ঙসি প্রধান মন্ত্রী শ্রী নরেন্দ্র মোদীনা লুচিংবা কেন্দ্রগী মন্ত্রীমন্দলনা মরুওইবা স্কিম অহুম মখা চৎথনবা, সাইন্স অমসুং তেক্নোলোজি দিপার্তমেন্তগী অপুনবা কেন্দ্রগী স্কিম ‘বিজ্ঞান ধরা’ দা পুনশিনবদা অয়াবা পীরে।

স্কিম অসিগী কম্পোনেন্ত অহুম লৈরি:

  1. সাইন্স অমসুং তেক্নোলোজিগী ইন্সতিতুৎশিং অমসুং মীওইশিংগী কেপাসিতি বিল্দিং,
  2. রিছার্স অমসুং দিবলপমেন্ত অমসুং
  3. ইন্নোবেসন, তেক্নোলোজি দিবলপমেন্ত অমসুং থবক্তা শীজিন্নবা

১৫শুবা ফাইনান্স কম্মিসন মতমদা ২০২১-২২ দগী ২০২৫-২৬ ফাওবগী মনুংদা অপুনবা স্কিম ‘বিজ্ঞান ধরা’ গীদমক লুপা করোর ১০,৫৭০.৮৪ কাইথোক্লগনি।

স্কিমশিং স্কিম অমদা পুনশিনবা অসিনা ফন্দ শীজিন্নবা হেনগৎহনগনি অমসুং সব-স্কিমশিং/থৌরমশিংগী মনুংদা পুন্না থবক তৌমিন্নবা ঙমগনি।

‘বিজ্ঞান ধরা’ স্কিমগী মরুওইবা পান্দমদি সাইন্স অমসুং তেক্নোলোজিগী কেপাসিতি বিল্দিং শেমগৎপা অমসুং লৈবাক অসিদা সাইন্স, তেক্নোলোজি অমসুং ইন্নোবেসনগী ইকোসিস্তেম লৈহন্নবা রিছার্স, ইন্নোবেসন অমসুং তেক্নোলোজি চাউখৎনবা থবকশিং ফগৎহনবনি। স্কিম অসি থবক ওইনা পায়খৎলকপা মতমদা মহৈলোয়শঙশিংদা অফবা রিছার্স অমসুং দিবলপমেন্তগী হেন্না লৈহন্দুনা লৈবাক অসিদা সাইন্স অমসুং তেক্নোলোজিগী ইনফ্রাস্ত্রকচর মপাঙ্গল কনখৎহনগনি।

মালেমগী অচৌবা খুদোংচাবশিং পীদুনা বেসিক রিছার্স তৌনবা, স্তেনেবল ইনর্জি অমসুং ঈশিংদা লৈবাকশিংগা লোয়ননা রিছার্স তৌবা অমসুং মালেমগী লৈবাকশিং অমসুং ইন্সতিতুৎশিংগা লোয়ননা পুন্না রিছার্স তৌবা স্কিম অসিনা য়োকখৎকনি। ফুল-তাইম ইকুইবলেন্ত(ই তি ই) রিছার্সরশিং মশিং হেনগৎহন্নবা লৈবাক অসিদা সাইন্স অমসুং তেক্নোলোজিগী থবক অমসুং রিছার্স অমসুং দিবলপমেন্তগী থবক পাকথোক-চাউথোক্নবা মরুওইবা হুমেন রিছোর্স শেমগৎপদা স্কিম অসিনা মতেং পাংগনি। সাইন্স, তেক্নোলোজি অমসুং ইন্নোবেসন(এস তি আই)দা নুপীশিং হেন্না চিংশিন্দুনা সাইন্স অমসুং তেক্নোলোজিদা নুপীশিং শরুক য়াবা হেনগৎহন্নবা মীৎয়েং থমদুনা স্কিম অসিনা থবক পায়খৎকনি। স্কুলগী থাক্তগী হৌরগা অৱাংবা থাক্কী মহৈলোয়শঙ ফাওবদা অমসুং উদ্যোগশিং অমসুং স্তার্দ-অপশিংগীদমক থাক খুদিংমক্তা ইন্নোবেন ফগৎনবা সরকারনা পায়খৎলিবা থবকশিংদা স্কিম অসিনা মতেং পাংগনি। মহৈলোয়শঙ, সরকার অমসুং উদ্যোগশিংগী মরক্তা মতেং পাংনবা হেনগৎহন্নবা শিংথাবা য়াবা মতেং পাংগনি।

‘বিজ্ঞান ধরা’ স্কিমগী মখাদা পায়খৎকদৌরিবা থৌরম খুদিংমক, বিকসিত ভারত ২০৪৭ গী পান্দমশিং থবক ওইনা পাংথোক্নবা মাইকৈদা সাইন্স অমসুং তেক্নোলোজি দিপার্তমেন্তগী চহি ৫গী পান্দমশিংগা পুন্না চৎমিন্নগনি। স্কিম অসিগী রিছার্স অমসুং দিবলপমেন্তগী কম্পোনেন্ত অসি অনুসন্ধান নেসনেল রিছার্স ফাউন্দেসন(এ এন আর এফ)গা চৎমিন্নগনি। স্কিম অসি পায়খৎপা মতমদা মালেমগী চৎনরিবা নাপচৈশিংনা ওনবগা লোয়ননা লৈবাক্কী মরুওইবশিং ফংবা ঙম্নবা হোৎনগনি।

নুঙগীৱারোল:

লৈবাক অসিদা সাইন্স অমসুং তেক্নোলোজিগী থবকশিং য়োকখৎপা অমসুং শীনবা লাংবগী নোদেল দিপার্তমেন্ত ওইনা সাইন্স অমসুং তেক্নোলোজি দিপার্তমেন্তনা থবক তৌরি। লৈবাক অসিদা সাইন্স অমসুং তেক্নোলোজি অমসুং ইন্নোবেসন চাউখৎনবা সাইন্স অমসুং তেক্নোলোজি দিপার্তমেন্তনা পায়খৎলিবা মরুওইবা স্কিম অহুম অদুদি (১) সাইন্স অমসুং অমসুং তেক্নোলোজিগী ইন্সতিতুৎশিং অমসুং মীওইশিংগী কেপাসিতি বিল্দিং (২) রিছার্স অমসুং অমসুং দিবলপমেন্ত অমসুং (৩) ইন্নোবেসন, তেক্নোলোজি দিবলপমেন্ত অমসুং থবক্তা শীজিন্নবনি। হায়রিবা স্কিম অহুম অসি অমতা ওইনা ‘বিজ্ঞান ধরা’ স্কিমদা পুনশিল্লে।

 

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November 22, 2024

गुटेन आबेन्ड

स्टटगार्ड की न्यूज 9 ग्लोबल समिट में आए सभी साथियों को मेरा नमस्कार!

मिनिस्टर विन्फ़्रीड, कैबिनेट में मेरे सहयोगी ज्योतिरादित्य सिंधिया और इस समिट में शामिल हो रहे देवियों और सज्जनों!

Indo-German Partnership में आज एक नया अध्याय जुड़ रहा है। भारत के टीवी-9 ने फ़ाउ एफ बे Stuttgart, और BADEN-WÜRTTEMBERG के साथ जर्मनी में ये समिट आयोजित की है। मुझे खुशी है कि भारत का एक मीडिया समूह आज के इनफार्मेशन युग में जर्मनी और जर्मन लोगों के साथ कनेक्ट करने का प्रयास कर रहा है। इससे भारत के लोगों को भी जर्मनी और जर्मनी के लोगों को समझने का एक प्लेटफार्म मिलेगा। मुझे इस बात की भी खुशी है की न्यूज़-9 इंग्लिश न्यूज़ चैनल भी लॉन्च किया जा रहा है।

साथियों,

इस समिट की थीम India-Germany: A Roadmap for Sustainable Growth है। और ये थीम भी दोनों ही देशों की Responsible Partnership की प्रतीक है। बीते दो दिनों में आप सभी ने Economic Issues के साथ-साथ Sports और Entertainment से जुड़े मुद्दों पर भी बहुत सकारात्मक बातचीत की है।

साथियों,

यूरोप…Geo Political Relations और Trade and Investment…दोनों के लिहाज से भारत के लिए एक Important Strategic Region है। और Germany हमारे Most Important Partners में से एक है। 2024 में Indo-German Strategic Partnership के 25 साल पूरे हुए हैं। और ये वर्ष, इस पार्टनरशिप के लिए ऐतिहासिक है, विशेष रहा है। पिछले महीने ही चांसलर शोल्ज़ अपनी तीसरी भारत यात्रा पर थे। 12 वर्षों बाद दिल्ली में Asia-Pacific Conference of the German Businesses का आयोजन हुआ। इसमें जर्मनी ने फोकस ऑन इंडिया डॉक्यूमेंट रिलीज़ किया। यही नहीं, स्किल्ड लेबर स्ट्रेटेजी फॉर इंडिया उसे भी रिलीज़ किया गया। जर्मनी द्वारा निकाली गई ये पहली कंट्री स्पेसिफिक स्ट्रेटेजी है।

साथियों,

भारत-जर्मनी Strategic Partnership को भले ही 25 वर्ष हुए हों, लेकिन हमारा आत्मीय रिश्ता शताब्दियों पुराना है। यूरोप की पहली Sanskrit Grammer ये Books को बनाने वाले शख्स एक जर्मन थे। दो German Merchants के कारण जर्मनी यूरोप का पहला ऐसा देश बना, जहां तमिल और तेलुगू में किताबें छपीं। आज जर्मनी में करीब 3 लाख भारतीय लोग रहते हैं। भारत के 50 हजार छात्र German Universities में पढ़ते हैं, और ये यहां पढ़ने वाले Foreign Students का सबसे बड़ा समूह भी है। भारत-जर्मनी रिश्तों का एक और पहलू भारत में नजर आता है। आज भारत में 1800 से ज्यादा जर्मन कंपनियां काम कर रही हैं। इन कंपनियों ने पिछले 3-4 साल में 15 बिलियन डॉलर का निवेश भी किया है। दोनों देशों के बीच आज करीब 34 बिलियन डॉलर्स का Bilateral Trade होता है। मुझे विश्वास है, आने वाले सालों में ये ट्रेड औऱ भी ज्यादा बढ़ेगा। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि बीते कुछ सालों में भारत और जर्मनी की आपसी Partnership लगातार सशक्त हुई है।

साथियों,

आज भारत दुनिया की fastest-growing large economy है। दुनिया का हर देश, विकास के लिए भारत के साथ साझेदारी करना चाहता है। जर्मनी का Focus on India डॉक्यूमेंट भी इसका बहुत बड़ा उदाहरण है। इस डॉक्यूमेंट से पता चलता है कि कैसे आज पूरी दुनिया भारत की Strategic Importance को Acknowledge कर रही है। दुनिया की सोच में आए इस परिवर्तन के पीछे भारत में पिछले 10 साल से चल रहे Reform, Perform, Transform के मंत्र की बड़ी भूमिका रही है। भारत ने हर क्षेत्र, हर सेक्टर में नई पॉलिसीज बनाईं। 21वीं सदी में तेज ग्रोथ के लिए खुद को तैयार किया। हमने रेड टेप खत्म करके Ease of Doing Business में सुधार किया। भारत ने तीस हजार से ज्यादा कॉम्प्लायेंस खत्म किए, भारत ने बैंकों को मजबूत किया, ताकि विकास के लिए Timely और Affordable Capital मिल जाए। हमने जीएसटी की Efficient व्यवस्था लाकर Complicated Tax System को बदला, सरल किया। हमने देश में Progressive और Stable Policy Making Environment बनाया, ताकि हमारे बिजनेस आगे बढ़ सकें। आज भारत में एक ऐसी मजबूत नींव तैयार हुई है, जिस पर विकसित भारत की भव्य इमारत का निर्माण होगा। और जर्मनी इसमें भारत का एक भरोसेमंद पार्टनर रहेगा।

साथियों,

जर्मनी की विकास यात्रा में मैन्यूफैक्चरिंग औऱ इंजीनियरिंग का बहुत महत्व रहा है। भारत भी आज दुनिया का बड़ा मैन्यूफैक्चरिंग हब बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। Make in India से जुड़ने वाले Manufacturers को भारत आज production-linked incentives देता है। और मुझे आपको ये बताते हुए खुशी है कि हमारे Manufacturing Landscape में एक बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ है। आज मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में से एक है। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा टू-व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। दूसरा सबसे बड़ा स्टील एंड सीमेंट मैन्युफैक्चरर है, और चौथा सबसे बड़ा फोर व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। भारत की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री भी बहुत जल्द दुनिया में अपना परचम लहराने वाली है। ये इसलिए हुआ, क्योंकि बीते कुछ सालों में हमारी सरकार ने Infrastructure Improvement, Logistics Cost Reduction, Ease of Doing Business और Stable Governance के लिए लगातार पॉलिसीज बनाई हैं, नए निर्णय लिए हैं। किसी भी देश के तेज विकास के लिए जरूरी है कि हम Physical, Social और Digital Infrastructure पर Investment बढ़ाएं। भारत में इन तीनों Fronts पर Infrastructure Creation का काम बहुत तेजी से हो रहा है। Digital Technology पर हमारे Investment और Innovation का प्रभाव आज दुनिया देख रही है। भारत दुनिया के सबसे अनोखे Digital Public Infrastructure वाला देश है।

साथियों,

आज भारत में बहुत सारी German Companies हैं। मैं इन कंपनियों को निवेश और बढ़ाने के लिए आमंत्रित करता हूं। बहुत सारी जर्मन कंपनियां ऐसी हैं, जिन्होंने अब तक भारत में अपना बेस नहीं बनाया है। मैं उन्हें भी भारत आने का आमंत्रण देता हूं। और जैसा कि मैंने दिल्ली की Asia Pacific Conference of German companies में भी कहा था, भारत की प्रगति के साथ जुड़ने का- यही समय है, सही समय है। India का Dynamism..Germany के Precision से मिले...Germany की Engineering, India की Innovation से जुड़े, ये हम सभी का प्रयास होना चाहिए। दुनिया की एक Ancient Civilization के रूप में हमने हमेशा से विश्व भर से आए लोगों का स्वागत किया है, उन्हें अपने देश का हिस्सा बनाया है। मैं आपको दुनिया के समृद्ध भविष्य के निर्माण में सहयोगी बनने के लिए आमंत्रित करता हूँ।

Thank you.

दान्के !