We must not discriminate between sons and daughters: PM Modi

Published By : Admin | January 22, 2015 | 16:04 IST
PM Modi launches Beti Bachao, Beti Padhao programme in Haryana
We need to end discrimination between sons and daughters, urges PM Modi
Medical education is for the purpose of saving lives, and not killing daughters: PM
Girls today doing well in sports, in education and health sectors, they have a significant contribution even in agriculture: PM
Celebrate the birth of a girl child by planting trees: PM Modi
PM Modi launches Sukanya Samriddhi Account for the benefit of girl child

विशाल संख्‍या में आए हुए माताओं, बहनों और भाईयों,

आज पानीपत की धरती पर हम एक बहुत बड़ी जिम्‍मेवारी की और कदम रख रहे हैं। यह अवसर किस सरकार ने क्‍या किया और क्‍या नहीं किया? इसका लेखा-जोखा करने के लिए नहीं है। गलती किसकी थी, गुनाह किसका था? यह आरोप-प्रत्यारोप का वक्‍त नहीं है। पानीपत की धरती पर यह अवसर हमारी जिम्‍मेवारियों का एहसास कराने के लिए है। सरकार हो, समाज हो, गांव हो, परिवार हो, मां-बाप हो हर किसी की एक सामूहिक जिम्‍मेवारी है और जब तक एक समाज के रूप में हम इस समस्‍या के प्रति संवेदनशील नहीं होंगे, जागरूक नहीं होंगे, तो हम अपना ही नुकसान करेंगे ऐसा नहीं है बल्कि हम आने वाली सदियों तक पीढ़ी दर पीढ़ी एक भंयकर संकट को निमंत्रण दे रहे हैं और इसलिए मेरे भाईयों और बहनों और मैं इस बात के लिए मेनका जी और उनके विभाग का आभारी हूं कि उन्‍होंने इस काम के लिए हरियाणा को पसंद किया। मैं मुख्‍यमंत्री जी का भी अभिनंदन करता हूं कि इस संकट को इन्‍होंने चुनौती को स्‍वीकार किया। लेकिन यह कार्यक्रम भले पानीपत की धरती पर होता हो, यह कार्यक्रम भले हरियाणा में होता हो, लेकिन यह संदेश हिंदुस्‍तान के हर परिवार के लिए है, हर गांव के लिए है, हर राज्‍य के लिए है।

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क्‍या कभी हमने कल्‍पना की है जिस प्रकार की समाज के अवस्‍था हम बना रहे हैं अगर यही चलता रहा तो आने वाले दिनों में हाल क्‍या होगा? आज भी हमारे देश में एक हजार बालक पैदा हो, तो उसके सामने एक हजार बालिकाएं भी पैदा होनी चाहिए। वरना संसार चक्र नहीं चल सकता। आज पूरे देश में यह चिंता का विषय है। यही आपके हरियाणा में झज्जर जिला देख लीजिए, महेंद्रगढ़ जिला देख लीजिए। एक हजार बालक के सामने पौने आठ सौ बच्चियां हैं। हजार में करीब-करीब सवा दौ सौ बच्‍चे कुंवारे रहने वाले हैं। मैं जरा माताओं से पूछ रहा हूं अगर बेटी पैदा नहीं होगी, तो बहू कहां से लाओगे? और इसलिए जो हम चाहते हैं वो समाज भी तो चाहता है। हम यह तो चाहते है कि बहू तो हमें पढ़ी-लिखी मिले, लेकिन बेटी को पढ़ाना है तो पास बार सोचने के लिए मजबूर हो जाते हैं। यह अन्‍याय कब तक चलेगा, यह हमारी सोच में यह दोगलापन कब तक चलेगा? अगर बहू पढ़ी-लिखी चाहते हैं तो बेटी को भी पढ़ाना यह हमारी जिम्‍मेवारी बनता है। अगर हम बेटी को नहीं पढ़ाऐंगे, तो बहू भी पढ़ी-लिखी मिले। यह अपेक्षा करना अपने साथ बहुत बड़ा अन्याय है। और इसलिए भाईयों और बहनों, मैं आज आपके बीच एक बहुत बड़ी पीड़ा लेकर आया हूँ। एक दर्द लेकर आया हूँ। क्‍या कभी कल्‍पना की हमने जिस धरती पर मानवता का संदेश होता है, उसी धरती पर मां के गर्भ में बच्‍ची को मौत के घाट उतार दिया जाए।

यह पानीपत की धरती, यह उर्दू साहित्‍य के scholar अलताफ हुसैन हाली की धरती है। यह अलताफ हुसैन हाली इसी पानीपत की धरती से इस शायर ने कहा था। मैं समझता हूं जिस हरियाणा में अलताफ हुसैन जैसे शायर के शब्‍द हो, उस हरियाणा में आज बेटियों का यह हाल देखकर के मन में पीड़ा होती है। हाली ने कहा था....उन्‍होंने कहा था ए मांओ, बहनों बेटियां दुनिया की जन्नत तुमसे हैं, मुल्‍कों की बस्‍ती हो तुम, गांवों की इज्‍जत तुम से हो। आप कल्‍पना कर सकते हैं बेटियों के लिए कितनी ऊंची कल्‍पना यह पानीपत का शायर करता है और हम बेटियों को जन्‍म देने के लिए भी तैयार नही हैं।

भाईयों और बहनों हमारे यहां सदियों से जब बेटी का जन्‍म होता था तो शास्‍त्रों में आर्शीवाद देने की परंपरा थी और हमारे शास्‍त्रों में बेटी को जो आर्शीवाद दिये जाते थे वो आर्शीवाद आज भी हमें, बेटियों की तरफ किस तरह देखना, उसके लिए हमें संस्‍कार देते हैं, दिशा देते हैं। हमारे शास्‍त्रों ने कहा था जब हमारे पूर्वज आर्शीवाद देते थे तो कहते थे – यावद गंगा कुरूक्षेत्रे, यावद तिस्‍तदी मेदनी, यावद गंगा कुरूक्षेत्रे, यावद तिस्‍तदी मेदनी, यावद सीताकथा लोके, तावद जीवेतु बालिका। हमारे शास्‍त्र कहते थे जब तक गंगा का नाम है, जब तक कुरूक्षेत्र की याद है, जब तक हिमालय है, जब तक कथाओं में सीता का नाम है, तब तक हे बालिका तुम्‍हारा जीवन अमर रहे। यह आर्शीवाद इस धरती पर दिये जाते थे। और उसी धरती पर बेटी को बेमौत मार दिया जाए और इसलिए मेरे भाईयों और बहनों उसके मूल में हमारा मानसिक दारिद्रय जिम्‍मेवार है, हमारे मन की बीमारी जिम्‍मेवार है और यह मन की बीमार क्‍या है? हम बेटे को अधिक महत्‍वपूर्ण मानते हैं और यह मानते हैं बेटी तो पराये घर जाने वाली है। यहां जितनी माताएं-बहनें बैठी हैं। सबने यह अनुभव किया होगा यह मानसिक दारिद्रय की अनुभूति परिवार में होती है। मां खुद जब बच्‍चों को खाना परोसती है। खिचड़ी परोसी गई हो और घी डाल रही हो। तो बेटे को तो दो चम्‍मच घी डालती है और बेटी को एक चम्‍मच घी डालती है और जब, मुझे माफ करना भाईयों और बहनों यह बीमारी सिर्फ हरियाणा की नहीं है यह हमारी देश की मानसिक बीमारी का परिणाम है और बेटी को, अगर बेटी कहे न न मम्‍मी मुझे भी दो चम्‍मच दे दो, तो मां कहते से डरती नहीं है बोल देती है, अरे तुझे तो पराये घर जाना है, तुझे घी खाकर के क्‍या करना है। यह कब तक हम यह अपने-पराये की बात करते रहेंगे और इसलिए हम सबका दायित्‍व है, हम समाज को जगाए।

कभी-कभी जिस बहन के पेट में बच्‍ची होती है वो कतई नहीं चाहती है कि उसकी बेटी को मार दिया जाए। लेकिन परिवार का दबाव, माहौल, घर का वातावरण उसे यह पाप करने के लिए भागीदार बना देता है, और वो मजबूर होती है। उस पर दबाव डाला जाता है और उसी का नतीजा होता है कि बेटियों को मां के गर्भ में ही मार दिया जाता है। हम किसी भी तरह से अपने आप को 21वीं सदी के नागरिक कहने के अधिकारी नही हैं। हम मानसिकता से 18वीं शताब्दी के नागरिक हैं। जिस 18वीं शताब्‍दी में बेटी को “दूध-पीती” करने की परंपरा थी। बेटी का जन्‍म होते ही दूध के भरे बर्तन के अंदर उसे डूबो दिया जाता था, उसे मार दिया जाता था। हम तो उनसे भी गए-बीते हैं, वो तो पाप करते थे गुनाह करते थे। बेटी जन्‍मती थी आंखे खोलकर के पल-दो-पल के लिए अपनी मां का चेहरा देख सकती थी। बेटी जन्‍मती थी, दो चार सांस ले पाती थी। बेटी जन्मती थी, दुनिया का एहसास कर सकती थी। बाद में उस मानसिक बीमारी के लोग उसको दूध के बर्तन में डालकर के मार डालते थे। हम तो उनसे भी गए-बीते हैं। हम तो बेटी को मां का चेहरा भी नहीं देखने देते, दो पल सांस भी नहीं लेने देते। इस दुनिया का एहसास भी नहीं होने देते। मां के गर्भ में ही उसे मार देते हैं। इससे बड़ा पाप क्‍या हो सकता है और हम संवेदनशील नहीं है ऐसा नहीं है।

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कुछ साल पहले इसी हरियाणा में कुरूक्षेत्र जिले में हल्दा हेड़ी गांव में एक टयूबवेल में एक बच्‍चा गिर गया, प्रिंस.. प्रिंस कश्‍यप । और सारे देश के टीवी वहां मौजूद थे। सेना आई थी एक बच्‍चे को बचाने के लिए और पूरा हिंदुस्‍तान टीवी के सामने बैठ गया था। परिवारों में माताएं खाना नहीं पका रही थी। हर पल एक-दूसरे को पूछते थे क्‍या प्रिंस बच गया, क्‍या प्रिंस सलामत निकला टयूबवेल में से? करीब 24 घंटे से भी ज्‍यादा समय हिंदुस्‍तान की सांसे रूक गई थी। एक प्रिंस.. केरल, तमिलनाडु का कोई रिश्‍तेदार नहीं था। लेकिन देश की संवेदना जग रही है। उस बच्‍चे को जिंदा निकले, इसके लिए देशभर की माताएं-बहने दुआएं कर रही थी। मैं जरा पूछना चाहता हूं कि एक प्रिंस जिसकी जिंदगी पर संकट आए, हम बेचैन बन जाते हैं। लेकिन हमारे अड़ोस-पड़ोस में आएं दिन बच्चियों को मां के पेट में मार दिया जाए, लेकिन हमें पीड़ा तक नहीं होती है, तब सवाल उठता है। हमारी संवेदनाओं को क्‍या हुआ है? और इसलिए आज मैं आपके पास आया हूं। हमें बेटियों को मारने का हक नहीं है।

यह सोच है बुढ़ापे में बेटा काम आता है। इससे बड़ी गलतफहमी किसी को नहीं होनी चाहिए। अगर बुढ़ापे में बेटे काम आए होते तो पिछले 50 साल में जितने वृद्धाश्राम खुले हैं, शायद उतने नहीं खुले होते। बेटो के घर में गाड़ियां हो, बंगले हो, लेकिन बांप को वृद्धाश्राम में रहना पड़ता है ऐसी सैकड़ों घटनाएं है और ऐसी बेटियों की भी घटनाएं है। अगर मां-बाप की इकलौती बेटी है तो मेहनत करे, मजदूरी करे, नौकरी करे, बच्‍चों को tuition करे लेकिन बूढ़े मां-बाप को कभी भूखा नहीं रहने देती। ऐसी सैकड़ों बेटियां बाप से भी सेवा करने के लिए, मां-बाप की सेवा करने के लिए अपने खुद के सपनों को चूर-चूर कर देने वाली बेटियों की संख्‍या अनगिनत है और सुखी बेटों के रहते हुए दुःखी मां-बाप की संख्‍या भी अनगिनत है। और इसलिए मेरे भाईयों और बहनों यह सोच कि बेटा आपका बुढ़ापा संभालेगा, भूल जाइये। अगर आप अपनी संतानों को सामान रूप से संस्‍कारित करके बड़े करोगे, तो आपकी समस्‍याओं का समाधान अपने आप हो जाएगा।

कभी-कभी लगता है कि बेटी तो पराये घर की है। मैं जरा पूछना चाहता हूं सचमुच में यह सही सोच है क्‍या? अरे बेटी के लिए तो आपका घर पराया होता है जिस घर आप भेजते हो वो पल-दो-पल में उसको अपना बना लेती है। कभी पूछती नहीं है कि मुझे उस गांव में क्‍यों डाला मुझे उस कुटुम्‍ब में क्‍यों डाल दिया? जो भी मिले उसको सर-आंखों पर चढ़ाकर के अपना जीवन वहां खपा देती है और अपने मां-बाप के संस्‍कारों को उजागर करती है। अच्‍छा होता है तो कहती है कि मेरी मां ने सिखाया है, अच्‍छा होता है तो कहती है कि मां-बाप के कारण, मेरे मायके के संस्‍कार के कारण मैं अच्‍छा कर रही हूं। बेटी कहीं पर भी जाएं वहां हमेशा आपको गौरव बढ़े, उसी प्रकार का काम करती है।

मैंने कल्‍पना की, आपने कभी सोचा है यहीं तो हरियाणा की धरती, जहां की बेटी कल्‍पना चावला पूरा विश्‍व जिसके नाम पर गर्व करता है। जिस धरती पर कल्‍पना चावला का जन्‍म हुआ हो, जिसको को लेकर के पूरा विश्‍व गर्व करता हो, उसी हरियाणा में मां के पेट में पल रही कल्‍पना चावलाओं को मार करके हम दुनिया को क्‍या मुंह दिखाएंगे और इसलिए मेरे भाईयों और बहनों मैं आप आपसे आग्रह करने आया हूं और यह बात देख लीजिए अगर अवसर मिलता है तो बेटे से बेटियां ज्‍यादा कमाल करके दिखाती हैं।

आज भी आपके हरियाणा के और हिंदुस्‍तान के किसी भी राज्‍य के 10th या 12th के result देख लीजिए। first stand में से छह या सात तो बच्चियां होती है जीतने वाली, बेटों से ज्‍यादा नंबर लाती है। आप हिंदुस्‍तान का पूरा education sector देख लीजिए। teachers में 70-75 प्रतिशत महिलाएं शिक्षक के रूप में काम कर रही है। आप health sector देख लीजिए health sector में 60 प्रतिशत से ज्‍यादा, सूश्रूषा के क्षेत्र में बहनें दिखाई देती है। अरे हमारा agriculture sector, पुरूष सीना तान कर न घूमें कि पुरूषों से ही agriculture sector चलता है। अरे आज भी भारत में agriculture और पशुपालन में महिलाओं की बराबरी की हिस्‍सेदारी है। वो खेतों में जाकर के मेहनत करती है,वो भी खेती में पूरा contribution करती हैं और खेत में काम करने वाले मर्दों को संभालने का काम भी वही करती है।

पश्चिम के लोग भले ही कहते हों, लेकिन हमारे देश में महिलाओं का सक्रिय contribution आर्थिक वृद्धि में रहता है। खेलकूद में देखिए पिछले दिनों जितने game हुए, उसमें ईनाम पाने वाले अगर लड़के हैं तो 50 प्रतिशत ईनाम पाने वाली लड़कियां है। gold medal लाने वाली लड़कियां है। खेलकूद हो, विज्ञान हो, व्‍यवसाय हो, सेवा का क्षेत्र हो, शिक्षा का क्षेत्र हो, आज महिलाएं रत्‍तीभर भी पीछे नहीं है और यह सामर्थ्‍य हमारी शक्ति में है। और इसलिए मैं आपसे आग्रह करने आया हूं कि हमें बेटे और बेटी में भेद करने वाली बीमारी से निकल जाना चाहिए। “बेटा-बेटी एक समान” यही हमारा मंत्र होना चाहिए और एक बार हमारे मन में बेटा और बेटी के प्रति एक समानता का भाव होगा तो यह पाप करने की जो प्रवृति है वह अपने आप ही रूक जाएगी। और यह बात, इसके लिए commitment चाहिए, संवेदना चाहिए, जिम्‍मेवारी चाहिए।

मैं आज आपके सामने एक बात बताना चाहता हूं। यह बात मेरे मन को छू गई। किसी काम के लिए जब commitment होता है, एक दर्द होता है तो इंसान कैसे कदम उठाता है। हमारे बीच माधुरी दीक्षित जी बैठी है। माधुरी नैने। उनकी माताजी ICU में हैं, वो जिंदगी की जंग लड़ रही है और बेटी पानीपत पहुंची है। और मां कहती है कि बेटी यह काम अच्‍छा है तुम जरूर जाओ। Weather इतना खराब होने के बावजूद भी माधुरी जी अपनी बीमार मां को छोड़कर के आपकी बेटी बचाने के लिए आपके बीच आकर के बैठी है और इसलिए मैं कहता हूं एक commitment चाहिए, एक जिम्‍मेवारी का एहसास चाहिए और यह एक सामूहिक जिम्‍मेवारी में साथ है। गांव, पंचायत, परिवार, समाज के लोग इन सबको दायित्‍व निभाना पड़ेगा और तभी जाकर के हम इस असंतुलन को मिटा सकेंगे। यह रातों-रात मिटने वाला नहीं है। करीब-करीब 50 साल से यह पाप चला है। आने वाले 100 साल तक हमें जागरूक रूप से प्रयास करना पड़ेगा, तब जाकर के शायद स्थिति को हम सुधार पाएंगे। और इसलिए मैंने कहा आज का जो यह पानीपत की धरती पर हम संकल्‍प कर रहे हैं, यह संकल्‍प आने वाली सदियों तक पीढि़यों की भलाई करने के लिए है।

भाईयों बहनों आज यहां भारत सरकार की और योजना का भी प्रांरभ हुआ है – सुकुन्‍या समृद्धि योजना। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं। इसको निरंतर बल देना है और इसलिए उसके लिए सामाजिक सुरक्षा भी चाहिए। यह सुकुन्‍या समृद्धि योजना के तहत 10 साल से कम उम्र की बेटी एक हजार रुपये से लेकर के डेढ़ रुपये लाख तक उसके मां-बाप पैसे बैंक में जमा कर सकते है और सरकार की तरफ से हिंदुस्‍तान में किसी भी प्रकार की परंपरा में ब्‍याज दिया जाता है उससे ज्‍यादा ब्‍याज इस बेटी को दिया जाएगा। उसका कभी Income Tax नहीं लगाया जाएगा और बेटी जब 21 साल की होगी, पढ़ाई पूरी होगी या शादी करने जाती होगी तो यह पैसा पूरा का पूरा उसके हाथ में आएगा और वो कभी मां-बाप के लिए बोझ महसूस नहीं होगी।

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काशी के लोगों ने मुझे अपना MP बनाया है। वहां एक जयापुर पर गांव है। जयापुर गांव ने मुझे गोद लिया है और वो जयापुर गांव मेरी रखवाली करता है, मेरी चिंता करता है। जयपुर में गया था मैंने उनको कहा था कि हमारे गावं में जब बेटी पैदा हो तो पूरे गांव का एक बड़ा महोत्‍सव होना चाहिए। आनंद उत्‍सव होना चाहिए और मैंने प्रार्थना की थी कि बेटी पैदा हो तो पाँच पेड़ बोने चाहिए। मुझे बाद में चिट्ठी आई। मेरे आने के एक-आध महीने बाद कोई एक बेटी जन्‍म का समाचार आया तो पूरे गांव ने उत्‍सव मनाया और उतना ही नहीं सब लोगों ने जाकर के पाँच पेड़ लगाए। मैं आपको भी कहता हूं। आपकी बेटी पैदा हो तो पाँच पेड़ लगाएंगे बेटी भी बड़ी होगी, पेड़ भी बड़ा होगा और जब शादी का समय आएगा वो पाँच पेड़ बेच दोगे न तो भी उसकी शादी का खर्चा यूं ही निकल जाएगा।

भाईयों बहनों बड़ी सरलता से समझदारी के साथ इस काम को हमने आगे बढ़ाना है और इसलिए आज मैं हरियाणा की धरती, जहां यह सबसे बड़ी चुनौती है लेकिन हिंदुस्‍तान का कोई राज्‍य बाकी नहीं है कि जहां चुनौती नहीं है। और मैं जानता हूं यह दयानंद सरस्‍वती के संस्‍कारों से पली धरती है। एक बार हरियाणा के लोग ठान लें तो वे दुनिया को खड़ी करने की ताकत रखते हैं। मुझको बड़ा बनाने में हरियाणा का भी बहुत बड़ा role है। मैं सालों तक आपके बीच रहा हूं। आपके प्‍यार को भली-भांति में अनुभव करता हूं। आपने मुझे पाला-पोसा, बड़ा किया। मैं आज आपसे कुछ मांगने के लिए आया हूं। देश का प्रधानमंत्री एक भिक्षुक बनकर आपसे बेटियों की जिंदगी की भीख मांग रहा है। बेटियों को अपने परिवार का गर्व मानें, राष्‍ट्र का सम्‍मान मानें। आप देखिए यह असंतुलन में से हम बहुत तेजी से बाहर आ सकते हैं। बेटा और बेटी दोनों वो पंख है जीवन की ऊंचाईयों को पाने का उसके बिना कोई संभावना नहीं और इसलिए ऊंची उड़ान भी भरनी है तो सपनों को बेटे और बेटी दोनों पंख चाहिए तभी तो सपने पूरे होंगे और इसलिए मेरे भाईयों और बहनों हम एक जिम्‍मेवारी के साथ इस काम को निभाएं।

मुझे बताया गया है कि हम सबको शपथ लेना है। आप जहां बैठे है वहीं बैठे रहिये, दोनों हाथ ऊपर कर दीजिए और मैं एक शपथ बोलता हूं मेरे साथ आप शपथ बोलेंगे – “मैं शपथ लेता हूं कि मैं लिंग चयन एवं कन्‍या भ्रूण हत्‍या का ‍विरोध करूगा; मैं बेटी के जन्‍म पर खुश होकर सुरक्षित वातारवण प्रदान करते हुए बेटी को सुशिक्षित करूंगा। मैं समाज में बेटी के प्रति भेदभाव खत्‍म करूंगा, मैं “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं” का संदेश पूरे समाज में प्रसारित करूंगा।“

भाई बहनों मैं डॉक्‍टरों से भी एक बात करना चाहता हूं। मैं डॉक्‍टरों से पूछना चाहता हूं कि पैसे कमाने के लिए यही जगह बची है क्‍या? और यह पाप के पैसे आपको सुखी करेंगे क्‍या? अगर डॉक्‍टर का बेटा कुंवारा रह गया तो आगे चलकर के शैतान बन गया तो वो डॉक्‍टर के पैसे किस काम आएंगे? मैं डॉक्‍टरों को पूछना चाहता हूं कि यह आपको दायित्‍व नहीं है कि आप इस पाप में भागीदार नहीं बनेंगे। डॉक्‍टरों को अच्‍छा लगे, बुरा लगे, लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि आपकी यह जिम्‍मेवारी है। आपको डॉक्‍टर बनाया है समाज ने, आपको पढ़-लिखकर के तैयार किया है। गरीब के पैसों से पलकर के बड़े हुए हो। आपको पढ़ाया गया है किसी की जिंदगी बचाने के लिए, आपको पढ़ाया गया है किसी की पीड़ा को मुक्‍त करने के लिए। आपको बच्चियों को मारने के लिए शिक्षा नहीं दी गई है। अपने आप को झकझोरिये, 50 बार सोचिए, आपके हाथ निर्दोष बेटियों के खून से रंगने नहीं चाहिए। जब शाम को खाना खाते हो तो उस थाली के सामने देखो। जिस मां ने, जिस पत्‍नी ने, जिस बहन ने वो खाना बनाया है वो भी तो किसी की बेटी है। अगर वो भी किसी डॉक्‍टर के हाथ चढ़ गई होती, तो आज आपकी थाली में खाना नहीं होता। आप भी सोचिए कहीं उस मां, बेटी, बहन ने आपके लिए जो खाना बनाया है, कहीं आपके के खून से रंगे हुए हाथ उस खाने की चपाती पर तो हाथ नहीं लगा रहे। जरा अपने आप को पूछिये मेरे डॉक्‍टर भाईयों और बहनों। यह पाप समाज द्रोह है। यह पाप सदियों की गुनाहगारी है और इसलिए एक सामाजिक दायित्‍व के तहत है, एक कर्तव्‍य के तहत और सरकारें किसकी-किसकी नहीं, यह दोषारोपण करने का वक्‍त नहीं है। हमारा काम है जहां से जग गए हैं, जाग करके सही दिशा में चलना।

मुझे विश्‍वास है पूरा देश इस संदेश को समझेगा। हम सब मिलकर के देश को भविष्‍य के संकट से बचाएंगे और फिर एक बार मैं हरियाणा को इतने बड़े विशाल कार्यक्रम के लिए और हरियाणा इस संदेश को उठा लेगा तो हिंदुस्‍तान तो हरियाणा के पीछे चल पड़ेगा। मैं फिर एक बार आप सबको बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आपका बहुत-बहुत धन्‍यवाद करता हूं।

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ इस संकल्‍प को लेकर हम जाएंगे। इसी अपेक्षा के साथ मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए – भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय।

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ঐগী নুংশিরবা ইরৈচাশিং,

খুরুমজরি, ২০২৫ য়ৌরক্লে; থোংজিলদা লেপ্লরে। জনুৱারি ২৬, ২০২৫ দা ঐখোয়গী সংবিধান চহি ৭৫ মপুংফারে। মসি ঐখোয় পুম্নমক্কী চাউথোকচবা অমনি। ঐখোয়গী সংবিধান শেম্বশিংনা ঐখোয়দা শীন্নরম্বা সংবিধান অসি মতমদা চুননা শেম্লগা থম্লখি। সংবিধান অসি ঐখোয়গী লমজিং মৈরানি, ঐখোয়গী লমজিংনি। ভারতকী সংবিধান্না মরম ওইদুনা ঙসি ঐনা মীয়ামগী মফমদা ৱা ঙাংবা ঙম্লিবনি। চহি অসিগী নবেম্বর ২৬, সংবিধানগী নুমিত্তা, চহি অমা চুপ্না পাংথোক্কদবা থৌরম কয়া হৌদোকখ্রে। লৈবাক অসিগী মীয়াম সংবিধানগী মরমদা খঙহন্নবা constitution75.com কৌবা অখন্নবা ৱেবসাইত অমা শেম্লে। মসিদা, অদোম্না সংবিধানগী প্রিয়েম্বল পাবা য়াগনি অমসুং অদোমগী ভিদিও থাগৎপা য়াগনি। অদোম্না সংবিধান লোল কয়াদা পাবা য়াগনি; সংবিধানগী মরমদা অদোম্না ৱাহংশিং হংবা য়াগনি। ৱেবসাইত অসিদা চঙবীনবা অমসুং মসিগী শরুক অমা ওইনবা মন কি বাত তারিবশিং, স্কুল কারিবা অঙাংশিং, কলেজ কারিবা নহারোলশিংদা ঐনা হায়জরি।

মরুপশিং,

মথং থাগী ১৩ দগী প্রায়াগ্রাজদা মহা কুম্ভ মেলাশু পাংথোক্লগনি। থৌরম অসিগীদমক শঙ্গমগী তোর্বানশিংদা য়াম্না চাউবা শেম-শাবা হৌরে। নুমিৎ খরগী মমাঙদা ঐনা প্রায়াগ্রাজদা চৎখিবা অদু ঐ নিংশিংলি, হেলিকোপ্তর অমদগী কুম্ভাগী মফম শীনবা থুংনা উবদা ঐগী থম্মোয় হরাওবনা পীক থনখি। মসি অসুক্কী মতিক চাউখি! য়াম্না ফজখি! চিংলেমখি!

মরুপশিং,

মহা কুম্ভাগী অখন্নবা অসি মসিগী পাক-চাউবা অসি খক নত্তে। মহা কুম্ভাগী অখন্নবা অসি মসিগী মখল কয়া অসিনি। থৌরম অসিদা মীওই করোর কয়া পুল্লি। সাধু লাখ কয়া, চৎনবী লিশিং কয়া, সেক চা কয়া, অখারা কয়া, মীওই খুদিংমক থৌরম অসিগী শরুক অমা ওইরে। মফম অমতদা খেন্নবা অমতা লৈতে, অচৌবা লৈতে, অপীকপা লৈতে। অসিগুম্বা খেন্নবশিংগী অপুনবগী শক্তম অমা মালেমগী মফম অমতদা উবা ফংলোই। মরম অদুনা, ঐখোয়গী কুম্ভ অসিশু অপুনবগী  মহা কুম্ভ অমনি। হন্দক্কী মহা কুম্ভ অসি অপুনবগী মহা কুম্ভগী লাইৱা মতেং পাংগনি। ঐ মীয়ামদা হায়জরি; ঐখোয়না কুম্ভ শরুক য়াবা মতমদা, মসিগী অপুনবগী ৱাশক অসি ঐখোয়না পুরকসি। খুন্নাইদা তোখায় তাবা অমসুং তুংগৎচবগী ৱাখল থাদোক্নবা ঐখোয় ৱারেপ অমা লৌরসি। করিগুম্বা ঐনা মসি ৱাহৈ খরদা হায়রবদি. ঐনা হায়গনি… মহা কুম্ভ কা সন্দেস, এক হো পুরা দেস… মহা কুম্ভাগী পাউজেল, লৈবাক অসি অমতা ওইনা পুল্লসি। অতোপ্পা মওং অমদা, ঐনা হায়গনি… গঙ্গ কি অভিরাল ধারা, না বন্তে সমাজ হামারা… গঙ্গগী লেপ্তবা ইচেলগুম, ঐখোয়গী খুন্নাই তোখায় তাহল্লোইসি। হন্দক প্রায়াগ্রাজদা লৈবাক অসিগী অমসুং মালেমগী ভক্তশিংনা দিজিতেল মহা কুম্ভ উবা ফংলগনি। দিজিতেল নেভিগেসনগী মতেংনা, অদোম্না তোঙান-তোঙানবা ঘাতশিং, লাইশঙশিং অমসুং সাধুশিংগী খারাশিং য়ৌবা ঙমগনি। হায়রিবা নেভিগেসন সিস্তেম অসিনা গারি থাফমশিং য়ৌবদা অদোমগী মতেং পাংগনি। অহানবা ওইনা, মহা কুম্ভদা এ.আই চাতবোত অমা শীজিন্নগনি। মহা কুম্ভগা মরী লৈনবা ই-পাউ খুদিংমক ভারতকী লোল ১১ দা এ.আই চাতবোতকী খুৎথাংদা ফংগনি। তাইপ তৌরগা নত্ত্রগা ৱা ঙাংলগা, মসিগী চাতবোত অসিগী খুৎথাংদা কনাগুম্বা অমনা মতেং অমা হেক্ত লৌনবা হংবা য়াগনি। মেলাগী মফম শীনবা থুংনা এ.আই-পৱার কেমেরাশিং শীজিন্নগনি। মহা কুম্ভদা মনুংদা কনাগুম্বা অমগী ইমুং-মনুংগী মীওই মাঙনখ্রবদি, মখোয় ফংনবা থিবদা হায়রিবা কেমেরাশিং অসিনা মতেং পাংগনি। ভক্তশিংনা মাঙখিবা অমসুং ফংফমগী দিজিতেল সেন্তর অমগী খুদোংচাবা ফংগনি। সরকারনা য়ারবা তুর পেকেজশিং, লৈফম অমসুং হোমস্তেগী মতাংদা ভক্তশিংনা মখোয়গী মোবাইল ফোনশিংদা ই-পাউশু ফংগনি। করিগুম্বা অদোমশু মহা কুম্ভদা চৎলবা, হায়রিবা খুদোংচাবশিং অসি ফংবা মতমদা… অমসুং EktaKaMahakumbh গা লোয়ননা অদোমগী সেলফি থাগৎলু।

মরুপশিং,

হৌজিক মন কি বাত হায়বদি এম.কে.বিনি, ঐখোয় কে.তি.বিগী ৱারি শানগনি। অহল অয়াম্বা কে.তি.বিগী মরমদা খঙলম্লোই। অদুবু অঙাংশিংদা হংলবদি, কে.তি.বি অসি অঙাংশিংনা য়াম্না পাম্বা অমনি। কে.তি.বি হায়বদি কৃস, ত্রিস অমসুং বালতিবোই হায়বনি। অঙাংশিংনা পামজবা এনিমেসন সেরিজ অসি কে.তি.বি-ভারত হাই হম কৌই হায়বা অদোম খঙগনি অমসুং হৌজিক মসিগী অনিশুবা সিজনশু ফোঙলে। হায়রিবা এনিমেসন চেরক্তর অহুম অসিনা ঐখোয়গী অথৌবশিং অমসুং থৌনা ফবশিং; কয়া কন্না খঙনদবা ভারত নিংতম ইহৌগী নুপীশিং অমসুং নুপাশিংগী মরমদা ঐখোয়দা খঙহল্লি। হন্দক, মসিগী অনিশুবা সিজন অখন্নবা মওং অমদা ইন্তরনেসনেল ফিল্ম ফেস্তিবেল ওফ ইন্দিয়া,গৱাদা ফোঙখ্রে। সেরিজ অসিগী খ্বাইদগী ফবদি ভারতকী লোলশিং খক নত্তনা মপান লৈবাকশিংগী লোলশিংদা শন্দোকপা অসিনি। মসি দুরদর্সন অমসুং অতোপ্পা ও.তি.তি প্লেতফোর্মশিংদা য়েংবা ফংগনি।

মরুপশিং,

ভারতকী ক্রেয়েতিপ ইন্দস্ত্রি কয়া য়াম্না ফগৎলবগে হায়বা ঐখোয়গী এনিমেসন ফিল্মশিং, ফিল্মশিং অমসুং তি.ভি সেরিএলশিং পাম্নরকপা অসিনা উৎলে। ইন্দস্ত্রি অসিনা ভারত চাউখৎপদা মতেং পাংবা খক নত্তনা ঐখোয়গী শেন্মিৎলোনশু অনৌবা থাকশিংদা পুখৎলে। ঐখোয়গী ফিল্ম অমসুং হরাও-কুহ্মৈগী ইন্দস্ত্রি অসি য়াম্না পাক-চাউই। লৈবাক অসিগী লোল কয়াদা ফিল্মশিং নম্লে; ক্রিয়েতিপ কন্তেন্ত পুথোক্লে। মসিনা ‘এক ভারত-শ্রেস্থা ভারত’ গী ৱাখল্লোন মপাঙ্গল কনখৎহনবগীদমক ঐনা ঐখোয়গী ফিল্ম অমসুং ইন্তরতেনমেন্ত ইন্দস্ত্রি থাগৎপা ফোঙদোকচরি। +

মরুপশিং,

২০২৪ দা ঐখোয়না ফিল্ম তাইবংগী শক্নাইরবা কয়াগী চহি ১০০শুবা মপোক নুমিৎ থৌরমশিং পাংথোক্লি। হায়রিবা মীওইশিং অসিনা ভারতকী সেনিমা মালেমগী থাক্ত মশক তাকখি। ফিল্মশিংগী খুৎথাংদা রাজ কাপুর জিনা মালেমদা ভারতকী সোফ পৱার মশক তাকখি। মিত্রংগুম্লবা রফি সাহেবগী খোঞ্জেলনা মীওই খুদিংমক্কী থম্মোয়দা তিং লাউহনখি। মহাক্কী খোঞ্জেল অঙকপনি। লাইশোন ঈশৈশিং ওইগেরা নত্ত্রগা নুংশি-নুংওলগী ঈশৈশিং ওইগেরা, মহাক্কী খোঞ্জেলনা থৱায় হাপখি। ঙসিগী নহারোলশিংনা মহাক্কী ঈশৈশিং য়াম্না পামজনা তারিবা অসিনা কলাকার অমা ওইবগী মহাক্কী মতিক-মগুন খঙবা ঙম্লে-মসি মুৎপা নাইদ্রবা কলাগী তোপ-তোপ্পা মশকনি। অক্কিনেনি নাগেশ্বর রাও গারুনা তেলুগু সেনিমা অনৌবা থাকশিংদা পুখৎলমখি। মহাক্কী ফিল্মশিংদা ভারতকী চৎনবীশিং অমসুং গুনশিং নিংথিনা উৎখি। তপন সিনহা জিগী ফিল্মশিংনা খুন্নাইদা অনৌবা মীৎয়েং অমা তাকখি।

মতম পুম্নমক্ত মখোয়গী ফিল্মশিংদা খুন্নাইগী ৱাখল্লোন অমসুং লৈবাক্কী অপুনবগী পাউজেল অমা পুখি। হায়রিবা শক্নাইরবশিং অসিগী পুন্সিশিং অসি ঐখোয়গী অপুনবা ফিল্ম ইন্দস্ত্রিগী ইথিল অমনি।

মরুপশিং,

ঐনা অদোমদা অতোপ্পা নুংঙাইবা পাউ অমা তমনিংই । মালেমদা ভারতকী ক্রিয়েতিপ তেলেন্ত উৎনবগী অচৌবা খুদোংচাবা অমা লৈরে। মথং চহিদা, অহানবা ওইনা, ঐখোয়গী লৈবাক্ত ৱার্ল্দ ওদিও ভিজুয়েল ইন্তরতেনমেন্ত সম্মিৎ হায়বদি ৱেবস সম্মিৎ পাংথোক্লগনি। মালেমগী শেন-থুমগী শক্নাইরবশিং পুনবা দাবোসকী মরমদা অদোম তারম্লগনি। মসিগা মান্ননা, ৱেবস সম্মিৎতা, মেদিয়া অমসুং ইন্তরতেনমেন্ত ইন্দস্ত্রিগী শক্নাইরবশিং অমসুং ক্রেয়েতিপ ৱার্ল্দগী মীওইশিং ভারত্ত লাক্কনি। মীফম অসি ভারত মালেমগী কন্তেন্ত ক্রিয়েসনগী মফম অমা ওইনবা মাইকৈদা থাংজিবা মরুওইবা খোঙথাং অমনি। মীফম অসিগী শেম-শাবদা ঐখোয়গী লৈবাক্কী নহা ওইরিবা ক্রিয়েতরশিং থৱায় য়াওনা শরুক য়ারি হায়না ঐনা চাউথোক্না অদোমগী মফমদা পাউদম্লি। ঐখোয়না দোল্লর ত্রিল্লিয়ন ৫ গী ইকোনোমি অমগী মাইকৈদা চঙশিনবা মতমদা, ঐখোয়গী ক্রিয়েতর ইকোনোমি অসিনা অনৌবা থৌনা অমা পীগনি। অদোম অনৌবা ক্রিয়েতর অমা নত্ত্রগা মমিং লৈরবা কলাকার অমা, বোল্লিৱুদ নত্ত্রগা রিজনেল সেনিমাগী ওইগেরা, তি.ভি ইন্দস্ত্রিগী ওইগেরা, এনিমেসন, গেমিং নত্ত্রগা ইন্তরতেনমেন্ত তেক্নোলোজিগী ইন্নোবেতর অমা ওইগেরা, ৱেবস সম্মিৎকী শরুক অমা ওইগদবনি।

ঐগী নুংশিরবা ইরৈচাশিং,

ঙসিদি মালেমগী কাচিন-কোয়া শীনবা থুংনা ভারতকী নাত-চৎনবীগী মঙাল য়ৌরে হায়বা ময়াম পুম্নমক্না খঙলে। ঙসি, ঐখোয়গী নাত-চৎনবীশিং য়ৌবা উরবা মহাদেস অহুমগী অসিগুম্বা থবকশিং ঐনা অদোমগী মফমদা হায়গনি। মখোয় অমগা অমগা মাইল কয়া লাপ্নরি। অদুবু মখোয়না ভারতকী মরমদা খঙনিংবা অমসুং ঐখোয়গী নাত তম্নিংবা অসি চপা মান্নৈ।

মরুপশিং,

অয়েকপা লাইশিং মচু কয়ানা থল্লবদি হেন্না ফজৈ। তি.ভিদা মন কি বাত য়েংলবশিংনা হৌজিক তি.ভিদা অয়েকপা লাই খর উবা ফংগনি। হায়রিবা লাইশিং অসিদা অদোম্না ঐখোয়গী লাইনিংথৌশিং অমসুং লাইরেম্বীশিং, জগোয় মখলশিং অমসুং শক্নাইরবা মীওইশিং উগনি। হায়রিবা লাইশিং অসিদা ভারত্ত ফংবা পাম্বীশিং অমসুং শা-উচেকশিংগী মথক্ত, অদোম্না পোৎশক কয়া উগনি। মখোয়গী মনুংদা চহি ১৩ গী নুপীমচা অমগী তাজ মহলগী অয়েকপা লাই অমা উবা ফংগনি। দিবয়াং নুপীমচা অসিনা লাই অসি মহাক্কী মচিন্না য়েকপনি হায়বা খঙবদা অদোম অঙকপা পোক্কনি। য়াম্না নুংঙাইরিবা ৱাফমদি হায়রিবা অয়েকপা লাইশিং অসি ভারতমচাশিংনা য়েকপা নত্তে, ইজিপকী মহৈরোয়শিংনা য়েকপনি। চহি খরগী মমাংদা, ইজিপকী মহৈরোয় লিশিং ২৩ রোম শরুক য়াদুনা লাইয়েকপা চাংদম্নবা অমা পাংথোকখি। মখোয়না ভারতকী নাত অমসুং লৈবাক অনিগী মরক্ত লৈনবা পুৱারিগী মরীশিং উৎপা লাই য়েক্নবা হোৎনখি। চাংদম্নবা অসিদা শরুক য়াখিবা নহারোলশিং ঐনা থাগৎপা ফোঙদোকচরি। মসিগী থাগৎপা অসিনা মখোয়গী হৈথোই-শিংথোইবা অদুগী মতিক চাবা নত্তে।

মরুপশিং,

খা অমেরিকাদা পারাগুৱে কৌবা লৈবাক অমা লৈ। লৈবাক অদুদা ভারতমচা লিশিং অমা রোম লৈরি। পারাগুৱেদা অঙকপা থবক অমা পাংথোক্লি। লৈবাক অদুদা লৈবা ভারতকী এম্বেসিদা, ইরিকা হুবরনা অয়ুর্বেদ লায়েং পাংথোক্লি। নুমিৎ কয়ানি, মশিং য়াম্লবা মফম অদুগী মীওইশিং মহাক্কী অয়ুর্বেদগী পাউতাক লৌনবা লাক্নখি। ইরিকা হুবর ইঞ্জিনিয়ারিং তম্লকপনি, অদুবু মহাক অয়ুর্বেদা থৱায় য়াওখি। মহাক্না অয়ুর্বেদা মরী লৈনবা কোর্সশিং শরুক য়াখি অমসুং মতমগী মতুংইন্না মহাক মসি হৈরকখি।

মরুপশিং,

তামিল মালেমদা খ্বাইদগী লিরবা লোল অমা ওইবদা ঐখোয় খুদিংমক চাউথোকচরি অমসুং মসিগীদমক ভারতমচা খুদিংমক চাউথোকচরি। মালেমগী লৈবাকশিংদা লোল অসি তম্বা মীওই মশিং হেনগৎলক্লি অমসুং হৌখিবা থাদা ভারত সরকারগী মতেংগা লোয়ননা ফিজিদা তামিল তম্নবা থৌরম অমা হৌখ্রে। মসি হৌখিবা চহি ৮০দা অহানবা ওইনা ত্রেন তৌরিবা তামিল ওজাশিংনা ফিজিদা লোল তম্বীবনি। ঙসি ফিজিগী মহৈরোয়শিংনা তামিলগী লোল অমসুং নাত তম্বদা থৱায় য়াম্না য়াওবদা ঐ হরাওই। হায়রিবা থবকশিং অসি শুপ্নগী মাইপাকপগী ৱারিশিং নত্তে। মখোয় অসি ঐখোয়গী নাতকী পুক্কৈগী মাইপাকপনি। খুদমশিং অসিনা ঐখোয় চাউথোকচবা ফাওহল্লে। কলাগী অয়ুর্বেদা ফাওবা অমসুং লোলদগী ঈশৈ ফাওবা, ভারত্ত অশুক্কী মতিক য়াম্না লৈরি, মসিনা লৈবাক অসি মালেমদা মমিং চৎলিবনি।

মরুপশিং,

নিংথমথা অসিদা লৈবাক শীনবা থুংনা শান্নবা অমসুং হকচাং ফবগা মরী লৈনবা থৌরম কয়া পাংথোক্লি। মীয়াম্না ফিতনেস অসি মখোয়গী নোংমগী পুন্সিগী শরুক অমা ওইহনবদা ঐ হরাওই।

কাস্মিরদা স্কি থৌবা, গুজরাত্ত তেলঙ্গা পাইবা, শান্নবদা থৱায় য়াওবা মফম খুদিংমক্ত উবা ফংগনি। #SundayOnCycle অমসুং  #CyclingTuesday গুম্বা খোঙজংশিংনা সাইকল থৌবা পুক্নিং থৌগৎলি।

মরুপশিং,

ঐখোয়গী লৈবাক অসিদা অহোংবা পুরকপা অমসুং নহারোলশিংনা থৱায় য়াওবগী অঙকপা খুদম অমা ঐ হায়গে। ঐখোয়গী বাস্তারদা য়ুনিক ওলেম্পিক অমা পাংথোকপা হৌখিবা অদু অদোম খঙবরা? অহানবা বাস্তার ওলেম্পিক পাংথোক্তুনা বাস্তারদা অনৌবা অওনবা অমা পুরক্লে। বাস্তার ওলেম্পিক্কী মঙলান মঙফাওনবা অসিদা ঐ য়াম্না হরাওই। মতম অমদা মাওইস্তকী ইরাং লৈরম্বা মফম অমদা মসি পাংথোকপা অসিদা ঐ হরাওই। বাস্তার ওলেম্পিক্সকী মেস্কোত অসি -ইরোই অমসুং চোঙানি। মসিদা বাস্তারগী নাতকী মমি তারি। মসিগী শান্নবগী মহাকুম্ভ অসিগী লাইৱাদি-

‘করসে তা বাস্তার বারসায়ে তা বাস্তার’

হায়বদি ‘ বাস্তার শান্নগনি-বাস্তার থোইগনি’।

বাস্তার ওলেম্পিক্সতা জিলা ৭ গী শান্নরোয় লিশিং ৬৫ শরুক য়াখি। মসি শুপ্নগী মশিং অমা নত্তে-ঐখোয়গী নহারোলশিংগী ৱাশক্কী চাউথোকচবা ৱারিনি।

এথলেতিক, আর্চরি, বেদমিন্তন, ফুতবোল, হোক্কী, ৱেথলিফতিং, করাতে, কাবাদি, খো-খো অমসুং ভোল্লিবোল- শান্নবা খুদিংমক্ত ঐখোয়গী নহারোলশিংনা মখোয়গী হৈথোই-শিংথোইবা উৎখি। কারি কাস্যাপ জিগী ৱারিনা ঐঙোন্দা ইথিল য়াম্না পীরে। অপীকপা খুঙ্গং অমদগী লাকপা কারি জিনা আর্চরিদা সিভর মেদল অমা ফংখি।

মহাক্না হায়খি- বাস্তার ওলেম্পিক্সনা ঐখোয়দা শান্নবুং অমা ফংহনবতা নত্তনা পুন্সিদা মাঙলোমদা চঙশিন্নবা খুদোংচাবা অমা পীরে। সুকমাদগী পায়াল কাৱাসি জিনা হায়খি মসিনা ইথিল পীদবা নত্তে। জেবেলিন থ্রোদা সনাগী মেদল অমা ফংখিবা পায়াল জিনা হায়খি- থকশি-খাসি লৈবা অমসুং থবক কন্না শুবগা লোয়ননা, ফংবা ঙমদবা পান্দম অমতা লৈতে। সুকমাগী দোরনাপালদগী পুনেম সন্নাগী ৱারি অসি ভারতকী ভারতকী পুক্নিং থৌগৎপা ৱারি অমনি। মতম অমদা নেক্সালগী ইথিল ফংখিবা পুনেম জি ঙসি হুইলচিয়ার অমদা লমজেলদা মেদল ফংলে। মহাক্কী থৌনা অসি মীওই খুদিংমক্কী ইথিল অমনি। কোদাগাউনগী আর্চর রঞ্জু ‘বাস্তার য়ুথ আইকোন’ ওইনা খল্লে। মনুং হুঞ্জিনবা মফমশিংগী নহারোলশিং বাস্তার ওলেমপিক্সনা জাতিগী থাক য়ৌনবা খুদোংচাবা অমা পীরে হায়বা মহাক্না থাজখি।

মরুপশিং,

বাস্তার ওলেম্পিক্স অসি শুপ্নগী শান্নবগী থৌরম অমা নত্তে। মসি চাউখৎপা অমসুং শান্নবা অনিমক পুনবা, ঐখোয়গী নহারোলশিংনা মখোয়গী হৈথোই-শিংথোইবা হেনগৎহনবা অমসুং অনৌবা ভারত অমা শেমগৎপা মফম অমনি। ঐনা মীয়ামদা পাংথোক্নবা হায়জরি:

-অসিগুম্বা শান্নবগী থৌরমশিং অদোমগী লমদমদা পুক্নিং থৌগৎপীয়ু

-অদোমগী লমদমগী শান্নবদা হৈথোই-শিংথোইবগী ৱারিশিং #KhelegaBharat – JeetegaBharat দা শরুক য়াবীয়ু

-মফম অমগী শান্নবগী হৈথোই-শিংথোইবশিং চাউখৎনবা খুদোংচাবা অমা পীবীয়ু

নিংশিংবীয়ু, শান্নবা অসি হকচাং ফহনবা খক নত্তনা, মসি খুন্নাইগা শান্নবগী ৱাখল্লোনগা শম্নহনবা শক্তি লৈরবা পাম্বৈ অমনি। মরম অদুনা ফজনা শান্নসি অমসুং নুংঙাইনা হিংসি। ঙসি ভারতকী অচৌবা মাইপাকপা অনিনা মালেমগী পুক্নিং চিংশিল্লে। মখোয়গী মরমদা তাবদা অদোম চাউথোকচবা ফাওগনি। মাইপাকপা অনি অসি হকশেলগী লমদা ফংলকপনি। অহানবা মাইপাকপা অসিনা মেলারিয়া থেংনবনি। মেলারিয়া অসি চহি লিশিং কয়া মীওইবা খুন্নাইগী অচৌবা অৱাবা অমা ওইদুনা লাক্লি। নিংতম্বা মতমদা ফাওবা, মসি ঐখোয়গী হকশেলগী অচৌবা শিংনবা অমা ওইখি। থা অমদগী চহি মঙা ফাওবগী মনুংদা লৈবা অঙাংশিং শিহনবা লৌনগনবা লায়নাশিংগী মনুংদা মেলারিয়া অহুমশুবনি। ঙসি, লৈবাক অসিগী মীয়ামগী অপুনবা পাঙ্গলনা মসি থেংনবদা অপেনবা ফাওই। ৱার্ল্দ হেল্থ ওর্গনাইজেসনগী রিপোর্তনা হায়খি- ভারত্ত, ২০১৫ অমসুং ২০২৩ গী মনুংদা মেলারিয়াগী কেস অমসুং মসিনা শিহনবা মশিং চাদা ৮০ হন্থরে। মসি অচম্বা মাইপাকপা অমা নত্তে। খ্বাইদগী হেন্না নুংঙাইরিবদি মসি মীওই খুদিংমক শরুক য়াদুনা মাইপাকপা অসিনি। ভারতকী মফম খুদিংমক্তগী, জিলা খুদিংমক্তগী খোঙজং অসিদা শরুক য়াখি। চহি মরি ফাওবগী মমাঙদা, অসামগী জোরহাতকী চা বাগানশিংদা মেলারিয়া অসি অচৌবা খুদোংচাদবা অমা ওইখি। লায়না অসি মুৎথৎনবা চা বাগানশিংদা লৈরিবশিং অমতা ওইনা পুনবা মতমদা, মসি অচৌবা মাইপাকপা অমা ওইখি। থবক অসিগীদমক মখোয়না তেক্নোলোজি অমসুং সোসিএল মেদিয়া শীজিন্নখি। মসিগা চপ মান্ননা, হরিয়ানাগী কুরুক্ষেত্রা জিলা অসি মেলারিয়া লাকশিন্নবগী অফবা নমুনা অমা ওইরে। মফম অসিদা মেলারিয়া য়েংশিনবগী থবক্ত মীয়াম শরুক য়াবা অসি তশেংনা মাইপাক্লে। লম্বীগী লিলাশিং অমসুং রেদিওগী খুৎথাংদা, অকনবা পাউজেল কয়া পীদুনা কাংশিংগী মরুম কোকফম লৈহন্দবদা মতেং পাংখি। লৈবাক শীনবা থুংনা অসিগুম্বা থবকশিং পাংথোকপা খক্তনা ঐখোয়না মেলারিয়াগী মায়োক্ত চঙশিনবা লাল মাইপাকপা ঙম্বনি।

মরুপশিং,

ঐখোয়না মাইপাকপী অতোপ্পা খুদম অমনা কেন্সর থেংনবগী মতাংদা মীয়াম ৱাখল তাহনবা অসিনি। মালেমদা মমিং লৈরবা মেদিকেলগী চেফোঙ লান্সেতগী থিজিনবা অসিনা থাজবা কয়া হেনগৎহল্লে। চেফোঙ অসিগী মতুংইন্না, হৌজিক ভারত্ত মতম চানা কেন্সর লায়েংবা হৌবা অঙকপা ফংনা হেনগৎলে। মতম চানা লায়েংবা হায়বদি কেন্সর অনাবা মীওই অমা নুমিৎ ৩০গী মনুংদা লায়েংবা হৌবা অসিনি অমসুং মসিদা অয়ুস্মান ভারত য়োজননা অচৌবা থৌদাং অমা লৌরে। য়োজনা অসিগী মতেংদগী কেন্সর অনাবা মীওইশিংগী চাদা ৯০ মতম চানা লায়েংবা হৌরে। শেন লৈতদবগী মসি মমাঙদা লায়েংলমদে, লায়রবা অনাবশিং কেন্সর লায়েংদনা লৈখি। হৌজিক মখোয় থোক্লক্তুনা মখোয় মশামক লায়েংবা হৌরে। কেন্সর লায়েংবদা অয়ুস্মান ভারত স্কিমনা শেন-থুমগী অৱাবা কোকহল্লে। কেন্সর মতম চানা লায়েংবগী মতাংদা হৌজিক মীয়াম হান্নগী হেন্না ৱাখল তারে। মসিগী মাইপাকপা অসি ঐখোয়গী অনা-লায়েংগী থবক, দোক্তরশিং, নর্সশিং অমসুং তেক্নিকেল স্তাফশিং অমসুং অদোম, ঐগী ইচিন-ইনাওশিং অমসুং ইচন-ইচেশিংগী হেন্না মাইপাকপনি। মীওই খুদিংমক্কী থবকশিংগা লোয়ননা, কেন্সর মাইথিবা পীনবা ৱারেপ হেন্না মপাঙ্গল কনখৎলে। মাইপাকপা অসিগী মনা মীয়াম ৱাখল তাহন্নবা অচৌবা থৌদাং লৌখিবশিংদা পীজরি। কেন্সর থেংননবা অমতা ঙাইরবা লাইৱাদি-ৱাখল তাহনবা, থবক পায়খৎপা অমসুং থাজবা পীবনি। ৱাখল তাহনবা হায়বদি কেন্সর অমসুং মসিগী লাইওংগী মরমদা ৱাখল তাহনবনি, থবক ওইনা পাংথোকপা হায়বনা মতম চানা লাইওং খঙদোকপা অমসুং লায়েংবনি, থাজবা পীবা হায়বনা অনাবশিংগীদমক মতেং খুদিংমক লৈরিবা হায়বগী থাজবনি। লাক্লো, ঐখোয় পুন্না কেন্সর থেংনমিন্নরসি অমসুং অনাবশিংদা পাংবা য়াবা মতেং পাংলসি।

মরুপশিং,

 ঈশিং অমসুং শেনগী অৱাৎপা কয়া লৈরবশু মাইপাকপগী অনৌবা ৱারি অমা ইখিবা, ওরিসাগী কলাহান্দিগী থবক অমগী মতাংদা ঐনা অদোমদা হায়নিংই। মসি কলাহান্দিগী ‘ইন্সাং-নাপীগী অওনবা’ অসিনি। মতম অমদা লৌমীশিং তঙাইফদনা য়ুম হোংখি, অদুবু ঙসিদি, কলাহান্দিগী গোলামুন্দা ব্লোক মনা-মশিংগী মফম অমা ওইরে। কমদৌনা মসি অহোংবা পুরকখিবগে? মসি লৌমী ১০গী কাংবু অমনা হৌরকখিবনি। মখোয়না পুন্না কিষান উতপাদ সঙ্গ’ কৌবা এফ.পি.ও অমা লিংখৎখি, লৌ উবদা অনৌবা তেক্নোলোজি শীজিন্নবা হৌখি অমসুং ঙসি মখোয়গী এফ.পি.ও অসি লুপা করোর কয়াগী ললোন-ইতিক পাংথোক্লে। মসিদা লৌমী নুপী ৪৫ য়াওনা লৌমী ২০০ হেন্না শরুক য়ারে। লৌমীশিং অসিনা একর ২০০ দা খামেন অশিনবা অমসুং একর ১৫০ দা খারোত অখাবী থাখি। হৌজিক এফ.পি.ও অসিগী চহিগী শেনফম লুপা করোর ১.৫ হেল্লে। ঙসি, কলাহান্দগী ইন্সাং-নাপীশিং ওরিসাগী তোঙান-তোঙানবা জিলাশিং খক্তদা নত্তনা অতোপ্পা রাজ্যশিংদা য়ৌরে অমসুং হৌজিক লৌমীশিংনা অলু অমসুং তিলহৌ থানবা অনৌবা তেক্নিকশিং তম্বা হৌরে।

মরুপশিং,

কলাহান্দিগী মাইপাকপা অসিনা ঐখোয়দা খাংবা কনবা অমসুং অপুনবা থবক্না করি থবক পাংথোকপা ঙম্বগে হায়বা তম্বীরে। মসি পাংথোক্নবা ঐনা অদোমদা হায়জরি:-

• অদোমগী লমদমগী এফ.পি.ও পুক্নিং থৌগৎপীয়ু।

• এফ.পি.ও শরুক য়াবীয়ু অমসুং মখোয়গী মপাঙ্গল কনখৎহল্লু।

নিংশিংউ- পীক্নবা হৌবনা ফাওবদা অচৌবা অহোংবা পুরকপা ঙম্মী। ঐখোয়না অচেৎপা ফিরেপ অমসুং পুন্না থবক তৌমিন্নবগী থৌনা দরকার ওই।

মরুপশিং,

ঙসিগী মন কি বাত্ত, খেন্নবা কয়াগী অপুনবা শক্তমগা লোয়ননা কমদৌনা ভারতনা মাঙলোমদা চঙশিনবগে হায়বা ঐখোয়না তারে। মসি শান্নবা নত্ত্রগা সাইন্স, হকশেল নত্ত্রগা লাইরি-লাইশুগী হিরমদা ওইবা য়াই- হিরম খুদিংমক্ত ভারত অনৌবা মাইপাকপশিং লৈরে। ইমুং অমগুম ঐখোয়না খুদোংচাদবা খুদিংমক মায়োক্নরে অমসুং অনৌবা মাইপাকপশিং পুরক্লে। ২০১৪ দা হৌখিবা মন কি বাত ১১৬শুবা তাঙ্কক য়ৌরে অমসুং মন কি বাত অসি লৈবাক অসিগী অপুনবগী শক্তিগী অহিংবা দোকুমেন্ত অমা ওইরকপা ঐনা উরে।

থৌরম অসিদা মীয়াম পুম্নমক তরাম্না ওকচরি। থা খুদিংগী অদোমগী ৱারিশিং অমসুং থবকশিং শরুক য়ারি। করিগুম্বা মতমদা নহা ওইরিবা ইন্নোবেতর অমগী অনৌবা ৱাখল ঐঙোন্দা ইথিল পীখি অমসুং করিগুম্বা মতমদা ইচানুপী অমগী মাইপাকপনা ঐ চাউথোকচহনখি। অদোম্না শরুক য়াবদগী লৈবাক অসিগী মফম খুদিংদগী অফবা শক্তি পুনশিনবনি অমসুং হৌজিক ২০২৫ থোংজিলদা লেপ্লরে। লাক্লিবা চহিদা মন কি বাতকী খুৎথাংদা ঐনা হেন্না পুক্নিং থৌগৎপা থবকশিং শরুকক য়াগনি। মসগী অফবা ৱাখল অমসুং লৈবাক মীয়ামগী অনৌবা থৌনাগা লোয়ননা, ভারত অনৌবা থাকশিং য়ৌবা ঙমগনি হায়না ঐনা থাজৈ।

#Mannkibaat তা অদোমগী অকোয়বদা লৈরিবা অঙকপা থবকশিং শরুক য়ারি। মথং চহিগী মন কি বাত খুদিংদা, ঐনা অদোমদা থবক কয়া শরুক য়াগনি। অনৌবা চহি ২০২৫ গী য়াইফ-পাউজেল পীজরি। হকচাং নুংঙাইনা লৈয়ু, হরাওনা লৈয়ু, ফিত ইন্দিয়া মুভমেন্ত শরুক য়াবীয়ু, ইশা হকচাং ফনা থম্বীয়ু। পুন্সিদা চাউখৎপা ওইবীয়ু। অদোম ঙমখৈ লৈতনা থাগৎপা ফোঙদোকচরি।