Excellencies,
Distinguished members of the Business Council
Ladies and Gentlemen,
I believe, economic forces are becoming increasingly important in global relationships.
Domains like Trade, Technology, Tourism, Talent and Tradition have the power to redefine existing paradigms.
I am thus pleased, that we established, the BRICS Business Council, in Durban, last year.
It is important, that our business leaders lead the effort in promoting trade, investment and manufacturing ties, among our countries.
I appreciate the work done by the Council.
Various enabling agreements, and MoUs; have already been signed between BRICS Development Banks, to promote intra-BRICS trade and investment.
I would suggest the Business Council work in close coordination with the Development Banks, and, the Contact Group on Trade and Investment Issues.
The suggestions presented in the Annual Report are important. The Council should work closely with BRICS Sherpas to see how these suggestions can be taken forward.
I am also happy to note that the Council has gone beyond BRICS to make concrete proposals for contributing to the growth, and development of the larger African region.
India remains committed to partnering with African countries in their developmental initiatives.
I once again, express my appreciation for the good work that has been done.


जय जगन्नाथ!
आज भगवान जगन्नाथ जी के आशीर्वाद से देश के किसानों के लिए बहुत बड़ा अभियान शुरु हो रहा है। ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ अपने आप में यह एक अनोखी पहल है। मानसून दस्तक दे रहा है, खरीफ के मौसम की तैयारी है और ऐसे में आने वाले 12 से 15 दिन तक देश के वैज्ञानिकों की, एक्सपर्ट्स की, अधिकारियों की और प्रगतिशील किसानों की 2 हज़ार से अधिक टोलियां, 2 हज़ार से अधिक टीमें गांव-गांव जा रही हैं। ये टीमें, देश के 700 से अधिक जिलों के करोड़ों किसानों तक पहुंचेंगी। मैं देश के सभी किसानों को, इन टीमों में शामिल सभी साथियों को इस महाअभियान के लिए, बड़े महत्वाकांक्षी कार्यक्रम के लिए और कृषि के उज्ज्वल भविष्य के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।
साथियों,
हमारे यहां कृषि, यह राज्यों का विषय रहा है। सरकारी व्यवस्था के तहत एक स्टेट सब्जेक्ट है। हर राज्य अपनी-अपनी कृषि नीतियां बनाता है, किसानों के हित में कदम उठाता है। लेकिन आज तेजी से बदलते इस समय में भारत की कृषि में भी व्यापक बदलाव लाने की जरूरत है। हमारे किसानों ने रिकॉर्ड उत्पादन करके अन्न के भंडार भरे हैं, लेकिन अब मार्केट भी बदल रहा है और ग्राहक की प्राथमिकता भी बदल गई है। ऐसे में हमारा ये विनम्र प्रयास है कि किसानों को भी और राज्यों की सरकारों को भी और उनके साथ मिलकर कृषि व्यवस्थाओं में बदलाव लाएं, भारत की कृषि और आधुनिक कैसे हो? इस पर किसानों के साथ बैठकर के विचार विमर्श हो, इसलिए इस अभियान के तहत हमारे वैज्ञानिकों की टीम लैब से लैंड, इस एक बड़े महान अभियान को लेकर के आगे जा रही है। सारे डेटा के साथ किसानों को आधुनिक कृषि की जानकारी देगी और सीजन शुरू होने से पहले किसानों की मदद के लिए खड़ी रहेगी।
साथियों,
बीते दशकों में हमारे कृषि वैज्ञानिकों ने अनेक क्षेत्रों में अच्छी रिसर्च की है, बेहतर रिजल्ट लाकर के दिखाए हैं। दूसरी तरफ हमारे देश के प्रगतिशील किसानों ने भी अपने-अपने प्रयोग करके कृषि क्षेत्र में बहुत बदलाव भी लेकर आए हैं, पैदावार भी बढ़ाई है और बड़े सफल प्रयोग किए हैं। वैज्ञानिकों की सफल रिसर्च और प्रगतिशील किसानों के सफल प्रयोग, इनकी ज्यादा से ज्यादा जानकारी हमारे किसानों तक पहुंचनी उतनी ही आवश्यक है। इस दिशा में आप सभी पहले से प्रयास करते रहे हैं, लेकिन अब एक नई ऊर्जा के साथ इस काम को करने की जरूरत है। विकसित कृषि संकल्प अभियान से आपको इसका भरपूर मौका मिलेगा।
साथियों,
विकसित भारत के लिए भारत की कृषि को भी विकसित होना है। ऐसे अनेक विषय हैं, जिन पर केंद्र सरकार का लगातार फोकस है। जैसे किसान को अपनी फसल का सही दाम कैसे मिले? एग्रीकल्चर इकोनॉमी कैसे मजबूत हो? देश की आवश्यकता के अनुरूप कैसे फसलें पैदा हो? कैसे भारत अपनी जरूरत के साथ ही दुनिया की जरूरत भी पूरी करे? दुनिया का फूड बास्केट कैसे बने? कैसे क्लाइमेट चेंज की चुनौती से निपटें? कैसे कम पानी में ज्यादा अनाज उत्पादन करें? कैसे धरती मां को खतरनाक केमिकल्स से बचाया जाए? कैसे खेती को आधुनिक बनाया जाए? विज्ञान और टेक्नोलॉजी खेत तक कैसे पहुंचे? ऐसे अनेक विषयों पर पिछले 10-11 साल में हमारी सरकार ने बहुत काम किया है। अब इस अभियान के तहत, आपको हमारे किसानों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करना है।
साथियों,
एक अहम विषय किसानों को आय के अतिरिक्त साधन मुहैया कराने का भी है। खेतों की जो मेढ़ है, उस पर सोलर पैनलिंग का काम हो। देश में जो स्वीट रिवॉल्यूशन हो रहा है, मधुमक्खी पालने वाले किसानों को लाभ हो रहा है, उससे ज्यादा से ज्यादा किसान कैसे जुड़ें? खेत से निकले जिन अवशेषों को कचरा कहकर फेंक दिया जाता है, उससे कैसे एनर्जी बनाएं? वेस्ट टू वेल्थ क्रिएट कैसे करें? कहां कौन सा श्री अन्न किस खेत में उगाया जा सकता है? किसी उत्पाद में वैल्यू एडिशन कैसे हो? वैसे अब तो जो पशु दूध नहीं देते, वो भी गोबर धन योजना के जरिए पैसे कमाने का जरिया बन रहे हैं। हमें इन सभी के बारे में अपने किसान भाई-बहनों को, उनके साथ बैठकर के, विचार-विमर्श करके, संवाद करके विस्तार से जानकारी देनी है।
साथियों,
भारत की खेती को विकसित भारत का प्रमुख आधार बनाने का ये बहुत बड़ा संकल्प है। मैं अपने किसान भाइयों-बहनों से कहूंगा- जो वैज्ञानिक आपके गांव में पहुंचने वाले हैं, उनसे खूब सारे सवाल करिएगा, और मैं वैज्ञानिकों और अन्य कर्मचारियों से भी कहूंगा, आपके सामने एक बहुत बड़ा मिशन है। जो बीड़ा आप उठा रहे हैं, इसे सिर्फ एक सरकारी काम समझकर नहीं करना है। इसे देश सेवा के जज्बे के साथ करना है। आपको किसानों की हर जिज्ञासा को शांत करना है। साथ ही किसानों के बहुमूल्य सुझावों को भी दर्ज करना है। ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ हमारे अन्नदाताओं के लिए प्रगति के नए द्वार खोलेगा। इसी कामना के साथ पूरी टीम को, सभी किसानों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
धन्यवाद !