Quoteপ্রধান মন্ত্রী মোদীনা হায়খ্রে এ.এ.পি. সরকারনা করম্না তুকৎচনীংঙাই ওইবা রাজনীতি তৌবগে হায়বদু দিল্লীগী মীয়ামনা উরে
Quoteআয়ুশমান ভারত থবক্তা ওন্থোক্তবগীদমক প্রধান মন্ত্রী মোদীনা এ.এ.পি. সরকারবু চৈখ্রে, হংখ্রে দিল্লীদা লৈবশিংনা শহরগী মপান্দা নারক্লবদি ‘মোহল্লা ক্লিনিক্স’ চৎনগদ্রা
Quoteদিল্লীদা, প্রধান মন্ত্রী মোদীনা হায়খ্রে বি.জে.পি. সরকারনা মতম পুম্নমক্তা লাইরবা অমদি নুপীশিংগী হেন্না য়াইফনবগীদমক থবক তৌই
Quoteপ্রধান মন্ত্রী মোদীনা এ.এ.পি. অমসুং কংগ্রেসপু চৈরদুনা হায়খ্রে, অসিগুম্বা মীওইশিং অসি বত্লা হাউসকী মীওইশিংগীদমক পীরাং শিন্থবদি ঙম্মি, অদুবু দিল্লীবু চাউখৎহনবদি ঙমদে
Quoteওপোজিসন্না সিতিজন এমেন্দমেন্ত এক্তকী মরমদা অরানবা অমদি তোকঙাশিং শন্দোক্লি অদুবু দিল্লীগী মীয়াম্না মসি খঙইঃ প্রধান মন্ত্রী মোদী

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय। मंच पर विराजमान भारतीय जनता पार्टी के नव निर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमान जगत प्रकाश नड्डा जी, हरियाणा के उप मुख्यमंत्री हम सब से ऊंचे नेता मेरे मित्र दुष्यंत चौटाला जी, सभी आदरणीय सांसदगण, इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार और भावी विधायक सभी मेरे साथी और विशाल संख्या में उत्साह से भरे हुए सभी मेरे मतदाता भाइयो और बहनो।

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वोटिंग से पहले और चार दिन पहले भाजपा के पक्ष में ऐसा माहौल कई लोगों की नींद उड़ा रहा है। कल पूर्वी दिल्ली में और आज यहां द्वारका में ये साफ हो गया है कि 11 फरवरी को क्या परिणाम आने वाले हैं, दिल्ली को बदलने के लिए, राष्ट्रहित के भाव को बुलंद रखने के लिए आपके इस जोश और जुनून को मैं आदरपूर्वक नमन करता हूं। साथियो, दिल्ली का ये चुनाव इस दशक का पहला चुनाव है, ये दशक भारत का दशक होने वाला है और भारत की प्रगति उसके आज लिए गए फैसलों पर निर्भर करेगी। आज एक तरफ इन फैसलों को लेने वाला पक्ष है और दूसरी तरफ फैसलों के खिलाफ खड़ा विपक्ष है। आज देश की राजधानी को इस दशक का 2030 तक का दिल्ली का रास्ता दिखाना है, ये काम आप सभी मेरे दिल्ली के मतदाता भाइयो-बहनो, 8 फरवरी को करना है। दिल्ली और देश के हित में इस बार एकजुट एक स्वर में पूरी ताकत के साथ हमें खड़ा होना है। भाइयो-बहनो, दिल्ली को दोष देने वाली नहीं दिशा देने वाली सरकार चाहिए, दिल्ली को रोड़े अटकाने वाली और नफरत फैलाने वाली राजनीति से मुक्ति चाहिए। दिल्ली को उलझाने वाली नहीं सुलझाने वाली राजनीति चाहिए, दिल्ली को विकास की योजनाएं रोकने वाली नहीं सबका साथ सबका विकास पर विश्वास करने वाला नेतृत्व चाहिए। मेरे दिल्ली के भाइयो-बहनो, आप सोचिए जो गरीब का हित चाहेगा जिसके दिल में गरीब के लिए दर्द होगा, क्या वो गरीब को सरकार की योजनाओं से वंचित करेगा क्या, सोच भी सकता है कोई, कितना भी राजनीतिक विरोध हो लेकिन गरीबों की भलाई में रोड़े अटकाएगा क्या? लेकिन दिल्ली में तो पांच साल से मैं देख रहा हूं हर दिन गरीबों की भलाई के काम में रोड़े अटकाना यही चल रहा है। केंद्र सरकार की कितनी योजनाओं को लागू करने से पहले यहां मना कर दिया गया है। 11 फरवरी के बाद आपको शेम शब्द नहीं बोलना पड़ेगा।

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मेरे प्यारे भाइयो-बहनो, दिल्ली के गरीबों का क्या गुनाह है जो उन्हें पांच लाख रुपए तक मुफ्त इलाज देने वाली आयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिलता। आयुष्मान भारत योजना में एक विशेषता है, इतने में आपको समझ आएगा कितना लाभ है, मुद्दा पांच लाख का नहीं है। अगर दिल्ली का कोई नागरिक वो इस योजना का लाभार्थी है वो किसी काम से ग्वालियर गया, भोपाल गया, हैदराबाद गया, चेन्नई गया और अचानक वहां बीमार हो गया तो ये मोहल्ला क्लीनिक वहां जाएगा क्या? लेकिन ये आयुष्मान भारत योजना अगर दिल्ली में लागू होती और दिल्ली का कोई लाभार्थी वहां अपने काम से गया होता और वहां उसको गंभीर से गंभीर मानो हार्ट अटैक भी आया होता तो वहां के अस्पताल में भी वहां की योजना के तहत मुफ्त में उपचार हो जाता। हम नहीं चाहते कोई बीमार हो लेकिन मान लो एकाध की भी जिंदगी बच जाती तो मन को कितना संतोष होता भाइयो, लेकिन यहां एक बेदर्द एक ऐसी सरकार बैठी है जिसे आपकी परवाह नहीं है, आपकी जिंदगी की परवाह नहीं है। दिल्ली के बेघर लोगों का क्या अपराध है जो उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अपना घर नहीं मिलता। आप मुझे बताइए भाइयो-बहनो, आजादी के 70 साल बाद गरीब से गरीब को रहने के लिए घर मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए, पक्का घर मिलना चाहिए, उसका अपना घर मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए, पक्की छत होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए? मुझे बताइए ऐसा कोई दल हो सकता है क्या, ऐसा कोई नेता हो सकता हैं क्या जो इस योजना में भी रोड़े अटका दे, कितनी विकृत मानसिकता होगी, पल-पल दिमाग के हर कोने में कैसी गंदी राजनीति भरी होगी जो गरीबों के प्रति इतना नकारात्मक विचार रखती है। दिल्ली के किसानों का क्या कसूर है जो उन्हें पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ उन्हें नहीं मिलता, उनके बैंक खाते में सीधे पैसे ट्रांसफर नहीं होते हैं। दिल्ली के डेली कम्यूटर उनका क्या कसूर है जो मेट्रो के चौथे चरण के विस्तार को दो साल तक मंजूरी नहीं दी गई। आज दिल्ली के लोग देख रहे हैं कि कैसे दिल्ली में सिर्फ स्वार्थ की, नफरत की राजनीति की गई है, क्या दिल्ली के लोगों ने जब 2015 में अपना वोट दिया था तो क्या किसी दिल्लीवासी ने ऐसी उम्मीद की थी क्या, जरा जोर से दूर-दूर तक के लोग जवाब दीजिए, किसी ने भी ऐसी उम्मीद की थी क्या?

साथियो, देश की राजधानी दिल्ली का विकास 21वीं सदी की अपेक्षाओं, आकांक्षाओं, आवश्यकताओं के मुताबिक होना पूरे देश के लिए आवश्यक है, दिल्लीवासियों के लिए आवश्यक है। ये तभी संभव हो सकता है जब नकारात्मकता की राजनीति खत्म हो, जब राजनीति के मूल में देश वासियों का हित हो दिल्लीवासियों का हित हो, राष्ट्र का हित हो। भाइयो-बहनो, ये काम केंद्र में भाजपा की एनडीए की सरकार भलीभांति कर रही है। पिछले पांच साल में केंद्र सरकार ने जिस स्पीड से, जिस स्केल से काम किया है ये अपने आप में अभूतपूर्व है। स्वतंत्रता के बाद से देश में इतनी तेज गति से कभी काम नहीं हुआ है, आज आयुष्मान भारत योजना जितने लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा देती है वो अमेरिका, मैक्सिको और कनाडा की कुल जनसंख्या के बराबर है। प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत हमने जितने गरीबों के बैंक अकाउंट खोले हैं उनकी संख्या अमेरिका की कुल आबादी से भी ज्यादा है। मुद्रा योजना के तहत हमारी सरकार ने जितने ऋण दिए हैं वो ब्राजील की कुल जनसंख्या से भी ज्यादा है, अपनी बीमा सुरक्षा योजना से हम जितने गरीबों को सुरक्षा कवच दे रहे हैं उसकी संख्या रूस की पॉपुलेशन से भी ज्यादा है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरकार ने जितने शौचालय बनाए हैं उसकी संख्या मिस्र की कुल आबादी से ज्यादा है। उज्जवला योजना के तहत हमने गरीब माताओ-बहनो, को जितने मुफ्त कनेक्शन दिए हैं वो जर्मनी की जनसंख्या के बराबर है। सौभाग्य योजना के तहत हमने जितने घर में बिजली कनेक्शन दिया है वो ऑस्ट्रेलिया की कुल आबादी से भी ज्यादा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरकार ने गरीबों के लिए जितने घर बनवाए हैं वो श्रीलंका की कुल जनसंख्या से भी ज्यादा है। साथियो, भारत जैसे बड़े देश में, विशाल देश में इसी गति से काम हो सकता है और मैंने आज एक तुलनात्मक बात इसलिए रखी है कि जब आंकड़ों में बोलते हैं तो ऐसे ही आंकड़े आते हैं चले जाते हैं ऐसा लगता है लेकिन जब सोचते हैं कि एक-एक काम दुनिया के कई देशों की जनसंख्या से ज्यादा हुआ है। आप कल्पना कीजिए देश की राजधानी दिल्ली को भी काम की यही गति की जरूरत है, बताइए है कि नहीं है, इतनी गति से होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए, बड़े पैमाने पर होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए? सब दूर होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए, आने वाली पीढ़ी के लिए भी होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए? इसी गति से काम हो तो दिल्ली की अनेकों समस्याएं सुलझाई जा सकती हैं। यही वजह है कि दिल्ली के लोगों ने लोकसभा चुनाव के समय भाजपा पर विश्वास दिखाया, अब इसी विश्वास के कारण ही दिल्ली वाले आज सीना तान कर कह रहे हैं, देश बदला अब दिल्ली बदलेंगे।

साथियो, दिल्ली को ऐसी सरकार भी चाहिए जो समय आने पर देश के पक्ष को मजबूत करे, हमारे वीर सैनिकों के साथ खड़ी हो, दिल्ली को ऐसी राजनीति नहीं चाहिए जो आतंकी हमलों के समय में भारत के पक्ष को कमजोर करे, जो अपने बयानों से दुश्मन को भारत पर वार करने का मौका दे। सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक जैसे फैसलों के बाद किस तरह के बयान आए मेरे देशवासियों, मेरे प्यारे दिल्लीवासियों सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के समय यहां की सरकार में बैठे लोगों ने जो आज आपसे वोट मांगने निकले हैं उन्होंने कैसे बयान दिए थे आपको याद है ना? वो गुस्सा है कि नहीं है? हर दिल्लीवासी में वो गुस्सा होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए? हर दिल्लीवासी में वो निकलना चाहिए कि नहीं निकलना चाहिए, उनको सजा मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए? ये सजा देने का काम आप करेंगे कि नहीं करेंगे, पूरी ताकत से करेंगे? मेरा दिल्लीवासियों पर भरोसा है।

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साथियो, दिल्ली में ऐसा नेतृत्व चाहिए, दिल्ली में ऐसा नेतृत्व चाहिए जो CAA, आर्टिकल 370 जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा के तमाम फैसलों पर देश का साथ देने वाला, अपनी राजनीति के लिए तुष्टीकरण के लिए लोगों को भड़काने वाले, भाइयो-बहनो, क्या ऐसे लोग दिल्ली का हित कर सकेंगे क्या, दिल्ली का भला कर सकेंगे क्या? ये लोग दिल्ली के बाटला हाउस के आतंकियों के लिए रो सकते हैं, उनका साथ देने के लिए सुरक्षाबलों को कठघरे में खड़ा कर सकते हैं लेकिन दिल्ली का विकास नहीं कर सकते। सिटिजनशिप एमेंडमेंट कानून बनने के बाद देश और दिल्ली के लोग पहले दिन से देख रहे हैं कि कैसे इन लोगों द्वारा अफवाहें फैलाई जा रही हैं, लोगों से झूठ बोला जा रहा है, दिल्ली की जनता सब कुछ देख रही है, सब कुछ समझ रही है।

भाइयो-बहनो, मेरा जो दिल्लीवासियों पर भरोसा है ये सारी बारीकियों को देख रही है, बारीकियों को समझ रही है। आप मेरी बात से सहमत हैं, पूरी तरह सहमत हैं। भाइयो-बहनो, वोटबैंक की राजनीति, नफरत की राजनीति, गलत इरादों और गलत नीयत के साथ दिल्ली का विकास कभी नहीं किया जा सकता है ना कभी हो सकता है, ना ही दिल्ली का विकास हर रोज नए-नए बहानों और कोसने से हो सकता है। विकास के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति, खुद को सेवक मानकर गरीब की सेवा करने की भावना अपने संकल्पों को सिद्ध करने का हौसला चाहिए। साथियो, अगर बहानों और कोसने से ही काम चलता तो क्या हमारी सरकार कड़े और बड़े फैसले ले पाती जो बीते पांच साल में एक के बाद एक कदम हमने उठाए हैं वो उठा पाते क्या? मेरे दिल्ली को लोग ये भलीभांति जानते हैं दिल्ली के साथ क्या हुआ है जो दिल्लीवाले जानते हैं बाहर वाले जान नहीं सकते हैं। दिल्ली की 1700 से अधिक अवैध कॉलोनियों में 40 लाख लोगों को घरों के अधिकार का विषय ही दिल्ली कैसे भूल सकता है। यहां जो शासन में हैं वो तो कोशिश में थे कि किसी तरह और एक-दो साल के लिए ये मामला टाल दिया जाए, रोड़े अटकाओ, झूठ फैलाओ, आशंकाएं भर दो लेकिन ये मोदी है। ये भाजपा है भाजपा का दम है, भाजपा ने इच्छाशक्ति दिखाई और आज 40 लाख दिल्लीवालों को अपने मकान, अपनी दुकान उसका हल मिल गया। मुझे बताया गया है कि लाखों बहन-भाइयो ने डीडीए के पोर्टल पर इसके लिए एप्लीकेशन डाल दिए हैं। भाइयो-बहनो, कई दशकों से दिल्ली के हर चुनाव में अनाधिकृत कॉलोनियों में घर के अधिकार का मुद्दा सबसे प्रमुख होता था। हर चुनाव में सुनाई देता था कि नहीं सुनाई देता था, वादे किए जाते थे कि नहीं किए जाते थे, अनअधिकृत कॉलोनी के लोग भी आशा के साथ वोट डाल देते थे कि नहीं डाल देते थे, भरोसा करके सरकारें बनाते थे कि नहीं बनाते थे, उनका काम होता था क्या, किसी ने समाधान किया क्या? समाधान किसने किया, ये 40 लाख लोगों को घर का अधिकार किसने दिया? आपका जवाब गलत है, मोदी ने नहीं दिया ये आपके एक वोट ने दिया जिसने सात एमपी को जिताया था, जिसके कारण पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनी और जिसके प्रयासों से आज 40 लाख लोगों को अपने घर का हक मिल गया दोस्तों। ये मोदी के कारण नहीं आपके वोट के कारण हो रहा है, आपके वोट की ताकत के कारण हो रहा है। इस चुनाव में भी एक बार कमल के निशान पर बटन दबाकर देखो आपको सपने पूरे होने लगेंगे।

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साथियो, दिल्ली भाजपा ने ये भी संकल्प लिया है इन तमाम कॉलोनियों के विकास के लिए सरकार बनने के तुरंत बाद अलग से उनका एक डेवलपमेंट बोर्ड बनाया जाएगा, कॉलोनी डेवलेपमेंट बोर्ड। मैं दिल्ली भारतीय जनता पार्टी को लाख-लाख बधाई देता हूं जिन्होंने इतना महत्वपूर्ण कदम उठाने के लिए सोच है, उनके विजन के लिए बधाई देता हूं। ये बोर्ड इन 1700 कॉलोनियों में जरूरी सुविधाएं पहुंचाने के लिए काम करेगा और जब दिल्ली के भाजपा के लोग इतने बड़े संकल्प लेते हैं तो मैं भी तो आज-कल दिल्ली की रोटी खाता हूं। क्या मैं पीछे रह सकता हूं, मैं भी साथ खड़ा रहूंगा, इस काम को पूरा करने के लिए मैं भी आपके साथ पूरी जिम्मेदारी से जुटूंगा कि नहीं जुटूंगा? आप का नमक खाया है मैं कर के दिखाऊंगा दोस्तों। साथियो, दिल्ली में 21वीं सदी का आधुनिक से आधुनिक इंफ्रस्ट्रक्चर हो, ट्रांसपोर्ट का आधुनिक सिस्टम हो, यहां के लोगों को आधुनिक टेक्नोलॉजी का पूरा लाभ मिले। यहां के लोगों के पास सारी सुविधाएं मौजूद हो, स्वच्छ पानी हो, स्वच्छ हवा हो ये हमारी सरकार की प्राथमिकता है। हम जो संकल्प लेते हैं उस संकल्प को सिद्ध करते हैं यही हमारी भाजपा की पहचान है, यही भाजपा सरकार की पहचान है। भाइयो-बहनो, याद करिए दिल्ली में ईस्टर्न और वेस्टर्न एक्सप्रेस वे इसका काम कितने वर्षों से चल रहा था, लोग इंतजार करते-करते थक गए थे कि ना जाने कब पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे का काम पूरा होगा। बरसों से अटका हुआ ये काम पूरा किया, दिल्ली में हमारी सरकार बनने के बाद सारे अवरोधों को दूर करते हुए रिकॉर्ड समय में ये दोनों पेरिफेरल एक्प्रेस-वे तैयार हो चुके हैं जिसके कारण आज करीब 40 हजार ट्रक हर रोज जो पहले दिल्ली के अंदर से गुजरते थे वो आज दिल्ली के बाहर-बाहर निकल जाते हैं। सोचिए दिल्ली में आने वाला ट्रैफिक और प्रदूषण को कम करने में इस व्यवस्था ने इस नए इंफ्रास्ट्रक्चर में कितनी बड़ी मदद मिली है। इसी तरह अक्षरधाम, मयूर बिहार के धाम को दिल्ली एक्सप्रेस वे का काम हुआ है 16 लेन की सड़क बनी है उसने दिल्ली से गाजियाबाद आने-जाने वालों को बहुत राहत दी है। यही नहीं इस समय रैपिड रेल सिस्टम पर भी तेजी से काम चल रहा है। दिल्ली और मेरठ आने-जाने में घंटे-सवा घंटे से ज्यादा समय ना लगे इसके लिए हम काम कर रहे हैं। रेपिड रेल सिस्टम के लिए इस बार बजट में करीब-करीब ढाई हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। साथियो, दिल्ली मेट्रो से हमारे सबके आदरणीय नेता अटल जी का नाम जुड़ा हुआ है, अटल जी के बहुत प्रयासों के बाद ही दिल्ली में मेट्रो शुरू हो पाई। हमारी सरकार का प्रयास दिल्ली में मेट्रो के विस्तार को और बढ़ाने का है। बीते पांच वर्ष में करीब सवा सौ किलोमीटर नई मेट्रो लाइनें और 80 किलोमीटर से अधिक के आरआरटीएस स्वीकृत किए गए हैं। 
साथियो, इतिहास में दिल्ली का बहुत अहम स्थान है, दिल्ली और सुंदर बने यहां के लोगों को सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण मिले इस ओर हमारा प्रयास है। यमुना को स्वच्छ बनाने से जुड़ी परियोजनाओं के साथ ही हमारी सरकार यमुना रिवरफ्रंट पर भी काम कर रही है। ये रिवरफ्रंट 21वीं सदी के दिल्ली की शान बनेगा, ये मेरे शब्द लिखकर रखिए। ये दिल्ली के लोगों के लिए नया ऑइकॉनिक स्पॉट ही नहीं होगा बल्कि ग्रीन कार्रिडोर का, लंग ऑफ द सिटी इसका भी काम करेगा। दिल्ली के लिए एक नया फेफड़ा, ये काम ये यमुना रिवरफ्रंट से होने वाला है। भाइयो-बहनो, इंडिया गेट हो, लाल किला हो, देश की संसद हो, नार्थ ब्लॉक हो, साउथ ब्लॉक हो इन सभी की भव्यता को बढ़ाया गया है। एक समय था जब लाल किले तक लोग 15 अगस्त को या फिर बाहर को अपने आने वाले दोस्त को घुमाने ही ले जाते थे। अब वहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस को समर्पित क्रांति मंदिर म्यूजियम का भी निर्माण हुआ है। इसके साथ ही अब लाल किले में बहुत ही भव्य भारत पर्व उसका भी आयोजन होता है, ये जो 26 जनवरी को देश भर से खूबसूरत झांकियां निकलकर यहां दिल्ली आती हैं और एक दिन के बाद पूरा हो जाता है, हमने ये बदल दिया वह कुछ दिनों के लिए लाल किले में रखी जाती है और उसको पूरे दिल्ली के लोग आ कर के एक भारत श्रेष्ठ भारत का संदेश और लोगों तक पहुंचता है, छोटे-छोटे व्यापारियों का व्यापार भी चलता है।

भाइयो-बहनो, पुरानी धरोहरों में नयापन लाने के साथ ही नई धरोहरों को भी विकसित किया जा रहा है। इंडिया गेट के पास ही भव्य नेशनल वॉर मेमोरियल बनाने का काम भी हमने किया है। दोस्तो, यहां जो सरकार में उच्च पद पर बैठे हुए हैं इन्होंने पुलिस के लिए कैसे अभद्र शब्दों का प्रयोग किया था ना, पुलिस के लिए कैसी भाषा का प्रयोग किया था याद है ना। जिस पुलिस पर ऐसे अभद्र शब्दों का प्रयोग करने वाले लोग नेतृत्व करने के लिए निकलते हैं उनको ये पता नहीं है कि देश आजाद होने के बाद हम सामान्य नागरिकों की सेवा करने में, सुरक्षा करने में इस देश के 33 हजार पुलिस के जवानों ने शहादत मोल ली है। पुलिस का ये बलिदान उस पुलिस को यहां के नेता कैसी भाषा बोलते थे याद है ना। भाइयो-बहनो, एक तरफ वो संस्कार हैं दूसरी तरफ हमारे संस्कार हैं हमारी सोच है, हमने दिल्ली में ही नेशनल पुलिस मेमोरियल का निर्माण करके गौरव से उनको इज्जत देने का काम किया है, उनके बलिदान को नमन किया है। सुंदर नर्सरी हो या फिर 12 एकड़ में फैला दीनदयाल उपाध्याय पार्क दिल्ली में पर्यटकों के पसंदीदा स्थान बनते जा रहे हैं। यहां द्वारका में ही दो प्रोजेक्ट चल रहे हैं, एक भारत वंदना पार्क का निर्माण शुरू हो चुका है। देश जब आजादी के 75 वर्ष 2022 में मनाएगा तब तक ये पार्क तैयार हो जाएगा।

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इस पार्क में पूरे देश की कला, संस्कृति, खान-पान का अनुभव यहां आने वाला पर्यटक कर पाएगा और ये पर्यटक जब आता है ना तब वो धन भी खर्च करता है और इकोनॉमी को भी गति देता है। इस पूरे क्षेत्र की रोजी रोटी का प्रबंध उसमें है इसी तरह द्वारका में ही एक वर्ल्ड क्लास कनवेंशन सेंटर बन रहा है। आप कल्पना कीजिए जब एक वर्लड क्लास कनवेंशन सेंटर बनता है, दुनिया के बड़े-बड़े दिग्गजों को वहां आने का कोई ना कोई कारण बनता है। जहां दुनिया भर के लोगों को बिजिनेस के लिए एग्जीबीशन के लिए सुविधा मिलने वाली है। इन तमाम कदमों से यहां दिल्ली की सुंदरता तो बढ़ ही रही है, युवाओं के लिए रोजगार का निर्माण भी हो रहा है। साथियो, ऐसे बड़े काम तभी हो सकते हैं जब स्वार्थ की राजनीति नहीं विकास की राजनीति की जाती है। केंद्र सरकार का निरंतर प्रयास रहा है कि दिल्ली के हर जरूरतमंद के साथ खड़ी हो उसका साथी बनकर काम करे।


भाइयो-बहनो, बीते चार-पांच सालों में दिल्ली की 80 हजार गरीब महिलाओं को, मैं ये दिल्ली का आंकड़ा बता रहा हूं, 80 हजार गरीब महिलाओं को हमारी सरकार ने मुफ्त गैस कनेक्शन दिया है। उजाला योजना के तहत बांटे गए एलईडी बल्ब की वजह से अब हर घर में बिजली की खपत कम हुई है इससे करीब-करीब 700 करोड़ रुपए दिल्ली के लोगों का सालाना बच रहा है। इतना ही नहीं, अगल-अगल योजनाओं के तहत बीते चार-पांच वर्षों में केंद्र सरकार ने सीधे दिल्ली के लोगों के बैंक खातों में लगभग 10 हजार करोड़ रुपए ट्रांसफर किए हैं। इसमें से 3 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा दिल्ली के लोगों को सस्ती गैस के लिए दिए गए हैं। दिल्ली के बुजुर्गों को, दिव्यांगजनों को लगभग साढ़े चार सौ करोड़ रुपया सीधे उनके बैंक खाते में दिए गए हैं। सरकार के इन प्रयासों का लाभ यहां के गरीबों को, मध्यम वर्ग को, टैक्सी वालों को, ऑटो वालों को, घरों में काम करने वाले हमारे भाई-बहनो को सभी को मिला है।

साथियो, गरीब को सशक्त करना, गरीब की चिंता दूर करना, मुश्किल समय में उसके साथ खड़े रहना हमारी सरकार की संवेदनशीलता दिखाता है। हमारे देश में असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों के बारे में कभी चर्चा नहीं होती है, ये हमारे वो भाई-बहन हैं जो घरों में झाड़ू-बर्तन करते हैं, कपड़े धोते हैं बच्चों को स्कूल छोड़ते हैं, सड़कों पर रेड़ी-ठेलों पर काम करते हैं, कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र में काम करते हैं। इतने सालों तक किसी सरकार ने इनसे ये नहीं पूछा कि बुढ़ापे में या किसी हादसे की स्थिति में क्या करते हो, कैसे जीवन बिताते हो। ये हमारी ही सरकार है जिसने ऐसे साथियों के लिए 60 वर्ष की आयु के बाद तीन हजार नियमित पेंशन की सुविधा की शुरुआत की है। यही नहीं आज किसानों को, खेत मजदूरों को, छोटे दुकानदारों को भी तीन हजार रुपए तक मासिक पेंशन देने की योजना चल रही है। पेंशन ही नहीं दो-दो लाख रुपए का दुर्घटना और जीवन बीमा भी ऐसे परिवारों को सुनिश्चित किया गया है। ऐसे निर्णय ही एक संवेदनशील और संगठित समाज के संस्कार मजबूत करता है, ऐसी योजनाएं ही दिल्ली और देश के हर नागरिक को ये भरोसा देती है कि देश मुश्किल समय में हमारे साथ खड़ा रहता है।

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साथियो, हर भारतवासी, हर दिल्लीवासी, आसान बनाना ये हारी प्राथमिकता रही है। आज एक देश एक सुविधा की तरफ आगे बढ़ रहा है, एक देश एक राशन कार्ड एक ऐसी व्यवस्था है जिसका दिल्ली के गरीबों को बहुत लाभ मिलेगा। अक्सर गरीब परिवार रोजी-रोटी के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य जाते हैं लेकिन होता ये था कि उनको हर राज्य में नया राशन कार्ड बनवाना पड़ता था जिसके लिए उन्हें तमाम परेशानियां उठानी पड़ती थीं, चार छे महीने ऐसे बीत जाते थे यहां दिल्ली में भी ऐसा ही होता रहा है। यहां राशन कार्ड बनवाने को लेकर कैसी-कैसी समस्याएं थीं उन समस्याओं की बात मैं करना नहीं चाहता हूं, आप लोग भली-भांति परिचित हैं। बीते पांच साल में आए दिन इसको लेकर खबरें चलती आई हैं, अब इस परेशानी को समाप्त करने के लिए 'एक देश एक राशन कार्ड' इसकी सुविधा देने का प्रयास किया जा रहा है। इस व्यवस्था के बाद अब पूरे देश में एक ही राशन कार्ड चलेगा, इसका बहुत बड़ा लाभ दिल्ली के उन गरीबों को भी मिलेगा जो दूसरे राज्यों से यहां रोजी-रोटी के लिए आते हैं।

साथियो, 'एक देश एक टैक्स' यानी जीएसटी ने भी सामान्य जरूरत की लगभग 99 प्रतिशत चीजों का दाम कम किया है वरना पहले जिस तरह महंगाई बढ़ रही थी उनकी रसोई का बजट और ज्यादा बढ़ गया होता, हमने इसे काबू करने का काम किया है। ऐसे ही सरकार ने फास्टैग कार्ड की सुविधा भी शुरू की है इससे हाई वे पर टोल प्लाजा में जो जाम लगता था वो कम हो रहा है इसका लाभ दिल्ली को भी मिल रहा है। हम एक देश एक कार्ड की व्यवस्था की तरफ भी बढ़ रहे हैं, जिसमें मेट्रो से लेकर शॉपिंग तक का एक ही कार्ड होगा। साथियो, जब सही मायने में व्यवस्था परिवर्तन का जज्बा मन में होता है तो बड़े संकल्प सिद्ध होने लगते हैं। आपने इस बजट में निर्मला जी को सुना होगा कि 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान से देश के शैक्षणिक संस्थानों में बेटियों के नामांकन का अनुपात अब बेटों से भी अधिक हो गया है। मैं दिल्ली बीजेपी का आभार व्यक्त करता हूं, दिल्ली बीजेपी को बधाई देता हूं कि उन्होंने बेटियों की पढ़ाई को प्रोत्साहित करने के लिए बेहतरीन संकल्प लिए हैं। आर्थिक तौर पर कमजोर परिवार की बेटी को साइकिल और इलेक्ट्रिक स्कूटी देने का वादा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के संकल्प को और मजबूत करने वाला है। इसके अलावा परिवार की पहली दो लड़कियों को 21 साल की आयु में 2 लाख रुपए मिलें ये संकल्प भी केंद्र सरकार की सुकन्या समृद्धि योजना को विस्तार देगा।

साथियो, आपने बीते महीनों में फिर ये अनुभव किया है कि भाजपा जब कोई संकल्प लेती है तो उसे जल्द से जल्द पूरा करने का प्रयास करती है। हम आखिरी 6 महीने का इंतजार नहीं करते, कि जब 6 महीने चुनाव के बाकी हो तभी सब शुरू करो ताकि चुनाव जीत जाए हम ऐसा नहीं करते हैं। हम शुरू में ही काम शुरू कर देते हैं देखा ना कैसे बढ़ रहा है। हमारे काम को गिनते-गिनते लोग थक जाते हैं और इसलिए मेरे प्यारे भाइयो-बहनो, दिल्ली को सुरक्षित बनाने के लिए अराजकता और हिंसा से मुक्ति दिलाने के लिए 21वीं सदी की ये विश्वस्तरीय राजधानी बनाने के लिए मैं आपसे आग्रह करूंगा कमल के निशान पर बटन दबाना है। याद रखिए 8 फरवरी को छुट्टी नहीं है, राष्ट्रविरोधी राजनीति करने वालों की छुट्टी करने का ये दिन है। आप भारी संख्या में पोलिंग बूथ पर खुद भी आइए और अपने साथियों को भी लाइए। भाइयो-बहनो, 8 फरवरी को ठंड अगर ज्यादा भी हो फिर भी आपको सुबह जल्दी-जल्दी वोट करवाने के लिए निकलना है। करोगे ना, पक्का? घर-घर जाओगे, मतदाताओं से मिलोगे, 8 तारीख तक एक-एक घर छान मारोगे? हर एक को नमन कर के सत्य समझाओगे, गरीबों का भला करने के लिए विश्वास दिलाओगे, उनको वोट करने के लिए पोलिंग बूथ ले जाओगे? एक भी पोलिंग बूथ हारेंगे नहीं आपका संकल्प है, हर पोलिंग बूथ मजबूत होगा, हर पोलिंग बूथ विजयी होगा? भाइयो-बहनो, आपका पोलिंग बूथ जीत गए तो दिल्ली भी जीत गए और 21वीं सदी का दिल्ली भी बना के रहेंगे। इस संकल्प के साथ मैं फिर एक बार इन सभी साथियों का, आप सब इतनी बड़ी तादाद में हमारे इन सब साथियों को आशीर्वाद देने के लिए आए इसके लिए मैं आपका हृदय से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं। मेरे साथ बोलिए भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, बहुत-बहुत धन्यवाद।

  • krishangopal sharma Bjp January 13, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷
  • krishangopal sharma Bjp January 13, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹
  • krishangopal sharma Bjp January 13, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷
  • Reena chaurasia August 26, 2024

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  • Reena chaurasia August 26, 2024

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Prime Minister condoles passing of Shri Sukhdev Singh Dhindsa Ji
May 28, 2025

Prime Minister, Shri Narendra Modi, has condoled passing of Shri Sukhdev Singh Dhindsa Ji, today. "He was a towering statesman with great wisdom and an unwavering commitment to public service. He always had a grassroots level connect with Punjab, its people and culture", Shri Modi stated.

The Prime Minister posted on X :

"The passing of Shri Sukhdev Singh Dhindsa Ji is a major loss to our nation. He was a towering statesman with great wisdom and an unwavering commitment to public service. He always had a grassroots level connect with Punjab, its people and culture. He championed issues like rural development, social justice and all-round growth. He always worked to make our social fabric even stronger. I had the privilege of knowing him for many years, interacting closely on various issues. My thoughts are with his family and supporters in this sad hour."