ঙসি নই দিল্লীদা প্রধান মন্ত্রী নরেন্দ্র মোদীনা নেতৱার্ক-১৮ রাইজিং ইন্দিয়া সমিৎতা ৱা ঙাংখি।
লৈবাক্কী মীয়ামদা রাস্ত্রীয় সমর স্মারক নত্ত্রগা নেস্নেল ৱার মেমোরিয়েল কৎথোক্লবা মতুংদা, “রাইজিং ইন্দিয়া” হায়রিবা হিরম অসিদা ৱা ঙাংবগী খুদোংচাবা অমা ফংবগীদমক মহাক্না হরাওবা ফোংদোকখি। মহাক্না হায়খি, রাজনিতীগী ৱাংমদা: লৈবাক্কী মরুওইবশিং খঙদোকপা – হায়রিবা থিম অসি য়াম্না মরুওইবা অমনি।
মহাক্না হায়খি, মহাক্না হিরম অসিগী মতাংদা হৌখ্রবা মতম অমসুং হৌজিক, অনিগী খেন্নবা নৈনদুনা লৈবাক্কী মরুওইবশিং মাংদা থমদুনা ফংনবা হোৎনগদৌরিবা পান্দমশিং নৈনগনি।
মহাক্না হায়খি, ২০১৪গী মমাংদা, মমল হেনগৎপা অমসুং ইনকম তেক্স রেৎ য়াম্না ৱাংখি, অদুগা জি দি পি গ্রোথ রেৎ য়াম্না নেমখি। হৌজিক মমল হেনগৎপা অমসুং ফিসিকেল দিফিসিৎ য়াম্না নেম্লে অদুগা জি দি পি গ্রোথ রেৎ অসিনা চাদা ৭দগী ৮ ফাওবদা লৈরে। ইনকম তেক্সগী মতাংদা মীয়ামদা খুদোংচাবা কয়া ফংলে।
মালেমগী থাক্ত ভারতকী ওইরিবা ফিবমগী মতাংদা মহাক্না হায়খি, ২১শুবা চহিচা অসি ভারতকী চহিচানি হায়না মমাংদা ফোঙদোকখ্রে। ২০১৩দা ভারত অসি মালেমগী ইকোনোমীশিংগী মরক্ত “ফ্রেজাইল ফাইব”দা য়াওখি। ঙসিদি ভারত অসি য়াম্না য়াংনা চাউখৎলক্লিবা অচৌবা ইকোনোমী অমা ওইরে। মহাক্না হায়খি, ২০১১দা ইজ ওফ দুইং বিজিনেস রেঙ্কিংদা ভারত ১৩২দা লৈরম্বদগী ২০১৪দা ১৪২দা হাইথরকখি। ঙসি ঐখোয় ৭৭শুবা মফমদা লৈরে।
প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি, দুইং বিজিনেস রেঙ্কিংদা হাইথরকপগী মরম অমদি শেঞ্জা-থুমজা অসিনি। মতাং অসিদা, মহাক্না মতম অদুদা কোয়লা, সি দব্লিউ জি অমসুং স্পেক্ত্রম য়াওনা হেদলাইনশিংদা য়াওখিবা ৱাথোকশিং পনখি।
মহাক্না হায়খি, কেন্দ্র সরকারগী জন ধন য়োজনাগী মখাদা বেঙ্ক একাউন্ত ক্রোর ৩৪ হাংদোক্লে। হায়রিবা একাউন্তশিং অসি আধার নম্বরশিং অমসুং মোবাইল নম্বরশিংগা শম্নরে। ঙসিদি য়াইফ-থৌরাংগী স্কিম ৪২৫রোমগী কান্নবশিং হায়রিবা বেঙ্ক একাউন্তশিং অসিদা হকথেংননা হাপচিল্লে। বেনিফিসরশিংদা হকথেংননা লুপা ক্রোর লাখ ৬ হাপচিল্লে। থৌরাং অসিগী মখাদা শাশিন্নবা বেনিফিসরী ক্রোর ৮ লৌথোক্লে, লুপা ক্রোর লাখ ১.১ কনবা ঙম্লে।
প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি, হোস্পিতালগী একাউন্তা হকথেংননা শেন পীশিনবা মরম্না আসুশ্মান ভারত স্কিমদা শেন লান্না শীজিন্নবগী ৱাফম লৈতে। বেনিফিসরীশিং আধার কার্দশিং লৈরি অমসুং ২০১৫গী সোসিও-ইকোনোমীক সর্ভেদা য়ুম্ফম ওইরগা খনখৎপনি। লৌমী ক্রোর ১২ রোম হকথেংননা শেন ফংগদৌরিবা পি এম কিসান সম্মান নিধীদা শেন লান্না শীজিন্নবগী ৱাফম লৈতে।
প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি, চহি কয়া পন্থদুনা লৈরকপদগী, উত্তর প্রদেসকী বনসাগর দাম অমসুং ঝারখন্দগী মন্দল দামগী চংগদবা শেনফম হেনগৎলে। পুকচেল শেংনা তেক্স পীরিবশিংগী শেনফম থেংথবা অসিদা চাদিং তৌরি। প্রগতি থৌরাংগী মখাদা লুপা ক্রোর লাখ ১২ হেনবগী প্রোজেক্তশিং খুমাং চাউশিনবগী মতাংদা মহাক মশামক্না অমুক হন্না য়েংশিল্লি। অৱাং-নোংপোক্তা থেংথবা প্রোজেক্ত কয়া লৈরি। নোংপোক ভারতকী শরুকশিংদা ভারতনা অখন্নবা মীৎয়েং চংলি।
থবক পীবগী মতাংদা প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি, হৌজিক ভারত অসি য়াংনা চাউখৎলক্লিবা অচৌবা ইকোনোমী অমা ওইরে; এফ দি আই ৱাংলে, লায়রবা হন্থরক্লে, মালেমগী পাউদমশিংগী মতুংইন্না ইনফ্রাস্ত্রকচর শেমগৎপা অসি হান্নদগী হেন্না য়াংনা পায়খৎলে অমসুং তুরিজম ফিবম ফগৎলে। হায়রিবা পুম্নমক অসি থবক ফংবগী খুদোংচাবশিং য়াওদনা পাংথোকপা ঙম্লোই।
মহাক্না প্রোফেস্নেলশিং মশিং হেনগৎলকপা অমসুং গারীশিং য়োনবা হেনগৎলকপদগী মতাংদা পনখি। মহাক্না হায়খি, প্রধান মন্ত্রী মুদ্রা য়োজনাগী মখাদা ইন্ত্রপ্রিনর লাখ ৭ হেনবদা লুপা ক্রোর লাখ ৭গী লোন পীখ্রে। মসিনা থবক ফংবা হেনগৎহল্লগনি। ই পি এফ ও সবস্ক্রাইবর মশিং হেনগৎলে।
প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি, অনৌবা ভারত অমা শেমগৎপদা মীদিয়াগী থৌদাং য়াম্না মরুওই অমসুং মসিনা অফবা খুন্নাই অমা শেমগৎলি।
अब जब मैं मीडिया के साथियों के बीच हूं तो इस चर्चा को आगे बढ़ाने के लिए आपका पसंदीदा तरीका ही अपनाउंगा।
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यानि पहले क्या था और अब क्या है।
इसी से ये भी पता चलेगा कि राजनीति से अलग हटकर जब राष्ट्रनीति को प्राथमिकता दी जाती है,
तो किस तरह के परिणाम निकलते हैं: PM
2014 के पहले देश में स्थिति ये थी कि जो बढ़ना चाहिए था वो घट रहा था और जो घटना चाहिए था, वो बढ़ रहा था।
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महंगाई का उदाहरण लीजिए।
पिछली सरकार में आप ने खूब रिपोर्ट किया था कि महंगाई दर 10% का आंकड़ा भी पार कर गई थी।
हमारी सरकार में महंगाई दर गिरकर 2-4% के आसपास रह गई है: PM
यही स्थिति इनकम टैक्स को लेकर थी।
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मिडिल क्लास छूट के लिए निरंतर आवाज़ देता रहता था लेकिन राहत के नाम पर कुछ नहीं मिलता था।
हमारी सरकार ने 5 लाख तक की टैक्सेबल इनकम को ही टैक्स के दायरे से बाहर कर दिया है: PM
यही हाल भारत की Global Standing का रहा।
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हम पढ़ते आए थे कि इक्कीसवीं सदी भारत की सदी है।
भारत को 2013 में दुनिया के ‘Fragile Five’ देशों में पहुंचा दिया गया।
आज सरकार के दृढ़ निश्चय और 125 करोड़ देशवासियों के परिश्रम के बल पर भारत
‘Fastest Growing Large Economy’ बन गया है: PM
हमारी सरकार के दौरान करीब-करीब 6 लाख करोड़ रुपए केंद्र सरकार ने सीधे लाभार्थियों के खाते में भेजे हैं।
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और मुझे ये कहते हुए गर्व है कि पहले की तरह 100 में से सिर्फ 15 पैसे नहीं, बल्कि पूरे पैसे लाभार्थियों को मिल रहे हैं: PM
जनधन अकाउंट, आधार और मोबाइल को जोड़ने का नतीजा ये हुआ कि एक के बाद एक करके कागजों में दबे हुए फर्जी नाम सामने आने लगे।
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आप सोचिए, अगर आपके ग्रुप में 50 लोग ऐसे हो जाएं जिनकी हर महीने सैलरी जा रही हो, लेकिन वो हकीकत में हो ही नहीं, तो क्या होगा: PM
पहले की सरकारों ने, देश में जो व्यवस्था बना रखी थी, उसमें एक-दो नहीं 8 करोड़ ऐसे फर्जी नाम थे,
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जिनके नाम पर सरकारी लाभ ट्रांसफर किया जा रहा था।
साथियों, सरकार के इस प्रयास से एक लाख 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा गलत हाथों में जाने से बच रहे हैं: PM
हमारी सरकार ने #PMKisan की शुरुआत की है।
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12 करोड़ किसान परिवारों को उसकी जरूरत पूरा करने के लिए,
जैसे चारा खरीदने के लिए,
बीज खरीदने के लिए,
खाद खरीदने के लिए सरकार 75 हजार करोड़ रुपए,
सीधे किसानों के खाते में ट्रांसफर करने जा रही है। लीकेज संभव नहीं है: PM
अब सोचिए,
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किसी को चारा घोटाला करना हो तो कैसे करेगा ?
क्योंकि अब तो सीधे मोबाइल पर मैसेज आता है,
कच्ची-पक्की पर्ची का तो सारा इंतजाम ही मोदी ने खत्म कर दिया है।
इसलिए ही तो मुझे पानी पी-पी कर गाली दी जाती है: PM
हमारे यहां किस तरह जनता के पैसे को जनता का न समझने की परंपरा अरसे तक हावी रही है,
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आप भी जानते हैं।
अगर ऐसा न होता तो सैकड़ों योजनाएं दशकों तक अधूरी न रहतीं, अटकती-भटकती न रहतीं।
इसलिए ही हमारी सरकार, योजनाओं में देरी को आपराधिक लापरवाही से कम नहीं मानती: PM
जरा सोचिए भारत जब सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन गया है तो क्या ये संभव है कि बिना नौकरी को सृजित किए ये हो जाए ?
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जब देश में एफडीआई All-Time High है तो क्या ये संभव है कि नौकरियां पैदा
नहीं हो रही हों?: PM
जब कई अंतर्राष्ट्रीय रिपोर्ट कह रही हैं कि भारत सबसे तेजी से गरीबी हटा रहा है तो क्या ये संभव है कि बिना नौकरी के लोग गरीबी से बाहर आ रहे हों?: PM
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जब देश में पहले की तुलना में कई गुना रफ्तार से सड़क बनाने का काम चल रहा है,
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रेल मार्गों के विस्तार का काम हो रहा है।
गरीबों के लिए लाखों मकान बनाने से लेकर नए पुल, नए बांध, नए हवाई अड्डे रिकॉर्ड कार्य हो रहा है।
तो क्या ये संभव है कि रोजगार पैदा नहीं हुए हों?: PM
बीते 4 वर्षों में विदेशी पर्यटकों की संख्या में क़रीब 45% की वृद्धि हुई है।
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पर्यटन से होने वाली विदेशी मुद्रा की कमाई भी बीते 4 वर्षों में 50% बढ़ गई है।
भारत के एविएशन सेक्टर में भी ऐतिहासिक बढ़ोतरी हुई है।
क्या इन सबसे रोजगार के अवसर सृजित नहीं हुए हैं?: PM