QuoteModi is tirelessly working day and night to change your lives: PM Modi at Dharashiv rally
QuoteSerious allegations have been made against the Congress Party and its members for creating fake videos: PM Modi against the Opposition

भारत माता की, भारत माता की, भारत माता की।

महाराष्ट्राची कुलस्वामिनी आई तुलजाभवानी ला नमन करतो !

मां तुलजाभवानी ने यहां छत्रपति शिवाजी महाराज को विजयी होने का आशीर्वाद दिया था। और आज मैं भी इस धरती पर जनता जनार्दन से आशीर्वाद लेने आया हूं। आशीर्वाद शक्तिशाली भारत के लिए...आशीर्वाद विकसित भारत बनाने के लिए...आपका ये आशीर्वाद ही गारंटी दे रहा है-फिर एक बार...मोदी सरकार! फिर एक बार...मोदी सरकार! फिर एक बार...मोदी सरकार!

भाइयों और बहनों,

ये चुनाव भारत के स्वाभिमान का है। आपने 10 साल पहले का समय देखा है। आप आज का समय भी आप देख रहे हैं। आज दुनिया, उस भारत को जानती है... जो दुनिया के विकास को गति दे रहा है। जिसका चंद्रयान वहां पहुंचाता है, जहां कोई नहीं पहुंचा। जो एक साथ 100 सैटेलाइट भेजता है। जो गगनयान को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी कर रहा है। वो भारत जिसने अपनी मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन बनाई... वो भारत जिसने दुनिया के करोड़ों लोगों की जान बचाई। वो भारत जो बड़े से बड़े युद्ध से गोलाबारी के बीच से अपने नागरिकों को सुरक्षित निकाल लाता है। भाइयों-बहनों पहले ऐसा कभी होता था। पहले आतंकी हमला करके भाग जाते थे… कांग्रेस की सरकार रोती रहती थी, दुनियाभर में जाकर कहती थी बचाओ... बचाओ। पहले जिसे देखो वो भारत को आंख दिखा देता था। और कांग्रेस की सरकार क्या करती थी? अमन की आशा का राग अलापती थी। अब आप मुझे बताइए, जो सरकार खुद ही कमजोर हो, वो देश कैसे मजबूत बनाती। क्या कमजोर सरकार मजबूत देश बना सकती है? जिसका खुद का ठिकाना ना हो कि ना जाने कब गिर जाएगी, वो कांग्रेस सरकार भारत को नई ऊंचाई दे सकती है?

भाइयों और बहनों,

कांग्रेस पार्टी की एक पहचान रही है- विश्वासघात, विश्वासघात, विश्वासघात। मराठ-वाड़ा की इस धरती को भी कांग्रेस ने एक ही चीज दी है...विश्वासघात, विश्वासघात, विश्वासघात। कांग्रेस 60 साल तक सत्ता में रही, लेकिन किसान के खेत में पानी नहीं पहुंचा पाई। आप मुझे बताइए, मराठ-वाड़ा वॉटर ग्रिड परियोजना को किसने रोका था? ऐसे नहीं चलेगा भाई। आपको जवाब देना पड़ेगा। किसने रोका था। जलयुक्त शिवार योजना को किसने रोका था? जिन्होंने आपका पानी रोका, आप उनको वोट देंगे क्या?

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साथियों,

ये मोदी है। मोदी समस्याएं टालता नहीं, उनसे टकराता है। हर घर पानी पहुंचाना...हर खेत पानी पहुंचाना...ये मोदी का मिशन है। अभी तो मोदी को 10 साल ही हुए हैं। 10 साल में पानी के लिए जितना काम मोदी ने किया है...उतना कांग्रेस अपने 60 साल में नहीं कर पाई। सिर्फ 5 साल में...ध्यान दीजिए...सिर्फ 5 साल में...5 साल में मोदी ने महाराष्ट्र के 75 लाख से ज्यादा घरों को नल कनेक्शन से जोड़ा है। मोदी ने हर खेत तक पानी लाने का भी बीड़ा उठाया हुआ है। यहां महाराष्ट्र में कांग्रेस ने 26 सिंचाई परियोजनाएं दशकों से लटका कर रखी थीं। अब कांग्रेस नेताओं के बंगले में, इंडी अघाड़ी वालों के बंगले में तो पानी आता था। वो आपकी चिंता क्यों करते? इसलिए उन्होंने आपको अपने हाल पर छोड़ दिया था। कांग्रेस ने जिन सिंचाई योजनाओं को दशकों तक अधूरा रहने दिया, उन्हें अब मोदी पूरा कर रहा है। इसके अलावा भी मोदी नई सिंचाई परियोजनाएं शुरू करवा रहा है। यहां हमारे साथी एकनाथ जी, देवेंद्र जी, अजीत दादा के नेतृत्व में इसके लिए बहुत तेजी से काम हो रहा है।

साथियों,

किसानों से विश्वासघात का कांग्रेस का एक और तरीका रहा है। ये तरीका है- झूठे पैकेज देने का। इस पैकेज का लाभ असली किसान तक पहुंचता ही नहीं था। फिर ये पैसा कहां जाता था? ये पैसा कांग्रेस का पंजा छीन लेता था। मोदी ने ये खेल भी बंद कर दिया है। आप सबको पीएम किसान सम्मान निधि के बारे में पता है। इससे 3 लाख करोड़ रुपए देश के किसानों को मिले हैं। यहां धाराशिव के किसानों के खाते में भी 800 करोड़ रुपए NDA सरकार ने भेजे हैं। और आप मुझे बताइए, एक भी पैसे की लूट हुई क्या?

साथियों,

कांग्रेस की सरकार थी, तो किसानों के हिस्से की खाद भी, फर्टिलाइजर भी लुट जाती थी। केमिकल की फैक्टरियों में चली जाती थी। किसानों को यूरिया के लिए लाठियां खानी पड़ती थीं। लेकिन 10 सालों में किसानों को हमने यूरिया की कमी नहीं आने दी। पिछले साल ही हमने खाद पर ढाई लाख करोड़ रुपए की सब्सीडी दी है। यूरिया की जो बोरी 3 हजार रुपए की पड़ती है, वो आपको मोदी 300 रुपए से भी कम कीमत में दे देता है। और मोदी सिर्फ इतने पर ही नहीं रुका है। आपने नैनो यूरिया और नैनो डैप के बारे में भी सुना होगा। हमारे वैज्ञानिक एक बोरी खाद की, एक बोरी यूरिया की ताकत अब एक बोतल में ले लाए हैं। जो काम एक बोरी यूरिया करता है, एक बोतल नैनो यूरिया करता है। ये आपके बहुत काम आने वाली है। साथियों, अब सूखा हो, ओला वृष्टि हो, बारिश हो, हमारे किसानों पर मौसम की तरह-तरह से मार पड़ती रही है। पहले ऐसे किसानों को सौ तरह की मुश्किलें आती थीं। ऐसे किसानों को पीएम फसल बीमा योजना से बड़ी मदद मिली है। उन्हें बहुत मामूली प्रीमियम के बदले डेढ़ लाख करोड़ रुपए का क्लेम मिला है।

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साथियों,

आज कांग्रेस के लोग, अघाड़ी के लोग, किसानों के लिए बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। लेकिन इन्होंने किया क्या, आज जरा मैं इनका कच्चा चिट्ठा भी खोलना चाहता हूं। मैं हमारे सोयाबीन किसानों से कहूंगा कि मेरी बात ध्यान से सुनें। 2014 से पहले 10 सालों में सिर्फ 12 हजार करोड़ रुपए का दलहन-तिलहन, कांग्रेस सरकार ने खरीदा। जबकि बीते 10 सालों में मोदी सरकार ने कितनी खरीद की? हमने करीब सवा लाख करोड़ रुपए दलहन-तिलहन किसानों को MSP के रूप में पहुंचाए हैं। यानि NDA ने दलहन-तिलहन के किसानों को कांग्रेस के मुकाबले 10 गुना ज्यादा पैसा दिया है। और ये तो सिर्फ ट्रेलर है। अब मोदी का मिशन, देश को दलहन और तिलहन में आत्मनिर्भर बनाने का है। आपको पता है ना...दाल और तेल खरीदने के लिए हर साल हमारा देश हज़ारों करोड़ रुपए विदेश भेजते हैं। मोदी ने ठान लिया है कि वो पैसा विदेश नहीं जाएगा मेरे किसानों की जेब में जाएगा। इसलिए हम भारत को आत्मनिर्भर बना रहे हैं।

साथियों,

ये हमारा महाराष्ट्र तो सहकारिता की धरती है। NDA सरकार, खेती में सहकारिता का दायरा बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रही है। बीते 10 साल में 8000 से ज्यादा किसान उत्पाद संघ-FPO बने हैं। हमने एक और बड़ा काम किया है। हमने दुनिया की सबसे बड़ी भंडारण योजना बनाई है। इसके तहत देश में हजारों गोदाम बनाए गए हैं। और इसका जिम्मा भी सहकारी संस्थाओं को दिया है। साथियों, इस क्षेत्र में ज्वार की पैदावार होती है। मोदी ने इस मोटे अनाज यानि मिलेट्स को श्रीअन्न के नाम से पहचान बनाई है। मोदी ने संकल्प लिया है, आपका जो ये श्री अन्न है, उसे दुनिया के कोने-कोने में डायनिंग टेबल पर पहुंचाउंगा। इसका बहुत बड़ा लाभ ये हमारे छोटे किसानों को मिलेगा, जो ज्वार पैदा करते हैं। आपको खुशी होगी भाई जब काम करते हैं तो प्रभाव कैसा होता है। अभी कुछ समय पहले अमेरिका के राष्ट्रपति ने मुझे अमेरिका आने का निमंत्रण दिया। और उनके व्हाइट हाउस में बहुत बड़ा भोज समारोह किया। मैं हिंदुस्तान का पहला प्रधानमंत्री था जिसके लिए इतना बड़ा समारोह हुआ। लेकिन मजा इस बात की है कि अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडन ने उस रात को भोजन में सबके टेबल ये हमारा श्रीअन्न मिलेट्स परोसा था सबको। ये सुपरफूड के रूप में आज दुनिया में जानने लगे हैं लोग।

साथियों,

मोदी दिन-रात काम करता है आपका जीवन बदलने के लिए। आपका जीवन बदलने के लिए दिन रात एक कर देता हूं। ये इंडी अघाड़ी वाले मोदी को बदलने में पूरी ताकत लगा रहे हैं। मैं आपका जीवन बदलना चाहता हूं, वो मुझे बदलना चाहते हैं। जिनके घोटाले मैंने रोके हैं, वो मोदी पर गुस्सा करेंगे, ये बहुत स्वाभाविक है। वो मोदी को गालियां देते फिरंगे, अनगिनत झूठे आरोप लगाएंगे, और आजकल ये दिन-रात मोदी को गाली देने में लगे हैं। देश के लिए क्या करेंगे, उसके लिए कुछ नहीं है। मोदी को मारो, मोदी को पीटो, मोदी को गाली दो। और ये लोग आपको कैसे-कैसे डरा रहे हैं। कभी कहते हैं मोदी आया तो लोकतंत्र चला जाएगा। कभी कहते हैं तो संविधान को खतम कर देगा, आरक्षण छीन लेगा। ऐसा झूठ बोलने की जरूरत क्या पड़ गई भाई आपको। क्या आपके पास सच बोलने के लिए कोई जगह नहीं बची। साथियों, आज पार्लियामेंट हो या असेंबली, एससी-एसटी-ओबीसी सबसे ज्यादा एमएलसी बीजेपी-एनडीए के, सबसे ज्यादा एमएलए बीजेपी-एनडीए के, सबसे ज्यादा एमपी बीजेपी-एनडीए के। अब उनको लगा ये भी चले गए। ये आज इसलिए दलित, आदिवासी, पिछड़े ये हमारा समर्थन इसलिए कर रहे हैं कि हम जीजान से उनके कल्याण के लिए खप रहे हैं। अब इनकी हालत ये है, झूठ नहीं चलता है तो हमारा चेहरा उपयोग करके, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का उपयोग करके उनकी मोहब्बत की दुकान में फेक वीडियो बिकने लगे हैं। ये फेक वीडियो बना रहे हैं, मोदी के भाषण को, मोदी की आवाज का उपयोग करके नई-नई चीजें गढ़ रहे हैं। कांग्रेस पार्टी इतनी कंगालियत पर पहुंच गई है, उसको पराजय का भय इतना सता रहा है। और कांग्रेस वाले लिख लो, आप लाख कोशिश करो, मुझे बताइए भाई, हमारे देश में किसी भी पार्टी को सरकार बनानी है तो 272 से ज्यादा सीटें चाहिए कि नहीं चाहिए। किसी को भी बहुमत चाहिए तो 272 से ज्यादा सीटें चाहिए कि नहीं चाहिए। ये इनका पूरे गठबंधन में एक भी पार्टी नहीं है जो 272 से ज्यादा चुनाव लड़ती हो। जिनका चुनाव में लड़ने के लिए जगह नहीं है, वो देश पे कब्जा जमाने के सपने देख रहे हैं। भाइयों-बहनों,ये झूठ की दुकान वाले, ये जो फेक वीडियो निकाल करके तालियां बजा रहे हैं, ये इनकी दुकानें बंद होनी चाहिए।

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साथियों,

कांग्रेस की एक और चाल से आपको बहुत सावधान रहना है। कांग्रेस की नजर अब आपकी मेहनत की कमाई पर पड़ गई है। आप सबको मालूम है, हमारे देश में हर मां-बाप जीवनभर मेहनत करके कमा करके बचाने का प्रयास करता है। छोटी आय वाला भी मां-बाप होगा न वो भी कुछ बचाने की कोशिश करता है। उसके मन में एक ही बात रहती है कि मरने के बाद संतानों को कुछ देकर के जाना है। अब कांग्रेस पार्टी ने ये मन बना लिया है और उनके फिलॉसफर ने तो घोषणा भी कर दी है कि वो ऐसा कर लगाएंगे, ऐसा टैक्स लगाएंगे कि अब आप जो कमाया हुआ धन है, आपके पास जो स्त्रीधन पड़ा हुआ है, जो मंगलसूत्र पड़ा हुआ है। अब वो आप अपने बच्चों को नहीं दे पाएंगे। आधे से ऊपर ये कांग्रेस की सरकार मार लेगी। बोले एक्स-रे करेंगे। मोदी 4 करोड़ गरीबों को पक्के घर दे चुका है। मोदी ने 3 करोड़ नए घर बनाने की गारंटी दी है। मोदी स्वामित्व योजना से जमीन के कानूनी दस्तावेज़ दे रहा है, ताकि आपकी संतान संपत्ति के झगड़े में न डूबे, परेशानी न हो, उसका मालिक का हक बन जाए। लेकिन कांग्रेस क्या कह रही है? कांग्रेस कह रही है कि वो आपके घर और जमीनों पर छापा मारकर उसका आधा हिस्सा आपसे छीन करके अपने वोटबैंक में बांट देगी। और कांग्रेस के इरादे बहुत खतरनाक हैं। यहां जो रैली में हमारी माताएं-बहनें आई हैं, वो भी सुन लें। कांग्रेस, महिलाओं के गहने और मंगलसूत्र छीनने की तैयारी करके बैठी है। क्या यहां बैठी मेरी माताएं-बहनें ऐसी कांग्रेस को कभी स्वीकार कर सकती है क्या?

भाइयों और बहनों,

कांग्रेस वो पार्टी है, जिसे भारत की विरासत से भी समस्या है। आज 500 साल बाद, अयोध्या में भव्य राम मंदिर बन गया है। आज पूरी दुनिया से राम भक्त अयोध्या जा रहे हैं। लेकिन कांग्रेस ने, नकली शिवसेना और नकली राष्ट्रवादी ने प्रभु राम की प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण भी ठुकरा दिया। ऐसे लोग क्या आपके वोट के हकदार हैं? साथियों, NDA सरकार, भारत की विरासत को पूरी शान से अगली पीढ़ी तक पहुंचाने में जुटी है। यहां, मां तुलजाभवानी के मंदिर के विकास के लिए महायुती की सरकार पूरे भक्ति भाव से काम कर रही है। ये मंदिर संभाजीनगर-सोलापुर हाइवे से जुड़ चुका है। तुलजाभवानी के मंदिर को शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे से भी जोड़ा जाएगा। यहां लातूर से टेंभुणी के बीच भी महामार्ग बनाया जा रहा है। सोलापुर-तुलजापुर-धाराशिव का रेल मार्ग भी जल्दी पूरा हो जाएगा। इससे आपका शहर बहुत बड़ा जंक्शन हो जाएगा।

साथियों,

एक जमाना था, जब धाराशिव से सिर्फ एक ट्रेन चलती थी, आज ये संख्या दो दर्जन तक पहुंच रही है। लातूर की रेल कोच फैक्ट्री हो या फिर टेक्सटाइल पार्क इससे बड़ी संख्या में रोजगार भी पैदा हो रहा है। साथियों, ऐसे हर काम और जल्दी से जल्दी उसके फल आपको मिले, इसके लिए 7 मई को भारी संख्या में बहन अर्चना पाटिल के पक्ष में मतदान करना है। और जब आप बहन अर्चना जी को वोट देंगे न, वो वोट सीधा-सीधा मोदी के खाते में जाएगा। वो वोट मोदी को मजबूती देगा। तो आप ज्यादा से ज्यादा मतदान करेंगे। कितनी भी गर्मी हो, मतदान करेंगे, ज्यादा से ज्यादा बूथ जीतेंगे। भारी बहुमत से जीतेंगे। अच्छा मेरा एक और काम करेंगे। जरा हाथ ऊपर करके बताइए तो मैं बताऊं। मेरा पर्सनल काम है करेंगे। ये चुनाव वाला काम नहीं है, निजी काम है करेंगे। देखिए आप घर-घर जाइएगा और हर घर जाकर कहिएगा कि मोदी जी आए थे, मोदी जी ने आपको नमस्कार भेजा है। मेरा नमस्कार पहुंचा देंगे।

बोलिए भारत माता की। भारत माता की। भारत माता की।

बहुत बहुत धन्यवाद।

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Today, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM Modi in TV9 Summit
March 28, 2025
QuoteToday, the world's eyes are on India: PM
QuoteIndia's youth is rapidly becoming skilled and driving innovation forward: PM
Quote"India First" has become the mantra of India's foreign policy: PM
QuoteToday, India is not just participating in the world order but also contributing to shaping and securing the future: PM
QuoteIndia has given Priority to humanity over monopoly: PM
QuoteToday, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM

श्रीमान रामेश्वर गारु जी, रामू जी, बरुन दास जी, TV9 की पूरी टीम, मैं आपके नेटवर्क के सभी दर्शकों का, यहां उपस्थित सभी महानुभावों का अभिनंदन करता हूं, इस समिट के लिए बधाई देता हूं।

TV9 नेटवर्क का विशाल रीजनल ऑडियंस है। और अब तो TV9 का एक ग्लोबल ऑडियंस भी तैयार हो रहा है। इस समिट में अनेक देशों से इंडियन डायस्पोरा के लोग विशेष तौर पर लाइव जुड़े हुए हैं। कई देशों के लोगों को मैं यहां से देख भी रहा हूं, वे लोग वहां से वेव कर रहे हैं, हो सकता है, मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं। मैं यहां नीचे स्क्रीन पर हिंदुस्तान के अनेक शहरों में बैठे हुए सब दर्शकों को भी उतने ही उत्साह, उमंग से देख रहा हूं, मेरी तरफ से उनका भी स्वागत है।

साथियों,

आज विश्व की दृष्टि भारत पर है, हमारे देश पर है। दुनिया में आप किसी भी देश में जाएं, वहां के लोग भारत को लेकर एक नई जिज्ञासा से भरे हुए हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ कि जो देश 70 साल में ग्यारहवें नंबर की इकोनॉमी बना, वो महज 7-8 साल में पांचवे नंबर की इकोनॉमी बन गया? अभी IMF के नए आंकड़े सामने आए हैं। वो आंकड़े कहते हैं कि भारत, दुनिया की एकमात्र मेजर इकोनॉमी है, जिसने 10 वर्षों में अपने GDP को डबल किया है। बीते दशक में भारत ने दो लाख करोड़ डॉलर, अपनी इकोनॉमी में जोड़े हैं। GDP का डबल होना सिर्फ आंकड़ों का बदलना मात्र नहीं है। इसका impact देखिए, 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, और ये 25 करोड़ लोग एक नियो मिडिल क्लास का हिस्सा बने हैं। ये नियो मिडिल क्लास, एक प्रकार से नई ज़िंदगी शुरु कर रहा है। ये नए सपनों के साथ आगे बढ़ रहा है, हमारी इकोनॉमी में कंट्रीब्यूट कर रहा है, और उसको वाइब्रेंट बना रहा है। आज दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी हमारे भारत में है। ये युवा, तेज़ी से स्किल्ड हो रहा है, इनोवेशन को गति दे रहा है। और इन सबके बीच, भारत की फॉरेन पॉलिसी का मंत्र बन गया है- India First, एक जमाने में भारत की पॉलिसी थी, सबसे समान रूप से दूरी बनाकर चलो, Equi-Distance की पॉलिसी, आज के भारत की पॉलिसी है, सबके समान रूप से करीब होकर चलो, Equi-Closeness की पॉलिसी। दुनिया के देश भारत की ओपिनियन को, भारत के इनोवेशन को, भारत के एफर्ट्स को, जैसा महत्व आज दे रहे हैं, वैसा पहले कभी नहीं हुआ। आज दुनिया की नजर भारत पर है, आज दुनिया जानना चाहती है, What India Thinks Today.

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साथियों,

भारत आज, वर्ल्ड ऑर्डर में सिर्फ पार्टिसिपेट ही नहीं कर रहा, बल्कि फ्यूचर को शेप और सेक्योर करने में योगदान दे रहा है। दुनिया ने ये कोरोना काल में अच्छे से अनुभव किया है। दुनिया को लगता था कि हर भारतीय तक वैक्सीन पहुंचने में ही, कई-कई साल लग जाएंगे। लेकिन भारत ने हर आशंका को गलत साबित किया। हमने अपनी वैक्सीन बनाई, हमने अपने नागरिकों का तेज़ी से वैक्सीनेशन कराया, और दुनिया के 150 से अधिक देशों तक दवाएं और वैक्सीन्स भी पहुंचाईं। आज दुनिया, और जब दुनिया संकट में थी, तब भारत की ये भावना दुनिया के कोने-कोने तक पहुंची कि हमारे संस्कार क्या हैं, हमारा तौर-तरीका क्या है।

साथियों,

अतीत में दुनिया ने देखा है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब भी कोई वैश्विक संगठन बना, उसमें कुछ देशों की ही मोनोपोली रही। भारत ने मोनोपोली नहीं बल्कि मानवता को सर्वोपरि रखा। भारत ने, 21वीं सदी के ग्लोबल इंस्टीट्यूशन्स के गठन का रास्ता बनाया, और हमने ये ध्यान रखा कि सबकी भागीदारी हो, सबका योगदान हो। जैसे प्राकृतिक आपदाओं की चुनौती है। देश कोई भी हो, इन आपदाओं से इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान होता है। आज ही म्यांमार में जो भूकंप आया है, आप टीवी पर देखें तो बहुत बड़ी-बड़ी इमारतें ध्वस्त हो रही हैं, ब्रिज टूट रहे हैं। और इसलिए भारत ने Coalition for Disaster Resilient Infrastructure - CDRI नाम से एक वैश्विक नया संगठन बनाने की पहल की। ये सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयार करने का संकल्प है। भारत का प्रयास है, प्राकृतिक आपदा से, पुल, सड़कें, बिल्डिंग्स, पावर ग्रिड, ऐसा हर इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षित रहे, सुरक्षित निर्माण हो।

साथियों,

भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए हर देश का मिलकर काम करना बहुत जरूरी है। ऐसी ही एक चुनौती है, हमारे एनर्जी रिसोर्सेस की। इसलिए पूरी दुनिया की चिंता करते हुए भारत ने International Solar Alliance (ISA) का समाधान दिया है। ताकि छोटे से छोटा देश भी सस्टेनबल एनर्जी का लाभ उठा सके। इससे क्लाइमेट पर तो पॉजिटिव असर होगा ही, ये ग्लोबल साउथ के देशों की एनर्जी नीड्स को भी सिक्योर करेगा। और आप सबको ये जानकर गर्व होगा कि भारत के इस प्रयास के साथ, आज दुनिया के सौ से अधिक देश जुड़ चुके हैं।

साथियों,

बीते कुछ समय से दुनिया, ग्लोबल ट्रेड में असंतुलन और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी challenges का सामना कर रही है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए भी भारत ने दुनिया के साथ मिलकर नए प्रयास शुरु किए हैं। India–Middle East–Europe Economic Corridor (IMEC), ऐसा ही एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। ये प्रोजेक्ट, कॉमर्स और कनेक्टिविटी के माध्यम से एशिया, यूरोप और मिडिल ईस्ट को जोड़ेगा। इससे आर्थिक संभावनाएं तो बढ़ेंगी ही, दुनिया को अल्टरनेटिव ट्रेड रूट्स भी मिलेंगे। इससे ग्लोबल सप्लाई चेन भी और मजबूत होगी।

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साथियों,

ग्लोबल सिस्टम्स को, अधिक पार्टिसिपेटिव, अधिक डेमोक्रेटिक बनाने के लिए भी भारत ने अनेक कदम उठाए हैं। और यहीं, यहीं पर ही भारत मंडपम में जी-20 समिट हुई थी। उसमें अफ्रीकन यूनियन को जी-20 का परमानेंट मेंबर बनाया गया है। ये बहुत बड़ा ऐतिहासिक कदम था। इसकी मांग लंबे समय से हो रही थी, जो भारत की प्रेसीडेंसी में पूरी हुई। आज ग्लोबल डिसीजन मेकिंग इंस्टीट्यूशन्स में भारत, ग्लोबल साउथ के देशों की आवाज़ बन रहा है। International Yoga Day, WHO का ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के लिए ग्लोबल फ्रेमवर्क, ऐसे कितने ही क्षेत्रों में भारत के प्रयासों ने नए वर्ल्ड ऑर्डर में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है, और ये तो अभी शुरूआत है, ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भारत का सामर्थ्य नई ऊंचाई की तरफ बढ़ रहा है।

साथियों,

21वीं सदी के 25 साल बीत चुके हैं। इन 25 सालों में 11 साल हमारी सरकार ने देश की सेवा की है। और जब हम What India Thinks Today उससे जुड़ा सवाल उठाते हैं, तो हमें ये भी देखना होगा कि Past में क्या सवाल थे, क्या जवाब थे। इससे TV9 के विशाल दर्शक समूह को भी अंदाजा होगा कि कैसे हम, निर्भरता से आत्मनिर्भरता तक, Aspirations से Achievement तक, Desperation से Development तक पहुंचे हैं। आप याद करिए, एक दशक पहले, गांव में जब टॉयलेट का सवाल आता था, तो माताओं-बहनों के पास रात ढलने के बाद और भोर होने से पहले का ही जवाब होता था। आज उसी सवाल का जवाब स्वच्छ भारत मिशन से मिलता है। 2013 में जब कोई इलाज की बात करता था, तो महंगे इलाज की चर्चा होती थी। आज उसी सवाल का समाधान आयुष्मान भारत में नजर आता है। 2013 में किसी गरीब की रसोई की बात होती थी, तो धुएं की तस्वीर सामने आती थी। आज उसी समस्या का समाधान उज्ज्वला योजना में दिखता है। 2013 में महिलाओं से बैंक खाते के बारे में पूछा जाता था, तो वो चुप्पी साध लेती थीं। आज जनधन योजना के कारण, 30 करोड़ से ज्यादा बहनों का अपना बैंक अकाउंट है। 2013 में पीने के पानी के लिए कुएं और तालाबों तक जाने की मजबूरी थी। आज उसी मजबूरी का हल हर घर नल से जल योजना में मिल रहा है। यानि सिर्फ दशक नहीं बदला, बल्कि लोगों की ज़िंदगी बदली है। और दुनिया भी इस बात को नोट कर रही है, भारत के डेवलपमेंट मॉडल को स्वीकार रही है। आज भारत सिर्फ Nation of Dreams नहीं, बल्कि Nation That Delivers भी है।

साथियों,

जब कोई देश, अपने नागरिकों की सुविधा और समय को महत्व देता है, तब उस देश का समय भी बदलता है। यही आज हम भारत में अनुभव कर रहे हैं। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। पहले पासपोर्ट बनवाना कितना बड़ा काम था, ये आप जानते हैं। लंबी वेटिंग, बहुत सारे कॉम्प्लेक्स डॉक्यूमेंटेशन का प्रोसेस, अक्सर राज्यों की राजधानी में ही पासपोर्ट केंद्र होते थे, छोटे शहरों के लोगों को पासपोर्ट बनवाना होता था, तो वो एक-दो दिन कहीं ठहरने का इंतजाम करके चलते थे, अब वो हालात पूरी तरह बदल गया है, एक आंकड़े पर आप ध्यान दीजिए, पहले देश में सिर्फ 77 पासपोर्ट सेवा केंद्र थे, आज इनकी संख्या 550 से ज्यादा हो गई है। पहले पासपोर्ट बनवाने में, और मैं 2013 के पहले की बात कर रहा हूं, मैं पिछले शताब्दी की बात नहीं कर रहा हूं, पासपोर्ट बनवाने में जो वेटिंग टाइम 50 दिन तक होता था, वो अब 5-6 दिन तक सिमट गया है।

साथियों,

ऐसा ही ट्रांसफॉर्मेशन हमने बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में भी देखा है। हमारे देश में 50-60 साल पहले बैंकों का नेशनलाइजेशन किया गया, ये कहकर कि इससे लोगों को बैंकिंग सुविधा सुलभ होगी। इस दावे की सच्चाई हम जानते हैं। हालत ये थी कि लाखों गांवों में बैंकिंग की कोई सुविधा ही नहीं थी। हमने इस स्थिति को भी बदला है। ऑनलाइन बैंकिंग तो हर घर में पहुंचाई है, आज देश के हर 5 किलोमीटर के दायरे में कोई न कोई बैंकिंग टच प्वाइंट जरूर है। और हमने सिर्फ बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का ही दायरा नहीं बढ़ाया, बल्कि बैंकिंग सिस्टम को भी मजबूत किया। आज बैंकों का NPA बहुत कम हो गया है। आज बैंकों का प्रॉफिट, एक लाख 40 हज़ार करोड़ रुपए के नए रिकॉर्ड को पार कर चुका है। और इतना ही नहीं, जिन लोगों ने जनता को लूटा है, उनको भी अब लूटा हुआ धन लौटाना पड़ रहा है। जिस ED को दिन-रात गालियां दी जा रही है, ED ने 22 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक वसूले हैं। ये पैसा, कानूनी तरीके से उन पीड़ितों तक वापिस पहुंचाया जा रहा है, जिनसे ये पैसा लूटा गया था।

साथियों,

Efficiency से गवर्नमेंट Effective होती है। कम समय में ज्यादा काम हो, कम रिसोर्सेज़ में अधिक काम हो, फिजूलखर्ची ना हो, रेड टेप के बजाय रेड कार्पेट पर बल हो, जब कोई सरकार ये करती है, तो समझिए कि वो देश के संसाधनों को रिस्पेक्ट दे रही है। और पिछले 11 साल से ये हमारी सरकार की बड़ी प्राथमिकता रहा है। मैं कुछ उदाहरणों के साथ अपनी बात बताऊंगा।

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साथियों,

अतीत में हमने देखा है कि सरकारें कैसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिनिस्ट्रीज में accommodate करने की कोशिश करती थीं। लेकिन हमारी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही कई मंत्रालयों का विलय कर दिया। आप सोचिए, Urban Development अलग मंत्रालय था और Housing and Urban Poverty Alleviation अलग मंत्रालय था, हमने दोनों को मर्ज करके Housing and Urban Affairs मंत्रालय बना दिया। इसी तरह, मिनिस्ट्री ऑफ ओवरसीज़ अफेयर्स अलग था, विदेश मंत्रालय अलग था, हमने इन दोनों को भी एक साथ जोड़ दिया, पहले जल संसाधन, नदी विकास मंत्रालय अलग था, और पेयजल मंत्रालय अलग था, हमने इन्हें भी जोड़कर जलशक्ति मंत्रालय बना दिया। हमने राजनीतिक मजबूरी के बजाय, देश की priorities और देश के resources को आगे रखा।

साथियों,

हमारी सरकार ने रूल्स और रेगुलेशन्स को भी कम किया, उन्हें आसान बनाया। करीब 1500 ऐसे कानून थे, जो समय के साथ अपना महत्व खो चुके थे। उनको हमारी सरकार ने खत्म किया। करीब 40 हज़ार, compliances को हटाया गया। ऐसे कदमों से दो फायदे हुए, एक तो जनता को harassment से मुक्ति मिली, और दूसरा, सरकारी मशीनरी की एनर्जी भी बची। एक और Example GST का है। 30 से ज्यादा टैक्सेज़ को मिलाकर एक टैक्स बना दिया गया है। इसको process के, documentation के हिसाब से देखें तो कितनी बड़ी बचत हुई है।

साथियों,

सरकारी खरीद में पहले कितनी फिजूलखर्ची होती थी, कितना करप्शन होता था, ये मीडिया के आप लोग आए दिन रिपोर्ट करते थे। हमने, GeM यानि गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म बनाया। अब सरकारी डिपार्टमेंट, इस प्लेटफॉर्म पर अपनी जरूरतें बताते हैं, इसी पर वेंडर बोली लगाते हैं और फिर ऑर्डर दिया जाता है। इसके कारण, भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम हुई है, और सरकार को एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की बचत भी हुई है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर- DBT की जो व्यवस्था भारत ने बनाई है, उसकी तो दुनिया में चर्चा है। DBT की वजह से टैक्स पेयर्स के 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा, गलत हाथों में जाने से बचे हैं। 10 करोड़ से ज्यादा फर्ज़ी लाभार्थी, जिनका जन्म भी नहीं हुआ था, जो सरकारी योजनाओं का फायदा ले रहे थे, ऐसे फर्जी नामों को भी हमने कागजों से हटाया है।

साथियों,

 

हमारी सरकार टैक्स की पाई-पाई का ईमानदारी से उपयोग करती है, और टैक्सपेयर का भी सम्मान करती है, सरकार ने टैक्स सिस्टम को टैक्सपेयर फ्रेंडली बनाया है। आज ITR फाइलिंग का प्रोसेस पहले से कहीं ज्यादा सरल और तेज़ है। पहले सीए की मदद के बिना, ITR फाइल करना मुश्किल होता था। आज आप कुछ ही समय के भीतर खुद ही ऑनलाइन ITR फाइल कर पा रहे हैं। और रिटर्न फाइल करने के कुछ ही दिनों में रिफंड आपके अकाउंट में भी आ जाता है। फेसलेस असेसमेंट स्कीम भी टैक्सपेयर्स को परेशानियों से बचा रही है। गवर्नेंस में efficiency से जुड़े ऐसे अनेक रिफॉर्म्स ने दुनिया को एक नया गवर्नेंस मॉडल दिया है।

साथियों,

पिछले 10-11 साल में भारत हर सेक्टर में बदला है, हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है। और एक बड़ा बदलाव सोच का आया है। आज़ादी के बाद के अनेक दशकों तक, भारत में ऐसी सोच को बढ़ावा दिया गया, जिसमें सिर्फ विदेशी को ही बेहतर माना गया। दुकान में भी कुछ खरीदने जाओ, तो दुकानदार के पहले बोल यही होते थे – भाई साहब लीजिए ना, ये तो इंपोर्टेड है ! आज स्थिति बदल गई है। आज लोग सामने से पूछते हैं- भाई, मेड इन इंडिया है या नहीं है?

साथियों,

आज हम भारत की मैन्युफैक्चरिंग एक्सीलेंस का एक नया रूप देख रहे हैं। अभी 3-4 दिन पहले ही एक न्यूज आई है कि भारत ने अपनी पहली MRI मशीन बना ली है। अब सोचिए, इतने दशकों तक हमारे यहां स्वदेशी MRI मशीन ही नहीं थी। अब मेड इन इंडिया MRI मशीन होगी तो जांच की कीमत भी बहुत कम हो जाएगी।

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साथियों,

आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियान ने, देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को एक नई ऊर्जा दी है। पहले दुनिया भारत को ग्लोबल मार्केट कहती थी, आज वही दुनिया, भारत को एक बड़े Manufacturing Hub के रूप में देख रही है। ये सक्सेस कितनी बड़ी है, इसके उदाहरण आपको हर सेक्टर में मिलेंगे। जैसे हमारी मोबाइल फोन इंडस्ट्री है। 2014-15 में हमारा एक्सपोर्ट, वन बिलियन डॉलर तक भी नहीं था। लेकिन एक दशक में, हम ट्वेंटी बिलियन डॉलर के फिगर से भी आगे निकल चुके हैं। आज भारत ग्लोबल टेलिकॉम और नेटवर्किंग इंडस्ट्री का एक पावर सेंटर बनता जा रहा है। Automotive Sector की Success से भी आप अच्छी तरह परिचित हैं। इससे जुड़े Components के एक्सपोर्ट में भी भारत एक नई पहचान बना रहा है। पहले हम बहुत बड़ी मात्रा में मोटर-साइकल पार्ट्स इंपोर्ट करते थे। लेकिन आज भारत में बने पार्ट्स UAE और जर्मनी जैसे अनेक देशों तक पहुंच रहे हैं। सोलर एनर्जी सेक्टर ने भी सफलता के नए आयाम गढ़े हैं। हमारे सोलर सेल्स, सोलर मॉड्यूल का इंपोर्ट कम हो रहा है और एक्सपोर्ट्स 23 गुना तक बढ़ गए हैं। बीते एक दशक में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट भी 21 गुना बढ़ा है। ये सारी अचीवमेंट्स, देश की मैन्युफैक्चरिंग इकोनॉमी की ताकत को दिखाती है। ये दिखाती है कि भारत में कैसे हर सेक्टर में नई जॉब्स भी क्रिएट हो रही हैं।

साथियों,

TV9 की इस समिट में, विस्तार से चर्चा होगी, अनेक विषयों पर मंथन होगा। आज हम जो भी सोचेंगे, जिस भी विजन पर आगे बढ़ेंगे, वो हमारे आने वाले कल को, देश के भविष्य को डिजाइन करेगा। पिछली शताब्दी के इसी दशक में, भारत ने एक नई ऊर्जा के साथ आजादी के लिए नई यात्रा शुरू की थी। और हमने 1947 में आजादी हासिल करके भी दिखाई। अब इस दशक में हम विकसित भारत के लक्ष्य के लिए चल रहे हैं। और हमें 2047 तक विकसित भारत का सपना जरूर पूरा करना है। और जैसा मैंने लाल किले से कहा है, इसमें सबका प्रयास आवश्यक है। इस समिट का आयोजन कर, TV9 ने भी अपनी तरफ से एक positive initiative लिया है। एक बार फिर आप सभी को इस समिट की सफलता के लिए मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं हैं।

मैं TV9 को विशेष रूप से बधाई दूंगा, क्योंकि पहले भी मीडिया हाउस समिट करते रहे हैं, लेकिन ज्यादातर एक छोटे से फाइव स्टार होटल के कमरे में, वो समिट होती थी और बोलने वाले भी वही, सुनने वाले भी वही, कमरा भी वही। TV9 ने इस परंपरा को तोड़ा और ये जो मॉडल प्लेस किया है, 2 साल के भीतर-भीतर देख लेना, सभी मीडिया हाउस को यही करना पड़ेगा। यानी TV9 Thinks Today वो बाकियों के लिए रास्ता खोल देगा। मैं इस प्रयास के लिए बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, आपकी पूरी टीम को, और सबसे बड़ी खुशी की बात है कि आपने इस इवेंट को एक मीडिया हाउस की भलाई के लिए नहीं, देश की भलाई के लिए आपने उसकी रचना की। 50,000 से ज्यादा नौजवानों के साथ एक मिशन मोड में बातचीत करना, उनको जोड़ना, उनको मिशन के साथ जोड़ना और उसमें से जो बच्चे सिलेक्ट होकर के आए, उनकी आगे की ट्रेनिंग की चिंता करना, ये अपने आप में बहुत अद्भुत काम है। मैं आपको बहुत बधाई देता हूं। जिन नौजवानों से मुझे यहां फोटो निकलवाने का मौका मिला है, मुझे भी खुशी हुई कि देश के होनहार लोगों के साथ, मैं अपनी फोटो निकलवा पाया। मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं दोस्तों कि आपके साथ मेरी फोटो आज निकली है। और मुझे पक्का विश्वास है कि सारी युवा पीढ़ी, जो मुझे दिख रही है, 2047 में जब देश विकसित भारत बनेगा, सबसे ज्यादा बेनिफिशियरी आप लोग हैं, क्योंकि आप उम्र के उस पड़ाव पर होंगे, जब भारत विकसित होगा, आपके लिए मौज ही मौज है। आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद।