First they (Congress) mocked our ‘surgical strikes’ and now are themselves claiming that they conducted six such strikes during their terms: PM Modi
Our strong national security policy ensured that we bought Masood Azhar to his rightful designation by the international community: PM Modi
Congress governments have always been quite ineffective in addressing the concerns of the people and making their lives easier: Prime Minister Modi

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय।

बदलते हुए मौसम में भी शेखावाटी का जोश चरम पर है। आपके इस उत्साह आपके इन भावनाओं का मैं अभिनंदन करता हूं। अब जब मैं आपकी भावनाओं का अभिनंदन करता हूं तो यहां के मुख्यमंत्री और यहां की कांग्रेस पार्टी आज इलेक्शन कमीशन को शिकायत करेगी कि मोदी ने सीकर में अभिनंदन का नाम दिया। अभिनंदन का नाम देकर मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट भंग किया। फिर उनका एक चेला सुप्रीम कोर्ट चला जाएगा। फिर सुप्रीम कोर्ट कहेगी कि एक हफ्ते में निर्णय करो, फिर इलेक्शन कमीशन कहेगा उन्होंने तो जनता को अभिनंदन कहा था कोई केस बनता नहीं है, तो फिर ये प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे कि मोदी को क्लीन चिट क्यों दिया? यही खेल चल रहा है, और इसलिए मैं आज फिर एक बार सीकर वासियों को बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं। साथियो, मैं आया हूं करीब तीन सवा तीन बजे। 12 बजे आता तो बता देता कि दाल बाटी चूरमा शेखावाटी के सूरमा। ये परंपरा यहां की रही है। साथियो, एक तरफ ये महान धरती, हम सभी राष्ट्र रक्षा के लिए सबको जोड़ने की बात करते हैं। वहीं कांग्रेस राष्ट्र रक्षा करने वालों का हर मौके पर अपमान करती है। आपका प्यार, आपका उत्साह मेरी सर आंखों पर। लेकिन मुझे बोलने तो दीजिए? आपका प्यार मुझे मंजूर है दोस्तों। अगर आप इजाजत दें तो बोलना शुरू करूं। अब इतना प्यार करोगे इतना प्यार करोगे, तो मैं ये शेखावाटी में रह जाऊं क्या? याद करिए कांग्रेस के एक नेता सेनाध्यक्ष को गली का गुंडा कहते हैं। कांग्रेस के और नेता देश के वायुसेना के अध्यक्ष को झूठा कहते हैं, और सबसे बड़ी बात जब हमारे सपूत जान हथेली पर रखकर आतंकियों को घर में घुसकर मारते हैं तो कांग्रेस के नेता सवाल उठाते हैं कि आतंकियों की लाशें कहां हैं? क्या इनका दफन करने के लिए कांग्रेस की तरफ से चदर भेजने का इरादा है क्या? ये क्या तरीका है, हमारे वीर साथियों के शौर्य पर कांग्रेस को विश्वास ही नहीं है। बालाकोट में भारत ने जो पराक्रम किया, वो पाकिस्तान दुनिया में जा जाकर के रो रहा है कि मोदी ने मारा, मोदी ने मारा। लेकिन कांग्रेस को ये भी मानने का इरादा नहीं है। आप वहां पर जो कैमरा वाले है सज्जन, वो कैमरा वाले हैं, नीचे उतर जाइए आप। आप कैमरा वहां बंद कर दीजिए।

भारत माता की जय, भारत माता की जय

एयर स्ट्राइक के हर सबूत के लिए कांग्रेस आंखों पर पट्टी बांधकर के बैठ गई है, और कांग्रेस का हाल ऐसा है कि इन दिनों उनको दिल्ली में प्रधानमंत्री की कुर्सी के सिवाय कुछ भी नहीं दिखता है। उन्होंने ऐसे चश्में पहने हैं कि उनको कुछ दिखता ही नहीं है। कांग्रेस के नेताओं को हमारे वीर सपूतों का पराक्रम दिखाई नहीं देता है। कांग्रेस के इस बर्ताव पर देश पहले, आप तय कीजिए भाई, मैं अपनी बात करूं या आप अपने नारे चालू रखेंगे। आपका प्यार, आपका उत्साह मेरे सर आंखों पर, लेकिन आप तय करें कि मैं बोलूं या न बोलूं? देखिए पंडाल छोटा पड़ गया है। लेकिन ईश्वर ने आपके लिए पंडाल बना दिया है। मौसम इतना बढ़िया बना दिया है, कि ये वहां बाहर तक भी जो लोग हैं। ये सब सुनने आए हैं। आपका प्यार मेरे सर आंखों पर दोस्तों, लेकिन आप इजाजत दें तो मैं बोलूं। भाइयो-बहनो, कांग्रेस के इस बर्ताव पर देश पहले चार चरणों में जो मतदान हुआ, कांग्रेस पार्टी और महामिलावटी लोग पहले चार चरण में देश की जनता ने उसे ठीक से सबक सिखा दिया है। यहां राजस्थान में भी 29 अप्रैल को जब वोट पड़े तो लोगों ने कांग्रेस को पानी पी-पी कर के सजा दी है।

लेकिन साथियो, मैं आपको सावधान कर रहा हूं। चुनाव के पहले चार चरणों में चारों खाने चित्त होने के बाद, अब कांग्रेस एक नया ड्रामा, नया पैंतरा चला रहा है। कल कांग्रेस के नामदारों ने अपना रिमोर्ट कंट्रोल ऑन किया, और उसके कुछ ही देर बाद कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने एक बयान दिया कि हमारे समय भी कई बार सर्जिकल स्ट्राइक की गई। ये बयान सामने आते ही कांग्रेस की तमाम नेता उछलने लगे। बस यहीं तो चाहिए था। इसी घड़ी का तो इतंजार था कांग्रेस को, अब कांग्रेस किसी भी तरह ये साबित करने पर तुली है कि हमने भी सर्जिकल स्ट्राइक की थी। साथियो, कल कांग्रेसी 6 तारीखें भी निकाल लाए और कहा कि ये वो तारीखें हैं जब उनकी सरकार में सर्जिकल स्ट्राइक हुई थी। सोचिए, कांग्रेस अब ये दावा कर रही है कि उसने तो 6-6 बार सर्जिकल स्ट्राइक की थी। भाई ये कैसी स्ट्राइक थी जिसके बारे में न आतंकियों को पता चला, न आतंकियों पर हमला करने वालों को पता चला, न ही पाकिस्तान को पता चला और न ही हिंदुस्तान में किसी को पता चला। आपको किसी को पता चला भाई? जब रिमोर्ट कंट्रोल वाली सरकार थी तब किसी अखबार में स्ट्राइक शब्द आपने पढ़ा था, स्ट्राइक शब्द सुना था। लेकिन अब शुरू में जब सर्जिकल स्ट्राइक हुआ तो इन्होंने ऐसा कुछ होता ही नहीं है, ये सेना तो रोज करती है। नाकार दिया, लेकिन जनता को मोदी पर भरोसा था जनता मेरे साथ खड़ी हो गई। पहले उन्होंने मजाक उड़ाया, पहले मजाक उड़ाया, जब देखा जनता मोदी के साथ खड़ी है तो विरोध करना शुरू किया। जैसा उन्होंने विरोध बढ़ाया तो जनता ने और प्रेम बढ़ा दिया। मोदी- मोदी करने लगे तो उनको और परेशानी हुई तो अब उन्होंने तीसरा रास्ता अपनाया कि ऐसा करो भाई कि हम भी बोल दें कि हमने भी किया था। ताकी जो प्रेम मोदी की तरफ बढ़ा है दो पांच प्रतिशत हमारी तरफ भी आ जाए। इसलिए पहले उपेक्षा, बाद में विरोध और अब हमने भी किया था। मीटू, मीटू। अरे तेरी मीटू। अरे, एयर कंडीशन कमरों में बैठकर कागज पर एयर स्ट्राइक करने का काम ये कांग्रेस कर सकती है। मैं पढ़ रहा था कि अभी चार महीने पहले एक और नेता ने दावा किया था कि कांग्रेस ने तीन बार सर्जिकल स्ट्राइक किए है।

मुझे लगता है कि ये ऐसे लोग है जो उम्र के किसी भी पड़ाव में वीडियो गेम खेलते रहते हैं, और शायद सर्जिकल स्ट्राइक कोई वीडियो गेम समझकर आनंद लेते होंगे। खैर साथियो, चुनाव के चार चरण बीतते-बीतते, चार महीने में ही ये कांग्रेस की सर्जिकल स्ट्राइक की संख्या जो चार महीने पहले तीन थी कल उनके एक बड़े नेता ने 6 कर दी, और शायद चुनाव पूरा होते-होते उनके गली मुहल्ले वाले कह देंगे अरे हम तो हर दिन स्ट्राइक करते थे। झूठ बोलने में क्या जाता है यार। अपने जेब से थोड़ी न जाता है, और आदत से मजबूर, आप देखिएगा 23 मई को जब नतीजे आएंगे तो उसके बाद कांग्रेस कहेगी हमने 6 नहीं 600 बार सर्जिकल स्ट्राइक की थी। जब कागज पर ही करनी हो। जब वीडियो गेम में ही स्ट्राइक करनी हो तो तीन हो या 6 हो 20 हो या 25 हो। ये झूठे लोगों को क्या फर्क पड़ता है। कांग्रेस को देश की सुरक्षा की परवाह नहीं है। देश की रक्षा करने वालों की परवाह नहीं है।

कांग्रेस की सोच क्या है इसका एक और उदाहरण दिखाई देता है कर्नाटक में, आप हैरान हो जाएंगे जो बात मैं बता रहा हूं, और आपके अगर कोई मीडिया के दोस्त हो तो उनको भी जरा फोन कर के पूछ लेना कि इतनी बड़ी बात आपने मीडिया में छापी क्यों नहीं? टीवी पर दिखाई क्यों नहीं? और वो भी किसी सामान्य व्यक्ति ने नहीं कहा है। मैं जो आपको बात बताने जा रहा हूं राजस्थान की हर मां का खून गर्म हो जाएगा। राजस्थान की हर मां ये कांग्रेस को कभी माफ नहीं करेगी। वो जानकारी मैं आपको दूंगा। भाइयो-बहनो, ये कांग्रेस कर्नाटक में एक सरकार चला रही है उस सरकार के मुख्यमंत्री जिस मुख्यमंत्री के पिता जी कभी भारत के प्रधानमंत्री थे कुछ समय के लिए। उन्होंने बयान दिया मुख्यमंत्री ने और मुख्यमंत्री तो जवान हैं सोते नहीं हैं, जागते हैं। उन्होंने बयान दिया माताएं-बहनें मेरी बात सब दूर पहुंचना। हर नौजवान से कहता हूं। हर मां-बहन से पानी हाथ में लेकर के उससे बात करना। उन्होंने क्या कहा? उन्होंने कहा ये मुख्यमंत्री के शब्द हैं। कांग्रेस पार्टी जिस सरकार को चलाती है उसके मुख्यमंत्री के शब्द हैं। कांग्रेस पार्टी जिस सरकार को चलाती है उसके मुख्यमंत्री के शब्द हैं। उन्होंने कहा कि सेना में वहीं लोग जाते हैं जिनके पास दो वक्त का खाना नहीं है, भूखे मरते हैं। पेट भरने के लिए सेना में जाते हैं।

आप मुझे बताइए मेरे भाइयो-बहनो, क्या राजस्थान के इस धरती के हजारों-लाखों सपूत क्या पेट भरने के लिए सेना में है। क्या राजस्थान की धरती उन्हें दो वक्त की रोटी नहीं दे पा रही है। ये हमारी वीर माताओं का अपमान है कि नहीं है? हमारे वीर बेटों का अपमान है कि नहीं है? साथियो, कांग्रेस के छोटे-बडे सब नेताओं का मौन, इस निंदनीय बयान का समर्थन करता है। ये मेरा कांग्रेस के नेताओं पर खुला आरोप है। ये राजस्थान के एक-एक बच्चों को पूछिए, क्या बात करते हो, जो सीने पर गोलियां खाने के लिए जाता है उसको कहते हो रोटी खाने निकला है। ऐसे लोगों को माफ करोगे क्या? ये वीरों की धरती है, क्या ये राजस्थान का अपमान नहीं है? यहां का कोई परिवार ऐसा नहीं है जिसका बेटा या तो सेना में जिंदगी गुजारी न हो, या आज अभी सीमा पर खड़ा न हो। ऐसा कोई परिवार नहीं। क्या ये देश के वीर माताओं का अपमान जो अपने लाडले को इसलिए सीमा पर भेजता है ताकी वो देश की रक्षा कर सके। जो अपनी मां से भारत मां को महान मानता है। वो बेटा मातृभूमि के लिए मरने के लिए निकलता है भाइयो। क्या देश के वीर जवानों का अपमान नहीं है। जो दुश्मन का मुकाबला करते हुए अपनी जान की बाजी लगा देते हैं। साथियो, कांग्रेस के मन में कभी देश की रक्षा करने वालों के लिए सम्मान नहीं रहा है। इसलिए कांग्रेस ने कभी उनके हितों के बारे में नहीं सोचा।

भाइयो-बहनो, ये वहीं कांग्रेस पार्टी है जिसने चार दशक तक हमारे लाखों सैनिक परिवारों का वन रैंक वन पेंशन के लिए उनको लटकाती रही, तरसाती रही, ठूकराती रही, और जब दवाब बना और जब मोदी ने रेवाड़ी में पूर्व सैनिकों के बीच में कह दिया कि हम ये कर के रहेंगे तो सेना के जवानों के आंख में धूल झोंकने के लिए कांग्रेस ने किया। 2013 के अंतरिम बजट में 2013-14 में इलेक्शन कमीशन का काम शुरू होने से पहले लिखने के लिए 500 करोड़ रुपया बजट में लिख दिया, और नाचने लगे पूरे चुनाव में नाचने लगे हमने वन रैंक पेंशन, वन रैंक पेंशन दे दिया। ये ऐसे झूठे लोग हैं भाइयो आप कल्पना नहीं कर सकते। जवानों से मालाएं पहनने लगे। फोटो निकलवाने लगे, और ये टीवी में भी कुछ ऐसे लोग बैठे हैं। जय-जयकार करने लगे कि भाई इन्होंने वन रैंक वन पेंशन दे दिया। भाइयो-बहनो, हुआ क्या था, ये काम भाजपा की जब सरकार बनी तब मोदी ने आकर के किया, और जो 500 करोड़ में वन रैंक वन पेंशन के नाम पर फोटो खिंचवाते थे। वो हमने लागू किया। अब तक हमने 35 हजार करोड़ रुपया ये निवृत्त सेना के परिवारों के खाते में जमा करवा दिया। कहां 500 करोड़ और कहां 35 हजार करोड़। इससे बड़ा कोई झूठ हो सकता है क्या? ये झूठ बोलने में माहिर है कि नहीं है? और आप ऐसे भले-भोले हो उनका झूठ भी सच लगता है फिर गलती करते हो, फिर रोते हो फिर मोदी मोदी करते हो। साथियो, सेना और हमारे शहीदों के प्रति कांग्रेस का बर्ताव हमेशा ऐसा ही रहा है। हमारे सैनिक देश आजाद हुआ तब से मांग कर रहे थे कि देश में शहीदों की याद में एक नेशनल वॉर मेमोरियल होना चाहिए। आप हैरान हो जाएंगे कि इतने साल कांग्रेस की सरकार रही वीर जवानों ने शहादत मोली। लेकिन इन्होंने नेशनल वॉर मेमोरियल नहीं बनाया। बहानेबाजी की और कहते रहे इंडिया गेट की शोभा खत्म हो जाएगी। अरे, मेरे देश के जवानों से इंडिया गेट बड़ा कि मेरे वीर जवानों की शहादत बड़ी। क्या तरीक है?

भाइयो-बहनो, आजादी के सात दशक बाद नेशनल वॉर मेमोरियल बनवाने का सौभाग्य इस चौकीदार को मिला। साथियो, कांग्रेस का पंजा हमेशा मलाई की चक्कर में रहता है, जहां मलाई नहीं वहां कांग्रेस कभी गई नहीं। लोगों को चाहे जितनी दिक्कतें हो कांग्रेस को फर्क नहीं पड़ता। भाइयो-बहनो, ये भी एक वजह है कि कांग्रेस जब भी आती है महंगाई आसमान छूने लगती है। यानी कांग्रेस आई महंगाई लाई। कांग्रेस की सरकार 70 के दशक में रही हो, या फिर 2014 से पहले तक महंगाई ने गरीब की, मिडिल क्लास की कमर तोड़ी है। जबकी एनडीए की सरकार ने बीते पांच वर्षों में महंगाई की दर को नियंत्रित रखा है। बीते पांच वर्षों में खाने-पीने के सामान से लेकर जूते कपड़े दवाई ऐसी हर सामान को हमने सस्ता किया। साथियो, ये पहली ऐसी सरकार है जिसने टैक्स कम करने के साथ-साथ विकास की गति डबल की है। दोगुनी की है, जो कर्मचारी, जो व्यापारी इनकम टैक्स भरते हैं उनको बहुत बड़ी राहत सरकार ने दी है। 

पांच लाख रुपये तक की कर योग्य आय को टैक्स के दायरे से बाहर कर दिया गया है। इससे सामान्य परिवार के पास अधिक पैसा बच रहा है। वो बच्चों की शिक्षा और अपना घर बनाने के लिए बचत कर पा रहा है। भाइयो-बहनो, हमारे युवा साथी सक्षम हो, साइंस और टेक्नोलॉजी में वो आगे बढ़े, स्टार्ट अप की दुनिया में भारत का नाम रौशन करें इसके लिए बहुत बड़ा अभियान हमने चलाया है। छठी क्लास से ही अटल टिंकरिंग लैब की सुविधाएं स्कूल में तैयार की जा रही है। और रिसर्च के लिए लाखों रुपये की मदद मेधावी छात्र छात्राओँ को दी जा रही है। इतना ही नहीं एजुकेशन लोन पर कांग्रेस के जमाने में जो ब्याज लगभग 15% था वो आज लगभग 11% है। इस तरह 5 वर्ष के लिए, लिए गए 10 लाख रुपये के लिए एजुकेशन लोन पर हर परिवार सीधे-सीधे सवा लाक रुपये की बचत कर सकता है। साथियो, कांग्रेस की सरकार ने समाज को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया है। यहीं कारण है कि सभी वर्गों को साथ लेकर चलना कांग्रेस की फितरत नहीं रही है। लेकिन बीजेपी के लिए समाज का हर व्यक्ति बहुत ही महत्वपूर्ण है। विकास हर व्यक्ति हर क्षेत्र तक पहुंचे इसके ले हम प्रयासरत है। यही कारण है कि ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा देने का काम तनी दशकों के बाद हम कर पाए। सामान्य वर्ग के गरीब परिवार को भी दस प्रतिशत आरक्षण इसी सोच का परिणाम है। वो भी दूसरी वर्गों के हितों के नुकसान को पहुंचाए बिना हमने ये प्रावधान किया है।

भाइयो-बहनो, सीकर ने दीनदयाल उपाध्याय जी, भैरोंसिंह शेखावत, और जमनालाल बजाज जी जैसे अनेक समाज सेवी देश को दिए हैं। उनका एक ही मकसद था कि सामान्य से सामान्य मानवी का जीवन स्तर को ऊपर उठाया जाए। यहीं प्रयास आपके इस सेवक ने बीते पांच वर्षों में किया है। पिछली बार जो मजबूत सरकार आपने बनाई थी उसने शौचालय, गैस, बिजली जैसी मूल व्यवस्थाएं सुनिश्चित की थी। इस बार जो मजबूत सरकार आप बनाएंगे उसे 2022 ततक हर गरीब को अपना पक्का घर सुनिश्चित होगा। पानी से जुड़ी समस्याएं कम होगी। छोटे किसानों, खेत मजदूरों और छोटे दुकानदारों को परेशानी से मुक्ति दिलाकर के पेंशन की सुविधा मिलेगी। सबसे बड़ी बात देश को आतंक और नक्सलवाद से मुक्ति देने का विश्वास मिलेगा। गांव-गांव ढाणी-ढाणी में आप सभी को कमल खिलाना है। 

भाइयो-बहनो, मेरी बात पर भरोसा लोगों को क्यों होता है, मैं उदाहरण देता हूं, आज हिंदुस्तान में अगर दो राज्यों में नदी बहती है, पानी जाता है तो दोनों राज्यों के बीच में लड़ाई चल रही है, पूरे हिंदुस्तान में हो रहा है। पानी के लिए एक राज्य दूसरे राज्य से लड़ी लड़ रहा है। जब मैंने गुजरात में सरदार सरोवर डैम का काम किया, मुख्यमंत्री था। और नर्मदा का पानी सब लोग मानते थे कि ये मोदी सिरफिरा है। ये नर्मदा का पानी खुद ले जाएगा।

राजस्थान को कुछ नहीं मिलेगा, ऐसे कांग्रेस वाले अफवाह फैलाते थे, बड़ी बड़ी बातें करते थे। भाइयो-बहनो, नर्मदा का पानी जब हमने डैम का काम किया। मैं अनशन पर बैठा। ये रिमोर्ट कंट्रोल कांग्रेस की सरकार के सामने मैं मुख्यमंत्री था अनशन पर बैठा। मैंने कहा गुजरात पानी के बिना मर रहा है, राजस्थान पानी के बिना मर रहा है, और आप दिल्ली में बैठकर के हमें उपदेश दे रहे हो। मैं लड़ाई लड़ूंगा और मैंने लड़ाई लड़ी, नर्मदा के पानी का काम आगे बढ़ाया। भाइयो-बहनो, मेरे लिए आश्चर्य था एक दिन भैरोंसिंह शेखावत और जसवंत सिंह जी दोनों उस समय भारतीय जनता पार्टी का नेतृत्व करते थे। वो दिल्ली मेरे यहां मिलने के लिए आए। मुझे लगा ऐसे ही कुछ काम के लिए आएं होंगे। और बहुत सम्मान के साथ पगड़ी-वगड़ी लेकर आए थे। मैंने कहा कि भैरोंसिंह जी आप तो मेरे से बड़े हैं मुझे आपकी इज्जत करनी चाहिए। आप क्यों आए हैं? अरे भाई बोले- हम राजस्थान के लोग जानते हैं, पानी क्या होता है, पानी की कीमत क्या होती है, हम जानते हैं। और बोले तुम हो, न कोई झगड़ा न कोई विवाद और जैसे ही नर्मदा का काम हुआ तुमने हमारे हक का पानी जालौर को तुमने पहुंचा दिया। इसलिए हम तुम्हारा सम्मान करने आए हैं। भाइयो-बहनो, मोदी वचन का पक्का है, और मैं आज राजस्थान को कहता हूं कि ये ऐसी सरकारें थी इन्होंने भारत के हक का पानी भारत को देने के बजाय पाकिस्तान को दे रहे हैं। आप मुझे पांच साल और मौका देने वाले हैं मुझे मालूम है। 23 मई को चुनाव के नतीजे आएंगे। फिर एक मोदी सरकार। फिर एक बार मोदी सरकार। फिर एक बार मोदी सरकार, और मैं आपको वादा करता हूं जो पानी आज पाकिस्तान में जा रहा है, वो पानी हिंदुस्तान के खेतों में जाएगा। हम पानी के बिना तरसे और वहां पानी चला जाए। ऐसी सरकारें चली है भाइयो। ऐसी सरकारों को अब हिंदुस्तान में 100 साल तक कोई घुसने देने वाला नहीं है।

भाइयो-बहनो, आप आज तो मौसम अच्छा है। मौसम भी हमारा स्वागत करता रहता है। लेकिन आप 6 तारीख को कितनी ही गर्मी क्यों न हो। पहले मतदान फिर जलपान। पहले मतदान बाद में जलपान। और कमल के निशान पर आपको बटन दबाना है और आपका एक-एक वोट मोदी के खाते में जाएगा। और इसलिए भाइयो-बहनो कमल के निशान पर वोट दीजिए, यहां से कमल मोदी को भेज दीजिए और इस चौकीदार को मजबूत बनाइए ताकी देश मजबूत हो। मेरे साथ बोलिए, भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय। वो सारे नौजवान मुझे क्षमा करें। आपका उत्साह बड़ा जबरदस्त था, आपका प्यार जबरदस्त था। लेकिन मैंने आपको रोका और आपने मेरी बात मान ली, इसलिए मैं सबसे पहले आपका धन्यवाद करता हूं। और आपने जो मुझे प्यार दिखाया, उसे मैं कभी भूल नहीं सकता हूं। बोलिए- भारत मात की जय, भारत माता की जय।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।