The fact that the Opposition parties have started again with their claims that the EVMs are faulty, shows that the Mahamilawati gang has accepted their defeat already: PM Modi
The people of the country have decided to vote for development, growth and democracy rather than the petty politics of Opposition parties: Prime Minister Modi
The BJP government in Jharkhand has made rapid strides in improving the lives of its people and we will continue to do so in the future as well: PM Modi in Jharkhand

मंच पर विराजमान झारखंड के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्रीमान रघुवर दास जी, पूर्व मुख्यमंत्री, मेरे मित्र भाई अर्जुन मुंडा जी, इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के सभी उम्मीदवार, मंच पर विराजमान सभी वरिष्ठ नेतागण, हमारे साथी दल के नेतागण और विशाल संख्या में हम सब को आशीर्वाद देने के लिए आए हुए मेरे प्यारे भाइयो और बहनो। ऐतिहासिक नगरी लोहरदगा में अपने मन के जौहर,लोहरदगा,चतरा और पलामू के सभी बहनो-भाइयो का बहुत-बहुत अभिनंदन। मैं कल रात पश्चिम बंगाल का प्रवास कर के रांची आया था,कल रात रांची ने जिस प्रकार का आदर सत्कार किया। जो प्यार, जो उत्साह, जो उमंग, जोश, ये अपने आप में देखते ही बनता था और ये कार्यक्रम भी निर्धारित कार्यक्रम नहीं था। दो दिन पहले झारखंड भारतीय जनता पार्टी की तरफ से सुझाव आया और मैंने कहा ठीक है भाई, जा ही रहे हैं तो जीप में खड़े हो जाएंगे लेकिन ऐसा शानदार,जानदार दृश्य। अच्छा कार्यक्रम तो बना था एयरपोर्ट से लेकर भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा तक और बाद में मुझे गाड़ी में बैठ के राजभवन पहुंचना था लेकिन मेरे लिए आश्चर्य था की जो ये आयोजित किया गया, 2-3 किलोमीटर का रास्ता था वहां तो भीड़ थी ही थी लेकिन राज भवन तक करीब-करीब 10 किलोमीटर एक इंच जगह ऐसी नहीं थी, जहां पर पूरा रांची शहर रोड पे खड़े हो कर के आशीर्वाद न देता हो। भाइयो-बहनो, अपने आप में ऐसा मेरे मन को छुने वाला अनुभव था। मैं रांची के नागरिकों का भी और झारखंड के नागरिकों का भी, इस मान-सम्मान के लिए सर झुका कर के नमन करता हूं। अब ये तो हुई बात कल की, आज सुबह मैं निकला ऐसे ही सीधा-सीधा, भागे-भागे मुझे एयरपोर्ट पहुंचना था लेकिन आज सुबह भी राजभवन से लेकर एयरपोर्ट तक वैसा ही हुजूम था यानी एक दूसरा रोड शो हो गया।  

भाइयो-बहनो, हवा का रुख क्या है, लहर किसको कहते हैं, एक सरकार को दोबारा सरकार बनाने के लिए जनता का मिजाज क्या होता है, झारखंड वालों ने कल दिखा दिया, दोस्तों।

भाइयो-बहनो, आज भी झारखंड में मैं प्रधानमंत्री के नाते भी बहुत बार आया हूं, सरकारी कार्यक्रमों में भी आया हूं लेकिन मुझे कहना होगा, ऐसा जनसैलाब इसके पहले कभी मैंने देखा नहीं था और लगता ये लहर नहीं ललकार है। लहर नहीं ललकार फिर एक बार मोदी सरकार, लहर नहीं ललकार फिर एक बार मोदी सरकार। आपकी इस ललकार ने दिल्ली की कुर्सी पर जो लोग नजर गड़ाए, भ्रष्टाचारियों में महामिलावट के कुनबे में बड़ा हड़कंप मचा है । तीन चरण के मतदान के बाद, 300 सीटों पर वोट पड़ने के बाद, अब विरोधियों के लिए खुले रूप से पराजय स्वीकार करने के सिवाय कोई चारा ही नहीं बचा है। दूसरे चरण में अंदाज तो आ गया था उनको लेकिन फिर भी मुंह पे थोड़ा चेहरा हंसता हुआ रख कर के बात करने की कोशिश करते थे। लेकिन कल के मतदान के बाद तो ऐसे चेहरे लटक गए हैं। विरोधियों ने भी मान लिया है, फिर एक बार मोदी सरकार। इसका सबूत है की तीसरा चरण होते-होते अब ये लोग फिर, अब मोदी को गाली देते-देते थक गए, देश की जनता को मोदी की गाली उनके गले उतर नहीं रही है। ऊपर से लोग गुस्सा कर रहे हैं। अब इसीलिए उन्होंने क्या किया है, अब रातों-रात गालियां देने की आदत तो जाएगी नहीं तो उन्होंने अपनी तोप का मुंह यूं कर दिया है। अब उन्होंने क्या किया है जितनी गालियां मोदी को देते थे अब कल से उन्होंने EVM को गालियां देना शुरू कर दिया है। अपनी नाकामी का, अपने पराजय का ठीकरा EVM पर फोड़ने की तैयारी कर ली भाई। आपने देखा होगा, जो बच्चा स्कूल में एग्जाम दे कर के आता है और अगर उसको पता है की मामला जमा नहीं है तो घर आके ही शुरू कर देता है। पानी नहीं था, बेंच अच्छी नहीं थी, पेन बीच-बीच में चलती नहीं थी और पेपर भी साहब ने बड़े देर से दिया और जो आंसर पत्र था उसका कागज भी ठीक नहीं था। वो शुरू कर देता है, एग्जाम का रिजल्ट आने से पहले आपने देखा होगा, ऐसे कुछ चतुर बच्चे होते हैं। वो मां-बाप को पहले दिन समझा देते हैं, इस बात का जवाब नहीं देते हैं, भाई तुम लिखकर क्या आए, नहीं बताते और रिजल्ट आता है तो मां-बाप भी मान लेते हैं। हां, हां बच्चा सही कहता था पेन ठीक नहीं थी। इन्होंने भी अभी से माहौल बना दिया है EVM में गड़बड़ है। अब बेचारी वोट डालने वाली मशीन भी क्या करे? देश की जनता जब अपने चौकीदार पर इतना प्रेम बरसा रही है तो बेचारी उस मशीन को भी गाली खानी पड़ रही है उसके नसीब में भी गाली आ रही है।

साथियो, EVM पर विपक्षियों का ये रोना इसलिए भी हो रहा है क्यूंकि ये लोग इन महामिलावटियों को वोट देकर अपना वोट बेकार नहीं जाने दे रहे हैं। और जो लोग मिलीजुली सरकारों में खुद को प्रधानमंत्री देख लेते थे, दिन में 10 बार चेहरा शीशे में देखते थे, और शीशे पर लिख कर के देखते थे पी एम और सोचते थे हां ये मेरे लिए लिखा हुआ है, ये इनके सपने चूर हो गए। वो ज्यादा उछल-उछल कर के। अरे जो अपनी विधानसभा की चुनाव बचा पाने की ताकत नहीं रखते है उन्होंने अब EVM को गालियां देना शुरू कर दिया है। लोग वोट कर रहे हैं देश के विकास के लिए, देश को मजबूत बनाने के लिए, उन चुनौतियों को दूर करने के लिए जो कांग्रेस ने अपने इतने वर्षों के शासन में पैदा की हैं।

साथियो, दिल्ली में आपने मजबूत सरकार बनाई, तभी आज नक्सलवाद-माओवाद पर हम इतना काबू पा सके हैं। झारखंड में भी आप इसका अनुभव कर रहे हैं की पहले जिन इलाकों में दिन ढलने के बाद लोग घर से निकलने से डरते थे, वहां अब स्थितियां तेजी से बदल रही हैं।

साथियो, भाजपा-एनडीए सरकार के प्रयासों का ही परिणाम है की देश में नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या में बहुत कमी आई है। इन इलाकों में रहने वाले आदिवासी नौजवानों में भी एक विश्वास जगा है, एक उत्साह जगा है। उनका रिकॉर्ड संख्या में हिंसा का रास्ता छोड़कर के देश के विकास के लिए मुख्य धारा में आना तेज गति से शुरू हुआ है। जो लोग दिल्ली में बैठ कर के अंदरूनी हालात पर दुनिया भर का ज्ञान परोसते रहते हैं, वो जरा गांव, देहात और जंगलों में हो रहे इस परिवर्तन को देखना भी नहीं चाहते।

साथियो, आज भारत ही नहीं दुनिया भर के सामने एक और बड़ी चुनौती है- आतंकवाद । आपने दो दिन पहले ही देखा की किस तरह, ईस्टर के पवित्र दिन हमारे पड़ोस में श्रीलंका में, आतंकवादियों ने किस तरह चर्च और दूसरी प्रमुख जगहों पर बम धमाके किए। जो दिन भगवान यीशू के संदेश की याद दिलाता है, जो दिन मानवता की सेवा का प्रतीक है, उस दिन आतंकियों ने सैकड़ों लोगों को जो भगवान यीशू की प्रार्थना में लगे हुए थे उनकी जान ले ली।

2014 से पहले भारत में भी तो इसी स्थिति से गुजरता था। पाकिस्तान आतंकी भेजता था, आतंकी यहां पर हमले करते थे और जो कांग्रेस की सरकार थी, वो रोना शुरू कर देती थी। रोते हुए, डर-डरकर के, क्या डर-डरकर के आतंकवाद का मुकाबला हो सकता है क्या? डर-डर के आतंकवाद से लड़ा जा सकता है क्या?
साथियो, पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब, यही आपके चौकीदार की सरकार ने किया है। हमने घर में घुसकर आतंकियों को मारा है, आतंक के सरपरस्तों को साफ कर दिया है। आज हर आतंकी के मन में ये डर है की अगर उसने कोई गलती की, तो ये मोदी है। उसे पाताल से भी खोजकर ठिकाने लगाएगा, भारत के खिलाफ किए गए हर गुनाह की सजा उसको भुगतनी पड़ेगी।

साथियो, कोई भी भारतीय, जहां कहीं भी संकट में हो, मुश्किल में हो, हमारे लिए वो सिर्फ और सिर्फ भारतीय है। वो चर्च में जाता है, वो मस्जिद में जाता है, वो गुरुद्वारे में जाता है, वो मंदिर में जाता है, हमारे लिए ये कोई मायने नहीं रखता है। बस वो हिंदुस्तानी है, बस हमारा है और उसके लिए हम सब कुछ करते हैं। हम भारतीय की सेवा, हमारा कर्तव्य है, यही मान के काम करते हैं। बिना पंथ देखे, बिना भेदभाव किए उसकी मुश्किलें कम करना, उसका जीवन आसान बनाना, यही हमारी प्राथमिकता है। आपको मालूम होगा, इराक में हमारी केरल की और साउथ इंडिया के कुछ राज्यों की, हमारी कुछ बेटियां इराक में नर्सिंग का काम करती थीं। 46 बेटियां, आतंकवादियों ने उनको पकड़ लिया, वो जीवन और मृत्यु के दिन काट रही थीं। उनको बचाने के लिए कहीं चर्च में प्रार्थना हो रही थी, कहीं मंदिर की घंटियां बज रही थीं, कही नमाज हो रही थी सबको लग रहा था की हमारी बेटियों का क्या होगा? लेकिन भाइयो बहनो, वो आपकी बेटी ये चौकीदार की भी बेटी है। हमने ये नहीं देखा की किस बेटी के भाल पर कुमकुम तिलक है, हमने कभी ये भी नहीं देखा की किस बेटी की गले में रुद्राक्ष की माला है, हमने कभी ये भी नहीं देखा की वो किस मंदिर में जाती है, किस चर्च में जाती है, मस्जिद में जाती है हमारे लिए वो मेरे देश की बेटी हैं। हम उन 46 बेटियों को वापस लेकर के आ गए। उन्हें छुड़ा कर के उनके मां बाप के पास पहुंचा दिया भाइयो। हमने दिन रात एक कर दिया था।

अफगानिस्‍तान में फादर एलेक्सिस प्रेम, उसको आतंकवादियों ने पकड़ लिया, महीनों तक आतंकवादियों ने अपने पास रखा। उसी प्रकार से फादर टॉम उसको इस्लामिक स्टेट के आतंकियों ने पकड़ लिया। यहां पर सभी चर्च से लोग लगातार मुझे मिलने आते थे की फादर प्रेम को बचाइए, फादर टॉम को बचाइए, मैंने कहा ये चौकीदार है। मैं मेरे देश के इन दो साथियों को जिंदा वापस लाने के लिए मेहनत करने में कोई कसर नहीं छोड़ूंगा और आतंकवादियों के चंगुल से ये दोनों फादर प्रेम और फादर टॉम दोनों को बारी-बारी से ला कर के आज उनके मां बाप को सुपुर्द कर दिया भाइयो।
अफगानिस्तान में चर्च में काम करने वाली पश्चिम बंगाल की हमारी एक बेटी जूडिथ डिसूजा । अफगानिस्तान में आतंकवादियों में आतंकवादी उसको किडनैप कर के ले गया। बहुत बड़ा संकट था, पता नहीं बेटी के साथ क्या होता। हम धर्म जाति के आधार पर नहीं सोचते हैं। वो बंगाली है , गुजरती है, मराठी है, झारखंड से है, बिहार से ये नहीं सोचते हैं हमारे लिए तो वो देश की बेटी है और उसको भी दिन-रात मेहनत कर के, उस बिटिया को भी जिंदा लौटा कर के ले आए और कलकत्ता में उसके परिवार को सुपुर्द कर दिया।

भाइयो-बहनो, जब इस फौलादी सरकार की आप वाह-वाही करते हैं तो ये भी याद रखिएगा की कांग्रेस और उसके महामिलावटी साथियों का आतंक को लेकर के क्या रवैया है। ये लोग पाकिस्तान को सबक सिखाने वाले हमारे वीरों पर ही सवाल उठा रहे हैं। वो कह रहे हैं, सबूत लाओ, सबूत लाओ तब हम मानेंगे की पाकिस्तान में आतंकियों पर हमला हुआ। वो हमारे देश के वीर-जवानों की नीयत पर, उनके पराक्रम पर शक कर रहे हैं।

मेरे झारखंड के भाइयो-बहनो, आप मुझे बताइए क्या सेना की बात पर आपको भरोसा है? क्या सेना की पराक्रम पर भरोसा है? मेरे देश के जंगलों में रहने वाले आदिवासी भाइयो-बहनो को समझ भी है, श्रद्धा भी है, लेकिन राजनीति में खपे हुए खेल-कूद करने वाले कांग्रेस के लोगों के दिमाग में देश की सेना के प्रति सम्मान का भाव नहीं है। बताओ भाइयो-बहनो, इन आदिवासी इलाकों से झारखंड से जो बेटे-बेटी फौज में गए हैं, उनकी नीयत पर शक किया जा सकता है क्या? उनकी बहादुरी पर शक किया जा सकता है क्या? लेकिन कांग्रेस आपके देश के हर उस परिवार का अपमान कर रही है जिसका कोई बेटा यी बेटी सेना में है, CRPF में है, BSF में है किसी अन्य अर्धसैनिक बल में है, पुलिस में है। इन लोगों के दिल में क्या चलता है, ये आपको किस नजर से देखते हैं, ये भी मैं आपको जरा मैं बताना चाहता हूं। मुझे मालूम नहीं है यहां के अखबारों ने इस बात को छापा है की नहीं छापा है, लेकिन जब से मैंने बात सुनी और पढ़ी और मैंने उनके खुद के मुंह से सुना, यानी इधर-उधर की बात नहीं है। कर्नाटक में कांग्रेस ने सरकार बनाई है वहां के मुख्यमंत्री, उस मुख्यमंत्री के पिता जी कभी प्रधानमंत्री हुआ करते थे देश के देवगौड़ा जी। जो प्रधानमंत्री हुआ करते थे उनका बेटा जो मुख्यमंत्री है, उसने क्या बयान दिया और मैं हैरान हूं, टीवी वाले चर्चा नहीं कर रहे, अखबार वाले छाप नहीं रहे है, कांग्रेस वाले मुंह नहीं खोल रहे हैं, मैं हैरान हूं उन्होंने क्या कहा मेरे झारखंड के भाइयो-बहनो, आप जीवन भर आप इस कांग्रेस का मुंह तक नहीं देखोगे ऐसी बात वो मुख्यमंत्री बोले हैं। उनका कहना है, ये उनके शब्द है, उनका कहना है- फौज में तो वही नौजवान जाते हैं, जिन्हें दो वक्त की रोटी नसीब नहीं होती, जिन्हें अपनी भूख मिटानी होती है, पेट भरना होता है इसीलिए वो सेना में जाता है।
डूब मरो, डूब मरो ऐसी सोच रखने वालों डूब मरो।

क्या मेरे देश का आदिवासी, मेरे देश का गरीब, अपने बच्चों को इसीलिए सेना में सुरक्षा बल में शामिल होने के लिए भेजता है। क्या इसीलिए की वो भिखारी है, क्या इसीलिए की उसके पास खाने के लिए रोटी नहीं है? ये कौन सी भाषा बोली जा रही है, क्या देश के लिए मर मिटने वाले मेरे वीर बच्चे इसीलिए सेना में जाते हैं। क्या पुलवामा में जो शहीद हुए, झारखंड के वीर सपूत विजय सोरेंग इसीलिए अपना परिवार छोड़ कर के गए थे की उन्हें दो वक्त का खाना नहीं मिलता था। क्या भाषा बोल रहे हो, क्यों शहीदों का अपमान करते हो क्यों देश की सेना को डिमोरेलाइज करते हो।


कांग्रेस और उसके साथियो, मेरे देश का वीर सपूत दुश्मन को गोली मारने और जरूरत पड़े तो सीना आगे कर के गोली खाने के लिए घर से मां के पैर छू कर निकलता है। उसकी भावनाओं का इतना बड़ा अपमान, भाइयो और बहनो, देश के वीरों को लेकर, देश क सुरक्षा को लेकर कांग्रेस के इस रवैया ने भारत का बहुत नुकसान किया है। कांग्रेस के इसी रवैये की वजह से जब-जब वो सरकार में आती है, वैसे ही हिंसा फैलाने वालों, आतंकवादियों और नक्सलियों का हौसला बढ़ जाता है। भाइयो और बहनो, कांग्रेस, देश की सेवा के लिए सरकार नहीं चलाना चाहती, वो सिर्फ एक परिवार के लिए सोचती है और उसी को समर्पित है। बाकी लोग उसके लिए सिर्फ एक वोटबैंक हैं। आजादी के बाद से लेकर आज तक का इतिहास देखें तो कांग्रेस में आप इस एक परिवार के अलावा और किसी की तारीफ नहीं सुनेंगे। इस परिवार के अलावा कांग्रेस को भारत में कोई और रत्न ही नहीं दिखता। इसी परिवार के आगे, कांग्रेस को कभी भगवान बिरसा मुंडा नहीं आती। इस परिवार के आगे कांग्रेस को कभी बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर नहीं दिखते। इस परिवार के आगे कांग्रेस को कभी सरदार वल्लभ भाई पटेल नहीं दिखते। कांग्रेस, अपना हर फैसला नामदार के परिवार के हितों को ध्यान में रखते हुए लेती है, देश का कुछ भला हो जाए, देश के गरीबों का कुछ भला हो जाए इसकी उसने कभी परवाह नहीं की।

साथियो, बरसों तक कांग्रेस ने जनजातीय समुदाय को भी सिर्फ एक वोटबैंक के रूप में इस्तेमाल किया। आपके काम-काज, आपकी पूजा पद्धति, आपकी परंपराओं पर कांग्रेस ने जान बूझकर हमला होने दिया है। इसीलिए मैं आपको कांग्रेस द्वारा फैलाई जा रही अफवाहों से सतर्क करना चाहता हूं। आप आश्वस्त रहिए, जब तक मोदी है, ये आपका चौकीदार है, जब तक मोदी है, तब तक आपकी जमीन, आपका जंगल, आपके अधिकार, इसे कोई पंजा हाथ नहीं लगा पाएगा।

साथियो, कांग्रेस ने दशकों तक कैसे आपके अधिकारों को नजरअंदाज किया है। आपके साथ अन्याय किया है और कैसे आपके इस चौकीदार ने आपके अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। भाइयो और बहनो, एक कांग्रेस पार्टी ही थी जिसके समय में जंगलों में मौजूद संपदा पर, खनिजों पर, पहला हक उद्योगों का माना जाता था, बड़ी-बड़ी कंपनियों का माना जाता था। यहां लोहरदगा में भी तो बॉक्साइट की इतनी खदानें हैं, कांग्रेस ने इन्हें भी तो माफिया के हवाले कर दिया था।

साथियो, आदिवासी अपना जंगल देता था, जमीन देता था और बदले में उसे कुछ नहीं मिलता था। जब मेरे सामने ये मामला आया तो मैंने फौरन अधिकारियों को कहा की कांग्रेस का ये अन्याय नहीं चलेगा । मैंने तय किया की आदिवासी इलाकों में जो खनिज निकलता है, उसका एक हिस्सा वहीं के आदिवासी विस्तारों के विकास में लगाना कंपलसरी होगा। इसके लिए चौकीदार ने पहली बार डिस्ट्रिक्ट मिनरल फण्ड बनाया, कानूनी व्यवस्था की।

साथियो, इतने कम समय में इस योजना से अकेले झारखंड जैसे छोटे राज्य को आदिवासी इलाकों के कल्याण, विस्तार और विकास के लिए चार हजार करोड़ रुपए मिला है। वरना पहले ये पैसे उद्योगकारों के जेब में जाते थे। इसी पैसे से आदिवासी क्षेत्रों में रास्ते बन रहे हैं, स्कूल, अस्पताल, खेल में मैदान बन रहे हैं। आपके इस चौकीदार की नीयत नेक है इसलिए नीति साफ है। दूसरी तरफ कांग्रेस के पास सिर्फ वंशवाद है और गरीब को गरीब बनाए रखने की सोच है। इसी सोच की वजह से जहां भी कांग्रेस की सरकारें बन रही हैं, वहां आदिवासियों को मिलने वाली सहायता बंद कर रही हैं।
साथियो, आयुष्मान भारत योजना जो यहीं झारखंड से शुरू हुई थी, मैंने यही पर उसका प्रारंभ किया था उसको भी कांग्रेस के सरकार वाले, छत्तीसगढ़ में बंद कर दिया गया है। यहां झारखंड में जहां एक लाख गरीब परिवारों को मुफ्त इलाज मिल भी चुका है, वहीं अब छत्तीसगढ़ के आदिवासियों को इलाज के लिए तरसाया जा रहा है।

साथियो, कांग्रेस किसानों के साथ भी धोखा करने की तैयारी में है, छत्तीसगढ़ ,मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार पी एम किसान योजना को भी ठीक से लागू नहीं कर रही है। यहां झारखंड में तो किसानों को डबल लाभ मिल रहा है लेकिन कांग्रेस और उसकी साथियों की ताकत जरा भी बढ़ी तो वो किसानों के, आदिवासियों के खाते में पैसे जो भेजे जा रहे हैं इन पैसों को तुरंत रोक देती है।

भाइयो-बहनो, और जैसे बैंकों के खाते में किसानों के खाते में पैसा जमा होना शुरू हो गया तो ये झूठ बोलने की आदत वाली कांग्रेस परेशान हो गयी। परेशान होकर उन्होंने अफवाह शुरू की है की मोदी जी ने जो पैसे दिए है ना, चुनाव के बाद ये मोदी वापस ले लेने वाला है, ये तो लोन दिया है। ये झूठ है मेरे भाइयो-बहनो, ये पैसा जो भेजा गया है आपके खाते में वो आपकी मालिकी है। कोई इसको वापस नहीं ले सकता है, कोई इसको छीन नहीं सकता है ये आपका पैसा है और ये एक बार के लिए नहीं है। ये जिंदगी भर मिलने वाला है, हर साल में 3 बार मिलने वाला है ताकि मेरे गरीब आदिवासी किसानों को जब खाद खरीदना हो, बीज खरीदना हो, दवाईयां खेत के लिए लानी हो, उसको कही साहूकार से पैसा लेना ना पड़े। बहनो, हमारी सरकार गरीब को सशक्त बना कर, उसे सुविधाएं दे कर, उसकी गरीबी दूर करना चाहती है, सबका साथ-सबका विकास ये हमारा मंत्र है। साथियो, खेती के साथ साथ जो जंगल की उपज है उसका आप सभी को सही दाम मिले, इसके लिए भी हमारी सरकार ने बड़े कदम उठाए हैं। हमने वन उपज का समर्थन मूल्य तो समय-समय पर बढ़ाया ही है। वन उपजों की संख्या में भी वृद्धि की है। फसलों की मूल्य वृद्धि के लिए देश भर में वन धन केंद्र भी बनाए जा रहे हैं। हमारी सरकार ने बांस से जुड़े दशकों पुराने कानून को भी बदल दिया है। अब आप अपने खेत में भी बांस उगा सकते हैं और उसको काट कर के बेच के अपनी आय भी बढ़ा सकते हैं।

साथियो, हम आपकी छोटी-छोटी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए काम कर रहे हैं। चुनाव के नतीजे आने के बाद भारतीय जनता पार्टी एनडीए की सरकार खेतिहर मजदूरों के लिए, आदिवासी किसानों के लिए, पेंशन योजना भी शुरू करने जा रही है। भाइयो-बहनो, बेटियों की सुरक्षा और बेटियों का सम्मान हमारा प्रण है और इसीलिए मोदी सरकार की हर बड़ी योजना के केंद्र में बेटियां हैं, बहने हैं। चाहे सखी मंडलों के लिए आर्थिक सहायता बढ़ाना हो, आवास योजनाओं के तहत बन रहे घरों की रजिस्ट्री महिलाओं के नाम करना हो, धुएं से मुक्ति के लिए मुफ्त गैस कनेक्शन देना हो, घर-घर में शौचालय बनाने का काम हो। इनसे महिलाओं का जीवन ही आसान हो रहा है, आपके विकास के लिए हो रहे ये काम जारी रहे इसीलिए आपको इस चौकीदार को मजबूत करना होगा। कमल के निशान को दिया आपका हर वोट मोदी के खाते में जाएगा।

भाइयो-बहनो, आप चाहते हैं हिंदुस्तान मजबूत हो। मैं आप सब से पूछना चाहता हूं, क्या आप चाहते हो हमारा देश मजबूत हो? हमारा देश मजबूत होना चाहिए? हमारा देश घुसकर के मारना शुरू किया है वो सही किया है, ये करना चाहिए, ये मजबूत सरकार कर सकेगी की मजबूर सरकार करेगी? आज जितने नेताओं के चेहरे दिखाई दिए जाते है मुझे सच बताइए भाई, ये पत्रकारों को खुश करने के लिए नहीं बोलना है जो सही वही बोलना है बोलेंगे ,सही वही बोलना है बोलेंगे। मुझे बताइए आतंकवाद से जितने चेहरे दिखते हैं, जितने नेता ये प्रधानमंत्री बनने का दावा कर रहे हैं, हर गली मोहल्ले वाला आज कल निकल पड़ा है। मैं आपसे पूछना चाहता हूं, आतंकवाद से लड़ने की ताकत रखने वाला नेता कौन है , कौन है? आतंकवाद को ईमानदारी से खत्म करने का काम कौन करेगा? गरीब से गरीब का भला कौन करोग? गांव का भी विकास कौन करेगा, शहरों का भी विकास कौन करेगा? आपके बच्चों का भविष्य उज्जवल कौन बनाएगा? आपको भरोसा है? पक्का भरोसा है लेकिन एक गलती है, आप कह रहे है सब मोदी करेगा, मोदी करेगा। जी नहीं ये सब आपका वोट करेगा वोट। आपके वोट की ताकत है, आपका वोट जब कमल के बटन को दबाएगा तब देश में ताकत आएगी, देश मजबूत और बनेगा और एक मजबूत चौकीदार मजबूती से काम करेगा। मेरे साथ एक संकल्प लेंगे भाइयो बहनो, एक संकल्प लेंगे? दोनों हाथ ऊपर कर के मुट्ठी बंद कर के पीछे जो धूप में खड़े है दूर-दूर, अगर उनको सुनाई देता है तो वो भी, यहां बैठे हुए वो भी सब लोग उधर भी खड़े हुए दूर-दूर मैं लोगों को देख रहा हूं। मैं एक नारा बुलवाऊंगा, आपको बोलना है चौकीदार।

गांव-गांव है… चौकीदार, गांव-गांव है… चौकीदार, शहर- शहर है… चौकीदार, बच्चा-बच्चा… चौकीदार, बड़े-बुजुर्ग भी… चौकीदार, माताएं-बहने… चौकीदार, घर-घर में भी… चौकीदार, खेत-खलिहान में… चौकीदार, घर-घर में है… चौकीदार, खेत-खलिहान में… चौकीदार, बाग-बगान में… चौकीदार, देश के अंदर… चौकीदार, सरहद पर भी… चौकीदार, डॉक्टर-इंजीनियर… चौकीदार, शिक्षक- प्रोफेसर… चौकीदार, लेखक-पत्रकार… चौकीदार, कलाकार भी… चौकीदार, किसान-कामगार… चौकीदार, दुकानदार भी… चौकीदार, वकील-व्यापारी… चौकीदार, छात्र- छात्राएं… चौकीदार, पूरा हिंदुस्तान… चौकीदार, पूरा हिंदुस्तान… चौकीदार, पूरा हिंदुस्तान… चौकीदार। भारत माता की… जय, भारत माता की… जय, बहुत बहुत धन्यवाद।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।