Opposition parties have no vision to take the country forward: PM Modi

Published By : Admin | April 16, 2019 | 19:14 IST
Odisha has pledged to get rid of its ineffective government: PM Modi in Odisha
The Opposition parties like Congress and BJD have no vision to lead the country into 21st century: PM Modi
Only a BJP government can ensure stability, security and growth for our country in a transparent manner: Prime Minister Modi

जय जगन्नाथ, जय जगन्नाथ।

मंच पर विराजमान भारतीय जनता पार्टी के सभी वरिष्ठ महानुभाव, मुझे फिर एक बार आपके बीच आने का अवसर मिला है। बक्शी जगबंधु, श्री जय राजगुरू, वीर सुरेंद्र साई समेत ओडिशा के सभी वीर बेटे-बेटियों को मेरा नमन। संबलपुर, देवगढ़ और अंगुल के सभी साथियो का भी बहुत-बहुत अभिनंदन।

भाइयो-बहनो, इतनी भीषण गर्मी में ये इतना बड़ा जन सैलाब, इतना जोश, ऐसी ही तस्वीरें जब टीवी के माध्यम से देश के दूसरे हिस्से में पहुंच रही है तब कई लोगों के होश उड़ रहा है। बड़े-बड़े महामिलावटियों को इस चौकीदार के लिए आपका स्नेह उनको समझ ही नहीं आ रहा है की देश चौकीदार को इतना प्यार क्यों कर रहा है। और ऊपर से पहले चरण की वोटिंग में ओडिशा से जो संकेत आए हैं, उससे साफ है की दिल्ली में फिर एक बार मोदी सरकार और ओडिशा में भाजपा सरकार। साथियो, ये समर्थन देश इसलिए दे रहा है क्योंकि सभी एक मजबूत और ईमानदार सरकार चाहते हैं।

भाइयो-बहनो, हमारे देश में साधनों और संसाधनों की कमी नहीं रही, कमी रही है जनता के पैसे के सही इस्तेमाल की। पहले की सरकारों ने कभी इस पर ध्यान नहीं दिया की जितने पैसे दिल्ली से भेजे जा रहे हैं उसका लाभ आप तक पहुंच रहा है की नहीं पहुंच रहा है। आप मुझे बताइए 100 पैसे भेजने पर अगर सिर्फ 15-16 पैसे का ही काम होगा तो यहां विकास हो पाएगा? 100 पैसे में से 85 पैसे कोई दलाल अपनी तिजोरी में भर लेगा तो क्या यहां सड़कें बन पाएंगी, पुल बन पाएंगे, अस्पताल बन पाएंगे? आजादी के इतने साल तक ये भ्रष्टाचार चल रहा था इसे कोई रोकने वाला नहीं था। अब मोदी की सरकार ने, आपके इस चौकीदार की सरकार ने ये व्यवस्था बनाई है की सरकार अगर 100 पैसे भेजे तो पूरे 100 पैसे गरीब पर खर्च हो, 100 के 100 पैसे।

भााइयो-बहनो, इन पांच सालों में अगर आप इस चौकीदार के साथ ना होते तो ये संभव ही नहीं था। आपके इसी आशीर्वाद की वजह से भाजपा की मजबूत सरकार, लोक कल्याण और राष्ट्र कल्याण से जुड़े बड़े-बड़े काम कर पाई है। वरना इससे पहले आपने दिल्ली में एक मजबूर सरकार और भ्रष्ट सरकार भी देखी है। ये वो सरकार थी जो आपकी मिलने वाली चीनी में घोटाला कर जाती थी, ये वो सरकार थी जो आपको मिलने वाले राशन में घोटाला कर जाती थी। ये वो सरकार थी जो किसानों को मिलने वाले यूरिया में घोटाला कर जाती थी, ये वो सरकार थी जो जमीन से निकलने वाले खनिज और कोयले तक में घोटाला कर जाती थी। गरीब के लिए बनी हर योजना पर कुछ लोगों की नजर गिद्धों की तरह रहती थी, जैसे ही पैसा आया ये लोग आपका पैसा लूटने में लग जाते थे। क्या आपका चौकीदार इसे ऐसे ही देखता रहता क्या? मैं तो ठान कर आया था इन दलालों से, इन भ्रष्टाचारियों का मुकाबला करूंगा।

साथियो, जब इस चौकीदार ने इनके भ्रष्टाचार के कारोबार पर प्रहार किया तो इनको इतना कष्ट हुआ है की अब ये मुझे रास्ते से हटा देने पर तुले हुए हैं। भाइयो-बहनो, ये पहले की भ्रष्ट और कमजोर सरकारों का परिणाम है। आजादी के इतने वर्ष बाद भी संपन्न ओडिशा की जनता गरीब ही गरीब होती गई। क्षेत्र के आधार पर भेदभाव, जात-पात के आधार पर भेदभाव यही कांग्रेस और BJD की उपलब्धि रही है। यही कारण है की जहां महानदी और हीराकुंड जैसे बांध हैं वहां का किसान बूंद-बूंद पानी के लिए तरसता है। धान के खेत, किसान के परिश्रम से लहलहाते हैं लेकिन धान को बीमारी से बचाने के लिए सरकार समय पर कार्रवाई नहीं करती। केंद्र सरकार ने तय किया की धान की फसल की लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य किसान को मिले लेकिन यहां की सरकार ने खरीदने के इंतजाम ही नहीं किए। किसानों को बिचौलियों के भरोसे छोड़ दिया गया। 

साथियो, स्थिति ये है की इस चौकीदार ने जो पीएम किसान सम्मान योजना बनाई है, यहां की सरकार के कारण उसका पूरा लाभ आपको नहीं मिल पा रहा है। वजह ये है क्योंकि यहां की सरकार ने किसानों के नाम की जो लिस्ट भेजी है वो भी आधी-अधूरी है जिसकी वजह से सिर्फ साढ़े आठ लाख किसानों के खाते में ही पहली किश्त जा पाई है बाकी लिस्ट यहां की सरकार नहीं दे पा रही है। इन लोगों ने जो खुद एक योजना बनाई उसमें जो घोटाले और घपले हो रहे हैं वो भी आप जानते हैं। भाइयो-बहनो, देश के किसानों को उनकी छोटी-छोटी जरूरतों के लिए, बैंक में सीधे पैसा ट्रांसफर करने के लिए ये चौकीदार प्रतिबद्ध है बल्कि हमने तो इसका दायरा बढ़ाने का संकल्प लिया है। 23 मई को जब फिर एक बार मोदी सरकार आएगी तब ओडिशा के सभी किसान परिवारों के बैंक खाते में सीधी मदद की व्यवस्था हम करने वाले हैं। याद रखिए ओडिशा के हर किसान के खाते में सीधे पैसा आएगा। कोई दलाल आपके पैसे पर पंजा नहीं मार पाएगा। साथियो, ऐसा ही एक और संकल्प है जिसका लाभ संबलपुर सहित पूरे ओडिशा को होने वाला है। भाजपा की सरकार बनने पर, दिल्ली में नई सरकार बनने पर अलग से एक जल-शक्ति मंत्रालय बनाया जाएगा, सिर्फ पानी के लिए अलग मिनिस्ट्री। इसके तहत देश भर की नदियों के, समंदर के बारिश के पानी को जरूरतमंद क्षेत्रों तक पहुंचाने का मिशन चलाया जाएगा। इससे, इस क्षेत्र की पानी की समस्या कम हो पाएगी।

भाइयो-बहनो, इस इलाके के लोगों का कल्याण, देश के तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों का कल्याण हमारी प्राथमिकताओं में है। जब अटल जी की सरकार थी तब आदिवासियों के लिए अलग से एक मंत्रालय बनाया गया था। अब हमने फैसला किया है की नई सरकार बनने के बाद एक और मंत्रालय बनाएंगे, मछली पालन से जुड़े भाई-बहनों के लिए अलग फिशरीज मंत्रालय बनाया जाएगा। मछुआरों की छोटी-छोटी जरूरत पर ध्यान देने के लिए बीजेपी की सरकार मत्स्य संपदा योजना भी शुरू करेगी, जिस पर 10 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। मछुआरे भाइयों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा का भी विस्तार किया जा चुका है। लेकिन भाइयो और बहनो, जिनकी प्राथमिकता सिर्फ पीसी की रही हो, कट की रही हो, मलाई खाने की रही हो उनको आपकी चिंता कैसे होगी। चिटफंड और खनन माफिया को ही अगर संरक्षण सरकार देती रहेगी तो सामान्य मानवी की चिंता कैसे संभव है। कोल ब्लॉक घोटाले में किस तरह उंगलियां उठी हैं ये भी ओडिशा के लोग भली-भांति जानते हैं।

साथियो, जमीन के नीचे की संपदा, यहां के जंगलों की समृद्धि ओडिशा की शक्ति है। ओडिशा की यही शक्ति भारत को ताकत दे रही है लेकिन इन जंगलों में रहने वालों की पूछ नहीं बल्कि उनके साथ लूट हुई लूट। आपके इस चौकीदार ने बरसों पुराना खनन कानून बदला, ये तय किया की जो भी संपदा यहां निकलती है उसका एक निश्चित हिस्सा यहां के विकास के लिए लगना चाहिए। भाइयो-बहनो, इस तरह जो डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड बना, उसके तहत ओडिशा को 6 हजार करोड़ रुपए मिले। इससे आपके लिए अस्पताल बनने थे ताकि आपको इलाज के लिए परेशान ना होना पड़े। इससे वनवासियों की बस्तियों में शुद्ध पीने के पानी का इंतजाम होना था ताकि गंदे पानी की वजह से उनके बच्चे बीमार ना पड़ें। इससे स्कूल बनने थे ताकि आदिवासी बच्चों को शिक्षा के लिए भटकना ना पड़े। लेकिन साथियो, ये आप जानकर के हैरान हो जाएंगे की यहां की बीजेडी सरकार ने 6 हजार करोड़ में से सिर्फ एक हजार करोड़ ही खर्च किया है बाकी पैसे पड़े हुए हैं और आप बहुत छोटी-छोटी आवश्यकताओं के लिए परेशान हो रहे हैं। जब सरकारों की नीयत ऐसी हो तो उनको बदलना जरूरी है। 20 साल आपने आंख बंद कर इन पर बहुत भरोसा कर लिया अब ओडिशा की धरती परिवर्तन का मन बना चुकी है। भाइयो-बहनो, यहां की सरकार किस तरह चालाकी से काम कर रही है, ये भी मैं आपको बताता हूं। बताऊं, ये कैसी चालाकी करती है सुनना है आपको? ये गांव के लोगों को पता नहीं है, आपको बताना पड़ेगा, बताएंगे?

देखिए अभी भी जो एक रुपए के चावल गरीबों को यहां मिलता है वो केंद्र की सरकार, ये यहां बताते नहीं हैं। भारत सरकार, दिल्ली में चौकीदार की सरकार 19 रुपया, 30 रुपए में चावल खरीदती है और वो चावल यहां पर पहुंचाती है। यहां की सरकार ज्यादा से ज्यादा, उसमें उसको 2 रुपया डालना पड़ता है, ये चौकीदार की सरकार 25,27,29 रुपए डालती है। ये सिर्फ 2 रुपया डालते हैं और कहते हैं कि यहां पर ओडिशा सरकार ये चावल सस्ते में गरीबों को दे रही है। बताइए झूठ है की नहीं है, ये धोखा है की नहीं है? ये आपके साथ झूठ बोला जाता है की नहीं बोला जाता है? अब मुझे बताइए की अगर आपका बेटा दिल्ली में रहता है और वो आपको मनी ऑर्डर भेजता है और पोस्टमैन आपके घर में आकर के मनी ऑर्डर देता है तो ये पैसा पोस्टमैन देता है की दिल्ली में बैठा आपका बेटा देता है। बताइए कौन देता है? ये पैसा पोस्टमैन देता है की दिल्ली में बैठा आपका बेटा देता है? अब ये कहते है पोस्टमैन देता है, ये आपके गले उतरेगा क्या? मान लीजिए आपका बेटा दिल्ली में बैठा है और पिताजी के लिए एक शर्ट भेजना है, वो कपड़ा खरीद के ले आता है, दर्जी को ढूंढता है नाप देता है, धोबी को देता है प्रेस करवाता है और पैकिंग करके यहां भेजता है और यहां जो लाने वाला एजेंट है उसके जिम्मे है की उसमें बटन लगा दे। और फिर शर्ट आपके यहां पहुंचा देता है, बताइए शर्ट बेटे ने भेजा या बटन लगाने वाले ने भेजा, शर्ट किसने भेजा? ये ऐसा आधा-अधूरा झूठ बोलकर के आपको गुमराह करते हैं।

साथियो, ये मैं नहीं कहता की ओडिशा सरकार इसको पहुंचाने के लिए मेहनत नहीं करती, करते हैं लेकिन ये भी तो बताओ ये चावल चौकीदार भेजता है तब सस्ते में आता है लेकिन नहीं बताते। साथियो, हमारा ये भी संकल्प है की 23 मई को जब फिर एक बार मोदी सरकार आएगी तब गरीबों को घर देने की स्पीड और बढ़ाई जाएगी। बीते पांच वर्षों में ओडिशा के गांवों में लगभग 12 लाख से अधिक पक्के घर मिल चुके हैं। साल 2022 तक याद रखिए, ये मोदी का वादा है 2022 तक ओडिशा के हर गरीब को, वंचित को, पिछड़े को आदिवासी के पास उसका अपना पक्का घर हो और ये मैं दे कर रहूंगा। और घर भी मामूली नहीं, पक्का घर और घर ऐसा बनेगा जिसमें उज्जवला की गैस हो, सौभाग्य की बिजली हो, उजाला का बल्ब हो और एक शौचालय भी हो। ये कोई वादा नहीं है, ऑलरेडी काम चल रहा है, तेज गति से चल रहा है, ये सभी सुविधाएं गांव-गांव में आज मिल रही हैं। किसी को ये सब-कुछ मिल चुका है और किसी को आने वाले दिनों में मिलने वाला है और ये वादा मैं करने आया हूं। इतना ही नहीं यहां जो नई बीजेपी सरकार बनेगी, ओडिशा में जब नई बीजेपी की सरकार बनेगी, दिल्ली में फिर एक बार भाजपा सरकार बनेगी तो ओडिशा में आयुष्मान भारत योजना भी लागू करेगी। ये योजना लागू होने के बाद यहां के गरीब परिवार को पांच लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज पूरे देश के अस्पतालों में हो सकेगा।

साथियो, आपके आशीर्वाद का ही परिणाम है की पूर्वी भारत को विकास का इंजन बनाने का अभूतपूर्व प्रयास हुआ है। झारसुगुडा में भी वीर सुरेंद्र साई एयरपोर्ट, संबलपुर-तालचेर, संबलपुर-टिटलागढ़, बालांगीर, खोर्धा, राउरकेला, झारसुकरा ऐसे अनेक रेलवे प्रोजेक्ट्स से यहां की कनेक्टिविटी मजबूत हुई है। संबलपुर आईआईएम का परमानेंट कैंपस भी इसी चौकीदार के प्रयास का हिस्सा है। याद करिए, कब से यहां आईआईएम जैसे अच्छे संस्थान की मांग हो रही थी लेकिन यहां की सरकारों ने उन पर ध्यान नहीं दिया। आपके इस चौकीदार ने जनता की आवाज को सुना और आज देश का एक प्रतिष्ठित संस्थान यहां की पहचान से जुड़ा है। इसके पास ही खैरगढ़ में 2जी ऐथेनॉल प्लांट का काम भी चल रहा है और मैं आपको ये भी कहूंगा, ये तो अभी शुरूआत है। आने वाले वर्षों में यहां अनेक संस्थान विकसित करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। साथियो, ये सभी संकल्प तभी पूरे होंगे जब आपका एक-एक वोट कमल के फूल पर पड़ेगा, लोकसभा चुनाव में भी कमल और विधानसभा चुनाव में भी कमल, ऊपर के लिए भी कमल और नीचे के लिए भी कमल। डबल कमल छाप इंजन से भुवनेश्वर में और दिल्ली में विकास के डबल इंजन वाली सरकार बनेगी।

भाइयो-बहनो, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, आप जब कमल पर बटन दबाएंगे ना, जैसे ही कमल पर बटन दबाएंगे, ये आपका वोट सीधा-सीधा मोदी के खाते में जाएगा।
भारत माता की… जय, भारत माता की… जय, बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!