TMC's narrative against the CAA has been fuelled by appeasement politics: PM Modi in Barasat
The Calcutta High Court's verdict has unmasked TMC's deception towards the OBCs in Bengal: PM Modi
Bengal was first looted by Congress and then Left. Now, TMC is looting it with both hands: PM Modi in Barasat

नमस्कार !

केमन आछेन बारासात बासी, बशीरहाट बासी? आपनादेर सकोलके आमार बिनम्रो श्रध्या, प्रणाम आर भालोबासा ! सबसे पहले तो मैं मां काली को प्रणाम करता हूं, उनके आशीर्वाद से हम सबने मिलकर साइक्लोन का मुकाबला किया है। साइक्लोन पर लगातार भारत सरकार की नजर थी। मैं भी लगातार संपर्क में था। हमारी NDRF और दूसरी टीमों ने अच्छा काम किया है। केंद्र सरकार हर प्रकार से, हर संभव मदद राज्य सरकार को दे रही है।

भाइयों और बहनों,

आज भारत विकसित होने के रास्ते पर चल पड़ा है। इस विकास का सबसे मज़बूत पिलर हमारा पूर्वी भारत है। पिछले 10 साल में बीजेपी सरकार ने जितना पूर्वी भारत पर खर्च किया है, उतना पिछले 60-70 साल में नहीं हुआ था। (जरा एसपीजी और कैमरामैन ये कुछ बच्चे बहुत बढ़िया-बढ़िया तस्वीर बनाकर लाए हैं। इधर भी एक बेटी कब से खड़ी है जरा ले लीजिए। आपने एड्रेस लिखा है पीछे, अपना नाम एड्रेस लिख देना, मैं आपको जरूर चिट्ठी भेजूंगा। भारत माता की, भारत माता की, जय श्री राम, जय श्री राम।) आप देखते हैं जब से आपने मुझे सेवा करने का मौका दिया हमने रेलवे, एक्सप्रेसवे, वॉटरवे, एयरपोर्ट, हर तरह से पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए काम किया है। कनेक्टिविटी और इंफ्रास्ट्रक्चर पर ये निवेश, पूर्वी भारत में रोजगार और स्वरोजगार के भी नए मौके बना रहा है।

साथियों,

यहां पश्चिम बंगाल के एक हिस्से में कोयला और दूसरी खनिज संपदा है। तो दूसरी तरफ एक बड़ी कोस्टल - लाइन है। यहां डायमंड हार्बर जैसा ट्रेडिंग सेंटर है। आजादी के पहले एक समय वो भी था जब बंगाल लाखों देशवासियों को रोजगार देता था। आज बंगाल में ज्यादातर फैक्ट्रियां बंद हैं। यहां से नौजवान पलायन करने के लिए मजबूर हैं। मैं जरा आपसे पूछना चाहता हूं। ये बंगाल की दुर्दशा हुई है। बंगाल की बर्बादी हुई है। ये हाल किसने किया? मैं आपसे जानना चाहता हूं यह बर्बादी कौन लाया? यहां पर पहले बंगाल को कांग्रेस ने लूटा, फिर लेफ्ट ने लूटा और अब टीएमसी दोनों हाथों से लूट रही है। कांग्रेस, CPM और TMC तीनों ही पश्चिम बंगाल की गुनहगार हैं। लोग यह भी जानते हैं कि सीपीएम को दिया हर वोट ये टीएमसी के खाते में जाएगा। ये पर्दे के पीछे टीएमसी और लेफ्ट वो एक ही सिक्के की दो बाजू है और यहां के मुख्यमंत्री ने घोषणा भी कर दी है वो दिल्ली में इनका सहयोग करेगी। इसलिए अब बंगाल पर्दे के पीछे चलने वाले सारे खेल समझ चुका है। और इसलिए पश्चिम बंगाल हर कोने से एक ही आवाज आ रही है। फिर एक बार, फिर एक बार, फिर एक बार, आबार एकबार, मोदी शोरकार।

भाइयों और बहनों,

10 साल पहले जब आपने मुझे अवसर दिया था तो मैंने गारंटी दी थी- ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा। याद है न। मैंने केंद्रीय स्तर पर 10 साल में एक भी घोटाला नहीं होने दिया। अब मोदी देश को एक और बड़ी गारंटी दे रहा है। पहले मैंने गारंटी दी थी ना खाऊंगा ना खाने दूंगा। अब मेरी गारंटी है जिसने खाया है उससे बाहर निकालूंगा और जिसका खाया है उसको मैं लौटाउंगा। ये मोदी की गारंटी है। TMC के नेताओं के पास से नोटों के जो ये पहाड़ निकले हैं, एक-एक रुपये का हिसाब होगा। जिसका लूटा है उसको ये वापस कैसे मिले इसके मैं लिए कानूनी रास्ते बना रहा हूं। जो लोगों से लूटा गया था, अब तब लगभग 17 हजार करोड़ रुपए मैं लौटा चुका हूं। बंगाल में भी आपका लूटा हुआ धन, आपको वापस मिले, मैं उसके लिए पूरी कोशिश कर रहा हूं। इंडी वाले गरीब और मध्यम वर्ग की कमाई का एक्स-रे करने की बात करते हैं। अब मोदी इन भ्रष्टाचारियों की, काले धन की, गंदी कमाई की अब मैं उसका एक्स-रे निकालूंगा। ऐसा एक्स-रे कि इनकी आने वाली पीढ़ियां भी भ्रष्टाचार करने से पहले 100 बार सोचेंगी।

साथियों,

आपका ये प्यार, आपका ये उत्साह, आपका ये आशीर्वाद मेरी जिंदगी की बहुत बड़ी ऊर्जा है। मैं देख रहा हूं यहां आपके पास खड़े रहने की जगह नहीं है। बारिश के कारण तकलीफ हुई कल और आज इतना बड़ा कार्यक्रम कर रहे हैं आप। लोग छत पर खड़े हैं और अभी मैं हेलीपैड से आया साढ़े किलोमीटर दोनों तरफ ऐसी ही भीड़ थी। यानी ये प्यार, ये उत्साह, आपका यह कर्ज है ना वो बंगाल का विकास करके कर्ज चुकाऊंगा।

भाइयों और बहनों,

TMC और इंडी गठबंधन को आपके विकास से कोई मतलब नहीं है। इनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता है- अपने वोटबैंक का तुष्टिकरण। देश में संविधान-संविधान, तानाशाही-तानाशाही चिल्लाने वालों की जो जमात है न वो पश्चिम बंगाल में क्या हो रहा है, ज़रा यहां आकर देखे, आपकी बोलती बंद हो जाएगी। बंगाल में TMC ने OBC को जो धोखा दिया, उसकी कलई कोर्ट ने खोल दी है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा है कि 77 मुसलमान जातियों को ओबीसी घोषित करना ये गैरकानूनी है, असंवैधानिक है, संविधान के खिलाफ है। यानि TMC ने लाखों OBC नौजवानों का जो हक मिला था उनको। संविधान ने दिया था। बाबा साहेब अंबेडकर ने दिया था। देश की पार्लियामेंट ने दिया था। वो OBC का जो हक था, रातों-रात ये वोट जिहाद वालों को मदद करने के लिए इन्होंने लूट लिया है। और आप देख रहे हैं कि कोर्ट के इस फैसले के बाद TMC की सीएम का क्या रवैया है। मैं तो हैरान हूं, यहां जजों की नीयत पर सवाल उठाए जा रहे हैं। हमारी न्याय व्यवस्था पर सवाल उठाए जा रहे हैं। हमारी न्यायपालिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं। मैं TMC से पूछना चाहता हूं, अब क्या जजों के पीछे भी अपने गुंडे छोड़ दोगे क्या? पूरा देश देख रहा है कि कैसे TMC बंगाल में न्यायपालिका का गला घोंट रही है।

साथियों,

TMC से सच बर्दाश्त नहीं होता। जो कोई भी TMC के गुनाह सामने लाता है, TMC उनको टारगेट करती है। आपने भी देखा है कि TMC के MLA ने साफ-साफ कहा कि हिंदुओं को भगीरथी में बहा देंगे। इस पर बंगाल के संतों ने TMC को रिक्वेस्ट की कि जरा आप अपनी गलती सुधार लीजिए। और बड़ी नम्रता से रिक्वेस्ट की। लेकिन TMC ने हमारे संत समाज को ही दनादन गालियां देनी शुरु कर दी। इस्कॉन, रामकृष्ण मिशन, भारत सेवाश्रम संघ ये ऐसी महान संस्थाएं है, दुनिया में उनकी प्रतिष्ठा है, उनके संतों को अपमानित करना। भाइयों-बहनों, ये सब अपने वोटबैंक को खुश करने के लिए, वोट जिहाद को आगे बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। यहां संदेशखाली की बहनों ने इंसाफ मांगा तो TMC ने उनको ही टारगेट किया। बशीरहाट से उम्मीदवार हमारी बहन रेखा पात्रा अभी यहां मंच पर ही हैं। और क्या बढ़िया भाषण किया उन्होंने। ये मीडिया वालों का ध्यान गया कि नहीं ये मुझे मालूम नहीं। TMC के पास एक नेता ऐसा नहीं होगा जो बहन रेखा पात्रा जी जैसा भाषण कर सके। देश देख रहा है कि कैसे एक गरीब की बेटी को बीजेपी ने देश की संसद में सम्मानपूर्वक पहुंचाने के लिए इतना बड़ा कदम उठाया है। और मुझे विश्वास है ये एक पवित्र कार्य है, ये नारी शक्ति के सम्मान की लड़ाई लड़ रही है। अगर रेखा पात्रा ताकतवर होगी तो हिंदुस्तान की महिलाओं की आवाज वो हिंदुस्तान की संसद में उठाएगी। मैं उनके साहस की, उनकी हिम्मत की सराहना करूंगा। वो टीएमसी की इतनी बड़ी सत्ता से टकरा रही है। वो खुद मां दुर्गा की सच्ची पुजारी लगती है। बंगाल में शाहजहां शेख जैसे अत्याचारियों का हौसला और ऐसे एक दो नहीं हैं, हर गली मोहल्ले में ऐसे लोग बैठे हैं। इनका हौसला ना बढ़े इसलिए बहन रेखा पात्रा को जिताना बहुत जरूरी है।

साथियों,

मां-माटी-मानुष की बात कहने वाली TMC ने मां को भय दिया है, माटी का अपमान किया है। यहां तक कि महिला MLA जो TMC के अंदर गुंडागर्दी के खिलाफ बोलती हैं, उनको भी टारगेट किया जा रहा है। मैं पश्चिमी मेदिनीपुर में केशपुर की माताओं-बहनों का वीडियो देख रहा था। वो भी TMC के गुंडों से बचाने की गुहार लगा रही हैं। ऐसी TMC को अपने वोट की ताकत से सजा देना बहुत जरूरी है।

साथियों,

तुष्टिकरण की राजनीति के कारण, appeasement की पॉलिटिक्स के कारण TMC ने CAA के खिलाफ भी झूठ फैलाया है। CAA के खिलाफ झूठ फैलाने से पहले CAA को रोकने की कोशिश की। मोदी डरा नहीं, मोदी झुका नहीं, मोदी ने कहा मैं सही समय देख कर के ले आऊंगा। मैं लाया। अब उनको हाथ पैर पछाड़ रहे। पहले कहते थे लागू नहीं करूंगी, लागू हो गया। यहां के लोगों को नागरिकता मिलने लगी अब वो झूठ फैला रही है, भ्रम फैला रही है लेकिन आज पूरा देश देख रहा है कि सैकड़ों शरणार्थियों को नागरिकता मिल चुकी है। किसी से कुछ नहीं छीना गया, बल्कि उन्हें नागरिकता देकर के मां भारती के बेटे के रूप में, बेटी के रूप में सम्मान दिया है। इसलिए, मतुआ साथियों को भी मैं आज यहां आया हूं तो बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आपको अब भारत की नागरिकता से दुनिया की कोई ताकत रोक नहीं सकती है। और मोदी काम शुरू कर चुका है, नागरिकता देना चल रहा है और कुछ ही महीनों काम पूरा भी हो जाएगा। ये नागरिकता देश का संविधान, हमारा constitution दे रहा है। और मैं आपको एक और गारंटी दूंगा। TMC तो क्या, दुनिया की कोई भी ताकत मोदी के इस संकल्प को ना हिला सकती है ना डुला सकती है। और ना ही कोई रोक सकता है।

भाइयों और बहनों,

विशेष रूप से हमारी माताओं-बहनों को सशक्त करना मोदी की प्राथमिकता है। तभी तो मोदी आज पक्का घर दे रहा है और वो भी महिलाओं के नाम पक्का घर दे रहा है। और मोदी सिर्फ चार दीवारें ही नहीं देता, जब घर देता है तो घर में टॉयलेट, बिजली, सस्ता सिलेंडर, नल और नल से जल, मुफ्त अनाज, मुफ्त इलाज क्या कुछ नहीं है। जिंदगी जीने के लिए सब कुछ है। इससे हमारी नारीशक्ति को बहुत मदद मिली है। अब तो माताओं-बहनों को चावल की चिंता भी नहीं करनी पड़ती। मोदी आने वाले 5 साल तक मुफ्त चावल देता रहेगा।

साथियों,

अब मोदी ने एक और गारंटी दी है। ये गारंटी, आपका बिजली का बिल ज़ीरो करने की है। मैं पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना शुरु कर चुका हूं। इसमें एप्लाई करने वाले परिवार को छत पर सोलर पैनल लगाने के लिए, मोदी सरकार 75 हज़ार रुपए देगी। इससे मुफ्त बिजली भी मिलेगी और ज्यादा बिजली होगी तो सरकार उसको खरीदेगी, उसकी कमाई भी होगी।

साथियों,
मोदी, हर आयु के लोगों की चिंता कर रहा है। आज हमारे देश में करीब 6 करोड़ लोग ऐसे हैं जिनकी आयु 70 साल से ऊपर की है। ऐसे अनेकों बुजुर्ग यहां बंगाल में भी हैं। मोदी ने तय किया है कि ऐसे सभी साथियों को 5 लाख रुपए तक मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी। लेकिन TMC की सरकार यहां आयुष्मान योजना लागू नहीं होने दे रही है। बीजेपी को मिला आपका हर वोट TMC पर इस योजना से जुड़ने का दबाव डालेगा।

साथियों,

देश ने दिल्ली में मोदी सरकार बनाना पक्का कर लिया है। इसलिए 1 जून को बारासात सहित हर सीट पर कमल ही खिलना चाहिए। खिलेगा? घर-घर जाएंगे? मतदान कराएंगे? बारासात से हमारे साथी स्वपन मजूमदार जी को भारी वोटों से जिताकर दिल्ली भेजना है। बशीरहाट से बहादुर बेटी रेखा पात्रा जी को भी आपको ज्यादा से ज्यादा वोटों से जिताना है। इनको मिला हर वोट, कमल के निशान पर बटन दबाएंगे ना तो वह कमल सीधा सधा दिल्ली में मोदी के खाते में जमा हो जाएगा। और इसलिए मोदी को मजबूत करने के लिए इन दोनों को विजयी बनाइए। आप एक मेरा काम करेंगे? आप लोग मेरा एक काम करेंगे? जरा हाथ ऊपर करके बताइए करेंगे? पक्का करेंगे? अच्छा घर-घर गांव-गांव जाइएगा और वहां जो भी देवस्थान हो, तीर्थ स्थान हो, पूजा स्थान हो मोदी की तरफ से वहां जाकर के मथ्था टेकना। और परमात्मा से आशीर्वाद मांगना कि मोदी जी की तरफ से मैं मथ्था टेक रहा हूं या टेक रही हूं और ईश्वर से आशीर्वाद मांगिए, मोदी के लिए नहीं, मोदी के परिवार के लिए नहीं, हमारे भारत को विकसित भारत बनाने के लिए आशीर्वाद मांगिए। जाएंगे आप लोग घर-घर गांव-गांव जाएंगे।

बोलिए भारत माता की। भारत माता की। बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!