After several decades, it is the first time that Terrorism, Bandhs, stone pelting, border skirmishes are not the issues for the upcoming Lok Sabha elections in the state of JandK
For a Viksit Bharat, a Viksit JandK is imminent. The NC, PDP and the Congress parties are dynastic parties who do not wish for the holistic development of JandK
Abrogation of Article 370 has enabled equal constitutional rights for all, record increase in tourism and establishment of I.I.M. and I.I.T. for quality educational prospects in JandK
The I.N.D.I alliance have disregarded the culture as well as the development of India, and a direct example of this is the opposition and boycott of the Pran-Pratishtha of Shri Ram
In the advent of continuing their politics of appeasement, the leaders of I.N.D.I alliance lived in big bungalows but forced Ram Lalla to live in a tent

भारत माता की जय...भारत माता की जय...भारत माता की जय...सारे डुग्गरदेस दे लोकें गी मेरा नमस्कार! ज़ोर कन्ने बोलो...जय माता दी! जोर से बोलो...जय माता दी ! सारे बोलो…जय माता दी !

मैं उधमपुर, पिछले कई दशकों से आ रहा हूं। जम्मू कश्मीर की धरती पर आना-जाना पीछले पांच दशक से चल रहा है। मुझे याद है 1992 में एकता यात्रा के दौरान यहां जो आपने भव्य स्वागत किया था। जो सम्मान किया था। एक प्रकार से पूरा क्षेत्र रोड पर आ गया था। और आप भी जानते हैं। तब हमारा मिशन, कश्मीर के लाल चौक पर तिरंगा फहराने का था। तब यहां माताओं-बहनों ने बहुत आशीर्वाद दिया था।

2014 में माता वैष्णों देवी के दर्शन करके आया था। इसी मैदान पर मैंने आपको गारंटी दी थी कि जम्मू कश्मीर की अनेक पीढ़ियों ने जो कुछ सहा है, उससे मुक्ति दिलाऊंगा। आज आपके आशीर्वाद से मोदी ने वो गारंटी पूरी की है। दशकों बाद ये पहला चुनाव है, जब आतंकवाद, अलगाववाद, पत्थरबाज़ी, बंद-हड़ताल, सीमापार से गोलीबारी, ये चुनाव के मुद्दे ही नहीं हैं। तब माता वैष्णो देवी यात्रा हो या अमरनाथ यात्रा, ये सुरक्षित तरीके से कैसे हों, इसको लेकर ही चिंताएं होती थीं। अगर एक दिन शांति से गया तो अखबार में बड़ी खबर बन जाती थी। आज स्थिति एकदम बदल गई है। आज जम्मू- कश्मीर में विकास भी हो रहा है और विश्वास भी बढ़ रहा है। इसलिए, आज जम्मू-कश्मीर के चप्पे-चप्पे में भी एक ही गूंज सुनाई दे रही है-फिर एक बार...मोदी सरकार ! फिर एक बार...मोदी सरकार ! फिर एक बार...मोदी सरकार !

भाइयों और बहनों,

ये चुनाव सिर्फ सांसद चुनने भर का नहीं है, बल्कि ये देश में एक मजबूत सरकार बनाने का चुनाव है। सरकार मजबूत होती है तो जमीन पर चुनौतियों के बीच भी चुनौतियों को चुनौती देते हुए काम करके दिखाती है। दिखता है कि नहीं दिखता है...दिखता है कि नहीं दिखता है। यहां जो पुराने लोग हैं, उनको 10 साल पहले का मेरा भाषण याद होगा। यहीं मैंने आपसे कहा था कि आप मुझपर भरोसा कीजिए, याद है ना मैंने कहा था कि मुझ पर भरोसा कीजिए। मैं 60 वर्षों की समस्याओं का समाधान करके दिखाउंगा। तब मैंने यहां माताओं-बहनों के सम्मान देने की गारंटी दी थी। गरीब को 2 वक्त के खाने की चिंता न करनी पड़े, इसकी गारंटी दी थी। आज जम्मू-कश्मीर के लाखों परिवारों के पास अगले 5 साल तक मुफ्त राशन की गारंटी है। आज जम्मू कश्मीर के लाखों परिवारों के पास 5 लाख रुपए के मुफ्त इलाज की गारंटी है। 10 वर्ष पहले तक जम्मू कश्मीर के कितने ही गांव थे, जहां बिजली-पानी और सड़क तक नहीं थी। आज गांव-गांव तक बिजली पहुंच चुकी है। आज जम्मू-कश्मीर के 75 प्रतिशत से ज्यादा घरों को पाइप से पानी की सुविधा मिल रही है। इतना ही नहीं ये डिजिटल का जमाना है, डिजिटल कनेक्टिविटी चाहिए, मोबाइल टावर दूर-सुदूर पहाड़ों में लगाने का अभियान चलाया है। 

भाइयों और बहनों,

मोदी की गारंटी यानि गारंटी पूरा होने की गारंटी। आप याद कीजिए, कांग्रेस की कमज़ोर सरकारों ने शाहपुर कंडी डैम को कैसे दशकों तक लटकाए रखा था। जम्मू के किसानों के खेत सूखे थे, गांव अंधेरे में थे, लेकिन हमारे हक का रावी का पानी पाकिस्तान जा रहा था। मोदी ने किसानों को गारंटी दी थी और इसे पूरा भी कर दिखाया है। इससे कठुआ और सांबा के हजारों किसानों को फायदा हुआ है। यही नहीं, इस डैम से जो बिजली पैदा होगी, वो जम्मू कश्मीर के घरों को रोशन करेगी।

भाइयों और बहनों,

मोदी विकसित भारत के लिए विकसित जम्मू-कश्मीर के निर्माण की गारंटी दे रहा है। लेकिन कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी और बाकी सारे दल जम्मू-कश्मीर को फिर उन पुराने दिनों की तरफ ले जाना चाहते हैं। इन ‘परिवार-चलित’ पार्टियों ने, परिवार के द्वारा ही चलने वाली पार्टियों ने जम्मू कश्मीर का जितना नुकसान किया, उतना किसी ने नहीं किया है। यहां तो पॉलिटिकल पार्टी मतलब ऑफ द फैमिली, बाई द फैमिली, फॉर द फैमिली। सत्ता के लिए इन्होंने जम्मू कश्मीर में 370 की दीवार बना दी थी। जम्मू-कश्मीर के लोग बाहर नहीं झांक सकते थे और बाहर वाले जम्मू-कश्मीर की तरफ नहीं झांक सकते थे। ऐसा भ्रम बनाकर रखा था कि उनकी जिंदगी 370 है तभी बचेगी। ऐसा झूठ चलाया। ऐसा झूठ चलाया। आपके आशीर्वाद से मोदी ने 370 की दीवार गिरा दी। दीवार गिरा दी इतना ही नहीं, उसके मलबे को भी जमीन में गाड़ दिया है मैंने। 

मैं चुनौती देता हूं हिंदुस्तान की कोई पॉलीटिकल पार्टी हिम्मत करके आ जाए। विशेष कर मैं कांग्रेस को चुनौती देता हूं। वह घोषणा करें कि 370 को वापस लाएंगे। यह देश उनका मुंह तक देखने को तैयार नहीं होगा। यह कैसे-कैसे भ्रम फैलाते हैँ। कैसे-कैसे लोगों को डरा कर रखते हैं। यह कहते थे, 370 हटी तो आग लग जाएगी। जम्मू-कश्मीर हमें छोड़ कर चला जाएगा। लेकिन जम्मू कश्मीर के नौजवानों ने इनको आइना दिखा दिया। अब देखिए, जब यहां उनकी नहीं चली जम्मू-कश्मीर को लोग उनकी असलीयत को जान गए। अब जम्मू-कश्मीर में उनके झूठे वादे भ्रम का मायाजाल नहीं चल पा रही है। तो ये लोग जम्मू-कश्मीर के बाहर देश के लोगों के बीच भ्रम फैलाने का खेल-खेल रहे हैं। यह कहते हैं कि 370 हटने से देश का कोई लाभ नहीं हुआ। जिस राज्य में जाते हैं, वहां भी बोलते हैं। तुम्हारे राज्य को क्या लाभ हुआ, तुम्हारे राज्य को क्या लाभ हुआ? 

370 के हटने से क्या लाभ हुआ है, वो जम्मू-कश्मीर की मेरी बहनों-बेटियों से पूछो, जो अपने हकों के लिए तरस रही थी। यह उनका भाई, यह उनका बेटा, उन्होंने उनके हक वापस दिए हैं। जरा कांग्रेस के लोगों जरा देश भर के दलित नेताओं से मैं कहना चाहता हूं। यहां के हमारे दलित भाई-बहन हमारे बाल्मीकि भाई-बहन देश आजाद हुआ, तब से परेशानी झेल रहे थे। जरा जाकर उन बाल्मीकि भाई-बहनों से पूछो और गड्डा ब्राह्मण, कोहली से पूछो और पहाड़ी परिवार हों, मचैल माता की भूमि में रहने वाले मेरे पाड्डरी साथी हों, अब हर किसी को संविधान में मिले अधिकार मिलने लगे हैं।

अब हमारे फौजियों की वीर माताओं को चिंता नहीं करनी पड़ती, क्योंकि पत्थरबाज़ी नहीं होती। इतना ही नहीं घाटी की माताएं मुझे आशीर्वाद देती हैं, उनको चिंता रहती थी कि बेटा अगर दो चार दिन दिखाई ना दे। तो उनको लगता था कि कहीं गलत हाथों में तो नहीं फंस गया है। आज कश्मीर घाटी की हर माता चैन की नींद सोती है क्योंकि अब उनका बच्चा बर्बाद होने से बच रहा है। 

साथियो, 

अब स्कूल नहीं जलाए जाते, बल्कि स्कूल सजाए जाते हैं। अब यहां एम्स बन रहे हैं, IIT बन रहे हैं, IIM बन रहे हैं। अब आधुनिक टनल, आधुनिक और चौड़ी सड़कें, शानदार रेल का सफर जम्मू-कश्मीर की तकदीर बन रही है। जम्मू हो या कश्मीर, अब रिकॉर्ड संख्या में पर्यटक और श्रद्धालु आने लगे हैं। ये सपना यहां की अनेक पीढ़ियों ने देखा है और मैं आपको गारंटी देता हूं कि आपका सपना, मोदी का संकल्प है। आपके सपनों को पूरा करने के लिए हर पल आपके नाम, आपके सपनों को पूरा करने के लिए हर पल देश के नाम, विकसित भारत का सपना पूरा करने के लिए 24/7, 24/74 फॉर 2047, यह मोदी के गारंटी है। 10 सालों में हमने आतंकवादियों और भ्रष्टाचारियों पर घेरा बहुत ही कसा है। अब आने वाले 5 सालों में इस क्षेत्र को विकास की नई ऊंचाई पर ले जाना है।

साथियों,

सड़क, बिजली, पानी, यात्रा, प्रवास वो तो है। सबसे बड़ी बात है कि जम्मू-कश्मीर का मन बदला है। निराशा में से आशा की और बढ़े हैं। जीवन पूरी तरीके से विश्वास से भरा हुआ है, इतना विकास यहां हुआ है। चारों तरफ विकास हो रहा। लोग कहेंगे, मोदी जी अभी इतना कर लिया। चिंता मत कीजिए, हम आपके साथ हैं। आपका साथ उसके प्रति तो मेरा अपार विश्वास है। मैं यहां ना आता तो भी मुझे पता था कि जम्मू कश्मीर का मेरा नाता इतना गहरा है कि आप मेरे लिए मुझे भी ज्यादा करेंगे। लेकिन मैं तो आया हूं। मां वैष्णो देवी के चरणों में बैठे हुए आप लोगों के बीच दर्शन करने के लिए। मां वैष्णो देवी की छत्रछाया में जीने वाले भी मेरे लिए दर्शन की योग्य होते हैं और जब लोग कहते हैं, कितना कर लिया, इतना हो गया, इतना हो गया और इससे ज्यादा क्या कर सकते हैं। मेरे जम्मू कश्मीर के भाई-बहन अपने पहले इतने बुरे दिन देखे हैं कि आपको यह सब बहुत लग रहा है। बहुत अच्छा लग रहा है लेकिन जो विकास जैसा लग रहा है लेकिन मोदी है ना वह तो बहुत बड़ा सोचता है। यह मोदी दूर का सोचता है। और इसलिए अब तक जो हुआ है वह तो ट्रेलर है ट्रेलर। मुझे तो नए जम्मू कश्मीर की नई और शानदार तस्वीर बनाने के लिए जुट जाना है। 

वो समय दूर नहीं जब जम्मू-कश्मीर में भी विधानसभा के चुनाव होंगे। जम्मू कश्मीर को वापस राज्य का दर्जा मिलेगा। आप अपने विधायक, अपने मंत्रियों से अपने सपने साझा कर पाएंगे। हर वर्ग की समस्याओं का तेज़ी से समाधान होगा। यहां जो सड़कों और रेल का काम चल रहा है, वो तेज़ी से पूरा होगा। देश-विदेश से बड़ी-बड़ी कंपनियां, बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियां औऱ ज्यादा संख्या में आएंगी। जम्मू कश्मीर, टूरिज्म के साथ ही sports और start-ups के लिए जाना जाएगा, इस संकल्प को लेकर मुझे जम्मू कश्मीर को आगे बढ़ाना है। 

भाइयों और बहनों,

ये ‘परिवार-चलित’ परिवारवादी , परिवार के लिए जीने मरने वाली पार्टियां, विकास की भी विरोधी है और विरासत की भी विरोधी है। आपने देखा होगा कि कांग्रेस राम मंदिर से कितनी नफरत करती है। कांग्रेस और उनकी पूरा इको सिस्टम अगर मुंह से कहीं राम मंदिर निकल गया। तो चिल्लाने लग जाती है, रात-दिन चिल्लाती है कि राम मंदिर बीजेपी के लिए चुनावी मुद्दा है। राम मंदिर ना चुनाव का मुद्दा था, ना चुनाव का मुद्दा है और ना कभी चुनाव का मुद्दा बनेगा। अरे राम मंदिर का संघर्ष तो तब से हो रहा था, जब कि भाजपा का जन्म भी नहीं हुआ था। राम मंदिर का संघर्ष तो तब से हो रहा था जब यहां अंग्रेजी सल्तनत भी नहीं आई थी। राम मंदिर का संघर्ष 500 साल पुराना है। जब कोई चुनाव का नामोनिशान नहीं था। जब विदेशी आक्रांताओं ने हमारे मंदिर तोड़े, तो भारत के लोगों ने अपने धर्मस्थलों को बचाने की लड़ाई लड़ी थी। वर्षों तक, लोगों ने अपनी ही आस्था के लिए क्या-क्या नहीं झेला। कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के नेता बड़े-बड़े बंगलों में रहते थे, लेकिन जब रामलला के टेंट बदलने की बात आती थी तो ये लोग मुंह फेर लेते थे, अदालतों की धमकियां देते थे। बारिश में रामलला का टेंट टपकता रहता था और रामलला के भक्त टेंट बदलवाने के लिए अदालतों के चक्कर काटते रहते थे। ये उन करोड़ों-अरबों लोगों की आस्था पर आघात था, जो राम को अपना आराध्य कहते हैं। हमने इन्हीं लोगों से कहा कि एक दिन आएगा, जब रामलला भव्य मंदिर में विराजेंगे। और तीन बातें कभी भूल नहीं सकते। एक 500 साल के अविरत संघर्ष के बाद ये हुआ। आप सहमत हैं। 500 साल के अविरत संघर्ष के बाद हुआ है, आप सहमत हैं। दूसरा, पूरी न्यायिक प्रक्रिया की कसौटी से कस करके, न्याय के तराजू से तौल करके अदालत के निर्णय से ये काम हुआ है, सहमत हैं। तीसरा, ये भव्य राम मंदिर सरकारी खजाने से नहीं, देश के कोटि-कोटि नागरिकों ने पाई-पाई दान देकर बनाया है। सहमत हैं। 

जब उस मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा हुई तो पिछले 70 साल में कांग्रेस ने जो भी पाप किए थे, उनके साथियों ने जो रुकावटें डाली थी, सबको माफ करके, राम मंदिर के जो ट्रस्टी हैं, वो खुद कांग्रेस वालों के घर गए, इंडी गठबंधन वालों के घर गए, उनके पुराने पापों को माफ कर दिया। उन्होंने कहा राम आपके भी हैं, आप प्राण-प्रतिष्ठा में जरूर पधारिये। सम्मान के साथ बुलाया। लेकिन उन्होंने इस निमंत्रण को भी ठुकरा दिया। कोई बताए, वो कौन सा चुनावी कारनामा था, जिसके दबाव में आपने राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा के निमंत्रण को ठुकरा दिया। वो कौन सा चुनावी खेल था कि आपने प्राण-प्रतिष्ठा के पवित्र कार्य को ठुकरा दिया। और ये कांग्रेस वाले, इंडी गठबंधन वाले इसे चुनाव का मुद्दा कहते हैं। उनके लिए ये चुनावी मुद्दा था, देश के लिए ये श्रद्धा का मुद्दा था। ये धैर्य की विजय का मुद्दा था। ये आस्था और विश्वास का मु्द्दा था। ये 500 वर्षों की तपस्या का मुद्दा था।

मैं कांग्रेस से पूछता हूं...आप ने अपनी सरकार के समय दिन-रात इसका विरोध किया, तब ये किस चुनाव का मुद्दा था? लेकिन आप राम भक्तों की आस्था देखिए। मंदिर बना तो ये लोग इंडी गठबंधन वालें के घर प्राण प्रतिष्ठा का आमंत्रण देने खुद गए। जिस क्षण के लिए करोड़ों लोगों ने इंतजार किया, आप बुलाने पर भी उसे देखने नहीं गए। पूरी दुनिया के रामभक्तों ने आपके इस अहंकार को देखा है। ये किस चुनावी मंशा को देखा है। ये चुनावी मंशा थी कि आपने प्राण प्रतिष्ठा का आमंत्रण ठुकरा दिया। आपके लिए चुनाव का खेल है। ये किस तरह की तुष्टिकरण की राजनीति थी। भगवान राम को काल्पनिक कहकर कांग्रेस किसे खुश करना चाहती थी?

साथियों, 

कांग्रेस और इंडी गठबंधन के लोगों को देश के ज्यादातर लोगों की भावनाओं की कोई परवाह नहीं है। इन्हें लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ करने में मजा आता है। ये लोग सावन में एक सजायाफ्ता, कोर्ट ने जिसे सजा की है, जो जमानत पर है, ऐसे मुजरिम के घर जाकर के सावन के महीने में मटन बनाने का मौज ले रहे हैं इतना ही नहीं उसका वीडियो बनाकर के देश के लोगों को चिढ़ाने का काम करते हैं। कानून किसी को कुछ खाने से नहीं रोकता। ना ही मोदी रोकता है। सभी को स्वतंत्रता है की जब मन करें वेज खायें या नॉन-वेज खाएं। लेकिन इन लोगों की मंशा दूसरी होती है। जब मुगल यहां आक्रमण करते थे ना तो उनको सत्ता यानि राजा को पराजित करने से संतोष नहीं होता था, जब तक मंदिर तोड़ते नहीं थे, जब तक श्रद्धास्थलों का कत्ल नहीं करते थे, उसको संतोष नहीं होता था, उनको उसी में मजा आता था वैसे ही सावन के महीने में वीडियो दिखाकर वो मुगल के लोगों के जमाने की जो मानसिकता है ना उसके द्वारा वो देश के लोगों को चिढ़ाना चाहते हैं, और अपनी वोट बैंक पक्की करना चाहते हैं। ये वोट बैंक के लिए चिढ़ाना चाहते हैं । आप किसे चिढ़ाना चाहते हैंनवरात्र के दिनों में आपका नॉनवेज खाना,  आप किस मंशा से वीडियो दिखा-दिखा कर के लोगों की भावनाओं को चोट पहुंचा करके, किसको खुश करने का खेल कर रहे हो।  

मैं जानता हूं मैं  जब आज ये  बोल रहा हूं, उसके बाद ये लोग पूरा गोला-बारूद लेकर गालियों की बौछार मुझ पर चलाएंगे, मेरे पीछे पड़ जाएंगे। लेकिन जब बात  बर्दाश्त के बाहर हो जाती है, तो लोकतंत्र में मेरा दायित्व बनता है कि सही चीजों का सही पहलू बताऊं। और मैं वो अपना कर्तव्य पूरा कर रहा हूं। ये लोग ऐसा जानबूझकर इसलिए करते हैं ताकि इस देश की मान्यताओं पर हमला हो। ये इसलिए होता है, ताकि एक बड़ा वर्ग इनके वीडियो को देखकर चिढ़ता रहे, असहज होता रहे। समस्या इस अंदाज से है। तुष्टिकरण से आगे बढ़कर ये इनकी मुगलिया सोच है। लेकिन ये लोग नहीं जानते, जनता जब जवाब देती है तो बड़े-बड़े शाही खानदान के युवराजों को बेदखल होना पड़ता है।

साथियों, 

ये जो परिवार-चलित पार्टियां हैं, ये जो भ्रष्टाचारी हैं, अब इनको फिर मौका नहीं देना है। उधमपुर से डॉ. जितेंद्र सिंह और जम्मू से जुगल किशोर जी को नया रिकॉर्ड बनाकर सांसद भेजना है। जीत के बाद दोबारा जब उधमपुर आऊं तो, स्वादिष्ट कलाड़ी का आनंद ज़रूर लूंगा। आपको मेरा एक काम और करना है। इतना निकट आकर मैं माता वैष्णों देवी जा नहीं पा रहा हूं। तो माता वैष्णों देवी को क्षमा मांगिए और मेरी तरफ से मत्था टेकिए। दूसरा एक काम करोगे। एक और काम करोगे, मेरा एक और काम करोगे, पक्का करोगे। देखिए आपको घर-घर जाना है। कहना मोदी जी उधमपुर आए थे, मोदी जी ने आपको प्रणाम कहा है, राम-राम कहा है। जय माता दी कहा है, कहोगे। मेरे साथ बोलिए

भारत माता की जय !

भारत माता की जय !

भारत माता की जय ! 

बहुत-बहुत धन्यवाद 

 

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PM to participate in ‘Odisha Parba 2024’ on 24 November
November 24, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will participate in the ‘Odisha Parba 2024’ programme on 24 November at around 5:30 PM at Jawaharlal Nehru Stadium, New Delhi. He will also address the gathering on the occasion.

Odisha Parba is a flagship event conducted by Odia Samaj, a trust in New Delhi. Through it, they have been engaged in providing valuable support towards preservation and promotion of Odia heritage. Continuing with the tradition, this year Odisha Parba is being organised from 22nd to 24th November. It will showcase the rich heritage of Odisha displaying colourful cultural forms and will exhibit the vibrant social, cultural and political ethos of the State. A National Seminar or Conclave led by prominent experts and distinguished professionals across various domains will also be conducted.