ভারতনা নিংতম্বগী চহি ৭৫ শুরকপা অসিদা, রাজ্যশিং অসিনা মখোং য়াংনা, ইচং থৌনা অমসুং মীপাল তাংদনা মরোমদোম লেপচবা ঙম্বগী তঙাইফদবা অমা লৈ অমসুং কো-ওপরেতিব ফেদেরেলিজমগী ৱাখল্লোনদা ‘আত্মনির্ভর ভারত’কী মায়কৈদা খোং থাংবগী মথৌ তারক্লে। ভারতপু খোংফম চেৎপা, সস্তেনেবল ওইবা অমসুং ইনক্লুসিব ওইবা ভারত অমা শেমগৎনবগী মায়কৈদা, ২০২২গী অগস্তকী তাং ৭তা নিতি অয়োগকী ৭শুবা গোবর্নিং কাউন্সিল মীফম পাংথোক্কদৌরি অমসুং সেন্তর অমসুং রাজ্যশিং / য়ুনিয়ন তেরিতোরীশিংগী মরক্তা অনৌবা মওংদা য়ান্নবা অমসুং থবক শুমিন্ননবগী অনৌবা মতম অমা পুরক্নবা লম্বিসু শেম্লগনি। 

রাস্ত্রপতি ভৱন কলচরেল সেন্তর, নই দিল্লীদা পাংথোক্কদৌরিবা গোবর্নিং কাউন্সিলগী ৭ শুবা মীফম অসি প্রধান মন্ত্রী, শ্রী নরেন্দ্র মোদীনা থৌবু ওইদুনা পাংথোক্লগনি। মীফম অসিগী হিরমদি, অতৈ-অতৈগা লোইননা, মহৈ-মরোং তোঙান-তোঙানবা মখল-মখা কয়া অমা শিজিন্নহনবা অমসুং থাউ মরুশিং অমসুং হৱাই-চেংৱাইশিং মীপাল তাংদনা ইশাগী ওক্নবা পোত্থোক পুথোকপা ঙম্বা অমসুং এগ্রি-কম্যুনিতীশিং; নেস্নেল এজুকেশন পোলিসী-স্কুল এজুকেশনবু থবক ওইনা পাংথোকপা; নেস্নেল এজুকেশন পোলিসী - হায়র এজুকেশনবু থবক ওইনা পাংথোকপা; অমসুং অর্বান গোবর্নেন্স য়া‌ওরি হায়রিবশিং অসি য়াওরি।

মীফম অসিগী থৌরাংগী শরুক অমা ওইনা, ২০২২গী জুনদা ধরমশালাদা সেন্তর  অমসুং রাজ্যনা থা তরুক শাংবা য়াম্না চেকশিনবা এক্সর্সাইস অমা ওইনা চীফ সেক্রেতরীশিংগী ওইবা নেস্নেল কনফরেন্স পাংথোকখি। কনফরেন্স অসি প্রধান মন্ত্রীনা থৌবু ওইখি অমসুং সেন্তর  অমসুং রাজ্য সরকারশিংগী সেনিয়র ওফিসিয়েলশিংগা লোয়ননা রাজ্য অমসুং য়ুনিয়ন তেরিতোরীশিংগী চীফ সেক্রেতরীশিংনসু মসিদা শরুক য়াখি। ৭শুবা গবর্নিং কাউন্সিলগী মীফম অসিদা হায়রিবা হিরমশিং অসিবু থবক ওইনা পাংথোক্নবগীদমক লম্বি য়াৎকনি অমসুং এক্সন প্লানসু শেমগনি।   

গবর্নিং কাউন্সিলগী মীফম অসি জুলাই ২০১৯গী মতুংদা মশানা হকথেংননা শরুক য়াদুনা পাংথোকপা অহানবা মীফম ওইগনি। কোবিদ-১৯গী লাইচৎ লোইশিল্লক্তুনা ঐখোয়না অমৃত কালদা চঙকপা অমসুং মথং চহিদা ভারতনা জি২০ প্রেসিদেন্সী অমসুং সমিত পাংথোক্কদৌরিবা ওইবনা মসি য়াম্না মরু ওইরি। মীফম অসিদা ফেদেরেল সীস্তেমগী মীৎয়েংদা ইন্দিয়ানা লুচিংবগী মরু ওইবা হিরমশিং অমসুং জি-২০ প্লেতফোর্মদা ইশাগী চাউখৎপবু উৎপদা রাজ্যশিংনা পাংথোক্লিবা মথৌশিংগী মরমদসু খন্নগনি।

নিতি আয়োগকী গবর্নিং কাউন্সিল অসি রাজ্য অমসুং য়ুনিয়ন তেরিতোরীশিংনা লৈবাক্কী মরু ওইবা হিরমশিং অমসুং স্ত্রেতেজীশিংদা লেপ্তনা শরুক য়ারিবাশিংদা অওনবা অমা পুরক্নবগী থৌ পুহল্লিবা মরু ওইবা বোদী অমনি।  গবর্নিং কাউন্সিল অসিনা ইন্তর-সেক্তর, ইন্তর-দিপার্তমেন্তল অমসুং ফেদেরেলগী ওইবা হিরমশিংগী মরমদা খন্ন –নৈননবগীদমক প্লেতফোর্ম অমা পীরি। মসিদা ভারতকী প্রধান মন্ত্রী; রাজ্য পুম্নমক্কী অমসুং লেজিসলেচর লৈরিবা য়ুনিয়ন তেরিতোরীশিংগী মুখ্য মন্ত্রীশিং; অতোপ্পা য়ুনিয়ন তেরিতোরীশিংগী লেফ্তনেন্ত গোবর্নরশিং; নিতি আয়োগতা থবক পুরম্বা মেম্বরশিং; নিতি আয়োগকী ভাইস-চেয়রমেন; নিতি-আয়োগকী ফুল-তাইম ওইরিবা মেম্বরশিং অমসুং অখন্নবা মীথুংলেন ওইনা চেবাউ পীখিবা কেন্দ্রগী মন্ত্রীশিংনা মসিদা শরুক য়ারি। মসিনা কেন্দ্র অমসুং রাজ্যগী মরক্তা তাথোক-তাশিন তৌদুনা খন্ন-নৈনবদা খ্বাইদগী মরু ওইবা মফম অমা পীরি অমসুং সরকারগী ওইবা ৱাখললোনবু চেকশিন্না থবক পাংথোক্নবগীদমক মরু ওইবা স্ত্রেতেজীশিংবুসু খংদোকপদা মতেং পাংলি।

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From history to present times, youth energy has always played a big role in India's progress: PM
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भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

केंद्रीय मंत्रिमंडल में मेरी सहयोगी अन्नपूर्णा देवी जी, सावित्री ठाकुर जी, सुकांता मजूमदार जी, अन्य महानुभाव, देश के कोने-कोने से यहां आए सभी अतिथि, और सभी प्यारे बच्चों,

आज हम तीसरे ‘वीर बाल दिवस’ के आयोजन का हिस्सा बन रहे हैं। तीन साल पहले हमारी सरकार ने वीर साहिबजादों के बलिदान की अमर स्मृति में वीर बाल दिवस मनाने की शुरुआत की थी। अब ये दिन करोड़ों देशवासियों के लिए, पूरे देश के लिए राष्ट्रीय प्रेरणा का पर्व बन गया है। इस दिन ने भारत के कितने ही बच्चों और युवाओं को अदम्य साहस से भरने का काम किया है! आज देश के 17 बच्चों को वीरता, इनोवेशन, साइंस और टेक्नोलॉजी, स्पोर्ट्स और आर्ट्स जैसे क्षेत्रों में सम्मानित किया गया है। इन सबने ये दिखाया है कि भारत के बच्चे, भारत के युवा क्या कुछ करने की क्षमता रखते हैं। मैं इस अवसर पर हमारे गुरुओं के चरणों में, वीर साहबजादों के चरणों में श्रद्धापूर्वक नमन करता हूँ। मैं अवार्ड जीतने वाले सभी बच्चों को बधाई भी देता हूँ, उनके परिवारजनों को भी बधाई देता हूं और उन्हें देश की तरफ से शुभकामनाएं भी देता हूं।

साथियों,

आज आप सभी से बात करते हुए मैं उन परिस्थितियों को भी याद करूंगा, जब वीर साहिबजादों ने अपना बलिदान दिया था। ये आज की युवा पीढ़ी के लिए भी जानना उतना ही जरूरी है। और इसलिए उन घटनाओं को बार-बार याद किया जाना ये भी जरूरी है। सवा तीन सौ साल पहले के वो हालात 26 दिसंबर का वो दिन जब छोटी सी उम्र में हमारे साहिबजादों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी। साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह की आयु कम थी, आयु कम थी लेकिन उनका हौसला आसमान से भी ऊंचा था। साहिबजादों ने मुगल सल्तनत के हर लालच को ठुकराया, हर अत्याचार को सहा, जब वजीर खान ने उन्हें दीवार में चुनवाने का आदेश दिया, तो साहिबजादों ने उसे पूरी वीरता से स्वीकार किया। साहिबजादों ने उन्हें गुरु अर्जन देव, गुरु तेग बहादुर और गुरु गोविंद सिंह की वीरता याद दिलाई। ये वीरता हमारी आस्था का आत्मबल था। साहिबजादों ने प्राण देना स्वीकार किया, लेकिन आस्था के पथ से वो कभी विचलित नहीं हुए। वीर बाल दिवस का ये दिन, हमें ये सिखाता है कि चाहे कितनी भी विकट स्थितियां आएं। कितना भी विपरीत समय क्यों ना हो, देश और देशहित से बड़ा कुछ नहीं होता। इसलिए देश के लिए किया गया हर काम वीरता है, देश के लिए जीने वाला हर बच्चा, हर युवा, वीर बालक है।

साथियों,

वीर बाल दिवस का ये वर्ष और भी खास है। ये वर्ष भारतीय गणतंत्र की स्थापना का, हमारे संविधान का 75वां वर्ष है। इस 75वें वर्ष में देश का हर नागरिक, वीर साहबजादों से राष्ट्र की एकता, अखंडता के लिए काम करने की प्रेरणा ले रहा है। आज भारत जिस सशक्त लोकतंत्र पर गर्व करता है, उसकी नींव में साहबजादों की वीरता है, उनका बलिदान है। हमारा लोकतंत्र हमें अंत्योदय की प्रेरणा देता है। संविधान हमें सिखाता है कि देश में कोई भी छोटा बड़ा नहीं है। और ये नीति, ये प्रेरणा हमारे गुरुओं के सरबत दा भला के उस मंत्र को भी सिखाती हैं, जिसमें सभी के समान कल्याण की बात कही गई है। गुरु परंपरा ने हमें सभी को एक समान भाव से देखना सिखाया है और संविधान भी हमें इसी विचार की प्रेरणा देता है। वीर साहिबजादों का जीवन हमें देश की अखंडता और विचारों से कोई समझौता न करने की सीख देता है। और संविधान भी हमें भारत की प्रभुता और अखंडता को सर्वोपरि रखने का सिद्धांत देता है। एक तरह से हमारे लोकतंत्र की विराटता में गुरुओं की सीख है, साहिबजादों का त्याग है और देश की एकता का मूल मंत्र है।

साथियों,

इतिहास ने और इतिहास से वर्तमान तक, भारत की प्रगति में हमेशा युवा ऊर्जा की बड़ी भूमिका रही है। आजादी की लड़ाई से लेकर के 21वीं सदी के जनांदोलनों तक, भारत के युवा ने हर क्रांति में अपना योगदान दिया है। आप जैसे युवाओं की शक्ति के कारण ही आज पूरा विश्व भारत को आशा और अपेक्षाओं के साथ देख रहा है। आज भारत में startups से science तक, sports से entrepreneurship तक, युवा शक्ति नई क्रांति कर रही है। और इसलिए हमारी पॉलिसी में भी, युवाओं को शक्ति देना सरकार का सबसे बड़ा फोकस है। स्टार्टअप का इकोसिस्टम हो, स्पेस इकॉनमी का भविष्य हो, स्पोर्ट्स और फिटनेस सेक्टर हो, फिनटेक और मैन्युफैक्चरिंग की इंडस्ट्री हो, स्किल डेवलपमेंट और इंटर्नशिप की योजना हो, सारी नीतियां यूथ सेंट्रिक हैं, युवा केंद्रिय हैं, नौजवानों के हित से जुड़ी हुई हैं। आज देश के विकास से जुड़े हर सेक्टर में नौजवानों को नए मौके मिल रहे हैं। उनकी प्रतिभा को, उनके आत्मबल को सरकार का साथ मिल रहा है।

मेरे युवा दोस्तों,

आज तेजी से बदलते विश्व में आवश्यकताएँ भी नई हैं, अपेक्षाएँ भी नई हैं, और भविष्य की दिशाएँ भी नई हैं। ये युग अब मशीनों से आगे बढ़कर मशीन लर्निंग की दिशा में बढ़ चुका है। सामान्य सॉफ्टवेयर की जगह AI का उपयोग बढ़ रहा है। हम हर फ़ील्ड नए changes और challenges को महसूस कर सकते हैं। इसलिए, हमें हमारे युवाओं को futuristic बनाना होगा। आप देख रहे हैं, देश ने इसकी तैयारी कितनी पहले से शुरू कर दी है। हम नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, national education policy लाये। हमने शिक्षा को आधुनिक कलेवर में ढाला, उसे खुला आसमान बनाया। हमारे युवा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित न रहें, इसके लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। छोटे बच्चों को इनोवेटिव बनाने के लिए देश में 10 हजार से ज्यादा अटल टिंकरिंग लैब शुरू की गई हैं। हमारे युवाओं को पढ़ाई के साथ-साथ अलग-अलग क्षेत्रों में व्यावहारिक अवसर मिले, युवाओं में समाज के प्रति अपने दायित्वों को निभाने की भावना बढ़े, इसके लिए ‘मेरा युवा भारत’ अभियान शुरू किया गया है।

भाइयों बहनों,

आज देश की एक और बड़ी प्राथमिकता है- फिट रहना! देश का युवा स्वस्थ होगा, तभी देश सक्षम बनेगा। इसीलिए, हम फिट इंडिया और खेलो इंडिया जैसे मूवमेंट चला रहे हैं। इन सभी से देश की युवा पीढ़ी में फिटनेस के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। एक स्वस्थ युवा पीढ़ी ही, स्वस्थ भारत का निर्माण करेगी। इसी सोच के साथ आज सुपोषित ग्राम पंचायत अभियान की शुरुआत की जा रही है। ये अभियान पूरी तरह से जनभागीदारी से आगे बढ़ेगा। कुपोषण मुक्त भारत के लिए ग्राम पंचायतों के बीच एक healthy competition, एक तंदुरुस्त स्पर्धा हो, सुपोषित ग्राम पंचायत, विकसित भारत का आधार बने, ये हमारा लक्ष्य है।

साथियों,

वीर बाल दिवस, हमें प्रेरणाओं से भरता है और नए संकल्पों के लिए प्रेरित करता है। मैंने लाल किले से कहा है- अब बेस्ट ही हमारा स्टैंडर्ड होना चाहिए, मैं अपनी युवा शक्ति से कहूंगा, कि वो जिस सेक्टर में हों उसे बेस्ट बनाने के लिए काम करें। अगर हम इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम करें तो ऐसे करें कि हमारी सड़कें, हमारा रेल नेटवर्क, हमारा एयरपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर दुनिया में बेस्ट हो। अगर हम मैन्युफैक्चरिंग पर काम करें तो ऐसे करें कि हमारे सेमीकंडक्टर, हमारे इलेक्ट्रॉनिक्स, हमारे ऑटो व्हीकल दुनिया में बेस्ट हों। अगर हम टूरिज्म में काम करें, तो ऐसे करें कि हमारे टूरिज्म डेस्टिनेशन, हमारी ट्रैवल अमेनिटी, हमारी Hospitality दुनिया में बेस्ट हो। अगर हम स्पेस सेक्टर में काम करें, तो ऐसे करें कि हमारी सैटलाइट्स, हमारी नैविगेशन टेक्नॉलजी, हमारी Astronomy Research दुनिया में बेस्ट हो। इतने बड़े लक्ष्य तय करने के लिए जो मनोबल चाहिए होता है, उसकी प्रेरणा भी हमें वीर साहिबजादों से ही मिलती है। अब बड़े लक्ष्य ही हमारे संकल्प हैं। देश को आपकी क्षमता पर पूरा भरोसा है। मैं जानता हूँ, भारत का जो युवा दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों की कमान संभाल सकता है, भारत का जो युवा अपने इनोवेशन्स से आधुनिक विश्व को दिशा दे सकता है, जो युवा दुनिया के हर बड़े देश में, हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवा सकता है, वो युवा, जब उसे आज नए अवसर मिल रहे हैं, तो वो अपने देश के लिए क्या कुछ नहीं कर सकता! इसलिए, विकसित भारत का लक्ष्य सुनिश्चित है। आत्मनिर्भर भारत की सफलता सुनिश्चित है।

साथियों,

समय, हर देश के युवा को, अपने देश का भाग्य बदलने का मौका देता है। एक ऐसा कालखंड जब देश के युवा अपने साहस से, अपने सामर्थ्य से देश का कायाकल्प कर सकते हैं। देश ने आजादी की लड़ाई के समय ये देखा है। भारत के युवाओं ने तब विदेशी सत्ता का घमंड तोड़ दिया था। जो लक्ष्य तब के युवाओं ने तय किया, वो उसे प्राप्त करके ही रहे। अब आज के युवाओं के सामने भी विकसित भारत का लक्ष्य है। इस दशक में हमें अगले 25 वर्षों के तेज विकास की नींव रखनी है। इसलिए भारत के युवाओं को ज्यादा से ज्यादा इस समय का लाभ उठाना है, हर सेक्टर में खुद भी आगे बढ़ना है, देश को भी आगे बढ़ाना है। मैंने इसी साल लालकिले की प्राचीर से कहा है, मैं देश में एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिसके परिवार का कोई भी सक्रिय राजनीति में ना रहा हो। अगले 25 साल के लिए ये शुरुआत बहुत महत्वपूर्ण है। मैं हमारे युवाओं से कहूंगा, कि वो इस अभियान का हिस्सा बनें ताकि देश की राजनीति में एक नवीन पीढ़ी का उदय हो। इसी सोच के साथ अगले साल की शुरुआत में, माने 2025 में, स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर, 'विकसित भारत यंग लीडर्स डॉयलॉग’ का आयोजन भी हो रहा है। पूरे देश, गाँव-गाँव से, शहर और कस्बों से लाखों युवा इसका हिस्सा बन रहे हैं। इसमें विकसित भारत के विज़न पर चर्चा होगी, उसके रोडमैप पर बात होगी।

साथियों,

अमृतकाल के 25 वर्षों के संकल्पों को पूरा करने के लिए ये दशक, अगले 5 वर्ष बहुत अहम होने वाले हैं। इसमें हमें देश की सम्पूर्ण युवा शक्ति का प्रयोग करना है। मुझे विश्वास है, आप सब दोस्तों का साथ, आपका सहयोग और आपकी ऊर्जा भारत को असीम ऊंचाइयों पर लेकर जाएगी। इसी संकल्प के साथ, मैं एक बार फिर हमारे गुरुओं को, वीर साहबजादों को, माता गुजरी को श्रद्धापूर्वक सिर झुकाकर के प्रणाम करता हूँ।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद !