It's my honour that you have come to bless BJP in such huge numbers, this clearly suggests "Bengal mei iss baar BJP sarkar", says PM Modi
In the last 70 years, you gave opportunities to everyone but give us 5 years, we will free Bengal from the 70 years of destruction, we will sacrifice our lives for you: PM Modi
Mamata didi betrayed the people of Bengal. She hampered development in the state: PM Modi in Kharagpur
Bengal CM Mamata Banerjee stands like wall to block central schemes: PM Modi at Kharagpur rally
Mamata Didi runs school of brutality where 'tolabaji', cut money, syndicate and anarchy form syllabus: PM Modi 

भारत माता की…. जय
भारत माता की……जय
भारत माता की ….जय

नमोष्कार, आपनारा कैमोन आछेन,
जय जोहार,
जय गोराम,
बीतगीरी,
खड़गेश्वर महादेव, झाड़ेश्वर महादेव, माँ सर्बमंगला, माँ महिषासुरमर्दिनी ऐसे अनेक तीर्थक्षेत्रों की इस धरती मैं उस धरती और धरती के लोगों को प्रणाम करता हूं। इस धरती ने राष्ट्रसेवा में शहीद खुदीराम बोस, क्रांतिकारी हेमचन्द्र कानूनगो, बीरेंद्र नाथ शासमल, निर्मल जीबन घोष ऐसे अनगिनत, अनगिनत क्रांतिकारी दिए हैं। यहां के संथाल आंदोलन ने भारत की आजादी में बहुत अहम भूमिका निभाई थी।ये धरती भारत मां के महान सपूत ईश्वर चंद्र विद्यासागर जी की भूमि है। इस भूमि को माँ शारदा देवी, रानी राशमोनी, देबी चौधुरानी जैसी अनगिनत विभूतियों ने धन्य किया है। कादंबिनी गांगुली और चन्द्रमुखी बासु ने यहाँ की विलक्षण प्रतिभा का प्रकाश बिखेरा है। इसी क्षेत्र में, देश की आजादी के लिए शहीद हुई माता स्वरूपा मातंगिनी हाज़रा ने नारी शक्ति का सबसे बड़ा आदर्श प्रस्तुत किया है। मैं इस धरती का वंदन करता हूं। ये मेरा सौभाग्य है कि आज इतनी बड़ी संख्या में आप सभी बीजेपी को आशीर्वाद देने आए हैं। आपका ये उत्साह, साफ-साफ कह रहा है-

बंगाल में इस बार- बीजेपी सरकार!
बंगाल में इस बार-
बंगाल में इस बार-
बंगाल में इस बार-

साथियो,
ये मैं क्यों कह रहा हूं? इस बार बीजेपी सरकार, बंगाल के उज्ज्वल भविष्य के लिए इस धरती पर हमारे 130 के करीब कार्यकर्ताओं ने अपना जीवन न्योछावर कर दिया ताकि बंगाल आबाद रहे। मैं ये क्यों कह रहा हूं? मुझे गर्व है मेरे पार्टी के पास दिलीप घोष जैसे अध्यक्ष है। आज पार्टी को जिताने के लिए पिछले कई वर्षों से दिलीप घोष न चैन की नींद सोए हैं न दीदी की धमकियों से डरे हैं, उन पर अनेक हमले हुए, उनको मौत के घाट उतारने की कोशिशें हुई, लेकिन वो बंगाल के उज्ज्वल भविष्य का प्रण लेकर चल पड़े और आज पूरे बंगाल में नई ऊर्जा भर रहे हैं। और इसलिए मैं कह रहा हूं इस बार बीजेपी सरकार।

साथियो,
खड़गपुर के इस क्षेत्र में मिनी भारत की झलक मिलती है। भारत की विविधता, अलग-अलग भाषाओं-बोलियों की ताकत यहां देखने को मिलती है। खड़गपुर का इतना लंबा रेलवे प्लेटफॉर्म, भारत की पहली IIT, इस भूमि का गौरव बढ़ाते हैं। भारतीय रेलवे को मजबूती देने में यहां के लोगों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। इस ऐतिहासिक भूमि पर मैं आप लोगों को ओशोल पॉरिबॉरतोन का विश्वास दिलाने आया हूं, ओशोल पॉरिबॉरतोन। आपने कांग्रेस के कारनामे देखे हैं, वामदल की बरबादी को अनुभव किया है, और टीएमसी ने आपके सपनों को कैसे चूर-चूर किया पिछले 70 साल में यही देखा है। मैं बंगालवासियों से कहता हूं आपने 70 साल तक अनेकों को अवसर दिया है, हमें 5 साल का मौका दीजिए, हम 70 साल की बरबादी को मिटा कर के रहेंगे। बंगाल के मेरे भाइयों-बहनों एक बार आशीर्वाद दीजिए, एक बार आशीर्वाद दीजिए हम अपनी जान आपकी भलाई के लिए खपा देंगे। सेवा का अवसर देखिए हम कैसे ओशोल पॉरिबॉरतोन लाकर दिखाते हैं। आपके जीवन की एक-एक दिक्कतों को दूर करने के लिए हम सभी दिन रात मेहनत करेंगे। यहां जंगलमहल के इस पूरे क्षेत्र में कृषि की व्यवस्थाओं को सुधारा जाएगा, इस इलाके में सिंचाई सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी, कोल्ड स्टोरेज का नेटवर्क बढ़ाया जाएगा। और इसका यहां के आलू पैदा करने वाले किसानों को भी लाभ होगा। हम छोटे उद्योगों को आगे बढ़ाएंगे, उनके लिए भी सभी प्रक्रियाओं को आसान बनाएंगे। हम इस क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारेंगे, गांव-गांव में सड़कों का विस्तार करेंगे। हम इस क्षेत्र में शुद्ध पानी की समस्या को हल करेंगे, हर घर में पाइप से साफ जल पहुंचाएंगे। हम आदिवासी-वनवासी संस्कृति की रक्षा के साथ, उनकी भाषा, उनके गौरव को एक नई ऊंचाई देने के लिए प्रतिबद्ध है।

साथियो,
मैंने ब्रिगेड मैदान में कहा था कि बंगाल का बीजेपी पर कर्ज है। बीजेपी, जनसंघ से निकली पार्टी है।
जनसंघ जोन्मोदातार नाम की?
जनसंघ जोन्मोदातार नाम होच्छे श्यामा प्रसाद मुखर्जी।
जनसंघ के जनक इसी बंगाल के सपूत थे। इसलिए अगर यहाँ सही अर्थ में कोई बंगाल की पार्टी है तो वो सिर्फ और सिर्फ बीजेपी है। बीजेपी के डीएनए में आशुतोष मुखर्जी और डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी का आचार, विचार, व्यवहार और संस्कार है। इन्हीं संस्कारों को लेकर हम बंगाल के हर क्षेत्र को विकास की नई ऊंचाई पर पहुंचाना चाहते हैं। हम सिर्फ बंगाल में कमल ही नहीं खिलाना चाहते, बल्कि बंगाल के लोगों का भविष्य उज्ज्वल बनाना चाहते हैं।


साथियों,
जहां-जहां राज्यों में बीजेपी सरकारें हैं, वहां केंद्र और बीजेपी की राज्य सरकार मिलकर के डबल इंजन की ताकत के साथ जनता-जनार्दन की सेवा में लगे हुए हैं। आप मुझे बताइए, अगर कहीं कोई गाड़ी, कोई बस कीचड़ में गड्डे में फंसी ही, अगर उसको बाहर निकालना हो तो, सारे पैसेंजर बाहर निकलकर के एक दिशा में धक्का मारते हैं कि नहीं मारते हैं। लेकिन आधे पैसेंजर आगे से पीछे धक्का मारे और आधे पैसेंजर पीछे से आगे धक्का मारे तो कीचड़ से गाड़ी निकलेगी, गड्ढे से गाड़ी निकलेगी। सबको एक ही दिशा में करना होगा ना। बंगाल में भी दिल्ली की ताकत और बंगाल की ताकत दोनों इंजन एक दिशा में लगेंगे तब जाकर के बंगाल यह बर्बादी से बाहर निकलेगा। हम सबका साथ-सबका विकास और सबका विश्वास के मंत्र के साथ काम कर रहे हैं। लेकिन यहां पश्चिम बंगाल में दीदी, ये दीदी विकास की हर योजना के सामने दीवार बनकर के खड़ी हो गई हैं। आपने दीदी पर भरोसा किया, लेकिन दीदी ने आपको दुर्नीति दी, आपके साथ विश्वासघात किया।
किया कि नहीं किया?
विश्वासघात किया कि नहीं किया?
आपके सपनों को चूर-चूर कर दिया कि नहीं कर दिया?
दस साल में बंगाल को बर्बाद किया कि नहीं किया?
और अब देखो आज दीदी, दस ‘ओन्गीकार’ की बात कर रही हैं। दस ‘ओन्गीकार’….अरे दीदी, बंगाल के लोगों ने आपको दस साल सेवा का अवसर दिया था। लेकिन आपने उन्हें लूट-मार से भरे दस साल दिए। आपने उन्हें 10 साल का भ्रष्टाचार दिया। आपने उन्हें 10 साल का कुशासन दिया।

साथियो,
आप मुझे बताइए, यहां केंदु पत्ता बेचने के लिए भी कट-मनी देना पड़ता है या नहीं देना पड़ता है? कट-मनी देना पड़ता है कि नहीं देना पड़ता है? आदिवासियों को भी देना पड़ता है कि नहीं देना पड़ता है, गरीब को भी देना पड़ता है कि नहीं देना पड़ता है। मजदूर को भी देना पड़ता है कि नहीं देना पड़ता है। बंगाल में ये कट-मनी का सिस्टम बंद होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए? ये बर्बादी जानी चाहिए कि नहीं जानी चाहिए।

साथियो,
आपमें से कुछ लोगों को शायद पता होगा कल रात को 50-55 मिनट के लिए Whatsapp डाउन हो गया, Facebook डाउन हो गया, Instagram डाउन हो गया। लोग अधीर हो गए। चिंता में पड़ गए, सबके मन में सवाल खड़े हो गए। पचास पचपन मिनट के लिए हुआ था, लेकिन सबको हो रहा था कि क्या हो गया। लेकिन भाइयों-बहनों दुनिया में तो 50-55 मिनट ये सोशल मीडिया की कुछ चीजें डाउन हो गईं। यहां बंगाल में तो 50-55 साल से विकास ही डाउन हो गया गया है, विश्वास ही डाउन हो गया है, सपने ही डाउन हो गए हैं, संकल्प भी डाउन हो गए हैं। मैं आपकी अधीरता समझ सकता हूं।

भाइयो और बहनो,
पहले कांग्रेस, फिर लेफ्ट और अब टीएमसी ने बंगाल के विकास को अवरुद्ध करके रखा है। दीदी का भी ट्रैक रिकॉर्ड दलित, आदिवासी, पिछड़ों का हक छीनना, दलितों का हक छीन लेना, आदिवासियों का हक छीन लेना, पिछड़ों का हक छीन लेना, गरीबों का हक छीन लेना और वोट बैंक की राजनीति के लिए तुष्टिकरण करते रहना यही इनका खेल चला है। दीदी ने बंगाल के युवाओं के, यहां की युवा पीढ़ी के बहुत कीमती, बहुत कीमती 10 साल छीन लिए हैं।

दीदीर पार्टी होच्छे निर्ममतार पाठशाला
दीदीर पाठशालाते सिलेबस होच्छे तोलाबाजी,
दीदीर पाठशालाते सिलेबस होच्छे कट-मनी,
दीदीर पाठशालाते सिलेबस होच्छे सिंडिकेट,
दीदीर पाठशालाते उत्पीड़नेर ट्रेनिंग देवा होय, ओराजोकोतार ट्रेनिंग देवा होय

साथियो,
आज पश्चिम बंगाल में शिक्षा की क्या स्थिति है, ये खड़गपुर के लोग बहुत भलीभांति जानते हैं। शिक्षक भर्ती के नाम पर यहां का युवा कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने के लिए मजबूर है। भर्तियों के लिए जो बोर्ड, जो कमीशन बनाए गए उन्हें भी टीएमसी काडर के हवाले कर दिया गया है।

बहनो और भाइयो,
शिक्षा को लेकर दीदी और उनकी पार्टी की सोच का एक और उदाहरण आज मैं आपको देता हूं। हमारे देश में साढ़े 3 दशक बाद यानी 35 साल के बाद नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लाई गई है। पूरे हिंदुस्तान में ये नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की तारीफ हो रही है। और इसका मकसद है, 21वीं सदी की ज़रूरतों के अनुसार शिक्षा में बदलाव हो। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शिक्षकों की ट्रेनिंग से लेकर स्किल अपग्रेडेशन तक अनेक प्रावधान किए गए हैं। और इसकी एक प्रमुख बात है- स्थानीय भाषाओं में पढ़ाई पर बल। Technical Education हो, Medical की पढ़ाई हो, या फिर Professional कोर्स, इन सब में स्थानीय भाषाओं पर जोर दिया गया है। हम चाहते हैं कि गांव और गरीब का बच्चा और भी आसानी से डॉक्टर, इंजीनियर, मैनेजर, किसी कंपनी का CEO बन सके। आप मुझे बताइए भाइयों गरीब का बच्चा भी डॉक्टर बनना चाहिए कि नहीं बनना चाहिए, गरीब का बच्चा भी इंजीनियर होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए, गरीब की बेटी भी अपने सपने पूरे कर सके, ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए। लेकिन भाषा के कारण उसके सपने चूर-चूर हो जाते हैं। हमने कहा है कि गरीब का बच्चा भी डॉक्टर बन सके इसलिए उसे उसकी भाषा में हम पढ़ाएंगे और उसे डॉक्टर बनाएंगे। लेकिन दीदी को तो इसका भी विरोध है। दीदी की सरकार नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में मना कर रही है आनाकानी कर रही है। दीदी को पश्चिम बंगाल के लाखों युवाओं के भविष्य की, उनके करियर की कोई चिंता नहीं है। मैं बंगाल के नौजवानों को भरोसा देता हूं। मैं बंगाल की माताओं-बहनों को भरोसा देता हूं मैं बंगाल के दलितों को बंगाल के आदिवासियों को बंगाल के पिछड़े लोगों को बंगाल के गरीब लोगों को आश्वासन देना चाहता हूं। अब दीदी को बंगाल के युवाओं के भविष्य के साथ नहीं खेलने दिया जाएगा। वो कहती रहें- खेला होबे। लेकिन पूरा बंगाल आज कह रहा है- ये हमारा पश्चिम बंगाल कह रहा है खैला शेष होबे, बीकाश आरोम्भो होबे।

साथियो,
आज दीदी से पश्चिम बंगाल के लोग दस साल का हिसाब मांग रहे हैं। लेकिन जवाब देने के बजाय दीदी उन पर अत्याचार कर रही है। आज हर बंगालवासी कह रहा है- “दीदी के तो बोल्छी, किन्तु ओनी सुन्छेन ना”
अम्फान चक्रवात का हिसाब मांगो, तो दीदी को गुस्सा ! राशन के चावल की चोरी का जवाब मांगो, तो जेल में डाल देती है! कोयला घोटाले पर जवाब मांगो, तो पुलिस से डंडे मरवाती है! चाकरी पर जवाब मांगो तो घर जला दिया जाता है!

साथियो,
आज बंगाल का गरीब पूछ रहा है कि उसको आयुष्मान भारत के तहत मुफ्त इलाज की सुविधा का लाभ क्यों नहीं मिलता? आज बंगाल का किसान पूछ रहा है उसको किसान सम्मान निधि के हजारों रुपए क्यों नहीं मिले? शहरों में रेहड़ी-ठेला चलाने वाले गरीब पूछ रहा है कि उनको पीएम स्वनिधि के तहत आर्थिक मदद सही से क्यों नहीं मिली? आज बंगाल की बहनें पूछ रही हैं कि हर घर जल पहुंचाने के लिए टीएमसी सरकार को जो पैसा दिया था, दिल्ली से पैसा भेजा था वो पैसा तिजोरी में रखकर के क्यों बैठ गईं। आज बंगाल का गरीब पूछ रहा है कि क्यों ममता सरकार ने लाखों गरीबों को पक्के घर से वंचित रखा। केंद्र सरकार की तरफ से बीते वर्षों में बंगाल के लिए 33 लाख पक्के घर स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से लाखों घर अब भी पूरे नहीं हो पाए हैं। दीदी को लगता है कि इन सब योजनाओं का फायदा अगर लोगों को होगा तो लोग मोदी को आशीर्वाद देंगे। अरे दीदी, आपको मोदी को क्रेडिट नहीं देना था, तो मत दीजिए। लेकिन अपने गरीब के पेट पर लात क्यों मारी? आपने रेहड़ी-पटरी वालों के पेट पर लात क्यों मारी?

बहनो और भाइयो,
गरीब का जीवन तब सुधरता है, जब जीवन और कारोबार दोनों सरल होता है, रोज़गार के अवसर बनते हैं। खड़गपुर सहित पश्चिम बंगाल के अनेक शहरों में आत्मनिर्भर भारत के महत्वपूर्ण सेंटर बनने की भरपूर संभावनाएं हैं। इन संभावनाओं पर भी टीएमसी सरकार ने लगातार चोट पहुंचाई है, प्रहार किया है। एक तरफ देश निरंतर सिंगल विंडो सिस्टम की तरफ बढ़ रहा है, सरकार के अंदर सिंगल विंडो सिस्टम इसलिए ताकि कारोबारी को, उद्यमी को यहां-वहां भटकना ना पड़े। लेकिन पश्चिम बंगाल में एक अलग तरह का ही सिंगल विंडो सिस्टम बना दिया गया है। यहां अलग प्रकार का सिंगल विंडो है, बंगाल वालों को पता है. देशवासियों को अभी पता नहीं है इसका। ये सिंगल विंडो क्या है? बंगाल में सिंगल विंडो है भाइपो विंडो।

बंगाल में कौन सा सिंगल विंडो है...भाइपो विंडो….
बंगाल में कौन सा सिंगल विंडो है...भाइपो विंडो….

भाइपो विंडो… बंगाल में कौन सा सिंगल विंडो है... पश्चिम बंगाल में इस विंडो से गुज़रे बिना कुछ नहीं हो सकता। पिछले 10 साल में तृणमूल सरकार ने हर वो काम किया, जो यहां रोज़गार और स्वरोज़गार के अवसरों को खत्म करने वाला था, रोकने वाला था। तृणमूल के वसूली गिरोहों, सिंडिकेट के कारण अनेक पुराने उद्योग बंद हो गए। यहां सिर्फ एक ही उद्योग चलने दिया गया है- कौन सा उद्योग- माफिया उद्योग। कौन सा उद्योग- माफिया उद्योग। सुबर्णरेखा नदी पर और कंसवती नदी में अवैध खनन के तार कहां से जुड़े हैं ये यहाँ का बच्चा-बच्चा जानता है। बंगाल में बीजेपी सरकार आने के बाद, इन सभी पर सख्त कार्रवाई होगी, कानून का राज स्थापित किया जाएगा।

साथियो,
बाबा साहेब के बनाए संविधान ने प्रत्येक भारतीय को वोट की आजादी दी है। बाबा साहब आंबेडकर ने हम सभी देशवासियों को यह अनमोल ताकत दी है। लेकिन बंगाल में ममता दीदी, वोट करने की आपकी ताकत को छीनती रही हैं, लूटती रही हैं। 2018 के पंचायत चुनाव में जिस तरह दीदी ने आपके अधिकारों को कुचला, वो दुनिया ने देखा है। जिन लोगों को संविधान के आपके इस अधिकार की रक्षा की जिम्मेदारी दी है, वही लोग बंगाल में लोकतंत्र के लिए खतरा बने हुए हैं। लेकिन मैं बंगाल के लोगों को आश्वस्त करता हूं, कि अब दीदी को लोकतंत्र को कुचलने नहीं दिया जाएगा। पुलिस और प्रशासन को भी याद रखना चाहिए कि संविधान और लोकतंत्र की मर्यादाओं से बड़ा कुछ नहीं होता है।
आगेर निर्वाचन गुली ते TMC जा कोर्तो, एबार होबे ना! आपनारा आश्वस्त थाकून! सबाई एक़ संगे रूखे दाड़ान! निर्भय भोट देन! पस्चिम बांगलार अतीत फिरिए, आनार जन्यो अमरा बद्द परिकर!

साथियो,
पश्चिम बंगाल को अब पढ़ाई, कमाई, दवाई, सिंचाई और सुनवाई सुनिश्चित करने वाली सरकार चाहिए। भाजपा की डबल इंजन सरकार चाहिए। केंद्र सरकार के प्रयास पूरी तरह से तभी जमीन पर उतर पाएंगे, जब यहां भी भाजपा की सरकार बनेगी। डबल इंजन की सरकार यहां ज्यादा रोजगार, ज्यादा उद्योगों के निर्माण के अवसर बनाएगी। इस वर्ष के केंद्र सरकार के बजट में मेदिनीपुर के लिए एक बहुत बड़ा प्रावधान किया गया है। पेटुआघाट का जो फिशिंग हार्बर है, उसको आर्थिक गतिविधियों का हब बनाने के लिए पहल की गई है। डबल इंजन की सरकार में, यहां का इंफ्रास्ट्रक्चर आधुनिक होगा, कोल्डचेन की व्यवस्था सुधरेगी, मछलियों की एक्स्पोर्ट वैल्यू बढ़ाने के लिए हर काम किया जाएगा। इससे यहां मछली पकड़ने और इसके व्यापार से जुड़े लोगों सभी साथियों को बहुत लाभ होगा।

साथियो,
ये चुनाव सिर्फ विधायक, सिर्फ मंत्री, सिर्फ मुख्यमंत्री को बदलने का ही नहीं है, सिर्फ पॉरिबोर्तोन का नहीं है, बल्कि सोनार बांग्ला के निर्माण का संकल्प है। हर बूथ पर भारी संख्या में भाजपा के लिए मतदान हो, ये संकल्प लेकर के हमें यहां से निकलना है। इस बार ज़ोर से छाप, कमल छाप!
ज़ोर से छाप…
ज़ोर से छाप…
ज़ोर से छाप…
इस बार, भॉय नहीं, सिर्फ जॉय ! सिर्फ जॉय। पश्चिम बांग्लार मानुषेर जॉय !! कमल छाप पर पड़ा एक-एक वोट डबल इंजन सरकार के लिए होगा, सोनार बांग्ला के निर्माण के लिए होगा। इसी विश्वास के साथ, आप इतनी बड़ी तादाद में आशीर्वाद देने के लिए आए, मैं हेलिकॉप्टर से यहां आया, पूरे रास्ते भर लोग आशीर्वाद दे रहे थे। मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं, और मैं आपके सपने पूरे कर के रहूंगा। मेरे साथ बोलिए भारत माता की, दोनों मुट्ठी बंद कर के पूरी ताकत से बोलिए…
भारत माता की
भारत माता की
भारत माता की
भारत माता की
भारत माता की
भारत माता की
बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।