उणकेश्वर महादेव // विष्णुपुरीतील काळेश्वर// यांच्या चरणी //नतमस्तक होतो.// महात्मा बसवेश्वर //यांना मी // कोटी कोटी वंदन करतो.// सर्व नांदेडकरांना // माझा नमस्कार//
मैं मराठवाड़ा की धरती से स्वामी रामानंद तीर्थ और श्री नामदेव जैसे संतों को, इस धरती में जन्मे स्वतन्त्रता सेनानियों को भी प्रणाम करता हूं।
साथियों,
आज पूरे महाराष्ट्र में बीजेपी और महायुति के समर्थन में एक लहर चल रही है। आज हर किसी की जुबान पर एक ही नारा है- भाजपा-महायुति //आहे// तर गति आहे// महाराष्ट्राची //प्रगति आहे।
(ये सज्जन कुछ फोटो लेकर आए हैं। ये फोटो ले लीजिए भई। मुझे देने के लिए लाए हैं या दिखाने के लिए लाए हैं। देने के लिए लाए हैं, जरा सिक्योरिटी के लोग वो फोटो ले लीजिए। मुझे पहुंच जाएगा। मैं आपका आभारी हूं। हां, दे दीजिए इनको। बहुत-बहुत धन्यवाद आपका।)
साथियों,
आज देश विकसित भारत के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा है। और देश की जनता जानती है कि इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए भाजपा और उसके सहयोगी दल ही गंभीरता से काम कर रहे हैं। इसलिए भाजपा और एनडीए सरकारों को देश के लोग बार-बार चुन रहे हैं। केंद्र में देश ने लगातार तीसरी बार एनडीए को सेवा का मौका दिया है। लेकिन इस बार उसमें नांदेड़ का फूल नहीं था भाई। क्या इस बार नांदेड़ का फूल पहुंचेगा दिल्ली? पक्का पहुंचेगा? देखिए, आज मैं डबल ड्यूटी कर रहा हूं। एक तो मैं मोदी के लिए भी मदद मांग रहा हूं और दूसरा महाराष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य के लिए भी आपसे आशीर्वाद मांगता हूं। जो नांदेड़ लोकसभा क्षेत्र के भाई-बहन हैं, आपको दो वोट डालने हैं, याद है ना। हां, वर्ना लोग कुछ उल्टा ही पढ़ाएंगे आपको।
साथियों,
अभी हरियाणा के चुनावों में बीजेपी को पहले से भी ज्यादा सीटें मिलीं। पहले से क्या इतिहास में सबसे ज्यादा सीटें मिलीं। अब यही इतिहास महाराष्ट्र की जनता भी दोहराने जा रही है। साथियों, पिछले दो दिन से मैं महाराष्ट्र में जहां-जहां गया, हरेक के मन में ये कसक है कि लोकसभा में जो कमी रह गई इस बार विधानसभा में जमकर के इसको पूरा कर देना है। लोग कह रहे हैं- विकसित महाराष्ट्र के लिए महायुति की सरकार चाहिए… महायुतीचीच सरकार पाहिजे।
साथियों,
महाराष्ट्र ने कांग्रेस के प्रकोप को लंबे समय तक झेला है। खासकर मराठवाड़ा के किसान, आपकी परेशानियों की तो जड़ ही कांग्रेस पार्टी है। कांग्रेस सरकारों ने कभी यहां के किसानों के सुख-दुःख की परवाह नहीं की। साथियों, पिछले 10 वर्षों में मराठवाड़ा को सूखे की समस्या से मुक्ति दिलाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। महायुति सरकार ने पश्चिमी वैतरणा और उल्हास सब-बेसिन से पानी लाने का फैसला किया है। दमनगंगा-वैतरणा-गोदावरी रिवर लिंक योजना से भी मराठवाड़ा को लाभ होगा। मराठवाड़ा में 11 सिंचाई योजनाओं को मंजूरी दे दी गई है। इस क्षेत्र की सिंचाई की समस्या दूर करने के लिए मराठवाड़ा वाटर ग्रिड परियोजना शुरू की गई थी। लेकिन जब महा-अघाड़ी की सरकार आई तो उसने इस पर रोक लगा दी। अब महायुति की सरकार ने इसे दोबारा गति दी है।
साथियों,
किसानों की हित हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। महाराष्ट्र के सवा करोड़ से ज्यादा किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि का फायदा मिला है। नांदेड़ में 5 लाख से ज्यादा किसानों के खाते में (मैं सिर्फ नांदेड़ के किसानों की बात कर रहा हूं।) लगभग डेढ़ हजार करोड़ रुपए भेजे हैं। (ये नौजवान कुछ लेकर आया है बड़ा प्यार से, कब से हाथ ऊपर करके खड़ा है, उसका हाथ थक जाएगा, जरा ले लीजिए। धन्यवाद भैया, आपके प्यार के लिए। ये आपका प्यार ही मेरी ताकत है भाई।) साथियों, यहां के सोयाबीन किसानों को संकट से उबारने के लिए भी आर्थिक सहायता दी गई है।
साथियों,
पिछले ढाई वर्षों में मराठवाड़ा क्षेत्र में 80 हजार करोड़ रुपए का निवेश हुआ है। इससे रोजगार के हजारों नए अवसर तैयार हुए हैं। दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर इस क्षेत्र को नई पहचान दे रहा है। रेल कोच फैक्ट्री और लॉजिस्टिक पार्क ने यहां विकास के नए द्वार खोले हैं। समृद्धि महामार्ग से इस क्षेत्र की प्रगति को नई रफ्तार मिली है। नांदेड़ से गुजरने वाले शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे से पूरे मराठवाड़ा की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई मिलेगी। नांदेड़ से दिल्ली और आदमपुर के लिए विमान सेवाएं शुरू हो गई हैं। जल्द ही हमारे सिख भाइयों को यहां से अमृतसर तक की यात्रा विमान से करने की सुविधा भी मिलेगी।
साथियों,
पिछले 10 वर्षों में हमारी सरकार की ज्यादातर योजनाओं के केंद्र में नारीशक्ति रही है। जिस परिवार को पीएम आवास योजना के तहत घर मिल रहा है, जिस घर में नया शौचालय बन रहा है, जहां पहली बार बिजली और पानी का कनेक्शन पहुंच रहा है, जिस रसोई में पहली बार गैस सिलेंडर पर खाना बन रहा है, वहां घर की महिला सदस्य को ही सबसे ज्यादा सुविधा हो रही है। मैं जरा माताओं-बहनों को पूछता हूं, मैं सही बोल रहा हूं। हो रहा है कि नहीं हो रहा है? देखिए, माताएं-बहनें उत्साह से आशीर्वाद दे रही हैं। आज हमारी गांव की बहनें ड्रोन दीदी बनकर एक सीजन में लाखों रुपए कमा रही हैं। हम 3 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने के मिशन में जुटे हैं। इस देश में ऐसी बातें कभी सुनने में आई नहीं। लेकिन मोदी है, बड़ा सोचता है, बड़ा चाहता है, बड़ा करता है। दीदी मेरी लखपति बनेगी, गांव की मेरी दीदी लखपति बनेगी। मुझे खुशी है कि महायुति सरकार भी महाराष्ट्र की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए समर्पित है। हमारे शिंदे जी के नेतृत्व में आज महाराष्ट्र की माताएं-बहनें बढ़-चढ़कर आगे आई हैं। माझी लाडकी बहिन योजना को यहां की महिलाओं ने जिस तरह अपनाया है, वो अभूतपूर्व है।
साथियों,
कांग्रेस ने हमारे देश में एक से बढ़कर एक घोटाले किए हैं। लेकिन, अब तो इन्होंने हद ही पार कर दी। कांग्रेस ने फर्जीवाड़े में अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया है। आपने टीवी और मोबाइल पर देखा होगा, कांग्रेस के लोग संविधान के नाम पर अपनी एक अलग लाल किताब बंटवा रहे हैं। कांग्रेस की लाल किताब पर ऊपर तो लिखा है- भारत का संविधान! लेकिन, लोगों ने जब भीतर से खोला तो पता चला कि लाल किताब कोरी है! सारे पन्ने कोरे। उसमें बाबासाहेब के संविधान का एक शब्द भी नहीं लिखा है! ये उनकी बाबासाहेब के प्रति जो नफरत है न, उसका ये नमूना है। ये देख पूरा देश हैरान है! कि चुनाव में इतना झूठा करने की इनकी इतनी हिम्मत। संविधान के नाम पर लाल किताब छपवाना, उसमें से संविधान के शब्दों को हटाना, ये संविधान को खत्म करने की कांग्रेस की पुरानी सोच है। ये कांग्रेस वाले देश में बाबासाहेब का नहीं, अपना अलग ही संविधान चलाना चाहते हैं। यही कोशिश इन लोगों ने आपातकाल के दौरान की थी। अब अपनी अलग किताब छपवाकर ये संविधान का मजाक उड़ा रहे हैं। सच्चाई ये है कि कांग्रेस और उसके साथियों को बाबासाहेब के संविधान से नफरत है।
साथियों,
आजादी के बाद कांग्रेस पार्टी ने बाबासाहेब के संविधान के साथ सबसे पहला विश्वासघात कश्मीर में किया था। पूरे देश ने बाबासाहेब के संविधान को स्वीकार किया। लेकिन, कांग्रेस पार्टी ने आर्टिकल-370 के जरिए कश्मीर में अलग विधान चलाया। कश्मीर में हमारे तिरंगे की जगह अलग झण्डा चलाया। कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के दलितों को उनके अधिकार नहीं मिलने दिये। कश्मीर इतने दशकों तक आतंकवाद की आग में जलता रहा। कश्मीर में अलगाववाद फलता-फूलता रहा। देश को पता भी नहीं चलने दिया कि देश में 75 साल तक दो संविधान चले। और बाबासाहेब के संविधान की बातें करते हैं। क्या बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान जम्मू-कश्मीर में लागू होना चाहिए था कि नहीं होना चाहिए था? उन्होंने नहीं लागू होने दिया। 370 की दीवार बना दी। और जब मोदी आया, दशकों के इंतजार के बाद हमने कश्मीर को आर्टिकल-370 की जकड़ से आज़ाद करवाया। 370 की दीवार को हमेशा-हमेशा के लिए जमीन में गाड़ दिया है।
मैं नांदेड़ के मेरे देशभक्तों से पूछना चाहता हूं। आप बताइए, 370 खत्म होने से आप खुश हैं? अब 370 मरनी चाहिए कि नहीं मरनी चाहिए? क्या 370 को कभी जिंदा होने देंगे क्या? लेकिन देखिए, मेरे नांदेड़ के भाई-बहन, कांग्रेस इस फैसले के खिलाफ है। अभी जम्मू-कश्मीर में चुनाव हुये थे। वहां कांग्रेस गठबंधन को सरकार बनाने का मौका मिला। सरकार बनाते ही, जैसे ही ये लोग विधानसभा में गए, इन्होंने 370 को फिर से लागू करने का प्रस्ताव पास करा दिया। जरा कांग्रेस वालों से पूछिए, ये 370 से इतना प्यार क्यों है इनको? हमें जम्मू-कश्मीर से प्यार है, उन्हें 370 से प्यार है। आप मुझे बताइये, जब से जम्मू-कश्मीर से 370 हटा, वहां आतंकवाद की कमर टूटी या नहीं टूटी? लाल चौक में तिरंगा फहराया कि नहीं फहराया? लाल चौक में लोगों ने दिवाली मनाई की नहीं मनाई? वहां अलगवादी अलग-थलग पड़े या नहीं पड़े? इतना ही नहीं, कश्मीर में विकास को नई गति मिली। वहां लोकतन्त्र मजबूत हुआ। वहां दलितों को पहली बार, आजादी के 75 साल बाद पहली बार दलितों को उनके अधिकार मिले। लेकिन, इससे परेशान कौन हुआ? सबसे ज्यादा परेशान हुआ पाकिस्तान! और दूसरा, कांग्रेस और उसके साथी! अब तक पाकिस्तान पूरी दुनिया में घूम-घूमकर 370 बहाल करने की मांग कर रहा था। कोई उसकी सुनने वाला नहीं था। लेकिन, अब कांग्रेस ने पाकिस्तान का एजेंडा जम्मू-कश्मीर विधानसभा के भीतर चला दिया है। क्या कोई भी देशभक्त, कोई भी मेरा मराठी मानुष, ऐसी कांग्रेस को माफ कर सकता है क्या? मुझे पूरी ताकत से हाथ ऊपर करके जवाब दीजिए, ऐसी कांग्रेस को माफ कर सकते हैं क्या? ऐसी कांग्रेस को सजा दोगे कि नहीं दोगे? इस चुनाव में उनको पराजित करोगे कि नहीं करोगे? उनको सबक सिखाओगे कि नहीं सिखाओगे? कांग्रेस वाले जरा देख लो, ये महाराष्ट्र के स्वाभिमानियों की धरती है महाराष्ट्र। ये देश पर मर मिटने वालों की धरती है। जो लोग राजनीति के लिए इस स्वाभिमान से समझौता कर रहे हैं, जो लोग बाला साहब की विरासत के साथ धोखा कर रहे है, उन्हें महाराष्ट्र के लोग जरूर सबक सिखाएंगे।
साथियों,
बीते कुछ दशकों से देश में कांग्रेस का जनाधार लगातार तार-तार हो रहा है, कम हो रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह है- SC समाज की एकजुटता, दलित समाज की एकजुटता, ST समाज की एकजुटता, आदिवासी समाज की एकजुटता, OBC समाज की एकजुटता। आजादी के बाद, जब तक भारत में SC-ST-OBC अलग-अलग जातियों में बंटे रहे, कांग्रेस मजबूत रही। केंद्र में सरकार बनाती रही। कांग्रेस की राजनीति को सूट करता है कि OBC समाज की जातियां आपस में लड़ती रहें। कांग्रेस को ये बर्दाश्त नहीं हो रहा कि पिछले 10 वर्षों से देश में एक OBC प्रधानमंत्री है, वो सबको साथ लेकर चल रहा है। इसलिए वो OBC की पहचान खतम करके, अलग-अलग जातियों में बांटने का खेल खेल रही है। कांग्रेस, बड़े समूह वाले OBC से, OBC की पहचान छीनकर उसे छोटे समूहों वाली अलग-अलग दर्जनों जातियों में बांट देना चाहती है। इसीलिए, यहां नांदेड़ में कांग्रेस माली को वाणी से लड़ाना चाहती है, तांबोली को कुंभार से लड़ाना चाहती है। कांग्रेस सुतार को सुनार से लड़ाना चाहती है। कांग्रेस, निहाली को निराली से, कासार को मणेरी से, तेली को पांचाल से भिड़ाना चाहती है। कांग्रेस, OBC को छोटे-छोटे समूहों में तोड़कर आपस में लड़ाकर, आपसे बड़े समूह वाली आपकी जो पहचान बनी है, आपकी जो एक ताकत खड़ी हुई है, उसे बर्बाद करना चाहती है, छीनना चाहती है, तोड़ना चाहती है। आप याद रखिए, जब आप अलग-अलग जाति में बंटेंगे, तो आपकी संख्या कम होगी। फिर कांग्रेस वाले आपका आरक्षण आपसे छीनेंगे। यही कोशिश नेहरू जी से लेकर राजीव गांधी तक सबने की थी। अब वही काम वही चालबाजी करके कांग्रेस के शहजादे देश की जनता की आंख में धूल झोंक रहे हैं। उनका मकसद यही है और इसलिए मैं देशवासियों को कहता हूं समाज को तोड़ने वाली इनकी प्रवृत्तियों से सावधान रहना है। हम एक रहेंगे, तो सेफ रहेंगे। हम एक रहेंगे, तो... हम एक रहेंगे, तो... हम एक रहेंगे, तो...।
साथियों,
विकसित भारत तभी संभव है, जब महाराष्ट्र विकसित होगा, महाराष्ट्र का हर परिवार समृद्ध होगा। केंद्र और महायुति की सरकार आपके सपनों को पूरा करने में जुटी है। महायुति के उम्मीदवारों को भारी बहुमत से जिताकर आप अपने भविष्य को सुरक्षित करेंगे। आपने आज हम सब पर इतनी बड़ी तादाद में आकर जो आशीर्वाद बरसाया है, मैं नांदेड़ की धरती का, नांदेड़ के लोगों का, इस पूरे क्षेत्र के लोगों का सर झुकाकर आभार व्यक्त करता हूं।
मेरे साथ बोलिए,
भारत माता की जय,
भारत माता की जय,
दोनों हाथ ऊपर करके पूरी ताकत से बोलिए...
भारत माता की जय,
भारत माता की जय,
भारत माता की जय।
बहुत-बहुत धन्यवाद।