The Congress and its ‘Mahamilawati’ allies spent decades ruling the country but could not eradicate poverty from the country: PM Modi
The reason that people do not trust the false promises made by the Congress anymore is because they have seen its past track-record: PM Modi in M.P.
In the past months, thepeople of M.P. have witnessed how the state government of Congress has totally failed to meet the expectations of the people: Prime Minister Modi

भारत माता की जय, भारत माता की जय।

राम-राम, जै माई की। जिस धरती ने अटल बिहारी वाजपेयी जी, विजिया राजे सिंधिया जी, कुशाभाऊ ठाकरे जी जैसे देश को दिशा देने वाले महान व्यक्तित्व दिए, उस धरती को मैं प्रणाम करता हूं। आज ग्वालियर-चंबल की इस धरती पर ऐसे समय पर आया हूं जब देश में चार चरणों का चुनाव हो चुका है और इसमें कांग्रेस और उसके साथी चारों खाने चित हो चुके हैं। ये मेरा सौभाग्य है की आप लोगों का इतना स्नेह, आशीर्वाद मुझे और मेरे सभी साथियों को मिल रहा है। आज यहां मैं अपना प्रचार नहीं, आपका आभार व्यक्त करने आया हूं। 2014 से 2019, मैं जो कुछ भी कर पाया हूं, वो आपके साथ और सहयोग के कारण कर पाया हूं, आपके समर्थन के कारण कर पाया हूं और इसके लिए मैं आप सब का, पूरे मध्यप्रदेश का आदरपूर्वक धन्यवाद करता हूं।

साथियो, ये तो पूरी दुनिया ही पहली बार देख रही है की कैसे देश के लोगों ने अपने इस सेवक के प्रचार की कमान लोगों ने खुद ही संभाल ली है। मैं कहीं पर भी जाता हूं, कार्यकर्ताओं से पूछता हूं कि क्या हाल है भाई चुनाव का। वो कहते हैं साहब, हम कहां चुनाव लड़ रहे हैं, चुनाव तो जनता लड़ रही है, आपके लिए लड़ रही है। शायद 77 के बाद इमरजेंसी के बाद ये पहला चुनाव है जो देश की जनता लड़ रही है और सरकार को दोबारा बनाने के लिए लड़ रही है। जब देश का नवजवान दिन-रात फिर एक बार मोदी सरकार कह के दौड़ रहा हो। जब देश की माताएं-बहने-बेटियां, मेरा प्रचार कर रही हों, जब देश के छोटे-छोटे उद्यमी मेरा प्रचार कर रहे हों तो इससे बड़ा सौभाग्य मेरे लिए और क्या हो सकता है।

साथियो, 2019 के इस चुनाव में एक तरफ महामिलावट करने वालों की गाली-गलौज, झूठ और प्रपंच है और दूसरी तरफ अपने इस सेवक पर जनता जनार्दन का विश्वास है। ये कांग्रेस और उनके सब महामिलावटी, ये कहते हैं मोदी हटाओ लेकिन जिस गरीब को पक्का घर मिला है वो कह रहा है, फिर एक बार… मोदी सरकार। महामिलावटी कहते हैं, मोदी हटाओ लेकिन जिस बहन को शौचालय मिला है, इज्जतघर मिला है वो कह रही है। फिर एक बार… मोदी सरकार। महामिलावटी कहते हैं, मोदी हटाओ लेकिन जिस गरीब बहने को मुफ्त में गैस कनेक्शन मिला है, धुएं से मुक्ति मिली है वो कह रही है, फिर एक बार… मोदी सरकार। महामिलावटी कहते हैं, मोदी हटाओ लेकिन जिस गरीब परिवार को पांच लाख रुपए तक का इलाज मुफ्त सुनिश्चित हुआ है, आयुष्मान योजना उसके दरवाजे पहुंच गई है वो कह रहा है, फिर एक बार… मोदी सरकार। महामिलावटी कहते हैं, मोदी हटाओ लेकिन जिन किसानों के खाते में साधी सहायता पहुंच रही है, जिन्हें छोटे खर्चो के लिए अब उधार नहीं लेना पड़ रहा है वो कह रहे हैं, फिर एक बार… मोदी सरकार। महामिलावटी कहते हैं, मोदी हटाओ लेकिन जिस मिडिल क्लास के लिए पांच लाख रुपए तक की इनकम पर हमने टैक्स जीरो किया है, जो देख रहा है की हमने महंगाई नियंत्रण में रखी है वो कह रहा है, फिर एक बार… मोदी सरकार।

साथियो, एक तरफ जातिवादियों और वंशवादियों की जिद्द है मोदी को हटाने की, दूसरी तरफ जनता की भी जिद्द है, जनता भी अपनी जिद्द पर अड़ी हुई है। जनता ने महामिलावटी नेताओं को कह दिया है, आएगा तो मोदी ही। भाइयो-बहनो, अब जो बात मैं कहने जा रहा हूं। अब इतना प्यार करोगे तो मुझे ग्वालियर में ही रहना पड़ेगा।

भाइयो-बहनो, मैं आज देश के भविष्य के साथ कुछ बात करना चाहता हूं। वो नवजवान, युवा और युवती जो इक्कीसवीं सदी में लोकसभा के लिए पहली बार वोट देने वाले हैं। जो नवजवान इक्कीसवीं सदी का भविष्य, उंगली दबा कर के, कमल के निशान पर बटन दबा कर के देश का भविष्य सुनिश्चित करने वाले हैं। जो फर्स्ट टाइम वोटर है, जो पहली बार लोकसभा में मतदान करने वाले हैं। उनके लिए ये बात सामान्य नहीं है, जिनके पहली बार वोट करने का, देश का भविष्य तय करने का अवसर मिला है, ऐसे सभी मतदाताओं को, युवक और युवतियों को मैं हृदयपूर्वक बहुत-बहुत बधाई देता हूं। लेकिन मैं आज उनके सामने देश की राजनीति का एक चित्र रखना चाहता हूं और मुझे विश्वास है की मेरी ये नई पीढ़ी देश के लिए सोचेगी, देश के लिए मतदान करेगी। और नई पीढ़ी का मत, पांच साल के लिए नहीं है क्योंकि जो पहली बार वोट देने जा रहा है वो 18-19-20 साल का नवजवान, उसे तो 21वीं सदी में अपना पूरा जीवन गुजारना है। इसलिए उसका वोट 21वी सदी की उसकी जिंदगी के लिए है।

भाइयो-बहनो, भारत की राजनीति का एक चित्र, भारत की राजनीति में चार-चार अलग-अलग तरह की राजनीतिक परंपराएं रही हैं। ये चार दलीय व्यवस्थाएं ही देश की स्थिति, देश के विकास की गति इन्हीं के हाथ में रही है, ये चार हैं कौन। मैं चाहूंगा की देश की नई पीढ़ी इस बात को समझे और ग्वालियर ऐसे बुद्धिजीवियों की ऐसी जगह है तो मेरा मन भी करता है की राजनीति की बात करते-करते कुछ एकेडेमिक चर्चा भी उनके साथ कर लूं। इसलिए राजनीतिक मंच होने के बावजूद भी कुछ मैं उन बातों को भी करना चाहता हूं जो आने वाले दिनों में, यूनीवर्सिटीज में, टीवी डिबेट में चुनाव नतीजों के बाद भी इसकी गूंज सुनाई देनी चाहिए। ये चार कौन है, इसमें पहला है नामपंथी, दूसरा है वामपंथी, तीसरा है दाम और दमनपंथी और चौथा है विकासपंथी। आपको ऐसी बात सुनना ठीक लगेगा ना? नामपंथी, जो दिन-रात अपने वंशवादी नेता का नाम जपे, पार्टी में किसी सामान्य कार्यकर्ता को आगे ना बढ़ने दे, ये है नामपंथी जमात, हमारे देश में वो जमात आप जानते हैं। दूसरी है वामपंथी, वामपंथी यानी जिन्होंने बंगाल को बर्बाद किया, जिन्होंने त्रिपुरा को बर्बाद किया, जिन्होंने केरल को बर्बाद किया और ये वामपंथी यानी जो मरी पड़ी विदेशी विचारधारा को भारत में जिंदा करने की कोशिश करें, हिंसा का सहारा लें, वे हैं वामपंथी। तीसरा है दाम और दमनपंथी, यानी जो धन और गन से सत्ता पर कब्जा करना चाहे। आज फिर बंगाल दाम और दमन से कुचला जा रहा है। भाइयो-बहनो, और चौथी है विकासपंथी यानी भारतीय जनता पार्टी जैसे दल जिनके लिए देश का विकास सर्वोच्च प्राथमिकता है, जो सत्ता को सेवा मानते हैं।

साथियो, इस लोकसभा चुनाव में आप अपने जीवन का पहला वोट करने जा रहे हैं। आपका एक-एक वोट तय करेगा की देश में किसी तरह की राजनीतिक परंपरा, राजनीतिक संस्कृति, राजनीतिक दल मजबूत होने चाहिए। एक तरफ नामपंथी, वामपंथा, दाम और दमनपंथी दल हैं तो दूसरी तरफ हमारे जैसे विकासपंथी हैं। आपका एक वोट देश को दिशा देने का काम करेगा।

भाइयो-बहनो, नामपंथी, वामपंथा, दाम और दमनपंथी रीजनीति ने हमेशा देश में विकास की गति को रोका है। युवाओं का आशाओं, आकाक्षाओं को रौंदा है, कांग्रेस के नेता मध्यप्रदेश में हो या दिल्ली में इनका एक ही एजेंडा है। अपने बच्चों के लिए तिजोरियां भर लो, उन्हें मध्यप्रदेश और देश के युवाओं की चिंता नहीं है, सिर्फ अपने परिवार की चिंता है।

साथियो, अपने परिवार के लिए ये देश की साख को भी दांव पर लगा देते हैं। आप जरा 2014 से पहले की तस्वीरें याद कीजिए। कांग्रेस जब सत्ता में थी तो वो दुनिया के बड़े-बड़े नेताओं को भारत बुलाते थे, भारत आते थे लेकिन वो भारत को किस तरह पेश करते थे। ये नामदार ने दुनिया के नेताओं को भारत की गरीबी दिखाने के लिए उनकी हर मुलाकात का उपयोग किया। इन लोगों ने भारत की गरीबी को दुनिया में ब्रांड की तरह बेचा है। इन्होंने भारत की छवि सांप-सपेरे वाले देश की बनाई थी और आज भी सांप-सपेरों से आगे वो नहीं बढ़ पाते हैं। भाइयो-बहनो, वहीं जब राष्ट्र के गौरव को सर्वोच्च रखने वाली सरकार आती है तब क्या स्थिति होती है ये आपने बीते पांच वर्षों में देखा है। आज विदेशी मेहमान आते हैं गंगा आरती की तस्वीर देखने, आज विदेशी मेहमान आते हैं कुंभ की दिव्यता और भव्यता देखने, आज विदेशी मेहमान आते हैं भारत की सोरल एनर्जी को, उसकी शक्ति देखने के लिए, आज विदेशी मेहमान आते हैं तो दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति, स्टेचू ऑफ यूनिटी, सरदार वल्लभाई पटेल को श्रद्धांजलि देने के लिए। कांग्रेस के नामदारों ने दुनिया को भारत की गरीबी दिखाई और हमने भारत का गौरव दिखाया।

साथियो, इनके गरीबी दर्शन कार्यक्रम का एक उदाहरण तो कुछ दिन पहले ही मीडिया में आया है। यहीं पड़ोस में टीकमगढ़ की आदिवासी बहन की एक झोंपड़ी को भी अपने इस पर्यटन के लिए नामदार ने 2008 में चुना था और उस आदिवासी बहन के घर गए, पूरा कैमरे का ताम-झाम लेकर के गए। फोटो निकलवाए, उस आदिवासी की झोंपड़ी में खाना खाया और खाना खा कर जैसे उस गरीब मां पर एहसान किया हो, वो भी किया। उसके बाद, ये घटना 2008 की है और अभी मीडिया ने निकाला है की उसके बाद 2014 तक रिमोट कंट्रोल सरकार रही दिल्ली में, नामदार की सरकार रही लेकिन नामदार ने उस गरीब मां का, उसके नमक का कर्ज नहीं चुकाया, उस नमक को भी भूल गए। मैं मीडिया में देख रहा था की अब जाकर मोदी के आने के बाद, नमक तो वो खा गए लेकिन नमक का हक मोदी ने चुकाया। मोदी ने आ कर के प्रधानमंत्री योजना के तहत, अपना पक्का घर अब उस बहन को मिल पाया है और खुद पक्के घर में रहने गई है।

भाइयो-बहनो, गरीब को लेकर ये कितने संवेदनशील रहे हैं, इसका एक और उदाहरण आज मीडिया में छाया हुआ है। साथियो, यूपी के अमेठी में एक अस्पताल है। इस अस्पताल के ट्रस्टी नामदार परिवार के सदस्य हैं। कुछ दिन पहले इस अस्पताल में एक गरीब, आयुष्मान कार्ड लेकर अपना इलाज कराने के लिए गया। वो मौत के साथ लड़ाई लड़ रहा था, वो जीने के लिए तड़प रहा था, उसके हाथ में मोदी का दिया हुआ आयुष्मान योजना का कार्ड था, वो अस्पताल गया। आप जानकर के हैरान हो जाएंगे, अमेठी का वो अस्पताल, जिसका काम ये नामदार परिवार चलाता है उस अस्पताल ने मरीज को इसलिए मना कर दिया की उसके हाथ में मोदी का दिया हुआ आयुष्मान भारत का कार्ड था। जानते हैं नामदार परिवार के अस्पताल ने उस गरीब को क्या कहा। मीडिया की अगर बात मानें तो उस गरीब को कहा गया की ये मोदी का अस्पताल नहीं जहां आयुष्मान कार्ड चल जाए। सोचिए, भाइयो-बहनो, गरीब की बीमारी को लेकर, उसकी मुश्किल परिस्थिति को लेकर कांग्रेस से जुड़े लोगों का ये कितना भयंकर रवैया है। भाइयो-बहनो, दुख की बात तो ये है की इलाज से इनकार करने पर अमेठी का वो गरीब अब इस दुनिया में नहीं है, उसकी मृत्यु हो चुकी है। अमेठी में उस मृत्यु के गुनहगारों को सजा मिलनी चाहिए। 

भाइयो-बहनो, गरीब की भलाई में भी कांग्रेस पहले अपनी राजनीति देखती है। ये हाल सिर्फ अमेठी के अस्पताल का ही नहीं है, राजस्थान में जहां कांग्रेस की सरकार है, वहां आयुष्मान योजना लागू नहीं की जा रही है। छत्तीसगढ़ में जहां कांग्रेस की सरकार है, वहां आयुष्मान योजना का लाभ गरीबों को नहीं मिल रहा है। साथियो, इन नामदारों को सजा दिए जाने का समय आ गया है, देश की जनता ने नामदारों के परिवारों को दशकों तक स्नेह दिया था, उन पर विश्वास किया था लेकिन इतने लंबे शासनकाल में सिवाय धोखेबाजी इन्होंने कुछ नहीं किया। याद है आपको, नामदार ने यहां ग्वालियर में ही 1,2,3,4,5 दस की गिनती सिखाई थी कि नहीं सिखाई थी और उन्होंने कहा थी की दस दिन में किसान का कर्ज माफ नहीं तो मुख्यमंत्री साफ। ये कहा था कि नहीं कहा था, ये वादा किया था कि नहीं किया था? अब पता चल रहा है की किसानों को बैंकों के नोटिस आ रहे हैं लेकिन नामदार के दस दिन नहीं आ रहे हैं। हां, एक काम जरूर हो गया, सीएम तो साफ नहीं हुए बल्कि एक नहीं, दो नहीं, ढाई-ढाई मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश में थोप दिए गए हैं।

भाइयो-बहनो, इन्होंने गरीबों के साथ-साथ हमारी आदिवासी बहनों को, गरीब बच्चों तक को नहीं छोड़ा। प्रसूता माताओं को पोषक आहार मिले, मध्यप्रदेश से भुखमरी और कुपोषण समाप्त हो, इसके लिए राष्ट्रीय पोषण अभियान ये चौकीदार चला रहा है, इसका पैसा भी कांग्रेस के रागदरबारी डकार गए। आज मध्यप्रदेश में नामदारों के जो बड़े-बड़े पोस्टर लगे हैं, जो टीवी में न्याय-न्याय का राग ये सुनाते हैं उसके लिए पैसा गरीब बच्चों के मुंह से निवाला छीन कर जुटाया गया है। साथियो, अब उन्होंने ठगी का एक और तरीका ढूंढा है। गरीबों से फर्जी फार्म भरवाए जा रहे हैं, नकली चेक दिए जा रहे हैं और यहां कर्मचारियों के ट्रांसफर के नाम पर, बिल्कुल पश्चिम बंगाल की तरह सिंडिकेट राज इन्होंने शुरू कर दिया है, ट्रांसफर उद्योग शुरू हो गया है। अभी तो चार महीने हुए हैं, कहीं से भी रुपए लाओ, बस। साथियो, अपनी सत्ता बनाए रखने के लिए जो छल प्रपंच ये करते हैं उसका ही परिणाम आज देश को भुगतना पड़ रहा है। आज जो आतंकवाद और नक्सलवाद की समस्या है वो कैसे पैदा हुई। ये कांग्रेस सरकार की लापरवाही उसकी नाकामी की ही देन है।

साथियो, भाजपा के लिए सामान्य मानवी का जीवन सर्वोच्च प्राथमिकता है और राष्ट्र रक्षा ये सबसे बड़ा मुद्दा है। ग्वालियर-चंबल का ये पूरा क्षेत्र तो वीर-वीरांगनाओं और वीर माताओं का क्षेत्र है। उन्हीं के आशीर्वाद से यहां के सपूत आतंकियों और नक्सलियों के साथ लोहा ले रहे हैं लेकिन मैं उन्हें कांग्रेस के ढकोसलापत्र की याद दिलाना चाहता हूं, उनका मेनिफेस्टो, ये बस ढकोसलापत्र है और कुछ नहीं है। कांग्रेस ने वादा किया है की सत्ता में आए तो सैनिकों को मिला विशेष अधिकार हटा देंगे। देशद्रोह का कानून हटा देंगे। साथियो, सैनिकों के मान-सम्मान के लिए हमारी पुलिस और अन्य सुरक्षाबलों के सम्मान के लिए इन लोगों के मन में कोई भावना नहीं है। दशकों से हमारे देश में सेना के जवान मांग कर रहे थे की आजाद हिंदुस्तान में जान देने वाले वीर-सुपूतों के सम्मान में एक नेशनल वॉर मेमोरियल बनना चाहिए। हमारे देश के पुलिस के जवान जो सामान्य मानवी की सेवा में लगे रहते हैं, ये हमारे पुलिस के जवान गर्मी हो, सर्दी हो, बारिश हो खड़े मिलते हैं। राखी का त्योहार हो, होली हो, दीवाली हो, वो सड़क पर खड़े रह कर के आपकी हिफाजत करते हैं और आप जानकर के हैरान होंगे भाइयो, देश आजाद होने के बाद, पुलिस की छवि जो लोगों ने बनाई होगी, मैं उनके प्रति बड़ा आदर करता हूं। आजाद हिंदुस्तान में 33 हजार पुलिस सामान्य मानवी की सेवा करते-करते शहीद हुए हैं। ये पुलिस वाले कह रहे थे की नेशनल पुलिस मेमोरियल बनना चाहिए।

भाइयो-बहनो, 70 साल परिवार के लिए तो बांति-भांति मेमोरियल बने लेकिन देश के लिए मर मिटने वाले सेना के जवान का सम्मान करने के लिए मेमोरियल नहीं बना। पुलिस के जवानों के लिए मेमोरियल नहीं बना, ये चौकीदार जब आया, ये सौभाग्य भी इस चौकीदार को मिला और हमने दिल्ली में बना दिया। और मैं ग्वालियर के लोगों को, मध्यप्रदेश के लोगों को कहूंगा की जब भी दिल्ली जाने का मौका मिले इन दोनों तीर्थों पर जा कर के जरूर सर झुका के आना दोस्तों, वो मरे हैं हमारे लिए, वो जिये हैं हमारे लिए, उनका सम्मान करना चाहिए। क्या देश के किसान को, देश के जवान को धोखा देने वाली कांग्रेस को सजा मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए? साथियो, कांग्रेस के कमजोर रवैये से अलग भाजपा नए हिंदुस्तान के लिए नई नीति और नई रीति पर काम कर रही है। किसी को छेड़ेंगे नहीं लेकिन छेड़ोगे तो छोड़ेंगे भी नहीं। ये नया हिंदुस्तान है ये नए हिंदुस्तान की नीति है, हम घर में घुसकर मारेंगे।

भाइयो-बहनो, बलिदानी और पानी बुंदेलखंड की कहानी की दो धुरियां हैं। यहां बलिदानियों की कमी नहीं है लेकिन पानी के लिए बहुत संघर्ष भी रहा है। भाजपा सरकार ने इस चुनौती से निपटने के लिए सार्थक प्रयास किए हैं। कांग्रेस ने जिन 14 बड़ी सिंचाई परियोजनाओं को अधर में लटका दिया था उनमें से 10 को हम पूरा कर चुके हैं। आने वाले पांच वर्षों में पानी के लिए हम समर्पित भाव से काम करने वाले हैं। अलग से एक जल शक्ति मंत्रालय बनाकर, आधुनिक तकनीक से पानी को बचाने और नदियों, समंदर से पानी देश के कोने-कोने में कैसे उपयोगी हो, इसके लिए व्यापक रूप से काम करने वाले हैं। भाइयो-बहनो, बीते पांच वर्ष माताओं-बहनों को धुएं से, खुले में शौच से और अंधेरे से मुक्ति दिलाने के लिए हमने बहुत कुछ किया। आने वाले पांच वर्ष माताओं-बहनों के पानी के संघर्ष को खत्म करने के लिए समर्पित करना मैंने तय किया है। साथियो, इन संकल्पों को पूरा करने के लिए इस बार पिछली बार से भी ज्यादा शक्ति से कमल खिलाना है। बूथ-बूथ पर कमल खिलाना है, आपका हर वोट मोदी के खाते में जाएगा।

भइयो-बहनो, इतनी विशाल संख्या में आप हम सब को आशीर्वाद देने के लिए आए, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। मेरे साथ बोलिए, भारत माता की…जय, भारत माता की…जय, भारत माता की…जय, बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।