ঙসি প্রধান মন্ত্রী শ্রী নরেন্দ্র মোদীনা নই দিল্লীদা মহাত্মা গান্ধী ইন্তর্নেস্নেল সেনিতেসন কনভেন্সন (এম জি আই এস সি ) লোইশিনবগী থৌরমদা ৱা ঙাংখ্রে। এম জি আই এস সি অসি মালেমগী সেনিতেসন মন্ত্রীশিং অমসুং অতোপ্পা ৱাতর, সেনিতেসন অমসুং হায়জিনগী লুচীংবশিংনা শরুক য়াবা নুমিৎ ৪নিগী ওইবা মালেমগী কনফরেন্স অমনি। থৌরম.
অসিদা প্রধান মন্ত্রীনা মিনি দিজিতেল ইভেন্ত অমা য়েংখি। মহাক্কা লোয়ননা য়ু এনগী সেক্রেতরী জনরেল এন্তোনিও গুতেরেস একজিবসন য়েংবা অদুদা শরুক য়াখি। দাইস্তগী শক্নাইরবশিংনা, মহাত্মা গান্ধীগী পোস্তেজ স্তাম্পশিং হৌদোকখি অমসুং মহাত্মা গান্ধীনা পামজবা লাইশোন ঈশৈ ‘বৈস্নব জন’গী মেদলী সি দি অমা ফোঙখি। থৌরম অসিদা শ্বচ্ছ ভারতকী মনা য়েন্থোকখি।
মহাক্কী ৱারোলদা প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি মদুদি লু-নান্না হিংবদা মহাত্মা গান্ধীনা কন্না থাজবা থমখি। ১৯৪৫দা ফোংখিবা মহাত্মা গান্ধীগী কন্সত্রক্তিব প্রোগ্রাম অদু মহাক্না নীংশিংখি, মদু খুঙ্গংগী লমদা সেনিতেসনগী থবক পায়খৎনবা মরুওইবা অমা ওইনা নৈনখি।
প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি, অমোৎপা মফমশিং অদু শেংদোক্ত্রবদি, মফম অদুদা মীয়াম্না মোৎশিনবা হৌরকই। মসিগী ওন্ন-তৈনবদা, কনাগুম্বা অমনা অমোৎপা মফম অমা শেংদোকপা হৌরকপদা, মহাক থৌনা ফরক্কনি অমসুং মশামক অসিগুম্বা ফিবম অসিদগী খক থোকচরক্লোই।
মহাক্না হায়খি, মহাত্মা গান্ধীগী ইথিলদগী শ্বচ্ছ ভারত মিসন অসি হৌদোকখিবনি। মহাক্না মখা তাখি, মহাত্মা গান্ধীগী ইথিলদগী, ভারতনা মালেমদা খ্বাইদগী চাউবা মীয়ামগী খোঙজং শ্বচ্ছ ভারত মিসন পায়খৎলে। ২০১৪দা খুঙ্গংদা সেনিতেসন চাদা ৩৮ ওইরম্বা অদু হৌজিক চাদা ৯৪ য়ৌরে।
হৌজিক খুঙ্গং লাখ ৫ হেন্না লমহাংদা খোঙহামদ্রে। শ্বচ্ছ ভারত মিসন মতুংদা ভারতকী মীয়ামগী পুন্সি মহিং হোংলকপা অসি অপেনবা পোকই। ভারত অসি সস্তেনেবল দিবেলপমেন্ত গোল ফংনবগী লম্বীদা লৈরে। মালেম অসি লু-নান্না লৈবদা পি মরি – পোলিতিকেল লিদর্শিপ, পব্লিক ফন্দিং, পার্তনরশিপ অমসুং পিপলস পারতিসিপেসন মরুওই।
आजादी की लड़ाई लड़ते हुए गांधी जी ने एक बार कहा था कि वो स्वतंत्रता और स्वच्छता में से स्वच्छता को प्राथमिकता देंगे।
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उन्होंने साल 1945 में प्रकाशित अपने 'Constructive Programme' में जिन जरूरी बातों का जिक्र किया था, उनमें ग्रामीण स्वच्छता भी एक महत्वपूर्ण सेक्शन था: PM
अगर आप बहुत बारीकी से गौर करेंगे, मनन करेंगे, तो पाएंगे कि जब हम अस्वच्छता को दूर नहीं करते तो वही अस्वच्छता हम में परिस्थितियों को स्वीकार करने की प्रवृत्ति पैदा करने लगती है: PM
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कोई चीज गंदगी से घिरी हुई है और वहां पर उपस्थित व्यक्ति अगर उसे बदलता नहीं है, सफाई नहीं करता है, तो फिर वो उस गंदगी को स्वीकार करने लगता है।
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कुछ समय बाद ऐसी स्थिति हो जाती है कि वो गंदगी उसे गंदगी लगती ही नहीं। यानि एक तरह से अस्वच्छता व्यक्ति कि चेतना को जड़ कर देती है: PM
जब व्यक्ति गंदगी को स्वीकार नहीं करता, उसे साफ करने के लिए प्रयत्न करता है, तो उसकी चेतना भी चलायमान हो जाती है।
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उसमें एक आदत आती है कि वो परिस्थितियों को ऐसे ही स्वीकार नहीं करेगा: PM
आज मैं आपके सामने स्वीकार करता हूं कि अगर मैंने गांधी जी को, उनके विचारों को, इतनी गहराई से नहीं समझा होता, तो हमारी सरकार की प्राथमिकताओं में भी स्वच्छता अभियान कभी नहीं आ पाता।
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मुझे पूज्य बापू से ही प्रेरणी मिली, और उन्हीं के मार्गदर्शन से स्वच्छ भारत अभियान भी शुरू हुआ: PM
आज मुझे गर्व है कि गांधी जी के दिखाए मार्ग पर चलते हुए सवा सौ करोड़ भारतवासियों ने स्वच्छ भारत अभियान को दुनिया का सबसे बड़ा जन आंदोलन बना दिया है: PM
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इसी जनभावना का परिणाम है कि 2014 से पहले ग्रामीण स्वच्छता का जो दायरा लगभग 38 प्रतिशत था, आज 94 प्रतिशत हो चुका है।
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भारत में खुले में शौच से मुक्त- ODF गांवों की संख्या 5 लाख को पार कर चुकी है।
भारत के 25 राज्य खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर चुके हैं: PM
4 साल पहले, खुले में शौच करने वाली वैश्विक आबादी का 60% हिस्सा भारत में था,
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आज ये 20% से भी कम हो चुका है।
इन चार वर्षों में सिर्फ शौचालय ही नहीं बने, गांव-शहर ODF ही नहीं बने बल्कि 90% से अधिक शौचालयों का नियमित उपयोग भी हो रहा है: PM
आज जब मैं सुनता हूं, देखता हूं, कि स्वच्छ भारत अभियान ने भारत के लोगों का मिज़ाज बदल दिया है, किस तरह से भारत के गांवों में बीमारियां कम हुई हैं, इलाज पर होने वाला खर्च कम हुआ है, तो बहुत संतोष मिलता है: PM
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समृद्ध दर्शन, पुरातन प्रेरणा, आधुनिक तकनीक और प्रभावी कार्यक्रमों के सहारे आज भारत Sustainable Development Goals के लक्ष्यों को हासिल करने की तरफ भारत तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।
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हमारी सरकार पर Sanitation के साथ ही Nutrition पर भी समान रूप से बल दे रही है: PM
साथियों, मैं इस बात के लिए आपको बधाई देना चाहता हूं कि चार दिन के इस सम्मलेन के बाद, हम सब इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि, विश्व को स्वच्छ बनाने के लिए 4P आवश्यक हैं।
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ये चार मंत्र हैं:
Political Leadership
Public Funding
Partnerships
People’s participation: PM