হিজ এক্সেলেন্সী, মিস্তর সাবা কোরোসী, য়ু.এন. জেনেরেল এসেমব্লীগী প্রেসিদেন্ত,

হিজ এক্সেলেন্সী, অমিনা মোহম্মদ, য়ূ.এন.গী দিপুতী সেক্রেতরী জেনেরেল,

হিজ এক্সেলেন্সী, ইরিক অদাম্স, নিউ য়োর্ককী মেয়র,

অমদি ঐগী নুংশিজরবা মালেম পুম্বগী মরূপশিং

খুরুমজরি!

মরূপশিং,

ঙসিগী য়াইফরবা অয়ুকসিদা, ঐখোয়না য়ুনাইতেদ নেসন্স অসিদা, মীওইবা খুন্নাই পুম্বগী উনফমসিদা, নিউ য়োর্ক্কী নীংথিরবা ময়োল্লমসিদা পুল্লরি‍। ময়াম মরক্তগী কয়া অমদি অরাপ্পা মফমশিংদগী লেঙবিরকপনি হায়বা ঐ খঙই‍। অদোম অয়াম্বনা নোং ঙানদ্রিঙৈদা হৌগৎলগা মফমসিদা য়ৌরক্নবা হোৎনবিরমগনি‍।

ময়ামবু উবদা ঐঙোন্দা নুংঙাইজবা অমা ফাওই, অমদি ঐনা ময়াম পুম্নমকপু লেঙবিরকপগীদমক থাগৎচরি‍।

মরূপশিং,

ঐঙোন্দা পাউদমবিরকপদা ঙসি মফমসিদা লৈবাক অয়াম্বদগী মীওইশিং তিল্লি হায়বিরকই‍। অদুগা য়োগ হায়বসিনা ঐখোয় পুম্নমকপু পুনশিন্ননবগী কয়াদা নীংথিরবা মরম অমা ওইরিবনো?

য়োগ হায়বগী ৱাহন্থোক্তি – পুনশিনবা হায়বনি‍। মরম অসিনা ময়াম্না পুন্না মফমসিদা লেঙবিরকপা অসিমকসু য়োগগী মওং অমনি‍। ঐ নীংশিংলি, চহি মাপনলোমগী মমাঙদা, মফমসিমক্তদা য়ু.এন.দা জুন ২১দা মালেমগী য়োগ নুমিৎ পাঙথোক্নবা ৱাফম হৌদোকচনবগী খুদোংচাবা ফংজখি‍।

মতমদুদা মালেম পুম্বনা ৱাখল্লোন অসিবু শৌগৎপিরকখিবা তশেংনমক অঙকপগী মশক্নি‍। ঐ হৌজিক্তা থৌনা ফরবা য়ু.এন. পীসকীপরশিংগী মফমদা ইকায়খুম্নবা উৎচরম্বনি‍। ইং ২০১৫দা, ঐনা মখোয়গী নীংশিং খুভম অমা য়ু.এন.দা শানবা ৱাফম অমা হৌদোকখি‍।

অদুগা মমাঙগী চয়োলদা, মালেম পুম্বনা ভারতকা খুৎশম্নদুনা হায়রিবা ৱাফম অসিবু অথুবদা থবক ওইনা ওন্থোক্নবা ফিরেপ লৌখি‍। খ্বায়দগী মশিং য়াম্বা লান্মী পীরিবা লৈবাক অমা ওইনা ঐখোয়না লৈবাক পুম্নমক্কী মফমদা হায়রিবা অফবা খোঙথাঙ অসিদা শরুক য়াদুনা শৌগৎপিবগীদমক তৌবিমল খঙবা উৎচরি‍।

মমাঙ চহিদা, ২০২৩বু মালেমগী চনানগী চহি হায়না পাঙথোক্নবা ভারতনা হৌদোকখিবা ৱাফমবু মালেম পুম্বনা শৌগৎপিরকখি‍। চনান অসি সুপরফুদনি‍। মখোয় চাবনা হকচাঙ ফহল্লি অমদি অকোয়বগী ফীভমসু ফহল্লি‍। অদুগা ঙসি, মালেম পুম্বনা য়োগগীদমক পুনশিন্নবা উবদা নুংঙাইবা ফাওই‍।

মরূপশিং,

য়োগ ভারত্তগী হৌখিবনি‍। অদুগা মসি য়াম্না লিরবা চৎনবীনি‍। অদুবু অরিবা ভারতকী চৎনবী অতৈগুম, মসিসু অহিংবা অমদি ইচঙ থৌবা চৎনবী অমনি‍। য়োগ অসি কোপীরাইত লৈতে, পেতেন্ত লৈতে, অমদি রোয়েলতী পেমেন্ত লৈতে‍। য়োগ চহি, নুপা-নুপী, অমদি হকচাঙগী ফীভমগী মতুং ইন্না শেমদোক শাদোকপা য়াই‍। য়োগ অসি পোর্তেবল ওই – অদোম্না মসি য়ুমদা, নৎত্রগা থবক মফমদা নৎত্রগা চত্থোক চৎশিন তৌবদা অদুমক তৌবা য়াই‍।

য়োগ অসি ফ্লেক্সিবল ওই – অদোম্না মসি ইতোমতা তৌবা য়াই, নৎত্রগা পুন্না তৌমিন্নবা য়াই, ওজা অমদগী তম্বা য়াই নৎত্রগা ইশানা তমজবসু য়াই‍। য়োগ অসি তশেংনমক মালেম পুম্বগীনি‍।

মরূপশিং,

ঐখোয়না য়োগ তৌবা মতমদা ঐখোয়দা হকচাঙ ফিৎ ওইবা, পুক্নিং ইংবা, অমদি ৱাখল নুংঙাইবা ফাওই‍। অদুবু মসি ফক অমদা শাজেল তৌবগী ৱাফম খক্তা নত্তে‍। য়োগ হায়বসি পুন্সিগী লম্বী অমনি‍। মসি হকচাঙ ফবা অমদি তিঞ্জং কায়জঙদনা লৈনবগী পুম্নমক শুপচিল্লবা লম্বী অমনি‍। ৱাখল অমদি থবকশিংদা পুক্নিং চঙনবগী লম্বী অমনি‍। ইশাগা, অতোপ্পগা, অমদি মহৌশাগা পুকচেল খোইচেল তিন্ননা লৈমিন্ননবগী লম্বী অমনি‍। ময়াম অমনা য়োগগী মশকশিং অসিবু সাইন্তিফিক ওইনা তাক্নবা হোৎনবদা ঐ নুংঙাইবা ফাওই‍। তশেংনমক মসি চঙশিনগদবা লম্বীদুনি‍।

মরূপশিং,

ময়াম পুম্নমক হৌবা পাম্লম্লগনি হায়বা ঐ খঙই! ঐহাকসুনি‍। ঐনা য়ুনাইতেদ নেসন্সপু ঙসি মফমসিদা ঐখোয়বু তিলহনবিবগীদমক থাগৎপা ফোঙদোকচরি‍। থৌরম অসি মায় পাকহন্নবা হোৎনববা মতেঙ অমদি ঙাক্লৌ পীবিরকখিবগীদমক মেয়র অমদি নিউ য়োর্ক ময়োল্লমগী লমসু তোনশিঞ্জরে‍। অদুগা ময়ামসিগী মথক্তা, ঐনা ঙসি মফমসিদা তিনবিরিবা পুম্নমকপু থাগৎচবা ফোঙদোকচরি‍। ঐখোয় ইশা ফনা অমদি নুংঙাইনা লৈনবগীখক নত্তনা ঐখোয় ইশাদা অমদি অতোপ্পদা থৌজালগী মতৌ উৎনবগীদমক য়োগগী মতিকপু শীজিন্নরসি‍।

ঐখোয়না য়োগগী মতিকপু মরূপ মপাং ওইবগী থোং, ইং তপ্পা মালেম অমা, অমদি হেন্না লু-নানবা, অশং অমান্না থনবা অমদি তুং কোইগদবা তুংলমচৎ অমা শেম্নবা শীজিন্নরসি‍। ঐখোয় পুম্নমক খুৎশম্নদুনা “মালেম অমা, ইমুং অমা, তুংলমচৎ অমা’ হায়রিবা পান্দম অসিবু ফংনবা চঙশিনমিন্নরসি‍। ঐ য়াইফ-পাউজেল অমগা লোয়ননা লোইশিনঞ্জগে:

সর্বে ভবন্তু সুখিনঃ

সর্বে সন্তু নিরাময়াঃ

মীপুম খুদিং নুংঙাইবা ওইরসনু, মীপুম খুদিং হকচাঙ ফনা লৈরসনু!

ময়ামবু থাগৎচরি!

ময়ামবু হন্না হন্না থাগৎচরি!

 

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Text of PM’s address at the Constitution Day celebrations at Supreme Court
November 26, 2024
PM releases the Annual Report of the Indian Judiciary 2023-24
Our constitution is not merely a Book of Law, its a continuously ever- flowing, living stream: PM
Our Constitution is the guide to our present and our future: PM
Today every citizen has only one goal ,to build a Viksit Bharat: PM
A new judicial code has been implemented to ensure speedy justice, The punishment based system has now changed into a justice based system: PM

भारत के मुख्य न्यायधीश जस्टिस संजीव खन्ना जी, जस्टिस बीआर गवई जी, जस्टिस सूर्यकांत जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे साथी श्रीमान अर्जुन राम मेघवाल जी, अटॉर्नी जनरल श्री वेंकटरमानी जी, बार काउंसिल के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्र जी, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री कपिल सिब्बल जी, सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति गण, पूर्व मुख्य न्यायधीश गण, उपस्थित अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

आपको, सभी देशवासियों को संविधान दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। भारत के संविधान का ये 75वां साल, पूरे देश के लिए एक असीम गौरव का विषय है। मैं आज भारत के संविधान को, संविधान सभा के सभी सदस्यों को आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

हम लोकतंत्र के इस महत्वपूर्ण पर्व का जो स्मरण कर रहे हैं, उस समय ये भी नहीं भूल सकते कि आज मुंबई में हुए आतंकी हमले की भी बरसी है। इस हमले में जिन व्यक्तियों का निधन हुआ, उन्हें मैं अपनी श्रद्धांजलि देता हूं। मैं देश को ये संकल्प भी दोहराता हूं कि भारत के सुरक्षा को चुनौती देने वाले हर आतंकी संगठन को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।

साथियों,

संविधान सभा की लंबी बहस के दौरान भारत के गणतांत्रिक भविष्य पर गंभीर चर्चाएं हुई थी। आप सभी उस डिबेट से भली-भांति परिचित हैं। और तब बाबा साहेब आंबेडकर ने कहा था- Constitution is not a mere lawyers’ document…its spirit is always the spirit of Age. जिस स्पिरिट की बात बाबा साहेब कहते थे, वो बहुत ही अहम है। देश-काल-परिस्थिति के हिसाब से उचित निर्णय लेकर हम संविधान की समय-समय पर व्याख्या कर सकें, ये प्रावधान हमारे संविधान निर्माताओं ने हमें दिया है। हमारे संविधान निर्माता ये जानते थे कि भारत की आकांक्षाएं, भारत के सपने समय के साथ नई ऊंचाई पर पहुंचेंगे, वो जानते थे कि आज़ाद भारत की और भारत के नागरिकों की ज़रूरतें बदलेंगी, चुनौतियां बदलेंगी। इसलिए उन्होंने हमारे संविधान को महज़ कानून की एक किताब बनाकर नहीं छोड़ा...बल्कि इसको एक जीवंत, निरंतर प्रवाहमान धारा बनाया।

साथियों,

हमारा संविधान, हमारे वर्तमान और हमारे भविष्य का मार्गदर्शक है। बीते 75 वर्षों में देश के सामने जो भी चुनौतियां आई हैं, हमारे संविधान ने हर उस चुनौती का समाधान करने के लिए उचित मार्ग दिखाया है। इसी कालखंड में आपातकाल जैसा समय भी आया...और हमारे संविधान ने लोकतंत्र के सामने आई इस चुनौती का भी सामना किया। हमारा संविधान देश की हर जरूरत, हर अपेक्षा पर खरा उतरा है। संविधान से मिली इस शक्ति की वजह से ही...आज जम्मू-कश्मीर में भी बाबा साहेब का संविधान पूरी तरह लागू हुआ है। आज वहां पहली बार संविधान दिवस मनाया गया है।

साथियों,

आज भारत, परिवर्तन के इतने बड़े दौर से गुजर रहा है, ऐसे अहम समय में भारत का संविधान ही हमें रास्ता दिखा रहा है, हमारे लिए गाइडिंग लाइट बना हुआ है।

साथियों,

भारत के भविष्य का मार्ग अब बड़े सपनों, बड़े संकल्पों की सिद्धि का है। आज हर देशवासी का एक ही ध्येय है- विकसित भारत का निर्माण। विकसित भारत का मतलब है, जहां देश के हर नागरिक को एक quality of life मिल सके, dignity of life मिल सके। ये सामाजिक न्याय, सोशल जस्टिस का भी बहुत बड़ा माध्यम है। और ये संविधान की भी भावना है। इसलिए, बीते वर्षों में, देश में लोगों के बीच आर्थिक और सामाजिक समानता लाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। बीते 10 वर्षों में 53 करोड़ से ज्यादा ऐसे भारतीयों का बैंक खाता खुला है...जो बैंक के दरवाजे तक नहीं पहुंच पाते थे। बीते 10 वर्षों में 4 करोड़ ऐसे भारतीयों को पक्का घर मिला है, जो कई-कई पीढ़ियों से बेघर थे, बीते 10 वर्षों में 10 करोड़ से ज्यादा ऐसी महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन मिला है, जो बरसों से अपने घर में गैस पहुंचने का इंतजार कर रही थीं। हमें आज के जीवन में बहुत आसान लगता है कि घर में नल खोला और पानी आ गया। लेकिन देश में आजादी के 75 साल बाद भी सिर्फ 3 करोड़ घर ही ऐसे थे, जिनमें नल से जल आता था। करोड़ों लोग तब भी अपने घर में नल से जल का इंतजार कर रहे थे। मुझे संतोष है कि हमारी सरकार ने 5-6 साल में 12 करोड़ से ज्यादा घरों को नल से जल देकर नागरिकों का और विशेषकर महिलाओं का जीवन आसान बनाया है, संविधान की भावना को सशक्त किया है।

साथियों,

आप सभी जानते हैं कि हमारे संविधान की मूल प्रति में प्रभु श्रीराम, माता सीता, हनुमान जी, भगवान बुद्ध, भगवान महावीर, गुरू गोविंद सिंह जी...सभी के चित्र हैं। भारत की संस्कृति के प्रतीक...इन चित्रों को संविधान में इसलिए स्थान दिया गया ताकि वो हमें मानवीय मूल्यों के प्रति सजग करते रहें। ये मानवीय मूल्य...आज के भारत की नीतियों और निर्णयों का आधार हैं। भारतीयों को त्वरित न्याय मिले, इसके लिए नई न्याय संहिता लागू की गई है। दंड आधारित व्यवस्था अब न्याय आधारित व्यवस्था में बदल चुकी है। महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी बढ़ाने के लिए नारी शक्ति वंदन अधिनियम का ऐतिहासिक निर्णय हुआ है। हमने third gender को उनकी पहचान और उनका हक दिलाने के लिए भी कदम उठाए हैं। हमने दिव्यांगजनों के जीवन को आसान बनाने के लिए भी व्यवस्थाएं बनाईं हैं।

साथियों,

आज देश का बहुत ज्यादा जोर, देश के नागरिकों की Ease of Living पर है। एक समय था जब पेंशन पाने वाले सीनियर सीटिजन्स को बैंक में जाकर साबित करना होता था कि वो जीवित हैं। आज सीनियर सिटीज़न्स को घर बैठे ही डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट्स की सुविधा मिल रही है। करीब-करीब डेढ़ करोड़ सीनियर सीटिजन्स अब तक इस सुविधा का लाभ उठा चुके हैं। आज भारत वो देश है जो हर गरीब परिवार को 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा देता है। आज भारत वो देश है, जो 70 वर्ष से ऊपर के हर बुजुर्ग को फ्री हेल्थकेयर की सुविधा देता है। देश के हजारों जनऔषधि केंद्रों पर आज 80 परसेंट डिस्काउंट पर सस्ती दवाइयां मिल रही हैं। एक समय में हमारे देश में इम्यूनाइजेशन की कवरेज भी 60 परसेंट से भी कम थी। करोड़ों बच्चे हर साल टीकाकरण से छूट जाते थे। आज मुझे संतोष है कि अब मिशन इंद्रधनुष की वजह से भारत में इम्यूनाइजेशन की कवरेज शत प्रतिशत पहुंच रही है। आज दूर-सुदूर के गांवों में भी समय पर बच्चों का टीकाकरण हो पा रहा है। इन प्रयासों ने गरीबों की, मध्यम वर्ग की बहुत बड़ी चिंता कम की है।

साथियों,

आज देश में कैसे काम हो रहा है...इसका एक उदाहरण Aspirational District अभियान भी है। देश के 100 से अधिक ऐसे जिले जिन्हें पिछड़ा कहा जाता था...हमने उन्हें Aspirational District माना और वहां हर पैरामीटर में विकास की गति तेज़ की गई है। आज देश के अनेक Aspirational Districts, दूसरे जिलों से बहुत बेहतर कर रहे हैं। अब इसी मॉडल के आधार पर हमने aspirational block program भी शुरु किया है।

साथियों,

लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी से परेशानियां खत्म करने पर भी आज देश का बहुत ज्यादा जोर है। कुछ साल पहले तक भारत में ढाई करोड़ घर ऐसे थे, जो शाम होते ही अंधेरे में डूब जाते थे, उन घरों में बिजली कनेक्शन ही नहीं था। सबको बिजली का मुफ्त कनेक्शन देकर, देश ने उनके जीवन को रोशन कर दिया है। बीते वर्षों में दूर-सुदूर इलाकों में भी हजारों की संख्या में मोबाइल टावर्स लगाए गए हैं...ताकि लोगों को 4G/5G कनेक्टिविटी मिलती रहे। पहले कभी आप अंडमान या लक्ष्यद्वीप जाते थे तो वहां ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी नहीं मिलती थी। आज अंडरवॉटर ऑप्टिकल फाइबर ने ऐसे द्वीपों तक भी अच्छी स्पीड वाला इंटरनेट पहुंचा दिया है। हमारे यहां गांव के घरों, गांव की ज़मीन से जुड़े कितने विवाद होते रहे हैं...ये भी हम भली-भांति जानते हैं। पूरी दुनिया में विकसित देशों के सामने भी लैंड रिकॉर्ड एक बहुत बड़ा चैलेंज रहा है। लेकिन आज का भारत, इसमें भी लीड ले रहा है। पीएम स्वामित्व योजना के तहत, आज गांव के घरों की ड्रोन मैपिंग की जा रही है और लीगल डॉक्यूमेंट इश्यू किए जा रहे हैं।

साथियों,

देश के विकास के लिए आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का तेज निर्माण भी उतना ही जरूरी है। इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट्स समय पर पूरे होने से देश का धन भी बचता है...और प्रोजेक्ट भी, उसकी उपयोगिता भी बहुत बढ़ जाती है। इसी सोच के साथ प्रगति नाम से एक प्लेटफॉर्म बनाया गया है जिसमें इंफ्रा प्रोजेक्ट्स का रेगुलर रिव्यू होता है। और इनमें से कुछ प्रोजेक्ट्स तो ऐसे थे जो 30-30, 40-40 साल से पेंडिंग थे। मैं खुद इसकी मीटिंग्स को चेयर करता हूं। आपको जानकर अच्छा लगेगा कि अभी तक 18 लाख करोड़ रुपए के ऐसे प्रोजेक्ट्स को रिव्यू करके, उनके सामने की अड़चनों को दूर किया जा चुका है। समय पर पूरे हो रहे प्रोजेक्ट्स लोगों के जीवन पर बहुत सकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं। देश में हो रहे ये प्रयास...देश की प्रगति को भी गति दे रहे हैं और संविधान की मूल भावना को भी सशक्त कर रहे हैं।

साथियों,

मैं अपनी बात डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद जी के शब्दों के साथ समाप्त करना चाहूंगा...26 नवंबर...आज के ही दिन 1949 में संविधान सभा में अपने समापन भाषण में डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद जी ने कहा था...“भारत को आज ईमानदार लोगों के एक समूह से ज्यादा कुछ नहीं चाहिए जो अपने हितों से आगे देश का हित रखेंगे। नेशन फर्स्ट, राष्ट्र सर्वप्रथम की यही भावना भारत के संविधान को आने वाली कई-कई सदियों तक जीवंत बनाए रखेगी। मैं, संविधान ने मुझे जो काम दिया है, मैंने उसी मर्यादा में रहने का प्रयास किया है, मैंने कोई encroachment की कोशिश नहीं की है। क्योंकि संविधान ने मुझे वो काम कहा इसलिए मैंने अपनी मर्यादाओं को संभालते हुए अपनी बात को रखा है। यहां तो इशारा ही चल रहा होता है ज्यादा कुछ कहने की जरूरत नहीं होती है।

बहुत-बहुत धन्यवाद।