Quoteഇന്ത്യ കൂടുതൽ ആത്മവിശ്വാസത്തോടെയും വേഗതയോടെയും മുന്നേറും: പ്രധാനമന്ത്രി മോദി
Quoteലോകത്തില്‍ എല്ലാവരും സ്വന്തം കടമകള്‍ നിറവേറ്റുമ്പോള്‍ പരിഹരിക്കപ്പെടാത്ത പ്രശ്‌നം ഉണ്ടാവില്ല: പ്രധാനമന്ത്രി
Quoteഇന്ത്യയെ പൗര കേന്ദ്രീകൃത നികുതി സമ്പ്രദായത്തിലേക്കു മാറുക എന്നതാണ് ഞങളുടെ ലക്ഷ്യം:പ്രധാനമന്ത്രി

मैं Times Now ग्रुप के सभी दर्शकों, कर्मचारियों, फील्ड और डेस्क के सभी पत्रकारों, कैमरा और लॉजिस्टिक्स से जुड़े हर साथी को इस समिट के लिए बधाई देता हूं।

ये Times Now की पहली समिट है। आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

साथियों,

इस बार की थीम आपने India Action Plan 20-20 रखी है।

लेकिन आज का India तो पूरे दशक के Action Plan पर काम कर रहा है।

हां, तरीका 20-20 वाला है और इरादा, पूरी सीरीज में अच्छे परफॉर्मेंस का, नए रिकॉर्ड्स बनाने का और इस सीरीज को भारत की सीरीज बनाने का है। *

दुनिया का सबसे युवा देश, अब तेजी से खेलने के मूड में है।

सिर्फ 8 महीने की सरकार ने फैसलों की जो सेंचुरी बनाई है, वो अभूतपूर्व है।

|

आपको अच्छा लगेगा, आपको गर्व होगा कि भारत ने इतने तेज फैसले लिए, इतनी तेजी से काम हुआ।

देश के हर किसान को PM किसान योजना के दायरे में लाने का फैसला- DONE
किसान, मज़दूर, दुकानदार को पेंशन देने की योजना- DONE
पानी जैसे अहम विषय पर Silos खत्म करने के लिए जलशक्ति मंत्रालय का गठन- DONE
Middle Class के अधूरे घरों को पूरा करने के लिए 25 हजार करोड़ रुपए का स्पेशल फंड- DONE
दिल्ली के 40 लाख लोगों को घरों पर अधिकार देने वाला कानून- DONE
तीन तलाक से जुड़ा कानून- DONE
Child Abuse के खिलाफ सख्त सज़ा का कानून- DONE
Transgender Persons को अधिकार देने वाला कानून- DONE
चिटफंड स्कीम के धोखे से बचाने वाला कानून- DONE
National Medical Commission Act- DONE
Corporate Tax में ऐतिहासिक कमी- DONE
Road Accidents की रोक के लिए सख्त कानून- DONE
Chief of Defence Staff का गठन- DONE
देश को Next Generation Fighter Plane की डिलिवरी- DONE
Bodo Peace Accord – DONE
Brue-Reang Permanent Settlement- DONE
भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने का काम- DONE
Article-370 को हटाने का फैसला- DONE
जम्मू कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने का फैसला- DONE
और

Citizenship Amendment Act भी - DONE

|

मैं कभी कभार Times Now पर देखता हूं, News 30, इतने मिनट में इतनी खबरें। ये कुछ वैसा ही हो गया। *

और ये भी सैंपल ही है।

इस सैंपल से ही आपको लग गया होगा कि The Actual Action begins here!!!

मैं Non-Stop ऐसे अनेकों फैसले और भी गिना सकता हूं। सिर्फ सेंचुरी नहीं, डबल सेंचुरी लग सकती है।

लेकिन ये फैसले गिनाकर, मैं जिस Point पर आपको ले जाना चाहता हूं, उसे समझना भी जरूरी है।

साथियों,

आज देश दशकों पुरानी समस्याओं का समाधान करते हुए, 21वीं सदी में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

दुनिया के सबसे युवा देश को जितनी Speed से काम करना चाहिए, हम वैसे ही कर रहे हैं।

अब भारत समय नहीं गंवाएगा।

अब भारत तेजी से चलेगा भी और नए आत्मविश्वास के साथ आगे भी बढ़ेगा।

देश में हो रहे इन परिवर्तनों ने, समाज के हर स्तर पर नई ऊर्जा का संचार किया है, उसे आत्मविश्वास से भर दिया है।

आज देश के गरीब में ये आत्मविश्वास आ रहा है कि वो अपना जीवन स्तर सुधार सकता है, अपनी गरीबी दूर कर सकता है।
आज देश के युवा में ये आत्मविश्वास आ रहा है कि वो Job Creator बन सकता है, अपने दम पर नए Challenges को पार कर सकता है।
आज देश की महिलाओं में ये आत्मविश्वास आ रहा है कि वो हर क्षेत्र में अपना दम-खम दिखा सकती हैं, नए कीर्तिमान बना सकती हैं।
आज देश के किसान में ये आत्मविश्वास आ रहा है कि वो खेती के साथ ही अपनी आय बढ़ाने के लिए खेती से जुड़े अन्य विकल्पों पर काम कर सकता है।
आज देश के उद्यमियों में. व्यापारियों में ये आत्मविश्वास आ रहा है कि वो एक अच्छे बिजनेस Environment में, अपना बिजनेस कर सकते हैं, अपना बिजनेस बढ़ा सकते हैं।

|

आज के भारत ने, आज के न्यू इंडिया ने अपनी बहुत सी समस्याओं को पीछे छोड़ दिया है।

आजादी के 70 साल बाद भी हमारे देश में करोड़ों लोग बैंकिंग सिस्टम से नहीं जुड़े थे, करोड़ों लोगों के पास गैस कनेक्शन नहीं था, घरों में टॉयलेट्स नहीं थे।

ऐसी अनेक दिक्कतें थीं जिनमें देश के लोग और देश उलझा हुआ था। अब ऐसी अनेक परेशानियां दूर हो चुकी हैं।

अब भारत का लक्ष्य है अगले पाँच साल में अपनी अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर तक का विस्तार देना।

ये लक्ष्य, आसान नहीं, लेकिन ऐसा भी नहीं कि जिसे प्राप्त ही नहीं किया जा सके।

साथियों,

आज भारत की Economy करीब 3 ट्रिलियन डॉलर की है।

यहां इतने Informed लोग हैं।

मैं आपसे एक और सवाल पूछता हूं।

क्या आपने कभी सुना था कि देश में कभी 3 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया था।

नहीं न।

हम 70 साल में 3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचे।

पहले न किसी ने सवाल पूछा कि इतना समय क्यों लगा और न ही किसी ने जवाब दिया।

अब हमने लक्ष्य रखा है, सवालों का भी सामना कर रहे हैं और इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जी-जान से जुटे भी हैं।

ये भी पहले की सरकारों औऱ हमारी सरकार के काम करने के तरीके का फर्क है।

दिशाहीन होकर आगे बढ़ने से अच्छा है कि मुश्किल लक्ष्य तय करके उसे प्राप्त करने की कोशिश की जाए।

अभी हाल में जो बजट आया है, वो देश को इस लक्ष्य की प्राप्ति में, 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने में और मदद करेगा।

साथियों,

इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए ये बहुत आवश्यक है कि भारत में मैन्यूफैक्चरिंग बढ़े, Export बढ़े। इसके लिए सरकार ने अनेक फैसले लिए हैं।

देशभर में इलेक्ट्रॉनिक, मेडिकल डिवाइस और टेक्नोलॉजी क्लस्टर बनाने का फैसला किया है। नेशनल टेक्नीकल टेक्सटाइल मिशन से भी इसे सहयोग मिलेगा। हम जो एक्सपोर्ट करेंगे, उसकी क्वालिटी बनी रहे, इसके लिए भी नीतिगत निर्णय लिए गए हैं।

साथियों,

Make In India, भारत की अर्थव्यवस्था को, देश के छोटे से छोटे उद्यमियों के लिए बहुत बड़ी मदद कर रहा है। विशेषकर इलेक्ट्रॉनिक्स Items की मैन्यूफैक्चरिंग में तो भारत ने अभूतपूर्व तेजी दिखाई है।

वर्ष 2014 में देश में 1 लाख 90 हजार करोड़ रुपए के इलेक्ट्रॉनिक Items का निर्माण हुआ था। पिछले साल ये बढ़कर 4 लाख 60 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।

सोचिए,

2014 में भारत में मोबाइल बनाने वाली सिर्फ 2 कंपनियां थीं।

आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता देश है।

साथियों,

5 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य को प्राप्त करने में इंफ्रास्ट्रक्चर पर 100 लाख करोड़ रुपए के निवेश से भी बड़ी मदद मिलेगी। देशभर में 6500 से ज्यादा प्रोजेक्ट्स पर होने वाला काम, अपने आसपास के क्षेत्र में अर्थव्यवस्था को गति देगा।

इन प्रयासों के बीच, ये भी सही है कि भारत जैसी ‘Emerging Economy’ वाले देश के सामने चुनौतियां भी ज्यादा होती हैं। उतार-चढ़ाव भी आते हैं और वैश्विक परिस्थितियों का प्रभाव भी ज्यादा झेलना पड़ता है।

भारत हमेशा ऐसी परिस्थितियों को पार करता रहा है और आगे भी करता रहेगा।

हम स्थितियों को सुधार रहे हैं, निरंतर फैसले ले रहे हैं।

बजट के बाद भी वित्त मंत्री निर्मला जी, लगातार अलग-अलग शहरों में Stakeholders से मिल रही हैं।

ये इसलिए, क्योंकि हम सभी के सुझावों को मानते हुए, सभी को साथ लेकर चल रहे हैं।

Friends,

अर्थव्यवस्था को मजबूती देने की कोशिशों के साथ ही, इसी से जुड़ा एक और महत्वूपूर्ण विषय है, देश में Economic Activity के उभरते हुए नए सेंटर्स।

ये नए सेंटर्स क्या हैं?

ये सेंटर्स हैं हमारे छोटे शहर, Tier-2. Tier-3 Cities.

सबसे ज्यादा गरीब इन्हीं शहरों में है, सबसे बड़ा मध्यम वर्ग इन्हीं शहरों में है।

आज देश के आधे से अधिक डिजिटल ट्रांजेक्शन छोटे शहरों में हो रहे हैं।

आज देश में जितने स्टार्टअप्स रजिस्टर हो रहे हैं, उनमें से आधे टीयर-2., टीयर-3 शहरों में ही हैं।

और इसलिए

पहली बार किसी सरकार ने छोटे शहरों की भी Economic Growth पर ध्यान दिया है।

पहली बार किसी सरकार ने, इन छोटे शहरों के बड़े सपनों को सम्मान दिया है।

आज,

छोटे शहरों के बड़े सपनों को, नए नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे बुलंदी दे रहे हैं। उड़ान के तहत बन रहे नए एयरपोर्ट, नए एयर रूट्स उन्हें एयर कनेक्टिविटी से जोड़ रहे हैं। सैकड़ों की संख्या में इन शहरों में पासपोर्ट सेवा केंद्र खुलवाए गए हैं।

साथियों,

5 लाख तक की इनकम पर ज़ीरो टैक्स का लाभ भी छोटे शहरों को सबसे अधिक हुआ है।

MSMEs को बढ़ावा देने के लिए, जो फैसले हमने लिए उसका लाभ भी इन्हीं शहरों के उद्यमियों को सबसे ज्यादा हुआ है।

अभी बजट में सरकार ने जो नए मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी घोषणा की है, उससे भी सबसे ज्यादा फायदा छोटे शहरों को ही होगा।

साथियों,

हमारे देश में एक और क्षेत्र रहा है जिस पर हाथ लगाने में सरकारें बहुत हिचकती रही हैं। ये है टैक्स सिस्टम। बरसों से इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ था।

अब तक हमारे यहां Process Centric टैक्स सिस्टम ही हावी रहा है। अब उसे People Centric बनाया जा रहा है।

हमारा प्रयास टैक्स/जीडीपी रेशियो में बढ़ोतरी के साथ ही लोगों पर टैक्स का बोझ कम करना भी है।

जीएसटी, इनकम टैक्स और कॉर्पोरेट टैक्स, हर दिशा में हमारी सरकार ने टैक्स में कटौती की है।

पहले गुड्स एंड सर्विसेस पर ऐवरेज टैक्स रेट 14.4 परसेंट था, जोकि आज कम होकर 11.8 परसेंट हो गया है।

इस बजट में ही इनकम टैक्स स्लैब्स को लेकर एक बड़ा ऐलान किया गया है। पहले टैक्स में छूट के लिए कुछ तय Investments ज़रूरी थे। अब आपको एक विकल्प दिया गया है।

साथियों,

कभी-कभी देश के नागरिकों को टैक्स देने में उतनी दिक्कत नहीं होती जितनी इस प्रक्रिया से और प्रक्रिया का पालन कराने वाले लोगों से। हमने इसका भी रास्ता खोजा है।

फेसलेस असेसमेंट के बाद इस बजट में फेसलेस अपील की भी घोषणा की गई है।

यानि टैक्स असेस करने वाले को अब ये पता नहीं चलेगा कि वो किसका टैक्स असेस कर रहा है, वो किस शहर का है।

इतना ही नहीं, जिसका टैक्स असेसमेंट होना है, उसे भी पता ही नहीं लगेगा कि अफसर कौन है?

यानि खेल की सारी गुंजाइश ही खत्म।

साथियों,

अकसर सरकार के ये प्रयास हेडलाइंस नहीं बन पाते लेकिन आज हम दुनिया के उन गिने चुने देशों में शामिल हो गए हैं, जहां टैक्स पेयर्स के अधिकारों को स्पष्टता से डिफाइन करने वाला टैक्सपेयर्स चार्टर भी लागू होगा।

अब भारत में टैक्स Harassment बीते दिनों की बातें होने जा रही हैं। आधुनिक टेक्नोलॉजी की मदद से अब देश टैक्स Encouragement की दिशा में बढ़ रहा है।

Friends,

सरकार द्वारा देश को Tax Compliant (कम्प्लायंट) Society बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। बीते 4-5 वर्षों में देश ने इसमें काफी प्रगति की है लेकिन अभी लंबा सफर बाकी है।

मैं आपके सामने कुछ आंकड़ों के साथ अपनी बात कहना चाहता हूं।

साथियों,

पिछले पाँच साल में देश में डेढ़ करोड़ से ज्यादा कारों की बिक्री हुई है।

3 करोड़ से ज्यादा भारतीय, बिजनेस के काम से या घूमने के लिए विदेश गए हैं।

लेकिन स्थिति ये है कि 130 करोड़ से ज्यादा के हमारे देश में सिर्फ डेढ़ करोड़ लोग ही इनकम टैक्स देते हैं।

इसमें से भी प्रतिवर्ष 50 लाख रुपए से ज्यादा आय घोषित करने वालों की संख्या लगभग 3 लाख है।

आपको एक और आंकड़ा देता हूं।

हमारे देश में बड़े-बड़े डॉक्टर हैं, लॉयर्स हैं, चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं, अनेक प्रोफेशनल्स हैं जो अपने-अपने क्षेत्र में छाए हुए हैं, देश की सेवा कर रहे हैं।

लेकिन ये भी एक सच्चाई है कि देश में करीब सिर्फ 2200 प्रोफेशनल्स ही हैं जो अपनी सालाना इनकम को एक करोड़ रुपए से ज्यादा बताते हैं।

पूरे देश में सिर्फ 2200 प्रोफेशनल्स !!!

साथियों,

जब हम देखते हैं कि लोग घूमने जा रहे हैं, अपनी पसंद की गाड़ियां खरीद रहे हैं तो खुशी होती है। लेकिन जब टैक्स भरने वालों की संख्या देखते हैं, तो चिंता भी होती है।

ये Contrast भी देश की एक सच्चाई है।

जब बहुत सारे लोग टैक्स नहीं देते, टैक्स नहीं देने के तरीके खोज लेते हैं, तो इसका भार उन लोगों पर पड़ता है, तो ईमानदारी से टैक्स चुकाते हैं।

इसलिए, मैं आज प्रत्येक भारतीय से इस विषय में आत्ममंथन करने का आग्रह करूंगा।

क्या उन्हें ये स्थिति स्वीकार है?

आज पर्सनल इनकम टैक्स हो या फिर कॉरपोरेट इनकम टैक्स, भारत दुनिया के उन देशों में है जहां सबसे कम टैक्स लगता है।

क्या फिर जो असमानता मैंने आपको बताई, वो खत्म नहीं होनी चाहिए?

साथियों,

सरकार को जो टैक्स मिलता है, वो देश में जन कल्याण की योजनाओं में काम आता है, इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारने में काम आता है। टैक्स के इसी पैसे से देश में नए एयरपोर्ट्स बनते हैं, नए हाईवेज बनते हैं, मेट्रो का काम होता है।

गरीबों को मुफ्त गैस कनेक्शन, मुफ्त बिजली कनेक्शन, सस्ता राशन, गैस सब्सिडी, पेट्रोल डीजल सब्सिडी, स्कॉलरशिप, इतना सब कुछ सरकार इसलिए कर पाती है, क्योंकि देश के कुछ जिम्मेदार नागरिक, पूरी ईमानदारी से टैक्स दे रहे हैं।

और इसलिए,

बहुत आवश्यक है कि देश का हर वो व्यक्ति, जिसे देश ने, समाज ने इतना कुछ दिया है वो अपना कर्तव्य निभाए। जिनकी वजह से उसकी आय इतनी है कि वो टैक्स देने के लिए सक्षम बना है, उसे ईमानदारी से टैक्स देना भी चाहिए।

मैं आज Times Now के मंच से, सभी देशवासियों से ये आग्रह करूंगा कि देश के लिए अपना जीवन समर्पित करने वालों को याद करते हुए एक प्रण लें, संकल्प लें।

उन लोगों को याद करें जिन्होंने देश को आजाद कराने में अपने प्राणों की आहूति दे दी थी।

देश के उन महान वीर बेटे-बेटियों को याद करते हुए, ये प्रण लें कि वो ईमानदारी से जो टैक्स बनता है, उसे देंगे।

वर्ष 2022 में आजादी के 75 वर्ष होने जा रहे हैं। अपने संकल्पों को इस महान पर्व से जोड़िए, अपने कर्तव्यों को इस महान अवसर से जोड़िए।

मेरा मीडिया जगत से भी एक आग्रह है।

स्वतंत्र भारत के निर्माण में मीडिया की बहुत बड़ी भूमिका रही है।

अब समृद्ध भारत के निर्माण में भी मीडिया को अपनी भूमिका का विस्तार करना चाहिए।

जिस तरह मीडिया ने स्वच्छ भारत, सिंगल यूज प्लास्टिक पर जागरूकता अभियान चलाया, वैसे ही उसे देश की चुनौतियों, जरूरतों के बारे में भी निरंतर अभियान चलाते रहना चाहिए।

आपको सरकार की आलोचना करनी हो, हमारी योजनाओं की गलतियां निकालनी हो, तो खुलकर करिए, वो मेरे लिए व्यक्तिगत तौर पर भी बहुत महत्वपूर्ण फीडबैक होता है, लेकिन देश के लोगों को निरंतर जागरूक भी करते रहिए।

जागरूक, सिर्फ खबरों से ही नहीं बल्कि देश को दिशा देने वाले विषयों से भी।

|

साथियों,

21वीं सदी को भारत की सदी बनाने में बहुत बड़ी भूमिका है, अपने-अपने कर्तव्य के पालन की।

एक नागरिक के तौर पर देश हमसे जिन कर्तव्यों को निभाने की अपेक्षा करता है, वो जब पूरे होते हैं, तो देश को भी नई ताकत मिलती है, नई ऊर्जा मिलती है।

यही नई ऊर्जा, नई ताकत, भारत को इस दशक में भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।

ये दशक भारत के Startups का होने वाला है।

ये दशक भारत के Global Leaders का होने वाला है।

ये दशक भारत में Industry 4.0 के मजबूत नेटवर्क का होने वाला है।

ये दशक, Renewable Energy से चलने वाले भारत का होने वाला है।

ये दशक Water efficient और Water Sufficient भारत का होने वाला है।

ये दशक भारत के छोटे शहरों का होने वाला है, हमारे गांवों का होने वाला है।

ये दशक, 130 करोड़ सपनों का है, Aspirations का है।

मुझे विश्वास है कि इस दशक को भारत का दशक बनाने के लिए अनेक सुझाव Times Now की पहली Summit से निकलेंगे।

और आलोचना के साथ, सुझावों के साथ ही, कुछ बात कर्तव्यों पर भी होगी।

आप सभी को फिर से बहुत शुभकामनाएं।

बहुत-बहुत धन्यवाद !!!

  • ashutosh tripathi February 10, 2025

    🙏🏻🚩🚩🚩
  • krishangopal sharma Bjp January 18, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌹🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷
  • krishangopal sharma Bjp January 18, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌹🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹
  • krishangopal sharma Bjp January 18, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌹🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷
  • Reena chaurasia September 05, 2024

    बीजेपी
  • Babla sengupta December 23, 2023

    Babla sengupta
  • Laxman singh Rana September 13, 2022

    नमो नमो 🇮🇳🌹🌹
  • Laxman singh Rana September 13, 2022

    नमो नमो 🇮🇳🌹
  • Laxman singh Rana September 13, 2022

    नमो नमो 🇮🇳
  • Shivkumragupta Gupta June 30, 2022

    जय भारत
Explore More
78-ാം സ്വാതന്ത്ര്യ ദിനത്തില്‍ ചുവപ്പ് കോട്ടയില്‍ നിന്ന് പ്രധാനമന്ത്രി ശ്രീ നരേന്ദ്ര മോദി നടത്തിയ പ്രസംഗം

ജനപ്രിയ പ്രസംഗങ്ങൾ

78-ാം സ്വാതന്ത്ര്യ ദിനത്തില്‍ ചുവപ്പ് കോട്ടയില്‍ നിന്ന് പ്രധാനമന്ത്രി ശ്രീ നരേന്ദ്ര മോദി നടത്തിയ പ്രസംഗം
Apple India produces $22 billion of iPhones in a shift from China

Media Coverage

Apple India produces $22 billion of iPhones in a shift from China
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Prime Minister condoles the loss of lives in a factory mishap in Anakapalli district of Andhra Pradesh
April 13, 2025
QuotePM announces ex-gratia from PMNRF

Prime Minister Shri Narendra Modi today condoled the loss of lives in a factory mishap in Anakapalli district of Andhra Pradesh. He announced an ex-gratia of Rs. 2 lakh from PMNRF for the next of kin of each deceased and Rs. 50,000 to the injured.

The Prime Minister’s Office handle in post on X said:

“Deeply saddened by the loss of lives in a factory mishap in Anakapalli district of Andhra Pradesh. Condolences to those who have lost their loved ones. May the injured recover soon. The local administration is assisting those affected.

An ex-gratia of Rs. 2 lakh from PMNRF would be given to the next of kin of each deceased. The injured would be given Rs. 50,000: PM @narendramodi”

"ఆంధ్రప్రదేశ్ లోని అనకాపల్లి జిల్లా ఫ్యాక్టరీ ప్రమాదంలో జరిగిన ప్రాణనష్టం అత్యంత బాధాకరం. ఈ ప్రమాదంలో తమ ఆత్మీయులను కోల్పోయిన వారికి ప్రగాఢ సానుభూతి తెలియజేస్తున్నాను. క్షతగాత్రులు త్వరగా కోలుకోవాలని ప్రార్థిస్తున్నాను. స్థానిక యంత్రాంగం బాధితులకు సహకారం అందజేస్తోంది. ఈ ప్రమాదంలో మరణించిన వారి కుటుంబాలకు పి.ఎం.ఎన్.ఆర్.ఎఫ్. నుంచి రూ. 2 లక్షలు ఎక్స్ గ్రేషియా, గాయపడిన వారికి రూ. 50,000 అందజేయడం జరుగుతుంది : PM@narendramodi"