Rashtravaad (Nationalism), Antyodaya (Empowerment of Poor) and Sushasan (Good Governance) are at the core of BJP’s philosophy: PM Modi in Latur
It is very unfortunate that the Congress manifesto and Pakistan speak in the same tone when it comes to Kashmir: PM Modi
The Congress-NCP alliance for takes sides with those that want a separate Prime Minister for Jammu and Kashmir: Prime Minister Modi

भारत माता की... जय
भारत माता की... जय

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्रीमान देवेन्द्र फडणवीस जी, शिवसेना प्रमुख मेरे छोटे भाई श्रीमान उद्धव ठाकरे जी, मंच पर उपस्थित अन्य महानुभाव और मेरे प्यारे भाइयो और बहनो।
मुझे बताया गया इतनी भयंकर गर्मी में आप में से बहुत लोग 9:00-9:30 बजे से यहां बैठे हुए हैं। मेरे प्यारे भाइयो-बहनो, इस भयंकर ताप में, इतने भयंकर ताप में आप जो तपस्या कर रहे हैं इसे मैं कभी बेकार नहीं जाने दूंगा, इससे मैं ब्याज समेत विकास कर के लौटाऊंगा। आपका ये आशीर्वाद ही है जो मुझे निरंतर काम करने के लिए प्रेरित करता है। आपके इसी विश्वास ने हमें बड़े लक्ष्य हासिल करने और बड़े संकल्प के लिए काम करने का साहस दिया है। वैसे भी लातूर और आस-पास का पूरा क्षेत्र बड़ी-बड़ी आपदा से टकराने की हर संकट का सामना करने की और फिर से खड़े हो जाने की प्रेरणा देता हैं।

साथियो, छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे महाराष्ट्र की धरती के महान शूरवीरों ने जिस प्रकार के स्वाभिमानी और शक्तिशाली राष्ट्र की कल्पना की थी, ठीक उसी रास्ते पर आज भारत चल पड़ा है।
साथियो, 2014 में आपके सामने हम कुछ लक्ष्यों को लेकर के आए थे। इन लक्ष्यों को प्राप्त करने में आपने मेरा जो सहयोग दिया, जिस तरह बड़े फैसलों का समर्थन किया, मैं उसके लिए आज आदरपूर्वक, नम्रतापूर्वक, आपका आभार जताता हूं। भाइयो-बहनो, आपके इस चौकीदार की पांच वर्ष की सबसे बड़ी कमाई हैं विश्वास, जो हुआ उसके लिए भी आपका ये चौकीदार याद आता है और जो होना चाहिए उसकी भी जिम्मेदारी मेरे ही हिस्से में है। इसी विस्तार को विश्वास देते हुए संकल्पित भारत, सशक्त भारत बनाने का सकंल्प हमने देश के सामने रखा है।

साथियो, राष्ट्रवाद हमारी प्रेरणा है, अंत्योदय हमारा दर्शन है और सुशासन ये हमारा मंत्र हैं। इसी भावना पर नए भारत के निर्माण के लिए हम देश के जन-जन देश के हर नागरिक की भागीदारी चाहते हैं। एक तरफ हमारे नीति और नीयत है और दूसरी तरफ हमारे विरोधियों का दोहरा रवैया है।

साथियो, आतंकवादियों के अड्डों में घुसकर मारेंगे, आतंकवादियों के अड्डे में घुसकर मारेंगे ये नए भारत की नीति है। आतंक को हराकर ही हम दम लेंगे यह हमारा संकल्प है। जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रवादियों के मन में हमने एक नया विश्वास जगाया है। अब जम्मू-कश्मीर में स्थिति सामान्य बनने का हमारा संकल्प, हम सामने देख रहे हैं,परिणाम को।

साथियो, घुसपैठियों की पहचान का हमने वादा किया था। ये बड़ा काम हम शुरू कर चुके हैं। अब घुसपैठ को पूरी तरह बंद करेंगे,ये हमारा संकल्प है। नक्सलियों पर प्रहार और आदिवासी भाई-बहनों तक विकास का लाभ पहुंचाने के लिए हमने दिन-रात मेहनत की है। हम नक्सल, माओवाद नक्सल-माओवाद से मुक्त हिंदुस्तान का हमारा संकल्प है। देश की सांस्कृतिक विरासत को दुनिया भर में फैलाने का काम हमने किया है। इसी विरासत को हर प्रकार के आगात से बचाने के लिए तैयार करना ये हमारा संकल्प है। आप मुझे बताइए देश सुरक्षित हाथों में है या नहीं है? मैं आप सब से जानना चाहता हूं देश सुरक्षित हाथों में है या नहीं है?
है है है…

बहुत-बहुत धन्यवाद आपका। आपका आशीर्वाद यही मेरी ताकत हैं। हमारी संस्कृति, हमारी परंपरा की रक्षा, आप मुझे बताइए हमारी संस्कृति, हमारी परंपरा की रक्षा की जानी चाहिए की नहीं की जानी चाहिए? आपको इस चौकीदार पर विश्वास है?

भाइयो और बहनो राष्ट्र की सुरक्षा के लिए ही ये हमारा काम और हमारे संकल्प है। इसी तरह कांग्रेस और उसके साथियों की देश विरोधी सोच हैं। भाइयो और बहनो, कांग्रेस ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 किसी भी कीमत पर नहीं हटाई जाएगी। जो बात कांग्रेस का ढकोसलापत्र कह रहा है, वही भाषा पाकिस्तान भी बोल रहा हैं।

कांग्रेस का कहना है की वो जम्मू-कश्मीर में अराजकता फैलाने वालों से बातचीत करेंगे, पाकिस्तान भी तो यही बार-बार कह रहा ताकि भारत इन्हीं बातों में उलझा रहे। कांग्रेस कह रही है की हिंसा वाले इलाकों में सैनिकों को मिले विशेष अधिकार को वो वापस ले लेंगे। पाकिस्तान भी तो यही चाहता है ताकि आतंक के सरपरस्तों को खुली छूट मिल जाए। कांग्रेस ने घोषणा की है की देश को गाली देने वालों टुकड़े-टुकड़े की बातें करने वालों को खुला लाइसेंस देंगे, देशद्रोह का कानून खत्म करेंगे। पाकिस्तान भी तो यही चाहती है कि भारत के खिलाफ काम करने वालों को खुली छूट मिल जाए।

भाइयो और बहनो जो लोग ऐसी बातें कर रहे हैं उन पर विश्वास कर सकते हैं? क्या ऐसी कांग्रेस पे विश्वास कर सकते है क्या, उनके साथियों पर विश्वास कर सकते है क्या? क्या ये लोग देश को सुरक्षा दे पाएंगे क्या?

भाइयो-बहनो, कांग्रेस आज संकल्प पत्र में हम जिएंगे तब तक 370 नहीं हटाएंगे की बात करती हैं। अरे,कांग्रेस में अकल होती और 1947 में ऐसी हिम्मत के साथ खड़ी होती की हम देश का बटवारा नहीं होने देंगे तो ये पाकिस्तान पैदा ही नहीं होता। ये पाकिस्तान कह रहा है वही बात कांग्रेस के चुनाव मेनिफेस्टो में दिखाई दे रही हैं। भाइयो-बहनो, ये बड़े जोरों से कह रहे हैं की देश में से हम देशद्रोह का कानून हटाएंगे। मैं जरा कांग्रेस वालों को कहता हूं की जरा दर्पण में जाकर अपना मुंह देखो, आपके मुंह में मानवाधिकार की बातें शोभा नहीं देती है। आप कांग्रेस वाले आपको हिंदुस्तान के एक-एक बच्चे को जवाब देना पड़ेगा, हिंदुस्तान के एक-एक बच्चे को न्याय देना पड़ेगा। आप कांग्रेस वालों ने बालासाहेब ठाकरे की नागरिकता छीन ली थी, मतदान करने का अधिकार छीन लिया था और आप..
साथियो, कांग्रेस और उसके महामिलावटी साथियों की वजह से ही देश में इतने दशकों तक सुरक्षा की ऐसी स्थिति बनी रही। अब तो कांग्रेस-एनसीपी, जम्मू-कश्मीर के लिए अलग प्रधानमंत्री चाहने वालों के साथ खड़ी हो गई है।

अरे! शरद राव आप ऐसे लोगों के साथ खड़े हो। अरे, कांग्रेस से तो देश को कोई उपेक्षा नहीं है लेकिन शरद राव आपको शोभा देता है क्या? अरे, राजनीति अपनी जगह पे है शरद राव वहां शोभा नहीं देते है।

साथियो, अलग प्रधानमंत्री की बात करने वाले जम्मू-कश्मीर के अलग हो जाने की बात करने वाले ये वो लोग हैं, जिन पर देश ने भरोसा किया था। जम्मू-कश्मीर पर दशकों तक राज करने वालों ने किसके लिए काम किया ये अब देश को समझ आ रहा है, इनके दिल में जो इच्छा दबी है दशकों से ये जो चाहते हैं। वो अब खुल-कर के सामने आ रहा है। ऐसे लोग वो क्या जम्मू- कश्मीर के हालात सुधार पाएंगे? इनपर भरोसा कर सकते है? इनकी सच्चाई देश के हर नागरिक को समझनी चाहिए।

भाइयो और बहनो, आज कल ये लोग मेरे पीछे पड़े हैं, मुझे ये कहते हुए गालियां दे रहे हैं की भारत ने पाकिस्तान का कोई लड़ाकू विमान नहीं गिराया, दुनिया में एक झूठ कहीं से भारत के खिलाफ निकलता है तो ये लोग लपक कर के उसको उठा कर के दो दिन अपना मीडिया में जगह बनाने के लिए कोशिश करते हैं।

अरे! मेरे प्यारे कांग्रेस के नौजवानों, कांग्रेस के बुजुर्गों, आपको कितने सबूत चाहिए? देश की सेना से कितने सबूत चाहिए? वायु सेना से कितने सुबूत चाहिए? अरे, सुबूत मत खोजिए जिस दिन हमने एयर स्ट्राइक किया दूसरे दिन पाकिस्तान ने थोड़ा रौब दिखाने की कोशिश की और घंटे भर में पाकिस्तान का स्पोक्समैन टीवी पर आया और आ कर के उसने कहा हमने हिंदुस्तान के दो जहाज गिरा दिए हैं। उन्होंने कहा हिंदुस्‍तान के दो पायलट हमारे कब्‍जे में हैं, एक पायलट को मार गिराया है, उन्होंने कहा हिंदुस्तान का एक पायलट मार दिया गया है, और उसी दिन शाम को उनको कहना पड़ा, उन्हीं को कहना पड़ा की हमने एक विमान तोड़ा है। और उनका एक पायलट हमारे पास है तो दूसरा विमान, दूसरे दो पायलट का क्या हुआ? ये तो छोटे बच्चे को भी समझ आता है और इसीलिए, अरे! जिनको हमारे पर भरोसा नहीं है, क्या आप लोगों को अपने ही वीर जवानों की बातों पर भरोसा नहीं है, ऐसे लोगों को और इनके साथ खड़े लोगों को सजा देना जरूरी है। आप सजा देंगे की नहीं देंगे,कड़ी सजा देंगे की नहीं देंगे, इनकी जमानत जब्त हो ये हालत करेंगे की नहीं करेंगे?

भाइयो और बहनो, अपने वोटबैंक के लिए, अपनी राजनीतिक स्वार्थ के लिए, इन लोगों ने देश की सुरक्षा को नजरअंदाज किया। अब आपके इस चौकीदार ने इनके सारे पुराने खेलों पर रोक लगा दी है। अब जो फैसले हो रहे हैं वो सिर्फ और सिर्फ देश के हितों को आगे रख कर, देश के लोगों को आगे रख कर किए जा रहे हैं।

भाइयो और बहनो, गांव और किसानों के लिए महायुती की सरकार ने निरंतर काम किया है। 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो, ये हमारा संकल्प है। इस संकल्प को पूरा करने के लिए हमने 22 फसलों का MSP लागत का 1.5 गुना तय किया था, हमने बीज से बाजार तक पुरानी व्यवस्थाओं को बदलने के लिए काम किया है। इसी तरह प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के जरिये अभी 12 करोड़ छोटे और सीमांत किसान परिवारों के खाते में आज सीधे पैसे जमा हो रहे हैं। अब भाजपा ने कल जो संकल्प पत्र घोषित किया है। हमने देश के किसानों को वादा किया है की चुनाव के बाद हमारी जब नई सरकार बनेगी और नई सरकार बनने के बाद पहले वाली जो हमने योजना बनाई है छोटे और सीमांत किसानों की, उसको आगे बढ़ा कर के देश के सभी किसान परिवारों को ये योजना का लाभ मिलेगा, यानि देश के हर किसान के खाते में सीधे पैसे ट्रांसफर किए जायेंगे।

साथियो, खेती के लिए पैसे की दिक्कत कम हो, इसके लिए यह भी महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। खेती के लिए पैसे की दिक्कत कम हो, इसके लिए किसान क्रेडिट कार्ड से एक लाख रुपए तक बिना ब्याज दिए, आपको पैसे मिल पाएंगे, जीरो ब्याज होगा। इसका एलान भी कल संकल्प पत्र में कर दिया गया है।

भाइयो और बहनो, चुनावों के बाद आने वाली एनडीए सरकार देश में एक और नई व्‍यवस्‍था शुरू करने जा रही है, ये है देश के किसानों के लिए पेंशन योजना 60 साल के बाद देश के छोटे किसानों को मिलने वाली पेंशन उनके लिए एक बड़े सपोर्ट की तरह काम करेगी। ये किसानों की सामाजिक सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा कदम होगा लेकिन मैं कल देख रहा था कुछ बुद्धिमान लोग हमारे विरोधी लोग इसका मतलब कुछ और ही निकल रहे थे। वो तो कह रहे थे किसान तो कभी रिटायर होता ही नहीं हैं। अरे भाई, हम भी नहीं चाहते कोई रिटायर हो, हमने कहा है 60 साल के बाद पेंशन मिलना शुरू हो जाएगा वो रिटायर हो या न हो। टीचर भी तो रिटायर होने के बाद काम करता हैं लेकिन पेंशन रिटायर होते ही चालू हो जाती है और इसीलिए रिटायर होने का मतलब ये तो नहीं होता की वो घर बैठ जाता है, बच्चों को पढ़ाता है, ट्यूशन देता है, उससे भी टीचर की कमाई होती है, इसका मतलब ये थोड़ा होता है उसे पेंशन से लाभ नहीं मिलेगा।

साथियो, इसीलिए मैं हमेशा कहता हूं कांग्रेस और उनके साथी किसान और किसानों की जरूरत को कभी समझ ही नहीं पाए। साथियो, किसानों के साथ दूसरे गरीब परिवारों के कल्याण के लिए भी हमने अपनी कोशिशों को नए स्तर पर ले जाने का संकल्प लिया है। देश के करीब 40 करोड़ असंगठित मजदूरों को पहली बार 3 हजार रुपए की नियमित पेंशन हम सुनिश्चित कर रहे हैं। अब देश के करोड़ों छोटे मेहनती दुकानदारों को भी हमने एक और विचार किया है कल संकल्प पत्र में भी घोषित किया है। हर गांव में 5-10 छोटे दुकानदार होते हैं। उनको भी चिंता रहती है बुढ़ापे में क्या होगा? हमने तय किया है की देशभर के छोटे दुकानदारों को भी पेंशन की सुविधा से जोड़ने का काम करेंगे और उनको भी पेंशन मिलेगा। 1.5 करोड़ गरीबों को अपने पक्के घर हम दे दिए हैं। 2022 तक हर बेघर को अपना पक्का घर देना ये हमारा संकल्प है, आयुष्मान भारत योजना के तहत हमारी सरकार ने 50 करोड़ गरीबों को हर वर्ष मुफ्त इलाज का प्रबंध किया है। अब हमने हर गरीब के दरवाजे पर प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं ले जाने का संकल्प लिया है।

साथियो, भारतीय जनता पार्टी का संकल्प पत्र, चुनाव के बाद एनडीए की सरकार होने वाली है और हमारी सरकार की दिशा दिखाने, सरकार की प्राथमिकता बताने का ये हमारा संकल्प पत्र एक मध्यम है। एक कोशिश है की कम शब्दों में हम अपना विजन इस संकल्प पत्र के माध्यम से हम देश के सामने रखते हैं। देश की वर्तमान आवश्यकता और भविष्य की जरूरतों, चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए उससे तैयार किया गया है। लेकिन ऐसा भी नहीं है जो संकल्प पत्र में लिखा हम वही तक सीमित रहते हैं। 2014 में हमने अपने संकल्प पत्र में ये नहीं कहा था हम सर्जिकल स्ट्राइक करेंगे और हम एयर स्ट्राइक करेंगे, लेकिन आवश्यकता पड़ी तो वो भी हमने कमाल कर के दिखाया। हमने ऐलान नहीं किया था की सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण देगें लेकिन कोई गाजे-बाजे बजाए बिना समाज में तनाव पैदा किए बिना, किसी का छीने बिना, हमने हमारे मध्यमवर्ग के गरीब परिवारों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का काम पूरा कर दिया। हर घर तक बिजली, हर घर को गैस, घर-घर शौचालय, हर व्यक्ति का बैंक खाता। इसकी भी पहले हमने घोषणा नहीं की थी लेकिन इस काम को भी हमने पूरी ईमानदारी से हमने लागू किया।

भाइयो और बहनो, कांग्रेस की विशेषता है कि वो जो ढकोसला पत्र देश के सामने रखती है, उसे उन्होंने आजादी के 60 साल में कभी पूरा नहीं किया। हमारी विशेषता है की हम जो संकल्प लेते है उसे पूरा करने के लिए दिन-रात एक कर देते है, कांग्रेस का तरीका है लोगों को झूठ बोलकर भ्रमित करने का, धोखा देने का, जैसे की कर्ज माफी। जब की हमारी कार्यसंस्कृति हैं, संकल्प से सिद्धि की, जैसे की पी एम किसान सम्मान योजना। आपको याद होगा हमने ये योजना घोषणा की और सिर्फ एक महीने के भीतर ये योजना लागू भी हो गई शुरू हो गई, किसानों के खाते में पैसा जमा होना शुरू हो गया।
साथियो, उनका ढकोसलापत्र सिर्फ और सिर्फ वोट के लिए है, हमारा संकल्प पत्र वोटर के लिए है। उनका ढकोसला पत्र अपने स्वार्थ की सिद्धि के लिए है, हमारा संकल्प पत्र देश के विकास की सिद्धि के लिए है। उनका ढकोसला पत्र नामदार की चौथी पीढ़ी को सुरक्षित करने के लिए है, हमारा संकल्प पत्र देश की वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित करने के लिए है। उनका ढकोसला पत्र सिर्फ उसकी आयु 23 मई तक है, हमारा संकल्प पत्र आने वाले 5 वर्षों के लिए है।

भाइयो-बहनो, छत्रपति शिवाजी महाराज की ये धरती है। छत्रपति शिवाजी महाराज की पहचान कुछ लोग इसी में देखते हैं की छत्रपति शिवाजी महाराज बहुत बड़े योद्धा थे, बहुत कम लोग इस बात की चर्चा करते हैं की वे एक महान प्रशासक, जमीनी जरूरतों को देखते हुए काम करने वाले एक महान नीति निर्माता भी थे। अपने समय में छत्रपति शिवाजी महाराज ने महाराष्ट्र की धरती पर पानी के लिए जो काम किया, पानी का जो प्रबंधन किया था उससे महाराष्ट्र और देश को काफी कुछ सीखने को मिला, इतने सालों पहले किया था। साशन प्रसाशन में ऐसी ही सोच आने वाले भविष्य को सुरक्षित करती है।

साथियो, दुनिया में चर्चा है की आने वाले समय में अगर युद्ध होंगे तो पानी के लिए युद्ध होने वाले हैं। इस गंभीर स्थिति में क्या हिंदुस्तान सोता रहेगा, हाथ पर हाथ धर के बैठे रहेंगे, एक दृढ़ पार्टी, एक दृढ़ सरकार का काम यही है की वो भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए अभी फैसले ले। पानी की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए हम अपनी अगली सरकार में जलशक्ति के लिए एक अलग मंत्रालय बनाने जा रहे हैं। ये हमने घोषणा की है इसके तहत देशभर में नदियों को जोड़ने का काम होगा, तालाब, जिलों, सिंचाई व्यवस्था, जल संचयन, जल संरक्षण हर घर तक पानी पहुंचना, हर खेत तक पानी पहुंचना, इस मिशन मोड पर हम काम करने वाले हैं। लातूर के लिए पानी की ट्रेन पहुंची ये तो पूरी दुनिया ने देखा है, जलयुक्त शिविर का लाभ भी देखा है, मां तुलजा भवानी के आशीर्वाद से इस क्षेत्र में पानी की दिक्कत कम हो इसके लिए हम अपने प्रयास और बढ़ाएंगे।

साथियो, देश में रोजगार और स्वरोजगार के लिए मेक इन इंडिया और मुद्रा योजना के माध्यम से एक व्यापक काम हमने किया है। देश भर में वंदे-भारत एक्सप्रेस जैसी हाई स्पीड ट्रेन चले इसका संकल्प हमने लिया है। बहुत जल्द मां तुलजा भवानी के दर्शन के लिए भी श्रद्धालू ट्रेन से पहुंच पाएंगे।

साथियो, लातूर की रेल कोच फैक्ट्री आपको समर्पित हो चुकी है। ये फैक्ट्री नए भारत की रफ़्तार में अहम भूमिका निभाने वाली है। देश के अनेक शहरों में जो मेट्रो ट्रेन का विस्तार हो रहा है उनके डब्बे भी यहीं लातूर में बनने वाले हैं। इससे यहां पर रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे।

साथियो, आज मैं देश के उन नौजवान वोटरों से भी आग्रह करना चाहता हूं जो इस चुनाव में पहली बार वोट डालेंगे और ये बड़े गर्व की बात है। ये वो वोटर हैं जिनका जन्म इक्कीसवीं सदी में हुआ है, ये वो वोटर है जो इक्कीसवीं सदी में पहली बार देश की सरकार चुने जा रहे हैं, लोकसभा के लिए वोट देने जा रहे हैं। और इसीलिए इक्कीसवीं सदी के ये महत्वपूर्ण मतदाता जो पहली बार के वोटर है मैं आपके लिए कुछ बातें करना चाहता हूं। देश के फर्स्ट टाइम वोटरों के साथ मैं आज छत्रपति शिवाजी महाराज की इस पुण्य भूमि की धरती से बात करना चाहता हूं। तुलजा भवानी की धरती से बात करना चाहता हूं। मेरे फर्स्ट टाइम वोटर्स, अपने देखा होगा की हमारे यहां कई परिवारों में देखने को मिलता है की किसी भी बेटे या बेटी को कही काम मिल जाता है, नौकरी मिल जाती है कमाई हो जाती है और उसको फर्स्ट टाइम जब सैलरी मिलती है अगर दुकान करता है तो पहली बार जो कमाई होती है, छोटा - मोटा कोई भी कारोबार होता है। पहली जब कमाई होती है हमारे देश में ज्यादातर बेटे-बेटी क्या करते हैं? पहली कमाई खुद के लिए नहीं रखते है, मन में सोचते है की जा कर के मां के चरणों में रखूंगा या जा कर के अपनी कोई आराध्य देवी होगी उस मंदिर में जा कर के चढ़ा दूंगा या अपनी छोटी बहन होगी पहली कमाई उसको दे दूंगा ऐसा आज भी होता है की नहीं होता है? हम पहली कमाई दे देते हैं की नहीं देते हैं ये देश की परंपरा हैं। मैं आपसे कहना चाहता हूं मेरे देश के फर्स्ट टाइम वोटर को, आप भी संकल्प कीजिए की पहला वोट आपका आपके जीवन की ऐतिहासिक घड़ी हैं, आपके जीवन भर याद रहेगा की पहला वोट कब डाला, कहां डाला कौन सा चुनाव था, किसको डाला ये जीवन भर याद रहने वाला है। हर किसी को पहली घटना याद रहती हैं।

मैं जरा कहना चाहता हूं मेरे फर्स्ट टाइम वोटरों को क्या आपका पहला वोट पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक करने वालें वीर जवानों के नाम समर्पित हो सकता है क्या? मैं मेरे फर्स्ट टाइम वोटर से कहना चाहता हूं की आपका पहला वोट पुलवामा में शहीद हुए उन वीर शहीदों के नाम आपका समर्पित हो सकता है क्या? मैं फर्स्ट टाइम वोटर को कहना चाहता हूं क्या गरीब को पक्का घर मिले इसके लिए आपका वोट समर्पित हो सकता है की नहीं हो सकता? मैं मेरे फर्स्ट टाइम वोटर को कहना चाहता हूं किसान के खेत में पानी पहुंचे इसके लिए आपका पहला वोट जाना चाहिए की नहीं जाना चाहिए? मैं मेरे फर्स्ट टाइम वोटर को कहना चाहता हूं गरीब से गरीब को आरोग्य की सेवा, आयुष्मान भारत योजना सफल हो इसके लिए आपका वोट जाना चाहिए की नहीं जाना चाहिए? मेरे नए वोटर, मेरे फर्स्ट टाइम वोटर आप तय कीजिये की आप इस बार वोट सिर्फ और सिर्फ देश के लिए देंगे। आप 18 साल के हो गए देश ने आपको बहुत कुछ दिया, आप 18 साल के हुए, आपको समाज ने बहुत कुछ दिया है।

18 साल की जिंदगी में आपके परिवार के साथ-साथ किसी शिक्षक ने आपको पढ़ाया होगा, बीमार हुए होंगे तो किसी ने आपकी बीमारी के उपचार किया होगा, आपको आर्थिक मुसीबत होगी तो किसी ने आपको आर्थिक मदद की होगी। इस उम्र को बनने में, इस जीवन को बनने में समाज ने आपको कुछ न कुछ दिया है और इसीलिए पहला वोट किसी भी गलती के बिना सिर्फ और सिर्फ देश के लिए देंगे देश को मजबूत बनाने के लिए दीजिए, देश को मजबूत बनाने के लिए एक मजबूत सरकार बनाने के लिए दीजिए और मैं फर्स्ट टाइम वोटर को कहता हूं आप गर्व से कह सकेंगे। आप अगर कमल पर बटन दबाएंगे या आप धनुष तीर पर बटन दबाएंगे आपका वोट सीधा-सीधा मोदी के खाते में जाने वाला है।

भाइयो-बहनो, एक तरफ एनडीए महायुती की सरकार है जो पूरी तरह से विकास के लिए समर्पित है, भारत को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रही है। दूसरी तरफ कांग्रेस-एनसीपी की महामिलावट है, जहां अपना और अपने परिवार का स्वार्थ राष्ट्रीय हित पर भारी पड़ रहा है। इतनी गुटबाजी है की समझ ही नहीं आ रहा है कौन किसके साथ है। क्या गुटबाजी में फंसे लोग आपका भला कर पाएंगे, आपका भला कर पाएंगे, जो अपनी परिवार की सोचते है,वो आपका भला कर पाएंगे? ये कंफ्यूजन, ये विश्वास सिर्फ महाराष्ट्र तक सीमित नहीं है। कांग्रेस सिर्फ एक ही परिवार के विकास में लगी है और इसीलिए राष्ट्र के विकास की कोई परवाह नहीं है और जब मैं परिवारवाद की आलोचना करता हूं, अगर इन दलों को सीखना है तो बाला साहब ठाकरे से सीखिए। बालासाहब चाहते तो खुद भी मुख्यमंत्री बन सकते थे, बालासाहब चाहते तो उद्धव ठाकरे जी को भी मुख्यमंत्री बना सकते थे, लेकिन बालासाहब ठाकरे ने वो रास्ता नहीं चुना, देश में परिवारवादी पार्टियां अगर सीखना है तो बाला साहब ठाकरे से सीखो।

अरे कांग्रेस में भ्रष्टाचार ही शिष्टाचार है। आपने देखा होगा कल-परसों, कैसे कांग्रेस के करीबियों के घर से, कांग्रेस के दरबारियों के घर से बक्सों में नोटे निकली, देखा की नहीं देखा टीवी पे देखा की नहीं देखा? नोट से वोट खरीदने का ये पाप इनकी राजनीतिक संस्कृति रही है। अब बताइए भईया वो पिछले 6 महीने से बोल रहे हैं चौकीदार चोर है, बोल रहे हैं की नहीं बोल रहे हैं? लेकिन नोटे कहां से निकलती है, नोटों के बंडल कहा ने निकल रहे हैं, असली चोर कौन है, असली चोर कौन है, असली चोर कौन है,चौकीदार का भय किसको है, चौकीदार का भय किसको है? चौकीदार से कौन कांप रहा है, इतने नोटों के बंडल के बंडल निकल रहे हैं तो चौकीदार को गली नहीं देंगे तो क्या देंगे? सोचिए मध्य प्रदेश में सरकार बनी, अभी 6 महीने नहीं हुए हैं लेकिन इनकी मास्टरी देखिए इनकी कलाकारी देखिए, अरबों-खरबों रूपए के लूट के सबूत मिल चुके हैं, भाइयो सबूत मिल चुके हैं। बड़े-बड़े लोगों के बंगलों से कैसे करोड़ों का काला धन इधर से उधर हुआ इसके सबूत सामने खड़े हैं। मारे डर के कुछ रागदरबारी कल तो किसी के यहां से रूपए पड़े तो कांग्रेस के इस परिवार के खासमखास वहां पहुंच गए, पैसे जप्त न हो, सरकार वापिस चली जाए, दबाव डालने लगे, दादागिरी करने लगे लेकिन कैमरा वाले जब फोटो निकलने लगे तो मुंह पे रुमाल बांध कर के भाग गए।

साथियो, भ्रष्टाचार ही वो काम है जो कांग्रेस सत्ता में आने के बाद पूरी ईमानदारी से करती है। वो कभी अपने ढकोसलापत्र में भ्रष्टाचार की बात नहीं लिखती है लेकिन सरकार में आने के बाद सबसे पहले ये रूपए मारने का ही काम करती है। भाइयो और बहनो आप अस्वस्थ्य रहिए, भ्रष्टाचारियों से, आतंकवादियों से, देश को सुरक्षा देने के संकल्प के साथ आपका ये चौकीदार भाजपा-शिवसेना की महायुति पूरी ताकत के साथ जुटी हुई है। आपका एक-एक वोट सीधा मोदी को जाएगा, चौकीदार को मजबूत करेगा और भाइयो-बहनो, मैं एक छोटी सी कथा सुनाना चाहता हूं, गर्मी बहुत है आप हिलने का नाम नहीं ले रहे हैं तो मेरा भी मन कर रहा है बोलता रहूं। इतना प्यार, इतना आशीर्वाद ये दिल्ली में बैठे हुए लोगों को समझ नहीं आता है जी। मैं कांग्रेस के ढकोसला पत्र के लिए एक छोटी कथा सुनाना चाहता हूं, एक छोटी कहानी सुनाना चाहता हूं। एक बार एक परिवार में एक बुजुर्ग और उनके तीन बेटे थे लेकिन ये तीन बेटे पिता जी की परवाह ही नहीं करते थे, एक दूसरे पर टालते रहते थे क्यूंकि उनको मालूम था की पिता जी के पास कुछ नहीं है, मरने के बाद किसी को कुछ मिलने वाला नहीं हैं तो बुढ़ापे में पिता जी के पीछे क्यों खपे। अपने बच्चों की देख-भाल क्यों न करें, ऐसे स्वार्थी मन के बच्चे पिता जी को नाकार रहे थे। तो ये बूढ़े बाप ने दिमाग खपाया की जब उनको कोई स्वीकार ही नहीं करता है, लोग उनको पहचान गए हैं बेटे भी उनकी अब स्वीकृति नहीं करते है तो मुर्ख बनाने के लिए बाप ने एक बड़ा अच्छा काम किया, उसने क्या किया?

एक बड़ा पत्थर लेकर के आया घर में और एक रूपए का सिक्का जो पुराने जमाने में जो बड़ा सिक्का होता है ना, वैसा सिक्का लाया और रात में अपना कमरा बंद कर के जोरों से रूपए को पत्थर पर पटकने लगा तो जोर से आवाज आती थी तो फिर वो गिनता था एक, फिर दूसरी आवाज दो, तीसरी आवाज तीन, फिर सौ, हजार, दस हजार, लाख एक ही रुपए के सिक्के को बार-बार ठोक कर के आवाज निकलता था और जोर-जोर से गिनती करता था। तो बेटे जो उनके घर में थे जाग गए उन्होंने सोचा यार बाप के पास पैसा तो बहुत है, ये बोलता नहीं था अभी गिन रहा है। तो लोगों को लगा अरे भाई चलो कल से बाप को स्वीकार कर लो उनकी सेवा पूजा करो ताकि ये खजाना मिल जाएगा। ये कांग्रेस का ढकोसला पत्र भी ऐसा ही है वो पत्थर पर रुपए पीट रहे हैं और प्रजा को मूर्ख बना रहे हैं।

मेरे प्यारे भाइयो-बहनो और इसलिए कांग्रेस वाले समझ लें, ये आपका ढकोसला पत्र, 25 साल पहले आपके पिता जी ने, कभी आपकी दादी मां ने लोगों की आंख में धूल झोक दी। अब वक्त बदल चुका है आप लोगों को मूर्ख नहीं बना सकते। यहां इतनी बड़ी तादात में आप लोग है, मेरे साथ एक नारा बोलेंगे ऐसे नहीं पूरी ताकत से बोलिए। बोलेंगे… सब के सब बोलेंगे?
गांव-गांव है चौकीदार, गांव-गांव है चौकीदार, शहर-शहर है चौकीदार, लातूर में चौकीदार, बंधू-भगिनी… चौकीदार, वकील-व्यापारी चौकीदार।

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बहुत बहुत धन्यवाद।

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November 22, 2024

गुटेन आबेन्ड

स्टटगार्ड की न्यूज 9 ग्लोबल समिट में आए सभी साथियों को मेरा नमस्कार!

मिनिस्टर विन्फ़्रीड, कैबिनेट में मेरे सहयोगी ज्योतिरादित्य सिंधिया और इस समिट में शामिल हो रहे देवियों और सज्जनों!

Indo-German Partnership में आज एक नया अध्याय जुड़ रहा है। भारत के टीवी-9 ने फ़ाउ एफ बे Stuttgart, और BADEN-WÜRTTEMBERG के साथ जर्मनी में ये समिट आयोजित की है। मुझे खुशी है कि भारत का एक मीडिया समूह आज के इनफार्मेशन युग में जर्मनी और जर्मन लोगों के साथ कनेक्ट करने का प्रयास कर रहा है। इससे भारत के लोगों को भी जर्मनी और जर्मनी के लोगों को समझने का एक प्लेटफार्म मिलेगा। मुझे इस बात की भी खुशी है की न्यूज़-9 इंग्लिश न्यूज़ चैनल भी लॉन्च किया जा रहा है।

साथियों,

इस समिट की थीम India-Germany: A Roadmap for Sustainable Growth है। और ये थीम भी दोनों ही देशों की Responsible Partnership की प्रतीक है। बीते दो दिनों में आप सभी ने Economic Issues के साथ-साथ Sports और Entertainment से जुड़े मुद्दों पर भी बहुत सकारात्मक बातचीत की है।

साथियों,

यूरोप…Geo Political Relations और Trade and Investment…दोनों के लिहाज से भारत के लिए एक Important Strategic Region है। और Germany हमारे Most Important Partners में से एक है। 2024 में Indo-German Strategic Partnership के 25 साल पूरे हुए हैं। और ये वर्ष, इस पार्टनरशिप के लिए ऐतिहासिक है, विशेष रहा है। पिछले महीने ही चांसलर शोल्ज़ अपनी तीसरी भारत यात्रा पर थे। 12 वर्षों बाद दिल्ली में Asia-Pacific Conference of the German Businesses का आयोजन हुआ। इसमें जर्मनी ने फोकस ऑन इंडिया डॉक्यूमेंट रिलीज़ किया। यही नहीं, स्किल्ड लेबर स्ट्रेटेजी फॉर इंडिया उसे भी रिलीज़ किया गया। जर्मनी द्वारा निकाली गई ये पहली कंट्री स्पेसिफिक स्ट्रेटेजी है।

साथियों,

भारत-जर्मनी Strategic Partnership को भले ही 25 वर्ष हुए हों, लेकिन हमारा आत्मीय रिश्ता शताब्दियों पुराना है। यूरोप की पहली Sanskrit Grammer ये Books को बनाने वाले शख्स एक जर्मन थे। दो German Merchants के कारण जर्मनी यूरोप का पहला ऐसा देश बना, जहां तमिल और तेलुगू में किताबें छपीं। आज जर्मनी में करीब 3 लाख भारतीय लोग रहते हैं। भारत के 50 हजार छात्र German Universities में पढ़ते हैं, और ये यहां पढ़ने वाले Foreign Students का सबसे बड़ा समूह भी है। भारत-जर्मनी रिश्तों का एक और पहलू भारत में नजर आता है। आज भारत में 1800 से ज्यादा जर्मन कंपनियां काम कर रही हैं। इन कंपनियों ने पिछले 3-4 साल में 15 बिलियन डॉलर का निवेश भी किया है। दोनों देशों के बीच आज करीब 34 बिलियन डॉलर्स का Bilateral Trade होता है। मुझे विश्वास है, आने वाले सालों में ये ट्रेड औऱ भी ज्यादा बढ़ेगा। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि बीते कुछ सालों में भारत और जर्मनी की आपसी Partnership लगातार सशक्त हुई है।

साथियों,

आज भारत दुनिया की fastest-growing large economy है। दुनिया का हर देश, विकास के लिए भारत के साथ साझेदारी करना चाहता है। जर्मनी का Focus on India डॉक्यूमेंट भी इसका बहुत बड़ा उदाहरण है। इस डॉक्यूमेंट से पता चलता है कि कैसे आज पूरी दुनिया भारत की Strategic Importance को Acknowledge कर रही है। दुनिया की सोच में आए इस परिवर्तन के पीछे भारत में पिछले 10 साल से चल रहे Reform, Perform, Transform के मंत्र की बड़ी भूमिका रही है। भारत ने हर क्षेत्र, हर सेक्टर में नई पॉलिसीज बनाईं। 21वीं सदी में तेज ग्रोथ के लिए खुद को तैयार किया। हमने रेड टेप खत्म करके Ease of Doing Business में सुधार किया। भारत ने तीस हजार से ज्यादा कॉम्प्लायेंस खत्म किए, भारत ने बैंकों को मजबूत किया, ताकि विकास के लिए Timely और Affordable Capital मिल जाए। हमने जीएसटी की Efficient व्यवस्था लाकर Complicated Tax System को बदला, सरल किया। हमने देश में Progressive और Stable Policy Making Environment बनाया, ताकि हमारे बिजनेस आगे बढ़ सकें। आज भारत में एक ऐसी मजबूत नींव तैयार हुई है, जिस पर विकसित भारत की भव्य इमारत का निर्माण होगा। और जर्मनी इसमें भारत का एक भरोसेमंद पार्टनर रहेगा।

साथियों,

जर्मनी की विकास यात्रा में मैन्यूफैक्चरिंग औऱ इंजीनियरिंग का बहुत महत्व रहा है। भारत भी आज दुनिया का बड़ा मैन्यूफैक्चरिंग हब बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। Make in India से जुड़ने वाले Manufacturers को भारत आज production-linked incentives देता है। और मुझे आपको ये बताते हुए खुशी है कि हमारे Manufacturing Landscape में एक बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ है। आज मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में से एक है। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा टू-व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। दूसरा सबसे बड़ा स्टील एंड सीमेंट मैन्युफैक्चरर है, और चौथा सबसे बड़ा फोर व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। भारत की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री भी बहुत जल्द दुनिया में अपना परचम लहराने वाली है। ये इसलिए हुआ, क्योंकि बीते कुछ सालों में हमारी सरकार ने Infrastructure Improvement, Logistics Cost Reduction, Ease of Doing Business और Stable Governance के लिए लगातार पॉलिसीज बनाई हैं, नए निर्णय लिए हैं। किसी भी देश के तेज विकास के लिए जरूरी है कि हम Physical, Social और Digital Infrastructure पर Investment बढ़ाएं। भारत में इन तीनों Fronts पर Infrastructure Creation का काम बहुत तेजी से हो रहा है। Digital Technology पर हमारे Investment और Innovation का प्रभाव आज दुनिया देख रही है। भारत दुनिया के सबसे अनोखे Digital Public Infrastructure वाला देश है।

साथियों,

आज भारत में बहुत सारी German Companies हैं। मैं इन कंपनियों को निवेश और बढ़ाने के लिए आमंत्रित करता हूं। बहुत सारी जर्मन कंपनियां ऐसी हैं, जिन्होंने अब तक भारत में अपना बेस नहीं बनाया है। मैं उन्हें भी भारत आने का आमंत्रण देता हूं। और जैसा कि मैंने दिल्ली की Asia Pacific Conference of German companies में भी कहा था, भारत की प्रगति के साथ जुड़ने का- यही समय है, सही समय है। India का Dynamism..Germany के Precision से मिले...Germany की Engineering, India की Innovation से जुड़े, ये हम सभी का प्रयास होना चाहिए। दुनिया की एक Ancient Civilization के रूप में हमने हमेशा से विश्व भर से आए लोगों का स्वागत किया है, उन्हें अपने देश का हिस्सा बनाया है। मैं आपको दुनिया के समृद्ध भविष्य के निर्माण में सहयोगी बनने के लिए आमंत्रित करता हूँ।

Thank you.

दान्के !