Be it the Congress or JMM or their other allies in the ‘Mahamilawat,’ their entire election agenda is based on hurling personal abuses at Modi and spreading falsehood: PM Modi .
Despite ruling the nation for decades, the Congress party treated the tribal communities as a mere vote-bank, without doing anything for their welfare: PM Modi
The BJP has always been inspired by Atal Ji’s vision for the tribal people which not only led him to create a separate state of Jharkhand but also a separate ministry for furthering tribal welfare: Prime Minister Modi

मंच पर विराजमान प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास जी, यहां के पूर्व मुख्यमंत्री भाई अर्जुन जी, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री, इस चुनाव में सभी भारतीय जनता पार्टी के सभी उम्मीदवार, मंच पर विराजमान हमारे सभी नेतागण, एनडीए के सभी नेतागण और हम सब को आशीर्वाद देने के लिए आए हुए मेरे प्यारे भाइयो और बहनो। जितने लोग यहां हैं उतने ही वहां हैं मुझे मालूम नहीं वहां सुनाई देता होगा की नहीं देता होगा। ये इतनी विशाल जनसभा, 23 तारीख को क्या होने वाला है इसका ये जीता-जागता उदाहरण है।

भाइयो-बहनो, बाबा बैद्यनाथ और बाबा बासुकीनाथ की कृपा हम सभी पर बनी हुई है, बाबा के चरणों में अपना वंदन अर्पित करता हूं।

साथियो, बाबा के आशीर्वाद से देश ये तय कर चुका है की फिर एक बार...मोदी सरकार, फिर एक बार...मोदी सरकार। बाबा धाम में आज मैं आपसे ये आशीर्वाद लेने आया हूं की हम देश के विकास के अपने संकल्प को पूरा करें, हर कसौटी पर हम खरा उतरे। भाइयो और बहनो, मुझे पूरा विश्वास है की संथाल परगना 19 मई को बाकी देश की तरह महामिलावट को पूरी तरह से साफ कर देगा।

साथियो, बीते पांच सालो में भाजपा-एनडीए की मजबूत और ईमानदार सरकार ने कैसे काम किया है ये पूरे देश ने देखा है। 23 मई को क्या नतीजे आने वाले है ये देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस भी अब भलीभांति समझ चुकी है। इसीलिए उसने नतीजों की तैयारी शुरू कर दी है अब आप सोच रहे होंगे जब विजय भाजपा-एनडीए की होने जा रही है तो फिर कांग्रेस क्या तैयारी करेगी।

भाइयो बहनो, कांग्रेस तैयारी कर रही है कि हार के बाद उसका ठीकरा पार्टी में किसके सिर पर फोड़ें? नामदार को बचाने के लिए क्या किया जाए, इसके लिए वहां एक्सरसाइज चल रही है। अब कांग्रेस ये तो कह नहीं सकती कि नामदार की वजह से चुनाव हार गए। ये तो वंशवाद के उसूलों के खिलाफ होगा, इसलिए आपने देखा होगा कि पांचवें चरण के बाद ही नामदार परिवार के दो सबसे करीबी दरबारियों ने अपनी तरफ से बैटिंग शुरू कर दी। वरना इनकी हिम्मत नहीं है कि बिना कप्तान से पूछे, मैच खेलने मैदान में उतर जाएं।

 

भाइयो और बहनो, एक बल्लेबाज तो नामदार के गुरु हैं, जिन्हें पहले मैदान में उतरा गया है। उन्होंने सिखों की भावनाओं का मजाक उड़ाते हुए कहा कि 84 का सिख दंगा हुआ तो हुआ, हुआ तो...हुआ। ये जानते हुए कि सिख भाई-बहनो के पुराने जख्म हरे होंगे, नामदार ने अपने गुरु से ये बयान दिलवाया। दूसरे बल्लेबाज, गुजरात चुनाव के दौरान हिट विकेट होने के बाद से ही मैदान से बाहर थे। मुझे गाली देने के बाद से परदे के पीछे छिपे हुए थे। वो भी दो दिन से मैदान में पहुंच गए और जमकर के मुझे गालियां दे रहे हैं। भाइयो और बहनो, कांग्रेस में इस समय बड़ी-बड़ी बैठकें चल रही हैं, व्यूह रचना की जा रही है कि कैसे नामदार को बचाया जाए, कुछ भी करके कांग्रेस अपने नामदार पर हार की जिम्मेदारी नहीं आने देना चाहती। इसलिए कांग्रेस में अभी नाखून काटकर शहीद होने वालों की होड़ मची हुई है।

भाइयो और बहनो, कांग्रेस के एक परिवार की 55 साल की सरकार और मोदी को दी हुई 55 महीने की सरकार का फर्क आज भारत ही नहीं पूरी दुनिया महसूस कर रही है। आज देश में तेजी से विकास हो रहा है तो साथ ही गरीबी उतनी ही तेजी से कम हो रही है। हमने पांच साल एक ईमानदार, एक पारदर्शी सरकार चलाकर दिखाई है। घोटाले का एक दाग, इस सरकार पर नहीं है और जब मैं ये बात बाबा धाम में कह रहा हूं तो मुझे इस बात पर गर्व होता है की उनके भक्त को ईमानदार सरकार का नेतृत्व करने का देश की जनता ने सौभाग्य दिया है।

भाइयो और बहनो, कांग्रेस हो या झारखंड मुक्ति मोर्चा, इन महामिलावटी लोगों के पास सिवाय झूठ, प्रपंच, ठगी कुछ नहीं सोच सकते है। इनकी पूरी रणनीति और पूरी राजनीति अफवाहों पर आधारित है। मैं बाबा के पवित्र धाम से अपने आदिवासी भाई-बहनो को वनों में रहने वाले साथियो को फिर बता दूं की वोट के लिए ये महामिलावटी किसी को भी ठग सकते हैं। आप आश्वस्त रहिए, जब तक मोदी है, जब तक भारतीय जनता पार्टी है तब तक आपकी जमीन आपके हक को कोई हाथ भी नहीं लगा पाएगा।

साथियो, कांग्रेस ने इतने वर्षों तक देश में शासन किया, लेकिन उसने हमेशा आदिवासी समुदाय को सिर्फ एक वोटबैंक के रूप में इस्तेमाल किया है। जबकि अटल बिहारी वाजपेयी जी ने आदिवासी हितों को ध्यान में रखते हुए झारखंड राज्य ही नहीं बनाया बल्कि जनजातीय मंत्रालय भी उन्हीं की सरकार की देन था। भाइयो और बहनो, आपका ये सेवक अटल जी की प्रेरणा से ही आज डगर-डगर पर आगे बढ़ रहा है। उन्हीं की प्रेरणा से हमने जनजातीय समुदाय को वनसंपदा में अधिकार सुनिश्चित कराया है। खनन से होने वाले लाभ का एक हिस्सा उसी इलाके में खर्च हो। इसके लिए हमने बाकायदा कानून बनाया है और इसकी वजह से झारखंड को भी करीब-करीब 6 हजार करोड़ रुपया अतिरिक्त मिल पाए हैं। इन पैसो से यहां स्कूल, शौचालय, पीने का पानी, सड़क और रोजगार के दूसरे साधन बनाए जा रहे हैं।

साथियो, वन धन और जन-धन योजना के माध्यम से वन उपज का ज्यादा से ज्यादा लाभ आदिवासियों को मिले, उन्हें बिचौलियों से मुक्ति मिले, हम ये सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं। हमने वन उपज पर MSP का दायरा भी बढ़ाया है। पहले 10 वन उपजों पर ही MSP मिला करता था, अब इसकी संख्या बढ़ाकर 50 कर दी गई है।

साथियो, यहां के किसानों का जीवन आसान बनाने के लिए हम निरंतर काम कर रहे हैं। पीएम किसान योजना के तहत हम सीधे किसानों के खाते में मदद जमा कर रहे हैं। झारखंड में तो रघुवीर जी की सरकार भी मदद दे रही है ऐसे में यहां के किसानों को डबल लाभ हो रहा है।

साथियो, बाबा धाम का विकास करने के लिए यहां सुविधाओं के निर्माण के लिए हम पूरी तरह प्रतिबद्ध है। यही कारण है की यहां रेल और ऋण के साथ-साथ एयरपोर्ट की सुविधा भी विकसित की जा रही है। एयरपोर्ट के बनने से यहां टूरिज्म के क्षेत्र में और अधिक अवसर पैदा होंगे। वहीं साहिबगंज में गंगा जी पर बन रहा मल्टी मॉडल बंदरगाह इस क्षेत्र में उद्योगों को बढ़ावा देगा, रोजगार के अवसर पैदा करेगा।

साथियो, देवघर स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में भी एक बड़ा केंद्र बन कर के उभर रहा है। यहां बन रहा AIIMS तो पूरे संथाल परगना सहित ओडिशा और पश्चिम बंगाल तक के लोगों के काम आने वाला है। इसके अलावा आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीबों को आदिवासियों को पिछड़ो, वंचितों को पांच लाख रुपए तक मुफ्त इलाज पहले से ही मिलना शुरू हो गया है।
 

भाइयो-बहनो, गरीब मेहनत करके जब गरीबी से बाहर निकलने की कोशिश करता है, कुछ किनारे पर पहुंचता भी है लेकिन अगर परिवार में एक बीमारी आ जाए तो गरीब पूरी पीढ़ी फिर से गरीब बन जाती है। मैं इन गरीबों के बीच से आया हूं और इसीलिए मैंने तय किया है बीमारी के कारण अब गरीब, गरीब नहीं रहेगा। वो गरीबी से बाहर आएगा और बीमारी की चिंता ये मोदी करेगा, ये मैंने आपको वादा किया है।

भाइयो और बहनो, एक तरफ हम झारखंड के विकास के लिए समर्पित हैं, वहीं दूसरी तरफ झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के लोग घुसपैठियों के साथ खड़े हैं। लेकिन भाजपा का स्पष्ट मत है कि हम देश में एक-एक घुसपैठिए की पहचान करेंगे। ये हमारे संसाधनों के साथ-साथ हमारी सुरक्षा के लिए भी बहुत बड़ा खतरा है और हमें जागना जरूरी है। भाइयो और बहनो, राष्ट्र रक्षा जैसे विषय पर भी कांग्रेस और उसके साथी उनके मुंह पर वोट बैंक का ताला लग गया है, चुप हैं। अभी हाल में आपने देखा की ईस्टर के पवित्र अवसर पर श्रीलंका में क्या हुआ। आतंकियों ने चर्च में, होटलों में, बम धमाके करके सैकड़ों लोगों की जान ले ली।

साथियो, आतंकवाद ऐसी चुनौती है जिसका बहुत कड़ाई से मुकाबला किया जाना जरूरी है लेकिन कांग्रेस और उसके साथियो की नीतियां ऐसी रही है की वो आतंकवाद और नक्सलवाद को कुचल नहीं सकती।

भाइयो बहनो, मैं जरा आपसे पूछना चाहता हूं, आप जवाब देंगे? सब के सब देंगे? आपने देखा होगा जो 8 सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं, वो भी अभी कपड़े सिलाई करवा रहे हैं प्रधानमंत्री बनने के लिए। जो 20 सीट पर चुनाव लड़ रहे है वो भी कपड़े तैयार कर रहे है प्रधानमंत्री बनने के लिए, जो 40 सीट लड़ रहे है वो भी कर रहे है। ये जितने चेहरे प्रधानमंत्री बनने की कतार में खड़े हैं, जरा एक-एक चेहरे को याद करो, कोई बहन हो, कोई भाई हो, जो भी हो याद करो और मुझे बताओ, इनमें से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने की ताकत कौन रखता है, कौन रखता है? आतंकवाद से कौन भीड़ सकता है? आतंकवाद को खत्म कौन कर सकता है और कोई ये न समझे, मैं दुनिया के लोगों को कई वर्षों से कह रहा हूं, कोई ये मत सोचिएगा की आतंकवाद तो अभी वहां आया है कल हमारे यहां नहीं आएगा। ये श्रीलंका में देख लीजिए ईस्टर का पर्व चल रहा था और आतंकवादियों ने चर्च में जा करके हमले कर दिए। जिसको भी बचना होगा उन सब को आतंकवाद को खत्म करने वाली ताकतों के साथ आना ही पड़ेगा। कांग्रेस अब देशद्रोह का कानून भी खत्म करना चाहती है, यानी पत्थरबाजों, आतंकियों और उनके समर्थकों, नक्सलियों और उन्हें खाद पानी देने वालों को कांग्रेस, खुली छूट देना चाहती है। लेकिन साथियो, भाजपा इन्हें ऐसा कतई करने नहीं देगी। हम नई रीति, नई नीति पर चल पड़े हैं। हमारी सरकार के दौरान देश के वीर सपूतों ने आतंकियों को घर में घुसकर करके मारा है। सही किया कि नहीं किया? मोदी ठीक कर रहा है? आतंकवाद के खिलाफ ऐसे ही लड़ना चाहिए कि नहीं लड़ना चाहिए?

साथियो, जिस आदिवासी समाज ने अंग्रेजों से लोहा लिया, जहां भगवान बिसरा मुंडा की एक समृद्ध विरासत है, वो समाज और देश को तोड़ने वाली महामिलावटी सोच को कतई स्वीकार नहीं कर सकता।
साथियो, कांग्रेस की इन साजिशों के बीच आपका ये सेवक हमारे सैनिकों और हमारे जनजातीय नायकों को सम्मान के लिए प्रतिबद्ध है। यही कारण है की झारखंड सहित देश के अनेक राज्यों में जनजातीय नायकों के स्मारक बनाए जा रहे हैं। भाइयो और बहनो, विकास का ये रास्ता सशक्त हो, मजबूत हो इसके लिए संथाल परगना में पूरी शक्ति से कमल खिलाना है। और भाइयो बहनो, आप सोचिए जो धरती से जुड़े हुए लोग होते हैं वो कैसे निर्णय करते हैं? ये हमारा संथाल परगना, हमारी यहां की परंपरा हमारी यहां की विशेषता, हमारी संस्कृति ये बहुमूल्य है। ये भारत का गौरव गान है यहां पर लेकिन दिल्ली में बैठे हुए लोगों को इसकी परवाह ही नहीं थी, परवाह ही नहीं थी। हमने रेलवे में जो अनाउंसमेंट होता है अब वो संथाली भाषा में शुरू किया। मैंने देखा की जब संथाली भाषा में बोलते हैं डिब्बे में जितने लोग होते है ताली बजाते हैं। अब ये काम, ये काम पहले नहीं हो सकता था क्या, नहीं हो सकता था? क्या ये काम मुश्किल था क्या? लेकिन उनके अंदर अहंकार भर है उनको संथाली, संथाली यही सोचते हैं, ये इसी के कारण ये दुर्दशा हुई है।

मेरे दिल में भाइयो बहनो, बचपन में यानी कुछ साल पहले, मैंने एक सिने कलाकार का इंटरव्यू पढ़ा था। वो फिल्म कलाकार, यहां संथाल में कुछ उनका शूटिंग चल रहा था उसके अनुभव लिखे थे तो मृगया फिल्म बनी थी यहां पर तो उसका शूटिंग चल रहा था और वो जो कलाकार था उसने जनजातीय वेश में अपना तीर चलाने का कार्यक्रम कर रहा था और हमारे संथाल के सारे लोग दूर-दूर शांति से बैठ कर के शूटिंग देख रहे थे और बहुत डिसिप्लिन से देख रहे थे। दो-दो, तीन-तीन दिन शूटिंग चला, सब शांति से चला और एक दिन वो कोई दृश्य चल रहा था तीर चलाने का, सारे लोग गुस्से से एक दम से दौड़ पड़े, एक दम से झगड़ा करने लगे तो इन्होंने कहा भैया क्या हो गया? दो-तीन दिन से शूटिंग चल रहा है शांति से चल रहा है और आज अचानक ये सब नाराज क्यों हो गए, तो नाराजगी क्या थी? तो ये जब मैंने पढ़ा, मेरे संथाल के लोगों के प्रति मेरा मान-सम्मान इतना बढ़ गया है जी तब तो मैं राजनीति में नहीं था जी। क्या घटना थी, वो जो कलाकार था वो तीर चला रहा था तो तीर चलाते समय वो अपने अंगूठे का उपयोग करता था तो ये संथाल के जवानों ने आकर के उसको रोका की तुम हमारी परम्पराओं का अपमान करते हो। अंगूठे का उपयोग कर के हम संथाल के लोग तीर नहीं चलाते है क्योंकि एकलव्य ने अंगूठे दान में दे दिया, उसके बाद हम उसके वंशज उस अंगूठे का उपयोग नहीं करते है।

जिस धरती पर, जिस धरती पर ये गौरव संस्कृति के ये गौरव पड़ा हो भाइयो, उसके लिए हम जो करें वो कम है, जो करे वो कम है। और इसीलिए मुझे, मुझे आप प्रधानमंत्री की बजाए आपका अपना मान लीजिए भाइयो, मैं आपका अपना हूं। मैं आपके लिए हूं और विकास शायद 70 साल में इस इलाके ने नहीं देखा है। ये मोदी कर के देगा, ये मैं आपको वादा करने आया हूं।

भाइयो बहनो, कमल के फूल पर पड़ा आपका हर वोट मोदी के खाते में आएगा और इसीलिए आप 19 तारीख को भारी मतदान कीजिए और जो फिर एक बार मोदी सरकार बनने वाली है। आप भी वो सरकार बनाने वाले हो इस विश्वास के साथ कमल पर बटन दबाइए। भाइयो बहनो, नई जो पार्लियामेंट बनेगी, उसमें झारखंड के सारे के सारे कमल सुशोभित होने चाहिए। अब तक जो मतदान हुआ है, सारी की सारी बैठकें भारतीय जनता पार्टी जीत रही है और 19 को जो मजदान होगा, उसमें भी भाजपा और हमारे साथी दल सारी की सारी सीटें जीतने वाले हैं। और इसीलिए भाइयो बहनो, मैं फिर एक बार आपका हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। आप इतनी बड़ी तादाद में आशीर्वाद देने आए मैं हृदय से आपका अभिनंदन करता हूं। मेरे साथ बोलिए,

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बहुत बहुत धन्यवाद।

 

 

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PM to participate in ‘Odisha Parba 2024’ on 24 November
November 24, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will participate in the ‘Odisha Parba 2024’ programme on 24 November at around 5:30 PM at Jawaharlal Nehru Stadium, New Delhi. He will also address the gathering on the occasion.

Odisha Parba is a flagship event conducted by Odia Samaj, a trust in New Delhi. Through it, they have been engaged in providing valuable support towards preservation and promotion of Odia heritage. Continuing with the tradition, this year Odisha Parba is being organised from 22nd to 24th November. It will showcase the rich heritage of Odisha displaying colourful cultural forms and will exhibit the vibrant social, cultural and political ethos of the State. A National Seminar or Conclave led by prominent experts and distinguished professionals across various domains will also be conducted.