Quoteഇന്ത്യയുടെ ഭാവി തീരുമാനിക്കാനുള്ള തിരഞ്ഞെടുപ്പാണിത്, ദുർബ്ബലവും അസ്ഥിരവുമായ കോൺഗ്രസ് സർക്കാരിനെ രാജ്യം ആഗ്രഹിക്കുന്നില്ല: പ്രധാനമന്ത്രി മോദി മുസാഫർപൂരിൽ
Quoteജംഗിൾ രാജ് കാലത്തെ ജീവിതം ഭയപ്പെടുത്തുന്നതായിരുന്നു. ആർജെഡിയുടെ ജംഗിൾ രാജ് ബീഹാറിനെ പതിറ്റാണ്ടുകളായി പിന്നോട്ട് തള്ളിയതായി മുസാഫർപൂരിൽ പ്രധാനമന്ത്രി പറഞ്ഞു.

भारत माता की..

भारत माता की..

भारत माता की।

बाबा गरीबनाथ के ई पावन धरती पर अपने सब के अभिनंदन करई छी। खुदीराम बोस, जुब्बा सहनी और पंडित सहदेव झा के ई वीर भूमि के गोर लगे छी। आज चौथे चरण का मतदान चल रहा है। आप सभी जनता-जनार्दन के आशीर्वाद से बीजेपी और NDA के पक्ष में आंधी चल रही है, आंधी। यहां बिहार में भी जंगलराज वाली पार्टी चारों खाने चित होने जा रही है और मैं हिंदुस्तान में जहां-जहां गया, बिहार में जहां-जहां गया एक ही आवाज आ रही है, एक ही स्वर सुनाई दे रहा है फिर एक बार.. फिर एक बार.. फिर एक बार..।

भाइयों और बहनों,

ये देश का चुनाव है, ये हिंदुस्तान का भविष्य तय करने का चुनाव है, ये चुनाव देश का नेतृत्व चुनने का चुनाव है। कौन है जिसके हाथों में हम ये देश की बागडोर दें, इसका निर्णय करने का चुनाव है। देश कांग्रेस वाली कमज़ोर, डरपोक और अस्थिर सरकार बिल्कुल नहीं चाहता। आप अपने मोहल्ले में भी ढीला- ढाला पुलिस वाला पसंद करते हैं क्या? ढीला- ढाला टीचर पसंद करते हैं क्या? टीचर भी मजबूत चाहिए कि नहीं चाहिए? जरा जवाब दीजिए ना टीचर भी तो मजबूत चाहिए ना, मोहल्ले में पुलिस वाला भी मजबूत चाहिए ना तो फिर देश का प्रधानमंत्री मजबूत होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए, डरपोक प्रधानमंत्री देश चला सकता है क्या? आप कल्पना कर सकते हैं ये लोग इतने डरे हुए हैं, इतने डरे हुए हैं, इनको रात में सपने में भी पाकिस्तान का परमाणु बम दिखाई देता है। अब ऐसी पार्टियां, ऐसे नेता जिनको रात में भी सोते-सोते पाकिस्तान का परमाणु बम दिखाई दे, क्या इनको देश दे सकते हैं क्या? ऐसे लोगों को देश दे सकते हैं क्या? ये कांग्रेस के नेताओं के, इंडी-गठबंधन के नेताओं के कैसे-कैसे बयान आ रहे हैं? कहते हैं कि पाकिस्तान ने चूड़ियां नहीं पहनी हैं, अरे भाई पहना देंगे। अब उनको आटा भी चाहिए, उनके पास बिजली भी नहीं है, अब हमें मालूम नहीं है कि उनके पास चूड़ियां भी नहीं है। कोई मुंबई हमले में पाकिस्तान को क्लीन चिट दे रहा है, कोई सर्जिकल और एयर स्ट्राइक पर सवाल उठा रहा है, ये लेफ्ट वाले तो भारत के परमाणु हथियारों को ही खत्म करना चाहते हैं। ऐसा लगता है जैसे इंडी गठबंधन वालों ने भारत के खिलाफ ही किसी से सुपारी ले ली है। आप मुझे बताइये ऐसे स्वार्थी लोग क्या राष्ट्र रक्षा के लिए कड़े फैसले ले सकते हैं क्या? जरा पूरी ताकत से बताइये कड़े फैसले ले सकते हैं क्या? कड़े फैसले ले सकते हैं क्या? कड़े फैसले ले सकते हैं क्या? ऐसे दल जिनके अंदर कोई ठिकाना नहीं वो भारत को मजबूत बना सकते हैं क्या? मजबूत बना सकते हैं क्या? वो तो मजबूर बनाकर छोड़ेंगे।

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साथियों,

मोदी पूर्वी भारत के राज्यों को अगर हिंदुस्तान के नक्शा को देखें और सीधी लाइन बनायें तो जो पूर्वी भारत है जिसमें हमारा बिहार है, हमारा झारखंड है, हमारा बंगाल है, हमारा ओडिशा है ये जो पूर्वी भारत के राज्य हैं ऐसे राज्यों को विकसित भारत के विकास का ग्रोथ इंजन मानता है। इसलिए मैं विकसित बिहार- विकसित भारत के मंत्र पर काम कर रहा हूं। बिहार में आधुनिक कनेक्टिविटी हो, लोगों का जीवन आसान बनाने का काम हो, युवाओं के लिए नए अवसर बनाने हो, कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाना हो, NDA सरकार हर दिशा में काम कर रही है। मोदी चारों दिशाओं में एक साथ काम करने का स्वभाव रखता है। मुजफ्फरपुर और बिहार के लोगों ने दशकों तक नक्सलवाद का जख्म सहा है। पहले की सरकारों ने नक्सलवाद को पाला-पोसा और उसका आपके खिलाफ इस्तेमाल भी किया। अपराध हो, नक्सलवाद हो, इसकी वजह से बिहार में उद्योग-धंधे सब चौपट हो गए। आपको वो दिन याद हैं ना जब शाम होते ही घर में छिपना पड़ता था, बाहर निकलना बंद हो जाता था, ये जो फर्स्ट टाइम वोटर हैं ना वो तो उस समय पैदा भी नहीं हुए होंगे उनको तो पता ही नहीं होगा कि क्या मुसीबत थी अपने जरा दादा-दादी, पिता-माता को पूछिए जंगलराज की जिंदगी कितनी भयानक थी? कितनी डरावनी थी? आरजेडी के जंगलराज ने बिहार को कई दशक पीछे धकेल दिया था। ये एनडीए की सरकार है जो बिहार में कानून- व्यवस्था को पटरी पर लाई है। अब नक्सलवाद प्रभावित जिले भी तेजी से कम हो रहे हैं। जब शांति स्थापित हो रही है तो उद्योग भी लौट रहे हैं, निवेश भी आ रहा है और आप जानते हैं जब निवेश आता है तो रोजगार के भी मौके बढ़ाता है।

साथियों,

कांग्रेस और RJD का इंडी-गठबंधन, भारत को बांटने में ही जुटा है। ये समाज को आपस में लड़ाकर अपने वोट बैंक के तुष्टिकरण में लगा है। आप लोग जानते हैं ना कर्नाटक कांग्रेस सरकार ने क्या किया? ये समझने जैसा है, कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है उन्होंने क्या किया रातों-रात वहां जितने भी मुस्लिम जातियां हैं सबके-सब 100 परसेंट, सबके सब मुसलमानों को एक रात में हुक्म निकालकर के, ऑर्डर निकालकर के ओबीसी बना दिया। इसके कारण क्या हुआ ओबीसी को जो आरक्षण मिला था उसमें उन्होंने डाका डाला ओबीसी जो हैं पहले वाले उनके पास कुछ बचा ही नहीं अब मुझे बताइये क्या ये मॉडल हम बिहार में लागू होने देंगे क्या? आपके आरक्षण में कोई डाका डाले आपको मंजूर है क्या? आपका आरक्षण कोई लूट ले आपको मंजूर है क्या? और यहां बिहार में जो चारा वाले हैं उन्होंने और भी खतरनाक बात कही है वो तो कहते हैं दलित, महादलित, पिछड़े, अति-पिछड़े, आदिवासी इन लोगों को जो आरक्षण मिलता है वो उनसे लेकर के पूरा का पूरा वो मुसलमानों को देना चाहते हैं। साथियों, ये देश ऐसी कोई भी हरकत नहीं चलने देगा और जो ये दलित, पीड़ित, आदिवासी, वंचित, ओबीसी इनका आरक्षण लूटना चाहते हैं ना वो जरा लिख लो ये मोदी है जान की बाजी लगा दूंगा लेकिन आपको ना ही संविधान को हाथ लगाने दूंगा, ना धर्म के आधार पर आरक्षण करने दूंगा और ना ही एससी-एसटी-ओबीसी का आरक्षण छीनने दूंगा और इसलिए मोदी किसी को धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं देने देगा और ये मोदी की गारंटी है।

साथियों,

हमारी प्रतिबद्धता- बिहार के युवाओं के सपनों को पूरा करना है। यहां नीतीश जी के नेतृत्व में लाखों सरकारी नौकरियां बिहार सरकार ने दी है, एनडीए सरकार ने दी है। केंद्र सरकार ने भी रोज़गार मेलों के ज़रिए, लाखों भर्तियों की योजना को और हमने तो इतने सुधार किए पहले नौकरी भर्ती में दो-दो साल तो कागजी काम चलता था, मैंने इसको कम कर करके एक साल में 10 लाख लोगों की भर्ती करने की ताकत पैदा कर दी है। बिहार में 8 नए मेडिकल कॉलेज स्वीकृत हुए हैं, बिहार में 10 हजार से ज्यादा आयुष्मान आरोग्य मंदिर बने हैं, बिहार में 400 से ज्यादा जन औषधि केंद्र खुले हैं। राज्य के गांवों में 60 हजार से ज्यादा कॉमन सर्विस सेंटर खोले गए हैं, मुझे बताइये ये सारा इतना हो रहा है इनमें कौन काम कर रहा है? नौजवान को रोजगार मिले बिना ये काम होता होगा क्या? आज देश में लाखों कॉमन सर्विस सेंटर गांव-गांव चल रहे हैं, ये मेरे नौजवान नहीं चला रहा है तो कौन चला रहा है? रोजगार नहीं होता तो कैसे चलता?

भाइयों और बहनों,

यहां बड़ी संख्या में हमारी मातायें- बहनें आई हैं। आप ज़रा याद कीजिए 10 साल पहले महंगाई की स्थिति क्या थी? तब एक ही गाना चलता था और बिहार में तो बहुत चलता था, महंगाई डायन खाए जात है, महंगाई डायन खाए जात है। तब महीने की 20 हजार की आमदनी पर कांग्रेस सरकार आके कहती थी कि टैक्स दो। आज मोदी ने ऐसा सुधार किया है कि 50-60 हजार रुपए की आय तक आपको एक नया पैसा भी टैक्स नहीं देना होगा। अब ये बचत हुई है कि नहीं हुई। तब गरीब तो फोन भी नहीं रख सकता था। फोन करना भी महंगा था। आज तो हर किसी के पास यहां जितने भी लोग बैठे हैं ना 80 परसेंट लोगों के हाथ में मोबाइल होगा और बिल भी बहुत कम आता है।

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साथियों,

कांग्रेस सरकार में गरीब परिवारों की बहनों के लिए तो रसोई चलाना और भी मुश्किल था। तब मोदी नहीं था तो आपको मुफ्त अनाज और मुफ्त इलाज भी नहीं मिलता था। मुफ्त राशन की योजना ने गरीबों के 10 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा बचाए हैं। वरना ये पैसे उनके अनाज खरीदने में जाते हैं, 10 लाख करोड़ रुपये इस देश के लोगों के जेब में बचे हैं। हमने जो मुफ्त योजनाएं चलाई हैं उस मुफ्त इलाज के आयुष्मान योजना ने गरीबों के सवा लाख करोड़ रुपए से ज्यादा बीमारी के समय होने वाले खर्चे मोदी कर रहा है इसलिए आपके पैसे बच गए। जन औषधि केंद्रों में 80 परसेंट डिस्काउंट से दवाई बेचते हैं हम। 100 रुपये की दवाई 20 रुपये, 15 रुपये, 8 रुपये ऐसे मिलती है। ये सस्ती दवाई के कारण आज देशवासियों के गरीब दवाई में दो खर्चा होता था उसमें 30 हजार रुपये कम होकर के, 30 हजार रुपये की बचत हुई है।

साथियों,

हर परिवार की बचत बढ़ाने वाली एक और गारंटी मोदी ने दी है। अब बिहार के हर परिवार में जितने भी बुजुर्ग हैं, जिनकी उम्र 70 साल से ऊपर है, 70 साल से ऊपर जो भी है आपके घर में कुछ ना कुछ दवाई तो लगती ही लगती है, हजार- दो हजार रुपये की दवाई तो लग ही जाती है और जो बेटा मेहनत करता है, बेटी मेहनत करती हैं उसी को खर्चा भोगना पड़ता है वो अपने बच्चों के लिए खर्च नहीं कर पाता है, बुजुर्ग मां-बाप के लिए करना होता है अब मैं आपको कहता हूं आपको वो खर्चा नहीं करना पड़ेगा दिल्ली में आपका बेटा बैठा है, वो खर्चा मोदी करेगा। 5 लाख रुपए तक 70 साल से ऊपर के लोगों का इलाज का खर्चा मोदी करेगा। मैं बिहार के सारे युवाओं को कहूंगा अब ये चिंता छोड़ दीजिए कि बुजुर्ग माई-बाबू के इलाज के लिए पैसे कहां से आएंगे? अब उनका मुफ्त इलाज होगा और इसका इंतजाम अपने तीसरे कार्यकाल, तीसरी बार जब मैं सरकार बनाऊंगा, मोदी खुद इस काम को करेगा।

साथियों,

कांग्रेस के समय में ये बल्ब आता है ना लट्टू, एक एलईडी बल्ब 400 रुपये में आता था मोदी ने इसकी कीमत घटाकर 40-50 रुपये कर दी, घर-घर में सस्ता एलईडी बल्ब पहुंचा कर भी सरकार ने गरीब और मध्यम वर्ग की बिजली बिल में 20,000 करोड़ रुपए बचाए हैं। साथियों, मोदी ने आपका डबल मुनाफा करने वाली भी एक और योजना बनाई है। डबल मुनाफा, इस योजना से आपकी बिजली का बिल हो जाएगा जीरो, बिजली का बिल जरा- बोलो ना, बिजली का बिल, बिजली का बिल, जीरो। इतना ही नहीं आप घर में बिजली पैदा करके आप हीरो बन जाएंगे इस योजना का नाम है पीएम सूर्यगढ़ मुफ्त बिजली योजना और उसका रजिस्ट्रेशन चालू है सरकार ने ये योजना लॉन्च कर दी है। आपको भी मैं कहूंगा ऑनलाइन जाकर के अप्लाई कर दीजिए। इसके तहत छत पर सोलर पैनल लगाने के लिए सरकार आपको 75 हजार रुपये देगी, 75 हजार रुपये। जितनी बिजली चाहिए मुफ्त उपयोग करो और बाकी बिजली सरकार को बेच दो। यानी आपके घर के बिजली का बिल जीरो और ऊपर से बिजली बेचकर के कमाई। ये योजना मोदी लाया है।

भाइयों और बहनों,

किसानों का हित, एनडीए की प्राथमिकता है। बिहार के लाखों किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के 22 हजार करोड़ रुपए मिले हैं। 22 हजार करोड़ आंकड़ा छोटा नहीं है जी उसकी जेब में 22 हजार करोड़ रुपये गया है। बिहार के गांव में 22 हजार करोड़ रुपया जाता है ना तो बिहार की इकोनॉमी दौड़ने लगती है। इससे यहां लीची, आम और दूसरी फसल उगाने वाले किसानों को बहुत फायदा हुआ है। ये हमारी सरकार है जिसने मुजफ्फरपुर की लीची को जीआई टैग दिया है, अब बीजेपी ने एक और बड़ी घोषणा की है आने वाले 5 साल में हम फल- सब्जियों के लिए विशेष स्टोरेज क्लस्टर बनाने वाले हैं। यही नहीं आने वाले पांच साल में फूड प्रोसेसिंग के लिए भी हम तेजी से काम करेंगे।

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साथियों,

हमारी सरकार की प्राथमिकता मछली पालन से जुड़े भाई- बहन भी है इन्हें मत्स्य संपदा योजना से हजारों करोड़ रुपए की मदद दी गई है। ये हमारी ही सरकार है जिसने किसान क्रेडिट कार्ड से मछुआरों को भी जोड़ा है और देश में पहली बार मछुआरों के लिए अलग मंत्रालय बनाया। 75 साल हुआ किसी ने नहीं बनाया, मोदी ने बनाया। मछुआरों के लिए अलग मंत्रालय, अलग बजट, अलग योजना सिर्फ और सिर्फ मछुआरों के लिए।

साथियों,

बिहार में रेल, रोड, एयरपोर्ट जितने भी काम यहां चल रहे हैं, वो तेज़ी से पूरे हों। विकसित बिहार विकसित होने के रास्ते पर तेजी से चले इसके लिए मुजफ्फरपुर से हमारे साथी राजभूषण चौधरी निषाद जी और वैशाली से वीणा देवी जी को भारी वोटों से विजयी बनाना है और जब आप इनको वोट देंगे ना तो वोट सीधा-सीधा मोदी के खाते में जाएगा, तो आप ज्यादा से ज्यादा वोट करवाएंगे, पोलिंग बूथ जीतेंगे। अच्छा मेरा एक काम करेंगे, घर-घर जाइएगा और कहिएगा कि हमारे मोदी जी आए थे और मोदी जी ने परिवार के सबको जय श्री राम कहा है, मेरा जय श्री राम पहुंचा दोगे, हर परिवार में पहुंचा दोगे, बोलिए भारत माता की..

भारत माता की..

भारत माता की..

बहुत-बहुत धन्यवाद।

 

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78-ാം സ്വാതന്ത്ര്യ ദിനത്തില്‍ ചുവപ്പ് കോട്ടയില്‍ നിന്ന് പ്രധാനമന്ത്രി ശ്രീ നരേന്ദ്ര മോദി നടത്തിയ പ്രസംഗം

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Rs 30,000 Crore Saved Via Jan Aushadhi Kendras In Last 10 Years; Over 15,000 Centres Opened, Nearly 10,000 More Planned: Government

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Today, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM Modi in TV9 Summit
March 28, 2025
QuoteToday, the world's eyes are on India: PM
QuoteIndia's youth is rapidly becoming skilled and driving innovation forward: PM
Quote"India First" has become the mantra of India's foreign policy: PM
QuoteToday, India is not just participating in the world order but also contributing to shaping and securing the future: PM
QuoteIndia has given Priority to humanity over monopoly: PM
QuoteToday, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM

श्रीमान रामेश्वर गारु जी, रामू जी, बरुन दास जी, TV9 की पूरी टीम, मैं आपके नेटवर्क के सभी दर्शकों का, यहां उपस्थित सभी महानुभावों का अभिनंदन करता हूं, इस समिट के लिए बधाई देता हूं।

TV9 नेटवर्क का विशाल रीजनल ऑडियंस है। और अब तो TV9 का एक ग्लोबल ऑडियंस भी तैयार हो रहा है। इस समिट में अनेक देशों से इंडियन डायस्पोरा के लोग विशेष तौर पर लाइव जुड़े हुए हैं। कई देशों के लोगों को मैं यहां से देख भी रहा हूं, वे लोग वहां से वेव कर रहे हैं, हो सकता है, मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं। मैं यहां नीचे स्क्रीन पर हिंदुस्तान के अनेक शहरों में बैठे हुए सब दर्शकों को भी उतने ही उत्साह, उमंग से देख रहा हूं, मेरी तरफ से उनका भी स्वागत है।

साथियों,

आज विश्व की दृष्टि भारत पर है, हमारे देश पर है। दुनिया में आप किसी भी देश में जाएं, वहां के लोग भारत को लेकर एक नई जिज्ञासा से भरे हुए हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ कि जो देश 70 साल में ग्यारहवें नंबर की इकोनॉमी बना, वो महज 7-8 साल में पांचवे नंबर की इकोनॉमी बन गया? अभी IMF के नए आंकड़े सामने आए हैं। वो आंकड़े कहते हैं कि भारत, दुनिया की एकमात्र मेजर इकोनॉमी है, जिसने 10 वर्षों में अपने GDP को डबल किया है। बीते दशक में भारत ने दो लाख करोड़ डॉलर, अपनी इकोनॉमी में जोड़े हैं। GDP का डबल होना सिर्फ आंकड़ों का बदलना मात्र नहीं है। इसका impact देखिए, 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, और ये 25 करोड़ लोग एक नियो मिडिल क्लास का हिस्सा बने हैं। ये नियो मिडिल क्लास, एक प्रकार से नई ज़िंदगी शुरु कर रहा है। ये नए सपनों के साथ आगे बढ़ रहा है, हमारी इकोनॉमी में कंट्रीब्यूट कर रहा है, और उसको वाइब्रेंट बना रहा है। आज दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी हमारे भारत में है। ये युवा, तेज़ी से स्किल्ड हो रहा है, इनोवेशन को गति दे रहा है। और इन सबके बीच, भारत की फॉरेन पॉलिसी का मंत्र बन गया है- India First, एक जमाने में भारत की पॉलिसी थी, सबसे समान रूप से दूरी बनाकर चलो, Equi-Distance की पॉलिसी, आज के भारत की पॉलिसी है, सबके समान रूप से करीब होकर चलो, Equi-Closeness की पॉलिसी। दुनिया के देश भारत की ओपिनियन को, भारत के इनोवेशन को, भारत के एफर्ट्स को, जैसा महत्व आज दे रहे हैं, वैसा पहले कभी नहीं हुआ। आज दुनिया की नजर भारत पर है, आज दुनिया जानना चाहती है, What India Thinks Today.

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साथियों,

भारत आज, वर्ल्ड ऑर्डर में सिर्फ पार्टिसिपेट ही नहीं कर रहा, बल्कि फ्यूचर को शेप और सेक्योर करने में योगदान दे रहा है। दुनिया ने ये कोरोना काल में अच्छे से अनुभव किया है। दुनिया को लगता था कि हर भारतीय तक वैक्सीन पहुंचने में ही, कई-कई साल लग जाएंगे। लेकिन भारत ने हर आशंका को गलत साबित किया। हमने अपनी वैक्सीन बनाई, हमने अपने नागरिकों का तेज़ी से वैक्सीनेशन कराया, और दुनिया के 150 से अधिक देशों तक दवाएं और वैक्सीन्स भी पहुंचाईं। आज दुनिया, और जब दुनिया संकट में थी, तब भारत की ये भावना दुनिया के कोने-कोने तक पहुंची कि हमारे संस्कार क्या हैं, हमारा तौर-तरीका क्या है।

साथियों,

अतीत में दुनिया ने देखा है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब भी कोई वैश्विक संगठन बना, उसमें कुछ देशों की ही मोनोपोली रही। भारत ने मोनोपोली नहीं बल्कि मानवता को सर्वोपरि रखा। भारत ने, 21वीं सदी के ग्लोबल इंस्टीट्यूशन्स के गठन का रास्ता बनाया, और हमने ये ध्यान रखा कि सबकी भागीदारी हो, सबका योगदान हो। जैसे प्राकृतिक आपदाओं की चुनौती है। देश कोई भी हो, इन आपदाओं से इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान होता है। आज ही म्यांमार में जो भूकंप आया है, आप टीवी पर देखें तो बहुत बड़ी-बड़ी इमारतें ध्वस्त हो रही हैं, ब्रिज टूट रहे हैं। और इसलिए भारत ने Coalition for Disaster Resilient Infrastructure - CDRI नाम से एक वैश्विक नया संगठन बनाने की पहल की। ये सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयार करने का संकल्प है। भारत का प्रयास है, प्राकृतिक आपदा से, पुल, सड़कें, बिल्डिंग्स, पावर ग्रिड, ऐसा हर इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षित रहे, सुरक्षित निर्माण हो।

साथियों,

भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए हर देश का मिलकर काम करना बहुत जरूरी है। ऐसी ही एक चुनौती है, हमारे एनर्जी रिसोर्सेस की। इसलिए पूरी दुनिया की चिंता करते हुए भारत ने International Solar Alliance (ISA) का समाधान दिया है। ताकि छोटे से छोटा देश भी सस्टेनबल एनर्जी का लाभ उठा सके। इससे क्लाइमेट पर तो पॉजिटिव असर होगा ही, ये ग्लोबल साउथ के देशों की एनर्जी नीड्स को भी सिक्योर करेगा। और आप सबको ये जानकर गर्व होगा कि भारत के इस प्रयास के साथ, आज दुनिया के सौ से अधिक देश जुड़ चुके हैं।

साथियों,

बीते कुछ समय से दुनिया, ग्लोबल ट्रेड में असंतुलन और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी challenges का सामना कर रही है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए भी भारत ने दुनिया के साथ मिलकर नए प्रयास शुरु किए हैं। India–Middle East–Europe Economic Corridor (IMEC), ऐसा ही एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। ये प्रोजेक्ट, कॉमर्स और कनेक्टिविटी के माध्यम से एशिया, यूरोप और मिडिल ईस्ट को जोड़ेगा। इससे आर्थिक संभावनाएं तो बढ़ेंगी ही, दुनिया को अल्टरनेटिव ट्रेड रूट्स भी मिलेंगे। इससे ग्लोबल सप्लाई चेन भी और मजबूत होगी।

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साथियों,

ग्लोबल सिस्टम्स को, अधिक पार्टिसिपेटिव, अधिक डेमोक्रेटिक बनाने के लिए भी भारत ने अनेक कदम उठाए हैं। और यहीं, यहीं पर ही भारत मंडपम में जी-20 समिट हुई थी। उसमें अफ्रीकन यूनियन को जी-20 का परमानेंट मेंबर बनाया गया है। ये बहुत बड़ा ऐतिहासिक कदम था। इसकी मांग लंबे समय से हो रही थी, जो भारत की प्रेसीडेंसी में पूरी हुई। आज ग्लोबल डिसीजन मेकिंग इंस्टीट्यूशन्स में भारत, ग्लोबल साउथ के देशों की आवाज़ बन रहा है। International Yoga Day, WHO का ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के लिए ग्लोबल फ्रेमवर्क, ऐसे कितने ही क्षेत्रों में भारत के प्रयासों ने नए वर्ल्ड ऑर्डर में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है, और ये तो अभी शुरूआत है, ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भारत का सामर्थ्य नई ऊंचाई की तरफ बढ़ रहा है।

साथियों,

21वीं सदी के 25 साल बीत चुके हैं। इन 25 सालों में 11 साल हमारी सरकार ने देश की सेवा की है। और जब हम What India Thinks Today उससे जुड़ा सवाल उठाते हैं, तो हमें ये भी देखना होगा कि Past में क्या सवाल थे, क्या जवाब थे। इससे TV9 के विशाल दर्शक समूह को भी अंदाजा होगा कि कैसे हम, निर्भरता से आत्मनिर्भरता तक, Aspirations से Achievement तक, Desperation से Development तक पहुंचे हैं। आप याद करिए, एक दशक पहले, गांव में जब टॉयलेट का सवाल आता था, तो माताओं-बहनों के पास रात ढलने के बाद और भोर होने से पहले का ही जवाब होता था। आज उसी सवाल का जवाब स्वच्छ भारत मिशन से मिलता है। 2013 में जब कोई इलाज की बात करता था, तो महंगे इलाज की चर्चा होती थी। आज उसी सवाल का समाधान आयुष्मान भारत में नजर आता है। 2013 में किसी गरीब की रसोई की बात होती थी, तो धुएं की तस्वीर सामने आती थी। आज उसी समस्या का समाधान उज्ज्वला योजना में दिखता है। 2013 में महिलाओं से बैंक खाते के बारे में पूछा जाता था, तो वो चुप्पी साध लेती थीं। आज जनधन योजना के कारण, 30 करोड़ से ज्यादा बहनों का अपना बैंक अकाउंट है। 2013 में पीने के पानी के लिए कुएं और तालाबों तक जाने की मजबूरी थी। आज उसी मजबूरी का हल हर घर नल से जल योजना में मिल रहा है। यानि सिर्फ दशक नहीं बदला, बल्कि लोगों की ज़िंदगी बदली है। और दुनिया भी इस बात को नोट कर रही है, भारत के डेवलपमेंट मॉडल को स्वीकार रही है। आज भारत सिर्फ Nation of Dreams नहीं, बल्कि Nation That Delivers भी है।

साथियों,

जब कोई देश, अपने नागरिकों की सुविधा और समय को महत्व देता है, तब उस देश का समय भी बदलता है। यही आज हम भारत में अनुभव कर रहे हैं। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। पहले पासपोर्ट बनवाना कितना बड़ा काम था, ये आप जानते हैं। लंबी वेटिंग, बहुत सारे कॉम्प्लेक्स डॉक्यूमेंटेशन का प्रोसेस, अक्सर राज्यों की राजधानी में ही पासपोर्ट केंद्र होते थे, छोटे शहरों के लोगों को पासपोर्ट बनवाना होता था, तो वो एक-दो दिन कहीं ठहरने का इंतजाम करके चलते थे, अब वो हालात पूरी तरह बदल गया है, एक आंकड़े पर आप ध्यान दीजिए, पहले देश में सिर्फ 77 पासपोर्ट सेवा केंद्र थे, आज इनकी संख्या 550 से ज्यादा हो गई है। पहले पासपोर्ट बनवाने में, और मैं 2013 के पहले की बात कर रहा हूं, मैं पिछले शताब्दी की बात नहीं कर रहा हूं, पासपोर्ट बनवाने में जो वेटिंग टाइम 50 दिन तक होता था, वो अब 5-6 दिन तक सिमट गया है।

साथियों,

ऐसा ही ट्रांसफॉर्मेशन हमने बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में भी देखा है। हमारे देश में 50-60 साल पहले बैंकों का नेशनलाइजेशन किया गया, ये कहकर कि इससे लोगों को बैंकिंग सुविधा सुलभ होगी। इस दावे की सच्चाई हम जानते हैं। हालत ये थी कि लाखों गांवों में बैंकिंग की कोई सुविधा ही नहीं थी। हमने इस स्थिति को भी बदला है। ऑनलाइन बैंकिंग तो हर घर में पहुंचाई है, आज देश के हर 5 किलोमीटर के दायरे में कोई न कोई बैंकिंग टच प्वाइंट जरूर है। और हमने सिर्फ बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का ही दायरा नहीं बढ़ाया, बल्कि बैंकिंग सिस्टम को भी मजबूत किया। आज बैंकों का NPA बहुत कम हो गया है। आज बैंकों का प्रॉफिट, एक लाख 40 हज़ार करोड़ रुपए के नए रिकॉर्ड को पार कर चुका है। और इतना ही नहीं, जिन लोगों ने जनता को लूटा है, उनको भी अब लूटा हुआ धन लौटाना पड़ रहा है। जिस ED को दिन-रात गालियां दी जा रही है, ED ने 22 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक वसूले हैं। ये पैसा, कानूनी तरीके से उन पीड़ितों तक वापिस पहुंचाया जा रहा है, जिनसे ये पैसा लूटा गया था।

साथियों,

Efficiency से गवर्नमेंट Effective होती है। कम समय में ज्यादा काम हो, कम रिसोर्सेज़ में अधिक काम हो, फिजूलखर्ची ना हो, रेड टेप के बजाय रेड कार्पेट पर बल हो, जब कोई सरकार ये करती है, तो समझिए कि वो देश के संसाधनों को रिस्पेक्ट दे रही है। और पिछले 11 साल से ये हमारी सरकार की बड़ी प्राथमिकता रहा है। मैं कुछ उदाहरणों के साथ अपनी बात बताऊंगा।

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साथियों,

अतीत में हमने देखा है कि सरकारें कैसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिनिस्ट्रीज में accommodate करने की कोशिश करती थीं। लेकिन हमारी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही कई मंत्रालयों का विलय कर दिया। आप सोचिए, Urban Development अलग मंत्रालय था और Housing and Urban Poverty Alleviation अलग मंत्रालय था, हमने दोनों को मर्ज करके Housing and Urban Affairs मंत्रालय बना दिया। इसी तरह, मिनिस्ट्री ऑफ ओवरसीज़ अफेयर्स अलग था, विदेश मंत्रालय अलग था, हमने इन दोनों को भी एक साथ जोड़ दिया, पहले जल संसाधन, नदी विकास मंत्रालय अलग था, और पेयजल मंत्रालय अलग था, हमने इन्हें भी जोड़कर जलशक्ति मंत्रालय बना दिया। हमने राजनीतिक मजबूरी के बजाय, देश की priorities और देश के resources को आगे रखा।

साथियों,

हमारी सरकार ने रूल्स और रेगुलेशन्स को भी कम किया, उन्हें आसान बनाया। करीब 1500 ऐसे कानून थे, जो समय के साथ अपना महत्व खो चुके थे। उनको हमारी सरकार ने खत्म किया। करीब 40 हज़ार, compliances को हटाया गया। ऐसे कदमों से दो फायदे हुए, एक तो जनता को harassment से मुक्ति मिली, और दूसरा, सरकारी मशीनरी की एनर्जी भी बची। एक और Example GST का है। 30 से ज्यादा टैक्सेज़ को मिलाकर एक टैक्स बना दिया गया है। इसको process के, documentation के हिसाब से देखें तो कितनी बड़ी बचत हुई है।

साथियों,

सरकारी खरीद में पहले कितनी फिजूलखर्ची होती थी, कितना करप्शन होता था, ये मीडिया के आप लोग आए दिन रिपोर्ट करते थे। हमने, GeM यानि गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म बनाया। अब सरकारी डिपार्टमेंट, इस प्लेटफॉर्म पर अपनी जरूरतें बताते हैं, इसी पर वेंडर बोली लगाते हैं और फिर ऑर्डर दिया जाता है। इसके कारण, भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम हुई है, और सरकार को एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की बचत भी हुई है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर- DBT की जो व्यवस्था भारत ने बनाई है, उसकी तो दुनिया में चर्चा है। DBT की वजह से टैक्स पेयर्स के 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा, गलत हाथों में जाने से बचे हैं। 10 करोड़ से ज्यादा फर्ज़ी लाभार्थी, जिनका जन्म भी नहीं हुआ था, जो सरकारी योजनाओं का फायदा ले रहे थे, ऐसे फर्जी नामों को भी हमने कागजों से हटाया है।

साथियों,

 

हमारी सरकार टैक्स की पाई-पाई का ईमानदारी से उपयोग करती है, और टैक्सपेयर का भी सम्मान करती है, सरकार ने टैक्स सिस्टम को टैक्सपेयर फ्रेंडली बनाया है। आज ITR फाइलिंग का प्रोसेस पहले से कहीं ज्यादा सरल और तेज़ है। पहले सीए की मदद के बिना, ITR फाइल करना मुश्किल होता था। आज आप कुछ ही समय के भीतर खुद ही ऑनलाइन ITR फाइल कर पा रहे हैं। और रिटर्न फाइल करने के कुछ ही दिनों में रिफंड आपके अकाउंट में भी आ जाता है। फेसलेस असेसमेंट स्कीम भी टैक्सपेयर्स को परेशानियों से बचा रही है। गवर्नेंस में efficiency से जुड़े ऐसे अनेक रिफॉर्म्स ने दुनिया को एक नया गवर्नेंस मॉडल दिया है।

साथियों,

पिछले 10-11 साल में भारत हर सेक्टर में बदला है, हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है। और एक बड़ा बदलाव सोच का आया है। आज़ादी के बाद के अनेक दशकों तक, भारत में ऐसी सोच को बढ़ावा दिया गया, जिसमें सिर्फ विदेशी को ही बेहतर माना गया। दुकान में भी कुछ खरीदने जाओ, तो दुकानदार के पहले बोल यही होते थे – भाई साहब लीजिए ना, ये तो इंपोर्टेड है ! आज स्थिति बदल गई है। आज लोग सामने से पूछते हैं- भाई, मेड इन इंडिया है या नहीं है?

साथियों,

आज हम भारत की मैन्युफैक्चरिंग एक्सीलेंस का एक नया रूप देख रहे हैं। अभी 3-4 दिन पहले ही एक न्यूज आई है कि भारत ने अपनी पहली MRI मशीन बना ली है। अब सोचिए, इतने दशकों तक हमारे यहां स्वदेशी MRI मशीन ही नहीं थी। अब मेड इन इंडिया MRI मशीन होगी तो जांच की कीमत भी बहुत कम हो जाएगी।

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साथियों,

आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियान ने, देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को एक नई ऊर्जा दी है। पहले दुनिया भारत को ग्लोबल मार्केट कहती थी, आज वही दुनिया, भारत को एक बड़े Manufacturing Hub के रूप में देख रही है। ये सक्सेस कितनी बड़ी है, इसके उदाहरण आपको हर सेक्टर में मिलेंगे। जैसे हमारी मोबाइल फोन इंडस्ट्री है। 2014-15 में हमारा एक्सपोर्ट, वन बिलियन डॉलर तक भी नहीं था। लेकिन एक दशक में, हम ट्वेंटी बिलियन डॉलर के फिगर से भी आगे निकल चुके हैं। आज भारत ग्लोबल टेलिकॉम और नेटवर्किंग इंडस्ट्री का एक पावर सेंटर बनता जा रहा है। Automotive Sector की Success से भी आप अच्छी तरह परिचित हैं। इससे जुड़े Components के एक्सपोर्ट में भी भारत एक नई पहचान बना रहा है। पहले हम बहुत बड़ी मात्रा में मोटर-साइकल पार्ट्स इंपोर्ट करते थे। लेकिन आज भारत में बने पार्ट्स UAE और जर्मनी जैसे अनेक देशों तक पहुंच रहे हैं। सोलर एनर्जी सेक्टर ने भी सफलता के नए आयाम गढ़े हैं। हमारे सोलर सेल्स, सोलर मॉड्यूल का इंपोर्ट कम हो रहा है और एक्सपोर्ट्स 23 गुना तक बढ़ गए हैं। बीते एक दशक में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट भी 21 गुना बढ़ा है। ये सारी अचीवमेंट्स, देश की मैन्युफैक्चरिंग इकोनॉमी की ताकत को दिखाती है। ये दिखाती है कि भारत में कैसे हर सेक्टर में नई जॉब्स भी क्रिएट हो रही हैं।

साथियों,

TV9 की इस समिट में, विस्तार से चर्चा होगी, अनेक विषयों पर मंथन होगा। आज हम जो भी सोचेंगे, जिस भी विजन पर आगे बढ़ेंगे, वो हमारे आने वाले कल को, देश के भविष्य को डिजाइन करेगा। पिछली शताब्दी के इसी दशक में, भारत ने एक नई ऊर्जा के साथ आजादी के लिए नई यात्रा शुरू की थी। और हमने 1947 में आजादी हासिल करके भी दिखाई। अब इस दशक में हम विकसित भारत के लक्ष्य के लिए चल रहे हैं। और हमें 2047 तक विकसित भारत का सपना जरूर पूरा करना है। और जैसा मैंने लाल किले से कहा है, इसमें सबका प्रयास आवश्यक है। इस समिट का आयोजन कर, TV9 ने भी अपनी तरफ से एक positive initiative लिया है। एक बार फिर आप सभी को इस समिट की सफलता के लिए मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं हैं।

मैं TV9 को विशेष रूप से बधाई दूंगा, क्योंकि पहले भी मीडिया हाउस समिट करते रहे हैं, लेकिन ज्यादातर एक छोटे से फाइव स्टार होटल के कमरे में, वो समिट होती थी और बोलने वाले भी वही, सुनने वाले भी वही, कमरा भी वही। TV9 ने इस परंपरा को तोड़ा और ये जो मॉडल प्लेस किया है, 2 साल के भीतर-भीतर देख लेना, सभी मीडिया हाउस को यही करना पड़ेगा। यानी TV9 Thinks Today वो बाकियों के लिए रास्ता खोल देगा। मैं इस प्रयास के लिए बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, आपकी पूरी टीम को, और सबसे बड़ी खुशी की बात है कि आपने इस इवेंट को एक मीडिया हाउस की भलाई के लिए नहीं, देश की भलाई के लिए आपने उसकी रचना की। 50,000 से ज्यादा नौजवानों के साथ एक मिशन मोड में बातचीत करना, उनको जोड़ना, उनको मिशन के साथ जोड़ना और उसमें से जो बच्चे सिलेक्ट होकर के आए, उनकी आगे की ट्रेनिंग की चिंता करना, ये अपने आप में बहुत अद्भुत काम है। मैं आपको बहुत बधाई देता हूं। जिन नौजवानों से मुझे यहां फोटो निकलवाने का मौका मिला है, मुझे भी खुशी हुई कि देश के होनहार लोगों के साथ, मैं अपनी फोटो निकलवा पाया। मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं दोस्तों कि आपके साथ मेरी फोटो आज निकली है। और मुझे पक्का विश्वास है कि सारी युवा पीढ़ी, जो मुझे दिख रही है, 2047 में जब देश विकसित भारत बनेगा, सबसे ज्यादा बेनिफिशियरी आप लोग हैं, क्योंकि आप उम्र के उस पड़ाव पर होंगे, जब भारत विकसित होगा, आपके लिए मौज ही मौज है। आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद।