J&K is drawing students from all over the nation and this gives strength to India: PM
Without 'Khel' there cannot be 'Khilna'...the person who plays, shines: PM Modi
We are hosting FIFA U-17 World Cup & this has to be an opportunity for us to celebrate sports: PM
Preventive healthcare is very important: PM Modi
We all have to work together for development of India that is fast-paced & all inclusive: PM Modi
Centre and State Government are working together for the infrastructure development in J&K: PM
Tourism has immense potential in Jammu And Kashnmir: PM Modi

मंच पर विराजमान सभी महानुभाव और विशाल संख्या में पधारे मेरे भाईयों और बहनों,

मौसम बहुत अच्‍छा है। मैं जब महबूबा जी को सुन रहा था, उन्‍होंने जिस उमंग और उत्‍साह के साथ जम्‍मू कश्‍मीर के भविष्‍य को बनाने के लिए सपने देखें हैं संकल्‍प किया है। ऊर्जावान नेतृत्‍व दिया है और उनकी नई सरकार बनने के बाद मुझे आज पहली बार यहां आने का मौका मिला है। मैं उन्‍हें और पूरे जम्‍मू-कश्‍मीर को हृदय से बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। वैसे आज का यह अवसर जम्‍मू-कश्‍मीर के जीवन में एक नया उमंग भरने वाला अवसर है, लेकिन ऐसे उमंग भरे  अवसर पर मुफ़्ती साहब की गैरहाजिरी हम महसूस करते हैं। बहुत लम्‍बा उनका कार्यकाल रहा सार्वजनिक जीवन में और जब भी मेरा उनसे मिलने हुआ एक बात उनके दिमाग में रहती थी देश को आगे बढ़ाने के लिए जम्‍मू-कश्‍मीर  को आगे  बढ़ाना। एक बात उनके दिल में रहा करती थी जम्‍मू और श्रीनगर के बीच में भी कभी कभी जो दूरी महसूस होती है, उस दूरी को भी मिटा देना और हिंदुस्‍तान में हर हिंदुस्‍तानी भारत में इस मुकुटमणि के लिए गर्व करता बने, ऐसी सरकार चलाना ऐसे विकास के काम करना यह सपने मुफ्ती साहब देखा करते थे।

इन दिनों जब भी मेरा महबूबा जी से मिलना हुआ है। मैं देख रहा हूं कि जिस मनोयोग के साथ लगन के साथ वो जम्‍मू-कश्‍मीर के विकास की चर्चा करती रहतीं थी। यहां भी बैठी मौसम की बात नहीं कर रही हैं – tourism का क्‍या होगा, वो road का क्‍या होगा, वहां bridge बनाना है उसका क्‍या होगा। जब यह भाव बनता है, विकास के प्रति जब यह समर्पण का भाव बन जाता है, तो विकास होना सुनिश्चित हो जाता है और इसलिए मैं महबूबा जी को बहुत बधाई देता हूं।

आज मुझे, मां वैष्‍णो देवी के चरणों में आ करके, तीन अवसर प्राप्‍त हुए तीन कार्यक्रम करने का मौका मिला। आज प्रात: सुबह university में convocation के लिए मुझे नौजवानों के साथ मिलने का अवसर मिला। हिंदुस्‍तान में बहुत कम लोगों को पता होगा कि जम्‍मू-कश्‍मीर करीब-करीब देश के सभी राज्‍यों के विद्यार्थियों को यहां अपने साथ  रख करके उनकी शिक्षा-दिक्षा का काम कर रहा है। यह अपने आप में जम्‍मू कश्‍मीर की एक वो पहचान है, जो देश को ताकत देती है देश का गौरव बढ़ाती है।

आज मुझे एक sports comlex का भी उद्घाटन करने को मिला। अगर खेल नहीं है, तो जीवन में खिलना भी बड़ा असंभव हो जाता है। जो खेलता है, वही खिलता है। कभी कभी हम जीवन में एक शब्‍द बड़े गर्व के साथ सुनते हैं और वो सिर्फ खेल के मैदान में नहीं सुनते जीवन के हर दौर पर हम सुनते हैं। कोई भी व्‍यक्ति कुछ अच्‍छा करें कुछ अलग तरीके से करे तो हम तुरंत कहते हैं नहीं-नहीं भाई  उसमें तो बड़ा sportsman spirit है। दो भाई  के बीच में भी कोई बात हो जाए और एक भाई कोई उदारता से व्‍यवहार करे तो नहीं-नहीं वो छोटा भाई है न वो तो बड़ा  sportsman spirit है। यह sportsman spirit शब्‍द खेल के मैदान में खिलाडि़यों ने जो साधना की है उसका परिणाम है कि ताकतवर बनना। अगर sport है तो sportsman spirit है और अगर sportsman spirit होता है तो अपने पन का भाव  किसी के लिए कुछ छोड़ने का इरादा किसी को साथ ले करके चलने का इरादा, कंधे से कंधा मिलाकर विजय प्राप्‍त करने का हौसला, कदम से कदम मिला करके चलने के इरादे यह sportsman spirit के साथ अपने आप उजागर होते हैं।

मां वैष्‍णो देवी के श्राइन बोर्ड के द्वारा यह जो sport complex बना है वो सिर्फ sport को ही बढ़ावा देगा ऐसा नहीं, वो sportsman spirit को बढावा देगा जो जीवन के अंदर एक lubrication का काम करता है। जीवन को एक ताकत देने का काम करता है।

जब कश्‍मीर का नौजवान हिंदुस्‍तान के क्रिकेट के अंदर चमकता है, तो सीना गर्व से फूल जाता है। 2017 में FIFA Under-17 World Cup फुटबाल का भारत में होने जा रहा है। ये FIFA Under-17 World Cup, भारत के नौजवानों में आने वाले दिनों में एक नया ताकत भरने वाला, नया हौंसला बुलंद करने वाला अवसर बनना चाहिए। दुनिया भर के लोग, खिलाड़ी आएंगे हमारे यहां, फुटबॉल में हम कोई अच्छी स्थिति में नहीं है, हम बहुत पीछे हैं। लेकिन फिर भी हम एक ऐसा माहौल बनाएं कि हम खेल को जिस प्रकार से गले लगाएं। दुनिया अनुभव करें, हिंदुस्तान की विविधता का, हिंदुस्तान की युवा शक्ति का, हिंदुस्तान के समार्थ्य का ऐसा माहौल बनाने में Sports Complex भी कोई न कोई भूमिका अदा करेगा, ऐसी मैं आशा करता हूं।

आज मुझे अस्पताल का भी उद्घाटन करने का अवसर मिला। अब मैं ये गलती तो नहीं कर सकता हूं कि मैं ये कहूं कि आपका अस्पताल भरा-भरा रहे, मैं ये तो नहीं कह सकता हूं कि आपका अस्पताल कभी खाली ही न रहे, ये ऐसी जगह का उद्घाटन है। ऐसा चाहेंगे कि कभी किसी को अस्पताल में आना न पड़े और अगर Sports Complex है, जीवन में खेल है तो अस्पताल से दूरी बने रहना भी संभव है।

Preventive Health Care ये सस्ते से सस्ती है और सुरक्षित भी है। हम जितना ज्यादा Preventive Health Care पर बल देंगे, उतना अस्पताल से दूरी का निश्चित बन जाएगा और हम चाहेंगे कि देश के कम से कम लोगों को अस्पताल जाना पड़े, मजबूरन जाना पड़े। जिंदगी में किसी के ऐसा दिन न आए कि उसको अस्पताल में जाना पड़े और डॉक्टर के भरोसे जीना पड़े। लेकिन इसके लिए Preventive Health Care हमारी Life Style ऐसी बदल रही है कि अब बीमार नहीं हो, ये समाचार लोगों को अच्छा नहीं लगता है, अच्छा इतने साल हुए अभी आप बीमार ही नहीं हुए हैं। कभी तेज गति से चलते हैं तो लोग पूछते हैं कि आपको थकान नहीं लगती क्या? मैं समझता हूं कि स्वच्छता एक ऐसा काम है जो हमें बीमारी से बचाता है और International Experts का कहना है कि भारत में गंदगी के कारण गरीब परिवार को average 7 हजार रुपया दवाई के पीछे लग जाता है और अगर परिवार में 4, 5 या 6 लोग हैं तो 25-30 हजार रुपया साल का दवाइयों में चला जाता है। और स्वच्छता हमारे बस का रोग है, हमारे हाथ का विषय है।

बालक हाथ धोकर के खाना खाए, ऐसा कहते हैं कि जो बच्चे का मृत्यु होता है बचपन में, उसमें से 40 प्रतिशत मृत्यु वो है, जो बच्चे हाथ साफ नहीं करते साबुन से धोते नहीं हैं और कुछ न कुछ उनके पेट में जाता है Ultimately मौत का कारण बन जाता है। ये छोटी-छोटी चीजें भी हमें अस्पताल जाने से रोकती हैं। और इसलिए मां वैष्णो देवी के चरणों में बैठे हैं तब और मां बैष्णो देवी से आशीर्वाद से इतना बड़ा अस्पताल मिला है तब हमारी कोशिश यह रहनी चाहिए कि हम स्वच्छता का अभियान चलाएं, हम जीवन को ऐसे जीएं ताकि हम स्वस्थ रहने के लिए अपने आपको योग्य पाएं।

भारत ने दुनिया में योगा पुहंचाया है। अब तो United Nations भी 21 जून को योग दिवस मनाता है। पिछले वर्ष दुनिया के 193 Countries ने योगा का उत्सव मनाया। Holistic Health Care में जिसका विश्वास है, वे आज योगा की तरफ मुड़ चुके हैं। हमने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए, Preventive Health Care के लिए और सिर्फ Health ही नहीं, Wellness के लिए भी योगा का अपना योगदान है और हम उन चीजों पर बल देंगे तो स्वास्थ्य की गारंटी निश्चित हो जाती है। ये अस्पताल.... मैं खासकर के shrine Board को इस बात के लिए बधाई देना चाहता हूं कि आज उन्होंने मेरे हाथ से उन पांच व्यक्तियों को Health Card दिया। जिन गांवों ने ये जमीन दी है और जिसके कारण ये अस्पताल बना है, उन गांव के लोगों के लिए Free Health की व्यवस्था की गई है।

मैं उन गांववालों को हृदय से अभिनंदन करना चाहता हूं, उन्होंने कुछ दिया। जमीन देना बहुत सरल बात नहीं होती है, लेकिन गांववालों ने जमीन दी, उन्होंने ने तो जमीन दी, लेकिन वो जमीन आज उस रूप को धारण किया है जो लोगों को जीवन देने का काम करेगी और कितना जीवन में संतोष होगा। एक जमाना था जिस जमीन के हम मालिक थे, मां वैष्णो देवी के चरणों में वो जमीन हमने दे दी। आज ऐसा अस्पताल बना है, जो अस्पताल हजारों लोगों की जिंदगी बचाने का कारण बन गया है और मैं मानता हूं इससे बड़ा जीवन का संतोष क्या हो सकता है और इसलिए मैं सबसे पहले उन गांववालों को हृदय से बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं।

मैं आज Mata Vaishno Devi Shrine Board को भी... जब जगमोहन जी यहां गवर्नर हुआ करते थे तब से लेकर के Mata Vaishno Devi Shrine Board का विकास अनेक सामाजिक पृवत्तियां यहां पर आने वाली पाई-पाई का उपयोग जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए कैसे किया जाए इसका एक उत्तम उदाहरण आज इस Shrine Board ने प्रस्तुत किया है। वो Sports Complex चलाएं, वो University चलाएं, वो अस्पताल चलाएं और हिंदुस्तान के गणमान्य अस्पतालों में जिसकी गणना होगी, ऐसी अस्पताल सामान्य नहीं। हमारे देश में भी इस प्रकार की जो धन सम्‍पदा पड़ी है, उसका जितना समाज के लिए उपयोग होगा, उतनी समाज के लिए ताकत बनेगी। और यह Mata Vaishno Devi Shrine Board ने बता दिया है। एक रास्‍ता दिखाया है। और इसलिए वे भी इसके बहुत-बहुत अधिकारी हैं अभिनंदन के लिए।

मुझे विश्‍वास  है कि इस अस्‍पताल के कारण जम्‍मू कश्‍मीर के लोगों को अब गंभीर बीमारियों के लिए दूर तक नहीं जाना पड़ेगा। व्‍यवस्‍थाएं तो अच्‍छी होगी, लेकिन डॉक्‍टर्स भी अच्‍छे होंगे। और यहां का मौसम तो ऐसा है कहीं और ठीक होने में अगर 15 दिन लगता है, तो यहां मौसम ऐसा है पांच दिन में ठीक हो जाएगा। और जिस जगह हिंदुस्‍तान में दुनिया को पता चलेगा कि मां वैष्‍णो देवी के चरणों में एक ऐसा अस्‍पताल है, वहां ऐसा मौसम है कि बीमारी आधे समय में ठीक हो जाती है तो दुनिया भी tourist के नाते यही पर अस्‍पताल में medical care के लिए आ जाएगी। और यह संभव है हमें जम्‍मू-कश्‍मीर के लोगों का सपना देखना चाहिए कि tourism के लिए जैसे दुनिया हमारे यहां आती रही है वैसे health care tourism के लिए भी दुनिया को यहां आने के लिए हम प्रेरित कर सकते हैं। ऐसी ऊंचाईयों पर हम जम्‍मू कश्‍मीर को ले जा सकते हैं।

एक बात निश्‍चित है हिंदुस्‍तान तेज गति से तरक्‍की करे सवा सौ करोड़ देश‍वासियों के सपने साकार हो उस दिशा में हम सबको प्रयास करना है। चाहे कश्‍मीर हो या कन्‍याकुमारी, चाहे कच्‍छ हो या कामरूप एक संतुलित विकास चारों तरफ विकास, तेज गति से विकास हमारी सारी समस्‍याओं को समाधान विकास में है। देश को आधुनिक infrastructure चाहिए। स्‍कूल चाहिए, कॉलेज चाहिए, रोड चाहिए बिजली चाहिए, सामान्‍य मानव के विकास के जीवन में सुधार आए यह व्‍यवस्‍था चाहिए। जब मुफ्ती साहब थे 80 हजार करोड़ रुपये का पैकेज जम्‍मू कश्‍मीर की जिंदगी को बदलने के लिए लगाना है। भारत सरकार पूरी ताकत के साथ जम्‍मू कश्‍मीर का भाग्‍य बदलने के लिए सरकार के साथ कंधे से कंधा मिला करके हर कदम पर आगे बढ़ते हुए जम्‍मू-कश्‍मीर की आशाओं-आकांक्षाओं को पूर्ण कर रहा है।

अटल बिहारी वाजपेयी जी, जिनके प्रति जम्‍मू कश्‍मीर के लोगों की आपार श्रद्धा रही। शायद हिंदुस्‍तान में बहुत कम ऐसे लीडर हुए हैं कि जिनके प्रति सामान्‍य मानव के मन में इतनी आस्‍था हो जितनी अटल बिहारी वाजपेयी के लिए जम्‍मू कश्‍मीर में दिखाई देती है और अटल जी कहा  करते थे हमें जम्‍मू-कश्‍मीर को कैसे आगे बढ़ाना है। और वो कहते थे इंसानियत, कश्‍मीयरत और जम्‍मूरियत, इन तीन मजबूती के पिलर पर हमें जम्‍मू-कश्‍मीर को नई ऊंचाईयों पर ले जाना है। और हमने उन्‍हीं सपनों को वाजपेयी जी के जो सपने है इंसानियत, कश्‍मीयरत और जम्‍मूरियत उसके अंदर ‘सबका साथ सबका विकास’ का रंग भर दिया है। हर किसी का भला हो, हर किसी को साथ ले करके चले उन सपनों को पूरा करना है।

और मुझे विश्‍वास है tourism की दिशा में भी जम्‍मू कश्‍मीर देश की बहुत बड़ी सेवा कर सकता है। और जम्‍मू-कश्‍मीर जब tourist दुनिया का कोई आता है तो सिर्फ जम्‍मू-कश्‍मीर का आर्थिक भला होता है ऐसा नहीं, पूरे हिंदुस्‍तान का आर्थिक भला होता है। जम्‍मू कश्‍मीर के tourism को बल देने के लिए अनेक ऐसे क्षेत्र है कि जहां हम नये कदम  रख सकते हैं। और उसको आधुनिक tourism कैसे बनाए, adventure करना लोग चाहते हैं उनके लिए tourism कैसे बनाए। जो लोग spiritual activity में अपना गुजारा करना चाहते हैं उनके लिए tourism कैसे बनाए। अनेक ऐसे क्षेत्र है कि जहां जम्‍मू-कश्‍मीर के tourism को हम बल दे सकते हैं। और जम्‍मू-कश्‍मीर सरकार और भारत सरकार दोनों प्रतिबद्ध है कि जम्‍मू-कश्‍मीर में tourism के लिए आवश्‍क आधुनिक infrastructure तैयार हो। Tourism के लिए आवश्‍यक सुविधाएं, सामान्‍य मानव के लिए तैयार हो। रेल का काम बड़ी तेज गति से चल रहा है। उसका बहुत सुखद परिणाम आने वाले दिनों में मिलने वाला है। Road, जम्‍मू से श्रीनगर जाने का समय आधा कर देने के इरादेसे नये road बनाने की दिशा में काम चल रहा है। जितना infrastructure तेजी से बढ़ेगा लेह-लदाख तक हम जुड़ जाएंगे। तो मैं मानता हूं कि आने वाले यात्रियों को इस तरफ आने का मंच स्‍वाभाविक कर जाएगा। और इसलिए विकास की नई ऊंचाईयों को पार कर जाने के इरादे से infrastructure पर बल देते हुए दोनों सरकारे कंधे से कंधा मिला करके काम कर रही है।

मेरी महबूबा जी को अनेक-अनेक शुभकामनाएं हैं। मैं गवर्नर साहब का भी अभिनंदन करता हूं कि Shrine Board के द्वारा इतने initiative लिए है जो सामान्‍य जम्‍मू-कश्‍मीर के नागरिक भला करने में काम आएंगे। आप सबको भी मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं, धन्‍यवाद।

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Prime Minister visited the Indian Arrival monument at Monument Gardens in Georgetown today. He was accompanied by PM of Guyana Brig (Retd) Mark Phillips. An ensemble of Tassa Drums welcomed Prime Minister as he paid floral tribute at the Arrival Monument. Paying homage at the monument, Prime Minister recalled the struggle and sacrifices of Indian diaspora and their pivotal contribution to preserving and promoting Indian culture and tradition in Guyana. He planted a Bel Patra sapling at the monument.

The monument is a replica of the first ship which arrived in Guyana in 1838 bringing indentured migrants from India. It was gifted by India to the people of Guyana in 1991.