Congress has been completely sidelined by the people: PM Modi

Published By : Admin | February 23, 2017 | 14:32 IST
QuoteCongress has been completely sidelined by the people, says Shri Modi
QuotePM Modi attacks Congress, SP & BSP, says murderers and goons have flourished in UP due to political patronage
QuoteBJP would make sure their demands are met. We would waive off loans of small farmers, if voted to power: PM Modi
QuoteOur fight is against corruption & holders of black money. Protection of rights of small & medium traders is our responsibility, says PM 

मंच पर विरजमान सांसद मेरे साथी श्रीमान ओम माथुर जी, क्षेत्रीय अध्यक्ष श्रीमान उपेन्द्र शुक्ला जी, पूर्व मंत्री हरिद्वार दूबे जी, सांसद के मेरे युवा साथी हरि त्रिवेदी जी, बस्ती जिला के अध्यक्ष पवन कसौधन जी, संसद के हमारे वरिष्ठ साथी जगदंबिका जी पाल, सिद्धार्थनगर जिलाध्यक्ष श्रीमान रामकुमार कमल जी, हमारे युवा नेता और संसद के साथी श्रीमान शरद त्रिपाठी जी, श्रीमान रामणणि चौधरी जी, श्रीमान सुबास यदुवंशी जी, श्रीमान अजय सिंह गौतम जी और इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार खलीलाबाद से श्रीमान जय चौबे जी, मैनावल से श्रीमान राकेश सिंह बघेल जी, घनघटा से श्रीमान श्रीराम चौहान जी, बस्ती सदर से श्रीमान दयाराम चौधरी जी, रूदौली से श्रीमान संजय प्रताप जायसवाल जी, डुमरियागंज से श्रीमान राघवेन्द्र सिंह जी, हराइया से श्रीमान अजय सिंह जी, इटवा से श्रीमान सतीश चन्द्र द्विवेदी जी, कप्तानगंज से श्रीमान चन्द्र प्रकाश शुक्ला जी, कपिलवस्तु से श्रीमान श्यामधनी राही जी, महादेवा से श्रीमान रवीश सोनकर जी और विशाल संख्या में पधारे हुए प्यारे भाइयों एवं बहनों।

भाइयों बहनों।

जहां भी मेरी नजर पहुंच रही है। लोग ही लोग नजर आ रहे हैं। कमाल कर दिया भाई आपने। इतना बड़ा जन सागर। ये उमंग, ये उत्साह। ऐसा लग रहा है आप अभी से ही विजय उत्सव मनाने में लग गये हैं।

भाइयों, बहनों।

हमारे देश में लोकत्रंत्र की अपनी एक ताकत है। चुनाव एक अवसर है। जब हम अपनी पसंद की सरकार चुनते हैं। लोभ, लालच, भय सबसे मुक्त रहकर हम अपना वोट डालते हैं। हमारे वोट को पवित्र वोट कहा जाता है। और पवित्र वोट से सरकार बनती है। उसका जिम्मा भी रहता है। पवित्रता और ईमानदारी से जितना समय मिला है। जनता-जनार्दन की जी भर के सेवा करनी चाहिए। ये इनका भला करना चाहिए। उनका कल्याण करना चाहिए। उनका विकास करना चाहिए। आप मुझे बताइये। 5 साल पहले, आपने सपा को चुना पवित्र वोट दिया। उन्होंने कोई पवित्र काम किया क्या ...। किया क्या ...। किया क्या ...।

आपका भला किया क्या ...। किसानों का भला किया क्या ...। आप मुझे बताइये। पूरा पूर्वी उत्तर प्रदेश, पूरा हमारा बस्ती इलाका, आजादी के 70 साल के बाद भी मुसीबतें झेल रहा है कि नहीं झेल रहा है ...। कठिनाई झेल रहा है कि नहीं झेल रहा है ...। भ्रष्टाचार बेफिकरी से चल रहा है कि नहीं चल रहा है ...। लूटपाट तूफान पर है कि नहीं है ...। खनन माफिया का बोलबाला है कि नहीं है ...। इसके लिए जिम्मेवार कौन ...। कौन जिम्मेवार ...। कौन जिम्मेदार ...। जिन्होंने आपकी दुर्दशा की है। उनको जाना चाहिए कि नहीं जाना चाहिए...।

भाइयों, बहनों।

राजनीति नेताओं का, राजनीति दल का, सरकार का, ये जिम्मवारी होती है कि जनता के पास जब जाए पाई-पाई का हिसाब देना चाहिए। पल-पल का हिसाब देना चाहिए। 5 साल क्या किया, किसके लिए किया, कैसे-कैसे किया। क्यों किया, कब किया। इन सारी बातों का सत्ता में बैठे हुए व्यक्ति ने हिसाब देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए ...। पूरी ताकत से बताइये हिसाब देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए ...। इस चुनाव में यहां के मुख्यमंत्री ने पाई-पाई का, पल-पल का हिसाब जनता को देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए ...। जनता को उत्तर देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए ...। इतने दिनों से चुनावों में दौड़ रहे हैं। कोई जवाब दे रहे हैं क्या ...। दे रहे हैं क्या ...। परिवार में क्या चल रहा है, उसका जवाब दे रहे हैं। नये-नये लोगों को गले क्यों लगाये, इसका जवाब दे रहे हैं लेकिन 5 साल लोगों के भलाई के लिए क्या किया। जरा उसका जवाब तो दो। लोगों अपना हिसाब तो दो। जो लोग जवाब देते नहीं हैं, जो लोग जनता को अपने काम का हिसाब देने को तैयार नहीं हैं। ऐसे लोगों को दोबारा वोट मांगने का कोई अधिकार नहीं बनता है भाइयों, बहनों।

भाइयों, बहनों।

ये हमारे पूर्वी उत्तर प्रदेश, समग्र उत्तर प्रदेश देखें। बिल्कुल संसाधन है, सामर्थ्यवान लोग हैं, अनुभवी हैं, महान संस्कृति परंपरा से संस्कारित हैं, उसके बावजूद क्या कारण है कि हमारा उत्तर प्रदेश, हमारा ये पूर्वी उत्तर प्रदेश आज भी पिछड़ा हुआ है। क्या कारण है भाइयों, बहनों। इनको आदत हो गई है। वो ये मानते हैं कि उत्तर प्रदेश में कुछ करने की जरूरत नहीं है। 5 साल सपा रहेगी तो 5 साल बसपा आयेगी। फिर बसपा को निकालेंगे तो सपा को लाएंगे औऱ आप वहीं के वहीं रह जाएंगे। वो आएंगे माल खाएंगे, फिर जाएंगे दूसरा आएगा माल खाएगा, फिर जायेगा। फिर पहले वाला वापस आएगा, माल खाएगा, जाएगा। यही क्रम चलाना है क्या ...। यही कर्म चलाना है क्या ...। उत्तर प्रदेश का भला करना है तो सपा, बसपा, कांग्रेस ये तिकड़ी के चक्कर से आपको बाहर निकला ही पड़ेगा तब जा के भाइयों, बहनों। उत्तर प्रदेश का भला कर सकते हैं।

भाइयों, बहनों।

ये इलाका है, जहां गन्ना किसान खेती करते हैं। आप मुझे बताइये। गन्ना किसानों को समय पर गन्ना का भुगतान होता है क्या ...। जरा जोर से बोलिए। होता है क्या ...। नहीं होता है ना ...। अब आप मुझे बताइये। ये स्थिति बदल सकती है कि नहीं बदल सकती है ...। काम कैसे होता है, मैं आपको हिसाब देता हूं। लोकसभा के चुनाव में मैं जहां भी गया। मैंने गन्ना किसानों को वादा किया था, दिल्ली में हमारी सरकार बनने के बाद 22 हजार करोड़ रुपया जो बकाया है। वो बकाया राशि हम किसानों का देने का प्रबंध करेंगे।

भाइयों, बहनों।

आज आपके बीच में खड़ा हूं। हमने इस काम को प्राथमिकता दी। 32 लाख किसानों के खाते में जिनका बकाया था, 32 लाख किसानों के खाते में सीधा पैसा दे दिया। किसी बिचौलियों को घुसने नहीं दिया। मिल वालों के माध्यम से पैसे नहीं दिया भाइयों, बहनों। काम हुआ कि नहीं हुआ ...। लेकिन उसके बाद उसके बाद जो जिम्मवारी उत्तर प्रदेश सरकार की है। क्या कारण है कि आज भी गन्ना किसानों के बकाये का लिए जवाब देने के लिए उत्तर प्रदेश की सरकार तैयार नहीं है। 2012 में जब चुनाव हुआ। श्रीमान मुलायम सिंह जी यहां आये थे। और आपको उन्होंने वादा किया था। मुडेरवाद चीनी मिल को चालू करेंगे। कहा था ...। जरा बताइये ना। कहा था ना ...। चीनी मील चालू हुई क्या ...। हुई क्या ...। क्या फिर भी उनको हक है वोट मांगने का ...। इतना ही नहीं भाइयों, बहनों। चालू होना तो छोड़ दीजिए। इन्होंने इतनी हालत खराब कर दी कि मजदूरों को आंदोलन पर उतारू होना पड़ा। अनशन करने पड़े।

भाइयों, बहनों।

वालटरगंज की चीनी मील बंद पड़ी थी। ये हमारे सासंद महोदय और यहां के किसान दिल्ली में मुझसे मिलने आये। मिलने आये। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री जी, हमारा इलाका बहुत पीछे है। हमारी मदद हो जाये। सारे सासंद जी उनके साथ थे, किसान भी मेरे पास थे।

भाइयों, बहनों।

मैदान छोटा पड़ गया। आगे आने की कोशिश मत कीजिए। जहां है वहीं रूक जाइये। मुश्किल है, थोड़ी आपको कठिनाई हो रही है, मैं देख रहा हूं। बहुत ही लोग खड़े हैं, गर्मी भी है। आपको थोड़ी तकलीफ हो रही है। मैदान छोटा पड़ गया। आपको जो तकलीफ हो रही है। उसके लिए पार्टी के तरफ से जरूर क्षमा चाहता हूं। लेकिन भाइयों, बहनों। यहां के किसान मुझसे मिलने आये थे। सांसद उनको ले के आये थे। और आज उस चीनी मिल को चालू करने के दिशा में हमने सफल प्रयास किये हैं।

भाइयों, बहनों।

क्या कारण है चीनी मीलों का साथ, ये आपके मुख्यमंत्री का क्या दोस्ताना नाता है। मिलीभगत है, अभी भी किसानों का बकाया वो चुकता करने में रुकावटें डालते हैं। क्या कारण है ...। और इसीलिए भाइयों, बहनों। मैं भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश इकाई को ह्रदय से बधाई देता हूं कि उन्होंने फैसला किया है कि उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के सरकार बनने के बाद 14 दिन में पुराना बकाया सबको दे दिया जायेगा। इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि हम ऐसा नियम बनाएंगे। ऐसी व्यवस्था विकसित करेंगे कि गन्ना किसानों का बकाया भविष्य में भी 14 दिन से ज्यादा दिन नहीं रहना चाहिए। 14 दिन के भीतर-भीतर बकाया मिल जाना चाहिए। मैं उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का अभिनंदन करता है। उन्होंने दूसरा महत्वपूर्ण संकल्प किया है। 11 मार्च को चुनाव के नतीजे आएंगे। 13 मार्च को होली के रंग से रंग जाएंगे। ये विजय की होली होगी। उसके बाद नई सरकार का गठन होगा। और नई सरकार का गठन होने का बाद पहला निर्णय किया जायेगा। छोटे किसानों का फसल का जो कर्ज है। किसानों का कर्ज माफ कर दिया जायेगा। और मैं यूपी का सासंद हूं। सांसद के नाते आपको विश्वास दिलाता हूं कि मैं खुद देखूंगा कि सरकार बनने के बाद पहली मीटिंग में ये मेरे किसानों का कर्ज माफ हो जाये। उसका निर्णय हो जाये।

भाइयों, बहनों।

गन्ना किसान, चीनी मील और सरकार, पुराने धरे से सब चलाया गया और उसका परिणाम ये आया कि गन्ना किसान परेशान होता रहा, हमने कई योजनाएं बनाई। हमने इथेनॉल पर बल दिया। अगर चीनी का दाम बहुत गिर गया है। किसान का नुकसान हो रहा है। दुनिया में चीनी की मांग कम हो गई है। तो हम चीनी के बजाय इथेनॉल बनायेगा ताकि किसान को उसका बकाया उसका मिलता रहे, चीनी मील पर भी बोझ ना आये। और इथेनॉल बनने का कारण सरकार को भी जो पेट्रोलियम बाहर से लाना पड़ता है। उसकी आयात कम हो जाये। और हमारा आर्थिक चक्र सुचारू रूप से चलता रहे। और पिछले 1 साल में हजारों लीटर इथेनॉल बना करके हमें गन्ना और चीनी मील के अर्थव्यवस्था को सुनिश्चित करने में सफलता पाई है।

भाइयों, बहनों।

फसल में सबसे तंदुरुस्त कोई खेती है जिसको बीमारी परेशान नहीं करती, पशु परेशान नहीं करता, आपदा परेशान नहीं कर सकती, वो खेती है गन्ने की, सुरक्षित खेती है। ज्यादा चिंता नहीं रहती है। गन्ने की खेती ऐसी है कि अमीर से अमीर किसान होगा या गरीब से गरीब किसान होगा। तो भी कभी उसका बीमा नहीं करायेगा। उसको मालूम है, कोई बीमे की जरूरत नहीं पड़ेगी। लेकिन ये अखिलेश सरकार, ये समाजवादी सरकार, इन्होंने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में जबरजस्ती गन्ने का ड़ाल दिया और गन्ना किसानों पर दबाव डाला गया। आप प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लीजिए। बीमा कंपनियों ने गन्ना आने के कारण, बीमा का दर बढ़ा दिया तो धान का खेती करता था, जो सब्जी पैदा करता था, जो चावल पैदा करता था, जो गेहूं पैदा करता था। उस किसान को प्रीमियम का बोझ अधिक लग गया। उसके सर पर ज्यादा खर्चा आ गया। सितंबर महीना में हमारे कृषि मंत्री ने चिठ्ठी लिखी। मेहरबानी करके प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में गन्ने को मत डालो और किसान तबाह हो जाएंगे। लेकिन ये उत्तर प्रदेश की सरकार नहीं मानी। 

भाइयों, बहनों।

आजादी के बाद पहली बार एक ऐसी फसल बीमा योजना हम लाए हैं। ऐसी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लाए हैं। जिस फसल बीमा योजना की विशेषता देखिए। आपको अगर जून महीने में बुआई करनी है। सब तैयार है, खेत तैयार है, बीज ला करके रख दिये हैं, सब मेहनत का काम हो चुका है। बस बारिश का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन बारिश नहीं आई, जुलाई में बारिश नहीं आई। अगस्त में बारिश नहीं आई, तो फसल बोने का कोई सवाल ही नहीं उठता है। किसान तो इतना समझता है तो वो मान लेता है ये साल गया। अब मुझे बताइये, ऐसे किसान का हाल क्या होगा। सब खर्चा कर दिया। लेकिन मुट्ठीभर

अनाज बो नहीं पाया। हमने ऐसे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लाये हैं कि अगर आप प्रकृति कारणों से बोआई नहीं कर पाये तो भी आपको बीमा मिलेगा और आपका साल बर्बाद होने से बचा लिया जायेगा। इससे आगे मान लीजिए प्रकृति ने कृपा की बहुत अच्छी बारिश हो गई जब चाहिए उतनी बारिश हो गई। जितनी चाहिए उतनी बारिश हो गई। कोई तकलीफ नहीं हुई। सब अच्छा हुआ और सोलह आना फसल हो गया। सालों बाद अच्छी फसल हो गयी। खेत में सब फसल तैयार करके, काट करके, ढेर करके रखा गया है। कटाई-वटाई सब पूरी हो गयी। अब सिर्फ मंडी में जाना है। बैलगाड़ी का, ट्रैक्टर का इंतजार हो रहा है। 2-4 दिन में मंडी में पहुंच जाना है। मंडी जाके बेचना है और अचानक बारिश आ गई। अचानक ओले गिर गये। और सारी तैयार फसल प्रकृति आपदा से बर्बाद हो गई।

भाइयों, बहनों।

हमने ऐसा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना दी है कि फसल कटने का बाद खेत में जो फसल पड़ी है। मंडी जाने को तैयार है, और प्रकृति आपदा से विनाश हुआ, तो भी बीमा का पैसे मिलेगा। किसान को सुरक्षा दी जायेगी। भाइयों, बहनों। मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार है, छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार है, महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार है। राजस्थान में भाजपा की सरकार है। हरियाणा में भाजपा की सरकार है। झारखंड में भाजपा की सरकार है। गोवा में भाजपा की सरकार है। जहां-जहां भाजपा की सरकार है। ये प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ 50% से भी ज्यादा किसान ले चुके हैं। एक अकेला उत्तर प्रदेश ऐसा है कि जो अभी 12-15% से ज्यादा किसान को ये लाभ नहीं पहुंचा पाया। मुझे बताइये भाइयों, बहनों। किसानों के साथ घोर अन्याय करने वाली ऐसी सरकार को एक भी मिनट रहने का हक है क्या। और फसल बीमा कैसा है, 100 रुपए का आपको खर्चा होना है तो किसान को दो-डेढ़ रुपया से ज्यादा देना नहीं है, 98 रुपया सरकार चुकता करेगी। तो भी किसान ये काम, ये सरकार सोयी पड़ी है, करती नहीं है।

भाइयों, बहनों।

आपको भी पता है, मुझे भी पता है। पहले जब चाहिए तब यूरिया मिलता था क्या ...। जितना चाहिए उतना मिलता था क्या ...। अगर किसान को यूरिया 10 दिन देर से मिले तो उसको कोई फायदा है क्या ...। उसका तो सब चौपट हो जायेगा, उसको तो समय पर चाहिए, जितनी मात्रा में चाहिए, समय पर मिलना चाहिए।

भाइयों, बहनों।

मैं जब प्रधानमंत्री बना तो पहली बार सब मुख्यमंत्री की मुझे चिट्ठियां आई। वो यहीं आई कि हमारे यहां यूरिया की कमी है। तत्काल हमें यूरिया दें। हमारे किसान परेशान हैं। मैं सारे मामले की गहराई में गया। व्यवस्थाओं पर सोचा, क्या हो रहा है। देखा, भाइयों, बहनों। काफी सुधार किये। जहां-जहां लिकेज था, सबकुछ बंद कर दिये ताकि किसान को समय पर मिले। दो साल हो गये। भाइयों, बहनों। कहीं पर किसान को यूरिया के लिए, कतार में खड़ा रहना पड़ता है आज ...। कहीं पर यूरिया लेने गये लोगों पर पुलिस का लाठी चार्ज होता है क्या ...।

भाइयों, बहनों।

ये इसलिए हुआ क्योंकि हमने यूरिया को नीम-कोटिंग किया। अब जब नीम- कोटिंग शब्द सुनते हैं तो उनको लगता है बड़ा जबर्दस्त विज्ञान मोदी जी लाये हैं, ऐसा कुछ नहीं है। बहुत मामूली सा काम किया है। लेकिन उस मामूली काम में इतनी बड़ी ताकत थी। ज्ञान तो पहले सरकारों को भी था। लेकिन करने का साहस नहीं था। होता क्या था, यूरिया कारखाने से निकलता था। किसान के खेत में नहीं जाता था। वो केमिकल के फैक्टरी में चोरी हो के चला जाता था। बिल किसान के नाम फटता था। सब्सिडी किसान के नाम निकलती थी। लेकिन माल केमिकल फैक्टरी में चला जाता था। और वो उनके लिए रो-मेटेरीयल के नाते काम आता था। उसकी प्रोसेस कर के नई चीजें बनाते थे। और बजार में केमिकल बेचा करते थे। किसान के नसीब में यूरिया नहीं आता था। और मजबूरन किसान को ब्लैक में, काला बाजारी में यूरिया खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ता था। हमने उपाय खोज के निकाला, हमने यूरिया का नीम-कोटिंग किया। और नीम-कोटिंग बड़े विज्ञान नहीं है। गांव के लोगों को कहा जहां-जहां

यूरिया की फैक्टरी थी। उसके अगल-बगल के 50-100 गांवों को कहा, आपके यहां जो नीम के पेड़ है। उस नीम के पेड़ की फली निकलती है। वो जरा इकट्ठी करो, हम खरीदने के लिए तैयार है। गांव के गरीब लोगों को रोजगार मिल गया। वो नीम पेड़ के फली इकट्ठे करने लगे। सरकार ने उसका तेल निकाला और इस तेल को यूरिया के साथ मिक्स कर दिया। तेल का यूरिया के साथ मिक्स कर दिया। नीम-कोटिन हो गया। ...और उसका परिणाम ये आया अब यूरिया, एक मुट्ठी यूरिया भी और किसी भी काम नहीं आ सकता है। केमिकल फैक्टरी में भी काम नहीं आ सकता है। वो सिर्फ-सिर्फ खेती में ही

काम आ सकता है। चोरी गई कि नहीं गई ...। चोरी गई कि नहीं गई ...। गरीब को यूरिया मिला कि नहीं मिला। और नीम-कोटिंग का फायदा यह हुआ। पहल 10 किलो यूरिया जरूरत थी। अब 7 किलो से काम चल जाता है। पैसे बच गए। नीम-कोटिंग यूरिया के कारण 5% से 15% तक खेत उत्पादन में वृद्धि हो गयी। किसान को डबल लाभ हो गया।

भाइयों, बहनों।

अगर सरकार गरीबों के लिए है। अगर सरकार गांव के लिए है। अगर सरकार किसान के लिए है। तो सही रास्ते मिल भी जाते है। अगर हिम्मत से लागू करे। तो किसान का लाभ भी हो जाता है। ये काम हमने कर के दिखाया है

भाइयों, बहनों। मै आज, हमारे किसान भाइयों से ये भी कहना चाहता हूं। हमने पूरे देश के राज्यों से बात की। हमने कहा लोगों के घरों में बिजली मिलनी चाहिए। 24 घंटे बिजली मिलनी चाहिए। 24 घंटे आज के जमाने में मिलने चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए ...। आप बताइये। मिलने चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए ...। घरों में आपको 24 घंटे बिजली मिलने चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए ...। मिलती है क्या ...। जरा जोर से बोलो। मिलती है क्या ...। अब आपके मुख्यमंत्री तो चौराहे पर जा के बोल रहे हैं, मिल रही है। कौन सच बोल रहा है ...। आप सच बोल रहे हैं कि मुख्यमंत्री ...। कौन सच बोल रहा है ...। कौन सच बोल रहा है ...।

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भाइयों, बहनों।

भारत सरकार ने हिन्दुस्तान के सभी राज्यों के साथ एक समझौता किया। हमने कहा 24 घंटे बिजली के काम में आप भारत सरकार से जुड़िए। हम आपको पैसे देंगे। बिजली पहुंचाने में मदद करेंगे। हिन्दुस्तान के सभी राज्यों ने समझौता किया। एक मात्र उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार है, उसने ये समझौता नहीं किया। उत्तर प्रदेश के लोगों को मदद देने से उन्होंने इनकार कर दिया। और

आज आप अंधेरे में जीने के लिए मजबूर हुए हैं।

भाइयों, बहनों।

ये गुनाहगार सरकार है। ऐसी सरकार से आप, आपका भाग्य नहीं बना सकते हैं। और इसलिए भाइयों, बहनों। मैं जब प्रधानमंत्री बना। मैंने पूछा अफसरों से कि भाई बताइये कितने गांव हैं जहां आजादी के 70 साल बाद भी बिजली नहीं पहुंची है। मैं हैरान था। 18 हजार गांव ऐसे निकले जहां आजादी के 70 साल होने आये, बिजली नहीं पहुंची। मैंने लाल किले से घोषित किया। 1 हजार दिन में 18 हजार गांवों में बिजली पहुंचानी है भाइयों, बहनों। और आज मैं कहना चाहता हूं। इन 18 हजार गांवों में 15 सौ गांव, 15 सौ गांव उत्तर प्रदेश के है। जो अठारहवीं शताब्दी के अंधेरे के जिंदगी जी रहे थे। हमने बीड़ा उठाया। उत्तर प्रदेश के सांसद के नाते विशेष काम हाथ में लिया। 15 सौ से लगभग 12-13 सौ गांव में काम पूरा कर दिया भाइयों। काम ऐसे होता है। जब मायावती जी थी। 2 साल में उन्होंने 23 गांव में बिजली पहुंचाई थी। अखिलेश जी 2 साल में 3 गांव में की थी। हमने 2 साल में 13 सौ से ज्यादा गांवों में बिजली का काम पूरा कर दिया भाइयों, बहनों। और इसिलिए मैं उत्तर प्रदेश के लोगों के कहना चाहता हूं। यहां पर विकास हमारी समस्याओं का समाधान है। मेरा स्पष्ट मत है पहले दिन से मैं कह रहा हूं। अगर पूरे हिन्दुस्तान का भाग्य बदलना है तो हमें उत्तर प्रदेश का विकास करना होगा।

भाइयों, बहनों।

पूर्वी उत्तर प्रदेश का विकास होना चाहिए। हिन्दुस्तान के पूर्वी इलाके का विकास होने चाहिए। चाहे पूर्वी उत्तर प्रदेश हो, चाहे बिहार हो, बंगाल हो, असम हो, नार्थ-ईस्ट हो, उडीसा हो, ये क्षेत्र है जहां प्रकृति संपदा भरपूर है। मानव संसाधन सामर्थ्यवान है। अगर वहां पर सही योजना बने तो हिन्दुस्तान आज जो पश्चिम के तट पर विकसित नजर आता है। वो हिन्दुस्तान पूरब की तरफ भी विकसित होगा। पूर्वी उत्तर प्रदेश विकसित होगा। यहां के नौजवानों को रोजगार मिलेगा। गोरखपुर में हमने फर्टिलाइजर का कारखाना चालू कर दिया। काम शुरू हो गया। हजारों-करोड़ रुपया के लागत से यूरिया का कारखाना काम कर रहा है। 25 जिलों को लाभ मिलने वाला है। हजारों नौजवानों को रोजगार मिलने वाला है। ऐसे काम किया जाता है।

भाइयों, बहनों।

उत्तर प्रदेश कानून व्यवस्था, आज हालत ये है। उत्तर प्रदेश का यहां का थाना ये समाजवादियों का दफ्तर बन गया है। जब तक कोई समाजवादी पार्टी का बाहुबली पुलिस थाने में इजाजत नहीं देता गरीब निर्दोष नागरिक की शिकायत दर्ज नहीं होती है। और वो बेचारा हवालदार भी क्या करेगा। ये सपा के बाहुबली आकर के उसको डांटते हैं। उसको कहते हैं अगर कुछ किया तो यहां से तबादला हो जायेगा, नौकरी से निकाल दूंगा। ये बेचारा हवलदार, गरीब परिवार से है, बेटा–बेटी वाला है, दवाब में रहते हैं।

भाइयों, बहनों।

हम हवालदारों, पुलिसवालों को कानून से काम करने की ताकत देंगे। गलत काम करने से रोकेंगे। और ये दफ्तर, पुलिस का दफ्तर होगा। ये बाहुबलियों का दफ्तर नहीं होगा। निर्दोष नागरिकों का रक्षा ये हमारी प्राथमिकता होगी। आप मुझे बताइये बस्ती के भाइयों, बहनों। आज हमारी बहन-बेटी खुले में अकेली कहीं घर से बाहर निकल सकती है क्या ...। निकल सकती है क्या ...। उसको चिंता रहती है कि नहीं है ...। अगर बेटी घर आने में देर हो जाये तो मां-बाप चिंता करते है कि नहीं करते हैं ...। क्या ये स्थिति बनाएंगे।

भाइयों, बहनों।

हत्या, लूट, बलात्कार यही कारोबार, क्या विकसित हुआ है, खनन उद्धोग, अपराध यहां की मुख्य इंडस्ट्री बन गई है। अपहरण यहां के मुख्य उद्योग बन गया है। और इसलिए भाइयों, बहनों। कानून व्यवस्था विकास की पहली गारंटी होती है। अगर कानून व्यवस्था नहीं है। तो कोई यहां आ करके यहां कारखाना नहीं लगायेगा। विकास की संभावना रूक जायेगी। उत्तर प्रदेश को कानून व्यवस्था उसकी प्राथमिकता है, हम उस पर बल देना चाहते हैं, सुराक्षित करना चाहते हैं। और इसलिए भाइयों, बहनों। भारतीय जनता पार्टी विकास के मुद्दे को ले करके आपसे वोट मांग रही है। और जब मैं विकास की बात करता हूं। तो हमारे मन से साफ चित्र होता है। किसान को सिंचाई, बालकों को पढ़ाई, युवाओं को कमाई, बुजुर्गों को दवाई ये काम विकास के माध्यम से होने चाहिए। नौजवान को रोजगार मिलना चाहिए। आप मुझे बताइये भाइयों। उत्तर प्रदेश में नौकरी के जितने कांड हुये। नौकरी के जितने कारनामे हुये। इलाहाबाद कि कोर्ट ने हर बार डंडा मारा कि नहीं मारा। इसके कारण कुछ गड़बड़ हुई है कि नहीं हुई है। नौकरी में भाई-भतीजावाद हुआ है कि नहीं हुआ है। जिसका हक है, उसका हक छिन लिया गया है कि नहीं गया है। होनहार युवा को नौकरी से वंचित रखा गया कि नहीं रखा गया।

भाइयों, बहनों।

ये जो कुछ भी बेईमानी हुई है। जो भी गड़बड़ी हुई है। भारतीय जनता पार्टी के सरकार आ करके उसका कच्चा-चिट्ठा खोल देगी। जिनके हक को छीन लिया गया है। ऐसा जिसका हक बनता है, उसको हक दिलाया जायेगा भाइयों, बहनों। आप मुझे बताइये। आज अगर एक सरकार के इश्तहार आ जाता है कि इतने लोगों के नौकरी लिए भर्ती करनी है। हजारों लोग अप्लाई करते हैं। लिखित परीक्षा हो जाती है। उसमें से कुछ लोगों के इंटरव्यू आता है। और जब इंटरव्यू आता है। मां को लगता है चलो। इंटरव्यू तो आ गया। अब बेटे को कहीं रोजगार मिल जायेगा। तो मां ये नहीं कहती है। बेटा इंटरव्यू है, जरा पढ़ाई

करो, तैयारी करो, किसी जानकार से पूछ लो, इंटरव्यू में कैसे पूछते हैं वो नहीं कहती है। मां कहती है, बेटा इंटरव्यू तो आया है। लेकिन अगर नौकरी पानी है तो किसी की सिफारिश लगेगी। देखो कोई है क्या पहचान वाला, कोई नौकरी दिलवा सकता है क्या। और कुछ ही दिनों में एक आध नेता आके टपक जाता है। घर में कहते हैं बधाई हो, सुना है आपका इंटरव्यू आया है। आपका तो भाग्य खुल गया, नौकरी मिलनी चाहिए। चलो मैं आपकी मदद करता हूं। मां को भी लगता है चलो, एक अच्छा इंसान आया है। बेटे को नौकरी मिल जायेगी। तीन दिन के बाद फिर से आता है। मां देखे दुनिया कितनी खराब हो गयी है। सब चोर बैठे हैं। बेटे को नौकरी दिलवानी है, दो लाख रुपया लगेगा। ये कारोबारी, ये बिचौलिए, ये अपना झोला लेके पहुंच जाते हैं। और गरीब मां-बेटे को सरकारी नौकरी मिल जाये। इसलिए गहने बेच करके, घर गिरवी रख करके, जमीन गिरवी रख करके 2 लाख रुपया दे करके, बेटे को नौकरी के लिए पैसे देती है। इन गरीबों को क्या होता है भाई। तीन लोग एक कमरे में बैठे हैं, हजारों लोग बाहर कतार में खड़े हैं। एक दरवाजे से एक इंटरव्यू जिसका है, अंदर घुसता है। वो तीन लोगों को फुर्सत हो तो उसके सामने देखते हैं। एकाध व्यक्ति पूछ लेता है। क्या नाम है भाई, 30 सेकेंड में दूसरे दरवाजे से निकाल देते हैं। ये हो गया इंटरव्यू। आप मुझे बताइये। दुनिया में ऐसा कोई शास्त्र है क्या जो 30 सेकेंड में इंटरव्यू कर ले, पहचान ले कि ये ठीक है, ये ठीक नहीं है। ये अन्याय है कि नहीं है।

भाइयों, बहनों।

ये इंटरव्यू नाम का ड्रामा गरीब को लुटने के लिए बनाये गया था। गरीब को लुटने के लिए। ये भ्रष्टाचार का रास्ता खोल दिया था। हमने आ करके कहा दिल्ली सरकार ने निर्णय किया। वर्ग 3 और 4 सरकर में 80-90% नौकरी 3 और 4 की होती है। ड्राइवर हो, टीचर हो, नर्स हो ये सब, क्लर्क हो, ये सारे वर्ग 3 और 4 में आते हैं। वही सबसे बड़ी जनसंख्या होती है। हमने तय कर दिया। हम कोई इंटरव्यू नहीं करेंगे। उसकी जो मार्कसीट है, कंप्यूटर में डाल देगा। जो लिखित एक्जाम दिया, उसका मार्क डाल देगा। और कंप्यूटर तय करेगा। पहले 2 हजार कौन है। जो पहले 2 हजार है, 2 हजार की जरूरत है,

उनके घर ऑर्डर चला जायेगा। नौकरी लग जायेगा। एक रुपए का भ्रष्टाचार नहीं होगा। हमने अखिलेश जी को लिखा हमने इंटरव्यू खत्म करने का निर्णय किया है। आप भी करो। उत्तर प्रदेश के बच्चों की जिंदगी बच जायेगी। आज मुझे दुख के साथ कहना है। भाई-भतीजावाद करने के इरादे से अखिलेश जी सरकार ने इंटरव्यू खत्म करने के भारत सरकार के प्रस्ताव को नहीं माना और इंटरव्यू के नाम पर अपनों को भर्ती करने का खेल चलता रहा, बेईमानी का खेल चलता रहा।

भाइयों, बहनों।

हम आते ही इसको लागू करेंगे। और नौजवानों को न्याय दिलाएंगे। कैसे देश को कैसे लूटा गया आपको मालूम होगा। 2014 उस समय लोकसभा का चुनाव था। भारतीय जनता पार्टी के सामने कांग्रेस मुख्य रूप से लड़ाई लड़ रही थी। 2014 के चुनाव की तैयारी के लिए। दिल्ली में कांग्रेस पार्टी का अधिवेशन हुआ। और उन्होंने अधिवेशन के बाद पत्रकारों वार्ता की पूरा देश इंतजार कर रहा था। कांग्रेस कौन सा मुद्दे लेके चुनाव के मैदान में आ रही है। और पत्रकार वार्ता में उन्होंने घोषित किया कि 2014 में अगर हम चुनाव जीत जाएंगे तो गैस के सिलेंडर 9 मिलते हैं, हम 12 कर देंगे। 2014 का लोकसभा का चुनाव कांग्रेस पार्टी 9 सिलेंडर की 12 सिलेंडर इस मुद्दे पर चुनाव लड़े थे। इनकी कल्पना देखिए। आजादी के 70 साल बाद, एक जमाना था। पार्लियामेंट के मेंबर को, M.P को 25 गैस की कूपन मिलती थी। हम आए, हमने अध्ययन किया। हमने तय किया। भाई ये स्थिति बदली जा सकती है। अगर हम गैस कनेक्शन नहीं खोलेंगे। गैस कनेक्शन की फैक्टरिया नहीं भरेंगे। गैस का प्रबंध करेंगे। लाखों नौजवानों को रोजगार मिलेगा। और हमने तय किया। 3 साल में 5 करोड़ गरीब परिवारों को गैस का कनेक्शन देंगे। 5 करोड़ परिवारों को, गरीब मां लकड़ी का चूल्हा जलाकर जब खाना पकाती है। तो उसके शरीर में 4 सौ सिगरेट का धुआं जाता है, 4 सौ सिगरेट का धुआं। हर दिन लकड़ी के चूल्हे से खाना पकाने वाली मेरी गरीब मां, 4 सौ सिगरेट की धुआं उसके शरीर में जाता है। मुझे बताइये मेरी गरीब मां बीमार होगी कि नहीं होगी। छोटे-छोटे बच्चे, छोटे-छोटे बच्चे घर में खेलते हैं। मां खाना पका रही है। वो धुआं बच्चों के शरीर में जाता है, वो बच्चों का भविष्य क्या होगा।

भाइयों, बहनों।

मैंने बीड़ा उठाया। 3 साल में 5 करोड़ परिवारों को गैस का कनेक्शन देंगे। मुफ्त में कनेक्शन दे दिया पहला बार और आज मुझे खुशी है। करीब-करीब पौने दो करोड़ से ज्यादा परिवारों में गैस का कनेक्शन दे दिया। गैस का सिलेंडर हमने दे दिया। बस्ती में भी 80-90 हजार परिवारों को गैस का सिलेंडर पहुंचा दिया भाइयों, बहनों। काम कैसे होता है बिना भ्रष्टाचार से होता है कि नहीं होता है। ये हमने करके दिखाया है। और इसलिए भाइयों, बहनों। उत्तर प्रदेश का भाग्य बदलने के लिए हमलोग जी जान से कम करना चाहते हैं। हमके आपके आशीर्वाद चाहिए। दवाइयां कितनी महंगी थी। आ करके मैने, हमारे डिपार्टमेंट को काम पर लगाया हार्ट अटैक, डाईबिटिज, कैंसर ये जो गंभीर बीमारियां है, गरीब आदमी कहां जायेगा। कुछ दवाइयां तो ऐसी थी जिसकी कीमत 30 हजार रुपया था, 30 हजार रुपया। महीने में दो गोली खानी है। 60 हजार रुपया। गरीब आदमी कहां से लायेगा। मैंने जरा अफसरों को काम पर लगाया। मैंने कहा जरा कंपनियों से पूछो, ये दवा बनती कैसे बनती है। क्या- क्या डालते हो। कितना रुपया खर्चा आता है। रिसर्च का कितना खर्च होता है। रख-रखाव का कितना खर्च होता है। सारा हिसाब लगाओ और मुनाफा कितना खाते हो बताओ जरा। भाइयों, बहनों। सब ढूंढ़ के निकाला और 800 दवाइया। ये सरकार गरीबों के लिए है भाइयों। मैंने गरीबी देखी है। मैं गरीबी में पैदा हुआ हूं। मैं गरीबी जी करके आया हूं। गरीब के परिवार में एक व्यक्ति बीमार हो जाये। गरीब की पूरी जिंदगी तबाह हो जाती है भाइयों। और लुटेरा लूट रहे हैं। मैंने दवाइयां बनाने वाले को बुलाया। क्या आप जो पैसे लेते हैं। लोगों को लुटते हैं। नहीं चलेगा।

भाइयों, बहनों।

मेरी सरकार ने 800 दवाइयों का दाम कम कर दिया। जिस दवाई वो 30 हजार रुपया लेते थे। 3 हजार रुपया में दवाई देने के लिए मजबूर कर दिया। भाइयों, बहनों। जो दवाई वो 80 रुपये में बेचते थे, उसका मैंने 7 रुपया कर दिया ताकि गरीब आदमी वो दवाई खरीद सके। लेकिन भाइयों, बहनों। पहले की सरकारों को तो मजा था। वो लुटते थे। लूट का हिस्सा यहां पहुंचाते थे। तुम भी खुश, मैं भी खुश। यही चलता था। तो गरीब मरेगा कि नहीं मरेगा ...। गरीब का कौन होता है।

भाइयों, बहनों।

ये सरकार गरीब के लिए है। ये सरकार मध्यम वर्ग के लिए है। ये सरकार किसान के लिए है। ये सरकार माताओं बहनों के रक्षा के लिए है। और इसलिए हमारे सारे कदम। भाइयों, बहनों। आजकल हार्ट की बीमारी बढ़ रही है। दिल का दौरा पड़ जाता है। गरीब आदमी को दौड़ना पड़ता है अस्पताल, डाक्टर देखता है। फिर कहता है। मामला गंभीर है। ये तो बचेगा ही नहीं। उसकी नली में खून आना-जाना बंद हो गया है। उस नली को अंदर खोलना पड़ेगा। खोलना है तो उसमें स्टेंड लगाना पड़ेगा। उत्तर प्रदेश में उसको छल्ला बोलते हैं। ह्रदय के नली में छल्ला लगाना पड़ेगा। वो गरीब आदमी बेचारा, नौजवान बेटा है। परिवार का मुखिया है। वो सोचता है मर जायेंगे तो क्या होगा। बच्चों का क्या होगा। वो कहता साहब छल्ला लगवाएंगे तो कितना खर्चा होगा। तो डाक्टर बताता है। ये छल्ला लगवाओगे तो 45 हजार रुपया, ये छल्ला लगवाओगे तो 45 हजार रुपया। और 45 हजार वाला लगवाओगे तो 6-7 साल तक कोई तकलीफ नहीं होगा। आप जिंदा रहोगे। फिर दूसरा दिखाता है। ये विदेश का है। ये छल्ला लगवाओगे तो सवा लाख- डेढ़ लाख रुपया होगा। लेकिन जिंदगीभर कोई समस्या नहीं होगी। जीवनभर जीओगे। तो बेचारा सोचता है। 4-6 साल के मरने के बजाय अच्छा है सारी जिंदगी जाना। तो डेढ़ लाख वाला छल्ला डालो। वो तो अंदर डालते हैं तो पता तो चलता नहीं कौन का डाला। हम खोल के तो देख तो सकते नहीं।

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भाइयों, बहनों।

मैंने जरा लगाया दो साल से काम कर रहा हूं। वो बनाने वालों को बुलाया। मैंने कहा तुम्हारे छल्ला का खर्चा कितना होता है भाई। बताओ वो परेशान हो गया। एक साल तक तो कोई जवाब ही नहीं दिया। पीछे पड़ गया। भाइयों, बहनों। अभी एक सप्ताह पहले मैं उसका आदेश जारी कर दिया हैय़ जो छल्ला 45 हजार में देते थे, वो छल्ला अब 7 हजार में लगेगा। 7 हजार में और जो छल्ला सवा लाख- डेढ़ लाख में बिकता था वो 25-27 हजार में बिकेगा भाइयों, बहनों। ये गरीब के लिए काम होता है और इसलिए भाइयों, बहनों। और आप जानते हैं। मैं हर दिन एक नया निर्णय करता हूं। नई लड़ाई शुरू कर देता हूं। अब मुझे बताइये जिसकी दवाइयां बनाने वालों का दाम कम हो गया तो मेरे से नाराज होंगे कि नहीं होंगे ...। जिनकी दवाइयों की कमाई कम हो गई तो नाराज होंगे कि नहीं होंगे ...। अब वो गुस्सा करेंगे कि नहीं करेंगे ...। मेरे खिलाफ षडयंत्र करेंगे कि नहीं करेंगे ...। उसके छल्ले का दाम कम हो गया, वो बौखलाएगा कि नहीं बौखलाएगा ...। मोदी को ठीक करने की कोशिश करेगा कि नहीं करेगा। जो नीम-कोटीन का कारण यूरिया जिन कारखानों में जाता था, बंद हो गया। वो कारखाने वाले गुस्से में होंगे कि नहीं होंगे।

भाइयों, बहनों।

1000-500 कि नोट बंद कर दी। जिन्होंने जमा करके रखा था। वो गुस्सा करेंगे कि नहीं करेंगे ...। करेंगे कि नहीं करेंगे ...। 70 साल तक लुटा है। वो गरीबों को लौटाना चाहिए कि नहीं लौटाना चाहिए ...। भाइयों, बहनों। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं। जिन-जिन लोगों ने गरीबों के लूटा है। अपने कबोड में थपे के थपे रखे थे। 8 तारीख रात को पसीना छूट गया है। अलग-अलग बैंकों में जमा कराया। अब मै कच्चा-चिट्ठा खोल रहा हूं तो परेशान हैं। लेकिन भाइयों, बहनों। मै रूकने वाला भी नहीं हूं। थकने वाला भी नहीं हूं। और झुकने का तो सवाल ही नहीं उठता है जी। पाई-पाई दे के गरीबो की लौटानी होगी। ये मैं करके रहूंगा। कितना लोग नराज हुये होंगे। कितने लोगो का गुस्सा फुट गया होगा। लेकिन भाइयों, बहनों। गरीबों के साथ न्याय करने के लिए सरकार चलानी है। ये काम मैंने हाथ में लिया है। भ्रष्टाचार, कालाधन खत्म होने चाहिए कि नहीं चाहिए ...। ये लड़ाई लड़नी चाहिए कि नहीं लड़नी चाहिए ...। बेईमानों से माल निकालने चाहिए कि नहीं निकालने चाहिए ...। 

भाइयों, बहनों।

कभी लोगों को लगता है। ये छोटे-मोटे व्यापारी गड़बड़ करते हैं। हकीकत ऐसी नहीं है। ये भ्रम फैलाया है बेईमानों ने, ज्यादा से ज्यादा व्यापारी क्या करता होगा। 50 का माल 60 मे बेच देता होगा। 80 का माल 100 में बेच देता होगा। सरकार को मानो उसको 100 रुपया देना है। 60 रुपया देता होगा। 40 रुपया नहीं देता होगा लेकिन भाइयों, बहनों। वो तो ईमानदारी के रास्ते चलने को तैयार है। लेकिन मुसीबत की जड़ जो पद पर बैठे हैं वो है। जो कुर्सी पर बैठे हैं वो है। थाने में शिकायत दर्ज करानी है। इतना लाओ। स्कूटर की लाइट बंद है इतना लाओ। ये फाइल यहां से वहां ले जानी है, इतना करोड़ लाइये। इसको नौकरी पर लगवाना है इतने लाख लाइये। ये पद का दुरपयोग कर के जो लूटा गया है। चाहे नेता हो या बाबू हो। समस्या का जड़ वहां है। मेरे भाइयों, बहनों। मेरी लड़ाई है। व्यवस्था के खिलाफ, दुनिया आगे बढ़ रही है। हम ही ये बुराइयों का कारण अटके हुए हैं। और इसलिए भाइयों, बहनों। मैंने एक बहुत बड़ी लड़ाई छेड़ी है - सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय। ये लड़ाई छेड़ी है। अपने

लिए नहीं। अपनों के लिए कर रहा हूं भाइयों, बहनों। सवा सौ करोड़ देशवासी यही मेरा परिवार है। सवा सौ करोड़ देशवासियों का सुख यही मेरा सुख है। सवा सौ करोड़ देशीवासियों का कल्याण, यही मेरा कल्याण है। लेकिन भाइयों, बहनों। ये भ्रष्टाचार, ये कालाधन इसके खिलाफ इतने बड़ा मैं जंग जो कर रहा हूं। तब मुझे बस्ती के साहित्यकार सर्वेश्वर दयाल सक्सेना जी। उनकी एक कविता के कुछ शब्द प्रस्तुत करना चाहता हूं। बड़ी सटीक बात सर्वेश्वर दयाल जी ने कही है। इसी धरती के संतान उनकी कलम से निकली है। उन्होंने कहा है। ये जो कालाधन फैला है। ये जो चोर बाजारी है। मतदाता की लाचारी है। उसे मिटाने और बदलने - उसे मिटाने और बदलने की तैयारी करनी है। जारी है जारी है अभी लड़ाई जारी है। सर्वेश्वर दयाल सक्सेना जी। मै आपका आभारी हूं। आपकी कविता हम जिस लड़ाई को ले करके निकले हैं। इसमें ओज और तेज भरने काम कर रही है।

भाइयों, बहनों।

लोकतंत्र है, वाद, विवाद संवाद, सरकार, विरोध स्वभाविक बाते हैं। लोकतंत्र का हिस्सा है। उसका मजा लेना चाहिए, हम भी तो लेते आए हैं। कोई भी आलोचना करे। दिल बड़ा रख करके उसका मजा लेना चाहिए। मुरझा जाने कि जरूरत नहीं होती है। अभी हमारे मुख्यमंत्री, आपने देखा होगा, ये जो नये साथी जो गले लगाया है। सुबह-शाम उत्तर प्रदेश का क्या करेंगे नहीं बताते हैं। सुबह- शाम मोदी-मोदी, ऐसे करता है मोदी, वैसा करता है मोदी। ऐसा है। वैसा है मोदी। यही चल रहा है ना ...। यही कर रहा है ना ...। भाइयों अरे करिए – करिए। बहुत अच्छा कर रहे हैं लेकिन अखिलेश जी आप मोदी पर गुस्सा करो, मै समझ सकता हूं। पराजय दिख रहा है इसलिए ज्यादा गुस्सा आए। ये भी समझ सकता हूं। आपकी नईया डूब रही है। आपकी सारी कोशिशें बेकार जा रही है तो गुस्सा होना स्वाभाविक है। और गुस्सा करने के लिए मोदी से बढ़िया क्या हो सकता है। वो भी अच्छी बात है। लेकिन अखिलेश जी, आप इतने परेशान हैं। इतने परेशान हैं कि गुजरात के गधों पर भी गुस्सा आ गया। क्या

हो गया आपको ...। आपको गधों से भी डर लगने लगा। आप पर मुझे बहुत दया आ रही है।

भाइयों, बहनों।

कवि लोग बहुत कुछ लिखते हैं लेकिन इसी धरती के हमारे सर्वेश्वर दयाल सक्सेना जी ने गधों पर भी कविता लिखी है। बड़ा सटीक जवाब है। उन्होंने ने लिखा है - नेता के दो टोपी, नेता के दो टोपी और गधे के दो कान, टोपी अदल-बदल कर पहने, गधा था हैरान। टोपी अदल-बदल कर पहने, गधा था हैरान। एक रोज गधे ने उनको तंग गली में छेका, एक दिन गधे ने उनको तंग गली में छेका, कई दुलती झाड़ी, उन पर और जोर से रेंका, नेता उड़ गए, टोपी  उड़ गयी। उड़ गए उनके कान। बीच सभा में खड़ा हो गया, गधा सीना तान। देखिए बस्ती के कवि ने इनको जवाब दे दिया। लेकिन भाइयों, बहनों। उनको गधा अच्छा लगे या ना लगे क्योंकि कि ये सरकार ऐसी है। देखिए सोच में फर्क होता है। हम गुजरात में शेर की हिफाजत जितना करते हैं, उनता ही इन गधा के लिए करते हैं। लेकिन ये उत्तर प्रदेश देखो एक नेता की भैंस चोरी हो जाए। सारी सरकार लग जाती है, ये फर्क है। और भाइयों, बहनों। अगर हम कुछ सीखना चाहे तो गधे से भी प्रेरणा मिलती है। गधे से भी सीख सकते हैं। गधा थका हो। भूखा हो। बीमार हो। धूप हो। बारिश हो। ठंड हो लेकिन मालिक जो काम दे वो पूरा कर के ही रहता है। पैर चलने का ताकत ना हो, मजबूरी हो, फिर भी मालिक ने अगर समान लाद दिया तो ढोया है। गधा ईमानदारी से अपने मालिक की बफादारी से काम करता है।

भाइयों, बहनों।

मैंने भी सीखा है। सवा सौ करोड़ देशवासी मेरे मालिक हैं। मैं भी उनके लिए मजदूरी करने आया हूं। और गधे के पीठ पर चीनी रखो, चूना रखो, गधे को कोई फर्क नहीं पड़ता है। वो अपनी मेहनत करता रहता है। मैं भी, मैं भी सवा सौ करोड़ देशवासी गधे से प्रेरणा ले करके 24 घंटे बिना छुट्टी लिए। खाना मिले तो मिले, ना मिले तो ना मिले। आराम मिले तो मिले, लेकिन मै आपके लिए मजदूरी करने में कोई कमी नहीं रखूंगा। यही मैं विश्वास दिलाने आया हूं।

भाइयों, बहनों। भारी संख्या में मतदान करिये। भारतीय जनता पार्टी को विजय बनाइए। मेरे साथ ताकत से बोलिए। भारत माता की जय। भारत माता की जय। भारत माता की जय। बहुत-बहुत धन्यवाद।

  • Gopinath sabar April 09, 2024

    congress ka jabab ka sawal berojgar,main in ko ek udaharan se Samjha ta hun,ek lower middle class admi hai bo ek makan banana chahta hai bo bhi 1 floor ka Lakin pas itna source nahi ki boh ground floor bhi bana sake to aap bhi jante hain ki ground floor main thoda jyada paisa Kharche hote hain to bo kya karta hai ki jitna uske pas source hota hai usise ground floor ka kam chalu karta hai bo pehle kya karta hai bo sirf do meson ko bulakar kam chalu karte hain per helper na bulakar apne do tin Paribar ke sadsyon se kam karbate hain taki kuchh paisa bach sake,aise kam karke bo ground floor khada Kar deta hai per first floor ke liye kuchh paisa kam padta hai to bo use agle saal karne ka dessision leta hai jab agle saal 1st floor banane ke liye kafi paisa ikatha karleta hai to bo firstfloor ka kam chalu kardeta hai abki bar uske Paribar se koi bhi kam nahi karta balki aas podos ke logo se jo(berojgar )hain unhe bulakar apna firstloor Pura karleta hai[ is Tarah Tarah humare des modi ji ke netrutwa main foundation dalkar groundfloor khada Kar chuke hain panch saal pehle ab to be 1st,2nd,3rd......floors abb chadhte jana hai .rojgar kaise milega isi kahani se aap samjhie.####Jai Sri ram,Bharat Mata ki jai#####
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After Operation Sindoor, a diminished terror landscape

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PM Modi's address to the nation
May 12, 2025
QuoteToday, every terrorist knows the consequences of wiping Sindoor from the foreheads of our sisters and daughters: PM
QuoteOperation Sindoor is an unwavering pledge for justice: PM
QuoteTerrorists dared to wipe the Sindoor from the foreheads of our sisters; that's why India destroyed the very headquarters of terror: PM
QuotePakistan had prepared to strike at our borders,but India hit them right at their core: PM
QuoteOperation Sindoor has redefined the fight against terror, setting a new benchmark, a new normal: PM
QuoteThis is not an era of war, but it is not an era of terrorism either: PM
QuoteZero tolerance against terrorism is the guarantee of a better world: PM
QuoteAny talks with Pakistan will focus on terrorism and PoK: PM

My dear countrymen, Namaskar!

In the past days, we all have witnessed both the strength and patience of our country. First of all, on behalf of the people of India, I salute the valiant forces of India, the armed forces, our intelligence agencies, and our scientists. Our brave soldiers displayed immense courage to achieve the objectives of Operation Sindoor. I pay tribute to their bravery, courage and valour. I dedicate this valour to every mother, every sister and every daughter of the country.

Friends,

The barbarity displayed by terrorists in Pahalgam on April 22 had shocked the entire country and the world. The merciless killing of innocent citizens in front of their family and their children on the basis of their religion was a very gruesome face of terror and cruelty. This was also a disgusting attempt to break the harmony and unity of the country. For me personally this was very painful. After this terrorist attack, the entire nation, every citizen, every community, every class, every political party, unitedly stood up for strong action against terrorism. We gave full freedom to the Indian forces to wipe out the terrorists. And today every terrorist, every terror organisation knows the consequence of wiping out the Sindoor of our sisters and daughters.

Friends,

Operation Sindoor is not just a name but it's a reflection of the feelings of millions of people of the country. Operation ‘Sindoor’ is our unwavering commitment to justice. Late night of 6th May and in the early morning of 7th May, the whole world saw this pledge turn into reality. Indian forces attacked terror hideouts in Pakistan and their training centers with precision. The terrorists had never imagined that India could take such a big decision. But when the country is united, endowed with the spirit of Nation First and national interest is paramount, then strong decisions are taken and results are achieved.

When India's missiles and drones attacked terrorist bases in Pakistan, not only the buildings of terrorist organizations but their courage also was shaken badly. Terrorist bases, like Bahawalpur and Muridke are universities of global terrorism. The big terrorist attacks of the world, be it 9/11, be it London Tube bombings, or the big terrorist attacks which have happened in India in the last many decades their roots are somehow connected to these terrorist hideouts. The terrorists had wiped out the Sindoor of our sisters and India responded by destroying their terrorist headquarters. More than 100 dreaded terrorists have been killed in these attacks by India. Many terrorist leaders were roaming freely in Pakistan for the last two and a half to three decades who used to conspire against India. India killed them in one stroke.

Friends,

Pakistan was deeply disappointed and frustrated by this action of India. It was bewildered and in this bewilderment it did another cowardly act. Instead of supporting India's strike against terrorism, Pakistan started attacking India itself. Pakistan targeted our schools, colleges, Gurudwaras, temples and houses of civilians. Pakistan targeted our military base. But in this act Pakistan itself got exposed. The world saw how Pakistan's drones and missiles fell like straws in front of India. India's strong air defense system destroyed them in the sky itself. Pakistan had prepared for an attack on the border, but India struck at the heart of Pakistan. India's drones and missiles attacked with precision. They damaged those airbases of the Pakistani Air Forces, of which Pakistan was very proud. India caused heavy damage to Pakistan in the first three days itself, which it had never imagined. That's why after India's aggressive action, Pakistan started looking for ways to escape. Pakistan was pleading to the world to ease tensions. And after suffering heavy losses, Pakistan's army contacted our DGMO on the afternoon of 10th May. By then we had destroyed the infrastructure of terrorism on a large scale. The terrorists were eliminated. We had destroyed the terror camps established in the heart of Pakistan. Therefore, when Pakistan appealed and said that it will not indulge in any sort of terror activities or military audacity further, India considered it. And I am repeating again, we have just suspended our retaliatory action against Pakistan's terror and military camps. In the coming days we will measure every step of Pakistan on the criterion that what sort of attitude Pakistan will adopt ahead.

Friends,

India's three forces,our Air Force, our Army and our Navy, our Border Security Force- BSF, India's paramilitary forces, are constantly on alert. After the surgical strike and air strike, now Operation Sindoor is India's policy against terrorism. Operation Sindoor has carved out a new benchmark in our fight against terrorism and has set up a new parameter and new normal.

First, If there is a terrorist attack on India, a fitting reply will be given.

We will give a befitting response on our terms only. We will take strict action at every place from where the roots of terrorism emerge.

Secondly, India will not tolerate any nuclear blackmail. India will strike precisely and decisively at the terrorist hideouts developing under the cover of nuclear blackmail.

Thirdly, we will not differentiate between the government sponsoring terrorism and the masterminds of terrorism. During Operation Sindoor the world has again seen the ugly face of Pakistan, when top Pakistani army officers came to bid farewell to the slain terrorists. This is strong evidence of state-sponsored terrorism.We will continue to take decisive steps to protect India and our citizens from any threat.

Friends,

We have defeated Pakistan every time on the battlefield. And this time Operation Sindoor has added a new dimension. We have displayed our capabilities in the deserts and mountains and also proved our superiority in New Age Warfare. During this operation the authenticity of our Made in India weapons were also proven. Today the world is witnessing that in 21st century warfare the time has come for Made in India defense equipment.

Friends,

Our greatest strength is our unity against all forms of terrorism. This is certainly not the era of war but this is also not the era of terrorism. Zero tolerance against terrorism is the guarantee for a better world.

Friends,

The way the Pakistani army, Pakistan government are encouraging terrorism, it will destroy Pakistan one day. If Pakistan wants to survive, it will have to destroy its terror infrastructure. There is no other way to peace. India's stand is very clear... Terror and talks cannot go together... Terror and trade cannot go together…. Water and blood cannot flow together.

Today, I would also like to tell the global community that our stated policy has been: if there are talks with Pakistan, it will be only on terrorism; and if there are talks with Pakistan, it will be only on Pakistan-occupied Kashmir (PoK).

Dear countrymen,

Today is Buddha Purnima. Lord Buddha has shown us the path of peace. The path of peace also goes through power. Humanity should move towards peace and prosperity. Every Indian should be able to live in peace, and can fulfill the dream of Viksit Bharat (Developed India). For this, it is very necessary for India to be powerful. And it is also necessary to use this power when required. And in the last few days, India has done just that.

Once again, I salute the Indian Army and Armed forces. I bow to the courage of every Indian, to the oath and resolve of unity of the people of India.

Thank you,

Bharat Mata ki Jai!!!

Bharat Mata ki Jai!!!

Bharat Mata ki Jai!!!