INDI സഖ്യത്തിന് നിലവിൽ നേതൃത്വവും ഭാവിയിലേക്കുള്ള കാഴ്ചപ്പാടും ഇല്ല: പ്രധാനമന്ത്രി മോദി ചിക്കബല്ലാപ്പൂരിൽ
ഞാൻ യഥാർത്ഥ ഉദ്ദേശ്യത്തോടെ പദ്ധതികൾ തയ്യാറാക്കുക മാത്രമല്ല അവയ്ക്ക് ഉറപ്പ് നൽകുകയും ചെയ്യുന്നു: പ്രധാനമന്ത്രി മോദി ചിക്കബല്ലാപ്പൂരിൽ
മോദി സർക്കാരിന്റെ പദ്ധതികളുടെ ഏറ്റവും വലിയ ഗുണഭോക്താക്കൾ എസ്‌സി/എസ്‌ടി/ഒബിസി കുടുംബങ്ങളാണ്: പ്രധാനമന്ത്രി മോദി ചിക്കബല്ലാപ്പൂരിൽ

भारत माता की... भारत माता की...

चिक्काबल्लापुरदा, नन्ना सोदारा सोदरियारिगे, नमस्कारगड़ु ! संत कैवारा तातैया और सर एम विश्वेश्वरैया की इस धरती पर आप सभी जनता-जनार्दन के दर्शन ये मेरा बहुत बड़ा सौभाग्य है।

साथियों,

First phase की वोटिंग ने देश का उत्साह बढ़ा दिया है और ये उत्साह मुझे यहां भी नजर आ रहा है। पहले फेज में वोटिंग NDA के पक्ष में हुई है, विकसित भारत के पक्ष में हुई है। और मैं आदरणीय देवगौड़ा जी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। 90 साल की आयु में जो ऊर्जा है जो कमिटमेंट है, मेरे जैसे युवक को भी उनसे बहुत प्रेरणा मिलती है। और मैं भाषा तो नहीं समझ पाया, लेकिन मैं अनुभव कर रहा था कि कर्नाटक के प्रति उनका जो कमिटमेंट है, आज की कर्नाटक की दुर्दशा, इसका उनके दिल में जो दर्द है, और उनकी वाणी में जो जोश है ये कर्नाटक के उज्ज्वल भविष्य का गवाही दे रहा है। मैं देवगौड़ा जी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं उनके आशीर्वाद के लिए। देवगौड़ा जी ने इंडी गठबंधन के एक-एक पात्र का बढ़िया वर्णन किया है। इसलिए मैं उसमें जाना नहीं चाहता हूं, लेकिन इंडी गठबंधन के पास वैसे भी प्रेजेंट में कोई लीडर नहीं है, और फ्यूचर के लिए कोई विजन नहीं और उनकी हिस्ट्री स्कैम की रही है। चिक्काबल्लापुर और कोलार का मैसेज भी साफ है फिर एक बार... फिर एक बार... फिर एक बार..
लोकतंत्र में मेरा दायित्व बनता है कि मैं देश की जनता-जर्नादन को मेरे कार्य का हिसाब दूं। साथियों आज मैं आपके बीच अपने रिपोर्ट कार्ड के साथ आपसे आशीर्वाद मांगने के लिए आया हूं। मैंने आप सभी को मेरा परिवार माना है। आपके लिए दिन रात मेहनत करने में मैंने कोई कमी नहीं रखी है। आपका सपना ही मोदी का संकल्प है। पल-पल आपके नाम, पल-पल देश के नाम। 24 बाय सेवन फॉर 2047। और इसीलिए मैं सच्ची नीयत से सिर्फ योजना ही नहीं बनाता बल्कि गारंटी भी देता हूं।

साथियों,

हमारे देश के गरीब ने कभी ये उम्मीद भी नहीं की थी कि उन्हें Free Ration मिलेगा। लेकिन ये गरीब का बैटा मोदी है। जो किसी ने नहीं सोचा वो मोदी ने करके दिखाया। आज चिक्काबल्लापुर के भी 8 लाख से ज्यादा लाभार्थियों को फ्री राशन मिलता है। पूरा राशन मिलता है। अब मोदी की गारंटी है कि आने वाले फाइव इयर तक ये ऐसे ही मिलता रहेगा।

साथियों,

गरीब ने कभी Free Treatment की कभी कल्पना भी नहीं की थी। लेकिन Ten Years में कर्नाटक के लाखों परिवारों को Free Treatment की गारंटी मिली है। यहां चिक्काबल्लापुर में भी four lakh से ज्यादा आयुष्मान कार्ड बने हैं। अब मोदी की गारंटी है कि हर परिवार में जो Seventy Years से बड़े सीनियर सिटिजन्स हैं, उनको भी Five Lakh रुपए तक का Free Treatment मिलेगा।

साथियों,

मोदी सरकार की योजनाओं के सबसे बड़े लाभार्थी, SC/ST/OBC परिवार हैं। पहले की सरकारों में SC/ST परिवारों को गंदगी में, झुग्गियों में रहना पड़ता था, बिजली-पानी तक की सुविधाएं तक नहीं मिलती थी। उन्होंने भी सरकारों से सारी उम्मीदें छोड़ दी थीं। आपका ये भरोसा मोदी की गारंटी ने लौटाया है। इसी वजह से पिछले Ten Years में Twenty Five Crore देशवासी गरीबी से बाहर निकले हैं।

साथियों,

पिछले 10 सालों में चिक्काबल्लापुर में 14 thousand और कोलार में 20 thousand, पक्के घर मिल चुके हैं। अब मोदी ने Three Crore और नए घर बनाने की गारंटी दी है। जिनको अभी तक घर नहीं मिला है, उनको भी जरूर मिलेगा। जिनको सबसे अंत में पूछा जाता था, उनको NDA सरकार ने पंक्ति में सबसे आगे कर दिया है। Year 2014 में NDA सरकार बनी तो, देश के पहले नागरिक यानि हमारे राष्ट्रपति एक SC परिवार के बेटे बने। Year 2019 में NDA सरकार बनी तो, देश की पहली नागरिक यानि हमारी राष्ट्रपति एक ट्राइबल परिवार की बेटी बनीं। ये हमारी सरकार ही है जिसने डॉक्टर बाबा साहेब आंबेडकर से जुड़े पांच स्थानों को पंच-तीर्थों के रूप में विकसित किया।

साथियों,

सबका साथ, सबका विकास के मंत्र पर चलते हुए NDA सरकार ने SC/ST/OBC युवाओं की शिक्षा पर बल दिया है। इस वजह से, Higher Education में SC विद्यार्थियों का नामांकन Forty-Four परसेंट बढ़ा है। Higher Education में ST विद्यार्थियों का नामांकन Sixty-Five परसेंट बढ़ा है। Higher Education में OBC विद्यार्थियों का नामांकन Forty-Five परसेंट बढ़ा है।

साथियों,

बिना गारंटी के लोन वाली मुद्रा योजना के सबसे अधिक लाभार्थी SC/ST/OBC युवा ही हैं। अब मोदी की गारंटी है कि मुद्रा योजना के तहत Financial Help 10 Lakh से बढ़ाकर Twenty Lakh तक किया जाए।

भाइयों और बहनों,

यहां इतनी बड़ी संख्या में माताएं-बहनें आई हैं। आप जितनी मेहनत करती हैं, आप जिन चुनौतियों से अपने परिवार को पालती हैं, ये मोदी ने अपने घर में देखा है। आजकल देश-दुनिया के बड़े-बड़े ताकतवर लोग, मोदी को हटाने के लिए एकजुट हो गए हैं। लेकिन ये नारीशक्ति का आशीर्वाद है, मातृशक्ति का आशीर्वाद है, आपका सुरक्षा कवच है कि मोदी हर चुनौती से टकराते हुए चलता जा रहा है।

साथियों,

हर माता-बहन-बेटी की सेवा और सुरक्षा, ये मोदी की प्राथमिकता है। 10 Years में हमने 10 Crore बहनों को सेल्फ हेल्प ग्रुप्स से जोड़ा। One Crore बहनों को लखपति दीदी बनाया। अब मोदी की गारंटी है कि Three करोड़ बहनें लखपति दीदी बनेंगी, जिनकी इनकम साल में एक लाख से अधिक होगी। साथियों, एनडीए सरकार, नमो ड्रोन दीदी योजना से बेटियों को ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग दे रही है। वो दिन दूर नहीं जब कोलार और चिक्काबल्लापुर के खेतों में भी हमारी बेटियां ड्रोन से खेती में मदद करेंगी।

भाइयों और बहनों,

ये धरती, मैंगो, मिल्क और सिल्क की धरती है। NDA सरकार गांवों को, किसानों को अधिक से अधिक समर्थ बनाने में जुटी है। अब हमारे पास आदरणीय एच डी देवेगौड़ा जी जैसे, आज देश के वे सीनियरमोस्ट पालिटिशियन हैं, सबसे ज्यादा अनुभवी पोलिटिशियन हैं, उनके व्यक्तित्व का मार्गदर्शन भी हमें मिलेगा। ये NDA सरकार है जिसने पशुपालकों और मछुवारों को भी किसान क्रेडिट कार्ड दिए। ये हमारी सरकार है जिसने पहली बार पशुओं के लिए फ्री वैक्सीनेशन का अभियान चलाया। हम co-operative movement का दायरा हर सेक्टर में बढ़ाने में जुटे हैं। NDA सरकार ने श्री अन्न के रूप में मिलेट्स को भी दुनियाभर के बाज़ारों तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया है। इससे चिक्काबल्लापुर और कोलार के अनेक छोटे किसानों की इनकम बढ़ेगी।

साथियों,

इस क्षेत्र में पानी की कमी को दूर करने के लिए भी हर प्रयास किए जा रहे हैं। यहां इस क्षेत्र में ही 150 अमृत सरोवर बनाए गए हैं, ताकि पानी की समस्या कम हो। कोलार और चिक्काबल्लापुर में Two lakh Seventy thousand परिवारों को नल कनेक्शन दिए गए हैं। साथियों, कांग्रेस किस तरह किसानों को धोखा देती है, इसका बहुत बड़ा उदाहरण कर्नाटक है। हमने छोटे किसानों के लिए पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम बनाई। यहां जब बीजेपी सरकार थी, तो किसानों को Ten Thousand रुपए मिलते थे। Six Thousand Rupees केंद्र सरकार देती थी और Four Thousand Rupees कर्नाटका की बीजेपी सरकार देती थी। लेकिन कांग्रेस सरकार आते ही उसने किसानों को four thousand रुपए देना बंद कर दिया। ऐसी anti-farmer कांग्रेस को आप सज़ा देंगे ये मेरा पूरा विश्वास है।

भाइयों और बहनों,

NDA सरकार, सेरीकल्चर को बढ़ावा देने के लिए भी लगातार काम कर रही है। हमारी सरकार ने सिल्क समग्र योजना के तहत राज्यों को करीब Thirteen Hundred crore Rupees की मदद दी है। यहां के शिडलाघट्टा सिल्क और रॉ सिल्क से बनी साड़ियों को हमने वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट मिशन में शामिल किया है।

साथियों,

नाडप्रभु केम्पेगौड़ा जी के विजन से inspired होकर एनडीए सरकार कर्नाटक में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार कर रही है। पिछले Ten Years में कर्नाटक में नेशनल हाइवे की संख्या Twenty Five से बढ़कर Forty Nine हो गई है। इस Region में Special Economic Zone की स्थापना से रोजगार और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। साथियों, यहां नंदी हिल्स भी है...ताई भुवनेश्वरी और ताई कोलाराम्मा उनका आशीर्वाद भी है। हमारी सरकार इस क्षेत्र में तीर्थ यात्रा और weekend getaway के रूप में इसे और popular बनाने के लिए भी काम करेगी।

भाइयों और बहनों,

26 अप्रैल को आप सभी को मतदान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना है। इसके लिए विशेष प्रार्थना आपको कर रहा हूं। चिक्कबल्लापुर से डॉ. के सुधाकर और कोलार सीट से मल्लेश बाबू को बड़ी जीत दिलानी है। और आपको घर-घर जाकर ये भी कहना है कि मोदी जी आए थे और आप सभी को नमस्कार कहा है।

भारत माता की... भारत माता की... भारत माता की... भारत माता की...

बहुत-बहुत धन्यवाद

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!