In an effort to connect all the capitals of North East states, Itanagar has also been connected with the Railways: PM
Not just airports, the lives of people in Arunachal Pradesh will improve vastly with new and improved rail and road facilities: PM Modi
Arunachal Pradesh is India's pride. It is India's gateway, Centre will not only ensure its safety and security, but also fast-track development in the region: PM

প্রধান মন্ত্রী শ্রী নরেন্দ্র মোদী অরুনাচল প্রদেশঅসম অমসুং ত্রিপুরাদা মহাক্কী খোংচৎকী শরুক অমাওইনা ইতানাগরদা চৎখ্রে মহাক্না গ্রীনফিল্দ এয়রপোর্ত অমসুং সেলা তনেলগীদমক উরেপ উয়ুং তমখি।

মহাক্না দি.দি. অরুন প্রভা চেনেল হৌদোকখি। মহাক্না ইতানগরগী আই.জি. পার্ক্তগী রাজ্য অসিদা পায়খৎকদবাঅতোপ্পা দিবেলপমেন্ত প্রোজেক্ত কয়াগী মায়খুমসু হাংদোকখি। মফম অদুদা প্রধান মন্ত্রীনা লাইওন লূমওপরেসনশিং য়েংশিনখি।

থৌরম অদুদা ৱা ঙাংলদুনা প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি মদুদি অরুনাচল অসি নুমীৎ থোরকপা লমদম্নি। মসি লৈবাকঅসিগী থাজবনি। প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি, “ঙসি ঐহাক্না লুপা কোতি ৪০০০ হেনবগী প্রোজেক্তশিং মায়খুমহাংদোকপগী খুদোংচাবা অদু ফংজরে।” রাজ্য অসিদা লুপা কোতি ১৩০০০গী অহেনবা প্রোজেক্তশিংপায়খৎনবা থৌরাং তৌরি হায়না মহাক্না মখা তাখি। প্রধান মন্ত্রীনা অরুনাচল প্রদেশ অমসুং অতোপ্পা অৱাংনোংপোক রাজ্যশিংদসু চাউখৎ থৌরাংগা মরী লৈননা মহাক্কী সরকারগী থা ৫৫গী মতমবু মমাংগী সরকারগীচহী ৫৫গী মতমগা চাংদম্ননবা প্রজাশিংদা হায়খি।

প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি মদুদি দিবেলপমেন্ত তৌগদবা মফমদদি দিবেলপমেন্ত তৌরমদ্রে। প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি, “মমাংগী সরকারনা অরুনাচলবু থৌওইবিরমদ্রে অমদি মদু হোংদোক্নবা ঐখোয়না মফম অসিদা লাক্লি।” অৱাংনোংপোক চাউখৎলবা মতম খক্তদা অনৌবা ভারত শেমগৎপা ঙমগনি হায়না মহাক্না অকনবা ৱাফম থমখি।মহাক্না হায়খি, “ঐখোয়গী সরকারনা অরুনাচলদা লুপা কোতি ৪৪০০০ কায়থোকখ্রে মদু মমাংগী সরকারনাকায়থোকখিবা শেনফম অদুগী শরুক অনিনি।”

প্রধান মন্ত্রীনা হোল্লোনগিদা গ্রীনফিল্দ এয়রপোর্ত শেমগৎনবগীদমক উরেপ উয়ুং তমখি অমসুং নৌনাশেমজিল্লবা তেজু এয়রপোর্ত শঙ্গাখি হোল্লোনগি তর্মিনেল অসি লুপা কোতি ৯৫৫ চংনা স্ক্ব্যারমীতর ৪১০০গী এরিয়াদা শাগৎকনি অমদি পুং অমদা পেসেঞ্জর ২০০গী পিক হেন্দলিং কেপাসিতীলৈগনি থৌরম অদুদা মহাক্না হায়খি মদুদি ঙসিদগী রাজ্য অসিগী কনেক্তিবিতী ফগৎলগনিহৌজিকমক্কী ওইনানোংথক্কী লম্বীদা ইতানগর চৎনবা অমত্তা ঙাইরবা লম্বী অসি গুৱাহাতিএয়ারপোর্ত্তা কুমদুনা বাই রোদ নত্রগা হেলিকোপ্তর সর্বিস শিজিন্নদুনা ত্রাভেল তৌবনি

মহাক্না মসিমসু হায়খি, “তেজু এয়রপোর্ত অসি চহী ৫০গী মমাংদা শাখিবনি অদুবু সরকার অমত্তনারাজ্য অসিগী মীয়াম্বু লৈবাক অসিগী অতোপ্পা শরুকশিংগা শম্নহন্নবা হোৎনখিদে মসিগী অপিকপাএয়রপোর্ত অসি ঐখোয়না লুপা কোতি ১২৫ চাদিং তৌদুনা এয়রপোর্ত অসি পাকথোকচাউথোকহল্লে তেজু এয়রপোর্ত অসি অরুনাচলগী মীয়ামদা সর্বিসশিং পীনবা থৌরাং তৌরে হায়নামহাক্না মখা তাখি উরান স্কিমনা অহোংবা মমলগী ফ্লাইতশিং ফংহনবগী থোংদা মীয়ামদা কানহল্লেএয়রপোর্তশিং খক্তা নত্তনাঅরুনাচল প্রদেশতা লৈরিবা মীয়ামগী পুন্সী অনৌবা অমসুং হেন্নাফগৎলবা রেল অমসুং রোদ ফেসিলিতীশিংনা পাক চাউনা ফগৎহল্লগনি হায়না প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি

প্রধান মন্ত্রীনা অরুনাচল প্রদেশতা সেলা তনেলগী উরেপ উয়ুং তমখি মসিনা তৱাং ভেল্লিবু চহীচুপ্পাঅমা অইংঅশানোংজুনুংশা খাক্তনা শম্নহল্লগনি অমদি তৱাং ফাওবা চৎপগী মতম পুং অমাহন্থহল্লগনি মসি লুপা কোতি ৭০০ কী শেনফম অমগা লোয়ননা শেমগৎকনি প্রধান মন্ত্রীনা হায়খিমদুদি রেল অমসুং রোদ অনিমক্কী ওইবা বোগিবেল থোংনা অরুনাচলবু মেনলেন্দগী য়াম্নানকশিন্নহল্লে রাজ্য অসিগী কনেক্তিবিতী ফগৎহন্নবগীদমক্তা লুপা কোতি ১০০০গী মমল ওইবাপ্রোজেক্তশিংদা সরকারনা হান্ননা থবক তৌরি হৌখিবা চহী ২দা চাউরাক্না খুঙ্গং ১০০০ লম্বী থোংগীখুত্থাংদা শম্নহল্লে হায়না মহাক্না খংহনখি ত্রান্স অরুনাচল হাইৱেগী থবকশু হৌজিক চত্থরি হায়নামহাক্না মখা তাখি অৱাং নোংপোক রাজ্যশিংগী কোনুংশিংবু শম্নহন্নবা হোৎনরিবা অদুগী মখাদাইতানগরসু রেলৱেনা শম্নহল্লে অরুনাচল এক্সপ্রেস অসি নহারলাগুনদগী হপ্ত অমদা অনিরক চেল্লিরাজ্য অসিগী মফম তরুক্তা অনৌবা রেল লাইন তিংনবা সর্ভে চত্থরিমদুগী মনুংদা ৩দি সর্ভে তৌবালোইরে তৱাংবু রেলনা শম্নহন্নবা থৌরাংসু তৌরি

সৌভাগ্য স্কিমগী মখাদা অরুনাচল প্রদেশতা য়ুমথোং ১০০দা চামা মৈ ফংহল্লে হায়না প্রধান মন্ত্রীনালোওথোকখি। প্রধান মন্ত্রীনা অরুনাচল প্রদেশতা ১১০ মেগা ৱাৎ পারে হাইদ্রোইলেক্ত্রিক প্লান্তসু জাতিদাকত্থোকখি প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি, “ঐখোয়না পৱার জেনরেসন্দা পুক্নিং চংলি ঙসি মেগা ৱাৎ ১১০গীহাইদ্রো ইলেক্ত্রিক প্রোজেক্ত ১২ হৌদোক্লে, মসিনা অরুনাচল প্রদেশ খক্তা নত্তনা য়ুমলোন্নবা রাজ্যশিংদসু মতেংওইরগনি।”

মহাক্না ফোংদোকখি, “ঙরাং ঐহাক্না মীয়ামদা মখোয়গী অৱাং নোংপোক খোংচৎকী ফোতোশিংসেয়ার তৌনবা হায়জখি সেকেন্দ খরগী মনুংদা ফোরেনরশিং য়াওনা মীয়াম্না ফোতো ১০০০ কয়াত্বিৎ তৌরকখি

প্রধান মন্ত্রীনা অরুনাচল প্রদেশতা হেল্থ এন্দ ৱেলনেস সেন্তর ৫০ শঙ্গাখি। মহাক্না হায়খি মদুদি আয়ুশ্মান ভারতস্কিমগী থোংদা ঐখোয়না হেল্থ এন্দ ৱেলনেস সেন্তরশিং শেমগৎলি। সেন্তরশিং অসিগী থোংদা হেল্থ সর্বিসফগৎহল্লগনি। প্রধান মন্ত্রী জন অরোগ্যা য়োজনাগী থোংদা নুমীৎ ১৫০গী মনুংদা চাউরাক্না লাইরবা মীওই লাখ১১দা কানবা ফংহনখ্রে হায়না মহাক্না মখা তাখি।

প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি মদুদি বজেৎতা প্রধান মন্ত্রী কিসান সামান নিধি লাওথোকখিবগী থোংদা একর মঙাদগীতানা লৈবা লৌমীশিংনা মখোয়গী বেঙ্ক একাউন্তদা ইন্তোলমেন্ত অহুমদা লুপা ৬০০০ ফংলগনি

ইতানগরগী আই.জি. পার্ক্তা প্রধান মন্ত্রীনা অরুনাচল প্রদেশকীদমক নৌনা কত্থোক্লবা দি.দি. চেনেল–দি.দি. অরুন প্রভা হৌদোকখি। চেনেল অসি দুরদর্শন্না ওপরেৎ তৌবা ২৪শুবা চেনেল ওইগনি। চেনেল অসিগী থোংদারাজ্য অসিগী মনুং হুঞ্জিনবা মফমশিংগী পাও ফাওবা মীয়ামদা য়ৌহল্লগনি। থৌরম অসিদা মহাক্না অরুনাচলপ্রদেশকী জোতেদা ফিল্ম এন্দ তেলেভিজন ইন্সতিত্যুৎ ওফ ইন্দিয়া (এফ.তি.আই.আই.)গী পর্মনেন্ত কেম্পসঅমগী উরেপ উয়ুং তমখি।

মহাক্না ৱাফম অসি হায়রদুনা তেনশিনখি, “অরুনাচল প্রদেশ অসি ভারতকী চাউথোকচনিঙাইনি। মসিভারতকী গেৎৱেনি, অদুগা ময়ামদা থাজবা পীরি মদুদি ঐখোয়না মসিগী সেফতী অমসুং সেক্যুরিতী খক্তাশোয়হন্দবতা নত্তনা দিবেলপমেন্তকী ফাস্ত–ত্রেক অমদসু থম্লি।”

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!