QuoteThe ones who questioned dateline of Ayodhya Ram Mandir are now clapping in appreciation: PM Modi
QuoteWhat can people expect from 'yuvraj’ of 'jungle raj'? PM's dig at RJD CM candidate Tejashwi Yadav
QuoteBihar will face double whammy if proponents of 'jungle raj' return to power during pandemic: PM Modi in Muzzafarpur

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय।

महान स्वतंत्रता सेनानी खुदी राम बोस, जुब्बा साहनी के ई वीर भूमि क गोर लगे छी !
बाबा गरीबनाथ के इ पावन धरती पर अपने सब के अभिनंदन करे छी !
केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्री गिरिराज सिंह जी, संसद में मेरे साथी और बिहार भाजपा अध्यक्ष भाई संजय जायसवाल जी, जेडीयू के हमारे संसद के साथी लल्लन सिंह जी, रमादेवी जी, उपस्थित सभी सांसदगण, विधायकगण, एनडीए के प्रतिनिधिगण और मेरे भाइयों और बहनों, मैं जब-जब मुजफ्फरपुर आया हूं, आपका प्यार और सत्कार मुझे अभिभूत कर देता है। दूर-दूर जहां नजर भी ना पहुंच पाए लोग ही लोग नजर आ रहे हैं। आपका यही प्यार मेरी ऊर्जा है, मेरी प्रेरणा है।

यहां वैशाली, हाजीपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, उजियारपुर सहित आसपास के अनेक हिस्सों से भी आप सब पधारे हैं, हम सब को आशीर्वाद देने आए हैं। साथ-साथ हजारों साथी, अपने क्षेत्र के उम्मीदवारों के साथ डिजिटल तरीके से भी हमारे साथ जुड़े हुए हैं और इस प्रकार से इतनी बड़ी मात्रा में आज आप हमें आशीर्वाद दे रहे हैं, हम सब आपके हृदय से बहुत-बहुत आभारी हैं।
भाइयो और बहनो, इस बार बिहार का चुनाव बहुत ही असाधारण परिस्थिति में हो रहा है। कोरोना की वजह से, आज पूरी दुनिया चिंता में है, मुश्किल में है। महामारी के इस कठिन समय में बिहार को स्थिर सरकार बनाए रखने की जरूरत है, विकास को, सुशासन को सर्वोपरि रखने वाली सरकार की जरूरत है।
ये समय हवा-हवाई बातें करने वालों को नहीं, बल्कि जिनके पास अनुभव है, जो बिहार को एक गहरे अंधेरे से निकालकर यहां तक लाए हैं, उन्हें दोबारा चुनने का ये अवसर है।
आप कल्पना कर सकते हैं, एक तरफ महामारी हो और साथ ही जंगलराज वाले राज करने आ जाएं तो ये बिहार के लोगों पर दोहरी तरह की मार हो जाएगी।
सोचिए, कोरोना से लड़ाई के लिए जो इतनी राशि खर्च की जा रही है, कोरोना से लड़ने के लिए खासतौर पर जो योजनाएं शुरू की गई हैं, आप सोच सकते हैं अगर ऐसी टोली आई तो इन पैसों का होगा क्या?

साथियो, ‘जंगलराज के ‘युवराज’ बिहार की जनता की और मैं मानता हूं, ये जंगलराज के युवराज से बिहार की जनता पुराने ट्रैक रिकॉर्ड के आधार पर और क्या अपेक्षा कर सकती है?
जंगलराज की परंपरा में सब कुछ सीखने वाले लोगों को मुझसे ज्यादा अच्छी तरह बिहार की जनता जानती है। मुझे ज्यादा कुछ कहने की जरूरत नहीं है।
इसलिए ही, बिहार के लोग, इस प्रण के साथ आगे बढ़ रहे हैं कि कोरोना के साथ ही बिहार को नुकसान पहुंचाने वाली इन ताकतों को भी हराना है।

साथियो, ये चुनाव आने वाले दशक में, इस सदी में बिहार के भविष्य को तय करेगा। आपका एक वोट ये तय करेगा कि आत्मनिर्भरता का संकल्प लेकर निकले हुए भारत में बिहार की भूमिका कितनी, क्या होगी? आपका एक वोट तय करेगा कि आत्मनिर्भर बिहार का लक्ष्य कितनी तेज़ी से हम पूरा कर पाएंगे।

साथियो, बिहार में, यहां के नौजवानों, यहां की महिलाओं, यहां के उद्यमियों, किसानों के पास अथाह सामर्थ्य है। हर जिले, हर गांव में कुछ ना कुछ खास है, हर जिला स्पेशल है।
अब जैसे मुजफ्फरपुर और इस क्षेत्र में ही लीची है, आम है, अनेक दूसरे फल और कृषि उपज हैं, चूड़ियां है, दूसरे हस्तशिल्प हैं। अब जब बिहार में तेज विकास का वातावरण बना है, तो इन स्थानीय उत्पादों की ताकत कई गुना बढ़ गई है। अब दुनिया के बाजारों में इनके लिए नई संभावनाएं बन रही हैं।
एनडीए सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर पर जो निवेश कर रही है, गांवों के पास बेहतर सुविधाएं विकसित करने पर जोर दे रही है उसका लाभ बिहार के लोगों को भी मिलने वाला है। इसके लिए एक लाख करोड़ रुपए का स्पेशल फंड बनाया गया है।
लेकिन भाइयो और बहनो, याद रखिए, वो दल जिन्होंने बिहार को अराजकता दी, कुशासन दिया वो फिर से मौका खोज रहे हैं। जिन्होंने बिहार के नौजवानों को गरीबी और पलायन दिया, सिर्फ अपने परिवार को हजारों करोड़ का मालिक बना दिया, वो फिर मौके की तलाश में है, मौका चाहते हैं।
वो दल जो बिहार के उद्योगों को बंद करने के लिए बदनाम हैं, जिनसे निवेशक कोसों दूर भागते हैं, नाम सुनते ही भाग जाते हैं, वो लोग बिहार के लोगों को विकास के वायदे कर रहे हैं।
सरकारी नौकरी तो छोड़िए, इन लोगों के आने का मतलब है, नौकरी देने वाली प्राइवेट कंपनियां भी यहां से नौ दो ग्यारह हो जाएंगी। और अपना काम, अपना कारोबार करने वालों के साथ इन लोगों का जो बर्ताव रहा है, उसे तो बिहार के लोग कभी नहीं भूल सकते।
रंगदारी दी तो बचोगे, नहीं तो किडनैपिंग इंडस्ट्री का कॉपीराइट तो उन लोगों के पास है ही। इसलिए इनसे सावधान रहना है।
याद रखिए, इन दलों की राजनीति झूठ, फरेब और भ्रम पर आधारित है। इन लोगों के पास बिहार के विकास का न ही कोई रोडमैप है और न ही कोई अनुभव।
भाइयो और बहनो, आज बिहार का युवा विश्वास से भरा हुआ है, आत्मविश्वास से भरा हुआ है। उसकी आकांक्षाएं और अपेक्षाएं पूरी हों, इसके लिए बिहार में सुशासन का बने रहना, नितीश जी के नेतृत्व में बिहार को आगे ले जाना बहुत जरूरी है। नीतीश जी के नेतृत्व में बिहार सुशासन के जिस रास्ते पर चला है उसे केंद्र में एनडीए की सरकार बनने के बाद नई ऊर्जा मिली है। बीते वर्षों में बिहार के इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने के लिए अभूतपूर्व काम किया गया है। बिहार के गरीब से गरीब परिवार को वो मूलभूत सुविधाएं मिल रही हैं, जिनका इंतजार उसने दशकों तक किया है।

आज बिहार के गरीब से गरीब परिवार को भी बिजली, गैस कनेक्शन, शौचालय, घर, आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त इलाज की सुविधा सुनिश्चित कराई जा रही है। आज सामान्य से सामान्य परिवार के पास मोबाइल फोन है।
अब बिहार के विकास के अगले चरण में हमें इन सुविधाओं का और विस्तार करना है, बिहार के लोगों को मिल रही सुविधाओं को आधुनिक बनाना है।

साथियो, हाल ही में एक और बहुत बड़ी योजना की शुरुआत की गई है, जिसका लाभ बिहार के लोगों को होना तय है। हमारे देश के गांवों में, गांव की जमीन, गांव के घरों के मालिकाना हक को लेकर हमेशा भ्रम की स्थिति रही है।
पीढ़ी दर पीढ़ी रहने के बावजूद गांवों के घरों का कोई कानूनी मालिकाना दस्तावेज़ नहीं है और इसके कारण उसको अनेक प्रकार की कठिनाइयां होती हैं। इस स्थिति में ‘स्वामित्व योजना’ जिसका प्रारंभ हुआ है, ये स्वामित्व योजना से अब तक करीब-करीब 1 लाख लोगों को स्वामित्व का कार्ड दिया गया है और इस स्वामित्व से उनको वो अधिकार मिला है जिससे वो अगर घर से कहीं बाहर जाना है तो चिंता नहीं रहती है कि कोई आकर घर पर कब्जा कर लेगा, कोई घर में घुस जाएगा। अब उनको विश्वास रहता है कि अब उनके पास कागज होने के कारण, ये अधिकृत सरकारी दस्तावेज होने के कारण वे अपने तरीके से बैंक से लोन भी ले सकते हैं और ये स्वामित्व योजना प्रायोगिक रूप से अभी 6 राज्यों में शुरू की है। जैसे ही यहां चुनाव और आचार संहिता समाप्त हो जाएगी, बिहार के गांवों को भी, बिहार के गांवों के हर नागरिक को इसका एक बहुत बड़ा लाभ मिलने वाला है।

साथियो, आज बिहार में कनेक्टिविटी का आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर भी तैयार किया जा रहा है। विशेष रूप से बिहार को पश्चिमी समुद्री तट और पूर्वी समुद्री तट से गैस पाइपलाइन के माध्यम से कनेक्ट किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा योजना के तहत पारादीप-हल्दिया से आने वाली लाइन अभी बांका तक पूरी हो चुकी है और ये मुजफ्फरपुर भी जल्द ही पहुंचेगी।
गुजरात के कांडला से आने वाली पाइपलाइन जो गोरखपुर तक पहुंच चुकी है, उसको भी इससे जोड़ा जा रहा है। बिहार एक प्रकार से दुनिया की सबसे बड़ी गैस पाइपलाइन परियोजना का हिस्सा होने वाला है।

साथियो, बिहार के लिए जो प्रधानमंत्री पैकेज दिया गया था, उसमें पेट्रोलियम और गैस से जुड़े 10 बड़े प्रोजेक्ट थे। हजारों करोड़ रुपए के इन प्रोजेक्ट्स में से अधिकतर पूरे हो चुके हैं। यहां मुज़फ्फरपुर में नया LPG प्लांट लगा है। इसके अलावा पटना और पूर्णिया में भी LPG प्लांट्स का विस्तार किया गया है।
सिर्फ LPG ही नहीं इस पाइपलाइन से बिहार के अनेक जिलों में, अनेक शहरों में पाइप से सस्ती गैस पहुंचाई जा रही है। इतना ही नहीं, इससे बिहार में CNG आधारित कम प्रदूषण फैलाने वाली ट्रैफिक व्यवस्था बनाने का काम चल रहा है।
जब बिहार को गैस कनेक्टिविटी मिल गई तो यहां गैस आधारित कारखानों का खुलना आसान हुआ है। बरौनी जैसे कुछ कारखाने, जो पहले बंद हो गए थे, उनको फिर से चालू करना आसान हो गया है।

भाइयो और बहनो, गैस कनेक्टिविटी के साथ आज यहां हाइवे और रेलवे के नेटवर्क को भी आधुनिक किया जा रहा है। पीएम पैकेज के तहत मुजफ्फरपुर और इसके आसपास के क्षेत्रों में लगभग 5 हज़ार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स या तो पूरे हो चुके हैं या फिर काम जारी है। छपरा, मुज़फ्फरपुर और बरौनी को कनेक्ट करने वाली सैकड़ों करोड़ रुपए की सड़कें यहां बनी हैं।

साथियो, मुज़फ्फरपुर हो, वैशाली हो, सीतामढ़ी हो, ये पूरा क्षेत्र बिहार के अहम व्यापारिक केंद्र भी है और बिहार में तीर्थाटन का, हैरिटेज टूरिज्म का भी महत्वपूर्ण सेंटर है। ऐसे में यहां के शहरों के सुंदरीकरण पर और सामान्य सुविधाओं का निर्माण NDA सरकार की प्रतिबद्धता है। हाल में मुज़फ्फरपुर में रिवर फ्रंट बनाने का काम भी शुरु किया गया है।
इसके तहत शहर के कई घाटों को विकसित किया जा रहा है, वहां शौचालय और दूसरी सुविधाओं का निर्माण किया जा रहा है। जब ये काम पूरा हो जाएगा तो यहां पर्यटकों को भी बहुत आकर्षित करेगा।

साथियो, रामायण सर्किट के साथ ही बुद्ध और जैन सर्किट के तहत भी यहां बेहतर सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। नीतीश जी के नेतृत्व में जब यहां फिर से NDA की सरकार बनेगी तो सुविधाओं और सुंदरीकरण के प्रोजेक्ट्स को और गति दी जाएगी।

भाइयो और बहनो, विकास और सुशासन के मूल में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास है। विकास हो, दलित-पीड़ित-शोषित-वंचित, नौजवानों का, महिलाओं का, सबका विकास हो।
कोई न पीछे रहे, न ही किसी से भेदभाव हो। इसी सोच के साथ एनडीए सरकार काम कर रही है, भारत को आत्मनिर्भर भारत बनाने में जुटी है।

साथियो, इसमें देश की, बिहार की महिलाओं-बहनों-बेटियों की भी बहुत बड़ी भूमिका है। NDA सरकार चाहे केंद्र में हो या बिहार में, महिला सशक्तिकरण के अभूतपूर्व प्रयास चल रहे हैं।
बेटियों की पढ़ाई, दवाई से लेकर कमाई तक, एक के बाद एक कदम उठाए गए हैं। मिशन इंद्रधनुष हो, पीएम सुरक्षित मातृत्व योजना हो, आज गर्भवती महिलाओं के पोषण से लेकर टीकाकरण के लिए सरकार हर जरूरी मदद दे रही है।

साथियो, बिहार में साढ़े 4 करोड़ से ज्यादा जनधन खाते खोले गए, उसमें से ढाई करोड़ से ज्यादा खाते हमारी माताओं-बहनों के नाम हैं। बिहार की इन बहनों के जनधन खातों में कोरोना लॉकडाउन के समय सैकड़ों करोड़ रुपए की सीधी मदद पहुंचाई गई है।
बिहार में जीविका दीदियों के लिए बैंकों से मिलने वाली मदद का भी विस्तार किया गया है। इस वजह से जीविका दीदियों का नेटवर्क दिनों-दिन और मजबूत हो रहा है।

भाइयो और बहनो, हाल में जो श्रम सुधार किए गए हैं, उसमें देश की महिला श्रम शक्ति के लिए काम के सभी क्षेत्रों को पूरी सुरक्षा के साथ खोल दिया गया है।
महिलाओं को पुरुषों के बराबर मेहनताने का कानूनी अधिकार सुनिश्चित किया गया है। बिहार में श्रमयोगी पेंशन योजना के तहत लगभग 2 लाख श्रमिक साथी जुड़ चुके हैं, इसमें से भी लगभग 70 हज़ार बहनें हैं।
मुद्रा योजना में बिहार में 4 लाख से ज्यादा बिना गारंटी के ऋण आवंटित हुए हैं, जिसमें से लगभग ढाई लाख बिहार की महिला उद्यमियों ने लिए हैं। देश के विकास में, बिहार के विकास में बहन-बेटियों की इस भागीदारी को हमें और मजबूत करना है।

साथियो, बिहार को आत्मनिर्भर बनाने की भावना के साथ आपको इस बार अपना वोट भाजपा, जेडीयू, हम पार्टी और वीआईपी के गठबंधन यानी NDA को डालना है। याद रखिए, आपका एक-एक वोट बिहार को फिर बीमार होने से बचाएगा।
और मेरे प्यारे भाइयो-बहनो, मैं आपको एक बात फिर से याद कराऊंगा। ये कोरोना का काल है फेस मास्क, दो गज की दूरी का नियम आपके परिवार को बीमारी से बचाएगा।
आत्मनिर्भर बिहार के संकल्प में शामिल होने के लिए आपका मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।
बहुत-बहुत धन्यवाद। मेरे साथ बोलिए, भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Today, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM Modi in TV9 Summit
March 28, 2025
QuoteToday, the world's eyes are on India: PM
QuoteIndia's youth is rapidly becoming skilled and driving innovation forward: PM
Quote"India First" has become the mantra of India's foreign policy: PM
QuoteToday, India is not just participating in the world order but also contributing to shaping and securing the future: PM
QuoteIndia has given Priority to humanity over monopoly: PM
QuoteToday, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM

श्रीमान रामेश्वर गारु जी, रामू जी, बरुन दास जी, TV9 की पूरी टीम, मैं आपके नेटवर्क के सभी दर्शकों का, यहां उपस्थित सभी महानुभावों का अभिनंदन करता हूं, इस समिट के लिए बधाई देता हूं।

TV9 नेटवर्क का विशाल रीजनल ऑडियंस है। और अब तो TV9 का एक ग्लोबल ऑडियंस भी तैयार हो रहा है। इस समिट में अनेक देशों से इंडियन डायस्पोरा के लोग विशेष तौर पर लाइव जुड़े हुए हैं। कई देशों के लोगों को मैं यहां से देख भी रहा हूं, वे लोग वहां से वेव कर रहे हैं, हो सकता है, मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं। मैं यहां नीचे स्क्रीन पर हिंदुस्तान के अनेक शहरों में बैठे हुए सब दर्शकों को भी उतने ही उत्साह, उमंग से देख रहा हूं, मेरी तरफ से उनका भी स्वागत है।

साथियों,

आज विश्व की दृष्टि भारत पर है, हमारे देश पर है। दुनिया में आप किसी भी देश में जाएं, वहां के लोग भारत को लेकर एक नई जिज्ञासा से भरे हुए हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ कि जो देश 70 साल में ग्यारहवें नंबर की इकोनॉमी बना, वो महज 7-8 साल में पांचवे नंबर की इकोनॉमी बन गया? अभी IMF के नए आंकड़े सामने आए हैं। वो आंकड़े कहते हैं कि भारत, दुनिया की एकमात्र मेजर इकोनॉमी है, जिसने 10 वर्षों में अपने GDP को डबल किया है। बीते दशक में भारत ने दो लाख करोड़ डॉलर, अपनी इकोनॉमी में जोड़े हैं। GDP का डबल होना सिर्फ आंकड़ों का बदलना मात्र नहीं है। इसका impact देखिए, 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, और ये 25 करोड़ लोग एक नियो मिडिल क्लास का हिस्सा बने हैं। ये नियो मिडिल क्लास, एक प्रकार से नई ज़िंदगी शुरु कर रहा है। ये नए सपनों के साथ आगे बढ़ रहा है, हमारी इकोनॉमी में कंट्रीब्यूट कर रहा है, और उसको वाइब्रेंट बना रहा है। आज दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी हमारे भारत में है। ये युवा, तेज़ी से स्किल्ड हो रहा है, इनोवेशन को गति दे रहा है। और इन सबके बीच, भारत की फॉरेन पॉलिसी का मंत्र बन गया है- India First, एक जमाने में भारत की पॉलिसी थी, सबसे समान रूप से दूरी बनाकर चलो, Equi-Distance की पॉलिसी, आज के भारत की पॉलिसी है, सबके समान रूप से करीब होकर चलो, Equi-Closeness की पॉलिसी। दुनिया के देश भारत की ओपिनियन को, भारत के इनोवेशन को, भारत के एफर्ट्स को, जैसा महत्व आज दे रहे हैं, वैसा पहले कभी नहीं हुआ। आज दुनिया की नजर भारत पर है, आज दुनिया जानना चाहती है, What India Thinks Today.

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साथियों,

भारत आज, वर्ल्ड ऑर्डर में सिर्फ पार्टिसिपेट ही नहीं कर रहा, बल्कि फ्यूचर को शेप और सेक्योर करने में योगदान दे रहा है। दुनिया ने ये कोरोना काल में अच्छे से अनुभव किया है। दुनिया को लगता था कि हर भारतीय तक वैक्सीन पहुंचने में ही, कई-कई साल लग जाएंगे। लेकिन भारत ने हर आशंका को गलत साबित किया। हमने अपनी वैक्सीन बनाई, हमने अपने नागरिकों का तेज़ी से वैक्सीनेशन कराया, और दुनिया के 150 से अधिक देशों तक दवाएं और वैक्सीन्स भी पहुंचाईं। आज दुनिया, और जब दुनिया संकट में थी, तब भारत की ये भावना दुनिया के कोने-कोने तक पहुंची कि हमारे संस्कार क्या हैं, हमारा तौर-तरीका क्या है।

साथियों,

अतीत में दुनिया ने देखा है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब भी कोई वैश्विक संगठन बना, उसमें कुछ देशों की ही मोनोपोली रही। भारत ने मोनोपोली नहीं बल्कि मानवता को सर्वोपरि रखा। भारत ने, 21वीं सदी के ग्लोबल इंस्टीट्यूशन्स के गठन का रास्ता बनाया, और हमने ये ध्यान रखा कि सबकी भागीदारी हो, सबका योगदान हो। जैसे प्राकृतिक आपदाओं की चुनौती है। देश कोई भी हो, इन आपदाओं से इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान होता है। आज ही म्यांमार में जो भूकंप आया है, आप टीवी पर देखें तो बहुत बड़ी-बड़ी इमारतें ध्वस्त हो रही हैं, ब्रिज टूट रहे हैं। और इसलिए भारत ने Coalition for Disaster Resilient Infrastructure - CDRI नाम से एक वैश्विक नया संगठन बनाने की पहल की। ये सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयार करने का संकल्प है। भारत का प्रयास है, प्राकृतिक आपदा से, पुल, सड़कें, बिल्डिंग्स, पावर ग्रिड, ऐसा हर इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षित रहे, सुरक्षित निर्माण हो।

साथियों,

भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए हर देश का मिलकर काम करना बहुत जरूरी है। ऐसी ही एक चुनौती है, हमारे एनर्जी रिसोर्सेस की। इसलिए पूरी दुनिया की चिंता करते हुए भारत ने International Solar Alliance (ISA) का समाधान दिया है। ताकि छोटे से छोटा देश भी सस्टेनबल एनर्जी का लाभ उठा सके। इससे क्लाइमेट पर तो पॉजिटिव असर होगा ही, ये ग्लोबल साउथ के देशों की एनर्जी नीड्स को भी सिक्योर करेगा। और आप सबको ये जानकर गर्व होगा कि भारत के इस प्रयास के साथ, आज दुनिया के सौ से अधिक देश जुड़ चुके हैं।

साथियों,

बीते कुछ समय से दुनिया, ग्लोबल ट्रेड में असंतुलन और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी challenges का सामना कर रही है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए भी भारत ने दुनिया के साथ मिलकर नए प्रयास शुरु किए हैं। India–Middle East–Europe Economic Corridor (IMEC), ऐसा ही एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। ये प्रोजेक्ट, कॉमर्स और कनेक्टिविटी के माध्यम से एशिया, यूरोप और मिडिल ईस्ट को जोड़ेगा। इससे आर्थिक संभावनाएं तो बढ़ेंगी ही, दुनिया को अल्टरनेटिव ट्रेड रूट्स भी मिलेंगे। इससे ग्लोबल सप्लाई चेन भी और मजबूत होगी।

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साथियों,

ग्लोबल सिस्टम्स को, अधिक पार्टिसिपेटिव, अधिक डेमोक्रेटिक बनाने के लिए भी भारत ने अनेक कदम उठाए हैं। और यहीं, यहीं पर ही भारत मंडपम में जी-20 समिट हुई थी। उसमें अफ्रीकन यूनियन को जी-20 का परमानेंट मेंबर बनाया गया है। ये बहुत बड़ा ऐतिहासिक कदम था। इसकी मांग लंबे समय से हो रही थी, जो भारत की प्रेसीडेंसी में पूरी हुई। आज ग्लोबल डिसीजन मेकिंग इंस्टीट्यूशन्स में भारत, ग्लोबल साउथ के देशों की आवाज़ बन रहा है। International Yoga Day, WHO का ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के लिए ग्लोबल फ्रेमवर्क, ऐसे कितने ही क्षेत्रों में भारत के प्रयासों ने नए वर्ल्ड ऑर्डर में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है, और ये तो अभी शुरूआत है, ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भारत का सामर्थ्य नई ऊंचाई की तरफ बढ़ रहा है।

साथियों,

21वीं सदी के 25 साल बीत चुके हैं। इन 25 सालों में 11 साल हमारी सरकार ने देश की सेवा की है। और जब हम What India Thinks Today उससे जुड़ा सवाल उठाते हैं, तो हमें ये भी देखना होगा कि Past में क्या सवाल थे, क्या जवाब थे। इससे TV9 के विशाल दर्शक समूह को भी अंदाजा होगा कि कैसे हम, निर्भरता से आत्मनिर्भरता तक, Aspirations से Achievement तक, Desperation से Development तक पहुंचे हैं। आप याद करिए, एक दशक पहले, गांव में जब टॉयलेट का सवाल आता था, तो माताओं-बहनों के पास रात ढलने के बाद और भोर होने से पहले का ही जवाब होता था। आज उसी सवाल का जवाब स्वच्छ भारत मिशन से मिलता है। 2013 में जब कोई इलाज की बात करता था, तो महंगे इलाज की चर्चा होती थी। आज उसी सवाल का समाधान आयुष्मान भारत में नजर आता है। 2013 में किसी गरीब की रसोई की बात होती थी, तो धुएं की तस्वीर सामने आती थी। आज उसी समस्या का समाधान उज्ज्वला योजना में दिखता है। 2013 में महिलाओं से बैंक खाते के बारे में पूछा जाता था, तो वो चुप्पी साध लेती थीं। आज जनधन योजना के कारण, 30 करोड़ से ज्यादा बहनों का अपना बैंक अकाउंट है। 2013 में पीने के पानी के लिए कुएं और तालाबों तक जाने की मजबूरी थी। आज उसी मजबूरी का हल हर घर नल से जल योजना में मिल रहा है। यानि सिर्फ दशक नहीं बदला, बल्कि लोगों की ज़िंदगी बदली है। और दुनिया भी इस बात को नोट कर रही है, भारत के डेवलपमेंट मॉडल को स्वीकार रही है। आज भारत सिर्फ Nation of Dreams नहीं, बल्कि Nation That Delivers भी है।

साथियों,

जब कोई देश, अपने नागरिकों की सुविधा और समय को महत्व देता है, तब उस देश का समय भी बदलता है। यही आज हम भारत में अनुभव कर रहे हैं। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। पहले पासपोर्ट बनवाना कितना बड़ा काम था, ये आप जानते हैं। लंबी वेटिंग, बहुत सारे कॉम्प्लेक्स डॉक्यूमेंटेशन का प्रोसेस, अक्सर राज्यों की राजधानी में ही पासपोर्ट केंद्र होते थे, छोटे शहरों के लोगों को पासपोर्ट बनवाना होता था, तो वो एक-दो दिन कहीं ठहरने का इंतजाम करके चलते थे, अब वो हालात पूरी तरह बदल गया है, एक आंकड़े पर आप ध्यान दीजिए, पहले देश में सिर्फ 77 पासपोर्ट सेवा केंद्र थे, आज इनकी संख्या 550 से ज्यादा हो गई है। पहले पासपोर्ट बनवाने में, और मैं 2013 के पहले की बात कर रहा हूं, मैं पिछले शताब्दी की बात नहीं कर रहा हूं, पासपोर्ट बनवाने में जो वेटिंग टाइम 50 दिन तक होता था, वो अब 5-6 दिन तक सिमट गया है।

साथियों,

ऐसा ही ट्रांसफॉर्मेशन हमने बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में भी देखा है। हमारे देश में 50-60 साल पहले बैंकों का नेशनलाइजेशन किया गया, ये कहकर कि इससे लोगों को बैंकिंग सुविधा सुलभ होगी। इस दावे की सच्चाई हम जानते हैं। हालत ये थी कि लाखों गांवों में बैंकिंग की कोई सुविधा ही नहीं थी। हमने इस स्थिति को भी बदला है। ऑनलाइन बैंकिंग तो हर घर में पहुंचाई है, आज देश के हर 5 किलोमीटर के दायरे में कोई न कोई बैंकिंग टच प्वाइंट जरूर है। और हमने सिर्फ बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का ही दायरा नहीं बढ़ाया, बल्कि बैंकिंग सिस्टम को भी मजबूत किया। आज बैंकों का NPA बहुत कम हो गया है। आज बैंकों का प्रॉफिट, एक लाख 40 हज़ार करोड़ रुपए के नए रिकॉर्ड को पार कर चुका है। और इतना ही नहीं, जिन लोगों ने जनता को लूटा है, उनको भी अब लूटा हुआ धन लौटाना पड़ रहा है। जिस ED को दिन-रात गालियां दी जा रही है, ED ने 22 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक वसूले हैं। ये पैसा, कानूनी तरीके से उन पीड़ितों तक वापिस पहुंचाया जा रहा है, जिनसे ये पैसा लूटा गया था।

साथियों,

Efficiency से गवर्नमेंट Effective होती है। कम समय में ज्यादा काम हो, कम रिसोर्सेज़ में अधिक काम हो, फिजूलखर्ची ना हो, रेड टेप के बजाय रेड कार्पेट पर बल हो, जब कोई सरकार ये करती है, तो समझिए कि वो देश के संसाधनों को रिस्पेक्ट दे रही है। और पिछले 11 साल से ये हमारी सरकार की बड़ी प्राथमिकता रहा है। मैं कुछ उदाहरणों के साथ अपनी बात बताऊंगा।

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साथियों,

अतीत में हमने देखा है कि सरकारें कैसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिनिस्ट्रीज में accommodate करने की कोशिश करती थीं। लेकिन हमारी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही कई मंत्रालयों का विलय कर दिया। आप सोचिए, Urban Development अलग मंत्रालय था और Housing and Urban Poverty Alleviation अलग मंत्रालय था, हमने दोनों को मर्ज करके Housing and Urban Affairs मंत्रालय बना दिया। इसी तरह, मिनिस्ट्री ऑफ ओवरसीज़ अफेयर्स अलग था, विदेश मंत्रालय अलग था, हमने इन दोनों को भी एक साथ जोड़ दिया, पहले जल संसाधन, नदी विकास मंत्रालय अलग था, और पेयजल मंत्रालय अलग था, हमने इन्हें भी जोड़कर जलशक्ति मंत्रालय बना दिया। हमने राजनीतिक मजबूरी के बजाय, देश की priorities और देश के resources को आगे रखा।

साथियों,

हमारी सरकार ने रूल्स और रेगुलेशन्स को भी कम किया, उन्हें आसान बनाया। करीब 1500 ऐसे कानून थे, जो समय के साथ अपना महत्व खो चुके थे। उनको हमारी सरकार ने खत्म किया। करीब 40 हज़ार, compliances को हटाया गया। ऐसे कदमों से दो फायदे हुए, एक तो जनता को harassment से मुक्ति मिली, और दूसरा, सरकारी मशीनरी की एनर्जी भी बची। एक और Example GST का है। 30 से ज्यादा टैक्सेज़ को मिलाकर एक टैक्स बना दिया गया है। इसको process के, documentation के हिसाब से देखें तो कितनी बड़ी बचत हुई है।

साथियों,

सरकारी खरीद में पहले कितनी फिजूलखर्ची होती थी, कितना करप्शन होता था, ये मीडिया के आप लोग आए दिन रिपोर्ट करते थे। हमने, GeM यानि गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म बनाया। अब सरकारी डिपार्टमेंट, इस प्लेटफॉर्म पर अपनी जरूरतें बताते हैं, इसी पर वेंडर बोली लगाते हैं और फिर ऑर्डर दिया जाता है। इसके कारण, भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम हुई है, और सरकार को एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की बचत भी हुई है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर- DBT की जो व्यवस्था भारत ने बनाई है, उसकी तो दुनिया में चर्चा है। DBT की वजह से टैक्स पेयर्स के 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा, गलत हाथों में जाने से बचे हैं। 10 करोड़ से ज्यादा फर्ज़ी लाभार्थी, जिनका जन्म भी नहीं हुआ था, जो सरकारी योजनाओं का फायदा ले रहे थे, ऐसे फर्जी नामों को भी हमने कागजों से हटाया है।

साथियों,

 

हमारी सरकार टैक्स की पाई-पाई का ईमानदारी से उपयोग करती है, और टैक्सपेयर का भी सम्मान करती है, सरकार ने टैक्स सिस्टम को टैक्सपेयर फ्रेंडली बनाया है। आज ITR फाइलिंग का प्रोसेस पहले से कहीं ज्यादा सरल और तेज़ है। पहले सीए की मदद के बिना, ITR फाइल करना मुश्किल होता था। आज आप कुछ ही समय के भीतर खुद ही ऑनलाइन ITR फाइल कर पा रहे हैं। और रिटर्न फाइल करने के कुछ ही दिनों में रिफंड आपके अकाउंट में भी आ जाता है। फेसलेस असेसमेंट स्कीम भी टैक्सपेयर्स को परेशानियों से बचा रही है। गवर्नेंस में efficiency से जुड़े ऐसे अनेक रिफॉर्म्स ने दुनिया को एक नया गवर्नेंस मॉडल दिया है।

साथियों,

पिछले 10-11 साल में भारत हर सेक्टर में बदला है, हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है। और एक बड़ा बदलाव सोच का आया है। आज़ादी के बाद के अनेक दशकों तक, भारत में ऐसी सोच को बढ़ावा दिया गया, जिसमें सिर्फ विदेशी को ही बेहतर माना गया। दुकान में भी कुछ खरीदने जाओ, तो दुकानदार के पहले बोल यही होते थे – भाई साहब लीजिए ना, ये तो इंपोर्टेड है ! आज स्थिति बदल गई है। आज लोग सामने से पूछते हैं- भाई, मेड इन इंडिया है या नहीं है?

साथियों,

आज हम भारत की मैन्युफैक्चरिंग एक्सीलेंस का एक नया रूप देख रहे हैं। अभी 3-4 दिन पहले ही एक न्यूज आई है कि भारत ने अपनी पहली MRI मशीन बना ली है। अब सोचिए, इतने दशकों तक हमारे यहां स्वदेशी MRI मशीन ही नहीं थी। अब मेड इन इंडिया MRI मशीन होगी तो जांच की कीमत भी बहुत कम हो जाएगी।

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साथियों,

आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियान ने, देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को एक नई ऊर्जा दी है। पहले दुनिया भारत को ग्लोबल मार्केट कहती थी, आज वही दुनिया, भारत को एक बड़े Manufacturing Hub के रूप में देख रही है। ये सक्सेस कितनी बड़ी है, इसके उदाहरण आपको हर सेक्टर में मिलेंगे। जैसे हमारी मोबाइल फोन इंडस्ट्री है। 2014-15 में हमारा एक्सपोर्ट, वन बिलियन डॉलर तक भी नहीं था। लेकिन एक दशक में, हम ट्वेंटी बिलियन डॉलर के फिगर से भी आगे निकल चुके हैं। आज भारत ग्लोबल टेलिकॉम और नेटवर्किंग इंडस्ट्री का एक पावर सेंटर बनता जा रहा है। Automotive Sector की Success से भी आप अच्छी तरह परिचित हैं। इससे जुड़े Components के एक्सपोर्ट में भी भारत एक नई पहचान बना रहा है। पहले हम बहुत बड़ी मात्रा में मोटर-साइकल पार्ट्स इंपोर्ट करते थे। लेकिन आज भारत में बने पार्ट्स UAE और जर्मनी जैसे अनेक देशों तक पहुंच रहे हैं। सोलर एनर्जी सेक्टर ने भी सफलता के नए आयाम गढ़े हैं। हमारे सोलर सेल्स, सोलर मॉड्यूल का इंपोर्ट कम हो रहा है और एक्सपोर्ट्स 23 गुना तक बढ़ गए हैं। बीते एक दशक में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट भी 21 गुना बढ़ा है। ये सारी अचीवमेंट्स, देश की मैन्युफैक्चरिंग इकोनॉमी की ताकत को दिखाती है। ये दिखाती है कि भारत में कैसे हर सेक्टर में नई जॉब्स भी क्रिएट हो रही हैं।

साथियों,

TV9 की इस समिट में, विस्तार से चर्चा होगी, अनेक विषयों पर मंथन होगा। आज हम जो भी सोचेंगे, जिस भी विजन पर आगे बढ़ेंगे, वो हमारे आने वाले कल को, देश के भविष्य को डिजाइन करेगा। पिछली शताब्दी के इसी दशक में, भारत ने एक नई ऊर्जा के साथ आजादी के लिए नई यात्रा शुरू की थी। और हमने 1947 में आजादी हासिल करके भी दिखाई। अब इस दशक में हम विकसित भारत के लक्ष्य के लिए चल रहे हैं। और हमें 2047 तक विकसित भारत का सपना जरूर पूरा करना है। और जैसा मैंने लाल किले से कहा है, इसमें सबका प्रयास आवश्यक है। इस समिट का आयोजन कर, TV9 ने भी अपनी तरफ से एक positive initiative लिया है। एक बार फिर आप सभी को इस समिट की सफलता के लिए मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं हैं।

मैं TV9 को विशेष रूप से बधाई दूंगा, क्योंकि पहले भी मीडिया हाउस समिट करते रहे हैं, लेकिन ज्यादातर एक छोटे से फाइव स्टार होटल के कमरे में, वो समिट होती थी और बोलने वाले भी वही, सुनने वाले भी वही, कमरा भी वही। TV9 ने इस परंपरा को तोड़ा और ये जो मॉडल प्लेस किया है, 2 साल के भीतर-भीतर देख लेना, सभी मीडिया हाउस को यही करना पड़ेगा। यानी TV9 Thinks Today वो बाकियों के लिए रास्ता खोल देगा। मैं इस प्रयास के लिए बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, आपकी पूरी टीम को, और सबसे बड़ी खुशी की बात है कि आपने इस इवेंट को एक मीडिया हाउस की भलाई के लिए नहीं, देश की भलाई के लिए आपने उसकी रचना की। 50,000 से ज्यादा नौजवानों के साथ एक मिशन मोड में बातचीत करना, उनको जोड़ना, उनको मिशन के साथ जोड़ना और उसमें से जो बच्चे सिलेक्ट होकर के आए, उनकी आगे की ट्रेनिंग की चिंता करना, ये अपने आप में बहुत अद्भुत काम है। मैं आपको बहुत बधाई देता हूं। जिन नौजवानों से मुझे यहां फोटो निकलवाने का मौका मिला है, मुझे भी खुशी हुई कि देश के होनहार लोगों के साथ, मैं अपनी फोटो निकलवा पाया। मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं दोस्तों कि आपके साथ मेरी फोटो आज निकली है। और मुझे पक्का विश्वास है कि सारी युवा पीढ़ी, जो मुझे दिख रही है, 2047 में जब देश विकसित भारत बनेगा, सबसे ज्यादा बेनिफिशियरी आप लोग हैं, क्योंकि आप उम्र के उस पड़ाव पर होंगे, जब भारत विकसित होगा, आपके लिए मौज ही मौज है। आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद।