ऐसे शासकों से सवाल बनता है कि नहीं बनता है। ऐसे लोगों पर कोई भरोसा कर सकते हैं क्या?

भाइयों और बहनों

हम तो समर्पित लोग हैं हमें विरासत पर भी गर्व है और विकास की जिम्मेवारी भी हमारे सामने है। हम गुरुओं के प्रकाश पर्व को पूरी आस्था से सिर्फ हिंदुस्तान में नहीं पूरी दुनिया में मनाते हैं और भारत की इस महान विरासत की दुनिया के लोगों की पहचान करवाते हैं। लेकिन इन लोगों का इतिहास क्या है? इन लोगों के नाम पर दरबार साहिब का अपमान, हिंसा और खून-खराबे का कलंक दर्ज है। हम सिख दंगों के आरोपियों को सजा दिलवाते हैं। ये उन्हें अपनी पार्टी में बड़े-बड़े ओहदे देते हैं। यही वो लोग हैं, जिन्होंने राम मंदिर के निर्माण को रोकने के लिए पूरी ताकत लगा दी थी। काशी विश्वनाथ धाम बना, तो उस पुण्य काम का भी ये लोग विरोध कर रहे थे। काशी विश्वनाथ धाम बना तो उस पुण्य काम का भी ये लोग विरोध करते रहे। काशी विश्वनाथ मंदिर को..काशी विश्वनाथ मंदिर को सदियों पहले माझा की धरती से विशेष रिश्ता है। मंदिर के लिए सोना चढ़ाने का काम उस जमाने में महाराजा रणजीत सिंह जी ने ही किया था भाइयों-बहनों। हम अपनी इस विरासत को देश की एकता अखंडता से जोड़कर देखते हैं। इससे पर्यटन भी बढ़ता है, युवाओं को रोजगार भी मिलता है। लेकिन देश की आस्था और विरासत को सुनते ही उनके कान लाल हो चाते है, चिढ़ है उनको। पंजाब के लोगों ने दशकों तक ऐसे दलों को बर्दाश्त कर लिया। अब उन्हें इस बार भाजपा को मौका देना है। और मैं परसों जालंधर आया था मुझे याद है जो खबरें मिल रही है पंजाब ने पक्का कर लिया है कि इस बार परिवर्तन भाजपा की सरकार।

भाइयों बहनों,

कांग्रेस पार्टी की करतूतों का साथ देने के लिए अब उन्हें ‘पार्टनर- इन- क्राइम’ भी मिल गया है। आप देखिए, कितनी समानता है, दोनों दलों में। जब अयोध्या में राम मंदिर बनता है, तो दोनों मिलकर विरोध करते हैं। जब भारत के जांबाज अपना शौर्य दिखाते हैं, तो दोनों वही बोलते हैं, जो पाकिस्तान से बोला जाता है, पाकिस्तान के सुर में सुर मिलाते हैं। एक ने पंजाब के युवाओं को नशे के जाल में धकेला, दूसरी पार्टी, दिल्ली के युवाओं को शराब का लती बनाने में लगी हुई है। इतना ही नहीं, एक ने पंजाब को लूटा, दूसरी दिल्ली में एक के बाद एक घोटाले कर रही है। ये दोनों एक ही थाली के चट्टे-बट्टे होने के बावजूद, अब ये दोनों पार्टियां मिलकर पंजाब में नुरा-कुश्ती कर रहे हैं। WWF आता है न ये कर रहे हैं जी, ये आमने-सामने होने का दिखावा कर रहे हैं। आप मुझे बताइए दिल्ली में पहली बार आप पार्टी की सरकार बनी थी। उसको पूर्ण बहुमत नहीं था, उनको किस पार्टी ने समर्थन दिया था, किसके समर्थन से वो दिल्ली में मुख्यमंत्री बने थे, तो एक ही चट्टे -बट्टे के लोग हैं कि नहीं है। ये जेरोक्स कॉपी है कांग्रेस की, चाल-चलन सब वही है। भाइयों-बहनों, सच्चाई ये है कि कांग्रेस अगर ओरिजनल है, दूसरी पार्टी उसकी फोटो कॉपी है। इन दिनों आपने ये भी देखा होगा, कांग्रेस के नेता प्रचार करने जाते हैं तो किसके विरोध में बोलते हैं भाइयों, इनका भाषण किसके खिलाफ होता है। सिर्फ और सिर्फ मोदी के खिलाफ बोलते हैं, सिर्फ और सिर्फ भाजपा के खिलाफ बोलते हैं क्योंकि उन्हें मालूम है कि आएगी तो भाजपा ही। ये हमला इसलिए मुझ पर कर रहे हैं , अगर हम जीतने वाले न होते , तो उतने बड़े-बड़े नेता आकर के हमें ही गालियां क्यों देते भाई, भाजपा को ही गालियां क्यों देते। ये इतनी गालियां देते हैं मतलब आप ज्यादा ताकतवर हो गए हो। आप ज्यादा ताकत से भाजपा के साथ खड़े हो, उन्हें बराबर पता है कि इस बार पंजाब के लोगों ने पक्का मन बना लिया है, इस बार भाजपा जैसी अनुभवी पार्टी, देशहित में पंजाब के हित में काम करने वाली पार्टी को मौका देना है।और मेरा आपसे ये वायदा है, हम मजबूर नहीं मजबूत पंजाब बनावांगे। पंजाब नू मुड़ खुशहाल बनावांगे।

साथियों,

पंजाब ने हमेशा देश के विकास के लिए दिल्लीवाली सरकार के काम को देखा है, कभी पंजाब की पहचान देश के सबसे खुशहाल सूबे के रूप में होती थी। लेकिन आज हालात कुछ और हैं। राज्य पर कर्ज बढ़ता जा रहा है। रोजगार के मौके हर दिन कम हो रहे हैं, युवाओं को पलायन करना पड़ रहा है। अपनी छोटी-छोटी मांगों के लिए पुलिस के डंडे खाने पड़ रहे हैं। माझा को तो खासकर विकास से, उद्योगों से वंचित रखा गया। यहां केवल एक ही धंधा चल रहा है, खनन में लूट का धंधा! और आप जानते हैं कि आपके क्षेत्र को कौन लोग लूट रहे हैं। मैं आपसे जानना चाहता हूं- क्या इन रेत माफियाओं पर, खनन माफियाओं पर कोई कार्रवाई होती है ? सरकार के मुलाजिमों को मारने के लिए तो पुलिस का डंडा रखते हैं, लेकिन खनन माफिया को महलों में मौज मिलती है मेरे भाईयों। ये इसीलिए विधायक बनते और बनवाते हैं ताकि पूरे पंजाब की मिट्टी को खोदकर अपनी तिजोरियां भर लें। ये लोग अपनी मिट्टी से विश्वासघात कर रहे हैं। ये खेल तभी रुकेगा जब ईमानदार और काम करने वाली सरकार होगी, भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार होगी। मैं डंके की चोट पर कहता हूं- माफिया पंजाब छड़ेगा, पंजाब दा नौजवान नहीं।

भाइयों बहनों,

अभी पंजाब में डबल इंजन की सरकार नहीं है। अभी केवल केंद्र सरकार का इंजन काम कर रहा है। इन स्थितियों में भी हमने पंजाब में नए हाइवेज बनाने, एक्सप्रेसवेज बनाने, यहां उद्योगों को बढ़ावा देने का पूरा प्रयास किया। दिल्ली कटरा एक्सप्रेसवे पंजाब से होकर गुजर रहा है। इससे पंजाब के विकास को गति मिलेगी, लोगों को सुविधा भी मिलेगी। नए उद्योगों के लिए पंजाब में रास्ते खुलेंगे। पंजाब में जो सामान बनता है,
उसकी सप्लाई बढ़ाने के लिए हम लुधियाना-पश्चिम बंगाल ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडॉर भी बना रहे हैं। एयरवेज के मामले में भी पंजाब पीछे न रहे, इसके लिए मोहाली में इंटरनेशनल एयरपोर्ट के साथ-साथ और एयरपोर्ट पर भी काम किया गया है। पंजाब के हर नागरिक के स्वास्थ्य के लिए , उसकी सेवा के लिए, बीमारी में उसे दिल्ली तक दौड़ना न पड़े, इसके लिए एम्स का काम आपकी आंखों के सामने हैं। पीजीआई सैटिलाइट सेंटर भी केंद्र सरकार ने दिया है। हम पंजाब में manufacturing बढ़े, यहां के युवाओं को रोजगार मिले इसके लिए भी काम कर रहे हैं।हमने पंजाब के किसानों के लिए कपूरथला, फ़ज़ीलका और लुधियाना में तीन फूड पार्क्स भी बनाए हैं। आज पंजाब के किसानों की फसल की MSP पर रिकॉर्ड खरीद हो रही है। जितना पैसा भाजपा सरकार ने सीधे पंजाब के किसानों के बैंक खातों में भेजा है, वो पहले कभी किसी ने भेजा नहीं है।

साथियों,

हमारे पास पंजाब के विकास के लिए नवा पंजाब का एक विज़न है। पठानकोट जैसे बार्डर इलाकों के विकास के लिए बार्डर एरिया डवलपमेंट अथॉरिटी का गठन होगा।पंजाब के विकास के लिए इनफ्रास्ट्रक्चर पर अभूतपूर्व खर्च होगा। ये हमारे लिए केवल घोषणाएं नहीं हैं, ये पंजाब के लिए हमारे दृढ संकल्प है। और हम संकल्प को प्रकल्प में बदलते हैं और प्रकल्प को हम परिवर्तन लाने का साधन बना कर सिद्धि तक पहुंचने वाले लोग हैं। इसलिए, इस बार 20 फरवरी को बीजेपी को, एनडीए को मौका आवश्य दीजिये। इस बार पंजाब के सपनों को मौका दीजिये। नवा पंजाब को मौका दीजिये। इसी अनुरोध के साथ, आप सभी को एक बार फिर संत रविदास जयंती की अनेक-अनके बधाई। अनेक-अनेक शुभकामनायें।

मेरे साथ बोलिए भारत माता की
दोनों मुट्ठी बंद करके पूरी ताकत से बोलिए

भारत माता की...
भारत माता की...
इस चुनाव के जो सभी उम्मीदवार हैं उनसे मेरी रिक्वेस्ट है कि आगे आ जाएं। चुनाव लड़ रहे हैं वो आगे आ जाएं...जो उम्मीदवार हैं ...

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बहुत बहुत धन्यवाद!

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!