Who better than the people of Maharashtra, the land of Chhatrapati Shivaji Maharaj, would know the importance of a strong and capable government: PM Modi in Maharashtra
Maharashtra has decided to keep the ‘double-engine of growth’ going by supporting the BJP in these elections: PM Modi
The only reason for the ‘Maha-Milawat’ alliance is to remove Modi and form an opprtunistic coalition of parties: Prime Minister Modi

भारत माता की जय, भारत माता की जय

महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में, गुजरात के कुछ हिस्सों में और भी कुछ राज्यों में कल अचानक जो मौसम बदला, आंधी- तूफान में कई लोगों की मृत्यु हो गई। किसानों के फसलों का भी जो नुकसान हुआ है, उसकी भी जानकारी मुझे मिल रही है। मैंने अफसरों को निर्देश दिया है कि राज्य सरकारों से बात कर के जल्द से जल्द हर संभव सहायता आम जन को पहुंचाई जाए। मैं आप सभी को आश्वस्त करता हूं कि सरकार पूरी तरह से संवेदनशील है और आपकी हर परेशानी में आपके साथ खड़ी है। जिन्होंने अपने स्वजन खोए हैं उन परिवारों के प्रति भी मेरी संवेदना है। भाइयो- बहनो, मैं सबसे पहले हमारे मुख्यमंत्री जी देवेंद्र जी का आभार व्यक्त करता हूं। महायुति के सभी नेताओं का आभार व्यक्त करता हूं कि मुझे आज चुनाव की बात करने से पहले महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेता, जिन्होंने 50 साल महाराष्ट्र के लिए खपा दिए। उनके 75 साल पर विजय सिंह मोहिते पाटिल जी का मुझे स्वागात सम्मान करने का अवसर मिला। मैं स्वंय को भाग्यशाली मानता हूं क्योंकि सार्वजनिक जीवन में कोई किसी भी दल का क्यों न हो, अगर वो देश के लिए समाज के लिए अपना जीवन खपाया है तो उनके इस तपस्या को उनके परिश्रम को हर किसी को सम्मान कर चाहिए, और मेरा सौभाग्य है कि आज दादा का सम्मान करने का मुझे मौका मिला है। उत्तम स्वास्थ्य तो हम सब देख ही रहे हैं। लेकिन उत्तम स्वास्थ्य के साथ दीर्घायु के साथ वे हम सबका मार्ग दर्शन करते रहे महाराष्ट्र की और देश की सेवा करते रहे। ये मैं हम सबकी तरफ से आज आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

भाइयो बहनो, जो दिल्ली में बैठे हैं न, जो एयर कंडीशन कमरों में बैठकर हिसाब लगाते हैं कि इसने इसको गले लगाया तो ऐसा हो जाएगा, उसने इसके साथ हाथ मिलाया तो ऐसा हो जाएगा। उसने इसके सामने नजर मिलाई तो ऐसा हो जाएगा। उन लोगों को पता नहीं है कि धरती की सच्चाई क्या है। ये केसरिया सागर मुझे अब समझ में आया कि शरद राव ने मैदान क्यों छोड़ दिया। क्योंकि शरद राव भी बड़े खिलाड़ी हैं वो समय से पहले हवा का रुख समझ जाते हैं, और वो ऐसा कभी कुछ नहीं करते जिसके कारण उनको और उनके परिवार को खरोच आ जाए, और कोई बलि चढ़ जाए तो चढ़ जाए। वो कभी अपना नुकसान नहीं होने देते, और इसलिए मैदान छोड़ कर के नौ दो ग्यारह हो गए। साथियो, एक मजबूत और संवेदनशील सरकार का मतलब क्या होता है? छत्रपति शिवाजी महाराज की ये धरती बहुत अच्छी तरह जानती है। भारत को आगे बढ़ाने के लिए, भारत को 21वीं सदी में नई ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए केंद्र में ऐसी ही मजबूत सरकार चाहिए। चाहिए कि नहीं चाहिए? अरे आप अपने गांव में भी ढीला ढाला अगर पुलिस वाला आ जाता है तो आप पसंद करते हैं क्या? आपको दम वाला पुलिस वाला ठीक लगता है कि नहीं लगाता है? अरे आपका बच्चा स्कूल में जाता है और मास्टरजी में दम ही नहीं है तो आप बच्चों को वहां पढ़ाना पसंद करते हैं क्या? अच्छा टीचर चाहिए कि नहीं चाहिए।

भाइयो-बहनो, इतना बड़ा देश भी चलाना है तो मजबूत देश भी चाहिए मजबूत नेता भी चाहिए। आपने 2014 में मुझे जो पूर्ण बहुमत दिया उसने मुझे ऐसी ताकत दी, ऐसी ताकत दी कि एक तरफ जहां देश के लिए बड़े-बड़े फैसले ले पाया। वहीं गरीब से गरीब के कल्याण के लिए भी पूरी शक्ति लगा कर काम कर पाया। पांच साल मैंने किस तरह सरकार चलाई ये आपने देखा है। अब आपको फिर से ये तय करना है कि देश को मजबूत सरकार देंगे या कमजोर सरकार हम सह लेंगे। आप मुझे बताइए माढा वालों जरा आप मुझे जवाब देंगे। सबका जवाब चाहिए, विराट जनसागर है, सब जवाब देंगे? बताइए माढा वालों को मजबूत हिंदुस्तान चाहिए या मजबूर हिंदुस्तान चाहिए? भारत को मजबूत कौन बनाएगा? कौन मजबूत बनाएगा? कौन मजबूत बनाएगा? कौन मजबूत बनाएगा? कांग्रेस- राष्ट्रवादी कांग्रेस की माहमिलावट क्या भारत को मजबूत बना सकती है? कभी बना सकती है? जी नहीं... ये मोदी कर पाया, आप हम मिलकर भारत में एक शक्तिशाली, मजबूत भारत के लिए मजबूत सरकार भी बनाएंगे। आपके सहयोग से ही हम मिलकर के मजबूत हिंदुस्तान बनाने का संकल्प करने के लिए इतनी भयंकर धूप में हम तप रहे हैं। एक ऐसा हिंदुस्तान जिसकी तरफ आंख उठा कर देखने से पहले भी कोई 100 बार सोचेंगा। एक ऐसा हिंदुस्तान जो आतंक के सरपरस्तों को पाताल में खोजकर के उन्हें सजा देगा। एक ऐसा हिंदुस्तान जिसके साथ दुनिया के शक्तिशाली राष्ट्र भी कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लिए गर्व अनुभव करेंगे।

भाइयो-बहनो जब भारत के सपूतों ने पाकिस्तान के बालाकोट में जाकर के आतंकियों के ठिकानों को बर्बाद किया तो आपको गर्व हुआ कि नहीं हुआ। गर्व हुआ कि नहीं हुआ? आपको याद होगा कि 2014 के चुनाव में इस क्षेत्र में आया था और उस समय मैंने जनसभा में कहा था, और शरद राव को ललकारते हुए कहा था कि शरद राव जब सरकार में दम होती है तब नेता नहीं बोलते, फौजियों की उंगली बोलती है। फौजियों की उंगली चलती है। गोलियों की बौछार होती है दुश्मनों के सीने चीर लेते हैं, और तब शरद राव बौखला गए थे, उनको लग रहा था कि ये भाषण के लिए ठीक है, पर करेगा क्या मोदी? कर के दिखाया कि नहीं दिखाया? कर के दिखाया कि नहीं? आप खुश हैं, आपको संतोष है मेरी दिशा सही है, मुझे ऐसा ही करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए? 2014 में आपके आदेश के बाद आपकी इच्छा के बाद आपके इस प्रधान सेवक ने देश की नीति और रीति बदल दी है। महाराष्ट्र में कितने धामके हो गए? कितने शहरों में धमाके हो गए? और मुंबई तो एक प्रकार से आतंकियों के लिए स्वर्ग बना दिया, और बाद में सरकारों ने क्या किया। कुछ कर पाए क्या। आप जरा जवाब दीजिए कुछ कर पाए क्या? चुप बैठे थे कि नहीं बैठे थे।

भाइयो-बहनो अब हमला होने के बाद हम घर में घुसकर मारते हैं। आपको नए भारत की नई रीति नई नीति क्या यहीं रास्ता पंसद है कि नहीं है? यहीं रास्ता आपको मंजूर है कि नहीं है? लेकिन कुछ लोग कुछ राजनीतिक दल हैं जिनको इससे भी तकलीफ हो रही है। वो देश के वीर जवानों के पराक्रम पर सवाल उठा रहे हैं। लेकिन आपका ये चौकीदार उन्हें कभी सफल नहीं होने देगा। इनकी साजिशों और देश हित के बीच मैं दीवार बनकर के खड़ा हूं, और इसलिए मैं आपसे आशीर्वाद मांग रहा हूं कि मुझे शक्ति दीजिए। छत्रपति शिवाजी महाराज के इस धरती से मुझे आशीर्वाद चाहिए। माता भवानी की इस धरती से मुझे आशीर्वाद चाहिए। विठोबा की इस धरती से मुझे आशीर्वाद चाहिए। समर्थ रामदास की इस धरती से आशीर्वाद चाहिए। आप मुझे बताइए कि आपका आशीर्वाद मेरे साथ है? अपनी इस करनी की वजह से ही कुछ महामिलावटी दलों पर देश का विश्वास पूरी तरह उठ गया है। अरसे बाद मैं एक ऐसा चुनाव देख रहा हूं। जहां जनता और सरकार और पहली बार देखा जा रहा है कि देश की जनता सरकार को वापिस करने के लिए वापिस लाने के लिए फिर से बिठाने के लिए मोदी के हाथ में फिर से देश देने के लिए जनता खुद प्रचार रही है। अपने खर्च से कर रही है, समय दे रही है, इतनी कड़ी धूप में बच्चे, बूढे, माता, बहनें गांव, शहर से लोग निकल पड़े हैं। लोग घर-घर जाकर मोदी को वोट देने के लिए कह रहे हैं। साथियो, आपका विश्वास ही तो मेरी पूंजी है, यहीं मैंने कमाया है। मेरे पास और कोई कमाई नहीं है।

भाइयो–बहनो, याद करिए पहले कितने घोटाले होते थे, और हम हिंदुस्तानवासी कितना शर्मसार होते थे। आपके इस सेवक ने पांच साल सरकार चलाई है और कोई भ्रष्टाचार का एक दाग नहीं लगा पाया है। हां, दिन में सपने देखने वालों को झूठ बोलने वालों को मैं रोक नही सकता। झूठ पर झूठ बोलने वालों को रोकने के लिए मैं कोशिश भी नहीं करता। साथियो, इस प्रधान सेवक को आपका विश्वास मिला है आपका आशीर्वाद मिला है, तभी काले धन और भ्रष्टाचार पर सीधा वार मैंने किया है। आपका साथ मिला तभी हजारों करोंड़ो रुपये का कर्ज लेने वालों से देश के पैसे वसूल कर पाया हूं। आपका समर्थन मिला तभी साढ़े तीन लाख से ज्यादा फर्जी कंपनियों को एक जांच में बंद कर दी। आपने मुझे हर फैसले का हौंसला दिया तभी जो महंगाई आसमान को छू रही थी, बिचौलिएं मलाई खाते थे। किसान मरता था, उपभोक्ता मरता था और इनके चेले-चपाटे माल खाते थे उस महंगाई को भी काबू करने का काम ये मोदी सरकार कर पाई है।

साथियो, मुझ पर ये विश्वास के बीच दूसरी तरफ कांग्रेस एनसीपी और दूसरे महामिलावटी दलों पर अविश्वास भी लगातार बढ़ रहा है। इसकी बड़ी वजह ये है कि ये सिर्फ एक ही व्यक्ति के साथ लड़ रहे हैं। ये हमारे सारे विरोधियों के भाषण सुनिए, वो देश को कहां ले जाने हैं वो बताते नहीं है, अब तक उहोंने 50-55 साल देश चलाया क्या किया बताते नहीं। आने वाले पांच साल में क्या करेंगे बताते नहीं? सिर्फ एक ही बात बोलते हैं, बंगाल में आज जाओ वहीं सुनाई देगा, उत्तर प्रदेश में जाओ वहीं सुनाई देगा, कर्नाटक में जोओ वहीं सुनाई देगा। महाराष्ट्र में जाओ वहीं सुनाई देगा, बारामती में जो वहीं सुनाई देगा, माढा में जाओ नहीं सुनाई देगा। क्या सुनाई देगा, मोदी हटाओ, मोदी हटाओ, मोदी हटाओ, मोदी हटाओ... इन्होंने मोदी को हटाने का ही मुद्दा बना दिया है। देश को दुनिया में गौरव कैसे दिलाएंगे? भारत की जय- जयकार कैसे होगी? इसकी इनके पास कोई सोच नही है। हाल में आपने देखा है कि कैसे मुझे गाली देते-देत कांग्रेस के नामदार अब एक पूरे समाज को गाली देने में जुट गए हैं। नामदार ने पहले चौकीदारों को चोर कहा, और जब चौकीदार सारे मैदान में आए, और हर हिंदुस्तानी चौकीदार कहने लगा तो उनके मुंह पर ताला लग गया, और अब मुंह छिपाते फिर रहे हैं। अब जब चौकीदार चोर है मामला चला नहीं तो अब हर व्यक्ति को यहीं बात बोल रहे हैं, कह रहे हैं कि जिसका भी नाम मोदी है वो सारे चोर क्यों हैं?

भाइयो-बहनो, पिछड़ा होने की वजह से हम पिछड़ों को अनेक बार ऐसी परेशानियां झेलनी पड़ी है। अनेक बार कांग्रेस और उसके साथियों ने मेरी हैसियत बताने वाली, मेरी जाती बताने वाली गालियां देने में कोई कमी नहीं रखी है। लेकिन इस बार वो इससे भी आगे बढ़ गए हैं। अब पूरे पिछड़े समाज को ही चोर कहने लगे हैं। अरे मुझे गाली दो मैं कई वर्षों से बर्दाश्त करता आया हूं कर लूंगा। लेकिन चाहे चौकीदार हो समाज का पिछड़ा वर्ग हो, दलित हो पीड़ित हो शोषित हो, आदिवासी हो, अगर किसी को भी आपने अपमानित करने के लिए चोर कहने की हिम्मत की तो मोदी बर्दाश्त नहीं करेगा। ये देश बर्दाश्त नहीं करेगा। कांग्रेस और उसके साथियों को भाइयो बहनो, आप मुझे बताइए ऐसी भाषा बोलने वालों को आप सजा देंगे कि नहीं देंगे। भाइयो-बहनो जो आज भी ये समझते हैं कि वो अपनी सल्तनत चला रहे हैं वो किसी पिछड़े किसी दलित किसी गरीब की परवाह नहीं कर सकते। साथियो, कल मैं देख रहा था एक बार फिर शरद राव ने मेरे परिवार होने न होने पर भी हमला शुरू कर दिया। साथियो, परिवार व्यवस्था हजारों साल से भारत की समाज विशेषता है। परिवार व्यवस्था ये भारत की ताकत है, भारत का गौरव है, और दुनिया की सबसे बड़ी देन है, लेकिन परिवार के विषय में शरद पवार को मोदी के बारे में बुरा से बुरा बोलने का हक है। बड़े हैं मेरे से उम्र में,उनको उनकी समझ और संस्कार के हिसाब से बोलने का हक भी है। लेकिन मेरे देशवासियों मोदी आज जो जिंदगी जी रहा है, उसमें भी परिवारों से ही प्रेरणा ली है। परिवार ही मेरी प्रेरणा है। भगत सिंह का भी एक बड़ा विस्तृत परिवार था वो भी मेरी प्रेरणा है। सुखदेव का भी विस्तृत परिवार था वो मेरी प्रेरणा है। राजगुरू का भी विस्तृत परिवार था वो मेरी परिवार है। अरे महात्मा फुले का भी फुला-फाला परिवार था वो भी मेरी प्रेरणा है।

बाबा साहब अंबेडकर का भी विशाल परिवार था वो हमारी प्रेरणा था। अरे सरदार वल्लभ भाई पटेल का भी परिवार था वो हमारी प्रेरणा है। अरे वीर सावरकर का भी परिवार था वो हमारी प्रेरणा है। परिवारों की त्याग तपस्या से हमने प्रेरणा ली है। अरे शरद राव आप और किसी से नहीं अकेले आपके गुरु यशवंत राव चव्हाण से प्रेरणा लेते तो भी पता चलता कि परिवार की भूमिका क्या होनी चाहिए। शरद राव मैं जानता हूं कि आप मोदी के रास्ते पर नहीं चल सकते वो आपके वश में नहीं है, आपके ताकत के बाहर है। लेकिन जो परिवार वाले महान-महान परिवारों ने देश के लिए जीवन खपा दिया। सब कुछ देश को न्यौछावर कर दिया। अरे जरा उन परिवारों से तो सीखिए। लेकिन आप तो आपका तो मॉडल दिल्ली का एक खास परिवार है। आप उन्हीं से सीखते हैं, उन्हीं की सेवा में लगे रहते हैं। भाइयो –बहनो बहुत गालियां पड़ी, लेकिन इन गालियों की परवाह किए बिना मैं पूरी ईमानदारी से देश को आगे बढ़ाने के लिए देश के गरीबों को सश्कत करने के लिए दिन रात मेहनत कर रहा हूं। गरीबों को अपना पक्का घर देने की बात हो, घर घर में मुफ्त गैस कनेक्शन या फिर शौचालय, मुफ्त बिजली कनेक्शन हो ये काम हमने हमारी प्राथमिकता में की है। गरीब को 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा भी और वो भी हिंदुस्तान में कहीं पर भी बड़े बड़े से अस्पताल में भी देने का काम मोदी सरकार ने किया है। इसके अलावा यहां की कनेक्टिविटी हो, यहां सिंचाई की व्यवस्था हो, इसके लिए पूरी ईमानदारी से प्रयास के जा रहे हैं। 

साथियो, देश के 5 करोड़ से ज्यादा गन्ना किसानों की चुनौतियों की स्थाई समाधान का भी हमारी सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। गन्ना किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए चीनी के आयात पर 100 प्रतिशत शुल्क लगाया गया है। चीनी निर्यात करने की भी अनुमति दे दी गई है। गन्ने पर प्रति क्विंटल जो अतिरिक्त मदद सरकार द्वारा दी जा रही है, वो भी सीधे सीधे किसानों के खाते मे जमा करने का फैसला हमने लिया है। वरना पहले ये पैसे भी चीनी मिलों को उनके हाथ में दिया जाता था और चीनी मिलें मजा करती थी। साथियो, गन्ना किसानों का भला करने के लिए हम उनकी आय के साधन बढ़ा रहे हैं। इसके तहत कई दुरगामी कदम भी उठाए गए हैं। गन्ने से सिर्फ चीनी नहीं बने बल्कि उससे इथेनॉल भी बने, बायोफ्यूल बने। इसके लिए देश में इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है। सरकार द्वारा पेट्रोल में इथेनॉल की ब्लेडिंग को भी बढाया गया है। वैसे आपको बता दूं कि ये टेक्नॉलोजी ये कोई मोदी के आने के बाद पैदा नहीं हुई है। अरे शरद पवार जी जिस सरकार में कृषि मंत्री थे वहां भी ये कर सकते थे। लेकिन उनको तो अपना चीनी की दुकानें चलाने में इंटरेस्ट था, इसलिए उनहोंने किया नहीं, उनको किसानों की परवाह नहीं थी। लेकिन ये सौभाग्य भी मुझे ही मिला है। साथियो, सरकार द्वारा देश में कृषि व्यापार में सुधार भी किए जा रहे हैं। ग्रामीण हाटों को बड़ी मंडिया, और फिर दुनिया के दूसरों बाजारों से जोड़ने का काम किया जा रहा है। सरकार का प्रयास है कि किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए बहुत दूर न जाना पड़े। इसके लिए देश में 22 हजार ग्रामीण हाटों को विकसित किया जा रहा है। इन हाटों को ई-नाम प्लेटफार्म के साथ जोड़ा जा रहा है।

साथियो, फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन FPO उसको बढ़ावा देने का भी काम हमने उठाया। इन FPO सरकारी समितियों को हमने पूरी तहर से इनकम टैक्स से छूट दे दी है। इनकम टैक्स फ्री किया है। किसान अपने उत्पाद में वैल्यू एडिशन कर पाए मूल्य वृद्धि कर पाए इसके लिए सरकार फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा दे रही है। फूड प्रोसेसिंग में 100 प्रतिशत FDI की मंजूरी दे दी गई है। प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के माध्यम से 6 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा इस क्षेत्र में निवेश किए जा रहे हैं। भाइयो बहनो 23 मई के बाद, 23 मई को चुनाव का नतीजा आने वाला है। 23 मई के बाद जो नई सरकार बनेगी। फिर एक बार मोदी सरकार बनेगी। उसमें हम पीएम किसान योजना का दायरा भी बढ़ाने जा रहे हैं। पहले जो 5 एकड़ की सीमा थी, उसे भी हटा दिया जाएगा। इन सभी प्रयासों से सभी समाज को लाभ होना तय है। भाइयो और बहनो, एक बहुत बड़ा संकल्प हमने लिया है। 23 मई को जब फिर एक बार मोदी सरकार आएगी तब हम पानी के लिए एक विशेष जल शक्ति मंत्रालय बनाएंगे। एक मंत्री पूरी तरह पानी के लिए ही होगा। एक पूरा विभाग पानी के काम के लिए होगा। देश की अलग-अलग नदियों की पानी को समुद्र की पानी को साफ कर के जरुरतमंद क्षेत्रों तक कैसे पहुंचाया जाए इसके लिए काम होगा। मुझे उम्मीद है कि माढा जैसे देश के सुखाग्रस्त इलाके के लिए ये मंत्रालय वरदान साबित होगा।

साथियो, मैं ये भी बताना चाहता हूं मैं लंबे समय तक गुजरात का मुख्यमंत्री रहा हं। वहां पर पानी की किल्लत यहां से भयानक है। नदियां भी नहीं है। अकेली नर्मदा और तापी नदी पर हम गुजारा करते हैं। कच्छ रेगिस्तान है इधर रेगिस्तान है उधर पाकिस्तान है। वहां पानी नहीं था। हमने नर्मदा से पानी उठाया पाइप लाइन से 400 किलोमीटर दूर कच्छ के रेगिस्तान तक पानी पहुंचाया औऱ वहां का किसान आज मैंगो दुनिया के बाजार में एक्सपोर्ट कर रहा है। अगर मैं इतने छोटे से कार्यकाल में गुजरात में कर पाया, तो यहां तो अपने आप बड़े-बड़े दिग्गज मानने वाले इतने साल मुख्यमंत्री रहे इसी धरती से आए लेकिन आपको पानी नहीं पहुंचा पाए। भाइयो इसके लिए संवेदना होनी चाहिए, दिल में दर्द होना चाहिए। पानी सिर्फ राजनीति का हथियार नहीं होना चाहिए। साथियो, 23 अप्रैल को कमल के फूल पर बटन दबाकर आपको मजबूत और ईमानदार सरकार के लिए वोट करना है। नए भारत के लिए वोट करना है। आपका एक एक वोट सीधा सीधा मोदी के खाते में जाएगा। मैं एक नारा दूंगा, आप लोग पूरी ताकत से नारा बोलेंगे। बोलेंगे,,, मैं जरा सभी से पूछना चाहता हूं.. बोलेंगे... आपको बलोना हैं चौकीदार... बोलेंगे... मैं नारा बोलूंगा आप बोलेंगे चौकीदार...

भाइयो बहनो इतनी बड़ी संख्या में आप हमें आशीर्वाद देने आए मैं आपका ह्रदय से बुहत बुहत आभार वय्कत करता हूं, और अब दिल्ली को समझ आ गया होगा लहर कहां जा रही है। कितनी तेज हवा चल रही है। फिर एक बार कमल बनाने के लिए

भारत मात की जय, भारत मात की जय, भारत मात की जय

Explore More
প্রধান মন্ত্রী, শ্রী নরেন্দ্র মোদীনা 78শুবা নীংতম নুমিত্তা লাল কিলাগী ফম্বাক্তগী লৈবাক মীয়ামদা থমখিবা ৱারোল

Popular Speeches

প্রধান মন্ত্রী, শ্রী নরেন্দ্র মোদীনা 78শুবা নীংতম নুমিত্তা লাল কিলাগী ফম্বাক্তগী লৈবাক মীয়ামদা থমখিবা ৱারোল
Annual malaria cases at 2 mn in 2023, down 97% since 1947: Health ministry

Media Coverage

Annual malaria cases at 2 mn in 2023, down 97% since 1947: Health ministry
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
PM chairs 45th PRAGATI Interaction
December 26, 2024
PM reviews nine key projects worth more than Rs. 1 lakh crore
Delay in projects not only leads to cost escalation but also deprives public of the intended benefits of the project: PM
PM stresses on the importance of timely Rehabilitation and Resettlement of families affected during implementation of projects
PM reviews PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana and directs states to adopt a saturation approach for villages, towns and cities in a phased manner
PM advises conducting workshops for experience sharing for cities where metro projects are under implementation or in the pipeline to to understand the best practices and key learnings
PM reviews public grievances related to the Banking and Insurance Sector and emphasizes on quality of disposal of the grievances

Prime Minister Shri Narendra Modi earlier today chaired the meeting of the 45th edition of PRAGATI, the ICT-based multi-modal platform for Pro-Active Governance and Timely Implementation, involving Centre and State governments.

In the meeting, eight significant projects were reviewed, which included six Metro Projects of Urban Transport and one project each relating to Road connectivity and Thermal power. The combined cost of these projects, spread across different States/UTs, is more than Rs. 1 lakh crore.

Prime Minister stressed that all government officials, both at the Central and State levels, must recognize that project delays not only escalate costs but also hinder the public from receiving the intended benefits.

During the interaction, Prime Minister also reviewed Public Grievances related to the Banking & Insurance Sector. While Prime Minister noted the reduction in the time taken for disposal, he also emphasized on the quality of disposal of the grievances.

Considering more and more cities are coming up with Metro Projects as one of the preferred public transport systems, Prime Minister advised conducting workshops for experience sharing for cities where projects are under implementation or in the pipeline, to capture the best practices and learnings from experiences.

During the review, Prime Minister stressed on the importance of timely Rehabilitation and Resettlement of Project Affected Families during implementation of projects. He further asked to ensure ease of living for such families by providing quality amenities at the new place.

PM also reviewed PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana. He directed to enhance the capacity of installations of Rooftops in the States/UTs by developing a quality vendor ecosystem. He further directed to reduce the time required in the process, starting from demand generation to operationalization of rooftop solar. He further directed states to adopt a saturation approach for villages, towns and cities in a phased manner.

Up to the 45th edition of PRAGATI meetings, 363 projects having a total cost of around Rs. 19.12 lakh crore have been reviewed.