Quoteঅহানবা থবক্তা, প্রধান মন্ত্রী নারীশক্তি বন্দন অধিনিয়ম হৌদোকখ্রে
Quote“অমৃত কাল হৌরকপদা, অনৌবা সংসদ শঙলেন্দা হোঙজিন্দুনা তুংগী ৱারেপ অমা লৌদুনা ভারত মাঙলোমদা চঙশিল্লি”
Quote“হৌজিক অসি ৱারেপশিং থবক ওইনা পাংথোকপা অমসুং অনৌবা থৌনাগা লোয়ননা অনৌবা খোঙচৎ হৌবা মতমনি”
Quote“শেঙ্গোলনা ঐখোয়গী হৌখ্রবা মতমগী মরুওইবা শরুক অমগা শম্নহল্লে”
Quote“অনৌবা সংসদ শঙলেনগী ফজবা অসিনা অনৌবা ভারত মশক থোকহল্লে। মসি শাবদা ঐখোয়গী ইঞ্জিয়ারশিং অমসুং শিন্মীশিংগী হুমাং য়াওখি”
Quote“নারীশক্তি বন্দন অধিনিয়মনা মখা তানা ঐখোয়গী গনতন্ত্র মপাঙ্গল কনখৎহনগনি”
Quote“বাভন(শঙলেন) হোঙলে, ভাব(ৱাখলশিং)সু হোঙগদবনি”
Quote“ঐখোয় খুদিংমক সংসদকী চৎন-কাংলোনশিং ঙাক্না চৎকদবনি”
Quote“রিজার্বেসন ওফ ৱুমেন ইন পর্লিয়ামেন্ত বিল অয়াবা পীনবা কেন্দ্রগী মন্ত্রীমন্দলনা ৱারেপ লৌরে। পুৱারি ওইরবা নুমিৎ সেপ্তেম্বর ১৯,২০২৩ অসি ভারতকী পুৱারিদা মুৎপা নাইদনা লৈহৌরগনি”
Quote“নুপীনা মাংজিল থাবা চাউখৎপগী ৱারেপশিং থবক ওইনা পাংথোক্নবা, ঙসি ঐখোয়গী সরকারনা অচৌবা সংবিধানগী এমেন্দমেন্ত বিল অমা পুথোক্লি। বিল অসিনা লোক সভা অমসুং বিধান সভাশিংদা নুপীশিং শরুক য়াবা হেনগৎহল্লগনি”

ঙসি প্রধান মন্ত্রী শ্রী নরেন্দ্র মোদীনা অনৌবা সংসদকী শঙলেন্দা লোক সভাদা ৱা ঙাংখ্রে।

হাওসতা ৱা ঙাংবদা প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি ঙসি অনৌবা সংসদকী শেঙলেন্দা অহানবা ওইনা পাংথোকপা পুৱারি ওইরবা অহানবা মীফম্নি অমসুং থৌরম অসিদা য়াইফ-পাউজেল পীজরি। অনৌবা সংসদ শঙলেনগী অহানবা নুমিৎকী অখন্নবা মীফমদা হাওসতা ৱা ঙাংনবা খুদোংচাবা পীবগীদমক মহাক্না স্পিকর থাগৎপা ফোঙদোকখি। থৌরম অসিগী মরুওইবা ফোঙদোক্লদুনা প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি অমৃত কাল হৌরকপদা, অনৌবা সংসদ শঙলেন্দা হোঙজিন্দুনা তুংগী ৱারেপ অমা লৌদুনা ভারত মাঙলোমদা চঙশিল্লি।

চন্দ্রয়ান-৩ মাইপাকখিবা অমসুং জি-২০ পাংথোকখিবা অমসুং মসিনা মালেমদা পীখিবা কান্নবশিং প্রধান মন্ত্রীনা পনখি। মহাক্না হায়খি লৈবাক অসিনা ভারত্তা অখন্নবা খুদোংচাবা অমা পীরে অমসুং ঙসিদগী অনৌবা সংসদকী শঙলেন থবক তৌবা হৌরে। শেংলবা গনেস চর্তুতি পল্লদুনা প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি ভাগবান গনেস অসি নুংঙাই-য়াইফবা, অশেংবা, মরম চাবা অমসুং লৌশিংগী ঈশ্বর অমনি। হৌজিক অসি ৱারেপশিং থবক ওইনা পাংথোকপা অমসুং অনৌবা থৌনাগা লোয়ননা অনৌবা খোঙচৎ হৌবা মতমনি। গনেস চর্তুতি থৌরমদা লোকমন্যা তিলক নিংশিংলদুনা প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি নিংতম ইহৌ মনুংদা লোকমন্যা তিলক্না লৈবাক শীনবা থুংনা গনেস চর্তুতি অসি শ্বারাজগী মৈরী চুখৎনবা পাম্বৈ অমা ওইখি। ঙসি ঐখোয় চপ মান্নবা ইথিল অমদা চঙশিল্লি।

প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি ঙসি ঙাকপীবগী কুহ্মৈ অমা, সাম্বাতসারি পর্ব নুমিৎনি। কনাগুম্বা অমা অতম্ননা নত্ত্রগা খঙদনা থম্মোয় কায়হনখিবগী  ঙাকপীনবা হায়জবা নুমিৎ অমনি। কুহ্মৈ অসিগী ৱাখল্লোন্দা হৌখ্রবা য়ানদবা খুদিংমক কাউথোক্নরগা মাঙলোমদা চঙশিনবা মতম ওইরে।

প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি অরিবা অমসুং অনৌবগী মরক্তা মরী অমা ওইনা শেংলবা শেঙ্গোল লৈরে অমসুং নিংতম্বগী অহানবা মঙালগী শাখি অমা ওইরে। মসিগী শেংলবা শেঙ্গোল অসি ভারতকী অহানবা প্রধান মন্ত্রী পন্দিৎ জৱাহরলাল নেহরুনা শোকখি। মরম অদুনা শেঙ্গোলনা ঐখোয়গী হৌখ্রবা মতমগী মরুওইবা শরুক অমগা শম্নহল্লে।

প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি অনৌবা শঙলেনগী ফজবা অসিনা অমৃত কালগী মগুন হাপ্লে। লাইচৎ মনুংদা ফাওবা শিন্মীশিং অমসুং ইঞ্জিনিয়ারশিং থবক কন্না শুখি। প্রধান মন্ত্রীনা লুচিংদুনা হাওসনা হায়রিবা শিন্মীশিং অমসুং ইঞ্জিনিয়ারশিং থাগৎপা ফোঙদোকখি। মহাক্না হায়খি শঙলেন অসি শাবা শিন্মী লিশিং ৩০ হেন্না শীজিন্নখি অমসুং শিন্মীশিংগী অকুপ্পা মরোলশিং য়াওবা দিজিতেল লাইরিক অমা লৈরে।

প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি ঙসি ঐখোয়না খল্লিবা ৱাখলশিংনা ঐখোয়গী থবকশিং লমজিংগনি। “বাভন(শঙলেন) হোঙলে, ভাব(ৱাখলশিং)সু হোঙগদবনি।

প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি লৈবাক অসি সেবা তৌনবা সংসদনা মরুওইবা মফম্নি। হাওস অসি রাজনিতি দল অমতগী কান্নবা ফংনবা নত্তে, মসি লৈবাক অসি চাউখৎনবনি। ঐখোয়গী ৱাহৈশিং, ৱাখলশিং অমসুং থবকশিংনা ঐখোয়না সংবিধানগী থৌনা য়োকখৎকদবনি। মেম্বর খুদিংমক্না হাওসকী অনিংবশিং ফংনবা থবক তৌগদবনি অমসুং মসি স্পিকরনা লমজিংবীগদবনি।

প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি মীয়াম য়াইফনবা অপুনবা ওইনা ৱারি শানবা অমসুং থবক তৌবা দরকার ওই। অপুনবগী পান্দমশিং ফংনবা থবক তৌগদবনি। ঐখোয় খুদিংমক সংসদকী চৎন-কাংলোনশিং ঙাক্না চৎকদবনি।

খুন্নাইগী অহোঙবা পুরকপদা রাজনিতিগী থৌদাংগী মতাংদা প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি ভারতকী নুপীশিংনা স্পেসতগী হৌরগা স্পোর্তস ফাওবা অচৌবা থৌদাং লৌরে। জি-২০ মীফম মনুংদা নুপীনা লমজিংবা চাউখৎপগী ৱাখল্লোন মালেম্না য়ানখ্রে। মাইকৈ অসিদা সরকারনা থাংজিনবা খোঙথাংশিং অফবা ওইগনি। জন ধন স্কিমগী কান্নবা ফংলবা মীওই করোর ৫০গী মনুংদা অয়াম্বনা নুপীশিংনি। মুদ্রা য়োজনা, পি.এম অৱাস য়োজনা স্কিমশিংনা নুপীশিংদা কান্নবশিং ফংহল্লে।

প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি ঙসিগী থৌরম অসি ভারতকী পুৱারি ইবদা চাউখৎপগী খোঙচৎতা য়াওরগনি। নুপীশিংগী সিত খাকপগী মতাংদা অহানবা বিল অহানবা ওইনা ১৯৯৬তা পুথোকখি। বিল অসি অতল জিগী মতমদা হাওসতা কয়ারক পুথোকখি অদুবু নুপীশিংগী মঙলান মঙফাওন্নবা দরকার ওইবা মশিং ফংখিদে। মসিগী থবক অসি পাংথোক্নবা ঈশ্বরনা ঐ খল্লে হায়না ঐনা থাজৈ। রিজার্বেসন ওফ ৱুমেন ইন পর্লিয়ামেন্ত বিল অয়াবা পীনবা কেন্দ্রগী মন্ত্রীমন্দলনা ৱারেপ লৌরে। পুৱারি ওইরবা নুমিৎ সেপ্তেম্বর ১৯,২০২৩ অসি ভারতকী পুৱারিদা মুৎপা নাইদনা লৈহৌরগনি। লৈবাক্কী থবক-থৌরমশিংদা মখোয়গী থবক হেনগৎহন্নবা থৌশিল শেম্বগী থবকশিংদা নুপীশিং হেন্না শরুক য়াহনবা দরকার ওইরে। পুৱারি ওইরবা নুমিৎ অসিদা নুপীশিংদা খুদোংচাবশিং পীনবা মেম্বরশিংনা থোং হাংদোক্কদবনি।

শ্রী মোদীনা হায়খি নুপীনা মাংজিল থাবা চাউখৎপগী ৱারেপশিং থবক ওইনা পাংথোক্নবা, ঙসি ঐখোয়গী সরকারনা অচৌবা সংবিধানগী এমেন্দমেন্ত বিল অমা পুথোক্লি। বিল অসিনা লোক সভা অমসুং বিধান সভাশিংদা নুপীশিং শরুক য়াবা হেনগৎহল্লগনি। নারীশক্তি বন্দন অধিনিয়মনা মখা তানা ঐখোয়গী গনতন্ত্র মপাঙ্গল কনখৎহনগনি। নারীশক্তি বন্দন অধিনিয়মগীদমক ইমাশিং, ইচলশিং অমসুং ইচানুপীশিং ঐনা থাগৎচরি। ঐখোয়না শোইদনা বিল অসি আইন ওন্থোক্কনি হায়না লৈবাক অসিগী ইমাশিং, ইচলশিং অমসুং ইচানুপীশিংদা ঐনা থাজবা পীরি। হাওস অসি ফজনা থবক হৌনবা ঐনা মরুপশিংদা হায়জরি, করিগুম্বা বিল অসিনা লো ওইরক্লবদি মসিগী শক্তি কয়া লৈগনি। মরম অদুনা অমতা ওইনা বিল অসি পাস তৌনবা ঐনা হাওস অনিমক্তা হায়জরি।

 

ৱা ঙাংখিবগী মপুংফাবা ৱারোল পানবা মসিদা নম্বীয়ু

  • Ravi Shankar September 23, 2023

    नरेंद्र मोदी जी जिंदाबाद
  • Aakash Kumar September 23, 2023

    #मोदी_है_तो_मुमकिन_है 🚩जयतु हिन्दुराष्ट्रम्🚩 🚩जय श्री राम🚩🙏
  • Mahendra singh Solanky Loksabha Sansad Dewas Shajapur mp September 22, 2023

    नवभारत में नारी शक्ति तेरा वंदन!
  • Rajshekhar Hitti September 22, 2023

    Jai Bharat mata
  • CHANDRA KUMAR September 22, 2023

    बीजेपी सोच रहा होगा, सिक्ख "खालिस्तान" मांगता है, कश्मीरी "आजाद काश्मीर" मांगता है, नगा जनजाति "नागालैंड" मांगता है, दक्षिणी भारतीय राज्य "द्रविड़ लैंड" मांगता है। यह सब क्या हो रहा है। भारत के राज्य स्वतंत्रता क्यों मांग रहा है? किससे स्वतंत्रता मांग रहा है? शिवसेना के संजय राऊत ने कहा कि जिस तरह से यूरोपीय संघ में बहुत सारे देश हैं, उसी तरह से भारत भी एक संघ है जिसमें बहुत सारे राज्य है, यहां सिर्फ वीजा नहीं लग रहा है, लेकिन बात बराबर है। ममता बनर्जी चिल्लाते रहती है, बीजेपी संघीय ढांचे को तोड़ रहा है, हम इसे बर्दास्त नहीं करेंगे, सीबीआई को पश्चिम बंगाल नहीं आने देंगे। बीजेपी सोचती है की धारा 370 हटाकर हमने कश्मीर को भारत से जोड़ दिया। यह एक गलतफहमी है। मेरा प्रश्न है, क्या भारत जुड़ा हुआ है? पहले जानते हैं, राज्य किसे कहते हैं, संघ किसे कहते हैं, प्रांत किसे कहते हैं, देश किसे कहते हैं? 1. संघ : दो या दो से अधिक पृथक एवं स्वतंत्र इकाइयों से एकल राजनीतिक इकाई का गठन। 2. राज्य : राज्य शब्द का अर्थ एक निश्चित क्षेत्र के भीतर एक स्वतंत्र सरकार के तहत राजनीतिक रूप से संगठित समुदाय या समाज है। इसे ही कानून बनाने का विशेषाधिकार है। कानून बनाने की शक्ति संप्रभुता से प्राप्त होती है, जो राज्य की सबसे विशिष्ट विशेषता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 1(1) में कहा गया है, "इंडिया, जो कि भारत है, राज्यों का एक संघ होगा।" 13 दिसंबर, 1946 को जवाहरलाल नेहरू ने एक संकल्प के माध्यम से संविधान सभा के लक्ष्यों और उद्देश्यों को पेश किया था कि भारत, "स्वतंत्र संप्रभु गणराज्य" में शामिल होने के इच्छुक क्षेत्रों का एक संघ होगा। जबकि सरदार वल्लभ भाई पटेल ने,एक मज़बूत संयुक्त देश बनाने के लिये विभिन्न प्रांतों और क्षेत्रों के एकीकरण और संधि पर जोर दिया गया था। संविधान सभा के सदस्य संविधान में 'केंद्र' या 'केंद्र सरकार' शब्द का प्रयोग न करने के लिये बहुत सतर्क थे क्योंकि उनका उद्देश्य एक इकाई में शक्तियों के केंद्रीकरण की प्रवृत्ति को दूर रखना था। अर्थात् एक इकाई अपने स्वतंत्र क्षेत्र में दूसरी इकाई के अधीन नहीं है और एक का अधिकार दूसरे के साथ समन्वित है। हाल ही में तमिलनाडु सरकार ने अपने आधिकारिक पत्राचार या संचार में 'केंद्र सरकार' (Central Government) शब्द के उपयोग को बंद करने एवं इसके स्थान पर 'संघ सरकार' (Union Government) शब्द का उपयोग करने का फैसला किया है। 3. प्रांत : प्रान्त एक प्रादेशिक इकाई है, जो कि लगभग हमेशा ही एक देश या राज्य के अन्तर्गत एक प्रशासकीय खण्ड होता है। 4. देश : एक देश किसी भी जगह या स्थान है जिधर लोग साथ-साथ रहते है, और जहाँ सरकार होती है। संप्रभु राज्य एक प्रकार का देश है। अर्थात् देश एक भौगोलिक क्षेत्र है, जबकि राज्य एक राजनीतिक क्षेत्र है। निष्कर्ष : 1. वर्तमान समय में भारत एक संघ (ग्रुप) है। इस संघ में कोई भी राज्य शामिल हो सकता है और कोई भी राज्य अलग हो सकता है। क्योंकि संप्रभुता राज्य में होती है, संघ में नहीं। संघ राज्यों को सम्मिलित करके रखने का एक प्रयास मात्र है। जिस तरह यूरोपीय संघ से ब्रिटेन बाहर निकल गया, उसी तरह से भारतीय संघ से पाकिस्तान बाहर निकल गया। 2. यदि भारत को "संघ" के जगह पर "राज्य" बना दिया जाए, और भारत के सभी राज्य को प्रांत घोषित कर दिया जाए। तब भारत एक केंद्रीयकृत सत्ता में परिवर्तित हो जायेगा। जिससे सभी प्रांत स्वाभाविक रूप से, भारतीय सत्ता का एक शासकीय अंग बन जायेगा, और प्रांतों की संप्रभुता भारत राज्य में केंद्रित हो जायेगा। फिर कोई भी प्रांत भारत राज्य से अलग नहीं हो सकेगा। प्रांतों की सभी प्रकार की राजनीतिक स्वायत्तता स्वतः समाप्त हो जायेगा। फिर भारत का विभाजन बंद हो जायेगा। 3. जब भारत स्वतंत्र हो रहा था, तब इसमें कई राजाओं को मनाकर शामिल करने की जरूरत थी, सभी राजाओं ने कई तरह की स्वायत्तता और प्रेवीपर्स मनी लेने के बाद भारतीय संघ का सदस्य बनना स्वीकार किया। अब भारत का लोकतंत्र काफी विकसित हो गया है, राजाओं का प्रेवीपर्स मनी खत्म कर दिया गया है। ऐसे में क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टियों और क्षेत्रीय विभाजनकारी संगठनों के भारत विभाजन के लालसा को खत्म करने के लिए, अब भारत को एक संघ की जगह, एक राज्य घोषित कर दिया जाए। और भारत के राज्यों को प्रांत घोषित कर दिया जाए। राज्यसभा को प्रांतसभा घोषित कर दिया जाए। राज्य के मुख्यमंत्री को प्रांतमंत्री घोषित कर दिया जाए। इससे क्षेत्रीय विभाजनकारी तत्वों को हतोत्साहित किया जा सकेगा। क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के दबंग आचरण को नियंत्रित किया जा सकेगा। जब संप्रभुता केंद्र सरकार में केंद्रित होगा , तभी खालिस्तान, नागालैंड , आजाद काश्मीर जैसी मांगें बंद होंगी। और तभी तमिलनाडु जैसे राज्य , खुद को द्रविड़ देश समझना बंद करेगा और केंद्र सरकार को संघ सरकार कहने का साहस नहीं कर पायेगा। और तभी ममता बनर्जी जैसी अधिनायकवादी राजनीतिज्ञ, केंद्रीय जांच एजेंसी को अपने प्रांत में प्रवेश करने से रोक नहीं पायेगा। 4. कानून बनाने का अधिकार तब केवल भारत राज्य को होगा। कोई भी प्रांत, जैसे बंगाल प्रांत, बिहार प्रांत, कानून नहीं बना सकेगा। क्योंकि प्रांत कोई संप्रभु ईकाई नहीं है। प्रांत भारत राज्य से कानून बनाने का आग्रह कर सकता है, सलाह दे सकता है। भारत राज्य का कानून ही अंतिम और सर्वमान्य होगा। केवल लोकसभा में ही बहुमत से कानून बनाया जायेगा। 5. राज्यसभा का अर्थ होता है, संप्रभुता प्राप्त राज्यों का सभा। इसीलिए राज्य सभा का नाम बदल कर प्रांत सभा कर दिया जाए। लोकसभा को उच्च सदन और प्रांत सभा को निम्न सदन घोषित किया जाए। प्रांत सभा केवल कानून बनाने का प्रस्ताव बनाकर लोकसभा को भेज सकता है। प्रांत सभा किसी कानून के बनते समय केवल सुझाव दे सकता है। प्रांत सभा को किसी भी स्थिति में मतदान द्वारा कानून बनाने में भागीदारी करने का अधिकार नहीं दिया जाए। तभी जाकर केंद्र सरकार वास्तव में प्रभुत्व संपन्न बनेगा। तभी जाकर केंद्र सरकार संप्रभुता को प्राप्त करेगा। तभी जाकर राष्ट्र के विभाजन कारी तत्व की मंशा खत्म होगी। तभी जाकर भारत एक शक्तिशाली राज्य बनकर उभरेगा। 6. अभी भारत का कोई भी राज्य, कोई भी कानून बना सकता है। अभी राज्यसभा किसी भी कानून को पारित होने से रोक सकता है। अभी राज्य सभा उच्च सदन बनकर बैठा है। सोचिए राज्यों ने कितना संप्रभुता हासिल करके रखा है। वह केंद्र सरकार से आजाद होने का सपना देखे, तब इसमें आश्चर्य की क्या बात है। केंद्र सरकार का लोकसभा निम्न सदन बनकर, यह चाहत रखता है की सभी राज्य उसकी बात माने। यह कैसे संभव है। लोकसभा के कानून को राज्यसभा निरस्त करके खुशी मनाता है। कांग्रेस पार्टी कहती है, लोकसभा में बीजेपी बहुमत में है, सभी विपक्षी पार्टी राज्यसभा में बीजेपी के खिलाफ काम करेंगे। और बीजेपी के बनाए कानून को रोक राज्यसभा में रोक देंगे। ऐसे में केंद्र सरकार के पास संप्रभुता कहां है। दरअसल जिस तरह यूरोपीय संघ से ज्यादा यूरोप के राज्यों के पास संप्रभुता है। उसी तरह भारत संघ से ज्यादा भारत के राज्यो के पास संप्रभुता ज्यादा है। 7. अतः भारत को संघ की जगह राज्य बना और राज्यों को प्रांत बना दीजिए। 8. भारतीय संविधान के अनुच्छेद एक में संशोधन करना चाहिए। वर्तमान में, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 1(1) में कहा गया है, "इंडिया, जो कि भारत है, राज्यों का एक संघ होगा।" इसे संशोधित करते हुए, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 1(1) में कहा जाए, " जम्बूद्वीप, जो की भारत है, प्रांतों का एक राज्य होगा।" 9. दूसरा संशोधन यह करना चाहिए की, "भारतीय संविधान में जहां - जहां पर राज्य शब्द का प्रयोग हुआ है, उन्हें संशोधन के उपरांत प्रांत समझा जाए। क्योंकि भारत संघ की जगह राज्य का स्थान ले चुका है। 10. भारत राजनीतिक रूप से राज्य है और भौगोलिक रूप से देश है। भारत राज्य में से किसी भी प्रांत को स्वतंत्र होकर राज्य बनाने की स्वीकार्यता नहीं दी जायेगी। अर्थात अब कोई खालिस्तान , कोई नागालैंड, कोई आजाद काश्मीर या कोई द्रविड़ प्रदेश बनाने की मांग नहीं कर सकेगा। भारत सरकार वास्तव में तभी एक संप्रभु राज्य, संप्रभु शासक होगा। अभी भारत सरकार, एक तरह से, बहुत सारे संप्रभु राज्यों के समूह का संघ बनाकर शासन चला रहा है। जिस संघ (Group) से सभी राज्य अलग होने की धमकी देते रहता है। यदि भारतवर्ष को विश्वगुरु बनाना है तो भारत में एक शक्तिशाली केंद्र सरकार होना चाहिए। न की एक कमजोर संघीय सरकार। अब संविधान के संघीय ढांचे का विदाई कर देना चाहिए और उपरोक्त दोनों संविधान संशोधन शीघ्र ही कर देना चाहिए।
  • HARGOVIND JOSHI September 20, 2023

    आपश्री का भाषण पूरा सुना हमने दिल और आत्मा प्रसन्न हो गये।
  • HARGOVIND JOSHI September 20, 2023

    भारत की नयी संसद भवन का लोकार्पण करने हेतु माननीय प्रधानमंत्री जी एवं हमारी भारत सरकार को बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं
  • Arun Potdar September 20, 2023

    अमृत वाणी
  • Neeraj Khatri September 20, 2023

    जय हो 🙏
  • Raj kumar September 20, 2023

    Namaskar 🙏 Prime Minister Shri Narendra Modi Ji. Welcome in the new building of the Parliament.
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