Quote21st century is the century of knowledge, says Prime Minister Modi
QuoteIndia has the potential to become the manufacturing hub for the world: PM Narendra Modi
QuoteIn history, whenever knowledge has been the driving force of the world, India has provided leadership: PM Modi
QuoteToday India is demographically the youngest country in the world, with young dreams full of energy: PM Narendra Modi
QuoteThe current generation of youngsters don't want to be job seekers. The youth wants to be job creators: PM Modi
QuoteGlobal agencies say India is the fastest growing economy in the world: PM

मंच पर विराजमान सभी वरिष्‍ठ महानुभाव, नौजवान साथियों, और इस समय online नॉर्थ ईस्‍ट के कई विद्यार्थी भी इस समारोह में शरीक हैं। मैं उन सबका भी स्‍वागत करता हूं।

सब से पहले मैं आपसे क्षमा चाहता हूँ क्योंकि मुझे आने में बहुत विलंब हुआ, क्‍योंकि आज सुबह सिक्किम से मुझे चलना था। लेकिन weather साथ नहीं दे रहा था। बार बार समय बदलना पड़ रहा था। लेकिन आखिकार पहुंच ही गया। कभी-कभी देर होती है, लेकिन पहुंचता हूं। आज यहां दो महत्‍वपूर्ण कार्यक्रम हैं। एक तो IIIT का, नये भवन का शिलान्‍यास और दूसरा ICT Academy की शुरूआत। हम सुनते आए हैं कि 21वीं सदी हिन्‍दुस्‍तान की सदी है, लेकिन 21वीं सदी हिन्‍दुस्‍तान की सदी है इसका कारण क्‍या है। तो पूरा विश्‍व ये मानता है कि 21वीं सदी ये ज्ञान की सदी है। information की सदी है और इसलिए information , knowledge के क्षेत्र में जो अगुवाई करेगा वो दुनिया की अगुवाई करेगा। वो लीडरशिप करेगा और दूसरा महत्‍वपूर्ण कारण है आज भारत विश्‍व का सबसे युवा देश है। 65 प्रतिशत जनसख्‍ंया इस देश में 35 साल से कम उम्र की है, कई तो 35 से भी नीचे है। जिस देश मे सदियों से यह परंपरा रही है कि जब-जब मानव जाति नाजुक दौर से गुजरी है हमेशा हमेशा भारत ने नेतृत्‍व किया है और 21वीं सदी में demographic dividend ये हमारी ताकत है इतनी बड़ी संख्‍या में जिस देश के पास नौजवान हों उसके सपने भी नौजवान होते हैं और जवान सपनों में समर्पण का भाव भी होता है, ऊर्जा भी होती है। भारत इस परिस्थिति का फायदा कैसे उठाए, इस अवसर को भारत किस प्रकार से दुनिया के विश्‍व के पटल पर एक शक्ति के रूप में उभर सकें। ये अवसर भी है, चुनौती भी है और जिंदगी बिना चुनौतियों के कभी सफल नहीं होती है। जो चुनौतियों को पार करता है वो ही अवसर को पाता है और वही अवसर को सिद्धि में परिवर्तित कर सकता है। आज पूरे विश्‍व में जितने भी मानको पर चर्चा होती है चाहे वर्ल्‍ड बैंक का रिपोर्ट देख लीजिए। IMF का रिपोर्ट देख लीजिए। credit rating agency, global level की कुछ कहें, एक बात साफ साफ उभर करके आती है और सर्व दूर से एक ही प्रकार से आती है और वो ये कि आज बड़े देशों की सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाली कोई economy है। वो economy का नाम है हिन्‍दुस्‍तान।

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आए दिन खबरें आती है कि दुनिया में ये हो रहा है। वो हो रहा है। पूरे विश्‍व में आर्थिक मंदी का माहौल है। विश्‍व आर्थिक संकट में घिरा हुआ है। ऐसे संकट के काल में एक अकेला हिन्‍दुस्‍तान अपने पैरों पर स्थिर खड़ा है और तेज गति से आगे भी बढ़ रहा है और ये भी विश्‍व मानता है कि आने वाले दिनों में भारत इससे भी अधिक गति से आगे बढ़ने वाला है। ये जो अवसर आया है। इस अवसर का फायदा अगर उठाना है। तो हमें हमारी युवा शक्ति पर ध्‍यान केन्द्रित करना होगा और इसलिए सरकार ने जिन बातों पर ध्‍यान दिया है वे बिखरी हुई चीजें नहीं हैं। सरकार में हैं कुछ करना पड़ता है चलो कुछ करते रहें ऐसा भी नहीं हैं। एक के बाद एक कदम एक दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं, interlinked हैं। एक के बाद एक कदम अंतिम परिणाम को प्राप्‍त करने का अवसर है। पहली बार इस देश में skill development एक अलग department बनाया गया। पहले क्‍या था। हर department अपने-अपने तरीके से skill department का काम करता था। लेकिन जब इतने बड़े department के एक कोने में skill department चलता है तो उसमें focus नहीं रहता था। चीजें चलती थी, कागज पर सब दिखता था। लेकिन धरती पर नजर नहीं आता था। हमने अलग skill department बनाया और पूरे देश में 21वीं सदी के अनुकूल किस प्रकार का मैन पावर तैयार करना चाहिए, किस प्रकार का Human resource development करना चाहिए और न सिर्फ हिन्‍दुस्‍तान वैश्विक संदर्भ में global perspective में आप कल्‍पना कर सकते हैं जब दुनिया पूरी बूढ़ी हो, दुनिया के पास पैसे हों। उद्योग कारखाने लगे हुए हों। लेकिन चलाने के लिए नौजवान न हो तो क्‍या होगा। पूरी विश्‍व को 2030 के बाद बहुत बड़ी मात्रा में human resource की आवश्‍यकता पड़ने वाली है। globally man power पहुंचाने का काम अगर कोई कर सकता है तो हिन्‍दुस्‍तान कर सकता है। दूनिया के हर कोने में भारत का नौजवान जा करके उस देश के जीवन में बहुत बड़ा योगदान कर सकता है। वो दिन दूर नहीं है। जब पूरे global requirement को अगर ध्‍यान में रखें तो आज से हमारा प्रयास है कि हिन्‍दुस्‍तान में वो Human resource development हो वो man power तैयार हो जो आने वाले दिनों में global requirement को पूरी कर पाएं।

दूसरी तरफ भारत सिर्फ सेवादार बना रहे क्‍या ? ये बात हमें मंजूर नहीं है और इसलिए हमारे देश में Make in India का अभियान चलाया है। आज देश पेट्रोलियम पैदावार के बाद सबसे ज्‍यादा इम्‍पोर्ट जो पहली तीन चार चीजें हैं देश में जिसमे हमारी सबसे ज्‍यादा धन हमारे विदेश में जाता है। उसमें एक है electronic goods का import। चाहे लैपटॉप हो, चाहे मोबाइल फोन हो, चाहे electronic medical devices हो। अब जिस देश में ऐसी बढि़या IIT हो जिस गुवाहाटी के IT के, जो गुवाहाटी यहाँ के IIT के कारण पहचाना जाता है। यहां के IIT ने गुवाहाटी को एक नई पहचान दी है। लेकिन उस देश में electronic goods भी हमें इम्‍पोर्ट करना पड़े । ये अच्‍छी बात है क्‍या। Thermometer भी बाहर से लाना है। बीपी कम हुआ ठीक हुआ नहीं ठीक हुआ वो भी foreign का instrument तय करेगा क्‍या।

दोस्‍तों ये चीजे बदलनी है। मैं आज आपके बीच आया हूं चुनौती को ले करके, कम से कम electronic goods ये तो हम बना सकते हैं ऐसा नहीं हम दुनिया को दे सकते हैं। इस देश के पास टेलेंट की कमी नहीं है, इरादों की भी कमी नहीं है। हर नौजवान के पास कुछ न कुछ करने का इरादा है तो क्‍यों न हम हमारे देश की इस requirement को ध्यान में रखते हुए मेक इन इंडिया की बात को आगे बढ़ाएं। और दुनिया ने भारत के लोगों का लोहा माना है। आज सिलिकॉन मेले में जाइए। Address तो यूएसए का है। लेकिन चेहरा हिन्‍दुस्‍तानी है। हर तीसरी चौथी कंपनी का सीईओ हिन्‍दुस्‍तानी है। 50 परसेंट 60 परसेंट काम करने वाले नौजवान हिन्‍दुस्‍तानी है। इस देश के पास टेलेंट भी है।

भारत ने Mars Mission किया। ऑरबिट में हम पहुंचे। दूनिया में हम पहले देश हैं जो Mars Orbit Mission में पहले ही ट्रायल में सफल हो गये। दुनिया के और देशों में सफलता 20-20-25 बार ट्रायल करने पर मिली। भारत को पहली बार मिल गई। और खर्चा कितना आप गुवाहाटी में एक किलोमीटर ऑटो रिक्‍शा में जाए तो दस रुपया लगता होगा। हम मार्स मिशन में सिर्फ सात रुपए किलोमीटर पर गए। हॉलीवुड की फिल्‍म का जो खर्चा होता है उससे कम खर्चें में हम मार्स मिशन पर पहुंचे। ये कैसे संभव हुआ। हमारे नौजवानों के talent के कारण, तजुर्बे के कारण। कुछ कर गुजरने के इरादे के कारण। जिस देश के पास ये सामर्थ्‍य हो तो वो देश का प्रधानमंत्री make in India का सपना क्‍यों न देखे। हमारा दूसरा क्षेत्र है Defence. क्‍या भारत अपनी सुरक्षा के लिए आजादी के 70 साल के बाद भी औरों पर dependent रहे। अश्रु गैस है न अश्रु गैस, रोने के लिए भी tear gas, वो भी बाहर से लाना पड़ता है। ये स्‍थिति अब बदलनी है दोस्‍तों। हम हमारी रक्षा के लिए जो आवश्‍यकताएं हैं वो तो हम बनाएं। इतना ही नहीं दुनिया को हम supply भी करे, ये ताकत हमारी होनी चाहिए।

हम मोबाइल के बिना जी नहीं सकते और आप में से कई लोग है, मेरे से जुड़े हुए हैं, फेसबुक पर, ट्वीटर पर। कुछ लोग मेरी Narendra Modi app पर भी कुछ न कुछ लिखते रहते हैं गुवाहाटी से। लेकिन मोबाइल फोन बाहर से लाना पड़ता है और इसलिए दोस्‍तों हमारे जो IITs है। हमारी IIIT है। हमारी technical institutions है। वहां make in India का मुझे माहौल create करना है। अभी से विद्यार्थी के मन में विचार होना चाहिए कि मैं शस्‍त्रार्थों की दुनिया में भारत को ये अमानत दूंगा ताकि दुनिया हमें कुछ न कर पाए।

हम ICT के क्षेत्र में जा रहे हैं। ICT हम व्‍यापार-धंधे के लिए नए-नए सॉफ्टवेयर बनाने की ताकत create कर रहे हैं, लेकिन दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती है और सारी दुनिया के सामने है। वो चुनौती है, cyber security की। हर कोई परेशान है, कहीं कोई हाई-जैक तो नहीं कर लेगा। मेरी पूरी फाइल चली तो नहीं जाएगी। मैं research कर रहा हूं, कोई उठा तो नहीं ले जाएगा। दुनिया को कोई ठप्‍प तो नहीं कर देगा। हवाई जहाज उड़ता होगा और cyber attack करके उसको वही रोक दिया जा सकता है और फिर वो नीचे ही आएगा। ये संकट है, दुनिया डरी हुई है। technology ने जहां-जहां पर हमको पहुंचाया है तो उसके साथ हमारे सामने चुनौतियां भी आई हैं। क्‍या हमारे विद्यार्थी, हमारे नौजवान विश्‍व को cyber security देने के लिए नेतृत्‍व नहीं कर सकते क्‍या? अगर दुनिया में किसी को भी cyber security की जरूरत होगी, भारत के नौजवान पर उसको भरोसा करना पड़ेगा, तब जाकर के उसका काम होगा। ये नहीं कर सकते क्‍या?

और इसलिए दोस्‍तों skill development से लेकर के make in India. दो दिन पहले आप में से कई लोग शायद मेरे साथ वीडियो कॉंफ्रेंस में जुड़े हुए होंगे। जब मैं दो दिन पहले दिल्‍ली में ‘स्‍टार्ट-अप’ का आरंभ किया। जब मैं पहले ‘स्‍टार्ट-अप’ कह रहा था तो कुछ लोगों को तो पता ही नही पड़ता, क्‍या कह रहा है ये। ‘स्‍टार्ट-अप इंडिया, स्‍टैंड-अप इंडिया’. जब लालकिले से हमने कहा तो ऐसे ही आकर के चला गया विषय। पता ही नहीं चला, कहीं रजिस्‍टर्ड ही नहीं हुआ। लेकिन अभी जब ‘स्‍टार्ट-अप’ का कार्यक्रम हुआ, लाखों नौजवानों ने रजिस्‍ट्रेशन कराया। एक नया mood बना है, देश में। नौजवान सोच रहा है मैं रोजगार के लिए apply नहीं करूंगा, मैं अपने पैरों पर नई चीज खोजकर के दुनिया के बाजार में ले आऊंगा, नए तरीके से ले आऊंगा।

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‘स्‍टार्ट-अप’ का एक माहौल बना है। वर्तमान में जो नई पीढ़ी है वो job-seeker नहीं बनना चाहती है, वो job-creator बनना चाहती है और सरकार ‘स्‍टार्ट-अप इंडिया, स्‍टैंड-अप इंडिया’ के भरोसे उसे बल देना चाहती है और इसलिए अभी आपने देखा होगा, हमने कई नई योजनाएं घोषित की है, नए initiative लिए हैं क्‍योंकि भारत दुनिया का ‘स्‍टार्ट-अप’ का capital बन सकता है जिस देश के पास इतनी talent हो, वो दुनिया का capital बन सकता है और मैंने ये देखा, आपने भी शायद टीवी पर इन चीजों को ध्‍यान से देखा होगा, नहीं देखा होगा तो इंटरनेट पर सारी चीजें इन दिनों available है। 22-25-27-30 साल के नौजवान अरबों-खरबों रुपयों का व्‍यापार करने लगे हैं और दो-तीन साल में करने लगे हैं और पांच हजार- दस हजार- 25 हजार लोगों को रोजगार दे रहे हैं just अपना दिमाग और technology का उपयोग करते हुए।

और जमाना App का है, हर चीज का App बनता है और दुनिया जुड़ जाती है। मैं भी अब जुड़ गया लेकिन हमारे नौजवानों की जो बुद्धिमत्‍ता है वो कुछ कर गुजरने की बुद्धिमत्‍ता है और इसलिए skill development से लेकर के ‘स्‍टार्ट-अप’ तक की यात्रा Make in India. पहले Make for India और बाद में Make for Global, ये requirement को पूरा करने के लिए हम आगे बढ़ना चाहते हैं और उसमें technical force एक बहुत बड़ी आवश्‍यकता है। हर हाथ में हुनर होना चाहिए। कभी-कभी हम लोग रोते बैठते हैं। हमारे देश में कुछ ये भी आदत है। समस्‍याएं होती है। हर किसी के नसीब में मक्‍खन पर लकीर करने का सौभाग्‍य नहीं होता है। पत्‍थर पर लकीर करने की ताकत होनी चाहिए और अगर हम अपने आप को युवा कहते हैं तो उसकी पहली शर्त यह होती है कि वो मक्‍खन पर लकीर करने के रास्‍ते न ढूंढे, वो पत्‍थर पर लकीर करने की ताकत के लिए सोचे। अगर यही इरादे लेकर के हम चलते हैं तो हम अपनी तो जिन्‍दगी बनाते हैं लेकिन कइयों की जिन्‍दगी में बदलाव लाने के लिए कारण भी बनते हैं।

तो भारत में हमारी जितनी भी academic institutions है, technical institutions है, हमारी Universities है। चाहे हमारी आईआईटी हो या हमारी आईटीआई हो, छोटी से छोटी technical इकाई से लेकर के, top most technical venture, इन दोनों के अंदर एकसूत्रता होनी चाहिए और हम देश की आवश्‍यकताओं की पूर्ति करने के लिए सामर्थ्‍यवान बने। समस्‍याएं अपने आप उसका रास्‍ता भी खोजकर के आती है। कोई समस्‍या ऐसी नहीं होती जिसकी कोख में समाधान भी पलता न हो। सिर्फ पहचानने वाला चाहिए। हर समस्‍या की कोख में समाधान भी पलता है, उस समाधान को पकड़ने वाला चाहिए, समस्‍या का समाधान निकल आता है।

मैं चाहूंगा मेरे नौजवान चीजों को देखे तो उसके मन में पहले ये न आए कि यार ऐसा क्यों है। जो सो है सो है, यार ये है ऐसा करेंगे तो ये नहीं रहेगा। हम बदलाव ला सकते हैं। हमारी विचार प्रक्रिया को हम बदले।

पिछले दिनों राष्‍ट्रपति भवन में स्‍कूल के कुछ बच्‍चों को बुलाया गया था। हमारे राष्‍ट्रपति जी ऐसे लोगों को काफी encourage करने के अनेक कार्यक्रम करते रहते हैं। तो उन्‍होंने कहा, मोदी जी एक बार आइए, जरा देखिए। आठवीं, नौवीं, दसवीं कक्षा के बच्‍चे थे और मैंने देखा कि ‘स्‍वच्‍छ भारत’ के विषय में technology क्‍या role कर सकती है, कौन-सी innovative equipment create किया जा सकता है जो स्‍वच्‍छ भारत के लिए next requirement जो process है उसको पूरा कर सके। आठवीं-नौवी कक्षा के बच्‍चों ने ऐसी-ऐसी चीजें बनाई थी, मैं हैरान था। इसका मतलब यह हुआ कि हर समस्‍या का समाधान करने के लिए हमारे पास सामर्थ्‍य होता है।

अगर इंडिया के पास million problem है तो हिन्‍दुस्‍तान के पास billion brain भी है और इसलिए दोस्‍तों नया भवन तो मिलेगा। हिन्‍दुस्‍तान के पूर्वी छोर में ये ज्ञान का सूरज ऐसा तेज होकर के निकले कि पूरे हिन्‍दुस्‍तान को ज्ञान से प्रकाशित कर दे, ये मेरी आप सबको शुभकामनाएं हैं। बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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2025 ലെ പാർലമെന്റിന്റെ വർഷകാല സമ്മേളനത്തിന് മുന്നോടിയായി പ്രധാനമന്ത്രി നടത്തിയ പ്രസംഗത്തിന്റെ പൂർണ്ണരൂപം.
July 21, 2025

നമസ്‌കാരം, സുഹൃത്തുക്കളെ!

എല്ലാ മാധ്യമ പ്രവർത്തകരെയും വർഷകാല സമ്മേളനത്തിലേക്ക് സ്വാഗതം ചെയ്യുന്നു.


സുഹൃത്തുക്കളെ,

വർഷകാലം പുതുമയെയും സൃഷ്ടിയെയും പ്രതീകപ്പെടുത്തുന്നു. ഇതുവരെ ലഭിച്ച റിപ്പോർട്ടുകൾ പ്രകാരം, രാജ്യത്തുടനീളമുള്ള കാലാവസ്ഥ അനുകൂലമായി പുരോഗമിക്കുന്നു, കൃഷിക്ക് ഗുണകരമായ ഒരു കാലാവസ്ഥയെക്കുറിച്ചുള്ള വാർത്തകൾ ഉണ്ട്. നമ്മുടെ കർഷകരുടെ സമ്പദ്‌വ്യവസ്ഥയിൽ മാത്രമല്ല, ദേശീയ സമ്പദ്‌വ്യവസ്ഥയിലും, ഗ്രാമീണ സമ്പദ്‌വ്യവസ്ഥയിലും, എല്ലാ വീട്ടിലെയും സമ്പദ്‌വ്യവസ്ഥയിലും മഴ നിർണായക പങ്ക് വഹിക്കുന്നു. എനിക്ക് ലഭിച്ച വിവരങ്ങളുടെ അടിസ്ഥാനത്തിൽ, കഴിഞ്ഞ പത്ത് വർഷത്തിനിടെ രേഖപ്പെടുത്തിയതിനേക്കാൾ മൂന്നിരട്ടി കൂടുതലാണ് ഈ വർഷത്തെ ജലസംഭരണം, ഇത് വരും ദിവസങ്ങളിൽ രാജ്യത്തിന്റെ സമ്പദ്‌വ്യവസ്ഥയ്ക്ക് വളരെയധികം ഗുണം ചെയ്യും.

 

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സുഹൃത്തുക്കളെ,

ഈ വർഷകാല സമ്മേളനം രാജ്യത്തിന് വളരെയധികം അഭിമാനകരമായ കാര്യമാണ്. ഈ സമ്മേളനം തന്നെ രാജ്യത്തിന്റെ വിജയത്തിന്റെ ആഘോഷമാണ്. ഈ സമ്മേളനം ദേശീയ അഭിമാനത്തിന്റെയും വിജയത്തിന്റെയും ആഘോഷമാണെന്ന് ഞാൻ പറയുമ്പോൾ, അതിൻ്റെ പ്രധാന കാരണം അന്താരാഷ്ട്ര ബഹിരാകാശ നിലയത്തിൽ ആദ്യമായി ഇന്ത്യൻ ത്രിവർണ്ണ പതാക ഉയർത്തിയതാണ് - ഓരോ ഇന്ത്യക്കാരനും അത്യധികം അഭിമാനിക്കുന്ന നിമിഷം. ശാസ്ത്രം, സാങ്കേതികവിദ്യ, നവീകരണം എന്നിവയിൽ രാജ്യത്ത് പുതിയ ആവേശവും ഊർജ്ജവും നിറച്ച ഒരു വിജയകരമായ യാത്രയാണിത്. ലോക്സഭയും രാജ്യസഭയും ഉൾപ്പെടെ മുഴുവൻ പാർലമെന്റും രാജ്യത്തെ പൗരന്മാരും ഈ നേട്ടം ആഘോഷിക്കാൻ ഒരേ ശബ്ദത്തിൽ പങ്കുചേരും. കൂടുതൽ ഉയരങ്ങളിലെത്താൻ ലക്ഷ്യമിടുന്ന ഇന്ത്യയുടെ വരാനിരിക്കുന്ന ബഹിരാകാശ ദൗത്യങ്ങൾക്ക് ഈ ഏകീകൃത അഭിനന്ദനം ഒരു പ്രചോദനവും പ്രോത്സാഹനവുമാകും.

സുഹൃത്തുക്കളെ,

ഈ വർഷകാല സമ്മേളനം തീർച്ചയായും വിജയത്തിന്റെ ആഘോഷമാണ്. ഭാരതത്തിന്റെ സൈനിക കഴിവുകളുടെ ശക്തിക്ക് ലോകം മുഴുവൻ സാക്ഷ്യം വഹിച്ചു. ഓപ്പറേഷൻ സിന്ദൂറിൽ, ഇന്ത്യൻ സായുധ സേന 100 ശതമാനം വിജയത്തോടെ അവരുടെ ലക്ഷ്യങ്ങൾ നേടി. വെറും 22 മിനിറ്റിനുള്ളിൽ, ശത്രുവിന്റെ പ്രദേശത്തിനുള്ളിൽ ദൗത്യം അതിന്റെ ലക്ഷ്യം നിർവീര്യമാക്കി. ബിഹാറിലെ ഒരു പരിപാടിയിൽ ഞാൻ ഇത് പ്രഖ്യാപിച്ചിരുന്നു, നമ്മുടെ സായുധ സേന വളരെ കുറഞ്ഞ സമയത്തിനുള്ളിൽ അത് നേടിയെടുത്തു. നമ്മുടെ 'ഇന്ത്യയിൽ നിർമ്മിച്ച' സൈനിക ശക്തിയുടെ പുതിയ മുഖം ആഗോള ശ്രദ്ധ ആകർഷിച്ചു. ഈ ദിവസങ്ങളിൽ, ഞാൻ ആഗോള നേതാക്കളെ കാണുമ്പോൾ, ഭാരതത്തിൽ വികസിപ്പിച്ചുകൊണ്ടിരിക്കുന്ന തദ്ദേശീയ പ്രതിരോധ ഉപകരണങ്ങളിൽ അവരുടെ താൽപ്പര്യം വർദ്ധിച്ചുവരികയാണ്. ഈ സമ്മേളനത്തിൽ പാർലമെന്റ് ഐക്യത്തിൻ്റെ ശബ്ദത്തിൽ വിജയത്തിന്റെ വൈകാരികത പ്രകടിപ്പിക്കുമ്പോൾ, അത് നമ്മുടെ സായുധ സേനയെ കൂടുതൽ ശക്തിപ്പെടുത്തുകയും പ്രചോദിപ്പിക്കുകയും ചെയ്യുമെന്ന് ഞാൻ ഉറച്ചു വിശ്വസിക്കുന്നു. ഇത് രാജ്യത്തിന് പ്രചോദനമായി വർത്തിക്കുകയും പ്രതിരോധ മേഖലയിലെ ഗവേഷണം, നവീകരണം, നിർമ്മാണം എന്നിവയ്ക്ക് ഉത്തേജനം നൽകുകയും ചെയ്യും. 'ഇന്ത്യയിൽ നിർമ്മിച്ച' പ്രതിരോധ ഉപകരണങ്ങൾ കൂടുതൽ ആക്കം കൂട്ടുകയും നമ്മുടെ യുവാക്കൾക്ക് പുതിയ തൊഴിലവസരങ്ങൾ സൃഷ്ടിക്കുകയും ചെയ്യും.

സുഹൃത്തുക്കളെ,

ഈ ദശകത്തെ സമാധാനവും പുരോഗതിയും കൈകോർത്ത് മുന്നേറുന്ന ഒരു കാലഘട്ടമായി വിശേഷിപ്പിക്കാം. ഓരോ ഘട്ടത്തിലും നാം വികസനം അനുഭവിക്കുന്നു. സ്വാതന്ത്ര്യലബ്ധിക്കു ശേഷം, ഭീകരതയായാലും നക്സലിസമായാലും, വിവിധ തരത്തിലുള്ള അക്രമങ്ങൾ രാഷ്ട്രം വളരെക്കാലമായി അനുഭവിച്ചിട്ടുണ്ട്. ഈ പ്രശ്നങ്ങളിൽ ചിലത് നേരത്തെ ഉയർന്നുവന്നതും, ചിലത് പിന്നീട് വന്നതുമാകാം. എന്നിരുന്നാലും, ഇന്ന് നക്സലിസത്തിന്റെയും മാവോയിസത്തിന്റെയും സ്വാധീന മേഖല അതിവേഗം ചുരുങ്ങുകയാണ്. മാവോയിസത്തെയും നക്സലിസത്തെയും അതിന്റെ വേരുകളിൽ നിന്ന് പിഴുതെറിയാനുള്ള ഉറച്ച ദൃഢനിശ്ചയത്തോടെ, നമ്മുടെ പ്രതിരോധ സേന അതിവേഗം വിജയത്തിലേക്ക് പുതിയ ആത്മവിശ്വാസത്തോടെ മുന്നേറുകയാണ്. ഒരുകാലത്ത് നക്സൽ സ്വാധീനത്താൽ വലയം ചെയ്യപ്പെട്ടിരുന്ന രാജ്യത്തുടനീളമുള്ള നൂറുകണക്കിന് ജില്ലകൾ ഇപ്പോൾ സ്വാതന്ത്ര്യത്തിന്റെ ജീവവായു ശ്വസിക്കുന്നുണ്ടെന്ന് എനിക്ക് അഭിമാനത്തോടെ പറയാൻ കഴിയും. ബോംബുകൾക്കും തോക്കുകൾക്കും പിസ്റ്റളുകൾക്കും മേൽ നമ്മുടെ ഭരണഘടന വിജയം നേടുന്നതിൽ നമുക്ക് അഭിമാനമുണ്ട് - നമ്മുടെ ഭരണഘടന വിജയിച്ചുകൊണ്ടിരിക്കുന്നു. ഒരിക്കൽ ചുവന്ന ഇടനാഴി എന്ന് മുദ്രകുത്തപ്പെട്ടിരുന്ന പ്രദേശങ്ങൾ ഇപ്പോൾ രാജ്യത്തിന്റെ ശോഭനമായ ഭാവിയെ പ്രതീകപ്പെടുത്തുന്ന ഹരിത വളർച്ചയുടെ മേഖലകളായി മാറുന്നത് വ്യക്തമാണ്.

 

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സുഹൃത്തുക്കളെ,

രാജ്യത്തിനും അതിന്റെ ക്ഷേമത്തിനും വേണ്ടി ഈ സഭയിൽ പ്രവേശിച്ച എല്ലാ ബഹുമാന്യ പാർലമെന്റ് അംഗങ്ങൾക്കും അഭിമാനത്തിന്റെ നിമിഷങ്ങളായി ഒന്നിനുപുറകെ ഒന്നായി ഇത്തരം പരിപാടികൾ  മാറുന്നു. ഈ പാർലമെന്റ് സമ്മേളനത്തിൽ, രാജ്യം മുഴുവൻ ഈ അഭിമാനത്തിന്റെ കഥ കേൾക്കും - ഓരോ പാർലമെന്റ് അംഗത്തിൽ നിന്നും, എല്ലാ രാഷ്ട്രീയ പാർട്ടികളിൽ നിന്നും.

സുഹൃത്തുക്കളെ,

2014-ൽ നിങ്ങൾ ഞങ്ങളെ ഉത്തരവാദിത്തം ഏൽപ്പിക്കുമ്പോൾ, രാജ്യം ദുർബലമായ അഞ്ച് സമ്പദ്‌വ്യവസ്ഥകളിൽ ഒന്നായി കണക്കാക്കപ്പെട്ടിരുന്ന ഒരു ഘട്ടത്തിലൂടെ കടന്നുപോകുകയായിരുന്നു. 2014-ന് മുമ്പ്, ആഗോള സമ്പദ്‌വ്യവസ്ഥയിൽ നമ്മൾ പത്താം സ്ഥാനത്തായിരുന്നു. ഇന്ന്, ലോകത്തിലെ മൂന്നാമത്തെ വലിയ സമ്പദ്‌വ്യവസ്ഥയായി മാറുന്നതിലേക്ക് ഭാരതം അതിവേഗം മുന്നേറുകയാണ്. ഇക്കാലത്ത്, 25 കോടി പാവപ്പെട്ടവരെ ദാരിദ്ര്യത്തിൽ നിന്ന് മോചിപ്പിച്ചതിനെ നിരവധി അന്താരാഷ്ട്ര സ്ഥാപനങ്ങൾ വ്യാപകമായി അഭിനന്ദിക്കുന്നു. 2014-ന് മുമ്പ്, പണപ്പെരുപ്പ നിരക്ക് ഇരട്ട അക്കത്തിലായിരുന്ന ഒരു കാലം രാജ്യത്തുണ്ടായിരുന്നു. ഇന്ന്, പണപ്പെരുപ്പം ഏകദേശം 2 ശതമാനമായി കുറഞ്ഞതോടെ, അത് സാധാരണക്കാർക്ക് ആശ്വാസം നൽകി. ഉയർന്ന വളർച്ചയ്‌ക്കൊപ്പം കുറഞ്ഞ പണപ്പെരുപ്പം ആരോഗ്യകരവും പുരോഗമനപരവുമായ വികസന യാത്രയെ പ്രതിഫലിപ്പിക്കുന്നു.

സുഹൃത്തുക്കളെ,

ലോകമെമ്പാടും ഗണ്യമായ താൽപ്പര്യം സൃഷ്ടിക്കുന്ന ഡിജിറ്റൽ ഇന്ത്യ, യുപിഐ എന്നിവയിലൂടെ ഭാരതത്തിന്റെ പുതിയ കഴിവുകൾ ലോകം ഇപ്പോൾ കാണുകയും തിരിച്ചറിയുകയും ചെയ്യുന്നു. ഫിൻടെക് ലോകത്ത് യുപിഐ സ്വയം ഒരു സവിശേഷ സ്ഥാനം സൃഷ്ടിച്ചിട്ടുണ്ട്. തത്സമയ ഡിജിറ്റൽ ഇടപാടുകളിൽ ഭാരതം ഇപ്പോൾ ലോകത്തെ നയിക്കുന്നു.

സുഹൃത്തുക്കളെ,

അടുത്തിടെ, അന്താരാഷ്ട്ര തൊഴിലാളി സംഘടനയുടെ ഒരു ആഗോള സമ്മേളനം നടന്നു, അവിടെ ഭാരതം ഒരു പ്രധാന നാഴികക്കല്ല് പിന്നിട്ടു. ILO പ്രകാരം, ഭാരതത്തിലെ 90 കോടിയിലധികം ആളുകൾ ഇപ്പോൾ സാമൂഹിക സുരക്ഷയുടെ പരിധിയിൽ വരുന്നു - അത് തന്നെ ഒരു വലിയ നേട്ടമാണ്. അതുപോലെ, ലോകാരോഗ്യ സംഘടന (WHO) ഭാരതത്തെ മഴക്കാലത്ത് സാധാരണയായി കാണപ്പെടുന്ന ഒരു നേത്രരോഗമായ ട്രാക്കോമയിൽ നിന്ന് മുക്തമായതായി പ്രഖ്യാപിച്ചിരുന്നു. പൊതുജനാരോഗ്യ മേഖലയിൽ ഭാരതത്തിന് മറ്റൊരു പ്രധാന നേട്ടമാണിത്.

 

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സുഹൃത്തുക്കളെ,

പഹൽഗാമിലെ ക്രൂരമായ കൊലപാതകങ്ങളും, അതിക്രമങ്ങളും, കൂട്ടക്കൊലയും ലോകത്തെ മുഴുവൻ ഞെട്ടിച്ചു. തീവ്രവാദികളിലേക്കും അവരുടെ സൂത്രധാരന്മാരിലേക്കും ശ്രദ്ധ തിരിഞ്ഞു. ആ നിമിഷം, പാർട്ടി താൽപ്പര്യങ്ങൾ മാറ്റിവെച്ച് ദേശീയ താൽപ്പര്യത്തിനായി പ്രവർത്തിച്ചുകൊണ്ട്, മിക്ക രാഷ്ട്രീയ പാർട്ടികളുടെയും സംസ്ഥാനങ്ങളുടെയും പ്രതിനിധികൾ ലോകമെമ്പാടും വിവിധ രാജ്യങ്ങളിലേക്ക് സഞ്ചരിച്ച് തീവ്രവാദത്തിന്റെ കേന്ദ്രമായ പാകിസ്ഥാനെ ലോകത്തിന് മുന്നിൽ തുറന്നുകാട്ടുന്നതിനായി വിജയകരമായ ഒരു പ്രചാരണത്തിന് നേതൃത്വം നൽകി. ഇന്ന്, ദേശീയ താൽപ്പര്യത്തിനായി നടത്തിയ ഈ സുപ്രധാന പ്രവർത്തനത്തിന് എല്ലാ പാർലമെന്റ് അംഗങ്ങളെയും രാഷ്ട്രീയ പാർട്ടികളെയും ഞാൻ അഭിനന്ദിക്കുന്നു. അവരുടെ ശ്രമങ്ങൾ രാജ്യത്ത് ഒരു പോസിറ്റീവ് അന്തരീക്ഷം സൃഷ്ടിച്ചു. ഭാരതത്തിന്റെ വീക്ഷണം കേൾക്കുന്നതിനും അംഗീകരിക്കുന്നതിനും ലോകം അതിന്റെ വാതിലുകൾ തുറന്നു. ഇതിനായി നമ്മുടെ പാർലമെന്റ് അംഗങ്ങളെയും രാഷ്ട്രീയ പാർട്ടികളെയും അഭിനന്ദിക്കുന്നത് എനിക്ക് ലഭിച്ച ബഹുമതിയായി ഞാൻ കരുതുന്നു.

സുഹൃത്തുക്കളെ,

ഐക്യത്തിന്റെയും കൂട്ടായ ശബ്ദത്തിന്റെയും ചൈതന്യം രാജ്യത്തെ എത്രമാത്രം ആവേശഭരിതരാക്കുന്നുവെന്ന് നമുക്കറിയാം. ഈ വിജയാഘോഷം വർഷകാല സമ്മേളനത്തിലും അതേ ആവേശത്തോടെ പ്രതിഫലിക്കും - ഇത് നമ്മുടെ സായുധ സേനയുടെ ശക്തിയെ അഭിനന്ദിക്കുകയും, രാജ്യത്തിന്റെ കഴിവുകളെ മഹത്വപ്പെടുത്തുകയും, 140 കോടി ഇന്ത്യക്കാർക്ക് പ്രചോദനത്തിന്റെ ഒരു പുതിയ സ്രോതസ്സായി വർത്തിക്കുകയും ചെയ്യും. നാം ഒരുമിച്ച്  പ്രതിരോധ മേഖലയിൽ സ്വാശ്രയത്വത്തിനായുള്ള നമ്മുടെ ശ്രമങ്ങളെ ശക്തിപ്പെടുത്തണമെന്നും, നമ്മുടെ സായുധ സേനയുടെ ശക്തിയെ അഭിനന്ദിക്കണമെന്നും ഞാൻ ഉറച്ചു വിശ്വസിക്കുന്നു. ഇന്ന്, രാജ്യത്തെ ജനങ്ങളോടും എല്ലാ രാഷ്ട്രീയ പാർട്ടികളോടും ഞാൻ പറയുന്നു, ഐക്യത്തിന്റെ ശക്തിയും ഒരു കൂട്ടായ ശബ്ദത്തിന്റെ ശക്തിയും രാജ്യം കണ്ടിട്ടുണ്ട്. ബഹുമാനപ്പെട്ട പാർലമെന്റ് അംഗങ്ങൾ സഭയ്ക്കുള്ളിൽ ഈ മനോഭാവത്തെ ശക്തിപ്പെടുത്തുകയും മുന്നോട്ട് കൊണ്ടുപോകുകയും വേണം. രാഷ്ട്രീയ പാർട്ടികൾ വ്യത്യസ്തമാണെന്ന യാഥാർത്ഥ്യം ഞാൻ അംഗീകരിക്കുന്നു - ഓരോന്നിനും അതിന്റേതായ അജണ്ടയുണ്ട്, അതിന്റേതായ കടമയുണ്ട്. എന്നാൽ ഈ സത്യവും ഞാൻ അംഗീകരിക്കുന്നു: പാർട്ടി താൽപ്പര്യങ്ങൾക്കായി മനസ്സുകൾ ഒത്തുചേരുന്നില്ലെങ്കിലും, ദേശീയ താൽപ്പര്യത്തിനായി അവർ ഒന്നിക്കണം. ഈ വികാരത്തോടെ, രാജ്യത്തിന്റെ വികസന യാത്രയെ ശക്തിപ്പെടുത്തുന്നതും, രാജ്യത്തിന്റെ പുരോഗതിയെ മുന്നോട്ട് കൊണ്ടുപോകുന്നതും, പൗരന്മാരെ ശാക്തീകരിക്കുന്നതും ആയ നിരവധി സുപ്രധാന ബില്ലുകൾ ഈ വർഷകാല സമ്മേളനത്തിൽ നിർദ്ദേശിക്കപ്പെട്ടിട്ടുണ്ട്. സഭ വിശദമായ ചർച്ചകൾ നടത്തി അവ പാസാക്കുമെന്ന് ഞാൻ ഉറച്ച് വിശ്വസിക്കുന്നു.

അർത്ഥവത്തായതും ക്രിയാത്മകവുമായ സംവാദങ്ങൾക്ക് എല്ലാ ബഹുമാനപ്പെട്ട പാർലമെന്റ് അംഗങ്ങൾക്കും എന്റെ ആശംസകൾ.

വളരെ നന്ദി!