ঙসি হরিয়ানাগী গুরুগ্রামগী সুলতানপুরদা প্রধানমন্ত্রী নরেন্দ্র মোদীনা কুন্দলী-মনেসর-পালৱাল (কেএমপি) ৱেস্তর্ন পেরিফেরেল এক্সপ্রেসৱেগী কুন্দলী-মনেসর সেক্সন হাংদোকখ্রে। মহাক্না বাল্লবগরহ-মুজেসর মেত্রো লিঙ্ক হাংদোকখি অমসুং শ্রী ভিশ্বকর্মা স্কিল য়ুনিভর্সিতীগী উরেপ-উয়ুং তমখি।
থৌরম অদুদা ৱা ঙাংবদা প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি, এক্সপ্রেসৱে অমসুং মেত্রো শম্নবা অসিনা হরিয়ানাদা চৎথোক-চৎশিনগী লমদা অচৌবা অওনবা অমা পুরক্লগনি। মহাক্না হায়খি, লমদম অসিগী নহারোলশিং শ্রী ভিশ্বকর্মা স্কিল য়ুনিভর্সিতীদগী কান্নবা ফজনা ফংলগনি।
প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি, কেন্দ্র সরকারনা কে এম পি এক্সপ্রেসৱে অসি লোইশিন্নবা মরুওইনা লৌখি। এক্সপ্রেসৱে অসিনা দিল্লী অমসুং মসিগী অকোয়বদা পোলুসন হন্থহনবদা অচৌবা থৌদাং লৌগনি। মসিনা চৎথোক-চৎশিনদা নুংঙাইহনবদা নত্তনা হিংবদা লাইহল্লগনি।
চৎথোক-চৎশিনগী পাম্বৈশিং ফগৎহনবগী মরুওইবা পল্লদুনা প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি, মসি নুংঙাই-য়াইফবা, থৌনা হাপ্পা অমসুং ইরাই লাইনা ফংবগী মচাক অমনি। হায়ৱেজশিং, মেত্রোশিং অমসুং ঈশিং লম্বীশিং শেমগৎলিবা অসিনা মরুওইনা মেনুফেকচরিং, কন্সত্রকসন অমসুং সর্বিস সেক্তরদা থবক ফংবগী খুদোংচাবা কয়া পীরগনি। ২০১৪দা নোংমদা কিলোমীতর ১২গী হায়ৱেজ শারম্বা অদুগী মথক্তা হৌজিক নোংমদা কিলোমীতর ২৭গী হায়ৱেজ শেমগৎপা ঙম্লে। মসিনা কেন্দ্র সরকারনা থম্লিবা, ভারতপু অওনবা পুরক্নবা পান্দম অমসুং অচেৎপা ফিরেপ অদু উৎথোক্লি।
প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি, লৈবাক অসিগী নহারোলশিংগী অপাম্বা থুংহন্নবা সরকার অসিনা থবক পায়খৎলি। অনৌবা থবকশিং পায়খৎনবা নহারোলশিং স্কিল পীবদা শ্রী ভিশ্বকর্মা স্কিল য়ুনিভর্সিতীনা অচৌবা থৌদাং লৌগনি হায়না ঐনা থাজবা ফোঙদোক্লি।
কেন্দ্র সরকারগী পান্দমশিং মাইপাক্না থবক ওইনা পায়খৎনবা হরিয়ানা সরকারনা হোৎনবা অসিদা প্রধান মন্ত্রীনা থাগৎলি। শানবগী লমদা হরিয়ানাগী নহারোলশিংনা লৈবাক অসিগী ওইনা অচৌবা থৌদাং লৌবগীদমক মহাক্না থাগৎখি।
अभी कुण्डली- मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे को देश को समर्पित करने का मौका मिला है।
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इसका पहला चरण 2 वर्ष पहले पूरा हो गया था।
दूसरा चरण, जो कुण्डली से मानेसर तक, 83 किलोमीटर लंबा है, उसका आज लोकार्पण किया गया है।
इसके साथ ही अब 135 km का ये एक्सप्रेसवे पूरा हो गया है: PMA
इसके साथ ही करीब 500 करोड़ की लागत से बनी बल्लभगढ़ मुजेसर मेट्रो लाइन की शुरुआत भी हो गई है।
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ये दोनों योजनाएं जहां कनेक्टिविटी को लेकर इस क्षेत्र में नई क्रांति लाएंगी,
वहीं श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के जरिए यहां के युवाओं को नई ताकत मिलेगी: PM
आज का ये अवसर दो तस्वीरों को याद करने का भी है।
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एक तस्वीर वर्तमान की है।
ये तस्वीर भाजपा सरकारों की कार्यसंस्कृति की है, हमारे काम करने के तरीके की है।
वहीं दूसरी तस्वीर हमें पहले की सरकार के समय में कैसे काम होता था, इसकी याद दिलाती है: PM
वो तस्वीर याद दिलाती है कि इस एक्सप्रेसवे पर 12 साल से काम चल रहा था।
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वो तस्वीर याद दिलाती है कि ये एक्सप्रेसवे आपको 8-9 साल पहले ही मिल जाना चाहिए था।
लेकिन ऐसा हुआ नहीं.. पहले की सरकारों के जो तौर-तरीके थे, उसने इस एक्सप्रेसवे को पूरा होने में 12 साल लगा दिए: PM
इस एक्सप्रेस-वे का इस्तेमाल कामनवेल्थ गेम्स में होना था। लेकिन कामनवेल्थ खेल जो गति की गई, वही कहानी इस एक्सप्रेस वे की भी है।
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मुझे ध्यान है कि जब प्रगति की बैठकों में मैंने इस प्रोजेक्ट की समीक्षा करनी शुरु की थी, तो कितने सारे पेंच पता चले थे: PM
पहले की सरकार में जिस तरह काम हुआ, वो एक केस स्टडी है कि कैसे जनता के पैसे को बर्बाद किया जाता है।
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जब ये प्रोजेक्ट शुरू हुआ था, तो अनुमान लगाया गया था कि इस पर 1200 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
आज इतने वर्षों की देरी की वजह से इसकी लागत बढ़कर 3 गुना से ज्यादा हो गई: PM
ये एक्सप्रेसवे, दिल्ली और आसपास के इलाके में प्रदूषण को कम करने में बड़ी भूमिका निभाएगा।
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एक तरह से देखें, तो ये एक्सप्रेसवे
Economy
Environment
Ease of Travelling के साथ ही
Ease of living की सोच को भी गति देगा: PM
लोग वहीं हैं, काम करने वाले वही हैं, लेकिन जब इच्छाशक्ति हो, संकल्पशक्ति हो, तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
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यही वजह है कि जहां साल 2014 से पहले देश में एक दिन में सिर्फ 12 किलोमीटर हाईवे बनते थे, आज लगभग 27 किलोमीटर हाईवे का प्रतिदिन निर्माण हो रहा है: PM
किसी भी क्षेत्र में बढ़ती हुई कनेक्टिविटी, अपने साथ, रोजगार के नए अवसर भी लेकर आती है।
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ये हाईवे का बनना, मेट्रो या रेल का बनना, जल मार्ग का विकसित होना, एक पूरा इकोसिस्टम बनाता है।
इस का फायदा, ट्रांसपोर्ट, कंस्ट्रक्शन से लेकर मैन्यूफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर तक को होता है: PM
ये सरकर देश में कारोबारियों को ताकत देना चाहती है, युवाओं को गति देना चाहती है।
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युवाओं को इनोवेशन से इंडस्ट्री की दिशा में आगे बढ़ा रही है। उनके कांसेप्ट को कैपिटल की कमी न हो इसका ध्यान रख रही है।
स्टार्ट अप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया योजनाएं इसी सोच के साथ चल रहीं हैं: PM
केंद्र सरकार के विजन को आगे बढ़ाने में हरियाणा ने पूरा सहयोग दिया है।
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बेटी बचाओ - बेटी पढ़ाओ योजना और खेलो इंडिया की सफलता इसका बड़ा उदाहरण हैं।
खेलों में देश के लिए सबसे ज्यादा मेडल यहां के ही बेटी और बेटे ही ला रहे हैं।
हरियाणा के युवाओं का डंका पूरे दुनिया में बजा है: PM