Prime Minister Narendra Modi, in an interview to The New Indian, spoke on a range of subjects including the ongoing Lok Sabha elections, his government's zero tolerance towards corruption, and more. The PM also opened about about his humble beginnings, his bond with his mother and stories from his childhood of helping a sage.

 महादेव की ये नगरी है काशी, रहते यहां शिव शंकर अविनाशी, गंगा की यहां पावन धारा है बहती, हर- हर महादेव, हर जिह्वा है कहती और शायद 2014 से ‘हर- हर मोदी, घर- घर मोदी’ भी कहती क्योंकि मेरे साथ में अब जुड़ गए हैं प्रधानमंत्री, प्रधान सेवक नरेंद्र दामोदर दास मोदी। जिन्होंने हर गांव, हर देश के कोने को प्यार से जोड़ दिया हो वेलकम टू दि शो प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी साहब दिस इज एक्चुअली अ प्रिविलेज फोर अस ऑन द न्यू इंडियन हमारा एक मोटो है वाट टीवी डजन प्रिंट कांट वी डिलीवर जो टीवी नहीं कर सकता और प्रिंट नहीं कर सकता हम वहां जहां जाकर डिजिटल में वो लाते हैं हमारे लिए आज बड़ा सर गर्व का विषय है कि आप हमारे साथ में जुड़े हैं, पांचवें चरण के मतदान में इसलिए सर आपसे पहला सवाल ये कहूंगा प्रधानमंत्री जी कि पहले चरण के मतदान से लेकर पांचवें चरण तक आप चिलचिलाती गर्मी से घूमते हुए तमिलनाडु के घाटों से असम के चाय बागानों से अरुणाचल के पहाड़ों से रेगिस्तान से और मैं कहूंगा महाराष्ट्र की औद्योगिक नगरों से केरल के गांव तक ये समझना चाहता हूं सर आपके अंदर वो एनर्जी क्या आती है? मेरे अंदर क्यूरियोसिटी ये रहती है कि क्या वो प्रोटीन मिल्कशेक है? क्या वो प्रोटीन सप्लीमेंट है? इंस्टेंट एनर्जी ड्रिंक है? रेड बुल है? कोका-कोला है? कैफीन है? जब हम अपने दादा और परदादा को और पिता को देखते हैं वो एनर्जी शायद उनमें भी ना हो जितनी आप में है और युवा में भी ना हो वो एनर्जी क्यों है? उसका राज क्या है? क्या परहेज करते हैं?

पीएम मोदी: पहली बात है कि एक तो मैं कोई गोली नहीं खाता, गालियां जरूर खाता हूं और हो सकता है कि शायद हर गाली मेरा जो संकल्प है उसे मजबूती देने का काम करती है। आपने सही कहा मैं देश के कोने- कोने में घूम रहा हूं लेकिन बहुत कम लोगों को पता होगा क्योंकि अब लोग मुझे टीवी पर देखते हैं कि मैं इधर था उधर था यहां गया वहां गया लेकिन शायद मेरा 50-55 साल का ये जीवन जो है वो परिव्राजक रहा है एक घुमंतू जिसको कहे ऐसा ही रहा है तो मैं इन सब चीजों से आदी हूं कुछ लोगों का तो ऐसा रहता है कि भाई अगर एक बिस्तर से दूसरे बिस्तर पर सोना पड़े तो नींद नहीं आती मेरे लिए कुछ ऐसा है ही नहीं, मेरा शरीर मेरा इतना थक जाता है मैं जहां भी रात को जगह मिल जाए मैं सो सकता हूं तो हो सकता है दूसरा मेरा जो पारिवारिक पृष्ठभूमि है, मेरा जो लालन- पालन हुआ है उसमें तो ऐसा कुछ नहीं था जो आज दुनिया मुझे देख रही है आप अपने गांव का कोई भी गरीब परिवार देख लीजिए और फिर सोचिए कि यहां से यहां से क्या- क्या हो सकता है तो कहीं ना कहीं जाकर आप अटक जाएंगे मैं तो कभी कहता था कि मैं ऐसे बैकग्राउंड से हूं अगर मैं स्कूल में टीचर बन जाता तो शायद मेरी मां अड़ोस- पड़ोस में सबको गुड़ खिलाती क्योंकि मेरा जीवन वैसा ही था शायद परमात्मा की ही कोई इच्छा है, शायद ईश्वर ने ही मुझे किसी काम के लिए भेजा है, किसी परपज के लिए भेजा है और ईश्वर ही मुझसे सब कुछ करवाता है, वही दौड़ाता है, वही पद देता है प्रतिष्ठा देता है, वही परिणाम भी देता है और मैं ईश्वर के दो रूप देखता हूं, एक साकार, एक निराकार जो 140 करोड़ देशवासी हैं उनको मैं परमात्मा का रूप मानता हूं तो वो मेरे लिए साकार ईश्वर का रूप है जिसका मैं नित्य पूजा करने वाला व्यक्ति हूं और दूसरा एक निराकार रूप है जिसको ना मैंने देखा है ना कोई देखने वाला मुझे मिला है लेकिन मेरी उसमें अपार श्रद्धा रही है शायद ईश्वर ने ही मुझे ये संकेत दिया है तुम निराकार रूप को खोजने में अपना समय बर्बाद मत करो ये साकार रूप जो ईश्वर का है तुम उसी में खप जाओ, निराकार तेरे साथ रहेगा।

सवाल: आप महादेव के बड़े भक्त हैं मैंने आपका करियर बड़ा फॉलो किया करीबी से केदारनाथ हो 2019 में तपस्या आपने इतनी की यहां पर आपने काशी विश्वनाथ या उज्जैन महाकाल मैं ये समझना चाहता हूं कि महादेव की वो क्या चीज है जो आपको आकर्षित करती है उनकी तरफ भगवान शिव की भक्ति में कहा जाता है महादेव तो देवों के देव हैं पर आपको क्या वो आकर्षित करते हैं महादेव?

पीएम मोदी: ये बात सही है कि मैं चाहे कैलाश मानसरोवर हो, बदरीनाथ- केदारनाथ हो हिंदुस्तान में ये मेरा पूर्व जीवन है उस चीज में ये चीजें ही मेरे जीवन में मैं उसी में ही डूबा हुआ था किसी कारणवश में फिर से ये कपड़े भी पहनने लगा और वापस लौटा। मैं परमात्मा के गुण और अवगुण की चर्चा करने की तो योग्यता मुझ में नहीं है, उनके कोई गुण देख कर के मैं काम कर रहा हूं ये तो मेरे सामर्थ्य के बाहर का है मेरा अभी भी मत है कि शायद परमात्मा को जो अच्छा लगता है वो मुझसे करवाता है और जो मुझे करवाता है वो मुझे अच्छा लगता है लेकिन कभी-कभी मैं देखता हूं कि दुनिया के, ब्रह्मांड के सर्वशक्तिमान लोग भी जिसके सामने सिर झुकाते हैं वो आपको विरक्त नजर आता है, पूरी तरह विरक्त है ना उसके शरीर पर कपड़े हैं, ना उसपर आभूषण है, ना कोई महल है, ना कोई गादी है कुछ नहीं है वो पहाड़ों में ऐसे ही गुजारा करके.. विरक्त जीवन है शायद शिव जी का विरक्त जीवन ही है जिसने मुझे आदेश दिया है कि तुम्हें विरक्त रहना है और मैं भी व्यवस्थाओं के तहत कहीं पर भी हूं मेरा शरीर किसी न किसी सांचे में ढलता होगा लेकिन मैं मन से, आत्मा से बड़ा विरक्त हूं और शायद शिवजी ने ही मुझे इस प्रकार से जीने का आदेश दिया है

सवाल: सर, आप अक्सर अपनी मां को लेकर हीरा बहन जी के बारे में सोचकर बड़े भावुक हो जाते हैं मैं भी अपनी मां से बड़ा जुड़ा हुआ रहा हूं और हर जो पुत्र होता है वो मां से हमेशा जुड़ा रहता है ये समझना चाहता हूं कि मेरे जैसे बेटे अक्सर ये सोचते हैं कि कभी ना कभी मां का जो एक डांट होती है वो थप्पड़ होता है वो हमें जीवन में बड़ा संकल्प लेने के लिए मजबूर कर देता है और सही मार्ग पर लेकर जाता है आपकी लाइफ में भी वो मोमेंट्स आए कभी जब मां ने डांटा हो और मां ने सही मार्ग का मार्गदर्शन किया हो?

पीएम मोदी: वैसा तो कोई मुझे स्मरण नहीं है क्योंकि मैं बहुत छोटी आयु मैं घर छोड़कर चला गया था जिसको कहे कि कुछ समझ आने लगी और कुछ हुआ हो ऐसा तो कुछ मुझे ध्यान नहीं आ रहा है। इतना मैं जरूर कहता हूं कि वो मेरे कुछ 17- 18 साल की उम्र के पहले ही समझ लीजिए 13- 14 साल से लेकर के 17- 18 साल तक मैं अपने शरीर पर प्रयोग बहुत करता था जैसे कभी मैंने तय किया कि मैं नमक नहीं खाऊंगा तो मां बड़ी परेशान हो जाती थी पर कभी वो नहीं कहती थी कि भाई तुम्हारी इच्छा है तो ये नहीं चलेगा चल मैं नमक वाला बनाऊंगी.. बनाऊंगी ऐसा नहीं करती थी, कभी ठंड में खुले में रात गुजारना तो रात में आकर कभी- कभी देखती थी कि बाहर ठंड में बैठा है लेकिन डांटती नहीं थी हो सकता है उनको कोई अंदाजा हो कि भाई इसका जीवन कुछ अलग है। एक बार ऐसा हुआ कि शायद हमारी एक मौसी की शादी थी अब कोई भी बच्चा होता है जो मामा के घर जाना उसको बहुत अच्छा लगता है और उसमें भी मौसी की शादी जरा ज्यादा, मैं बहुत छोटा था तो मेरे घर के बगल में एक शिव जी का मंदिर है तो वहां एक संन्यासी साधना कर रहे थे बड़े तपस्वी थे तो मेरा थोड़ा उनसे परिचय बढ़ गया आयु तो मेरी छोटी थी लेकिन अब वो उनसे मैं अपने हाथ पर वो जवारा उगाते हैं तो पूरे शरीर पर जवारा उगाया था उनका एक व्रत चल रहा था तो वो हिल-डुल नहीं सकते थे उनकी मुंडी सिर्फ बाहर होती थी तो मैंने परिवार से कहा कि मैं मामा के घर नहीं आऊंगा, मैं शादी में नहीं आऊंगा, मैं इन स्वामी जी की सेवा करना चाहता हूं अब ये बड़ा अजूबा था कि उतनी छोटी आयु और कोई मामा- मौसी के यहां शादी में नहीं जा रहा है तो परिवार को थोड़ा दुख हुआ, मां को चिंता हुई लेकिन शायद मां जानती थी शायद उसको कुछ ऐसा संदेश था, संकेत था तो उन्होंने परिवार के सबको कहा कि नहीं, नहीं उसको रहने दीजिए तो फिर उन्होंने कहा कि भाई खाने के लिए क्या करोगे? मैंने कहा मैं स्वामी जी को मुझे चम्मच से खिलाना होता है उनकी सेवा करूंगा जो मिलेगा खा लूंगा तो इतनी छोटी आयु में ऐसी हरकतें इसके बाद भी मां ने कभी डांटा नहीं शायद उसको दर्द होता होगा लेकिन वो बताती नहीं थीं।

सवाल: सर, आपने कभी सीएम और पीएम के रूप में अपने परिवार को मैंने देखा कभी लाभ पहुंचाने की अनुमति नहीं दी। मैंने इतने सालों से कई बारी मैं आपको बताऊं मैं 2017 के चुनाव उत्तर प्रदेश में बनारस के घाटों पर आपके भाई से भी मिला सोम मोदी जी से लेकिन कभी भी मुझे ये एहसास नहीं हुआ अगर मैं बाकी परिवारों को देखूं सपा, कांग्रेस, आरजेडी इन सब लोगों ने सिर्फ अपने परिवारों के लोगों को ही लाभ पहुंचाने के लिए सबसे बड़ा यहां तक कि अभी पीछे जब मैंने अखिलेश यादव जी का इंटरव्यू किया तो उन्होंने मुझे मुंह पर कहा कि मैं तो चाहता हूं कि भाजपा भी अपने परिवारों को टिकट दे और परिवारों को लाभ दे डंके की चोट पर जब मैंने सवाल पूछा कि डिंपल यादव, अखिलेश यादव, अक्षय यादव, तेजस्वी यादव की बहन मीसा यादव हर कोई चुनाव लड़ रहा है तो मैं बड़ा हैरान रह जाता हूं कि प्रधानमंत्री आप ऐसे कैसे हो सकते हैं कि आपने कभी ये सोचा ही नहीं कि कोई लाभ मैं अपनी फैमिली मेंबर को भी पहुंचाऊ और आपने ये संकल्प दृढ़ निश्चय भाजपा में भी बाकी लोगों के साथ में भी रखा इट्स वेरी डिफिकल्ट कि ऐसे स्वभाव के व्यक्ति पॉलिटिक्स में होते हैं तो कितना वो आपके लिए मुश्किल था, कठिन था इस चीज को फॉलो करना?

पीएम मोदी: ये आपकी जानकारी सही नहीं है, मैंने मेरे परिवार को बहुत लाभ पहुंचाया है अनगिनत लाभ पहुंचाया है उसकी तरफ लोगों का ध्यान नहीं है जैसे मैंने 11 करोड़ टॉयलेट बनाए वो मेरे परिवारजन हैं। मैंने चार करोड़ गरीबों के लिए घर बनाया, मेरे परिवार हैं। मैंने 50 करोड़ लोगों के जनधन के बैंक अकाउंट खुलवाए, वो मेरे परिवारजन हैं। मैंने आयुष्मान कार्ड से लाखों माताएं, लाखों बुजुर्गों उनका उपचार करवाया, ये मेरे परिवारजन हैं और इसलिए मैं भी मेरे परिवार के लिए ही जीता हूं क्योंकि मेरा भारत ही, मेरा परिवार है। जहां तक दूसरा सवाल है जो बायोलॉजिकल मेरा परिवार जिसको आप कहे एक तो मैं बहुत छोटी आयु में घर छोड़ चुका था, मैं पहले से ही कट ऑफ रहा, दूसरा मेरे परिवार को मेरी मां ने ऐसे संस्कार दिए हैं कि जिसमें पद- प्रतिष्ठा के लिए उनको लगता था मेरी मां कहती थी कि हम लोग ऐसा कुछ ना करे कि उसकी साधना में रुकावट हो वैसे साधना ही है तो अब जैसे मैं गांधीनगर में रहता था मुख्यमंत्री था मेरा एक छोटा भाई सरकार में नौकरी करता था और जिस डिपार्टमेंट में वो नौकरी करता था, मैं उसी डिपार्टमेंट का मिनिस्टर भी था मुख्यमंत्री के नाते लेकिन मेरे 13 साल के कार्यकाल में उसने कभी मेरा चेंबर नहीं देखा था, कभी आया नहीं था, सरकार में भी लोगों को पता नहीं था कि ये मेरा भाई है, मेरी मां वहां रहती थी मां के पास जब जाता था तो लोगों को पता चलने लगा तो मां को मैंने एक बार कहा कि मां कभी- कभी पास में ही हूं एक दो- किलोमीटर दूरी पर हूं आ करके रहो ना उन्होंने कहा भाई मैं तो रह सकती हूं मुझे तो कुछ है नहीं लेकिन तेरा काम डिस्टर्ब होगा, तेरा समय मेरे पीछे बर्बाद होगा तो ये जो शायद मेरे परिवार में संस्कार जो मिले आज भी मेरा परिवार बहुत लोग हैं जो गरीबी में जीते हैं कोई पेट्रोल पंप पर शायद वो पेट्रोल भरने का काम करता है मेरा एक भाई तो दूसरी तरफ मुझे बहुत सुनना भी पड़ता है लोगों से कि भाई ऐसे कैसे इंसान हो कोई परवाह ही नहीं करते हो ऐसा सुनना पड़ता है तो मैं सोचता हूं चलो भाई ये भी एक पहलू है।

सवाल: प्रधानमंत्री जी चुनाव के दौरान आईपीएल देखना या दिमाग को तरोताजा करने के लिए किशोर कुमार या लता के गाने सुनने का मौका मिला आखिरी बार आपने टीवी पर कोई फिल्म या सिनेमा हॉल जाकर कभी कोई फिल्म देखी?

पीएम मोदी: नहीं मुझे वो सौभाग्य नहीं मिला है जब गुजरात में था तब शायद एक- दो किसी इवेंट के कारण मुझे जाना पड़ा था और वो भी उन कलाकारों के सम्मान के कारण मैं गया था मेरी अपनी कोई प्रकृति, प्रवृत्ति पिछले 40- 50 साल से इस प्रकार की रही नहीं..

सवाल: किशोर, लता के गाने पर भी नहीं

पीएम मोदी: नहीं गाना- वाना छोड़ दीजिए मेरी वो कोई प्रायोरिटी नहीं, ना ही मेरे पास इतना समय है मैं जब लोगों को मिलता हूं तो मैं उस पल को जीता हूं, मैं सिर्फ एक रोबोटिक की तरह किसी को मैं हाथ नहीं मिलाता हूं मैं उस पल को जीता हूं जैसे मान लीजिए एक कमरा बंद है और उसमें एक छेद किया जाए और किसी का हाथ बाहर किया जाए और आपको कहा जाए हाथ मिलाओ तो आपको वो ऊष्मा कुछ अनुभव नहीं होगा आपको लगेगा ये एक डेड बॉडी है, हाथ लटक रहा है मैं हाथ मिलाकर जा रहा हूं लेकिन कोई कहेगा कि नहीं अंदर फलाने- फलाने वीआईपी हैं उनका हाथ है तो दिखता नहीं फिर भी आपके मन में ऊर्जा हो जाती, मैं जब किसी भी नागरिकों से मिलता हूं भले पांच सेकेंड के लिए मिलता हूं मैं जी भर के मिलता हूं मैं कोशिश करता हूं शायद ईश्वर का रूप कोई हो इस रूप में आया हो तो मैं इसको बड़े सम्मान और भाव से जीता हूं और जब आप प्रतिपल जीते हैं तो प्राण शक्ति अपने आप आपको प्रेरित करती रहती है।

सवाल: सर, एक अहम सवाल ये है कि विपक्ष का कहना है कि आपके ही निर्देश पर उनके नेताओं को ईडी और सीबीआई गिरफ्तार कर रही है चुनाव से पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री हो या झारखंड के हो तो ये जो बार-बार एक एलिगेशंस लगते हैं ये किस लिए हैं कि ईडी और सीबीआई सर की आज इंडिपेंडेंट नहीं हैं या आपको लगता है कि पॉलिटिकल प्रेशर उन पर है उसके कारण ही ये ऑपरेट करते हैं?

पीएम मोदी: मुझे अगर कोई कहे ईडी में पहले पांच अफसरों के नाम बताओ मुझे वो भी मालूम नहीं है ये मेरा काम नहीं है, मेरा काम है सरकार के निर्देश क्या होंगे? सरकार की दिशा क्या होगी? सरकार की प्रायोरिटी क्या होगी? अब 2014 में, मैं देश की जनता को जो मेरा 13- 14 के जो कैंपेन हैं उसके केंद्र बिंदु में करप्शन था और मैंने देश को कहा था कि मेरी करप्शन के खिलाफ लड़ाई है, करप्शन के प्रति मेरा जीरो टॉलरेंस है अब कोई मुझे बताए मैं जनता- जनार्दन ने जिस मुद्दे पर मुझे आशीर्वाद दिया है, जिस मुद्दे पर जनता ने मुझे इस काम के लिए बिठाया है, क्या मैं जनता के साथ धोखा करूं तो ये मेरा कमिटमेंट था आकर के मैंने सभी विभागों को निर्देश दिया कि करप्शन के प्रति मेरा जीरो टॉलरेंस है उसमें हमारे एक स्वयं के आचार जैसे मेरे लिए कहा जाता है पहले दिल्ली की फाइव स्टार होटल भरी रहती थी क्यों तो दलाल राजनीति के गलियारों में घूमते थे एक साल में ये बात शुरू हो गई यार दलालों के लिए तो गलियारों में कोई जगह नहीं तो एक के बाद एक में कदम उठाता गया फिर मैं बहुत बड़ी मात्रा में टेक्नोलॉजी लाया ताकि ट्रांसपेरेंसी आए जैसे मेरा जैम पोर्टल होगा या मेरा जैम ट्रिनिटी होगा, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर होगा, लाखों- करोड़ों रुपये मैंने देश का बचाया है, भ्रष्टाचार को रोकने के दो तरीके होते हैं। टेंडर प्रक्रिया को मैंने पूरी तरह ट्रांसफर कर दिया, ये कोयला वगैरह जो मैंने ऑक्शन पब्लिकली करना शुरू किया तो एक तो करप्शन के खिलाफ मेरी जो व्यवस्था वर्तमान है उसमें करप्शन को दूर रखा जाए, घुसने ना पाए एक काम। दूसरा जो पहले करप्शन हुआ है उसका डर होना चाहिए तभी जाकर नए लोग करप्शन ना करें सचमुच में मुझे किसी को परेशान नहीं करना है और ना ही मेरी सरकार किसी को परेशान करना चाहती है अगर एक बलात्कारी को फांसी होती है तो 50 बलात्कारी की मानसिकता वाले रुक जाते हैं कभी-कभी कठोर सजा, कठोर कदम भविष्य की बीमारियों से बचने के लिए भी होते हैं तो पुराने और ज्यादातर केस वो है जो यूपीए के जमाने में कागज पर लिखे गए थे, नाम मात्र की एफआईआर करके पॉलिटिकली किया।

सवाल: प्रधानमंत्री मैं अभी आपको बता दूं कि मैंने 2009 से 14 में चाहे वो चंडीगढ़ में रेलवे स्कैम हो या वीरभद्र सिंह का एप्पल गेट हो या बाकी स्कैम हो 2जी स्कैम हो, अगस्ता वेस्टलैंड हो हमने वो पत्रकार की बुलंदी आवाज से वो स्कैम्स खोले लेकिन हमारे खिलाफ में भी मुकदमे लगाए गए..

पीएम मोदी: तो मामले तो पुराने हैं, रजिस्टर हो चुके हैं मैंने जब आकर के पब्लिकली कहा कि मेरा करप्शन के प्रति जीरो टॉलरेंस है इसका मतलब हुआ कि सभी डिपार्टमेंट को रिलीजियसली उसको फॉलो करना चाहिए और मैं गवर्नेंस क्या होता है जानता हूं मुझे ईडी वालों को मिलने की जरूरत नहीं है, मुझे ईडी वालों को सूचना देने की जरूरत नहीं है मुझे मिस्टर ए, मिस्टर बी, मिस्टर सी करने की जरूरत नहीं है मेरा काम है कि करप्शन के खिलाफ काम हो। दूसरा देश की जनता को कोई मूर्ख नहीं बना सकता जब आप नोटों के पहाड़ देख रहे हो नोट गिनने वाले मशीन थक रहे हैं किसी ने किसी ने तो चोरी की है, किसी के तो हक को मारा है और जब इतने लोग पकड़े जा रहे हैं सचमुच में देश में अगर जैसा अपोजिशन कह रहा है कि ईडी कर रहा है तो मैं तो मानता हूं ईडी की भरपूर सम्मान होने चाहिए, हिंदुस्तान के बड़े से बड़े सम्मान ईडी को मिलने चाहिए ये चोरी पकड़ रहे हैं ये उसको गाली दे रहे हैं इसका मतलब जैसे किसी ने गुनाह किया और किसी न्यायाधीश ने उसको सजा दी और बाद में जाकर को न्यायाधीश की हत्या कर दे ये कैसे चल सकता है?

सवाल: सर, लास्ट सवाल मैं खत्म करूंगा कि मैं अमेठी के जायस से यूपी के बलिया तक उन गांवों तक गया जहां पर आपने योजनाएं लॉन्च की उज्ज्वला, उजाला मैं बड़ा देख के हैरान रह जाता था कि गैस के कनेक्शन आप सोचिए बलिया में मंगल पांडे के घर में गया पांचवीं चरण की पीढ़ी ने मुझे बोला कि यहां पर बिजली आ गई है गैस का कनेक्शन जब आपने उज्ज्वला और उजाला लॉन्च की 2016 में, जैसे- जैसे शहर में पद्मावती के शहर में मैंने अमेठी में जाकर मुसलमानों के घर में देखा प्रधानमंत्री आवास योजना बाहर लिखी हुई ये खुद मैंने 2019 में कवर किया, इन स्कीमों के बावजूद भी मैं आपसे सिर्फ आज ये समझना चाहता हूं 2024 में आपका जो सक्सेस रेट है अगर मैं इन स्कीम्स को हटा दूं आपने इतनी बड़ी जीत हासिल की 2019 में इन स्कीम्स के मुताबिक घर-घर में जा- जाकर वो स्कीम्स घुसी थी उज्ज्वला, उजाला, प्रधानमंत्री आवास योजना आज आपसे पूछना चाहता हूं कि इनके अलावा भी कोई है जिसके कारण आप जीत रहे हैं क्योंकि जो सर्वेज आ रहे हैं आप चार चरण के बाद ही मेजॉरिटी क्रॉस कर चुके हैं सिर्फ ये समझना चाहता हूं कि वो स्कीम्स कौन सी है जहां से आपको संतुष्टि मिल रही है जिसके कारण आप ये इतना जीत प्रचंड बहुमत ला रहे हैं?

पीएम मोदी: लास्ट माइल डिलीवरी, ये मेरी सबसे बड़ी विशेषता है हिंदुस्तान में सरकारों का कैरेक्टर क्या रहा ये मीडिया के भरोसे जीते थे राजनेता, उनका दाना पानी सब मीडिया वाले देते थे वो सुबह अखबार खोल करके देखते थे मेरा 6 सेंटीमीटर छपा है कि 16 सेंटीमीटर छपा है। पहले पेज पर है कि तीसरे पेज पर है और फिर मीडिया वालों को फोन करते यार देखो क्या हुआ तो सारा खेल वही चला मैंने इस पूरे चरित्र को बदला है वो आज से नहीं गुजरात में तब से मेरा कहना ये है कि भाई सरकार का काम फाइल पर साइन करना, फीते काटना, दिए जलाना, फोटो निकालना, इतना नहीं है सरकार का काम है जो चीज आपने तय की है तो उसको ऐसे तय करो ताकि कम से कम कमियां हो, कम से कम गलतियां हो जो तय करो उसके लिए समय सीमा तय करो, रोड मैप तय करो मैं इन चीजों में लगा रहता हूं जैसे मुझे याद है मैं नया- नया प्रधानमंत्री बना और मैंने जनधन अकाउंट खोलने के लिए कहा तो ढेर सारी मेरे सामने मुसीबतें आईं, मैं हर हफ्ते 30- 40 अफसर की मीटिंग लेना शुरू कर दिया, मैंने बैंकों को फोन करना शुरू किया डेली रिपोर्ट लेने लगा कि आज कितने अकाउंट खुले आप गरीब के घर गए थे कि नहीं तब जाकर के 50 करोड़ अकाउंट खुले आजादी के 60- 70 साल तक बैंक में 50 प्रतिशत से ज्यादा लोगों के खाते नहीं खुले थे गरीबों के नाम पर बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया था लेकिन वो बैंक में गरीब का नामो निशान नहीं था तो मुझे चुभता था जब मैंने जनधन अकाउंट तो भारत सरकार में बैठे हुए लोगों ने मेरे काम को देखा यार तो अलग काम करता है ये फीते काटता नहीं है, एडवरटाइजमेंट नहीं करता, 50 करोड़ जनधन अकाउंट फिर धीरे-धीरे उनको समझ आया कि काम करना पड़ेगा मैं खुद भी करता हूं मॉनिटर करता हूं, दूसरा मैं दिल्ली से सरकार नहीं चलाता मैं हिंदुस्तान के अलग-अलग इलाकों में जाकर के सरकार चलाता हूं और उसके कारण दूसरा आपने देखा होगा मैं पिछले 10 साल से फ्राइडे, सैटरडे, संडे हिंदुस्तान के किसी ना किसी कोने में जाता हूं, टूर करता हूं और लोगों को मैं हर छोटी-छोटी चीज के लिए उनकी बारीकियों को जानने की, समझने की कोशिश करता हूं। मैं जानता हूं सरकारी व्यवस्था में एक आदमी के लिए इतनी मेहनत क्यों की जाए, दूसरा जो लोग मुझे पूछते हैं मोदी जी इतनी मेहनत क्यों करते हो मुझे बहुत बड़े सीनियर लीडर ने कहा था मोदी जी जिंदगी में प्रधानमंत्री बनना बहुत बड़ी बात होती है एक बार बन गए क्या लगे रहते हो, मैं किसी पद पर शोभा बढ़ाने के लिए नहीं बैठा हूं।

सवाल: सर, आपका समय कम है आज श्रावस्ती में और बस्ती में दोनों जगह पर रैली भी है, फॉलो कर रहे हैं हम आपको..

पीएम मोदी: उसके बाद दिल्ली में भी है..

सवाल: उसके बाद दिल्ली में भी है और मैं छठे चरण और सातवें चरण में दोनों में फॉलो कर रहा हूं। यूपी और बिहार आप देखते रहिए सर न्यू इंडियन भी और शो दैट यू हैव सीन सम ऑफ आवर न्यू वीडियोज एंड स्टोरीज एज वेल बहुत-बहुत धन्यवाद सर इट्स अ प्रिविलेज कि आज आपने हमें समय दिया..

पीएम मोदी: नमस्कार, आपके डिजिटल दुनिया के आपके जो साथी हैं और मैं मानता हूं ये यंग जनरेशन है, हो सकता है इन यंग जनरेशन को ये आत्मा- परमात्मा वाली बातें कितनी अच्छी लगेगी मुझे मालूम नहीं है।

सवाल: मुझे तो बहुत अच्छी लगी आपसे बात करनी मेरे लिए..

पीएम मोदी: ..लेकिन कुछ ऐसी बातें थीं शायद ये चुनाव की आपाधापी के बाहर की थी

 सवाल: सर, मेरे अंदर तो क्यूरोसिटी थी आपका ये स्वभाव जानना इसलिए सवाल किए..

पीएम मोदी: मुझे अच्छा लगा, बहुत-बहुत धन्यवाद।

  • krishangopal sharma Bjp February 14, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा🙏🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷
  • krishangopal sharma Bjp February 14, 2025

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  • krishangopal sharma Bjp February 14, 2025

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  • krishangopal sharma Bjp February 14, 2025

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  • krishangopal sharma Bjp February 14, 2025

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  • krishangopal sharma Bjp February 14, 2025

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  • PawanJatasra January 22, 2025

    🌹🌹
  • Dheeraj Thakur January 16, 2025

    जय श्री राम।
  • Dheeraj Thakur January 16, 2025

    जय श्री राम
  • Rahul Naik December 07, 2024

    🙏🙏
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Women are among the highest beneficiaries of Mudra scheme: PM Modi
April 08, 2025
QuoteMudra Yojana is not limited to any specific group but aims to empower the youth to stand on their own feet: PM
QuoteMudra Yojana has a transformative impact in fostering entrepreneurship and self-reliance: PM
QuoteMudra Yojana has brought a silent revolution with shift in the societal attitude about entrepreneurship: PM
QuoteWomen are among the highest beneficiaries of Mudra scheme: PM
Quote52 crore loans have been disbursed under the scheme, a monumental achievement unparalleled globally: PM

लाभार्थी - सर आज मैं शेयर करना चाहूंगा मेरा स्टोरी जो की एक पेट हॉबी से कैसा की मैं एंटरप्रेन्योर बना और मेरा जो बिजनेस वेंचर है उसका नाम है K9 वर्ल्ड, जहां पर हम लोग हर प्रकार के पेट सप्लाईज, मेडिसिंस और पेट्स प्रोवाइड करवाते हैं सर। सर मुद्रा लोन मिलने के बाद सर हम लोगों ने काफी सारे फैसिलिटी स्टार्ट किए, जैसे की पेट बोर्डिंग फैसिलिटी स्टार्ट किए हम लोग, जो भी like पेट पेरेंट्स है अगर वो कहीं बाहर जा रहे हैं सर, तो हमारे पास वो छोड़कर जा सकते हैं और उनके पेट हमारे यहां पर रहते हैं होमली एनवायरमेंट में सर। पशुओं के लिए मेरा जो like प्रेम है, वो सर अलग ही है, like मैं खुद खाऊं ना खाऊं, वह मैटर नहीं करता, बट उनको खिलाना है सर।

प्रधानमंत्री - तो घर में सब लोग तंग आ जाते होंगे आपसे?

लाभार्थी - सर इसके लिए मैं अपने सारे डॉग्स के साथ सेपरेट, सेपरेट like स्टे है, सेपरेट स्टे है, और मैं आपको भी बहुत धन्यवाद बोलना चाहूंगा सर, बिकॉज़ सर आप ही के कारण काफी सारे जो पशुप्रेमी हैं और NGO वर्कर्स है, अभी वो अपना काम सर ओपनली कर पाते हैं, बिना कोई रोक-टोक के ओपनली कर पाते हैं सर। मेरा जो निवास है वहां पर सर टोटली mentioned है, अगर आप पशुप्रेमी नहीं है, सर आप अलाउड नहीं है।

प्रधानमंत्री - यहां आने के बाद काफी आपकी पब्लिसिटी हो जाएगी?

लाभार्थी - सर ओबवियसली।

प्रधानमंत्री - आपका हॉस्टल छोटा पड़ जाएगा।

लाभार्थी - पहले जहां पर मैं महीने में 20000 कमा पाता था, सर अभी वहां पर मैं महीने में 40 से 50 हजार कमा पाता हूं।

प्रधानमंत्री - तो अभी आप एक काम कीजिए, जो बैंक वाले थे।

लाभार्थी - हां जी सर।

प्रधानमंत्री - जिसके समय आपको लोन मिला, एक बार उन सबको बुलाकर के आपके सारे चीज दिखाइए और उनको धन्यवाद कीजिए, उन बैंक वालों का, की देखिए आपने मेरे पर भरोसा किया और यह काम जो ज्यादा लोग हिम्मत नहीं करते, आपने मुझे लोन दिया, देखिए मैं कैसा काम कर रहा हूं।

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लाभार्थी - डेफिनेटली सर।

प्रधानमंत्री – तो उनको अच्छा लगेगा कि हां उन्होंने कोई अच्छा काम किया है।

लाभार्थी - वह ना एक माहौल को वह जो एकदम पिन ड्राप साइलेंस माहौल होता है कि पीएम का ओरा है उसको उन्होंने थोड़ा सा तोड़ा और वह हमारे साथ थोड़ा सा घुले-मिले, तो वह एक चीज मुझे बहुत अट्रैक्टिव लगी उनकी और दूसरी सबसे इंपोर्टेंट चीज कि वह बहुत ही ज्यादा गुड लिस्नर है।

लाभार्थी - I am Gopikrishnan, Entrepreneur based of mudra loan from Kerala. Pradhan Mantri Mudra Yojana has transformed me into a successful entrepreneur. My business continues to thrive bring renewable energy solutions to households and offices while creating job opportunities.

प्रधानमंत्री - आप जब दुबई से वापस आए तो आपका प्लान क्या था?

लाभार्थी – मैं वापस आया कि मैं यह मुद्रा लोन के बारे मैं मेरे को इनफॉरमेशन मिला था, इसलिए मैं वह कंपनी resign किया है।

प्रधानमंत्री - अच्छा आपको वहीं पता चला था?

लाभार्थी – हां। और रिजाइन करके, इधर आकर फिर यह मुद्रा लोन को अप्लाई करके, यह शुरू किया है।

प्रधानमंत्री - एक घर पर सूर्यघर का काम पूरा करने में कितना दिन लगता है?

लाभार्थी – अभी मैक्सिमम दो दिन।

प्रधानमंत्री - 2 दिन में एक घर का काम कर लेते हैं।

लाभार्थी – काम करते है।

प्रधानमंत्री - आपको डर लगा हो कि ये पैसे में दे नहीं पाऊंगा, तो क्या होगा, मां-बाप भी डांटते होंगे, ये दुबई से घर वापस चला आया, क्या होगा?

लाभार्थी – मेरी मां को थोड़ा टेंशन था, लेकिन वह भगवान की कृपा से सब कुछ हो गया।

प्रधानमंत्री - उन लोगों का क्या रिएक्शन है जिनको पीएम सूर्यघर से अब मुफ्त बिजली मिल रही है, क्योंकि केरल में घर नीचे होते हैं, पेड़ बड़े होते हैं, सूर्य बहुत कम आता है, बारिश भी रहती है, तो उनको कैसा लग रहा है?

लाभार्थी – ये लगाने के बाद उन लोगों को बिल कितना 240-250 के अंदर ही आता है। 3000 वालों को अभी 250 rupees का अंदर ही आता है बिल।

प्रधानमंत्री - अभी आप हर महीने कितने का काम करते हैं? अकाउंट कितना होगा?

लाभार्थी – ये अमाउन्ट मेरे को...

प्रधानमंत्री - नहीं इनकम टैक्स वाला नहीं आएगा, डरो मत, डरो मत।

लाभार्थी – ढाई लाख मिल रहा है।

प्रधानमंत्री – ये वित्त मंत्री मेरे बगल में बैठे हैं, मैं उनको बताता हूं, वह आपके यहां इनकम टैक्स वाला नहीं आएगा।

लाभार्थी – ढाई लाख से ऊपर मिलते हैं।

लाभार्थी – सपने वो नहीं जो हम सोते वक्त देखते हैं, सपने वो होते हैं जो हमें सोने नहीं देते हैं। मुसीबतें होंगी और मुश्किलें भी आएंगी, जो संघर्ष करेगा, वही सफलता पाएगा।

लाभार्थी – I am the founder of हाउस ऑफ़ पुचका. घर पर खाना-वाना बनाते थे तो हाथों में टेस्ट अच्छा था, तो सबने सजेस्ट किया कि आप कैफे फील्ड में जाओ। फिर उसमें रिसर्च करके पता चला कि प्रॉफिट मार्जिन वगैरा भी अच्छा है, तो फूड कॉस्ट वगैरा मैनेज करेंगे, तो आप एक सक्सेसफुल बिजनेस रन कर सकते हैं।

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प्रधानमंत्री - एक यूथ, एक जनरेशन है, कुछ पढ़ाई की तो उनको लगता है कि नहीं-नहीं मैं तो कहीं नौकरी करके सेटल हो जाऊंगा, रिस्क नहीं लूंगा। आप में रिस्क टेकिंग कैपेसिटी है।

लाभार्थी – जी।

प्रधानमंत्री - तो आपके रायपुर के भी दोस्त होंगे और corporate वर्ल्ड के दोस्त होंगे, स्टूडेंट दोस्त भी होंगे। उन सब में इसकी क्या चर्चा है? क्या सवाल पूछते हैं? उनको क्या लगता है? ऐसा कर सकते हैं? करना चाहिए, उनको भी आगे आने का मन करता है?

लाभार्थी – सर मैं जैसे कि अभी मेरी ऐज 23 ईयर्स है, तो मेरे पास अभी रिस्क टेकिंग एबिलिटी भी है, और टाइम भी है, तो यही समय होता है, मैं ना यूथ को लगता है कि हमारे पास फंडिंग नहीं है, बट वह गवर्नमेंट स्कीम्स के बारे में अवेयर नहीं है, तो मैं अपनी साइड से यहीं उन्हें सजेशन देना चाहूंगी, आप थोड़ा रिसर्च करो, जैसे मुद्रा लोन भी है, वैसे पीएम ईजीपी लोन भी है, कई लोन जो आपको विदाउट mortgage मिल रहे हैं, तो अगर आप में पोटेंशियल है तो आप जब ड्रॉप करो, क्योंकि sky has no limits for you, तो आप बिजनेस करिए और जितना चाहे उतना grow कर सकते हैं।

लाभार्थी – सीढ़ियां उन्हें मुबारक हो जिन्हें छत तक जाना है, अपनी मंजिल आसमान है रास्ता हमें खुद बनाना है। I am MD, Mudasir Naqasbandi, the owner of Bake My Cake, Baramulla Kashmir. We have become job creators from job seekers with the successful business. We have provided stable jobs for 42 persons from remote areas of Baramulla.

प्रधानमंत्री - आप इतना बहुत तेजी से प्रोग्रेस कर रहे हैं, जिस बैंक ने आपको लोन दिया, लोन देने से पहले आपकी स्थिति क्या थी?

लाभार्थी – Sir, overall that was 2021 before this I was not in lacs or crores, I was just in thousands.

प्रधानमंत्री – आपके यहां भी यूपीआई का उपयोग होता है?

लाभार्थी – सर शाम को जब कैश चेक करते है तो I get very disappointed because 90% transactions UPI होती है, and we have just 10% of cash in hand.

लाभार्थी – एक्चुअली मुझे वह बहुत ज्यादा पोलाइट लगे और ऐसा लग ही नहीं कि He is the Prime Minister of our country, ऐसा लग रहा था कोई हमारे साथ का और हमें गाइड कर रहा है, So वह एक humbleness उनकी तरफ से show हुआ।

प्रधानमंत्री - सुरेश आपको यह कहां से जानकारी मिली, पहले क्या काम करते थे, परिवार में पहले से क्या काम है?

लाभार्थी – सर पहले से मैं जॉब करता था।

प्रधानमंत्री – कहां पर?

लाभार्थी – वापी में, और 2022 में फिर मुझे ख्याल आया कि जॉब से कुछ होने वाला नहीं है, तो खुद का बिजनेस स्टार्ट करू।

प्रधानमंत्री - वापी में जो आप डेली ट्रेन में जाते थे, रोजी-रोटी कमाते थे, वह ट्रेन की जो दोस्ती बड़ी गजब होती है, तो ये....

लाभार्थी – सर मैं सिलवासा में रहता हूं और जॉब में वापी में करता था, अब मेरा सिलवासा में ही है।

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प्रधानमंत्री - मैं जानता हूं सब अप-डाउन वाली गैंग हैं वो, लेकिन वह लोग अब पूछते होंगे कि तुम ये कैसे कमाने लग गए हो, क्या कर रहे हो? उनमें से किसी का मन करता है कि वह भी मुद्रा लोन ले, कहीं जाए?

लाभार्थी – हां सर अभी रिसेंटली जब मैं यहां पर आ रहा था, तो मेरा एक फ्रेंड ने भी वही मेरे को बोला कि अगर हो सके तो मुझे भी थोड़ा गाइड करना मुद्रा लोन के लिए।

प्रधानमंत्री - सबसे पहले तो मेरे घर में आप सबका आने के लिए मैं धन्यवाद करता हूं। हमारे यहां शास्त्रों में कहा जाता है कि जब मेहमान घर में आते हैं और उनके चरण रज पड़ती है तो घर पवित्र हो जाता है। तो मैं बहुत स्वागत करता हूं आपका। आप सबके भी कुछ अनुभव होंगे, किसी का कोई बहुत इमोशनल ऐसा अनुभव हो, अपना काम करते हुए। अगर किसी को कहने का मन करता है तो मैं सुनना चाहता हूं

लाभार्थी – सर सबसे पहले मैं सिर्फ आपसे इतना कहना चाहूंगी, चूंकि आप मन की बात कहते भी और सुनते भी हैं, तो आपके सामने एक बहुत छोटे शहर रायबरेली की महिला व्यापारी खड़ी है, जो इस बात का प्रमाण है कि आपके सहयोग और समर्थन से जितना फायदा MSMEs को हो रहा है, मतलब मेरे लिए बहुत ही भावनात्मक समय है यहां पर आना और हम आपसे वादा करते हैं कि हम भारत को विकसित भारत मिलकर बनाएंगे, जिस तरीके का आप सहयोग और बिल्कुल बच्चों की तरह ट्रीट कर रहे हैं आप MSMEs को, चाहे हमें लाइसेंस लेने में जो प्रॉब्लम्स आती थीं, गवर्नमेंट से वह नहीं होती हैं, या फंडिंग को लेकर...

प्रधानमंत्री - आप चुनाव लड़ना चाहती हैं?

लाभार्थी – नहीं-नहीं सर यह सिर्फ मेरी मन की बात है जो मैंने आपसे बोली है, जी-जी क्योंकि मुझे ऐसा लगा कि यह प्रॉब्लम पहले मैं फेस कर रही थी, कि लोन वगैरा जब लेने जाते थे तो मना होता था।

प्रधानमंत्री - आप यह बताइए, आप करती क्या है?

लाभार्थी – बेकरी-बेकरी

प्रधानमंत्री - बेकरी

लाभार्थी – जी-जी।

प्रधानमंत्री - अभी कितना पैसा आप कमाती हो?

लाभार्थी – सर जो महीने का मेरा टर्न ओवर हो रहा है वह ढाई से तीन लाख रुपए का हो रहा है।

प्रधानमंत्री – अच्छा, और कितने लोगों को काम देती है?

लाभार्थी – सर हमारे पास 7 से 8 लोगों का ग्रुप है।

प्रधानमंत्री – अच्छा।

लाभार्थी – जी।

लाभार्थी – सर मेरा नाम लवकुश मेहरा है, मैं भोपाल मध्य प्रदेश से हूं। चूंकि पहले मैं जॉब करता था सर, किसी के यहां नौकरी करता था तो नौकर था सर, आपने हमारी गारंटी ली है सर, मुद्रा लोन के माध्यम से और सर आज हम मालिक बन गए सर। मैंने, एक्चुअली मैं एमबीए हूँ। और फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री का मुझे बिल्कुल नॉलेज नहीं था। मैंने 2021 में अपना काम चालू किया और सर मैंने पहले बैंकों को अप्रोच किया, मुझे 5 लाख की उन्होंने सीसी लिमिट मुद्रा लोन की दी। लेकिन सर मुझे डर ये लगता था कि पहली बार इतना बड़ा लोन ले रहे हैं, पटा पाएंगे कि नहीं पटा पाएंगे। तो मैं उसमें से तीन-साढे तीन लाख ही खर्च करता था सर। आज की डेट में सर 5 लाख से साढ़े 9 लाख का मेरा मुद्रा लोन हो गया है और मेरा फर्स्ट ईयर 12 लाख का टर्नओवर था, जो कि आज के डेट में लगभग more than 50 लाख हो गया।

प्रधानमंत्री - आपके अन्य मित्र होंगे उनको लगता है कि भई जीवन का यह भी एक तरीका है

लाभार्थी – यस सर।

प्रधानमंत्री - आखिरकार मुद्रा योजना यह कोई मोदी की वाहा-वाही के लिए नहीं है, मुद्रा योजना मेरे देश के नौजवानों को अपने पैरों पर खड़े रहने की हिम्मत और उनका हौसला बुलंद होता चले, मैं रोजी-रोटी कमाने के लिए क्यों भटकूंगा, मैं 10 लोगों को रोजी-रोटी दूंगा।

लाभार्थी – जी सर

प्रधानमंत्री - यह मिजाज पैदा करना है, यह आपके अगल-बगल के लोगों के अनुभव में आता है?

लाभार्थी – यस सर। मेरा जो गांव है- बाचावानी मेरा एक गांव है भोपाल से लगभग 100 किलोमीटर। वहां कम से कम दो-तीन लोगों ने किसी ने कोई ऑनलाइन डिजिटल की शॉप खोली है, किसी ने कोई फोटो स्टूडियो के लिए उन्होंने भी एक-एक, दो-दो लाख का लोन लिया है और मैंने उनकी हेल्प भी की है सर। Even मेरे जो फ्रेंड्स है सर....

प्रधानमंत्री - क्योंकि अब आप लोगों से मेरी अपेक्षा है, आप लोगों को रोजगार तो दें, लेकिन आप लोगों को कहिए की कोई गारंटी के बिना पैसा मिल रहा है, घर में क्यों बैठे हो, जाओ भई, बैंक वालों को परेशान करो।

लाभार्थी – मैंने सिर्फ इस मुद्रा लोन की वजह से अभी रिसेंटली 6 महीने पहले 34 लाख का अपना खुद का घर लिया है।

प्रधानमंत्री – ओ हो।

लाभार्थी – इतना मैं 60-70 हजार की जॉब करता था, आज मैं per month more than 1.5 lakh खुद का कमाता हूं सर।

प्रधानमंत्री - चलिए, बहुत-बहुत बधाई आपको।

लाभार्थी – और सब आपकी वजह से Thank You So Much Sir.

प्रधानमंत्री – खुद की मेहनत काम करती है भाई।

लाभार्थी – मोदी जी का ऐसा बिल्कुल भी नहीं लगा हमको कि हम प्रधानमंत्री जी से बात कर रहे हैं। ऐसे लगा की कोई हमारे घर का, परिवार का बड़ा कोई सदस्य हमसे बात कर रहा है। वो किस तरीके से यह मतलब नीचे उनकी जो मुद्रा लोन की स्कीम जो चल रही है उसमें कैसे हम लोग सफल हुए हैं, वह पूरी कहानी उन्होंने समझी। उन्होंने जिस तरह से हमको मोटिवेट किया कि आप भी उस मुद्रा लोन के और भी लोगों को अवेयर कीजिए ताकि और empower और लोग अपना व्यापार स्टार्ट कर सके।

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लाभार्थी – मैं भावनगर गुजरात से आया हूं।

प्रधानमंत्री - सबसे छोटे लगते हैं आप?

लाभार्थी – यस सर।

प्रधानमंत्री – इस सारी टोली में?

लाभार्थी – मैं फाइनल ईयर में हूं और 4 महीने....

प्रधानमंत्री - तुम पढ़ते और कमाते हो?

लाभार्थी – यस।

प्रधानमंत्री – शाबाश!

लाभार्थी – मैं आदित्य टेक लैब का फाउंडर हूं जिसमें मैं 3D प्रिंटिंग, रिवर्स इंजीनियरिंग और रैपिड प्रोटो टाइपिंग और साथ-साथ में थोड़ा रोबोटिक्स का वर्क भी करता हूं, क्योंकि मैं फाइनल ईयर mekatronix स्टूडेंट हूं, तो ऑटोमेशन और वो सब में ज्यादा रहता है। तो जैसे की मुद्रा लोन से मुझे ये, जैसे कि अभी मेरी ऐज 21 है तो उसमें स्टार्ट करने में सुना था बहुत की लोन लेने का प्रोसेस बहुत कंपलेक्स है, इस साल में नहीं मिलेगी, कौन बिलीव करेगा, अभी तो एक-दो साल जॉब का एक्सपीरियंस करो, बाद में लोन मिलेगी। तो जैसे सौराष्ट्र ग्रामीण बैंक है वहां हमारे भावनगर में तो वहां जाकर मैंने मेरा आइडिया, कि मैं क्या करना चाहता हूं, वह सब बताया, तो उन लोगों ने कहा की ठीक है, आपको मुद्रा लोन जो किशोर कैटिगरी है 50000 से 5 लाख तक उसके अंडर, तो मैंने 2 लाख की लोन ली और 4 महीने से मैं शुरू करा उसको, तो सोम से शुक्रवार तक मैं कॉलेज जाता हूं और बाद में वीकेंड्स में भावनगर रहकर मेरा वर्क पेंडिंग है वह खत्म कर देता हूं और अभी मैं महीने का 30 से 35000 कमा रहा हूं सर।

प्रधानमंत्री – अच्छा।

लाभार्थी – हां।

प्रधानमंत्री – कितने लोग काम करते हैं?

लाभार्थी – अभी मैं रीमोटली वर्क करता हूं।

प्रधानमंत्री – तुम दो दिन काम करते हो।

लाभार्थी – मैं रीमोटली वर्क करता हूं, मम्मी पापा है घर पर, वह पार्ट टाइम में मेरी हेल्प कर देते हैं। फाइनेंशियल सपोर्ट तो मिलता है मुद्रा लोन से, बट खुद में जो बिलीव करना है ना, Thank You Sir!

लाभार्थी – अभी हम मनाली में अपना बिजनेस कर रहे हैं! सबसे पहले मेरे हस्बैंड सब्जी मंडी में काम करते थे फिर शादी के बाद जब मैं उनके साथ गई तो मैंने उनको कहा कि किसी के पास काम करने से अच्छा है हम दोनों एक दुकान खोलते हैं, सर फिर हमने सब्जी की दुकान की तो सर जैसे सब्जी रखते रहे धीरे-धीरे मतलब सर लोग बोलने लगे, आटा-चावल रखो, फिर सर पंजाब नेशनल बैंक का स्टाफ हमारे पास सब्जी लेने आता था, तो मैंने ऐसे उनसे बात की कि अगर हमने पैसे लेने हो, क्या हमें मिलेंगे, तब उन्होंने पहले मना कर दिया, मतलब यह 2012-13 की बात है, फिर मैंने बोला ऐसे.....

प्रधानमंत्री - आप यह 2012-2013 कह रहो हो, कोई पत्रकार को पता चलेगा तो आपको कहेंगे कि पुरानी सरकार को गाली दे रहे हैं।

लाभार्थी – तो फिर उन्होंने, नहीं-नहीं, फिर उन्होंने बोला कि आपके पास प्रॉपर्टी वगैरह है, मैंने बोला नहीं, जैसे ही यह मुद्रा लोन का पता चला ना जब, यह स्टार्ट हुआ 2015-16 में तब जैसे मैंने उनसे कहा कि ऐसे-ऐसे, उन्होंने खुद ही बताया हमें कि एक योजना चली है, अगर आपको चाहिए तो। सर मैंने बोला हमें चाहिए, तो उन्होंने हमें कोई कागज, पत्र कुछ नहीं मांगा। उन्होंने ढाई लाख रुपये हमें फर्स्ट टाइम दिये। वह ढाई लाख रुपये मैंने दो-ढाई साल में उनको वापस दिए, उन्होंने मुझे फिर ₹500000 दिये, फिर मैंने राशन की एक शॉप खोल ली, फिर वह दोनों शॉप मुझे छोटे पड़ने लगी, सर मेरा काम बहुत बढ़ने लगा, यानी कि जो मैं दो ढाई लाख साल में कमाती थी, आज मैं 10 से 15 लाख साल में काम रही हूं।

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प्रधानमंत्री – वाह।

लाभार्थी - फिर उन्होंने, मैंने 5 लाख भी कंप्लीट कर दिया, तो उन्होंने मुझे 10 लाख दिया, सर मैंने 10 लाख भी कंप्लीट कर दिया तो ढाई साल में ऐसे ही, तो अब उन्होंने मुझे 2024 नवंबर में 15 लाख दे दिया। और सर मेरा काम बहुत ज्यादा बढ़ रहा है और मुझे अच्छा लग रहा है कि अगर हमारे प्रधानमंत्री ऐसे हैं और अगर वह हमारा साथ दे रहे हैं, तो हम भी उनका साथ ऐसे ही देंगे, हम कहीं भी ऐसे गलत नहीं होने देंगे कि हमारा भी करियर खराब हो, कि हां जी उन लोगों ने ऐसे पैसे वापस नहीं दिए। बैंक वाले अब मैं, बैंक वाले तो बोले रहे थे 20 लाख ले लो, तो मैंने बोला अब हमें नहीं चाहिए, फिर भी उन्होंने बोला 15 लाख रखो जरूरत हो निकालो तो, ब्याज बढ़ेगा, नहीं निकालोगे तो नहीं बढ़ेगा। पर सर आपकी यह स्कीम मुझे बहुत अच्छी लगी।

लाभार्थी – I came from AP. I don’t know Hindi, but I will speak in Telugu.

प्रधानमंत्री - कोई बात नहीं अब तेलुगू बोलिए।

लाभार्थी – Is it sir!! I got married in 2009 sir. I remained as a housewife until 2019.I was trained with Regional training centre of Canara bank for thirteen days for the manufacturing of Jute bags.I got 2 lakhs loan under mudra yojana through the bank.I have started my business in November 2019. Canara bank people believed in me and sanctioned Rs.2 lakhs. They did not ask for any surety, no help was needed to get the loan. I got the loan sanctioned without any surety.In 2022 because of my loan repayment history, Canara bank has sanctioned additional Rs.9.5 lakhs. Now fifteen people are working under me.

प्रधानमंत्री – यानी 2 लाख से शुरू किया, साढ़े 9 लाख तक पहुंच गए।

लाभार्थी – Yes Sir!

प्रधानमंत्री – How many people are working with you?

लाभार्थी – 15 members sir.

प्रधानमंत्री – 15.

लाभार्थी – All are housewives and all are RCT (Rural self-employment centre) trainees.I used to be one of the trainees, now I am also one of the faculty. I am very much grateful for this opportunity. Thank you Thank you Thank you very much sir.

प्रधानमंत्री – Thank you, Thank You धन्यवाद।

लाभार्थी – सर मेरा नाम पूनम कुमारी है। सर मैं बहुत ही गरीब फैमिली से हूं, बहुत गरीब फैमिली थी हमारी, इतना गरीब....

प्रधानमंत्री – आप दिल्ली पहली बार है आई?

लाभार्थी – Yes Sir.

प्रधानमंत्री – वाह।

लाभार्थी – और मैं फ्लाइट में भी पहली बार बैठी हूं सर।

प्रधानमंत्री – अच्छा।

लाभार्थी – इतनी गरीबी थी मेरे यहां कि मैं अगर एक टाइम खाती थी तो दूसरा बार सोचना पड़ता था, लेकिन सर बहुत हिम्मत जुटा चुकी मैं किसान परिवार से हूं।

प्रधानमंत्री – आप बिल्कुल स्वस्थ होकर के।

लाभार्थी – क्योंकि मैं किसान परिवार से हूं तो मुझे बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता था तो मैंने अपने हस्बैंड से बात की, कि क्यों ना हम कुछ लोन लेकर के कुछ अपना ही बिजनेस शुरू करते हैं, तो मेरे हस्बैंड ने बोला कि है हां तुम बिल्कुल अच्छे से सजेशन दे रही हो, हमें करना चाहिए, तो मेरे हस्बैंड ने दोस्त वगैरह से बात की है तो उन लोगों ने बताया की मुद्रा लोन आपके लिए बहुत अच्छा रहेगा, आप करिए। फिर मैं बैंक वालों के पास गई वहां एसबीआई बैंक (जगह का नाम अस्पष्ट) फिर वो लोगों ने बताया कि हां आप ले सकते हैं बिना किसी भी वो कागजात के। तो सर मैं वहां से मुझे 8 लाख का स्वीकृत किया गया लोन और मैं बिजनेस शुरू की सर। मैं 2024 में ही ली हूं सर और बहुत अच्छा ग्रोथ हुआ सर।

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प्रधानमंत्री – क्या काम करती हो?

लाभार्थी – सर सीड्स का.. जिसमें मेरे हस्बैंड बहुत हेल्प करते हैं मार्केट का काम अधिकतर वो करते हैं मैं एक कर्मचारी भी रखी हूं सर।

प्रधानमंत्री – अच्छा।

लाभार्थी – यस सर। और बहुत आगे बढ़ रही हूं सर मुझे विश्वास है कि मैं जल्द ही लोन को ये कंप्लीट करूंगी, मुझे पूरा विश्वास है।

प्रधानमंत्री – तो अभी एक महीने का कितना कमा सकती है?

लाभार्थी – सर 60000 तक हो जाता है।

प्रधानमंत्री – अच्छा 60000 रुपया। तो परिवार को विश्वास हो गया?

लाभार्थी – बिल्कुल सर, बिल्कुल। आज मैं आत्मनिर्भर हूं आपकी इस योजना की वजह से।

प्रधानमंत्री – चलिए बहुत बढ़िया काम किया आपने।

लाभार्थी – Thank You Sir! मुझे आपसे बात करने की बहुत इच्छा थी सर, मुझे विश्वास नहीं था कि मैं, मैं भी मोदी जी से मिलने जा रही हूं, मुझे बिलीव ही नहीं हो रहा था। जब मैं यहां आ गई दिल्ली तो मुझे अरे रियली मैं जा रही हूं। Thank You Sir, मेरे हस्बैंड भी आने के लिए थे कि तुम जा रही हो चलो गुड लक।

प्रधानमंत्री – मुझे मेरा मकसद यही है कि मेरे देश का सामान्य-सामान्य नागरिक वो इतना विश्वास से भरा हुआ हो, मुसीबतें होती हैं, हर एक को होती हैं। जिंदगी में कठिनाइयां होती हैं। लेकिन अगर मौका मिले तो कठिनाइयों को परास्त करके जीवन को आगे बढ़ाना और मुद्रा योजना ने यही काम किया है।

लाभार्थी – Yes Sir!

प्रधानमंत्री – हमारे देश में बहुत कम लोग हैं, जिनको इन चीजों की समझ है कि साइलेंटली कैसे रेवोल्यूशन हो रहा है। ये बहुत बड़ा साइलेंट रेवोल्यूशन है।

लाभार्थी – सर मैं और लोगों को भी कोशिश करती हूं मुद्रा योजना के बारे में बताऊ।

प्रधानमंत्री – औरों को समझाना चाहिए।

लाभार्थी –बिल्कुल सर।

प्रधानमंत्री – देखिए हमारे यहां जब हम छोटे थे तो सुनते थे, कि उत्तम खेती, मध्यम व्यापार और कनिष्ठ नौकरी.. ऐसा सुनते थे, नौकरी को आखिरी गिनते थे। धीरे-धीरे समाज की मनोस्थिति ऐसी बदल गई कि नौकरी सबसे पहले, पहला काम भाई कहीं मिल जाए बस सेटल हो जाए। जिंदगी की surety हो जाती है। व्यापार मध्यम ही रहा और लोग यहां तक पहुंच गए खेती तो सबसे आखिरी में। इतना ही नहीं किसान भी क्या करता है अगर उसके तीन बेटे हैं तो एक को कहते हैं भाई तू खेती संभालना दो को कहते हैं तुम जाओ भाई कहीं रोजी-रोटी कमाओ। ये अब आपको ये जो मध्यम वाला विषय है कि व्यापार को हमेशा मध्यम माना गया है। लेकिन आज भारत का युवा उसके पास जो एंटरप्रेन्योर स्किल है, अगर उसको हैंड होल्डिंग हो जाए थोड़ी उसको मदद मिल जाए, तो बहुत बड़े परिणाम लाता है और इस मुद्रा योजना में किसी सरकार के लिए भी ये आंख खोलने वाला विषय है ये। सबसे ज्यादा महिलाएं आगे आई हैं, सबसे ज्यादा लोन के लिए अप्लाई करने वाली महिलाएं, सबसे ज्यादा लोन प्राप्त करने वाली महिलाएं, और सबसे जल्दी रिपेमेंट करने वाली भी महिलाएं हैं। यानी ये एक नया क्षेत्र और विकसित भारत के लिए जो संभावना है ना वो इस शक्ति में पड़ी हुई है वो दिखाई दे रहा है और इसलिए मैं समझता हूं कि हमें एक वातावरण बनाना चाहिए, आप जैसे लोग जो सफल हुए हैं आपको पता है अब आपको किसी पॉलिटिशियन की चिट्ठी की जरूरत नहीं पड़ी होगी। किसी MLA, MP के घर पर चक्कर नहीं काटना पड़ा होगा, आपको मेरा विश्वास है किसी को एक रुपया भी देना नहीं पड़ा होगा। और बिना गारंटी को आपको पैसा मिलना और एक बार पैसा आए तो उसका सदुपयोग करना ये अपने आप में आपके जीवन में भी एक डिसिप्लिन ले आता है। वरना किसी को लगेगा यार ले लिया है चलो अब दूसरे शहर में चले जाए, कहां ढूंढता रहेगा वो बैंक वाला। ये जीवन को बनाने का एक अवसर देता है और मैं चाहता हूं कि मेरे देश के नौजवान ज्यादा से ज्यादा इस क्षेत्र में आए। आप देखिए 33 लाख करोड़ रुपया, ये देश के लोगों को बिना गारंटी दे दिए गए हैं। आप अखबार में तो पढ़ते होंगे, अमीरों की सरकार है। सभी अमीरों का टोटल लगा दोगे तो भी 33 लाख करोड़ नहीं मिला होगा उनको। मेरे देश के सामान्य मानवी को 33 लाख करोड़ रुपया आपके हाथ में दिए हैं, आप जैसे देश के होनहार युवा-युवतियों को दिए गए हैं। और इन सबने किसी ने एक को, किसी ने दो को, किसी ने 10 को, किसी ने 40-50 को रोजगार दिया है। यानी रोजगार देने का बहुत बड़ा काम ये इकोनॉमी को जनरेट करता है। उसके कारण प्रोडक्शन तो होता ही होता है, लेकिन जो सामान्य मानवी कमाता है तो उसको लगता है चलो पहले साल में एक शर्ट लेते थे अब दो ले लेंगे। बच्चों को पढ़ाने से संकोच करते थे अब चलो पढ़ाएंगे, तो ऐसी हर चीज का एक समाज जीवन में बड़ा लाभ होता है। अब इस योजना को 10 साल हो गए हैं। सामान्यतः सरकार में उसका स्वभाव क्या रहता है कि एक निर्णय करें, एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करे और घोषणा करे कि हम ऐसा करेंगे। उसके बाद कुछ लोगों को बुलाकर के दिया-विया जला दें, लोग ताली बजा दें, और अखबार वालों की चिंता करते रहते हैं तो अखबार में भी हेडलाइन छप जाए, और उसके बाद कोई पूछता नहीं है। ये सरकार ऐसी है कि एक योजना का 10 साल के बाद हिसाब लगा रही है, लोगों से पूछ रहे हैं कि भाई ठीक है हम तो कह रहे हैं कि ये हुआ लेकिन आप बताइए क्या हुआ। और जैसे मैं आपसे पूछ रहा हूं आज देश भर में आने वाले दिनों में ऐसे समूहों को मेरे सब साथी पूछने वाले हैं, उनसे मिलने वाले हैं, उनसे जानकारी लेने वाले हैं। और उसके कारण अगर कोई इसमें बदलाव लाना है, कुछ सुधार करना है तो वो उस दिशा में भी हम जाने वाले हैं। लेकिन हमारी कोशिश, अब देखिए लगातार शुरू में 50000 से 5 लाख किया। सरकार का कॉन्फिडेंस देखिए कि पहले सरकार भी सोचती थी, भाई 5 लाख से ऊपर मत दो डूब जाएंगे तो क्या करेंगे, ये तो मोदी के बाल नोच लेंगे सब लोग। लेकिन मेरे देश के लोगों ने मेरे विश्वास को तोड़ा नहीं, मेरा जो मेरे देशवासियों पर भरोसा था, उसको आप लोगों ने मजबूत किया। और उसके कारण मेरी हिम्मत हुई कि 50000 से 20 लाख पर पहुंच गए। ये निर्णय छोटा नहीं है, ये निर्णय तब होता है, जब उस योजना की सफलता और लोगों पर भरोसा और इसमें दोनों चीजें दिखती हैं। आप सबको बहुत शुभकामनाएं और मेरी आपसे अपेक्षा रहेगी, कि जैसे आप 5-10 लोगों को रोजगार देते हैं, वैसे 5-10 लोगों को मुद्रा योजना लेकर के कुछ अपना काम करने के लिए प्रेरित कीजिए, उनको हिम्मत दीजिए, ताकि उनको एक विश्वास बनेगा और देश में 52 करोड़ लोन दिए गए हैं, 52 करोड़ लोग नहीं होंगे जैसे सुरेश ने बताया कि उसने पहले ढाई लाख लिया, फिर 9 लाख लिया, तो दो लोन हुआ। लेकिन 52 करोड़ लोन, यानी अपने आप में बहुत बड़ा आंकड़ा है। दुनिया के किसी देश में ये सोच भी नहीं सकते हैं और इसलिए मैं कहता हूं और हमारी युवा पीढ़ी को हम तैयार करें, कि भाई आप खुद शुरू करो बहुत कुछ फायदा होगा। मुझे याद है, जब मैं गुजरात में था तो मेरा एक कार्यक्रम होता था- गरीब कल्याण मेला। लेकिन उसमें एक स्ट्रीट प्ले जैसा करते बच्चे अब मुझे गरीब नहीं रहना है, ऐसा एक लोगों को मोटिवेट करने वाला एक ड्रामा होता था, मेरे कार्यक्रम में। और फिर कुछ लोग स्टेज पर आकर के अपना जो राशन कार्ड होते थे और वो सब सरकार में वापस जमा कराते थे और कहते थे कि हम गरीबी से बाहर आ गए हैं, अब हमें फैसिलिटी नहीं चाहिए। फिर वो भाषण करते थे, कि मैंने कैसे ये परिस्थिति पलटी। तो एक बार मैं शायद वलसाड जिले में था, एक 8-10 लोगों की टोली आई और सबने अपना गरीबी वाली जितने बेनिफिट थे वो सरकार को सरेंडर किए। फिर उन्होंने अपना एक्सपीरियंस सुनाया, तो क्या था? वो आदिवासी लोग थे और आदिवासियों में वो भगत का काम भजन मंडली बजाना और शाम को गाना यही काम करते थे, तो वहां से उनको एक दो लाख रुपए का लोन मिला, तब तो ये मुद्रा योजना वगैरह नहीं थी, मेरी सरकार वहां एक स्कीम चलाती थी। उसमें से कुछ वो इंस्ट्रूमेंट लाए बजाने के, कुछ उनकी ट्रेनिंग हुई, इसमें से उन्होंने 10-12 लोगों की एक ये बैंड बाजे बजाने वालों की एक कंपनी बना दी। और शादी-ब्याह में फिर वो बजाने के लिए जाने लगे फिर उन्होंने अपना अच्छा यूनिफॉर्म बना दिया। और धीरे-धीरे-धीरे करके वो बहुत पॉपुलर हो गए और वो सब के सब अच्छी स्थिति में आ गए। हर कोई, हर महीने 50-60 हजार रुपए कमाने लग गया। यानी छोटी चीज भी कितना बड़ा बदलाव लाती है, मैंने अपनी आंखों के सामने ऐसी कई घटनाएं देखी हैं। और उसी में से मुझे इंस्पिरेशन मिलता है, आप ही लोगों में से मुझे इंस्पिरेशन मिलता है कि भाई हां, देखिए देश में ऐसी शक्ति एक में नहीं अनेकों में होगी, चलो ऐसा कुछ करते हैं। देश के लोगों को साथ लेकर के देश को बनाया जा सकता है। उनकी आशा-आकांक्षा परिस्थितियों का अध्ययन करके किया, ये मुद्रा योजना उसी का एक रूप है। मुझे विश्वास है कि आप लोग इस सफलता को और नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे और अधिकतम लोगों को लाभ हो, और समाज ने आपको दिया है, आपने भी समाज को देना चाहिए, ऐसा नहीं होना चाहिए कि भाई चलो अब मौज करें, कुछ ना कुछ हमें भी समाज के लिए करना चाहिए, जिसके कारण मन को एक संतोष मिलेगा।

चलिए बहुत-बहुत धन्यवाद।