जय जगन्‍नाथ, मंच पर विराजमान सभी वरिष्‍ठ महानुभाव। आजी पवित्र उत्‍कल दिवस, ओडिशा प्रतिष्‍ठा दिवस, समस्‍त ओडिशावासिन को ए अवसरे मोर अभिनंदन।

आज यह मेरा सौभाग्‍य है कि उत्‍कल दिवस के पावन अवसर पर मुझे जगन्‍नाथ जी की धरती पर आने का सौभाग्‍य मिला। इस उड़ीसा को बनाने के लिए, अनेक लोगों ने अपना जीवन खपा दिया, साधना की और आज उत्‍कल दिवस पर मैं विशेष रूप से उत्‍कल मणि पंडित गोपवंदु दास को प्रणाम करता हूं। उत्‍कल के गौरव मधुसुधन दास को नमस्‍कार करता हूं। वीर सुरेंद्र साई को प्रणाम करता हूं और महाराज कृष्‍णा चंद्र गज‍पति जी को मैं उनका पुण्‍य स्‍मरण करता हूं। यह बीरसा मुंडा की भी, क्रांति जोत से प्रज्‍वलित धरती है, मैं बीरसा मुंडा को भी प्रणाम करता हूं और आधुनिक ओडिशा बनाने के लिए बीजू बाबू को हर ओडिशा वासी हमेशा याद करता है। मैं इन सभी महानुभाव को और ओडिशा की जनता को हृदय से अभिनंदन करता हूं, उनको प्रणाम करता हूं और मैं आज के ओडिशा दिवस पर ओडिशावासियों को हृदय से बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। अभिनंदन करता हूं और ओडिशा विकास की नई ऊंचाईयों को पार करे। ओडिशा के नौजवानों का भविष्‍य ओजस्‍वी हो, तेजस्‍वी हो, सामर्थवान हो, राष्‍ट्र के कल्‍याण में ओडिशा की नई पी‍ढ़ी अपना अमूल्‍य योगदान देने के लिए उसको अवसर मिले।

उड़ीसा का किसान हो, उड़ीसा का मजदूर हो, उड़ीसा का मेरा मछुआरा भाई हो या उड़ीसा का आदिवासी हो। ये वो धरती हो। जिसके लिए पूरा हिंदुस्तान गर्व करता है, सम्मान करता है। यहां का सूर्य मंदिर आज भी हिंदुस्तान को प्रकाश दे रहा है, एक नई आशा का संचार करता है। ऐसी इस पवित्र भूमि को मैं आज नमन करता हूं।

मैं पिछले वर्ष, अप्रैल महीने के पहले सप्ताह राउरकेला की धरती पर आया था। शायद 4 अप्रैल को आया था और आज एक साल के भीतर-भीतर, दोबारा मैं आपके बीच आया हूं। मैं पिछले वर्ष आया था तब आपके सपनों को समझना चाहता था, आपकी आशा, आकांक्षाओं को समझना चाहता था। आज, जब मैं आया हूं तो मेरा एक साल का हिसाब देने के लिए आया हूं और लोकतंत्र में ये हमारा दायित्व बनता है कि हम जनता-जर्नादन को हमारे काम का हिसाब दें। पल-पल का हिसाब दें, पाई-पाई का हिसाब दें। भाईयों-बहनों, ये राउरकेला एक प्रकार से लघु भारत है। हिंदुस्तान का कोई कोना नहीं है जो राउरकेला में बसता नहीं है। राउरकेला में कुछ भी होता है, हिंदुस्तान पूरे कोने में उसका तुरंत vibration पहुंच जाता है और भारत के किसी भी कोने में कुछ भी क्यों न हो पल दो पल में राउरकेला में पता चल जाता है कि हिंदुस्तान के उस कोने में ये हुआ है। इतना जीवंत नाता संपूर्ण भारत के साथ, इस धरती का नाता है। यहां के लोगों का नाता है। एक प्रकार से राउरकेला को बनाने में भारत को इस्पात की ताकत देने में ये लघु भारत में, राउरकेला का बहुत बड़ा योगदान है।

भारत को एक करने का काम लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने किया था और आजादी के बाद किसी शहर ने भारत को इस्पात की ताकत दी है तो वो शहर का नाम है राउरकेला। ये बज्र सा सामर्थ्य दिया है और जहां से बज्र सा समार्थ्य मिलता है, वो राष्ट्र कभी भी पीछे नहीं हटता है। विकास की नई ऊचांईयों को पार करता जाता है। यहां पर डॉक्टर राजेंद्र बाबू ने कई वर्षों पहले इस्पात के कारखाने की नींव डाली। यहां का जो मजदूर होगा, वो भी ये सोचता होगा कि मैं खनिज में से, आयरन में से मिट्टी जैसा जो लग रहा है, उसको कोशिश करके मैं स्टील तैयार करता हूं, मजबूत स्टील तैयार करता हूं, अच्छा स्टील तैयार करता हूं लेकिन राउरकेला के मेरे भाईयों-बहनों आप सिर्फ प्लेट नहीं बनाते। आप सिर्फ इतनी चौड़ाई इतनी मोटाई, इसकी सिर्फ प्‍लेट का निर्माण नहीं करते हैं। आप जो पसीना बहाते हैं, आप जो मेहनत करते हैं, उस भंयकर गर्मी के बीच खड़े रहकर के, आप अपने शरीर को भी तपा देते हैं। सिर्फ स्‍टील की प्‍लेट नहीं पैदा करते हैं आप भारत की सैन्‍य शक्ति में, भारत की सुरक्षा शक्ति में एक अबोध ताकत पैदा करते हैं, एक बज्र की ताकत पैदा करते हैं।

आज भारत सामुद्रिक सुरक्षा में indigenous बनने का सपना लेकर के चल रहा है। हमारे युद्धपोत हमारे देश में कैसे बने इस पर आज भारत का ध्‍यान है। लेकिन यह युद्धपोत इसलिए बनना संभव हुआ है, क्‍योंकि राउरकेला में कोई मजदूर भारत की सुरक्षा के लिए गर्मी के बीच खड़े रहकर के अपने आप को तपा रहा है, तब जाकर के भारत की सुरक्षा होती है, तब जाकर के युद्धपोत बनते हैं, तब जाकर के यहां बनाया, पकाया स्‍टील भारत की सुरक्षा के लिए काम आता है। दुश्‍मनों की कितनी ही ताकत क्‍यों न हो, उन ताकतों के खिलाफ लोहा लेने का सामर्थ्‍य हमारे सेना के जवानों में तब आता है, जब वो एक मजबूत टैंक के अंदर खड़ा है और दुश्‍मन के वार भी झेलता है और दुश्‍मन पर वार भी करता है। वो टैंक भारत में तब निर्माण होती है, जब राउरकेला में मजबूत स्‍टील तैयार होता है और इसलिए मेरे प्‍यारे भाईयों-बहनों दूर हिमालय की गोद में देश की सेना का जवान किसी टैंक पर खड़े रहकर के मां भारती की रक्षा करता है तो उसके अंदर आप के भी पुरूषार्थ की महक होती है। तब जाकर के राष्‍ट्र की रक्षा होती है और उस अर्थ में यह स्‍टील उत्‍पादन का काम राष्‍ट्र की रक्षा के साथ भी जुड़ा हुआ है।

यह स्‍टील उत्‍पादन का काम न सिर्फ ओडिशा के आर्थिक जीवन को, लेकिन पूरे देश के आर्थिक जीवन में एक नई ताकत देता है। इस पिछड़े इलाके में यह उद्योग के कारण रोजगार की संभावनाएं बढ़ी है। यहां के गरीब से गरीब व्‍यक्ति के लिए रोजी-रोटी का अवसर उपलब्‍ध हुआ है और आने वाले दिनों में उसके विकास के कारण और अधिक रोजगार की संभावनाएं होगी। विकास के और नए अवसर पैदा होने वाले हैं।

आज इस प्रोजेक्‍ट का Expansion हो रहा है और Expansion भी दो-चार कदम नहीं, एक प्रकार से उसकी ताकत डबल होने जा रही है। इस ताकत के कारण देश के इस्‍पात की क्षमता में बहुत बड़ी बढ़ोतरी होगी। देखते ही देखते हिंदुस्‍तान ने अमेरिका को पीछे छोड़ दिया है इस्‍पात के उत्‍पादन में। लेकिन अभी भी हम चाइना से काफी पीछे है और जब मैं मेक इन इंडिया की बात करता हूं, तो हमें किसी के पीछे रहना मंजूर नहीं। हमें उसमें आगे बढ़ना है। देश, 65% नौजवानों से भरा हुआ देश है। भारत मां की गोद में 65% 35 साल से कम उम्र के नौजवान मां भारती की गोद में पल रहे हैं, खेल रहे हैं। कितनी बड़ी ताकत है हमारे पास। उनको अगर अवसर मिलेगा, उन्‍हें अगर रोजगार मिलेगा, उनको अगर सही Skill Development होगा, तो यह हमारे नौजवान पिछले 60 साल में हिंदुस्‍तान जहां आ पहुंचा है 10 साल में उससे तेज गति में आगे ले जाएंगे, यह मुझे मेरे नौजवानों पर पूरा भरोसा है।

और इसलिए भाईयों-बहनों देश का औद्योगिक विकास हो। भारत के अंदर जो खनिज संपदा है। ये कच्चा माल विदेशों में भेजकर के, ट्रेडिंग करके, पेट भरकर के हमं गुजारा नहीं करना चाहिए। हमारी जो खनिज संपदा है। वो कच्चा माल, दुनिया के बाजार में बेचने से पैसा तो मिल जाएगा। ट्रेडिंग करने से अपना परिवार भी चल जाएगा। पांच-पचास लोगों का पेट भी भर जाएगा लेकिन भारत का भविष्य नहीं बनेगा और इसलिए हमारी कोशिश है कि भारत के पास जो कच्चा माल है, भारत के पास जो खनिज संपदा है। खान-खनिज में हमारा जो सामर्थ्य है। उसमें Value addition होना चाहिए, उसका Processing होना चाहिए, उसकी मूल्य वृद्धि होनी चाहिए और उसमें से जो उत्पादित चीजें हो, वो विश्व के बाजार में उत्तम प्रकार की चीजों के रूप में जाएगी तो भारत की आर्थिक संपन्न ताकत भी अनेक गुना बढ़ेगी और इसलिए हमारी कोशिश है कि हमारे देश में जो कच्चा माल है, उस कच्चे माल पर आधारित उद्योगों की जाल बिछाई जाए। नौजवानों को अवसर दिया जाए, बैंकों से धन उनके लिए उपलब्ध कराया जाए और देश में एक नई औद्योगिक क्रांति की दिशा में प्रयास हो।

भाईयो-बहनों एक समय था, भारत की ओर कोई देखने को तैयार नहीं था। पिछला एक दशक ऐसी मुसीबतों से गुजरा है कि जिसके कारण पूरे विश्व ने हमसे मुंह मोड़ लिया था लेकिन आज भाईयों-बहनों, मैं बड़े गर्व के साथ कहता हूं कि 10 महीने के भीतर-भीतर निराशा के बादल छंट गए, आशा का सूरज फिर से एक बार आसमान के माध्यान पर पहुंचा हे और पूरे विश्व का ध्यान आज हिंदुस्तान के अंदर पूंजी निवेश की ओर लगा है। रेल हो, रोड हो, गरीबों के लिए घर हो, उद्योग हो, कारखाने हो, दुनिया के लोगों का ध्यान आज हिंदुस्तान की तरफ आया है और हम इस अवसर का फायदा उठाना चाहते हैं। हम विश्व को निमंत्रित करना चाहते हैं। आइए आप अपना नसीब आजमाइए। भारत की धरती उर्वरा है। यहां पर जो पूंजी लगाएगा, दुनिया में उसको कहीं जितना Return मिलता है, उससे ज्यादा Return देने की ताकत इस धरती के अंदर है और इसलिए मैं विश्व को निमंत्रित करता हूं और उस इलाके में करना चाहे।

मैं बेमन से कह रहा हूं कि भारत का विकास सिर्फ हिंदुस्तान के पश्चिम छोर पर होने से, भारत का संपूर्ण विकास नहीं हो सकता है। महाराष्ट्र आगे बढ़े, गुजरात आगे बढ़े, गोवा आगे बढ़े, राजस्थान आगे बढ़े, हरियाणा आगे बढ़े, पंजाब आगे बढ़े, इससे काम नहीं चलेगा। वो बढ़ते रहें और बढ़ते रहें, लेकिन देश का भला तो तब होगा, जब उड़ीसा भी आगे बढ़े, छत्तीसगढ़ बढ़े, बिहार आगे बढ़े, पश्चिम बंगाल आगे बढ़े, आसाम आगे बढ़े, पूर्वी उत्तर प्रदेश आगे बढ़े, पूरे हिंदुस्तान का नक्शा देखिए। पूर्वी भारत का इलाका, ये भी उतना ही आगे बढ़ना चाहिए, जितना की हिंदुस्तान का पश्चिमी किनारा आगे बढ़ा है और इसलिए भाईयों-बहनों मेरा पूरा ध्यान इस बात पर है कि भारत का पूर्वी इलाका उड़ीसा से लेकर के पूर्वी इलाका ये कैसे सामर्थ्यवान बने। कैसे विकास की यात्रा में भागीदार बने इसलिए सरकार की सारी योजनाएं विकास की उस दिशा में ले जाने का हमारा प्रयास है, हमारी कोशिश है।

अब तक ये परंपरा रही दिल्ली वाले, दिल्ली में बैठने वाले ऐसे अहंकार में जीते थे कि राज्यों को वो छोटा मानते थे, नीचा मानते थे। हमने इस चरित्र का बदलने का फैसला किया है। ये परंपरा मुझे मंजूर नहीं है। केंद्र हो या राज्य हो बराबरी के भागीदार है, कोई ऊंच नहीं है, कोई नीच नहीं है, कोई ऊपर नहीं है, कोई नीचे नहीं है। कोई देने वाला नहीं, कोई लेने वाला नहीं, दोनों मिलकर के आगे बढ़ने वाले पार्टनर है, उसी रूप में देश को चलाना है और इसलिए हमने कोपरेटिव फेडरेलिज्‍म की बात कही है। भाईयों-बहनों राज्‍यों ने हमसे कुछ मांगा नहीं था। लेकिन हम मानते थे, क्‍योंकि मैं खुद अनेक वर्षों तक मुख्‍यमंत्री रहा हूं और देश में पहली बार लम्‍बे अर्सें तक रहा हुआ व्यक्ति प्रधानमंत्री बना है और इसलिए उसको मुख्‍यमंत्री की तकलीफें क्‍या होती है, राज्‍य की मुसीबतें क्‍या होती है। उसकी भली-भांति समझ है। मैं दिल्‍ली में बैठकर के भी ओडिशा के दर्द को भली-भांति समझ सकता हूं, पहचान सकता हूं, क्‍योंकि मैंने राज्‍य में काम किया है। एक जमाना था, यहां का खनिज खदानें आपके पास, लेकिन रोयल्‍टी के लिए दिल्‍ली के चक्‍कर काटने पड़ते थे। हमारी सरकार बनने के कुछ ही दिनों में हमने निर्णय कर लिया। कई वर्षों से जो रोयल्‍टी का मामला अटका था, उसका निपटारा कर दिया और रोयल्‍टी में हमने बढ़ोतरी कर दी, क्‍योंकि हम मानते हैं अगर धन राज्‍यों के पास होगा, तो राज्‍य भी विकास के लिए पीछे नहीं हटेंगे और इसलिए हमने इस काम को किया।

भाईयों बहनों Finance Commission के द्वारा राज्‍यों को पैसे दिये जाते हैं । पिछले वर्ष ओडिशा को भारत सरकार की तरफ से Finance Commission ने करीब 18 हजार करोड़ रुपया दिया था। भाईयों बहनों हमने आते ही 60 साल में पहुंचते-पहुंचते 18 हजार करोड़ पहुंचा था। हमने एक ही पल में 18 हजार करोड़ का 25 हजार करोड़ कर दिया, 25 हजार करोड़। अगर राज्‍य आगे बढ़ेंगे तो देश आगे बढ़ेगा। राज्‍य मिलजुलकर के प्रगति करेंगे तो देश प्रगति करेगा। इस मंत्र को लेकर के हम आगे चल रहे हैं और मुझे विश्‍वास है कि जिस प्रकार से एक के बाद एक भारत सरकार ने विकास के नये आयामों को छूने का प्रयास किया है। जो राज्‍य Progressive होगा, जो राज्‍य लम्‍बे समय की योजनाओं के साथ इस धन का उपयोग करेगा, वो राज्‍य हिंदुस्‍तान में नंबर एक पहुंचने में देर नहीं होगी। यह मैं आपको विश्‍वास दिलाने आया हूं। अब जिम्‍मेवारी राज्‍यों की बनती है कि वे विकास के मार्ग तय करें, Infrastructure पर बल लगाए। तत्‍कालीन लाभ वाला कार्यक्रम नहीं लम्‍बे समय के लिए राज्‍य को ताकत देने वाला कार्यक्रम हाथ में लें आप देखिए आने वाली पीढि़या सुखी हो जाएगी और ओडिशा में वो ताकत पड़ी है। स्‍वर्णिम इतिहास रहा है, स्‍वर्णिम काल रहा है उडिया का। फिर से एक बार वो स्‍वर्णिम काल आ सकता है, उडिया का और मैं साफ देख रहा हूं वो अवसर सामने आकर के खड़ा है। भाईयों और बहनों आप जानते है।

कभी ओडिशा के लोगों को लगता होगा कि हमारा ऐसा नसीब है कि कोयले की काली मां हमारे पर छाई हुई है। कुछ मिलता नहीं था। कोयला बोझ बन गया था, आज कोयले को हमने हीरा बना दिया, हीरा बना दिया भाई, कोयले की खदानों का Auction किया, जो कोयले को हाथ लगाने से लोग डरते थे, आज उस कोयले को हीरे में प्रवर्तित करने का हमने काम किया। जब CAG की रिपोर्ट आई थी, उसने कहा था कि कोयले की खदानों की चोरी में देश के खजाने का एक लाख 76 हजार करोड़ रुपया लूट लिया गया है। मैं पिछले अप्रैल में मैंने भाषण में यह कहा था, तब मुझे कई लोग कहते थे कि साहब एक लाख 76 हजार नहीं होगा, थोड़ा बहुत लिया होगा, लेकिन इतना नहीं लिया होगा। कई लोग कहते थे साहब एक लाख 76 हजार नहीं होगा। थोड़ा बहुत लिया होगा लेकिन इतना नहीं लिया होगा। कुछ लोग कहते थे। लोग कहते थे, तो मैं भी भई ज्यादा Argument नहीं करता था। CAG ने कहा है लेकिन भाईयों-बहनों सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्टाचार में दे दी गई 204 Coal mines को, सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया। ये चोर-लूटेरे की जो बंटवाई हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने लाल आंख दिखाई। 204 कोयले की खदानें रद्द हो गईं। हमने तय किया। हम Transparent पद्धति से Auction करेंगे, नीलामी करेंगे, दुनिया के सामने खुलेआम निलामी करेंगे, मीडिया के लोगों की हाजिरी में नीलामी करेंगे और मेरे भाईयों-बहनों 204 में से अभी सिर्फ 20 की नीलामी हुई है, ज्यादा अभी बाकी है सिर्फ 20 की और आपको मालूम है, जिन 204 खदानों से हिंदुस्तान की तिजोरी में एक रुपया नहीं आता था। सिर्फ 20 की नीलामी से दो लाख करोड़ रुपए से ज्यादा रकम सरकार के खजाने में आई है और ये पैसे दिल्ली के खजाने में जमा नहीं करेंगे। जिन राज्यों में कोयले की खदाने हैं, ये पैसे उनके खजाने में जाएंगे। उड़ीसा के खजाने में जाएंगे, छत्तीसगढ़ के खजाने में जाएंगे, झारखंड के खजाने में जाएंगे। राज्य में ताकत आएगी। भाईयों-बहनों, ईमानदारी के साथ अगर काम करें तो कितना बड़ा परिवर्तन लाया जा सकता है। ये उदाहरण आपके सामने है।

ये लोग जिम्मेवार नहीं हैं क्या? क्या उन्हें जवाब देना नहीं चाहिए? ये दो लाख करोड़ रुपया 20 खदानों का आया कहां से? तो पहले पैसे गया कहां था? भाईयों-बहनों मैंने आपको वादा किया था। दिल्ली में आप अगर मुझे सेवा करने का मौका देंगे तो ऐसा कभी कुछ नहीं करुंगा ताकि मेरे देशवासियों को माथा नीचे कर करके जीना पड़े और आज मैं सीना तानकर के आपके सामने हिसाब देने आया हूं, 10 महीने हो गए सरकार को एक दाग नहीं लगा मेरे भाईयों बहनों, एक दाग नहीं लगा मेरे भाईयों-बहनों। भाईयों-बहनों अभी हमने नए कानून पास किए। minerals के संबंध में कानून पास किया और मैं नवीन बाबू का आभारी हूं कि संसद में उन्होंने हमारा समर्थन किया तो राज्यसभा में भी वो बिल मंजूर होने में हमारी सुविधा हो गई और हम मिलकर के देश हित के निर्णयों को करते चलेंगे और देश हित में हम काम करते जाएंगे।

भाईयों-बहनों मैं जब पिछली बार आया था तब तो मैं प्रधानमंत्री नहीं था लेकिन यहां के लोगों ने मेरे सामने एक मांग रखी थी। राजनीति का स्वभाव ऐसा है कि पुरानी बातें भुला देना, जितना जल्दी हो सके भुला देना लेकिन मेरे भाईयों-बहनों, मैं राजनेता नहीं हूं, मैं तो आपका सेवादार हूं। मुझे पुरानी बातें भुलाने में Interest नहीं है। मैं तो खुद होकर के याद दिलाना चाहता हूं और मैंने गत वर्ष 4 अप्रैल को इसी मैदान से, मैंने जो घोषणा की थी तब प्रधानमंत्री नहीं था। आपने प्रधानमंत्री बनाया और आज जब मैं पहली बार आया हूं, तो मैं उस वादे को पूरा करते हुए बताना चाहता हूं कि इस्पात General hospital, अब इस्पात General hospital, ये मेडिकल कॉलेज cum Super specialty Hospital के रूप में उसको विकसित करने का निर्णय भारत सरकार ने कर लिया है।

भाइयों-बहनों लेकिन मैं नहीं चाहता हूं, कि इस अस्‍पताल में आपको कभी patient बनकर के जाना पड़े। मैं आप उत्‍कल दिवस पर आपको शुभकामना देता हूं कि अस्‍पताल तो हिंदुस्‍तान में बढि़या से बढि़या बने, लेकिन बारह महीने खाली रहे। कोई बीमार न हो, किसी के परिवार में मुसीबत न हो, किसी को अस्‍पताल जाना न पड़े। लेकिन यहां के मेडिकल कॉलेज से होनहार नौजवान तैयार हो करके देश के स्‍वास्‍थ्‍य के लिए भी तैयार हो। एक बात और भी हुई थी, ब्रहामणी नदी पर दूसरा ब्रिज बनाने की। मैं आपकी कठिनाई जानता हूं। आज मैं आपको विश्‍वास दिलाता हूं ब्रहामणी नदी पर दूसरे ब्रिज का काम भी कर दिया जाएगा और उसके कारण राउरकेला की connectivity कितनी बढ़ने वाली है इसका आपको पूरा अंदाज है भाईयों-बहनों।

भाईयों-बहनों आज मैं दूर से ही जगन्‍नाथ जी को प्रणाम करते हुए उनके आर्शीवाद ले रहा हूं, लेकिन पूरा ओडिशा और एक प्रकार से देश और दुनिया के जगन्‍नाथ के भक्‍त नव कलेवर के लिए तैयारी कर रहे हैं। कई वर्षों के बाद नवकलेवर आता है। पूरा ओडिशा पूरे विश्‍व का स्‍वागत करने के लिए सजग हो जाता है। रेल की सुविधा चाहिए, हवाई जहाजों की सुविधा चाहिए और कोई – संबंधी आवश्‍यकताएं हो satiation जैसी आवश्‍यकता हो, भारत सरकार कंधे से कंधा मिलाकर के ओडिशा के इस नवकलेवर पर्व में आपका साथ देगी और ऊपर से इस काम को आगे बढाने के लिए 50 करोड़ रुपया भारत सरकार की तरफ से भी इसमें मुहैया किया जाएगा।

भाईयों-बहनों आज इस्पात के इस कारखाने के Expansion के साथ हम आगे तो बढ़ेंगे और आगे बढ़नें का संकल्प लेकर जाएंगे, विकास की नई ऊंचाइयों पर आगे बढ़ेंगे और मैं राज्यों को निमंत्रित करता हूं। आईए एक नए युग का ये शुभारंभ करने का अवसर है। लंबी सोच के साथ हम विकास की नींव मजबूत बनाएं। तत्कालीन फायदे से मुक्त होकर के हमारी भावी पीढ़ी के कल्याण के लिए हम अपने रास्तों को प्रशस्त करें।

मैं फिर एक बार SAIL के सभी मित्रों को हृदय से अभिनंदन करता हूं। यहां के छोटे-मोटे इस्पात के कारखानों के मेरे भाईयों-बहनों को अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं। मैं उड़ीसा Government का बहुत आभारी हूं और मैं कल्पना नहीं कर सकता हूं भाईयों-बहनों। मैं नहीं मानता हूं कि कभी सरकार किसी कार्यक्रम में इतनी भीड़ आती हो। चारों तरफ मुझे लोग ही लोग नजर आ रहे हैं। आपने मुझे जो प्यार दिया है, ये प्यार एक प्रकार से विकास के प्रति आपके समर्थन की अभिव्यक्ति है। देश के नौजवानों के भविष्य को बदलने के लिए आपके संकल्प की अभिव्यक्ति है। हिंदुस्तान के गरीब को, किसान को ताकतवर बनाने के, आपके सपनों को पूरा करने का जो संकल्प है, उसका खुला समर्थन करने का आपका ये प्रयास है। मैं इसके लिए मेरे उड़ियावासियों को शत-शत नमन करता हूं, उनका अभिनंदन करता हूं।

बहुत-बहुत धन्यवाद करते हुए। जय जगन्नाथ-जय जगन्नाथ-जय जगन्नाथ।

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রোজগার মেলাগী মখাদা এপোইন্তমেন্ত লেত্তর ৫১,০০০ হেন্না য়েন্থোকপা থৌরমদা প্রধান মন্ত্রীনা ফোঙদোকখিবা ৱারোল
July 12, 2025
Quoteঙসি নহারোল লিশিং 51 হেনবদা এপ্পোইন্তমেন্ত লেত্তর পীখ্রে, অসিগুম্বা রোজগার মেলাগী খুত্থাংদা নহারোল লাখ কয়ানা ভারত সরকারগী পরমিনেন্ত জোব ফংখ্রে, হৌজিক হায়রিবা নহারোল অসিনা লৈবাক শেমগৎপদা অচৌবা থৌদাং অমা লৌরি: পি.এম.
Quoteঙসি মালেমনা ভারতকী লোইনাইদ্রবা শক্তি অনি লৈ হায়বা খঙলে, অমনা দেমোগ্রাফী অমসুং অতোপ্পা অমনা দেমোক্রেসীনি, অতোপ্পা ৱাহৈদা হায়রগদি খ্বাইদগী চাউবা নহারোলগী মীশিং অমসুং খ্বাইদগী চাউবা দেমোক্রেসী: পি.এম.
Quoteলৈবাক অসিদা ঙসি শেমগৎলক্লিবা স্তার্ত অপ্স, ইন্নোভেসন অমসুং রিসর্চকী ইকোসিস্তেম অসিনা লৈবাক অসিগী নহারোলগী তৌবা ঙম্বশিং হেনগৎহল্লি: পি.এম.
Quoteহন্দক্তা সরকারনা অনৌবা স্কিম অমা, এম্প্লোইমেন্ত লিঙ্ক ইন্সেন্তিব স্কিম অয়াবা পীখিবগা লোয়ননা ভারত সরকারনা প্রাইবেৎ সেক্তরদা অনৌবা থবক্কী খুদোংচাবশিং পীবদা মীৎয়েংসু থম্মি: পি.এম.
Quoteঙসি ভারতকী মরু ওইবা অচৌবা শক্তি অসি ঐখোয়গী মেন্যুফেকচরিং সেক্তরনি, মেন্যুফেকচরিংদা অনৌবা থবকশিংগী মশিং য়াম্না ফংহল্লি: পি.এম.
Quoteমেন্যুফেকচরিং সেক্তরদা শাহৌ পীনবা চহি অসিগী বজেৎতা মিসন মেন্যুফেকচরিং লাউথোকখি: পি.এম.
Quoteহন্দক্কী ইন্তর্নেস্নেল লেবর ওর্গনাইজেসন – ILOদগী রিপোর্ত অমনা হায় মদুদি হৌখিবা দিকেদতা ভারতকী প্রজা করোর 90 হেনবা অসি য়াইফ-থৌরাংগী থৌশিলগী মখাদা পুশিনবা ঙমহনখি: পি.এম.
Quoteঙসি ৱার্ল্দ বেঙ্কগুম্বা অচৌবা মালেমগী থাক্কী ইন্সতিত্যুসনশিংনা ভারতপু থাগৎলি, ভারত অসি মালেমগী খ্বাইদগী থোং মান্নবা মকোক থোংবা লৈবাকশিংগী মনুংদা চল্লি: পি.এম.

খুরুমজরি!

নহারোলশিং কেন্দ্র সরকারগী থবক পীনবা ঐখোয়গী খোঙজং মখা চৎথরি। ঐখোয়গী পান্দমদি শ্লিপ অমতা য়াওদনা, চাদিং অমতা তৌদনা থবক ফংহনবনি। ঙসি নহারোল লিশিং ৫১ হেনবদা এপোইন্তমেন্ত লেত্তরশিং য়েন্থোক্লে। অসিগুম্বা রোজগার মেলাশিংগী খুৎথাংদা, নহারোল লাখ ভারত সরকারগী থবকশিং ফংলে। হৌজিক হায়রিবা নহারোলশিং অসিনা লৈবাক শেমগৎপদা অচৌবা থৌদাং অমা লৌরে। ঙসি নহারোক কয়া ভারত রেৱেজদা মখোয়গী মথৌশিং পাংথোক্লে, মরুপ কয়া লৈবাক অসি ঙাক্নবা গার্দশিং ওইরে, পোস্তেল দিপার্তমেন্তদা থবক ফংলবা মরুপশিংনা সরকারগী কান্নবশিং খুঙ্গং খুদিংমক্ত য়ৌহনগনি, মরুপ খরনা মীওই খুদিংমক হকচাং ফহন্নবা মিসনগী লান্মীশিং ওইগনি, নহারোল কয়ানা মীওই খুদিংমক শেন-থুমগী থবকশিংনা কোনশিন্নবা য়াংখৎনবা ইঞ্জিন ওইগনি অমসুং মরুপ কয়ানা ভারতকী উদ্যোগ চাউখৎপা য়াংখৎহনগনি।

অদোমগী দিপার্তমেন্তশিং তোঙান তোঙাল্লি, অদুবু পান্দমদি অমতনি অমসুং পান্দম অদুদদি লৈবাক্কী থবক তৌবা হায়বা অসিনি। অমতা ঙাইরবা পান্দমদি-মীয়ামগী থবক্না হান্না পাংথোকপা অসিনি। লৈবাক অসিগী মীয়ামগী সেবা তৌনবা অচৌবা মফম অমা অদোম্না ফংলে। পুন্সিগী মরুওইবা তাঙ্কক অসিদা অসিগুম্বা অচৌবা থবক অমা ফংবা অসিদা ঐনা ময়াম পুম্নমক হরাওবা ফোঙদোকচরি। অদোমগী অনৌবা খোঙচৎ অসিগীদমক ঐনা অদোমগী মফমদা য়াইফ পাউজেল পীজরি।

মরুপশিং,

ভারতকী মপান নাইদ্রবা শক্তি অনি লৈরি হায়বা ঙসিগী মালেম্না য়ানরে। অমনা অপুনবা মীশিং অমসুং অমনা গনতন্ত্রনি। লৈবাক অসিদা মশিং খ্বাইদগী য়াম্বা নহারোল লৈরি অমসুং মালেমদা খ্বাইদগী চাউবা গনতন্ত্র চৎপা লৈবাক অমনি। মসিগী নহারোলগী শক্তি অসি ঐখোয়গী খ্বাইদগী চাউবা লন্নি অমসুং ভারতকী অফবা তুংলমচৎকী খ্বাইদগী চাউবা গরেন্তিনি। নুংঙাই য়াইফনবা ফোর্মুলা অসি শেম্নবগীদমক সরকারনা অহিং-নুংথিল অনিমক থবক শুরি। লৈবাক মঙাগী খোঙচৎ মতুংদা নোংমগী মমাঙদা ঐ হল্লক্লে হায়বা মীয়াম্না খঙলে। ভারতকী নহারোলগী শক্তিগী খোন্থাং অসি লৈবাক খুদিংমক্না তারে। খোঙচৎ মনুংদা লৈনখিবা য়ানখিবা খুদিংমক্না লৈবাক অসিদা অমসুং মপান লৈবাকশিংদা লৈরিবা ভারতকী নহারোল খুদিংমক কান্নবা ফংগনি। দিফেন্স, ফার্মা, দিজিতেল তেক্নোলোজি, ইনর্জি, মমল য়াম্লবা মিনিরেলশিংগুম্বা হিরমশিংগী য়ানচেশিংনা তুংদগী ভারতকী কান্নবা ওইরগনি, ভারতকী মেনুফেকচরিং অমসুং সর্বিস সেক্তরশিং মপাঙ্গল য়াম্না কনখৎলগনি।

মরুপশিং,

মতমগী অহোংবা মতুংইন্না, ২১শুবা চহিচাদা থবকশিংগী মওংসু হোংলে, অনৌবা থবক কয়া থোক্লক্লে। মরম অদুনা হৌখিবা চহি ১০ অসিদা, লৈবাক অসিগী নহারোলশিং থৌরাং তৌনবা ভারতনা মীৎয়েং চঙলে। মসিগীদমক হৌজিক মরুওইবা ৱারেপশিং লৌরে, অনৌবা মতমগী দরকার ওইবশিং য়েংলগা অনৌবা থৌশিলশিসু শেম্লে। ঙসি লৈবাক অসিদা স্তার্দ-অপশিং, ইন্নোবেসন অমসুং থিজিনবগী থবকশিং পায়খৎপদগী লৈবাক অসিগী নহারোলশিংগী তৌবা ঙম্বসু হেনগৎলে। নহারোলশিংনা মখোয় মশাগী স্তার্দ-অপ লিংখৎনিংবগী অপাম্বা উবদা ঐগী থাজবসু হেনগৎলে অমসুং স্তার্দ অপশিংগী মতাংদা দোক্তর জিতেন্দ্র সিংহনসু মশিং খর পীরে। অচৌবা পান্দম  অমগা লৌয়নান পাঙ্গল অমসুং খোঙজেলগা লোয়ননা ঐগী লৈবাক্কী নহারোলশিংনা মাংলোমদা চঙশিনবদা ঐ হরাওই।

মরুপশিং,

প্রাইভেদ সেক্তরদা অনৌবা থবকশিং ফংহন্নবা ভারত সরকারনা মীৎয়েং চঙলি। হন্দক সরকারনা ইমপ্লাইমেন্ত লিঙ্ক ইন্সেন্তিপ স্কিম কৌবা অনৌবা স্কিম অমা অয়াবা পীখ্রে। স্কিম অসিগী মখাদা প্রাইভেদ সেক্তরদা অহানবা ওইনা থবক ফংবা নহারোল অমদা সরকারনা লুপা লিশিং ১৫ পীগনি। অহানবা থবক্কী অহানবা ফংবা তোলোবতা সরকারনা মতেং পাংগনি। মসিগীদমক সরকারনা লুপা করোর লাখ অমগী বজেত অমা শেম্লে। স্কিম অসিনা অনৌবা থবক করোর ৩.৫ ফংহনবদা মতেং পাংগনি।

মরুপশিং,

ঙসি, ভারতকী অচৌবা মপাঙ্গল অমদি ঐখোয়গী মেনুফেকচরিং সেক্তর অসিনি। মেনুফেকচরিং সেক্তর চাউখৎনবা চহি অসিগী বজেত্ত মিসন মেনুফেকচরিং লাউথোকখ্রে। হৌখিবা চহিশিংদা, ঐখোয়না মেক ইন ইন্দিয়াগী খোঙচং মপাঙ্গল কনখৎহল্লে। পি.এল.আই স্কিমগী মখাদা লৈবাক অসিদা অনৌবা থবক লাখ ১১ হেন্না ফংহনখ্রে। হৌখিবা চহিশিংদা ইলেক্ত্রোনিক্স অমসুং মোবাইল শাবগী সেক্তরশিং পাকথোক-চাউথোকহল্লে। ঙসি, ইলেক্ত্রোনিক্স মেনুফেকচরিং অসি লুপা করোর লাখ ১১ য়ৌরে। মসি হৌখিবা চহি ১১ দগী শরুক ৫ হেনগৎলে। হান্না লৈবাক অসিদা মোবাইল ফোন শাবা য়ুনিত ২ খক্ত লৈরমখি, হৌজিক লৈবাক অসিদা য়ুনিত ৩০০ হেন্না লৈরে। মসিদা নহারোল লাখ কয়া থবক ফংলে। ওপরেসন সিন্দুরগী মতুংদা দিফেন্স মেনুফেকচরিংগী মতাংদা য়াম্না খন্ন-নৈরে। দিফেন্স মেনুফেকচরিং সেক্তরদা ভারতনা অনৌবা রেকোর্দশিং থম্লে। ঐখোয়গী দিফেন্সকী পোৎথোকশিং অসি লুপা করোর লাখ ১.২৫ হেল্লে। লোকোমোতিপ সেক্তরদসু ভারতনা অতোপ্পা অচৌবা মাইপাকপা অমা ফংলে। ভারত মালেমদা লোকোমোতিপ খ্বাইদগী য়াম্না পুথোকপা লৈবাক ওইরে। লোকোমোতিপশিং ওইগেরা, রেল কোচশিং ওইগেরা, মেত্রো কোচশিং ওইগেরা, ঙসি মালেমগী মশিং য়াম্লবা লৈবাকশিংদা মখোয় ভারতনা য়োল্লে।

ঐখোয়গী ওতোমোবাইল সেক্তরসু মমাঙদা অমুক্ত ওইখিদ্রিবা মওংদা চাউখৎলকপা ঐখোয়না উরে। হৌখিবা চহি ৫ দা সেক্তর অসিদা দোল্লার বিল্লিয়ন ৪০ রোমগী এফ.দি.আই লাকখি। মসিনা তাকপদি অনৌবা কম্পেনিশিং লাক্লে, অনৌবা ফেক্তরিশিং লিংখৎলে, নৌবা থবকশিং পীরে হায়বনি অমসুং গারিশিং লৈবা মশিং য়াম্না হেনগৎলে অমসুং ভারত্ত শাবা গারিশিং মশিং য়াম্না য়োল্লে। নহারোলশিং মশিং য়াম্না শরুক য়াবদগী হিরম কয়াদা লৈবাক অসি চাউখৎলকপা ঙম্বনি। মখোয়গী হুমাং, মখোয়গী হোৎনবা কনবা অসিনা লৈবাক অসিগী নহারোলশিং থবক ফংবনি, মসিগী মাইপাকপা অসি মখোয়না উৎলে। লৈবাক অসিদা মেনুফেকচরিং সেক্তর মখা তানা চাউখৎনবা সরকারগী থবক তৌবা মীওই ওইনা অদোম্না পাংথোকপা য়াবা থবক খুদিংমক পাংথোক্কদবনি।

মরুপশিং,

মালেমদা অহুমসুবা খ্বাইদগী চাউবা ইকোনোমি ওইনবা মাইকৈদা ঙসি ঐখোয়গী লৈবাক য়াংনা চঙশিল্লি অমসং মসি ভারতমচা অমনা য়াম্না চাউথোকচনা হায়বা ঙমগনি। মসি ঐগী নহারোলশিংনা থবক কন্না শুবগী অঙকপনি। হৌখিবা চহি ১১ দা হিরম খুদিংমক্ত লৈবাক অসি চাউখৎলে। হন্দক, ইন্তরনেসনেল লেবর ওর্গনাইজেসনগী অঙকপা রিপোর্ত অমা লাকলে। হৌখিবা চহি ১০ দা, ভারতকী মীওই করোর ৯০ হেন্না য়াইফ-থৌরাংগী স্কিমশিংনা কোনশিনখি হায়না রিপোর্ত অসিদা হায়খি। অমরোমদা মসি খুন্নাইগী ঙাক্লৌ পীবনি। স্কিমশিং অসিনা য়াইফনবা থবক পায়খৎপা খক নত্তনা মসিনা মশিং য়াম্লবা থবকশিংসু ফংহল্লে। খুদম ওইনা, প্রধান মন্ত্রী অৱাস য়োজনাগী মখাদা অনৌবা য়ুম করোর ৪ হেন্না শাখ্রে অমসুং হৌজিক অনৌবা য়ুম করোর ৩ শাবগী থবক চৎথরি। অসুক য়াম্বা য়ুমশিং অসি শাবদা মশিং য়াম্লবা শীন্মীশিং থবক শুরি। স্কিম অসিনা থবক কয়া পীরিবা অদু অদোম খন্দুনা য়েংউ। মসিদা খ্বাইদগী অপেনবা পোক্লিবদি থবক অয়াম্বা ঐখোয়গী খুঙ্গংশিংদা ফংবা অসিনি, কনাগুম্বা অমতা খুঙ্গং থাদোক্তুনা চৎত্রে। মসিগা লোয়ননা, লৈবাক অসিদা অনৌবা তোইলেত করোর ১২ শারে। তোইলেতশিং অসি শাবদা, উশুবশিং অমসুং প্লম্বরশিং য়াওনা শীন্মী কয়া থবক পীরে। উজৱালা স্কিমগী মখাদা লৈবাক অসিদা অনৌবা এল.পি.জি কন্নেক্সনশিং পীরে। মসিগীদমক হৌজিক মশিং য়াম্লবা বোত্তলিং প্লান্তশিং লিংখৎলে। গ্যাস সিলিন্দর শাবশিং অমসুং গ্যাস সিলিন্দর এজেন্সিশিং থবক পীরে। য়ুমশিংদা গ্যাস সিলিন্দরশিং থিনবা চৎপা মীওইশিং অনৌবা থবকশিং ফংলে। অনৌবা হিরমশিং অসিদা অনৌবা থবক লাখ কয়া ফংলে।

মরুপশিং,

অতোপ্পা স্কিম অমা খন্নবা ঐনা পাম্মী। অদোম স্কিম অসি খঙলে, মসি খুৎশা মঙা মক ঘীদা লুপ্পা নত্ত্রগা খুৎ অনিমক্ত লদু পায়বগুম্বনি। স্কিম অদুদি পি.এম সুর্য়া ঘর ফ্রি ইলেক্ত্রিসিতি স্কিমনি। স্কিম অসিগী মখাদা ইমুং অমগী য়ুম মথক্ত সোলার রুপ তোপ পেনেল থম্বদা সরকারনা ইমুং অমদা লুপা ৭৫,০০০ হেন্না পীরে। মওং অসিদা, মীওই অমগী য়ুম পৱার ফেক্তরি অমা ওইরে, মৈ পুথোক্লে অমসুং মৈ অদু মশামক শীজিন্নরে, করিগুম্বা অহেনবা মৈ পুথোক্লবদি, মদু মহাক্না য়োল্লে। মসিনা মৈগী বিল হন্থহনবদা নত্তনা, মীওই অদুগী শেন কনবা ঙম্লে। সোলার প্লান্তশিং অসি থম্বদা ইঞ্জিনিয়ারশিং অমসুং তেক্নিসিয়ানশিং দরকার ওই। সোলার পেনেলশিং শানবা ফেক্তরিশিং লিংখৎলে, রো মেতরিএলশিংগীদমক ফেক্তরিশিং লিংখৎলে, পোৎলমশিং পুথোক-পুশিন তৌনবা ফেক্তরিশিং লিংখৎলে। স্কিম অমনা মীয়ামগী য়াইফনবা থবক পায়খৎলি অমসুং স্কিম অমনা অনৌবা থবক লাখ কয়া ফংহল্লে।

মরুপশিং,

নমো দ্রোন দিদি অভিয়ান্না খুঙ্গংশিংদা অনৌবা থবকশিং ফংহল্লে অমসুং ইচলশিং অমসুং ইচানুপীশিংগী শেন্থোক হেনগৎহল্লে। স্কিম অসিগী মখাদা, খুঙ্গংগী ইচল লাখ কয়া দ্রোন পাইলোতশিং ওইনা ত্রেনিং পীরে। ঐখোয়গী খুঙ্গংশিংগী দ্রোন দিদিশিং, ইমাশিং অমসুং ইচলশিংনা লৌ উবদা দ্রোনশিংনা মতেং পাংবগী পাউ তারে অমসুং লৌরোক অমদা লুপা লাখ কয়া তাল্লে। মসি খক নত্তনা, মসিনা লৈবাক অসিদা দ্রোন শাবগা মরী লৈনবা অনৌবা হিরম মপাঙ্গল কনখৎহল্লে। লৌউ-শিংউ নত্ত্রগা দিফেন্স ওইবা য়াই, ঙসিদি লৈবাক অসিগী নহারোলশিংদা দ্রোন মেনুফেকচরিংনা অনৌবা খুদোংচাবশিং পীরে।

মরুপশিং,

লৈবাক অসিদা লাখপতি দিদি করোর ৩ পুথোক্নবা খোঙচৎ চৎথরি। মখোয়গী মনুংদা লাখপতি দিদি করোর ১.৫ হান্না পুথোকখ্রে। লাখপতি দিদি অমা ওইবা হায়বসি চহি অমদা মহাক্কী শেন্থোক অদু লুপা লাখ ১ দগী তাদবা ওইগদবনি হায়বা অদোম খঙলে। অদোম্না খুঙ্গংশিংদা চৎপা মতমদা, অদোম্না বেঙ্ক শখিশিং, ইন্সুরেন্স শখিশিং, কৃষি শখিশিং, পাসু শখিশিং ঐখোয়গী খুঙ্গংশিংদা থবক ফংবা উবা ফংগনি। অহানবা ওইনা,  পি.এম শ্বানিধি য়োজনাগী মখাদা লম্বী মতাইদা পোৎ য়োল্লিবা মীওইশিং মতেং পাংলে। স্কিম অসিগী মখাদা, মীওই লাখ কয়া দিজিতেল পেমেন্ত শীজিন্নরে, হোকরশিং হৌজিক শেন শীজিন্নদ্রে, মখোয় য়ু.পি.আই শীজিন্নরে। করিগী?  মখোয়না বেঙ্কদগী খুদক্ত শেন ফংলে। বেঙ্কগী থাজবা হেনগৎলে। মহাক্না চে শীজিন্নবা দরকার ওইদ্রে। মসিনা তাকপদি লম্বী মতাইদা পোৎ য়োল্লিবা মীওইশিং থাজবগা লোয়ননা চাউখৎলে হায়বনি। পি.এম বিশ্বকর্মা স্কিমগী মখাদা, মমাংঙৈদগী লৈরক্লবা শীন্মীশিং, মখোয়গী থবকশিং মতমগা চুনবা থবকশিং ওইহল্লে, অনৌবা তেক্নোলোজি, অনৌবা খুৎলায়শিং শীজিন্নরে অমসুং খুৎহৈবশিং ত্রেনিং পীরে। মখোয়দা লোনশিং পীরে, মতমগী অনৌবা খুৎলায়শিং পীরে। ঐনা অদোমদা মশিং থিঙমদ্রবা স্কিমশিং হায়বা ঙমগনি। লায়রবশিং খুদোংচাবা পীবা  অমসুং মখোয় থবক পীবা অসিগুম্বা স্কিম কয়া লৈরি। অসিগুম্বা স্কিমশিং অসিনা হৌখিবা চহি ১০ অসিদা মীওই করোর ২৫ হেন্না লায়রবা কোকহনখিবনি। করিগুম্বা থবক ফংদ্রবদি, ইমুং অমগী শেন্থোক লম্বী লৈত্রবদি, মীরোল অহুম-মরি লায়রবা হিংলিবা ঐগী লায়রবা ইনাওশিং অমসুং ইচলশিং য়াম্না ৱানা হিংগনি। অদুবু ঙসিদি মখোয় ফিবম য়াম্না ফরে, ঐখোয়গী মীওই করোর ২৫ লায়রবা কোক্লে। লায়রবা ইনাও অমসুং ইচল করোর কয়া লায়রবা মাইথিবা পীরে। লায়রবা মাইথিবা পীখিবা ইনাও অমসুং ইচল করোর ২৫ গী থৌনা ঐনা থাগৎপা ফোঙদোক্লি। মখোয়না সরকারগী স্কিমশিং কান্নবা লৌরে অমসুং থৌনাগা লোয়ননা মাঙলোমদা চঙশিল্লে। মখোয়না লায়রবা মাইথিবা পীরে। মীওই করোর ২৫ অসিনা মখোয় মশানা মশাবু কয়া য়াম্না থাজবগে হায়বা অদোম খন্দুনা য়েংউ। অসিগুম্বা মীওই অমা লায়রবা কোকপা মতমদা, অনৌবা থৌনা অমা পোক্লে। সরকারনা পায়খৎলিবা থবকশিং অসি ঙসিদি ৱার্ল্দ বেঙ্কগুম্বা অচৌবা ইন্সতিতুসনশিংনা থাগৎলে। মালেমগী লৈবাকশিংদা মখোয়না ভারত নমুনা অমা ওইনা উৎলে। মালেমদা খ্বাইদগী থোং মান্নবা লৈবাকশিংগী মনুংদা ভারতনা মকোক্ত লৈরে। লায়রবা অমসুং ইনাকখুনবা অনিগী মরক্ত খেন্নবা য়াংনা হন্থরক্লে। থোং মান্নবগী মাইকৈদা ঐখোয় য়াংনা চঙশিল্লি। মসি হৌজিক মালেমগী লৈবাকশিংনা খঙলে।

মরুপশিং,

লায়রবগী য়াইফনবা অমসুং থবক পীনবা মিসন অসি মাঙলোমদা পুখৎপা অসি অদোমগী থৌদাংনি। সরকারনা খূরৌ থাংবা অমা ওইরোইদবনি, সরকারনা চাউখৎপগী থবক পুক্নিং থৌগৎপা অমা ওইগদবনি। মীওই খুদিংমক চাউখৎনবগী খুদোংচাবা লৈ। খুৎশম্নদুনা চৎমিন্নবা হায়বসি ঐখোয়গী থৌদাংনি। নহা ওইরিবা মরুপশিং, অদোমগী মফমদা ঐনা থাজবা কয়া থম্লি। মীয়ামগী অৱাবশিং কোকহন্নবা অদোম্না মখোয়গী মতেং পাংগদবনি। অদোম ভারতকী অমৃত কালগী শরুক অমা ওইগদবনি। লাক্লিবা চহি ২০-২৫ অসি অদোমগী শীনফম অসিগী য়াম্না মরুওই, হায়রিবা চহি ২০-২৫ গী মতম অসি লৈবাক অসিগী ওইনা য়াম্না মরুওই। বিকসিত ভারত অমা শেমগৎনবগীদমক চহি ২৫ গী মতম অসি য়াম্না মরুওই। মরম অদুনা বিকসিত ভারত অমগী পান্দমশিংগা লোয়ননা অদোম থবক তৌগদবনি। মীয়াম্না ঈশ্বরনি হায়বসি ঐখোয়গী লাইৱানি। মসি ঐখোয়গী শিংলিশিং, ঐখোয়গী থম্মোয় অমসুং পুক্নিংদা চেনহলগদবনি, ঐখোয়গী লমচৎতা উহনগদবনি। নহারোলশিংগী শক্তিনা হৌখিবা চহি ১০ দা লৈবাক অসি মাঙলোমদা পুখৎলে। অদোমগী খুদোংচাবা ফংলে, অদোমদগী থাজবা য়াংনা থম্লি। অদোমগী থৌদাং য়াম্না চাউরি, মসি থবক ওইনা পাংথোক্কনি হায়বগী থাজবা ঐনা থম্লি। ঐনা অমুক হন্না অদোম থাগৎপা ফোঙদোকচরি। তুংগী অফবা পুন্সি অমগীদমক ঐনা অদোমগী ইমুংগী মীওইশিংদা য়াইফ পাউজেল পীজরি। আইগোত প্লেতফোর্মদা চঙদুনা অদোম মখা তানা ফগৎহনগদবনি। অনৌবা কয়া তমদুনা অনৌবা ফলশিং পুরক্কদবনি। অদোমগী চাউখৎপদা লৈবাক অসিনা চাউথোকচবা ফাওরি। অদোমগী অনৌবা পুন্সি অমা হৌনবা, অদোমগা ৱারি শানবা, মঙলান কয়া মঙফাওনবা ঙম্নবা অদোমদা য়াইফ পাউজেল পীনবা ঙসি ঐ মফম অসিদা লাক্লিবনি। হৌজিক অদোম ঐগী মরুপ অমা ওইরে। ঐগী অচেৎপা খোঙলোই অমা ওইনা ঐনা অদোম তরাম্না ওক্লি। ময়াম পুম্নমক থাগৎপা ফোঙদোকচরি। য়াইফ পাউজেল পীজরি।