Felicitates and gives certificates to 11 lakh new Lakhpati Didis
Release a revolving fund of Rs 2,500 crores and disburses bank loans worth Rs 5,000 crores
“Our government is fully committed to making the lives of mothers and sisters easier”
“Traditions of Maharashtra are known not only in India but around the world”
“Entire India has been inspired by ‘Matrushakthi’ of Maharashtra”
“‘Matrushakthi’ of India has always contributed immensely in building the future of the society and the nation”
“Fortunes of an entire family are transformed when one sister becomes Lakhpati Didi”
“Our government is opening every sector for daughters which was once restricted for them”
“Governments may change, but our biggest responsibility as a society and as a government should be to protect the life and dignity of women”
“I assure you, the central government is with the state governments in every way to stop atrocities against women. We cannot stop until this sinful mentality has been eradicated from Indian society”

महाराष्ट्रातील माझ्या बंधू-भगिनींना!

जय श्रीकृष्ण...

उद्या श्रीकृष्ण जयंती आहे, मी तुम्हाला आजच शुभेच्छा देतो.

महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री सीपी राधाकृष्णन जी, मुख्यमंत्री श्रीमान एकनाथ शिंदे जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे साथी, देश के कृषि मंत्री, ग्रामीण विकास मंत्री श्रीमान शिवराज सिंह चौहान जी, इसी धरती की संतान मंत्री परिषद के मेरे साथी, प्रताप राव जाधव, केंद्रीय सरकार में हमारे मंत्री श्री चंद्रशेखर जी, इसी धरती की संतान बहन रक्षा खडसे जी, उप-मुख्यमंत्री श्री अजीत पवार जी, देवेंद्र फडणवीस जी, महाराष्ट्र सरकार के मंत्रीगण, सांसद और विधायकगण, और विशाल संख्‍या में हमें आशीर्वाद देने के लिए आई हुई माताएं-बहनें। दूर-दूर मेरी जहां भी नजर पहुंच रही है, ऐसा लग रहा है माताओं का महासागर उमड़ पड़ा है। ये दृश्‍य अपने-आप में सुकून देता है।

अपनी बात शुरू करने से पहले मैं नेपाल बस हादसे को लेकर अपनी पीड़ा व्यक्त करना चाहता हूं। इस हादसे में हमने महाराष्ट्र के, जलगांव के अनेक साथियों को खोया है। मैं सभी पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। जैसे ही ये हादसा हुआ, भारत सरकार ने तुरंत नेपाल सरकार से संपर्क किया। हमने हमारी मंत्री रक्षाताई खडसे को तुरंत नेपाल जाने के लिए कहा। हमारे जो परिजन नहीं रहे, उनके पार्थिव शरीर को हम वायुसेना के विशेष विमान से वापस लाए हैं। जो घायल हैं, उनका अच्छे से इलाज चल रहा है। मैं उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। मैं सभी पीड़ितों को विश्वास दिलाता हूं कि उन्हें केंद्र और राज्य सरकार की ओर से पूरी मदद दी जाएगी।

साथियों,

आज लखपति दीदी का ये महासम्मेलन हो रहा है। मेरी सभी ‘लाडकी बहिण’ यहां बड़ी संख्या में उपस्थित हैं। आज यहां से देशभर के लाखों सखी मंडलों के लिए 6 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक की राशि जारी की गई है। लाखो बचत गटांशी जोडल्या गेलेल्या महाराष्ट्रातील आमच्या भगिनींना सुद्धा कोट्यवधी रुपयांची मदत मिळाली आहे। इस पैसे से लाखों बहनों को लखपति दीदी बनाने में मदद मिलेगी। मेरी सभी माताओं-बहनों को बहुत-बहुत शुभेच्छा !

साथियों,

आप सभी में मुझे महाराष्ट्र की गौरवशाली संस्कृति और संस्कारों के भी दर्शन होते हैं। और महाराष्ट्र के ये संस्कार, भारत ही नहीं, विश्व भर में फैले हैं। मैं कल ही, अपने विदेश के दौरे से लौटा हूं, मैं यूरोप के देश पोलैंड गया था। वहां भी मुझे महाराष्ट्र के दर्शन हुए। महाराष्ट्र की संस्कृति, यहां के संस्कारों के दर्शन हुए। पोलैंड के लोग, महाराष्ट्र के लोगों का बहुत सम्मान करते हैं। यहां बैठ करके आप इसकी कल्‍पना नहीं कर सकते। वहां की राजधानी में एक कोल्हापुर मेमोरियल है। पोलैंड के लोगों ने ये मेमोरियल, कोल्हापुर के लोगों की सेवा और सत्कार की भावना को सम्मान देने के लिए बनाया है।

आप में से कुछ लोगों को पता होगा दूसरे विश्व युद्ध के दौरान, पोलैंड की हज़ारों माताओं और बच्चों को कोल्हापुर के राज परिवार ने शरण दी थी। छत्रपति शिवाजी महाराज के संस्कारों के अनुरूप, राज परिवार ने, सामान्य लोगों ने शरणार्थियों की सेवा की। जब वहां मैं महाराष्ट्र के लोगों के सेवाभाव, मानवता प्रेम की प्रशंसा सुन रहा था तो मेरा माथा गर्व से ऊंचा हो रहा था। हमें ऐसे ही महाराष्ट्र का विकास करके, महाराष्ट्र का नाम पूरी दुनिया में और ऊंचा करते रहना है।

साथियों,

महाराष्ट्र के संस्कारों को यहां की वीर और धीर, माताओं ने सृजित किया है। यहां की मातृशक्ति ने पूरे देश को प्रेरित किया है। आमचे जळगाव हेतर वारकरी परंपरेचे तीर्थ आहे। महान संत मुक्ताईची ही भूमी आहे। उनकी साधना, उनका तप, आज की पीढ़ी के लिए भी प्रेरणा है। बहिणाबाई की कविताएं, आज भी समाज को रूढ़ियों से बाहर निकल सोचने के लिए मजबूर करती हैं। महाराष्ट्र का कोई भी कोना हो, इतिहास का कोई भी कालखंड हो, मातृशक्ति का योगदान अप्रतिम रहा है। छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन को किसने दिशा दी? ये काम माता जीजाऊ ने किया।

जब समाज में बेटियों की शिक्षा, बेटियों के कामकाज को महत्व नहीं दिया जाता था। तब सावित्रीबाई फुले आगे आईं। यानी भारत की मातृशक्ति ने हमेशा समाज और राष्ट्र के भविष्य को बनाने में बहुत बड़ा योगदान दिया है। और आज जब हमारा देश विकसित बनने के लिए मेहनत कर रहा है, तो फिर से हमारी मातृशक्ति आगे आ रही है। मैं अपने सामने देख रहा हूं, महाराष्ट्र की आप सभी बहनें, कितना अच्छा काम कर रही हैं। तुमच्या सगळ्यांमध्ये मी राजमाता जिजाऊ आणि सावित्रीबाई फुलेंची छाप पाहतो।

साथियों,

जब मैं लोकसभा चुनाव के दौरान आपके बीच आया था, तब मैंने कहा था कि हमें 3 करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाना है। यानी 3 करोड़ ऐसी बहनें और जो सेल्‍फ हेल्‍प ग्रुप में काम करती हैं। जिनकी एक साल की कमाई, एक लाख रुपये से अधिक होगी। बीते 10 वर्षों में एक करोड़ लखपति दीदी बनीं और बीते 2 महीनों में, सिर्फ दो महीने में 11 लाख और लखपति दीदी उसमें जुड़ गईं, नई बन गईं। यात सुद्धा एक लाख नवीन लखपती दिदी, याच आपल्या महाराष्ट्रात तयार झाल्या आहेत। इसमें यहां की महायुति की सरकार ने भी बहुत मेहनत की है। एकनाथ जी, देवेंद्र जी और अजीत दादा की पूरी टीम, माताओं-बहनों को सशक्त करने में जुटी हुई है। महाराष्ट्र में माताओं-बहनों के लिए, नौजवानों के लिए, किसानों के लिए, एक से बढ़कर एक स्कीम्स, नई-नई योजनाएं चलाई जा रही हैं।

साथियों,

लखपति दीदी बनाने का ये अभियान, सिर्फ बहनों-बेटियों की कमाई बढ़ाने का अभियान है, इतना नहीं है। ये पूरे परिवार को, आने वाली पीढ़ियों को सशक्त करने का एक महाअभियान है। ये गांव के पूरे अर्थतंत्र को बदल रही हैं। यहां इस मैदान में मौजूद, हर बहन-बेटी अच्छी तरह जानती है कि जब वो कमाने लगती है तो कैसे उसका अधिकार बढ़ जाता है, घर-परिवार में उसका सम्मान बढ़ जाता है। जब किसी बहन की कमाई बढ़ती है, तो परिवार के पास खर्च करने के लिए पैसे भी ज्यादा जुटते हैं। यानी एक बहन का भी लखपति दीदी बनना, पूरे परिवार का भाग्य बदल रहा है।

यहां आने से पहले मैं देश के अलग-अलग कोने से आई हुई ऐसी बहनों के अनुभव सुन रहा था। सभी लखपति दीदियों में जो आत्‍मविश्‍वास था, मैं कहता तो लखपति दीदी हूं लेकिन उसमें सब कोई दो लाख कमाने वाली थी, कोई तीन लाख वाली थी, कोई आठ लाख वाली भी थी। और ये पिछले कुछ ही महीनों में उन्‍होंने कमाल करके दिखाया है।

साथियों,

आज आप हर तरफ सुनते हैं कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक ताकत बनने जा रहा है। इसमें हमारी बहनों-बेटियों की भूमिका बहुत बड़ी है। लेकिन कुछ साल पहले तक ये स्थिति नहीं थी। बहनें हर घर, हर परिवार की खुशहाली की गारंटी होती हैं। लेकिन महिलाओं को मदद मिले, इसकी गारंटी लेने वाला कोई नहीं था। देश की करोड़ों बहनों के नाम पर कोई प्रॉपर्टी नहीं होती थी। अगर उन्हें बैंक से लोन लेना होता था, तो उनको मिल ही नहीं सकता था। ऐसे में वो कोई भी छोटा-मोटा काम करना चाहें, तो चाहकर भी नहीं कर पाती थीं। और इसलिए आपके इस भाई ने, आपके बेटे ने, एक संकल्प लिया। मैंने तय किया कि कुछ भी हो जाए, मेरे देश की माताओं-बहनों-बेटियों की मुश्किल को कम करके ही रहूंगा। इसलिए मोदी सरकार ने एक के बाद एक महिला हित में निर्णय लिए। मैं आज चुनौती देता हूं पहले की सरकारों के सात दशक एक तरफ रख लीजिए। एक तराजू में एक तरफ सात दशक और दूसरे तराजू में मोदी सरकार के दस साल तराजू में रख लिए जाएं; जितना काम मोदी सरकार ने देश की बहनों-बेटियों के लिए किया है, वो आजादी के बाद किसी सरकार ने नहीं किया है।

साथियों,

ये हमारी सरकार है, जिसने तय किया कि गरीबों के जो घर सरकार बनाती है, वो महिलाओं के नाम पर रजिस्टर हों। अभी तक जो 4 करोड़ घर बने हैं, उनमें से अधिकतर महिलाओं के नाम पर है। अभी 3 करोड़ और घर बनाने वाले हैं। इनमें से भी अधिकतर घर हमारी माताओं-बहनों के नाम ही होंगे, महिलाओं के नाम होंगे। दूसरा काम हमने बैंकों से जुड़ी व्यवस्था में किया। पहले जनधन खाते खोले, तो सबसे ज्यादा बहनों के खाते खुले। फिर मुद्रा योजना शुरु की। हमने बैंकों को कहा कि आप बिना गारंटी के लोन दो। और अगर गारंटी चाहिए तो मोदी मौजूद है। इस योजना की करीब 70 प्रतिशत लाभार्थी माताएं-बहनें हैं। देश में कुछ लोग थे, वो कहते थे कि महिलाओं को ऐसे लोन मत दो, डूब जाएगा, इसमें रिस्क है। लेकिन मेरी सोच अलग थी, मुझे आप पर, अपनी मातृशक्ति पर, उनकी ईमानदारी पर, उनके कृतित्व पर पूरा भरोसा है। माताओं-बहनों ने मेहनत की और ईमानदारी से लोन भी लौटाए हैं।

अब तो मुद्रा ऋण की सीमा हमने 20 लाख कर दी है। हमने रेहड़ी-फुटपाथ पर काम करने वालों के लिए भी स्वनिधि योजना चलाई। इसमें भी बिना गारंटी का ऋण दिया जा रहा है। इसका भी बहुत बड़ा फायदा हमारी बहनों को, हमारी बेटियों को हो रहा है। हमारे विश्वकर्मा परिवार, जो हस्तकला का काम करते हैं, इसमें भी बड़ी संख्या में हमारी बहनें जुड़ी हैं। उनकी गारंटी भी हमारी सरकार ने ली है।

साथियों,

पहले जब मैं सखी मंडलों की बात करता था, महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप की बात करता था, तो बहुत कम लोग थे, जो ये देख पाते थे कि इसका महत्व क्या है। आज देखिए, ये भारत के अर्थतंत्र की एक बहुत बड़ी शक्ति बनती जा रही है। गांव-गांव में, दूर-सुदूर आदिवासी क्षेत्रों में, सखी मंडलों से जो परिवर्तन आ रहे हैं, वो सबके सामने हैं। 10 साल में, ये आंकड़ा भी बहुत बड़ा है, दस साल में 10 करोड़ बहनें इस अभियान से जुड़ चुकी हैं और हमने इनको भी बैंकों से जोड़ा है। हमने उन्हें बैंकों से आसान और सस्ता ऋण दिलाया है।

मैं आपको एक आंकड़ा देता हूं। और ये सुन करके आप जरूर चौंक जाएंगे। और आपको शायद मन में गुस्‍सा भी आएगा कि मेरा देश पहले ऐसे भी चलता था क्‍या। साल 2014 तक 25 हज़ार करोड़ रुपए से भी कम बैंक लोन सखी मंडलों को मिला था। याद रखिए ये मैं उन महिला सेल्‍फ हेल्‍प ग्रुप की बात करता हूं, सिर्फ 25 हजार करोड़, जबकि पिछले 10 सालों में करीब 9 लाख करोड़ रुपए की मदद दी गई है। कहां 25 हजार करोड़ और कहां 9 लाख करो़ड़। इतना ही नहीं, सरकार जो सीधी मदद देती है, उसमें भी लगभग 30 गुणा की बढ़ोतरी की गई है। इसका परिणाम ये आया है कि आज गांव की हमारी बहनें, अपनी आय भी बढ़ा रही हैं और देश को मजबूत भी बना रही हैं। और मैं फिर से कहता हूं ये तो अभी ट्रेलर है। अब हम बहनों-बेटियों की भूमिका का और विस्तार कर रहे हैं। आज सवा लाख से अधिक बैंक सखियां, गांव-गांव बैंकिंग सेवाएं दे रही हैं। और अभी मुझे कुछ बहनें बता रही थीं, एक-एक करोड़ रुपये का कारोबार करती हैं।

अब हम बहनों को ड्रोन पायलट बना रहे हैं। हम बहनों के समूहों को लाखों रुपए का ड्रोन दे रहे हैं ताकि वे ड्रोन से आधुनिक खेती करने में किसानों की मदद कर पाएं। हम 2 लाख पशु सखियों को भी trained कर रहे हैं ताकि वे पशुपालकों की मदद कर सकें। यही नहीं, आधुनिक खेती के लिए, प्राकृतिक खेती के लिए भी हम नारी शक्ति को ही नेतृत्व दे रहे हैं। इसके लिए हमने कृषि सखी कार्यक्रम शुरू किया है। ऐसी लाखों कृषि सखियां आने वाले समय में देश के गांव-गांव में हम बनाने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। इन सभी अभियानों से बेटियों को रोजगार भी मिलेगा, उनका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा और बेटियों के सामर्थ्य को लेकर समाज में भी एक नई सोच का निर्माण होगा।

साथियों,

अभी पिछले महीने ही देश का एक बजट आया है। इसमें माताओं-बहनों-बेटियों से जुड़ी योजनाओं के लिए 3 लाख करोड़ रुपए रखे गए हैं। बेटियां ज्यादा संख्या में नौकरी करें। इसके लिए दफ्तरों में, फैक्ट्रियों में उनके लिए विशेष सुविधाएं बनाने की घोषणा की गई है। रहने के लिए वर्किंग वीमेन होस्टल की सुविधा हो, बच्चों के लिए क्रेच की सुविधा हो, इसके लिए केंद्र सरकार काम कर रही है। हमारी सरकार बेटियों के लिए हर सेक्टर खोल रही है, जहां कभी उन पर पाबंदियां थीं। आज तीनों सेनाओं में महिला अफसर तैनात हो रही हैं, फाइटर पायलट तैनात हो रही हैं। सैनिक स्कूलों में, सैन्य अकादमियों में बेटियों को दाखिला मिल रहा है। जो हमारी पुलिस फोर्स है, जो हमारे अर्धसैनिक बल हैं, उनमें बेटियों की संख्या में बहुत बड़ी वृद्धि हुई है। गांव में कृषि और डेयरी सेक्टर से लेकर स्टार्ट अप्स क्रांति तक, आज बड़ी संख्या में बेटियां बिजनेस मैनेज कर रही हैं। राजनीति में भी बेटियों की भागीदारी बढ़े, इसके लिए हमने नारीशक्ति वंदन कानून बनाया है।

साथियों,

माताओं-बहनों-बेटियों का सामर्थ्य बढ़ाने के साथ-साथ उनकी सुरक्षा भी देश की प्राथमिकता है। मैंने लाल किले से भी बार-बार इस विषय को उठाया है। आज देश का कोई भी राज्य हो, अपनी बहनों-बेटियों की पीड़ा को, उनके गुस्से को मैं समझ रहा हूं। मैं एक बार फिर देश के हर राजनीतिक दल से कहूंगा, हर राज्य सरकार से कहूंगा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध अक्षम्य पाप है। दोषी कोई भी हो, वो बचना नहीं चाहिए। उसको किसी भी रूप में मदद करने वाले बचने नहीं चाहिए। अस्पताल हो, स्कूल हो, दफ्तर हो या फिर पुलिस व्यवस्था, जिस भी स्तर पर लापरवाही होती है, सबका हिसाब होना चाहिए। ऊपर से नीचे तक मैसेज एकदम साफ जाना चाहिए कि ये पाप अक्षम्य है। अरे सरकारें आती रहेंगी, जाती रहेंगी, लेकिन जीवन की रक्षा और नारी गरिमा की रक्षा, ये समाज के रूप में भी और सरकार के रूप में भी हम सबका बड़ा दायित्व है।

साथियों,

महिलाओं पर अत्याचार करने वालों को कड़ी से कड़ी सज़ा देने के लिए हमारी सरकार कानूनों को भी लगातार सख्त कर रही है। आज इतनी बड़ी संख्या में देश की बहनें-बेटियां यहां हैं, तो इसलिए मैं विशेष तौर पर ये आपको बताना चाहता हूं। पहले ये शिकायत आती थी कि समय पर FIR नहीं होती। सुनवाई नहीं होती। मुकदमों में देर बहुत लगती है। ऐसी अनेक अड़चनों को हमने भारतीय न्याय संहिता में दूर कर दिया है। इसमें एक पूरा चैप्टर, महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले अत्याचार के संबंध बनाया गया है। अगर पीड़ित महिलाओं को थाने नहीं जाना है, तो वो घर बैठे e-FIR दर्ज करा सकती है। हमने ये भी पक्का किया है कि e-FIR से थाने के स्तर पर कोई टालमटोल या फिर छेड़छाड़ नहीं कर पाएगा। इससे तेज़ी से जांच करने और दोषियों को कड़ी सज़ा मिलने में भी मदद मिलेगी।

साथियों,

नए कानूनों में नाबालिगों से हुए यौन अपराधों पर फांसी और उम्रकैद की सजा का प्रावधान किया गया है। बेटियों के साथ शादी के नाम पर भी धोखे के कई मामले आते रहे हैं। पहले इसके लिए कोई स्पष्ट कानून नहीं था। अब भारतीय न्याय संहिता में शादी के झूठे वादों और छल को भी साफ-साफ परिभाषित किया गया है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं केंद्र सरकार, महिलाओं के खिलाफ अत्याचार रोकने के लिए हर तरीके से राज्य सरकारों के साथ है। हमें भारत के समाज से इस पाप की मानसिकता को मिटाकर ही रुकना होगा।

इसलिए साथियों,

आज भारत विकसित होने के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है और उसमें महाराष्ट्र की बहुत बड़ी भूमिका है। महाराष्ट्र, विकसित भारत का एक चमकता सितारा है। महाराष्ट्र, दुनियाभर के निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है। महाराष्ट्र का भविष्य ज्यादा से ज्यादा निवेश में है, नौकरी के नए अवसरों में है।

आणि महायुतीचे सरकार म्हणजे गुंतवणूक आणि नोकरीची गॅरंटी आहे। महाराष्ट्र को आने वाले कई-कई बरसों तक महायुति की स्थिर सरकार की ज़रूरत है। महाराष्ट्र को महायुति की ऐसी सरकार की ज़रूरत है, जो यहां उद्योगों को प्रोत्साहित कर सके। महाराष्ट्र में ऐसी सरकार की ज़रूरत है, जो नौजवानों की पढ़ाई, कौशल और नौकरी पर बल दे सके। मुझे पूरा भरोसा है कि महाराष्ट्र की स्थिरता और समृद्धि के लिए यहां की माताएं-बहनें आगे बढ़कर मेरा साथ देंगी।

मुझे आप बहनों पर पूरा भरोसा है। एक बार फिर महाराष्‍ट्र की युति सरकार के कामों को भारत सरकार की तरफ से हर प्रकार की मदद का आश्‍वासन देते हुए आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

मेरे साथ बोलिए-

भारत माता की-जय

दोनों हाथ ऊपर करके मुट्ठी बंद करके पूरी ताकत से बोलिए-

भारत माता की- जय

भारत माता की- जय

भारत माता की- जय

भारत माता की- जय

भारत माता की- जय

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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Text Of Prime Minister Narendra Modi addresses BJP Karyakartas at Party Headquarters
November 23, 2024
Today, Maharashtra has witnessed the triumph of development, good governance, and genuine social justice: PM Modi to BJP Karyakartas
The people of Maharashtra have given the BJP many more seats than the Congress and its allies combined, says PM Modi at BJP HQ
Maharashtra has broken all records. It is the biggest win for any party or pre-poll alliance in the last 50 years, says PM Modi
‘Ek Hain Toh Safe Hain’ has become the 'maha-mantra' of the country, says PM Modi while addressing the BJP Karyakartas at party HQ
Maharashtra has become sixth state in the country that has given mandate to BJP for third consecutive time: PM Modi

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।