എന്നിക്ക് അഭിമാനമുണ്ട്. പ്രതിസന്ധിയുടെ പശ്ചാത്തലത്തിൽ, ഇന്ത്യ ഉയർന്നു, ലോകമെമ്പാടും വാക്സിനുകൾ അയച്ചു, സംഘർഷ മേഖലകളിൽ നിന്ന് നമ്മുടെ പൗരന്മാരെ സുരക്ഷിതമായി തിരികെ കൊണ്ടുവരുന്നു: പ്രധാനമന്ത്രി മോദി
ഇന്ന്, യൂറിയയുടെ സമൃദ്ധവും തടസ്സമില്ലാത്തതുമായ വിതരണമുണ്ട്, ഇത് കർഷകരുടെ ഗണ്യമായ പുരോഗതിയെ അടയാളപ്പെടുത്തുന്നു: പിലിഭിത്ത് റാലിയിൽ പ്രധാനമന്ത്രി മോദി
സിഎഎ പിലിഭിത്തിലെ നിരവധി കുടുംബങ്ങൾക്ക് ഗുണം ചെയ്യും, എന്നിട്ടും കോൺഗ്രസും സമാജ്‌വാദി പാർട്ടിയും ഇതിനെ എതിർക്കുന്നു: പ്രധാനമന്ത്രി മോദി പ്രതിപക്ഷത്തെ പരിഹസിച്ചു
നവരാത്രിയുടെ ഈ ശുഭകരമായ ആദ്യ ദിനത്തിൽ, ശക്തിയുടെ ആരാധന ആരംഭിക്കുമ്പോൾ, ഈ ദിവ്യശക്തിയെ ഉന്മൂലനം ചെയ്യാൻ INDI സഖ്യം പ്രതിജ്ഞയെടുക്കുന്നു: പ്രധാനമന്ത്രി മോദി
കരിമ്പ് കർഷകർ നേരിടുന്ന പ്രശ്‌നങ്ങൾ ബി.ജെ.പി സർക്കാർ ശുഷ്കാന്തിയോടെ നേരിട്ടു: പിലിഭിത്തിൽ പ്രധാനമന്ത്രി

भारत माता की... भारत माता की...
साथियों,
आज देश के विभिन्न हिस्सों में नव वर्ष मनाया जा रहा है। आज विक्रम संवत ‘दो हजार इक्यासी’ का पहला दिन है। मैं समस्त देशवासियों को गुडी पडवा, उगाडी, चेटी चंड, नवरेह, नवरेह के साथ-साथ ‘साजिबु चेरोबा’, नव वर्ष की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। आज से चैत्र नवरात्रि भी शुरू हो गई है, देशभर में शक्ति की उपासना उसकी धूम मची हुई है। नवरात्रि का पर्व हो, हरकोई उसकी भक्ति में डूबा हुआ हो, शक्ति उपासना से जुड़ा हुआ हो, ऐसे समय इतनी बड़ी रैली, ये अपनेआप में एक अजूबा है। क्योंकि मेरा जब कार्यक्रम बन रहा था तो मैंने कहा भाई नवरात्रि है लोग कैसे आएंगे? उन्होंने कहा साहब बस आप बस डेट दे दीजिए। और इतने कम समय में नवरात्रि के पावन पर्व पर भी इतनी बड़ी तादाद में आप मुझे आशीर्वाद देने आए। इस पावन अवसर पर बड़ी संख्या में शक्ति स्वरुपा माताएं-बहनें-बेटियां भी हमें आशीर्वाद दे रही हैं। मैं सभी सिख गुरुओं को भी नमन करता ङूं। कुछ ही दिन में बैसाखी भी आने वाली है। मैं आपको बैसाखी की भी शुभकामनाएं देता हूं। मुझे यहां पीलीभीत के साथ ही बरेली की जनता-जनार्दन के दर्शन का भी सौभाग्य मिला है। और सब ओर एक ही संदेश है और बहुत ही स्पष्ट संदेश है- एक गूंज सुनाई दे ही है... फिर एक बार...मोदी सरकार ! फिर एक बार... फिर एक बार... फिर एक बार....

साथियों
हम बचपन से सुनते आए हैं..."सवा लाख से एक लड़ाऊं, चिड़ियन ते मैं बाज तुड़ाऊं, तबै गुरु गोबिंद सिंह नाम कहाऊं" ये बोल भारत की वीर परंपरा के प्रतीक हैं। ये बोल दिखाते हैं कि लक्ष्य कितना ही कठिन क्यों ना हो, भारत अगर ठान लेता है, तो सफलता हासिल करके रहता है। आज इसी प्रेरणा से, इसी ऊर्जा से भारत के हम लोग विकसित भारत के संकल्प पर काम कर रहे हैं। सारी दुनिया की मुश्किलों के बीच, भारत ये दिखा रहा है कि उसके लिए कुछ भी असंभव नहीं है। आप मुझे बताइए साथियों, भारत जब दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती आर्थिक ताकत बना, तो आपको गर्व हुआ कि नहीं हुआ? हमारे चंद्रयान ने जब चांद पर तिरंगा फहराया, तो आपको गर्व हुआ कि नहीं हुआ? भारत में हुए भव्य G-20 सम्मेलन की पूरी दुनिया में वाहवाही हुई, प्रशंसा हुई, आपको गर्व हुआ कि नहीं हुआ? कभी कांग्रेस सरकारें दुनिया से मदद मांगते थीं। लेकिन कोरोना के महासंकट में भारत ने पूरी दुनिया में वैक्सीन भेजी, दवाइयां भेंजी। इसको सुनकर आपको गर्व हुआ कि नहीं हुआ? दुनिया में कहीं भी युद्ध का संकट आया, हम एक-एक भारतीय को सुरक्षित वापस लाए।
अफगानिस्तान से गुरु ग्रंथ साहब के पवित्र स्वरूपों को भी पूरी श्रद्धा के साथ भारत लाए। आपको गर्व हुआ कि नहीं हुआ?

साथियों,
जब देश मज़बूत होता है, तो दुनिया उसकी सुनती है। आप मुझे बताइए, दुनिया में भारत का डंका बज रहा है कि नहीं बज रहा है? चारों तरफ डंका बज रहा है कि नहीं बज रहा है? दुनिया के हर कोने में डंका बज रहा है कि नहीं बज रहा है? ये कैसे हुआ? ये किसने किया? ये कैसे हुआ? किसने किया? किसने किया? किसने किया? आपका जवाब गलत है। ये मोदी ने नहीं किया ये आपके एक वोट ने किया है। ये आपके एक वोट की ताकत है। आपके एक वोट से मज़बूत सरकार बनी, निर्णायक सरकार बनी, सशक्त सरकार बनी और काम करने वाली सरकार बनी। और बीजेपी सरकार ने दुनिया को दिखा दिया कि भारत किसी से भी कम नहीं है।

साथियों,
जब नीयत सही होती है, हौसले बुलंद होते हैं, तो नतीजे भी सही मिलते हैं। आज हम चारों तरफ विकसित भारत का निर्माण होते हुए देख रहे हैं। कहीं फोर लेन, सिक्स लेन, eight lane के हाईवे बन रहे हैं। कहीं भव्य रेलवे स्टेशन बन रहे हैं। कहीं वंदे भारत और अमृत भारत जैसी आधुनिक ट्रेनें चल रही हैं। पीलीभीत-भोजीपुरा और पीलीभीत से टनकपुर तक रेलवे के ब्रॉडगेज होने से, एक्सप्रेस ट्रेन भी चलने लगी है। धनारा घाट पर 250 करोड की लागत से पुल बनाने का काम भी शुरू होने वाला है। इससे शारदा नदी के किनारे रह रहे हजारों लोगों को आसानी होगी। ये जो सुविधाएं बन रही हैं, ये किसानों और नौजवानों दोनों के लिए नए अवसर लेकर के आती है। पुरानी सरकारों के दौरान जो उद्योग यहां बंद पड़ गए थे, जो फैक्ट्रियां यहां बंद हो गई थीं, उनको भी इससे नई ऊर्जा मिलेगी। पीलीभीत में एक तरफ बांसुरी की सुरीली आवाज है तो दूसरी तरफ टाइगर की दहाड़ भी है। हमारी सरकार पीलीभीत टाइगर रिज़र्व की ख्याति को भी देश और दुनिया के कोने-कोने में ले जाने का काम कर रही है। यहां इको-टूरिज्म का नया इकोसिस्टम बन रहा है। यहां के नौजवानों के लिए रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर बन रहे हैं।

साथियों,
पीलीभीत और ये पूरा क्षेत्र खेती किसानी के लिए भी जाना जाता है।
आप याद कीजिए 10 वर्ष पहले तक किसानों की क्या स्थिति थी?
महंगे यूरिया की कालाबाजारी होती थी और किसानों को लाठियां खानी पड़ती थीं। आज यूरिया भी पर्याप्त मिलता है और लगातार मिलता है। जो बोरी दुनिया में 3 हज़ार रुपए में मिलती है, वो हमारी सरकार सिर्फ 300 रुपए से भी कम कीमत पर यूरिया की बोरी किसानों को देती है। यहां यूपी के किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के तहत करीब 70 हज़ार करोड़ रुपए भी मिले हैं। ये आंकड़ा छोटा नहीं है। किसानों के बैंक खातों में 70 हजार करोड़ रुपया ये मोदी सरकार ने पहुंचाया है। और इसमें से करीब साढ़े 800 करोड़ रुपए यहां पीलीभीत के किसानों के बैंक खाते में पहुंचे हैं।

साथियों,
कांग्रेस और सपा के राज में गन्ना किसानों को कैसे अपने ही पैसे के लिए तरसाया जाता था, ये आपसे अच्छा और कौन जानता है। भाजपा सरकार ने गन्ना किसानों की परेशानी को कम करने के लिए पूरी ताकत से काम किया है। और योगी जी ने तो पहले ही दिन से गन्ना किसानों की मूसीबतें दूर करने के लिए अनेक कदम उठाए। कई चीनी मिलें खुलीं है कई का विस्तार हुआ है और ये काम लगातार किया जा रहा है। सपा-बसपा-कांग्रेस के 14 साल में जितने रुपए गन्ना किसानों को मिले थे, उससे ज्यादा पैसे बीजेपी ने यहां योगी जी की सरकार ने अपने 7 साल में गन्ना किसानों को दे दिए हैं। देश में इथेनॉल ब्लेंडिंग को लेकर जो बड़ा अभियान चल रहा है, उससे भी पीलीभीत के किसानों को बहुत फायदा होने वाला है। गांव के पास अनाज भंडारण की, दुनिया की सबसे बड़ी योजना भी शुरू हो चुकी है। इस योजना के तहत देश में लाखों नए गोदाम बनाए जा रहे हैं। इसका भी लाभ पीलीभीत के किसानों को मिलने वाला है। आने वाले 5 वर्षों में हम ड्रोन से खेती का नया विस्तार देखेंगे। हमारे युवा ड्रोन बनाएंगे और गांव की हमारी माताएं-बहनें, ड्रोन पायलट बनेंगी।
गांव-गांव में 3 करोड़ महिलाएं ये हमारी लखपति दीदी बनेंगी- ये मोदी की गारंटी है। पक्के घर, हर घर नल से जल, ऐसी हर सुविधा तेज़ी से हर बहन, हर परिवार तक पहुंचे, ये मोदी की गारंटी है। और आप जानते हैं, मोदी की गारंटी यानि गारंटी पूरी होने की गारंटी।

साथियों,
पीलीभीत की इस धरती पर माता यशवंतरी देवी का आशीर्वाद है। पीलीभीत में आदि गंगा मां गोमती का पवित्र उद्गम स्थल है। आज नवरात्रि के पहले दिन, शक्ति की पूजा के पहले दिन, मैं देश को ये भी याद दिला रहा हूं कि कैसे इंडी गठबंधन ने शक्ति को खत्म करने की सौगंध खाई है। आज देशभर में जिस शक्ति की पूजा हो रही है, उस शक्ति का कांग्रेस ने घोर अपमान किया है। जिस शक्ति के आगे हम शीश झुकाते हैं, उस शक्ति को उखाड़ फेंकने की बात ये कांग्रेस के नेता कर रहे हैं। शक्ति का कोई भी उपासक, इंडी गठबंधन को इस अपमान के लिए माफ नहीं करेगा। माफ करेगा क्या? माफ करेगा क्या?

साथियों,
सपा-कांग्रेस के इंडी-गठबंधन को भारत की विरासत की परवाह भी नहीं है। 500 साल के इंतज़ार के बाद अयोध्या में भव्य राम मंदिर बना। हमारे कल्याण सिंह जी ने राम मंदिर के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया, अपनी सरकार समर्पित कर दी। देश के हर परिवार ने अपनी-अपनी श्रद्धा के हिसाब से योगदान दिया। पीलीभीत वालों ने भी एक विशाल बांसुरी अयोध्या को भेंट की। लेकिन साथियों,
इन इंडी गठबंधन वालों को राम मंदिर के निर्माण से पहले भी नफरत थी और आज भी नफरत है। चलो भाई आपने मंदिर बनने से रोकने के लिए अदालत में जो करना था कर लिया। आपने मंदिर ना बने इसके लिए लाख कोशिश कर ली। लेकिन जब देश की जनता ने पाई-पाई देकर के इतना भव्य मंदिर बना दिया। जब मंदिरवालों ने आपके सारे गुनाह माफ कर के आपको प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में सम्मान पूर्वक निमंत्रित किया। लेकिन आपने प्राण-प्रतिष्ठा के निमंत्रण को ठुकरा दिया आपने प्रभु राम का अपमान कर दिया। भाइयों बहनों मैं अभी भी नहीं समझ पाता हूं कि इनके मन में इतना जहर भरा है कि उनकी पार्टी से जो प्रतिष्ठा में गए उनको छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया। क्या ऐसा कभी हिंदुस्तान में हो सकता है। कोई राम की पूजा करे उसे पार्टी से निकाल दोगे... ये कैसी पार्टी है भाई...ये पाप करनेवालों को कभी भूलिएगा नहीं भाईयों-बहनों। याद रखेंगे ना? याद रखेंगे?

साथियों,
तुष्टिकरण के दलदल में कांग्रेस इतना डूब गई है कि उससे कभी बाहर नहीं निकल सकती। कांग्रेस ने जो घोषणापत्र बनाया है वो कांग्रेस का नहीं, ऐसा लगता है कि मुस्लिम लीग का घोषणापत्र दिखता है। तुष्टिकरण के दबाव में ही कांग्रेस हो या सपा, CAA का भी विरोध कर रही हैं। विदेशी धरती पर अत्याचार की वजह से भागे, भागने के लिए मजबूर हुए हिंदुओं और सिख भाई बहनों को, आप मुझे बताइए, मेरे इन हिंदू भाइयों-बहनों को, मेरे इन सिख भाई-बहनों को भारत अगर नागरिकता नहीं देगा तो कोई और देगा क्या? नागरिकता देनी चाहिए कि नहीं देनी चाहिए? वो अपने हैं कि नहीं हैं? उनको हमें संभालना चाहिए कि नहीं संभालना चाहिए? CAA का यहां पीलीभीत में रहने वाले अनेक परिवारों को…मेरी आपको गारंटी है, आप अप्लाई कीजिए, आपका हमेशा-हमेशा की मुसीबतों से मुक्ति मिल जाएगी। आप भारत के नागरिक के नाते गर्व से जी पाएंगे। लेकिन कांग्रेस और समाजवादी पार्टी इस पर भी एतराज जता रही है।

साथियों,
यहां इस सभा में बड़ी संख्या में हमारे शरणार्थी भाई-बहन हैं, हमारे रे सिख भाई-बहन भी हैं। समाजवादी पार्टी आज जिस कांग्रेस के साथ खड़ी है, उस कांग्रेस ने चौरासी में हमारे सिख भाई-बहनों के साथ क्या किया था, वो कोई भूल नहीं सकता। ये भाजपा है जो सिखों के साथ पूरी शक्ति से खड़ी है, उनकी भावनाओं को समझते हुए काम करती है। हमें गर्व होता है जब करतारपुर साहिब कॉरिडोर के द्वारा लाखों श्रद्धालु, दशकों से जो उनके मन में दर्द था, पीड़ा थी, उससे मुक्त होकर के आज करतारपुर साहब जाकर के मत्था टेकर के हमारे लिए आशीर्वाद लेकर के आते हैं। ये भाजपा सरकार है जिसने लंगर की वस्तुओं पर से GST हटाया। हमने श्री हरमिंदर साहब के लिए FCRA रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित किया, जिससे विदेश के लोगों को भी सेवा करने का अवसर मिले। हमने वीर बाल दिवस मनाकर, साहिबजादों के शौर्य को सम्मान दिया। गुरु नानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व हो...गुरु तेग बहादुर जी का 400वां प्रकाश पर्व हो... गुरु गोविंद सिंह जी का 350वां प्रकाश पर्व हो, भाजपा सरकार ने देश विदेश में सभी पर्व धूमधाम से मनाए।

साथियों,
कांग्रेस और उसके इंडी गठबंधन को, देश की महान विभूतियों का अपमान करने में भी संकोच नहीं होता। कांग्रेस के या समाजवादी पार्टी के बड़े नेता कभी भी सरदार पटेल, इस देश के महापुरुष जिसने देश की एकता के लिए अपनी जिंदगी खपा दी। उनके सम्मान में स्टैच्यू आफ यूनिटी बना हुआ है। दुनिया का सबसे ऊंचा स्टैच्यू, लेकिन कांग्रेस सपा वालों को वहां जाकर के सरदार साहब का सम्मान करने का उनका मन नही करता। ये लोग विदेशों में जाकर के तो घूमकर के आते हैं, लेकिन अपने ही देश में सरदार पटेल की प्रतिमा का दर्शन नहीं करते। जिन सरदार पटेल ने पूरे देश को एक किया, उनका भी ये लोग बहिष्कार करते हैं।

साथियों,
भारत को बांटने की साजिश में जुटे इंडी गठबंधन से और कोई उम्मीद नहीं की जा सकती। इसलिए देश की एकता अखंडता के लिए भारतीय जनता पार्टी आपके आशीर्वाद के लिए हम आपके पास आए हैं। आपके आशीर्वाद भारतीय जनता पार्टी को विजयी बनाएंगे है।
19 अप्रैल को- पीलीभीत से जितिन प्रसाद जी और 7 मई को बरेली से छत्रपाल सिंह गंगवार जी को भारी मतों से जिताने के लिए मैं आप सबसे प्रार्थना करने के लिए आया हूं। आप मेरी बात घर-घर पहुंचाएंगे? हर पोलिंग बूथ में जाएंगे? पोलिंग बूथ जीतने के लिए योजना बनाएंगे? अच्छा मेरा एक काम करोगे? एक मेरा काम करोगे? मेरा पर्सनल काम है करोगे? घर-घर जाना और जाकर के बताना कि मोदी जी आए थे और मोदी जी ने आपको प्रणाम भेजा है। मेरा प्रणाम पहुंचा दोगे? मेरे साथ बोलिए.. भारत माता की.... भारत माता की... भारत माता की...
बहुत-बहुत धन्यवाद।

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78-ാം സ്വാതന്ത്ര്യ ദിനത്തില്‍ ചുവപ്പ് കോട്ടയില്‍ നിന്ന് പ്രധാനമന്ത്രി ശ്രീ നരേന്ദ്ര മോദി നടത്തിയ പ്രസംഗം

ജനപ്രിയ പ്രസംഗങ്ങൾ

78-ാം സ്വാതന്ത്ര്യ ദിനത്തില്‍ ചുവപ്പ് കോട്ടയില്‍ നിന്ന് പ്രധാനമന്ത്രി ശ്രീ നരേന്ദ്ര മോദി നടത്തിയ പ്രസംഗം
PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।