সি.বি.এস.ই.না ক্লাস ১০গী রিজল্ত লাউথোরকপদা প্রধান মন্ত্রী শ্রী নরেন্দ্র মোদীনা মহৈরোয়শিংগী মফমদা নুংঙাইবা ফোঙদোরক্লি‍।

ত্বীত অমদা প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি:

“সি.বি.এস.ই. ক্লাস ১০ চাংয়েং মায় পাক্লবা পুম্নমক্কী মফমদা ঐনা নুংঙাইবা ফোঙদোকচরি‍। মখোয়গী মফমদা মহৈ য়াল্লবা মহৈ মশিংগী খোঙচৎ অমগীদমক য়াইফ পাউজেল পীজরি‍। তুংদা মহৈরোয়শিং অসিনা মায় পাকপগী অনৌবা পন্দোল লোম্না কাখৎলক্কনি হায়না ঐনা থাজৈ‍।”

  • G.shankar Srivastav August 08, 2022

    नमस्ते
  • Chowkidar Margang Tapo August 03, 2022

    namo namo namo namo namo namo namo bharat
  • Basant kumar saini August 03, 2022

    नमो
  • Ashvin Patel August 03, 2022

    જય જય શ્રી રામ
  • ranjeet kumar August 02, 2022

    nmo🙏
  • ashok sharma July 31, 2022

    🙏🌹🌹🙏
  • Jayantilal Parejiya July 30, 2022

    Jay Hind 3
  • Chowkidar Margang Tapo July 28, 2022

    Jai hind jai BJP...
  • Jayanta Kumar Bhadra July 28, 2022

    Jay Maa
  • SUKHDEV RAI SHARMA July 28, 2022

    🔸🔱शिवलिंग के प्रकार एवं महत्त्व🔱🔸 🔱 मिश्री(चीनी) से बने शिव लिंग कि पूजा से रोगो का नाश होकर सभी प्रकार से सुखप्रद होती हैं। 🔱 सोंठ, मिर्च, पीपल के चूर्ण में नमक मिलाकर बने शिवलिंग कि पूजा से वशीकरण और अभिचार कर्म के लिये किया जाता हैं। 🔱 फूलों से बने शिव लिंग कि पूजा से भूमि-भवन कि प्राप्ति होती हैं। 🔱 जौं, गेहुं, चावल तीनो का एक समान भाग में मिश्रण कर आटे के बने शिवलिंग कि पूजा से परिवार में सुख समृद्धि एवं संतान का लाभ होकर रोग से रक्षा होती हैं। 🔱 किसी भी फल को शिवलिंग के समान रखकर उसकी पूजा करने से फलवाटिका में अधिक उत्तम फल होता हैं। 🔱 यज्ञ कि भस्म से बने शिव लिंग कि पूजा से अभीष्ट सिद्धियां प्राप्त होती हैं। 🔱 यदि बाँस के अंकुर को शिवलिंग के समान काटकर पूजा करने से वंश वृद्धि होती है। 🔱 दही को कपडे में बांधकर निचोड़ देने के पश्चात उससे जो शिवलिंग बनता हैं उसका पूजन करने से समस्त सुख एवं धन कि प्राप्ति होती हैं। 🔱 गुड़ से बने शिवलिंग में अन्न चिपकाकर शिवलिंग बनाकर पूजा करने से कृषि उत्पादन में वृद्धि होती हैं। 🔱 आंवले से बने शिवलिंग का रुद्राभिषेक करने से मुक्ति प्राप्त होती हैं। 🔱 कपूर से बने शिवलिंग का पूजन करने से आध्यात्मिक उन्नती प्रदत एवं मुक्ति प्रदत होता हैं। 🔱 यदि दुर्वा को शिवलिंग के आकार में गूंथकर उसकी पूजा करने से अकाल-मृत्यु का भय दूर हो जाता हैं। 🔱 स्फटिक के शिवलिंग का पूजन करने से व्यक्ति कि सभी अभीष्ट कामनाओं को पूर्ण करने में समर्थ हैं। 🔱 मोती के बने शिवलिंग का पूजन स्त्री के सौभाग्य में वृद्धि करता हैं। 🔱 स्वर्ण निर्मित शिवलिंग का पूजन करने से समस्त सुख-समृद्धि कि वृद्धि होती हैं। 🔱 चांदी के बने शिवलिंग का पूजन करने से धन-धान्य बढ़ाता हैं। 🔱 पीपल कि लकडी से बना शिवलिंग दरिद्रता का निवारण करता हैं। 🔱 लहसुनिया से बना शिवलिंग शत्रुओं का नाश कर विजय प्रदत होता हैं। 🔱 बिबर के मिट्टी के बने शिवलिंग का पूजन विषैले प्राणियों से रक्षा करता है। 🔱 पारद शिवलिंग का अभिषेक सर्वोत्कृष्ट माना गया है घर में पारद शिवलिंग सौभाग्य, शान्ति, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के लिए अत्यधिक सौभाग्यशाली है। दुकान, ऑफिस व फैक्टरी में व्यापारी को बढाऩे के लिए पारद शिवलिंग का पूजन एक अचूक उपाय है। शिवलिंग के मात्र दर्शन ही सौभाग्यशाली होता है। इसके लिए किसी प्राणप्रतिष्ठा की आवश्कता नहीं हैं। पर इसके ज्यादा लाभ उठाने के लिए पूजन विधिक्त की जानी चाहिए। ▪️शिव का अर्थ शुभ और लिंग का अर्थ ज्योतिपिंड। शिवलिंग 'ब्रह्माण्ड' या ब्रह्मांडीय अंडे के आकार का प्रतिनिधित्व करता है। दो प्रकार के शिवलिंग होते हैं। पहला उल्कापिंड की तरह काला अंडाकार लिए हुए। इस तरह के शिवलिंग को ही ज्योर्तिलिंग कहते हैं। दूसरा मानव द्वारा निर्मित पारे से बना शिवलिंग होता है। इसे पारद शिवलिंग कहा जाता है। शिवलिंग ब्रह्मांड और ब्रह्मांड की समग्रता का प्रतिनिधित्व करता है। ब्रह्मांड अंडाकार ही है जो एक अंडाकार शिवलिंग की तरह नजर आता है। 🔱 शिवलिंग के प्रकार 🔱 शिवलिंग के प्रमुख दो प्रकार अंडाकार और पारद शिवलिंग के अलावा शिवलिंग के मुख्‍यत: 6 प्रकार बताए गए हैं। 🚩 देव लिंग:- जिस शिवलिंग को देवताओं या अन्य प्राणियों द्वारा स्थापित किया गया हो, उसे देवलिंग कहते हैं। वर्तमान समय में धरती पर मूल पारंपरिक रूप से यह देवताओं के लिए पूजित है। 🚩 आसुर लिंग:- असुरों द्वारा जिसकी पूजा की जाए वह असुर लिंग। रावण ने एक शिवलिंग स्थापित किया था, जो असुर लिंग था। देवताओं से द्वैष रखने वाले रावण की तरह शिव के असुर या दैत्य परम भक्त रहे हैं। 🚩 अर्श लिंग:- प्राचीन काल में अगस्त्य मुनि जैसे संतों द्वारा स्थापित इस तरह के लिंग की पूजा की जाती थी। 🚩 पुराण लिंग:- पौराणिक काल के व्यक्तियों द्वारा स्थापित शिवलिंग को पुराण शिवलिंग कहा गया है। इस लिंग की पूजा पुराणिकों द्वारा की जाती है। 🚩 मनुष्य लिंग:- प्राचीनकाल या मध्यकाल में ऐतिहासिक महापुरुषों, अमीरों, राजा-महाराजाओं द्वारा स्थापित किए गए लिंग को मनुष्य शिवलिंग कहा गया है। 🚩 स्वयंभू लिंग:- भगवान शिव किसी कारणवश स्वयं शिवलिंग के रूप में प्रकट होते हैं। इस तरह के शिवलिंग को स्वयंभू शिवलिंग कहते हैं। भारत में स्वयंभू शिवलिंग कई जगहों पर हैं। वरदान स्वरूप जहां शिव स्वयं प्रकट हुए थे। ▪️भक्त लोग भगवान शिव के प्रतिक शिवलिंग को अपनी श्रद्धाअनुसार भिन्न भिन्न तरीके से बनाकर उनकी पूजा अर्चना करते हैं। भगवान राम ने भी एक शिवलिंग रामेश्वरम में बनाया था। कहते हैं कि यह एक विशेष प्रकार की रेत का था जिसने बाद में ठोस रूप ले लिया था। 🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
Explore More
প্রধান মন্ত্রী, শ্রী নরেন্দ্র মোদীনা 78শুবা নীংতম নুমিত্তা লাল কিলাগী ফম্বাক্তগী লৈবাক মীয়ামদা থমখিবা ৱারোল

Popular Speeches

প্রধান মন্ত্রী, শ্রী নরেন্দ্র মোদীনা 78শুবা নীংতম নুমিত্তা লাল কিলাগী ফম্বাক্তগী লৈবাক মীয়ামদা থমখিবা ৱারোল

Media Coverage

"This kind of barbarism totally unacceptable": World leaders stand in solidarity with India after heinous Pahalgam Terror Attack
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Prime Minister condoles passing of Dr. K. Kasturirangan
April 25, 2025

Prime Minister, Shri Narendra Modi, today, condoled passing of Dr. K. Kasturirangan, a towering figure in India’s scientific and educational journey. Shri Modi stated that Dr. K. Kasturirangan served ISRO with great diligence, steering India’s space programme to new heights. "India will always be grateful to Dr. Kasturirangan for his efforts during the drafting of the National Education Policy (NEP) and in ensuring that learning in India became more holistic and forward-looking. He was also an outstanding mentor to many young scientists and researchers", Shri Modi added.

The Prime Minister posted on X :

"I am deeply saddened by the passing of Dr. K. Kasturirangan, a towering figure in India’s scientific and educational journey. His visionary leadership and selfless contribution to the nation will always be remembered.

He served ISRO with great diligence, steering India’s space programme to new heights, for which we also received global recognition. His leadership also witnessed ambitious satellite launches and focussed on innovation."

"India will always be grateful to Dr. Kasturirangan for his efforts during the drafting of the National Education Policy (NEP) and in ensuring that learning in India became more holistic and forward-looking. He was also an outstanding mentor to many young scientists and researchers.

My thoughts are with his family, students, scientists and countless admirers. Om Shanti."