Make in India, for India, for the world: PM Modi
Our endeavour is to increase the number of MSMEs in defence production to 15,000 in the next five years: PM Modi
Immense potential for defence manufacturing in India; there is demand, democracy & decisiveness: PM

প্রধান মন্ত্রী শ্রী নরেন্দ্র মোদীনা ঙসি উত্তর প্রদেশকী লখনৌদা দেফএক্সপোগী ১১শুবা এদিসন হৌদোকখ্রে। ভারতকী বাইএনিয়েল মিলিতরী একজিবিসন্না লৈবাক্কী পোতেন্সিয়েলবু গ্লোবেল দিফেন্স মেনুফেকচরিং হব অমগুম উৎনবা হোৎনরি। দেফএক্সপো ২০২০ অসি ভারতকী খ্বাইদগী চাউবা দিফেন্স এগজিবিসন প্লেতফোর্ম অমা ওইরকপগা লোয়ননা মালেমদা মকোকথোংবা দেফএক্সপো অমা ওইরি। হন্দক মালেম পুম্বগী দিফেন্স মেনুফেকচরর লিশিং অমা অমসুং কম্পেনী ১৫০ হেন্না এক্সপো অসিদা শরুক য়ারি।

প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি মদুদি ভারতকী প্রধান মন্ত্রী ওইবা খক্তা নত্তনা উত্তর প্রদেশকী এম.পি. ওইনা দেফএক্সপোগী ১১শুবা এদিসন্দা পুম্নমকপু তরাম্না ওকপা অসিদা শরুক অনি হেন্না নুংঙাইবা ফাওই। প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি, “মসি ভারতকী প্রজাশিং অমসুং নহাশিংগীদমক অচৌবা তাঞ্জা অমনি। মেক ইন ইন্দিয়ানা ভারতকী সেক্যুরিতী হেঙ্গৎহনবতা নত্তনা দিফেন্স সেক্তরদা এমপ্লোইমেন্তকীদমক অনৌবা তাঞ্জাসু পীরগনি। মসিনা তুংদা দিফেন্স এক্সপোর্ততা ইনোৎসু পীরগনি।”

ভারত অসি কৈথেল অমখক্তমক নত্তে অদুবু মালেম পুম্বগীদমক অচৌবা খুদোংচাবা তাঞ্জা অমনি

ঙসিগী দেফএক্সপো অসি ভারতকী পাক চাউবা, মসিগী শিন থুংবা, মসিগী দাইবরসিতী অমসুং মালেমদা মসিগী পাক চাউনা শরুক য়াবগী অহিংবা খুদম অমনি। সেক্যুরিতী অমসুং দিফেন্সকী লমদা অকনবা থৌদাং অমগা লোয়ননা ভারতনা মাংলোমদা চংশিল্লি হায়বগী মসিনা খুদম ওইরি। এক্সপো অসিনা দিফেন্সকা মরী লৈনবা ইন্দস্ত্রী খক্তা মমি তাবতা নত্তনা ভারতকী মায়কৈদা মালেমগী থাজবা অদুসু মমি তারি। দিফেন্স অমসুং ইকোনোমীগী মরমদা খংবা মীওইশিংনা শোইদনা খংগনি মদুদি ভারত অসি কৈথেল অমখক্তমক নত্তে অদুবু মালেম পুম্বগীদমক অচৌবা খুদোংচাবা তাঞ্জা অমনি।

‘দিজিতেল ত্রান্সফোর্মেসন ওফ দিফেন্স’না হয়েংগী শিংনরকপশিং রিফ্লেক্ত তৌরি

প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি দেফএক্সপোগী সব থিম ‘দিজিতেল ত্রান্সফোর্মেসন ওফ দিফেন্স’না হয়েংগী অৱাবশিং অমসুং শিংনরকপশিং রিফ্লেক্ত তৌরি। পুন্সী অসি তেক্নোলোজী দ্রাইবন ওইরকপনা সেক্যুরিতীগী মরী লৈনবা হিরমশিং অমসুং শিংনরকপশিং হেন্না লুশিলক্লি। মসি হৌজিক্কী ওইনা মরু ওইবতা নত্তনা ঐখোয়গী তুংগীসু মরু ওইরি। মালেমগী ওইনা দিফেন্স ফোর্সশিংনা অনৌবা তেক্নোলোজীশিং থৌরাং তৌরি, ভারতসু মালেমগা লোয়ননা চৎমিন্নরি। প্রোতোতাইপ কয়া অমসু দিবেলপ তৌরে। ঐখোয়গী পান্দম অসি মথংগী চহী মঙাগী মনুংদা দিফেন্স সেক্তরদা আর্তিফিসিয়েল ইন্তেলিজেন্সকী য়ামদ্রবদা প্রদক্ত ২৫ দিবেলপ তৌবনি।

অতল বিহারি বাজপাইগী মংলান মংফাওনহনবা

প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি মদুদি লখনৌদা পাংথোক্লিবা এক্সপো অসি অতোপ্পা মরম অমগীদমকসু মরু ওই। ভারতকী হান্নগী প্রধান মন্ত্রী অতল বিহারি বাজপাইনা লৈবাক অসিদা দিফেন্স মেনুফেকচরিংগী মং মংবিরম্মি অমসুং মসিগীদমক খোংথাং কয়া অমা লৌখৎপীরম্মি।

প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি, “মহাক্কী মীৎয়েং অদু তুংইন্দুনা ঐখোয়না দিফেন্স প্রদক্ত কয়া শাবদা খুমাং চাউশিল্লে। ২০১৪ খক্তদা ঐখোয়না দিফেন্স লাইসেন্স ২১৭ ইশু তৌখ্রে। হৌখিবা চহী মঙাদা মশিং অসি ৪৬০দা হেঙ্গৎলে। ভারতনা ঙসিদি অর্তিলরী নোংমৈশিংদগী হৌরগা আর্তিফিসিয়েল কেরিয়র, ফ্রিগেৎ সবমেরিন ফাউবা শারে। গ্লোবেল দিফেন্স এক্সপোর্ততা ভারতকী সেয়ারসু হেঙ্গৎলক্লি। হৌখিবা চহী অনিদা ভারতনা লুপা কোতি ১৭০০০কী মমল ওইবা দিফেন্স প্রদক্তশিং এক্সপোর্ত তৌখ্রে। হৌজিক ঐখোয়গী পান্দম অসি মথংগী চহী মঙাদা দিফেন্স এক্সপোর্তশিং দোলর বিলিয়ন ৫দা হেঙ্গৎপনি।”

দিফেন্সতা রিসর্স অমসুং দিবেলপমেন্ত, লৈবাক্কী পোলিসীগী অচৌবা শরুক অমা

প্রধান মন্ত্রীনা ফোংদোকখি, “হৌখিবা চহী মঙাদা, ঐখোয়গী সরকারনা রিসর্স অমসুং দিবেলপমেন্তপু ঐখোয়গী লৈবাক্কী পোলিসীগী অচৌবা শরুক অমা ওইহল্লি। দিফেন্স রিসর্স অমদি দিবেলপমেন্ত অমসুং মেনুফেকচরিংগীদমক লৈবাক অসিদা দরকার ওইবা ইনফ্রাস্ত্রকচর শেম শারি। অতোপ্পা লৈবাকশিংগা লোয়ননা জোইন্ত বেঞ্চরশিং পায়খৎলি। ফোকস এপ্রোচ অমগা লোয়ননা অহোবা পুম্নমক মুত্থৎনবসু হোৎনরি। মসিনা ইনবেস্তমেন্ত অমসং ইনোবেসনগীদমক থৌরাং তৌরবা এনবাইরনমেন্ত অমা শেমগৎলি।”

য়ুজর অমসুং প্রদুসরগী মরক্তা পার্তনরশিপ

প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি মদুদি নেস্নেল সেক্যুরিতী অসি য়ুজর অমসুং প্রদুসরগী মরক্তা পার্তনরশিপনা হেন্না শক্তি লৈহনবা য়াই।
মহাক্না হায়খি, “দিফেন্স মেনুফেকচরিং অসি গবর্নমেন্ত ইন্সতিত্যুসনশিং খক্তদা অক্নবা থম্লোইদবনি, অদুবু মসি প্রাইবেত সেক্তরগা লোয়ননা চপ মাননা শরুক য়াবা অমসুং পার্তনরশিপ তৌগদবনি।”

অনৌবা ভারতকীদমক অনৌবা পান্দমশিং

প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি মদুদি ভারত্তা অচৌবা দিফেন্স মেনুফেকচরিং কোরিদোর অনি শেমগৎলি। অমনা তামিল নাদুদা অদুগা অতোপ্পা অমনা উত্তর প্রদেশতা। উত্তর প্রদেশকী দিফেন্স কোরিদোরগী মখাদা লখনৌগী মথক্তা অলিগর, অগ্রা, ঝান্সি, চিত্রকুত অমসুং কানপুরদা নোদশিং লিংখৎলগনি। ভারত্তা দিফেন্স মেনুফেকচরিংদা মখাতাবা পাঙ্গল পীনবা অনৌবা তার্গেৎশিং সেত তৌরে।

প্রধান মন্ত্রীনা মখা তাখি, “ঐখোয়গী পান্দম অসি মথংগী চহী মঙাদা দিফেন্স প্রদক্সনগী লমদা এম.এস.এম.ই.গী মশিং ১৫০০০গী মথক্তা পুখৎপনি। আই.-দি.ই.এক্স.কী ৱাখল্লোনবু হেন্না পাকথোক চাউথোকহন্নবগীদমক অনৌবা দিফেন্স স্তার্ত-অপস ২০০ হৌদোক্নবা তার্গেৎ তৌরি। হোৎনরিবা অসি য়ামদ্রবদা অনৌবা তেক্নোলোজী অমসুং প্রদক্ত ৫০ দিবেলপ তৌনবনি। ঐহাক্না মসিমসু হৌদোক্লি মদুদি লৈবাক অসিগী অচৌবা ইন্দস্ত্রী বোদীশিংনা দিফেন্স মেনুফেকচরিংগীদমক কমন প্লেতফোর্ম অমা শেমগদবনি মদুনা দিফেন্সকী লমদা তেক্নোলোজীগী দিবেলপমেন্ত অমসুং প্রদক্সন অনিমক্তা মখোয়না কান্নবা লৌবা ঙমগনি।”

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।